लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में जैसे-जैसे चुनावी जंग तेज होती जा रही है, गया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र एक युद्ध के मैदान के रूप में उभरता है, जहां राजनीतिक विरासतें टकराती हैं, जिससे एक दिलचस्प चुनावी मुकाबले के लिए मंच तैयार होता है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इससे पहले तीन बार गया से चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। हालाँकि, उनकी चुनावी यात्रा एक और चुनौती के लिए तैयार है, क्योंकि उनका मुकाबला RJD उम्मीदवार और स्थानीय पसंदीदा कुमार सर्वजीत से है। मांझी की उम्मीदवारी का मुकाबला महागठबंधन सरकार में पूर्व मंत्री और बोधगया निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा विधायक कुमार सर्वजीत से है। बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में गया सीट का महत्वपूर्ण महत्व है।
ऐतिहासिक संदर्भ
गया की सीट ने पिछले चुनावों में लगातार एनडीए का पक्ष लिया है, जिससे मांझी की चुनावी लड़ाई का महत्व बढ़ गया है। हालाँकि, इस सीट पर मांझी का ट्रैक रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है, जिन्हें पिछले तीनों प्रयासों में हार का सामना करना पड़ा है।
राजनीतिक महत्व
मांझी को भाजपा, जद (यू) लोजपा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का पूरा समर्थन मिला, जिससे उनके चुनावी अभियान को बल मिला। हालांकि, राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के समर्थन से कुमार सर्वजीत के सामने एक बड़ी चुनौती है।
स्थानीय संपर्क
गया निर्वाचन क्षेत्र दशकों से मांझी की राजनीतिक विरासत से जुड़ा हुआ है, जबकि कुमार सर्वजीत की उम्मीदवारी इस क्षेत्र में एक नए गतिशील, संभावित रूप से चुनावी समीकरणों को नया रूप देती है।
बिहार में चुनावी गतिशीलता
गया निर्वाचन क्षेत्र मांझी के लिए प्रतीकात्मक महत्व रखता है, जिनकी चुनावी यात्रा 1991 की है, जब उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और दूसरा स्थान हासिल किया। अतीत में चुनाव लड़ने के बावजूद, गया में मांझी की चुनावी किस्मत मायावी रही है, 2019 में महागठबंधन के साथ उनके हालिया गठबंधन ने दूसरा स्थान हासिल किया।
पहले चरण का मतदान
गया में तीन अन्य लोकसभा सीटों के साथ पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक मांझी की मौजूदगी इस क्षेत्र में मतदान शुरू होने के साथ ही चुनावी साज़िश को और बढ़ा देती है