Sunday, September 22

Rajasthan

Rajasthan के पाली में बल्लालेश्वर गणपति मंदिर एक प्राचीन सिद्ध पीठ है। यह मंदिर रेलवे स्टेशन  मार्ग पर लोर्डिया तालाब के पास नागा बाबा बगेची में स्थित है।यह स्थान भगवान गणेश के एक प्रसिद्ध भक्त बल्लाल के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि भगवान गणेश ने यहां अपने भक्त की कठोर मेहनत से खुश होकर प्रकट हुए थे।

बल्लालेश्वर गणपति मंदिर के बारे में जानकारी

मंदिर का इतिहास स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसे सदियों पुराना माना जाता है। पुराणों में बल्लालेश्वर गणपति मंदिर का भी उल्लेख है। प्राचीन काल में पाली शहर से गुजरने वाले सिंध प्रांत जाने वाले मार्ग पर यह मंदिर था। इसलिए इस मंदिर को सिद्ध पीठ के रूप में मान्यता मिली है।

विशेष बल्लालेश्वर गणपति मंदिर की प्रतिमा

मंदिर में खड़े गणेशजी की मूर्ति पर नाग लिपटा हुआ है और उनकी कमर पर सिंदूर का लेप है। मूर्ति के मस्तक पर पांच नागों का मुकुट है, जो इसे अन्य गणेश प्रतिमाओं से अलग बनाता है यहां यह मूर्ति सच्ची भक्ति का प्रतीक है। मंदिर बनाते समय पुरानी प्रतिमा को हटाया बिना ही कार्य किया गया।

कौन थे बल्लाल?

बल्लाल नामक गणेश भक्त ने कठोर तपस्या और भक्ति से भगवान को प्रसन्न किया। यहाँ बल्लाल की भक्ति के कारण भगवान गणेश स्वयं प्रकट हुए, उन्हें बल्लालेश्वर नाम से पूजा जाने लगा। मंदिर की विशिष्ट मान्यता इसी से जुड़ी हुई है कि यह पौराणिक कथा आज भी श्रद्धालुओं को प्रेरित करती है।

2017 में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ

2017 में मंदिर को फिर से बनाया गया था। नया मंदिर पुराने मंदिर के पास बनाया गया था, जहां शिव परिवार और मां अंबे की मूर्तियां रखी गईं। नए मंदिर में भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की पुरानी प्रतिमा है।

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