Ram Navami 2025: 6 अप्रैल को राम नवमी मनाई जाएगी। यह भगवान श्रीराम का जन्मदिन है। भक्त इस दिन स्नान, व्रत, पूजा, हवन, मंत्र जाप, रामचरितमानस पाठ करके भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
Ram Navami 2025: 6 अप्रैल, रविवार को राम नवमी मनाई जाएगी। त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ और माता कौशल्या के घर भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। मर्यादा पुरुषोत्तम नामक भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। हिंदू धर्म में राम नवमी एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में भक्तिपूर्वक मनाया जाता है।
यह पर्व सत्य, धर्म और मर्यादा की विजय का प्रतीक है। वह चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र था। श्रीराम, भगवान विष्णु का सातवां अवतार, अधर्म को दूर करने और लोगों का कल्याण करने के लिए इस धरती पर अवतार लिया।
राम नवमी 2025 के योग्य दिन:राम नवमी 2025, 5 अप्रैल 2025 को रात 01:23 बजे शुरू होगी और 6 अप्रैल 2025 को रात 03:15 बजे समाप्त होगी। भक्तजन इस समय भगवान श्रीराम की पूजा कर सकते हैं और शुभ मुहूर्त में राम नवमी का व्रत और हवन कर सकते हैं।
मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 11 बजे 8 मिनट से 1 बजे 39 मिनट तक
मध्याह्न का क्षण: दोपहर 12 बजकर 24 मिनट पर.
ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व के साथ राम नवमी पूजा विधि
शुभ स्नान और प्रार्थना: राम नवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्वच्छ जल या गंगा जल से स्नान करें। पवित्र कपड़े पहनकर भगवान श्रीराम का स्मरण करें और व्रत और पूजन करने का निश्चय करें।
पूजन स्थल की शुद्धता और व्यवस्था: घर का मंदिर या पूजास्थल साफ करें। चौकी पर लाल या पीले वस्त्र बिछाकर श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र रखें।
पंचोपचार पूजा और पूजन सामग्री: चंदन, रोली, अक्षत, धूप, दीप, पुष्प माला, तुलसी दल और नैवेद्य भगवान को अर्पित करें। श्रीराम के चरणों में पंचामृत से अभिषेक कर सुगंधित पुष्प अर्पित करें।
भोग और उपहार: भगवान श्रीराम को फल, मिठाई, पंचामृत और खासकर केसर की खीर दें। तुलसी पत्र अर्पित करने से पूजा का लाभ कई गुना बढ़ जाता है।
धार्मिक साहित्य का पाठ: इस दिन श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड, रामरक्षास्तोत्र, आदित्यहृदयस्तोत्र और विष्णुसहस्रनाम का पाठ करना शुभ माना जाता है। इससे ग्रहों और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
आरती करना और मंत्र जाप करना: पूजन के उपरांत भगवान श्रीराम की मंगल आरती करें और सभी भक्तों को भोजन दें।
रामनवमी के खास मंत्र:
श्रीराम बीज मंत्र (शत्रु नाश और विजय प्राप्ति हेतु)
“ॐ श्री रामाय नमः”
श्रीराम तारक मंत्र (कष्टों और संकटों से मुक्ति हेतु)
“श्री राम जय राम कोदण्ड राम”
राम गायत्री मंत्र (बुद्धि, ज्ञान और आत्मशक्ति के विकास हेतु)
“दशरथये विद्महे, सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्।”
राम ध्यान मंत्र (सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने हेतु)
“आपदामपहर्तारम् दातारम् सर्वसम्पदाम्। लोकाभिरामम् श्रीरामम् भूयो-भूयो नमाम्यहम्।”
राम नवमी के दिन इन मंत्रों का जाप करने से अद्भुत लाभ मिलता है। भक्तों को इस दिन आध्यात्मिक उन्नति, सुख-समृद्धि और शत्रुओं से रक्षा मिलती है।
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