Why Blood Sugar Levels Fluctuate: टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ब्लड शुगर स्पाइक के कारणों और इससे बचाव के उपायों को जानना महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं
Why Blood Sugar Levels Fluctuate: ब्लड शुगर का स्थिर न रहना कई समस्याओं का कारण बन सकता है। क्या आपका शुगर लेवल अक्सर कम या अधिक होता है? इसके कारणों का समय रहते सही निदान और इलाज जरूर करा लें। चिकित्सकों का कहना है कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करके मधुमेह की जटिलताओं से बच सकते हैं, जैसे किडनी रोग, तंत्रिकाओं की क्षति, दृष्टि से संबंधित समस्याएं, स्ट्रोक और हृदय रोग। इसके लिए आप स्वस्थ भोजन करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि थकान, कमजोरी और नींद की समस्याएं बहुत आम हैं जिन लोगों का ब्लड शुगर स्तर अक्सर अनियंत्रित रहता है। टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ब्लड शुगर स्पाइक के कारणों और इससे बचाव के उपायों को जानना महत्वपूर्ण है।
आइए जानते हैं किन कारणों से ब्लड शुगर लेवल अक्सर कम या अधिक होता है और इसे नियंत्रित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
कम पानी तो नहीं पी रहे हैं आप?
शरीर में पानी की कमी के कारण ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जिसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि शरीर में तरल पदार्थों की कमी हाइपरग्लेसेमिया का कारण हो सकती है। रक्त शर्करा बढ़ने पर आपको अधिक पेशाब आ सकता है, जो निर्जलीकरण को बढ़ा देता है। मधुमेह वाले लोगों को हर दिन पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य कैलोरी-मुक्त पेय पीना चाहिए, ताकि वे हाइड्रेटेड और स्वस्थ रहें।
ये समस्याएं मासिक धर्म चक्र के कारण भी हो सकती हैं।
क्या आप जानते हैं कि मासिक धर्म के दौरान पेट में दर्द और सूजन होना बहुत आम है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ब्लड शुगर में स्पाइक का भी कारण बन सकता है? CDIC कहते हैं कि प्रीमेंस्ट्रुअल फेज में हार्मोन में बदलाव के कारण ब्लड शुगर अधिक या कम हो सकता है। मधुमेह वाली कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान इंसुलिन को कम महसूस करती हैं। आजकल, स्वस्थ आहार और जीवनशैली का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नींद की कमी एक कारण
अगर आप रात में पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो अगले दिन आपको मूड और ऊर्जा से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, साथ ही आपका ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। 2015 में प्रकाशित एक समीक्षा ने कहा कि टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में ग्लूकोज नियंत्रण और इंसुलिन संवेदनशीलता में कमी हो सकती है।
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