प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ का शुभारंभ किया
- प्रधानमंत्री ने कहा- वीर बाल दिवस पर हम साहिबजादों की वीरता और बलिदान को याद करते हैं, हम माता गुजरी जी और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को भी श्रद्धांजलि देते हैं
- साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह में बाल्यवस्था में ही अदम्यसाहस था: प्रधानमंत्री
- प्रधानमंत्री ने कहा- समय चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, देश और उसके हितों से बड़ा कुछ नहीं है
- श्री मोदी ने कहा – हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों के बलिदान और देश की एकता के मूल मंत्र पर आधारित है
- प्रधानमंत्री ने कहा- इतिहास से लेकर वर्तमान समय तक, युवाओं ने हमेशा भारत की प्रगति में बड़ी भूमिका निभाई है
- अब, केवल सर्वश्रेष्ठ ही हमारा मानक होना चाहिए: प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वीर बाल दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। तीसरे वीर बाल दिवसआयोजन के अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने साहिबजादों की अद्वितीय वीरता और बलिदान की याद में वीर बाल दिवस की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह दिन अब करोड़ों भारतीयों के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है और इस दिन ने कई बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस के लिए प्रेरित किया है। श्री मोदी ने वीरता, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल और कला के क्षेत्र में आज वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किए गए 17 बच्चों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज के पुरस्कार विजेता भारत के बच्चों और युवाओं की विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता के प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गुरुओं और वीर साहिबजादों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और पुरस्कार विजेताओं और उनके परिवारों को बधाई भी दी।
वीर साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज के युवाओं के लिए उनकी वीरता की गाथा को जानना आवश्यक है और इसलिए उन घटनाओं को याद करना भीआवश्यक है। उन्होंने कहा कि तीन शताब्दी पहले आज ही के दिन वीर साहिबजादों ने बाल्यवस्था में अपने प्राणों की आहुति दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि साहिब जोरावर सिंह और साहिब फतेह सिंहमें बाल्यवस्था में ही अपार साहस था। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के सभी प्रलोभनों को ठुकरा दिया, सभी अत्याचारों को सहन किया और वजीर खान द्वारा दिए गए मृत्यु दंड को पूरी बहादुरी के साथ स्वीकार किया। श्री मोदी ने कहा कि साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता की याद दिलाई और यह वीरता हमारी आस्था की आध्यात्मिक ताकत थी। उन्होंने कहा कि साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति देने का विकल्प चुना और आस्था के मार्ग से कभी विचलित नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वीर बाल दिवस हमें सिखाता है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, राष्ट्र और राष्ट्रहित से बड़ा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, “देश के लिए किया गया हर काम वीरता का कार्य है और देश के लिए जीने वाला हर बच्चा और युवा वीर बालक है।”
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “इस वर्ष का वीर बाल दिवस और भी विशेष है, क्योंकि यह भारतीय गणतंत्र और हमारे संविधान की स्थापना का 75वां वर्ष है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संविधान के इस 75वें वर्ष में देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए काम करने के लिए वीर साहिबजादों से प्रेरणा ले रहा है। श्री मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत के मजबूत लोकतंत्र को इस बात पर गर्व है कि यह दिन साहिबजादों की बहादुरी और बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमारा लोकतंत्र हमें समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान की ओर प्रेरित करता है। श्री मोदी ने कहा, “संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई छोटा या बड़ा नहीं है।” उन्होंने कहा कि यह सिद्धांत हमारे गुरुओं की शिक्षाओं के अनुरूप है, जिन्होंने सभी के कल्याण की वकालत की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि साहिबजादों का जीवन हमें राष्ट्र की अखंडता और आदर्शों से समझौता न करने की शिक्षा देता है और इसी तरह, संविधान भारत की संप्रभुता और अखंडता के सिद्धांत को कायम रखता है। उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र की विशालता गुरुओं की शिक्षाओं, साहिबजादों के बलिदान और राष्ट्रीय एकता के मंत्र का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “अतीत से लेकर आज तक युवाओं की ऊर्जा ने भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 21वीं सदी के आंदोलनों तक, भारतीय युवाओं ने हर क्रांति में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि युवा शक्ति के कारण ही दुनिया भारत की ओर आशा और उम्मीदों से देखती है। उन्होंने कहा कि आज स्टार्ट-अप से लेकर विज्ञान, खेल से लेकर उद्यमिता तक, युवा शक्ति नई क्रांतियों को जन्म दे रही है इसलिएसरकार की नीतियों में सबसे बड़ा फोकस युवाओं को सशक्त बनाने को लेकर है। उन्होंने कहा कि सभी नीतियां, चाहे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के लिए हों, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए हों, खेल और फिटनेस क्षेत्र, फिनटेक और विनिर्माण उद्योग, या कौशल विकास और इंटर्नशिप योजनाओं के लिए हों, सब युवा पर केंद्रित हैं और इनका उद्देश्य युवाओं को लाभान्वित करना है। उन्होंने आगे बताया कि देश के विकास से जुड़े हर क्षेत्र में युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं और उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास को सरकार की ओर से समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज तेजी से बदलती दुनिया में नई जरूरतें, उम्मीदें और भविष्य की दिशाएं उभररही हैं। उन्होंने पारंपरिक सॉफ्टवेयर से ए. आई. की ओर बदलाव और मशीन लर्निंग के दौर को देखते हुए हमारे युवाओं को भविष्योन्मुखी बनाने के महत्व पर जोर दिया। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि देश ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ बहुत पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी, जिसने शिक्षा को आधुनिक बनाया और सीखने के लिए खुले अवसर प्रदान किये। उन्होंने बताया कि युवा बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब स्थापित किए गए हैं। श्री मोदी ने कहा कि ‘मेरा युवा भारत’ अभियान का उद्देश्य शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक अवसर प्रदान करना, युवाओं में समाज के प्रति कर्तव्य की भावना को बढ़ाना है।
फिट रहने के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ युवा एक सक्षम राष्ट्र का नेतृत्व करेगा, श्री मोदी ने कहा कि ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ पहलों का उद्देश्य युवा पीढ़ी के बीच फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। प्रधानमंत्री ने ‘सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान’ शुरू करने की घोषणा की, जो कुपोषण को खत्म करने और विकसित भारत का आधार बनाने के लिए ग्राम पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “वीर बाल दिवस हमें प्रेरणा से भर देता है और हमें नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब हमारा मानक सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपने-अपने क्षेत्रों को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। श्री मोदी ने कहा, “अगर हम बुनियादी ढांचे पर काम करते हैं, तो हमारी सड़कें, रेल नेटवर्क और हवाई अड्डे का बुनियादी ढांचा दुनिया में सबसे अच्छा होना चाहिए। अगर हम विनिर्माण पर काम करते हैं, तो हमारे सेमी कंडक्टरस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो वाहन वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए। अगर हम पर्यटन में काम करते हैं, तो हमारे गंतव्य, यात्रा सुविधाएं और आतिथ्य सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए। अगर हम अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करते हैं, तो हमारे उपग्रह, नेविगेशन तकनीक और खगोल विज्ञान अनुसंधान सर्वश्रेष्ठ होने चाहिए।” प्रधान मंत्री ने कहा कि ऐसे उच्च लक्ष्य निर्धारित करने की प्रेरणा साहिबजादों की बहादुरी से मिलती है। उन्होंने कहा कि बड़े लक्ष्य अब हमारे संकल्प हैं और देश को अपने युवाओं की क्षमताओं पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि भारत के युवा, जो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर सकते हैं, आधुनिक दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए नवाचार कर सकते हैं और हर प्रमुख देश और क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित कर सकते हैं, नए अवसर मिलने पर अपने देश के लिए कुछ भी हासिल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है और आत्मनिर्भर भारत की सफलता निश्चित है।
श्री मोदी ने कहा कि हर युग में देश के युवाओं को देश की नियति बदलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय युवाओं ने विदेशी सत्ता के अहंकार को तोड़कर अपने लक्ष्य हासिल किए, जबकि आज युवाओं के सामने विकसित भारत का लक्ष्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों में तीव्र विकास की नींव रखनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने युवाओं से समय का अधिकतम लाभ उठाने, हर क्षेत्र में आगे बढ़ने और देश को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। जिनके परिवार कभी सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं रहे ऐसे एक लाख युवाओं को राजनीति में लाने के अपने विजन के बारें में बताते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह पहल अगले 25 वर्षों के लिए महत्वपूर्ण है और युवाओं को राजनीति में नई पीढ़ी लाने के इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया। श्री मोदी ने घोषणा की कि अगले साल की शुरुआत में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ‘विकसित भारत युवा नेता संवाद’ आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर के गांवों, कस्बों और शहरों से लाखों युवा इसमें भाग लेंगे और विकसित भारत के विजन और रोडमैप पर चर्चा करेंगे।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाला दशक, खास तौर पर अगले पांच साल अमृत काल के 25 साल के संकल्पों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने देश की संपूर्ण युवा शक्ति का दोहन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि युवाओं का समर्थन, सहयोग और ऊर्जा भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने गुरुओं, वीर साहिबजादों और माता गुजरी जी को श्रद्धांजलि अर्पित कर अपने संबोधन का समापन किया।
कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद थीं।
Source: http://pib.gov.in