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Monday, November 11

Kejriwal Government

स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का वादा करने वाले  Chief Minister Arvind Kejriwal’s government में अस्पतालों की हालत बदतर हो गई है। हाल ही में मरीजों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है, दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पतालों में से कुछ, लोक नायक जय प्रकाश अस्‍पताल , दीन दयाल  उपाध्‍याय अस्‍पताल और इंदिरा गांधी अस्‍पताल द्वारका।

इन तीनों अस्‍पतालों में बेसिक दवाओं का  स्‍टॉक पूरा खत्‍म हो चुका है। डॉक्टरों से दवाएं लिखवाने के बाद मरीजों को अस्‍पताल की निशुल्‍क फार्मेसी में घंटों इंतजार करना पड़ता है और खाली हाथ लौटना पड़ता है। रोगियों को इन अस्‍पतालों  में कैल्शियम-आयरन, एविल और रेंटेक जैसी आवश्यक दवाएं भी नहीं मिल रही हैं, इसलिए वे बाहर मेडिकल स्टोर से पैसे खर्च कर उन्हें खरीद रहे हैं।

45 दवाओं का टोटा, वायरल हुआ पर्चा आईजी अस्पताल में

दिल्‍ली के द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्‍पताल में सितंबर 2024 में स्‍टॉक में खत्म हो चुकीं या बहुत सीमित मात्रा में बचीं 45 दवाओं का नाम लिखा हुआ एक पर्चा हाल ही में काफी वायरल हुआ है। अस्‍पताल में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को आपातकालीन या प्राथमिक इलाज के तौर पर ये बेसिक दवाएं दी जाती हैं।

इस पर्चे में कुत्‍ते-बिल्‍ली के काटने पर लगाई जाने वाली एंटी रेबीज वैक्‍सीन, एविल की गोली, किसी भी प्रकार की एलर्जी में दी जाने वाली लाइफ सेविंग ड्रग एविल, किसी मरीज के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबेलेंस, डेंगू जैसी बीमारी में दी जाने वाली सोडा बायकार्ब, ईसीजी रॉल, और  ब्‍लीडिंग में इस्‍तेमाल होने वाली इमरजेंसी ड्रग्‍स शामिल थीं, जो अस्‍पताल में खत्‍म हो चुकी हैं.वा

दीनदयाल उपाध्याय में चार में से एक उपचार

पश्चिमी दिल्‍ली के हरिनगर में दीनदयाल उपाध्‍याय अस्‍पताल की ओपीडी में दिखाने के बाद रुखसार ने फार्मेसी में दवा लेने पहुंची. उन्होंने बताया कि वे  प्रेग्‍नेंट हैं और उन्हें कैल्शियम की गोली भी नहीं दी गई। उनसे कहा गया था कि वे बाहर से खरीदें। यही मरीज मीजान ने कहा। उन्‍होंने बताया कि डॉक्टर ने पर्चे में चार दवाएं लिखी थीं, जिनमें से दो फार्मेसी से निशुल्क मिली थीं. बाकी दवाओं के बारे में कहा गया कि वे नहीं हैं और बाहर से खरीदें।

मरीजों ने बताया कि ऐसा पिछले कई दिनों से होता आ रहा है। यहां दवाएं नहीं मिलने से मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ी है। इसलिए सरकारी अस्पताल का क्या लाभ है? इस दौरान मरीज भी सरकार को कोसते दिखे।

एलएनजेपी में हीमोफीलिया से पीड़ित लोग

हीमोफीलिया के मरीज दिनेश और मोहम्मद सादिक ने दिल्ली के एलएनजेपी अस्‍पताल में बताया कि उन्हें हीमोफीलिया है। उन्हें  रक्‍त का थक्‍का बनाने की दवा दी जाती है, लेकिन सुबह अस्‍पताल में आने के बाद उन्हें इंजेक्‍शन नहीं मिल पाया। यह कहा गया कि इंजेक्‍शन संभव नहीं है। अस्‍पताल  में दवा के लिए भटकते हुए कई अन्य मरीज भी मिले

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