उत्तराखंड

Uttarakhand: दुनिया भर में प्रसिद्ध त्रिवेणी घाट, जहां स्नान करने पर पापों से छुटकारा मिलता है! भक्तों की भीड़ लगती है

Uttarakhand Rishikesh Triveni Ghat:

Uttarakhand में ऋषिकेश एक पवित्र तीर्थ स्थल है और इसे चारधाम के प्रवेश द्वार के रूप में भी जाना जाता है। यह जगह अपनी खूबसूरती और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए सभी के बीच लोकप्रिय है। यहां बने प्राचीन मंदिर और घाट मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। ऋषिकेश में दुनिया भर से लोग घूमने आते हैं और इन्हीं एडवेंचर स्पोर्ट्स का आनंद उठाते हैं| वैसे तो ऋषिकेश में कई जगहें बहुत मशहूर हैं, लेकिन त्रिवेणी घाट की बात ही अलग है। त्रिवेणी घाट ऋषिकेश का सबसे बड़ा घाट है। शाम के समय यहां भव्य आरती का आयोजन होता है, जिसे महा आरती के नाम से जाना जाता है।

महंत गोपाल गिरी ने कहा कि ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट तीन नदियों का संगम है. यहां तीन पवित्र नदियां स्थित हैं। ऐसा माना जाता है कि त्रिवेणी घाट पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियाँ मिलती हैं, यही कारण है कि इस घाट को हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इस घाट पर दिन में तीन बार आरती की जाती है। एक बार सुबह, दो बार दोपहर में और तीसरी बार शाम को. शाम के समय की जाने वाली आरती को महाआरती कहा जाता है। यह आरती पूरी दुनिया में मशहूर है. आरती में भाग लेने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। अगर आप रात के समय त्रिवेणी घाट पर जाएं तो वहां का नजारा काफी मनमोहक लगता है।घाट किनारे बैठकर मछलियों को देखना, भव्य गंगा आरती देखना और साथ ही शाम के समय तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे मानो दिवाली ही आ गई लोग बड़ी श्रद्धा से जलते हुए दिए को इस घाट में अर्पण करते हैं |

पापों से मुक्त करने वाला घाट:

महंत गोपाल गिरि बताते हैं कि यह पवित्र त्रिवेणी तीन नदियों का संगम है इसलिए इसे त्रिवेणी कहा जाता है। यहां गंगा, यमुना और सरस्वती का वास है। यह संगम Uttarakhand का सबसे पवित्र और पहला संगम है। स्कंद पुराण के अनुसार इस घाट पर पूजा और स्नान करना प्रयागराज से भी अधिक फलदायी होगा। साथ ही त्रिवेणी घाट पर स्नान का भी बहुत महत्व है। प्राचीन काल में कुंभ स्नान देवप्रयाग और ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर होते थे। देवप्रयाग में जमीन की कमी के कारण स्नान बंद कर दिये गये और अब ऋषिकेश में जगह कम होने के कारण कुंभ स्नान हरिद्वार में किये जाते हैं। स्कंद पुराण, विष्णु पुराण और भगवत गीता में यहां स्नान का पौराणिक महत्व है। जो कोई यहां स्नान करेगा उसके पाप दूर हो जाएंगे।

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