मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का क्या लाभ है?

मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का क्या लाभ है?मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का क्या लाभ है?

मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का क्या लाभ है?

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखकर स्नान करना बहुत शुभ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने से क्या लाभ मिलता है?

हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि यह पवित्रता, तपस्या और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। 29 जनवरी, मौनी अमावस्या पर एक दुर्लभ त्रिवेणी योग बन रहा है, इसलिए स्नान और दान का महत्व बढ़ा है। ध्यान दें कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का बहुत महत्व है। जातक मौनी अमावस्या को मौन व्रत करके आत्मसंयम का अभ्यास करता है।

शुभ मुहूर्त

मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना अधिक महत्वपूर्ण है। इस वर्ष मौनी अमावस्या के स्नान का शुभ मुहूर्त पूरे दिन ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होता है। पंचांग के अनुसार आज 7.11 बजे सूर्योदय होगा।

मौन व्रत रखने के क्या लाभ हैं?

“मौनी अमावस्या” का अर्थ है मौन रहना। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मनु ने इस दिन मौन व्रत रखकर गंगा स्नान किया था, जिससे यह परंपरा आज भी जारी है। माना जाता है कि इस दिन मौन धारण कर पवित्र नदियों में स्नान करने से जातक के पाप दूर होते हैं। उसकी आत्मा भी शुद्ध होती है। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप दूर होते हैं और मरने पर मोक्ष मिलता है।

किस देवता की पूजा की जाती है?

मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद दान करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन स्नान करने के बाद भगवान शिव और विष्णु को पूजना चाहिए। स्नान-पूजन के बाद गरीबों को खाना, कपड़े और धन देना बहुत शुभ माना जाता है।

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