Utpanna Ekadashi Date: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा ने भी इस व्रत को किया था। इस व्रत के प्रभाव से उन्हें सुख, शांति और सुख का पुत्र हुआ।
मार्गशीर्ष महीना कार्तिक के बाद आया है। इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत भी आते हैं। प्रमुख इनमें से एक है उत्पन्ना एकादशी। मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा ने भी इस व्रत को किया था। इस व्रत के प्रभाव से उन्हें सुख, शांति और सुख का पुत्र हुआ।
उत्पन्ना एकादशी कब है?
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि हालांकि हर महीने दो एकादशी का व्रत पड़ता है, मार्गशीर्ष महीने की एकादशी का विशेष महत्व है। 25 नवंबर को रात 1 बजकर 47 मिनट से हिन्दू पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। जो अगले दिन, 26 नवंबर, पूरे दिन रहेगा। इसलिए इस बार 26 नवंबर को ही व्रत रखा जाएगा।
उन्नति एकादशी का व्रत कैसे रखें?
इस दिन भगवान विष्णु के पूजा और व्रत करने के नियम हैं। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद मन में व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर शाम को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान उन्हें पीले फूल, वस्त्र और मिठाई देना चाहिए। इससे भगवान श्रीकृष्ण की कृपा मिलती है।
उत्पन्ना एकादशी के व्रत की कहानी
एक बार देवलोक से धरतीलोक तक एक राक्षस मूर ने उत्पात मचा रखा था। इस राक्षस ने देवताओं को पराजित कर डाला और उनकी जगह नए देवताओं को बनाया।तब सभी देवताओं ने शंकर को अपनी पीड़ा बताई।उन्हें भगवान शंकर ने भगवान विष्णु से मिलने को कहा। जब भगवान विष्णु सभी देवताओं के पास पहुंचे, उन्होंने उनकी पीड़ाओं को सुना और उसके शरीर से एक सुंदर स्त्री निकली. मूर नामक राक्षस ने उस सुंदर स्त्री को देखा जिसे देख मूर नामक राक्षस मोहित हो गया और जिसके बाद उस सुंदर स्त्री ने उसका वध कर दिया।भगवान विष्णु ने उस महिला का नाम उत्पन्ना रखा और उसे वरदान दिया कि उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखने से सभी दुःख दूर हो जाएंगे।