Nayab Cabinet ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर ध्यान दिया, जिसमें 14 सदस्यों सहित 36 बिरादरी शामिल थीं

Nayab Cabinet ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर ध्यान दिया, जिसमें 14 सदस्यों सहित 36 बिरादरी शामिल थीं

Nayab Cabinet ने हरियाणा में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर तीसरी बार सरकार बनाई है। इसके साथ ही बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने अपनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। 13 अन्य नेताओं ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली, उनके साथ।

Nayab Cabinet: बीजेपी ने हरियाणा में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर तीसरी बार सरकार बनाई है। इसके साथ ही बीजेपी नेता नायब सिंह सैनी ने अपनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। 13 अन्य नेताओं ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली, उनके साथ। नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में भी कई जातियां शामिल हैं। सैनी ने अपनी दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद हरियाणा का 19वां मुख्यमंत्री बने  है। हालांकि, वह राज्यपाल बनने वाले 11वें नेता है। अब मंत्रिमंडल में किस जाति का नेता मंत्री बनाया गया है?

नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में जान, गुर्जर, ओबीसी, एसी, ब्राह्मण, यादव और वैश्य समाज के लोग हैं। बीजेपी ने इन नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने का प्रयास किया है ताकि अधिक से अधिक लोगों को हरियाणा में शामिल किया जा सके। मंत्रिमंडल में बीसी-ओबीसी, पंजाबी, एससी, जाट, यादव, ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर और वैश्य से एक नेता शामिल हैं।

कैबिनेट में सबसे अधिक प्राथमिकता ओबीसी समुदाय के नेताओं को दी गई है क्योंकि बीजेपी का पूरा ध्यान हरियाणा में ओबीसी वोटों पर रहा है। ओबीसी के पांच मंत्री हैं: दो यादव, एक सैनी, एक प्रजापति और एक गुर्जर। नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री और रणबीर गंगवा को मंत्री बनाया गया है, दोनों प्रजापति समुदाय से हैं। कैबिनेट में आरती राव और राव नरवीर सिंह, दोनों यादव हैं। गुर्जर समाज का राजेश नागर मंत्री बन गया है।

बीजेपी ने राव इंद्रजीत की बेटी को कैबिनेट में स्थान देने के साथ-साथ राव नरवीर सिंह को भी कैबिनेट में शामिल करके राजनीतिक एकता बनाने की कोशिश की है। BJP ने अहिरवाल बेल्ट में कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों को यादव वोटों से हराया है। यही कारण है कि यादव समुदाय को राजनीतिक संदेश देने में खास तवज्जे दी गई है। हरियाणा में ओबीसी मतदाताओं का बड़ा हिस्सा बीजेपी के साथ था, जो 35 से 40 प्रतिशत के बीच है। इसलिए पांच मंत्री ओबीसी से हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जो जाट-दलित-ब्राह्मण की एक कैमिस्ट्री है, को बीजेपी ने सत्ता सौंप दी है, लेकिन उन्होंने दलितों और ब्राह्मणों को अपना मूल वोटबैंक बनाने के लिए खास ध्यान दिया है। मंत्री अरविंद शर्मा और गौरव गौतम ब्राह्मण हैं। नायब सैनी सरकार में दो दलित नेताओं की नियुक्ति हुई है, क्योंकि दलित वोटों को लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें अपने साथ जोड़ लिया है। कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी दलित चेहरे हैं। पंवार जाटव जाति से हैं, जबकि कृष्णा बेदी वाल्मिकी जाति से हैं।
हरियाणा की राजनीतिक व्यवस्था को देखते हुए बीजेपी ने जाटों को भी मंत्रिमंडल में स्थान दिया है। सैनी सरकार में जाट समुदाय से श्रुति चौधरी और महिपाल ढांडा शामिल हैं। सूबे में 25% से अधिक जाट मतदाता हैं, और बीजेपी ने जाटलैंड में अपनी जीत से जाटों को मंत्रिमंडल में स्थान देकर राजनीतिक संदेश देने का दांव चला है।

बीजेपी ने पंजाबी-वैश्य-ठाकुरों को कैबिनेट में शामिल करते हुए पंजाबी समुदाय को अपना मूल वोटबैंक बनाया है। सात बार अंबाला छावनी से चुनाव जीतकर आए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को इस बार मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। इसके अतिरिक्त, वैश्य समुदाय से विपुल गोयल को मंत्री पद पर नियुक्त किया गया है। बीजेपी ने वैश्यों को भी साधे रखने का दांव चला है, जैसे पंजाबी समाज। इसी तरह, ठाकुर समुदाय से श्याम सिंह राणा को पार्टी ने मंत्री बनाया है।

हरियाणा में क्षेत्रीय समानता का प्रयास: नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट के जरिए हरियाणा में क्षेत्रीय और जातीय समानता का प्रयास किया है। बीजेपी ने दक्षिण हरियाणा में बड़ी जीत दर्ज की थी। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने इसके बाद खुलकर दक्षिण हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की मांग की थी। दक्षिण हरियाणा में बीजेपी ने सीएम नहीं बनाया, लेकिन बहुत सारे लोगों को प्रतिनिधित्व दिया है। छह मंत्री दक्षिण हरियाणा से हैं: गौरव गौतम, विपुल गोयल, राजेश नागर, श्रुति चौधरी, राव नरबीर और आरती राव।

मुख्यमंत्री का ताज जीटी रोड बेल्ट से आने वाले नायब सिंह सैनी के सिर पर लगाया गया है। इसके अलावा, जीटी रोड बेल्ट से चार वरिष्ठ नेता (अनिल विज, महिपाल ढांडा, कृष्ण लाल पंवार, कृष्ण बेदी) को मंत्री बनाया गया है। बीजेपी ने इस तरह कुरुक्षेत्र, अंबाला और पानीपत जिलों के माध्यम से जीटी रोड बेल्ट को मजबूत बनाए रखने की रणनीति अपनाई है। साथ ही, बीजेपी ने हिसार जिले से चुनाव जीतकर पश्चिम हरियाणा से रणबीर गंगवा को मंत्रिमंडल में स्थान दिया है। इस तरह सिर्फ अरविंद शर्मा को जाटलैंड का मंत्री बनाया गया है। जाटलैंड और पश्चिमी हरियाणा के नेताओं को सैनी कैबिनेट में कोई विशिष्ट स्थान नहीं मिला है।

नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में अनिल विज पंजाबी हैं और 15 मार्च 1953 को 71 वर्ष की उम्र में जन्मे हैं. विज ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ी चित्रा सरवारा को 7277 वोटों से हराया। 1990 में विज ने पहली बार चुनाव जीता था, फिर 1996, 2000, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में। विज मनोहर लाल सरकार में भी मंत्री रहे हैं। भाजपा के इकलौते विधायक हैं जो सबसे अधिक जीत हासिल की हैं।

कृष्ण लाल पवार (SC), जिसका जन्म 1 जनवरी 1958 को हुआ था, 2024 के विधानसभा चुनाव में 13895 वोटों से कांग्रेस के बलबीर बाल्मीकि को हराकर छठी बार विधायक चुने गए। वह 1991, 1996, 2000, 2009, 2014 में विधायक रहा है। वह हरियाणा सरकार में परिवहन एवं आवास मंत्री रहे हैं जब वह मनोहर सरकार के पार्ट वन में थे। Paver ने राजनीतिक करियर की शुरुआत इनेलो से की, फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया।

राव नरबीर सिंह को सैनी सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। बादशाहपुर सीट से विधायक हैं राव नरबीर सिंह, यादव समाज के प्रसिद्ध नेता। बादशाहपुर सीट गुरुग्राम से सटी है। वह चौथी बार सांसद बन गए हैं।

कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेने वाले महिपाल ढांडा जाट समाज के हैं। वह तीसरी बार पानीपत ग्रामीण से विधायक चुने गए हैं। विकास एवं पंचायत एवं सहकारिता राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में हिमाल ढांडा पहले भी राज्य सरकार में काम कर चुके हैं।

विपुल गोयल, वैश्य समाज का प्रतिनिधि, फिर से मंत्री बन गया। फरीदाबाद की सीट पर वह विधायक चुने गए हैं। 2016 में वह खट्टर सरकार में पहली बार मंत्री बने। 2019 में उनके पास टिकट नहीं था। उन्होंने एक बार फिर टिकट मिलने के बाद बड़ी जीत हासिल की है।

सोनीपत जिले की गोहाना सीट से विधायक चुने गए डॉ. अरविंद कुमार शर्मा ने डेंटल सर्जन से राजनीति के महारथी बनने की शपथ ली है। 2014 में शर्मा ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। वह चार बार सांसद चुनाव जीता है। बीजेपी ने उनको एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा के रूप में प्रस्तुत किया। शर्मा एक दंत सर्जन हैं।

2019 में टिकट कट गया था, लेकिन अब बीजेपी ने हरियाणा सरकार में राजपूत चेहरा श्याम सिंह राणा को कैबिनेट मंत्री बनाया है। वह यमुनानगर में इंडियन नेशनल लोकदल से विधायक भी रहे हैं। 2014 में राणा बीजेपी से विधायक बने। 2019 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। लेकिन बीजेपी ने 2020 में कृषि कानूनों का विरोध किया था।

तीसरी बार विधायक बने रणबीर गंगवा अब बरवाला विधानसभा सीट से मंत्री बन गए हैं. उन्होंने 2014 में पहली बार चुनाव जीता था। वह पहली बार नलवा से विधायक बन गया। मंत्री बनने वाले गंगवा ओबीसी समाज से हैं और पहले हरियाणा विधानसभा में डिप्टी स्पीकर रहे हैं।

बीजेपी ने भी कृष्ण कुमार बेदी को दलित नेता बताया है। 2014 में, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के राजनीतिक सचिव कृष्ण कुमार बेदी को राज्यमंत्री बनाया गया। 2014 में, जींद जिले की नरवाना सीट से विधायक चुने गए कृष्ण कुमार ने शहबाद सीट पर भी चुनाव जीता था।

मंत्री भी बनीं बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री बंसीलाल की पौत्री, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रही हैं। श्रुति चौधरी और उनकी मां किरण चौधरी ने विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2009 से 2014 तक श्रुति भिवानी से कांग्रेस सांसद रही हैं। वह हरियाणा सरकार में मंत्री बनी हैं। वह जाट जाति से हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव भी हरियाणा के कैबिनेट मंत्री बनीं। अटेली से बीजेपी विधायक आरती राव हैं। वह समाज की सबसे अमीर परिवार से हैं।

सबसे युवा मंत्री गौरव गौतम हैं, जो ब्राह्मण समाज से हैं। उन्हें राज्यमंत्री पद की शपथ दी गई है। 36 वर्षीय गौरव, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का निकट मित्र है। वह पलवल से निर्वाचन जीता है। गौरव ने पूर्व कांग्रेसी मंत्री करण सिंह दलाल को हराया था।

हरियाणा में बीजेपी की तीसरी सरकार में ओबीसी समुदाय को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि कैबिनेट में जातीय समीकरण साधा है। कैबिनेट में पांच ओबीसी नेताओं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी हैं। मंत्री भी दलितों से हैं, जाटों से दो और ब्राह्मणों से दो। पार्टी ने अनिल विज को मंत्री बनाकर पंजाबी समुदाय को अपना कोर वोट बैंक बनाया है। इसके अलावा ठाकुरों और वैश्यों को मंत्री बनाया गया है। इस तरह, नायब सैनी ने हरियाणा के सभी लोगों से संपर्क बनाया है।


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