Tag: Weather Forecast at Gram Panchayat level

  • केंद्रीय मंत्री Rajiv Ranjan Singh ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” का शुभारंभ किया

    केंद्रीय मंत्री Rajiv Ranjan Singh ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” का शुभारंभ किया

    Rajiv Ranjan Singh :“ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा

    • स्थानीय मौसम का पूर्वानुमान अब पांच दिन और प्रति घंटे के आधार पर 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए उपलब्ध

    केंद्रीय पंचायती राज मंत्री Rajiv Ranjan Singh उर्फ ​​ललन सिंह,  केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.जितेंद्र सिंह और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान का शुभारंभ किया। पंचायती राज मंत्रालय और भारत मौसम विज्ञान विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से विकसित यह पहल जमीनी स्तर पर जलवायु तैयारियों की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महत्वपूर्ण प्रयास सरकार के 100 दिनों के एजेंडे का हिस्सा है और समग्र सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर शासन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए विशेषज्ञ विभागों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।

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    इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान” भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण आबादी के लिए जीवन में सुगमता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पहल पंचायतों को जलवायु चुनौतियों का समाधान करने और कृषि एवं आपदा तैयारियों के लिए निर्णय लेने में सुधार करने में सक्षम बनाकर ग्रामीण शासन में महत्वपूर्ण से रूप से बदलाव लायेगी। श्री सिंह ने ग्रामीण नागरिकों को समय पर मौसम की जानकारी प्रसारित करने, अंततः आजीविका में सुधार और सतत विकास को बढ़ावा देने में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की “एक पेड़ माँ के नाम”   ऐतिहासिक पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक मूल्यों से जोड़ती है और इसका उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ाना है। उन्होंने इस पहल के लिए पंचायती राज मंत्रालय और भारत मौसम विभाग के संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने किसानों को अधिक प्रभावी ढंग से योजना बनाने और मौसम की अनिश्चितताओं के कारण कृषि नुकसान को कम करने में सहायता करने की इसकी क्षमता का भी उल्लेख किया।

    विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री (डॉ.) जितेंद्र सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय और आईएमडी के बीच सहयोग की सराहना करते हुए इस बात पर बल दिया कि ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान की उपलब्धता से आपदा तैयारियों को काफी बढ़ावा मिलेगा तथा इससे पूरे भारत में जलवायु से प्रभावित समुदायों के निर्माण में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने पिछले दशक में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में लगातार सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि एआई, मशीन लर्निंग और विस्तारित अवलोकन नेटवर्क जैसी उन्नत तकनीकों ने मौसम पूर्वानुमान सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने पीआरआई से ग्रामीण आबादी को विपरित मौसम के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने और कृषि उत्पादकता को और बढ़ाने के लिए इस जानकारी का सक्रिय रूप से लाभ उठाने का आह्वान किया।

    पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने इस पहल के दीर्घकालिक लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह स्मार्ट, सशक्त और आत्मनिर्भर पंचायतों के निर्माण के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने ग्रामीण नागरिकों, विशेष रूप से किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इस पहल की क्षमता पर जोर देते हुए इसके लाभों के बारे में व्यापक जन जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। प्रो. बघेल ने कहा कि ग्रामीण भारत ऐसी दूरदर्शी और परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से एक विकसित राष्ट्र के स्वपन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    उन्होंने अपने संबोधन के दौरान, पंचायतों से अपील की गई कि वे मौसम से जुड़ी जानकारी को लोगों तक सक्रिय रूप से पहुंचाएं, ताकि ग्रामीण समुदाय इस पहल का पूरा लाभ उठा सकें। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान के तकनीकी पहलुओं और लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने इस पहल को आगे बढ़ाने में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

    इस शुभारंभ कार्यक्रम में पंचायती राज, कृषि, ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अन्य प्रमुख हितधारकों के गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में बड़े उत्साह के साथ सहभागी बनते हुए कृषि परिणामों को बेहतर बनाने और अपने समुदायों को जलवायु संबंधी चुनौतियों से बचाने के लिए इन मौसम पूर्वानुमान उपकरणों का उपयोग करने में गहरी रुचि दिखाई।

    इसके अलावा, 200 से अधिक प्रतिभागियों के लिए “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें पीआरआई और राज्य पंचायती राज अधिकारियों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान उपकरणों की समझ और उपयोग को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में जलवायु को सुधारने में मदद मिली।

    मौसम पूर्वानुमान डेटा मेरी पंचायत ऐप, ई-ग्राम स्वराज और ग्राम मानचित्र जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए सुलभ होगा, जो शासन को सुव्यवस्थित करने और जमीनी स्तर पर पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ई-ग्राम स्वराज प्लेटफ़ॉर्म प्रोजेक्ट ट्रैकिंग और संसाधन प्रबंधन में सहायता करता है, जबकि मेरी पंचायत ऐप सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है। ग्राम मानचित्र भू-स्थानिक जानकारी प्रदान करता है, जो पंचायत स्तर पर स्थानिक नियोजन और विकास परियोजनाओं में सहायता करता है।

    ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान प्रणाली का शुभारंभ ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जलवायु-अनुकूल भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह ग्रामीण आबादी को कृषि गतिविधियों, आपदा तैयारी और बुनियादी ढाँचे की योजना के बारे में सूचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगा, जिससे जीवन की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और राष्ट्र की प्रगति में योगदान मिलेगा।

    source: http://pib.gov.in


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