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  • PM मोदी और जेपी नड्डा से मिले CM Yogi Adityanath, प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का दिया न्योता

    PM मोदी और जेपी नड्डा से मिले CM Yogi Adityanath, प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का दिया न्योता

    CM Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का न्योता दिया गया

    रविवार को उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसमें प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का न्योता दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी से पहले CM योगी ने नड्डा से मुलाकात की।

    रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी से पहले CM योगी ने नड्डा से मुलाकात की। योगी ने प्रधानमंत्री के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी को सूत्रों ने महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज आने का न्योता दिया। सूत्रों ने बताया कि योगी और नड्डा ने राज्य में होने वाले जल्द ही होने वाले उपचुनावों पर भी चर्चा की।

    4 जून को हुए लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की चर्चा 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई थी। 13 नवंबर को होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनावों से कुछ दिन पहले CM का यह दौरा हुआ है। वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास पांच विधानसभा सीटें हैं, जबकि चार सीटें विपक्षी समाजवादी पार्टी (SP) के पास हैं. कुल नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।

  • CM Yogi ने ‘ए0बी0पी0 न्यूज शिखर सम्मेलन उ0प्र0’ में अपने विचार व्यक्त किये

    CM Yogi ने ‘ए0बी0पी0 न्यूज शिखर सम्मेलन उ0प्र0’ में अपने विचार व्यक्त किये

    CM Yogi: प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश ने विकास की लम्बी यात्रा तय की

    • प्रदेश की अर्थव्यवस्था नम्बर दो पर स्थापित, यहां की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई, पहले की तुलना में जी0डी0पी0 में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई
    • उ0प्र0 प्रधानमंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा
    • प्रदेश की अवसंरचना में आमूल-चूल सुधार किए गए
    • विगत साढ़े 07 वर्षों में हमने जो कहा वह करके दिखाया, परिणामस्वरूप प्रदेश दंगों, माफियाओं तथा अराजकता से मुक्त हुआ
    • आज प्रदेश निवेश का सबसे बेहतरीन गन्तव्य बना, यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से प्रदेश ने देश के सामने नजीर प्रस्तुत की
    • राज्य के करोड़ों युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया
    • प्रदेश में विरासत और विकास का अद्भुत संगम आज राज्य के नागरिकों के देश-दुनिया में कहीं भी जाने पर वहां के लोगों में उनके प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न होता, यह बदली हुई तस्वीर ही नये उ0प्र0 की पहचान
    • मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को धनतेरस पर्व की शुभकामनाए दीं
    • कल अयोध्या धाम में दीपोत्सव का आयोजन, 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात श्रीरामलला के अपने पावन धाम में विराजमान होने के उपलक्ष्य में यह पहला दीपोत्सव

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि प्रदेश का इतिहास गौरवशाली रहा है। नए भारत के नए उत्तर प्रदेश पर प्रदेश की 25 करोड़ आबादी गर्व की अनुभूति करती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश ने विकास की लम्बी यात्रा तय की है। आज राज्य देश की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। प्रदेश ने स्वयं को तेजी के साथ उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप वर्ष 2029 तक प्रदेश स्वयं को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करेगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार की टीम लगातार कार्य कर रही है।

    मुख्यमंत्री जी आज यहां ‘ए0बी0पी0 न्यूज शिखर सम्मेलन उत्तर प्रदेश’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था नम्बर दो पर स्थापित हुई है। यहां की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। पहले की तुलना में जी0डी0पी0 में दोगुने से अधिक वृद्धि हुई है। आज प्रदेश बेहतर दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य देश के आर्थिक विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। इस भूमिका के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री जी की संकल्पना के अनुरूप भारत को 05 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षा, संस्कृति और समृद्धि की संकल्पना प्रदेश में आने वाले समय में भी देखने को मिलेगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की अवसंरचना में आमूल-चूल सुधार किए गए हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे क्रियाशील हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे पर कार्य चल रहा है। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के पूर्व यातायात के लिए मेन कैरेज-वे को प्रारम्भ करने का प्रयास है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे लगभग बनकर तैयार है। लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। दिल्ली-मेरठ के बीच 12 लेन का एक्सप्रेस-वे प्रारम्भ हो चुका है। यह देश में सबसे अधिक एक्सप्रेस-वे वाला राज्य है। प्रदेश देश में सबसे अधिक सिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा, मेट्रो का संचालन करने वाला राज्य है। प्रदेश सबसे अधिक एयरपोर्ट वाला राज्य भी बन चुका है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व यहां लगभग 22 करोड़ की आबादी निवास करती थी। इतनी बड़ी आबादी के लिए लखनऊ तथा वाराणसी में केवल दो एयरपोर्ट क्रियाशील थे। आज प्रदेश में 16 एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हैं। राज्य चार इण्टरनेशनल एयरपोर्ट के माध्यम से कार्य कर रहा है। इस वर्ष के अन्त तक प्रदेश भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट, जेवर एयरपोर्ट का निर्माण पूर्ण करने में सफल हो चुका होगा। प्रदेश में देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच तथा देश का पहला इनलैंड वॉटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच प्रारम्भ हो चुका है।

    प्रदेश में नए औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित किया जा रहे हैं। झांसी के पास 36 हजार एकड़ भूमि पर बीडा के नाम पर नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास करने के लिए प्रदेश सरकार ने कदम उठाया है। नोएडा को स्थापित होने में 46 वर्ष का समय लगा। इन 46 वर्षों में नोएडा के अन्तर्गत कुल 33 हजार एकड़ भूमि सम्मिलित हुई। बीडा की स्थापना में पहले चरण में ही 36 हजार एकड़ भूमि ली जा रही है। यहां पर नए निवेश आकर्षित होंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज राज्य के नागरिकों के देश-दुनिया में कहीं भी जाने पर वहां के लोगों में उनके प्रति सम्मान का भाव उत्पन्न होता है। उत्तर प्रदेश के नाम से वहां के प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक स्पंदन उत्पन्न होता है। यह बदली हुई तस्वीर ही नए उत्तर प्रदेश की पहचान है। पहले यहां के युवाओं, व्यापारियों, उद्यमियों तथा सामान्य नागरिकों के सामने पहचान का संकट था। साढ़े सात वर्ष पूर्व प्रदेश की पहचान दंगों, दुर्दांत माफियाओं, राजनीति के अपराधीकरण तथा भ्रष्टाचार से होती थी। लोगों के मन में भय और दहशत का भाव रहता था। युवाओं को नौकरी नहीं मिलती थी। भाई-भतीजावाद होता था। गुण्डागर्दी चरम पर थी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत साढ़े 07 वर्षों में हमने जो कहा वह करके दिखाया। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश दंगों, माफियाओं तथा अराजकता से मुक्त हुआ। राज्य में जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण कानून व्यवस्था का बेहतरीन वातावरण निर्मित हुआ है। प्रदेश में एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स भी कार्य करती है। इनके गैर कानूनी कब्जे से 64 हजार कड़ से अधिक भूमि को मुक्त कराया गया है। इससे अच्छा लैण्ड बैंक सृजित हुआ है। इस पर डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसके माध्यम से अनेक प्रकार के निवेश भी सामने आ रहे हैं। भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन पर गरीबों के लिए आवास बन रहे हैं। प्रयागराज में दुर्दांत भू-माफिया के कब्जे से मुक्त करायी गई भूमि पर हाईराइज बिलिं्डग का निर्माण कर गरीबों को समर्पित की गई है।

    आज प्रदेश निवेश का सबसे बेहतरीन गन्तव्य बना है। वर्ष 2023 में आयोजित यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से प्रदेश ने देश के सामने नजीर प्रस्तुत की। इसके माध्यम से प्रदेश को 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसमें से लगभग 12 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों की ग्राउण्ड ब्रेकिंग की जा चुकी है। वर्तमान में 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव तैयार है। शेष निवेश प्रस्तावों को लागू करने के लिए हमारी टीम लगातार कार्य कर रही है। वर्ष 2017 से पूर्व यहां कोई उद्यमी निवेश नहीं करना चाहता था। निवेशक यहां से पलायन करना चाहते थे। वर्ष 2017 से पूर्व इनमें से ज्यादातर इकाइयों ने दम तोड़ दिया था। लोग अन्य रोजगार की तरफ उन्मुख हो रहे थे।

    निवेश प्रदेश में नौकरी तथा रोजगार की सम्भावनाओं को भी आगे बढ़ा रहा है। यह निवेश किसी क्षेत्र विशेष में सीमित नहीं है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद को कुछ न कुछ निवेश अवश्य प्राप्त हुआ है। यह चीजें दिखाती हैं कि विकास वन-वे नहीं है। यह निवेश प्रधानमंत्री जी की समावेशी विकास की अवधारणा के अनुरूप पूरे प्रदेश में फैला हुआ है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए प्रदेश सरकार को चरणबद्ध तरीके से कार्य करना पड़ा। बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग का विश्वास अर्जित करना पड़ा। आज प्रदेश में 28 सेक्टोरियल पॉलिसी हैं। पॉलिसी के अन्तर्गत निवेश करने वाले निवेशकों के लिए प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन इन्सेंटिव प्रदान करने की व्यवस्था की है। सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म निवेश मित्र के माध्यम से एक साथ 450 एन0ओ0सी0 जारी की जा रही हैं। निवेश सारथी पोर्टल के माध्यम से बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के एम0ओ0यूज की मॉनीटरिंग की जा रही है। प्रदेश में यह सभी कार्य युद्ध तर पर आगे बढ़े हैं।

    प्रदेश सरकार ने बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए कदम उठाने के साथ-साथ परम्परागत उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए एक जनपद एक उत्पाद योजना बनायी गयी। यह योजना प्रदेश को एक्सपोर्ट हब के रूप में भी स्थापित कर रही है। एम0एस0एम0ई0 तथा एक जनपद एक उत्पाद योजना के माध्यम से राज्य के करोड़ों लोगों को रोजगार के साथ जोड़ने का काम भी किया गया है। प्रदेश में लगभग 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। यह इकाइयां राज्य में रोजगार तथा निवेश की बैकबोन का कार्य कर रही हैं। कोरोना कालखण्ड में लगभग 40 लाख श्रमिकों तथा कामगारों को 15 दिनों का राशन तथा रोजगार भत्ता उपलब्ध कराया गया। उनको रोजगार से जोड़ने के लिए एम0एस0एम0ई0 इकाइयों का आह्वान किया गया। श्रमिकों तथा कामगारों से कहा गया कि आप अपना कार्य जारी रखिए। आपके लिए कोविड हेल्प डेस्क, रॉ मैटेरियल सप्लाई लाइन, मार्केट से जोड़ने आदि की व्यवस्था प्रदेश सरकार द्वारा की जाएगी। परिणामस्वरूप 40 लाख श्रमिकों तथा कामगारों में से केवल 15 प्रतिशत लोग वापस गए, शेष को राज्य में ही काम मिल गया। वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में वह बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं।

    प्रदेश वर्ष 2017 के पूर्व पर्यटन के क्षेत्र में चौथे या पांचवें स्थान पर था। आज देश के सर्वाधिक पर्यटक प्रदेश में आ रहे हैं। प्रदेश के युवाओं को बिना भेदभाव के तथा निष्पक्ष व पारदर्शिता पूर्ण तरीके से सरकारी नौकरी प्रदान की जा रही है। अब तक यहां लगभग 07 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी से जोड़ा जा चुका है। राज्य के करोड़ों युवाओं के लिए निजी क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास तभी सार्थक हो सकता है जब हम विरासत को भी इसके साथ जोड़कर कार्य करेंगे। प्रदेश में विरासत और विकास का अद्भुत संगम बन रहा है। राज्य ने अपनी विरासत को पहचाना है। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम देश दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अयोध्या धाम एक नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हो चुका है। माँ विन्ध्यवासिनी धाम में माँ विन्ध्यवासिनी के भव्य कॉरिडोर के निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। वहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चित्रकूट धाम, नैमिषधाम, शुकतीर्थ के विकास के साथ-साथ ब्रज तीर्थ विकास परिषद के माध्यम से मथुरा, वृंदावन, बरसाना तथा गोकुल आदि सभी तीर्थों के सर्वांगीण विकास की कार्य योजना प्रभावी ढंग से लागू करने का कार्य किया गया है।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रदेशवासियों को धनतेरस पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज धनतेरस का पर्व है। भगवान धन्वंतरि का जन्म प्रदेश की सबसे प्राचीन नगरी के रूप में विख्यात सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी में हुआ था। आज पूरा देश आरोग्यता के इस देव के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहा है। कल अयोध्या धाम में दीपोत्सव का आयोजन होगा। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात श्रीरामलला के अपने पावन धाम में विराजमान होने के उपलक्ष्य में यह पहला दीपोत्सव है। प्रदेश में आगामी दिनों में दीपावली, भैया दूज व गोवर्धन पूजा आदि पर्व आयोजित होंगे। सुखद व शान्तिपूर्ण वातावरण में राज्य का प्रत्येक निवासी इन आयोजनों के साथ जुड़ेगा।

    इस अवसर पर जनप्रनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी

    • सरदार पटेल ने अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया: मुख्यमंत्री
    • उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा
    • आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे
    • 31 अक्टूबर को प्रस्तावित यह कार्यक्रम उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया
    • इस वर्ष पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा
    • लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होंगे
    • व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त, रन फॉर यूनिटी एकता दौड़ के साथ ही, भारतीय मनीषा के ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के उद्घोष को चरितार्थ करने का माध्यम

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देव माने जाते हैं। आज भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती है। इस दिवस को हम धनतेरस के रूप में भी मनाते हैं। आरोग्य के देवता की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वर्ष 1947 में अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। यह पर्व, त्योहार एवं महापुरुषों की जयन्ती हमें नए भाव से आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में एक भारत-श्रेष्ठ भारत को समर्पित फ्रीडम रन (रन फॉर यूनिटी) के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी। उन्होंने झण्डी दिखाकर रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया। ज्ञातव्य है कि रन फॉर यूनिटी 05, कालिदास मार्ग से के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम तक आयोजित की गई।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर को प्रस्तावित था, लेकिन उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण इस दौड़ को 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और भी अधिक है, जब पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम देश और प्रदेश में 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक वर्ष भर अलग-अलग रूपों में आयोजित होंगे।

    मुख्यमंत्री जी प्रदेशवासियों को भगवान धन्वंतरि जयन्ती, धनतेरस, दीपावली एवं छठ तक आयोजित होने वाले सभी पर्वों की बधाई दी। उन्होंने आगामी 31 अक्टूबर से लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 150वें जयन्ती वर्ष की शुरूआत के अवसर पर उनकी स्मृतियों को नमन कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आरोग्यता वहां पर होगी, जहां समाज स्वस्थ होगा। यदि व्यक्ति या समाज स्वयं रूग्ण है, तो वह समर्थ और सशक्त नहीं हो सकता। व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त है। भारतीय मनीषा ने ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के माध्यम से स्वास्थ्य के महत्व के विषय में बताया है। रन फॉर यूनिटी न केवल हमारी एकता दौड़ है, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भारतीय मनीषा के उद्घोष को चरितार्थ करने का भी एक माध्यम है। आरोग्य के देवता की जयन्ती पर हम रन फॉर यूनिटी के आयोजन से जुड़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी हैं। अखण्ड भारत के शिल्पी के रूप में पूरा देश लौहपुरुष सरदार पटेल का स्मरण करता है और उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखता है। वह प्रखर स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे और आजादी के आन्दोलन से जुड़े थे। वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ, उस समय ब्रिटिश सत्ता भारत को अलग-अलग भागों में बांटना चाहती थी। सरदार पटेल ने उस षडयंत्र को बेनकाब करते हुए अपनी सूझ-बूझ और दृढ़प्रतिज्ञ भाव से 563 रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल किया। इनमें बहुत सी रियासतें ऐसी थी, जो भारतीय गणराज्य में मिलने को तैयार नहीं थी। जूनागढ़ के नवाब तथा हैदराबाद के निजाम सहित सभी रियासतों को सरदार पटेल की दूरदर्शिता के सामने नतमस्तक होना पड़ा था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अखण्ड भारत का स्वरूप हमारे सामने है। उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। इसकी नींव में राष्ट्रीय एकता और अखण्डता हम सभी के लिए सर्वोपरि है। इस दौड़ से पहले सभी को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और आन्तरिक सुरक्षा की शपथ लेनी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि कोई भारत की सुरक्षा पर संेध लगाएगा, तो एक सजग नागरिक के रूप में हम मौन नहीं रह सकते। सुरक्षाबलों के बहादुर जवान अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करते हैं। सुरक्षाबलों के जवानों के भरोसे के साथ ही, एक नागरिक कर्तव्य के रूप में हमारा भी दायित्व है कि राष्ट्ररूपी यज्ञ में अपना योगदान दे। इसी योगदान का निर्वहन करने के लिए आज हम रन फॉर यूनिटी का हिस्सा बन रहे हैं।

    इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती की राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सरदार पटेल की सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में एकता का भाव उत्पन्न हुआ है।

    उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने छोटी-छोटी रियासतों को भारत में मिलाकर देश के विराट स्वरूप को प्रदर्शित करने का कार्य किया था। प्रधानमंत्री जी ने सरदार पटेल की सोच को धरातल पर उतारते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का कार्य किया है। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव, सांसद श्री नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष श्री मोहसिन रजा, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, खिलाड़ी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi ने प्रदेशवासियों को धनतेरस की हार्दिक बधाई देते हुए उनकी सुख-समृद्धि की मंगल कामना की

    CM Yogi ने प्रदेशवासियों को धनतेरस की हार्दिक बधाई देते हुए उनकी सुख-समृद्धि की मंगल कामना की

    CM Yogi: धनतेरस आरोग्यता के देवता भगवान धन्वंतरि की जयन्ती भी है  जो समाज स्वस्थ होगा, वही समृद्धि को भी प्राप्त करेगा

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने प्रदेशवासियों को धनतेरस की हार्दिक बधाई देते हुए उनकी सुख-समृद्धि की मंगल कामना की है।

    आज यहां जारी एक शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि धनतेरस भारत के सनातन हिन्दू धर्म के पुरुषार्थ चतुष्ट्य में धर्म के साथ अर्थ का भी द्योतक है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धनतेरस आरोग्यता के देवता भगवान धन्वंतरि की जयन्ती भी है। जो समाज स्वस्थ होगा, वही समृद्धि को भी प्राप्त करेगा। भगवान धन्वंतरि सभी प्रदेशवासियों के जीवन में सुख-समृद्धि लाएं तथा उत्तर प्रदेश आर्थिक रूप से अग्रणी प्रदेश के रूप में स्थापित हो, ऐसी मेरी कामना है।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ किया

    • यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का, संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा: मुख्यमंत्री
    • संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व, प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही
    • संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत, हमारी सनातन संस्कृति दुनिया का मार्गदर्शन कर रही
    • प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे
    • यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर
    • भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया
    • संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही
    • जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए
    • जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए
    • महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया
    • कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें स्वीकार करती कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती
    • प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए
    • प्रदेश सरकार द्वारा उ0प्र0 संस्कृत परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई, अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही
    • मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया
    • मुख्यमंत्री ने बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का है। संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा। संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व होना चाहिये। प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही है। संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत है। इस परम्परा के कारण ही विपरीत परिस्थितियों में अनेक झंझावातों का मुकाबला करते हुए हमारी सनातन संस्कृति सुरक्षित है तथा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दुनिया का मार्गदर्शन कर रही है। प्रदेश भर में युद्ध स्तर पर इस प्रकार के विद्यालय खोले जाने चाहिए जो गुरुकुल की परम्परा को पुनर्जीवित कर सकें।

    मुख्यमंत्री जी आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रुपये छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की। उन्होंने 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की धनराशि के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए।

    मुख्यमंत्री जी ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा को विश्वविद्यालय में समारोह के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह समारोह संस्कृत तथा भारतीय संस्कृति के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जब यहां पर सामूहिकता की भावना के साथ वैदिक मंगलाचरण आदि कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे थे, तो भारतीय सनातन धर्म की ऊर्जा के आध्यात्मिक स्वर गुंजायमान हो रहे थे। संस्कृत को समझने के लिए इन स्वरों को अंतःकरण में समाहित करना पड़ता है। श्रद्धाभाव के साथ इन स्वरों के साथ तारतम्य बनाते हुए संस्कृत की ऊर्जा तथा महत्ता की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस ऊर्जा से सम्पूर्ण प्रदेश को ओतप्रोत करने, युवाओं को इससे युक्त करने तथा प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी को इससे आप्लावित करने के लिए दीपावली पर्व से ठीक पूर्व देश के सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय में इस समारोह का आयोजन किया गया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गरीब तथा वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का अभिनन्दनीय प्रयास तो किया गया, लेकिन संस्कृत शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को उपेक्षित रखा गया। अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों के लिए ही स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी। इसमें आय सीमा की बाध्यता भी सम्मिलित कर दी गई थी। इस छात्रवृत्ति के विषय में विद्यार्थियों में जानकारी का अभाव था। प्रदेश सरकार ने संस्कृत के साथ जुड़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए इस स्कॉलरशिप की व्यवस्था की है। आज इस व्यवस्था का शुभारंभ सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से किया जा रहा है। कल तक 69,195 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि पहुंच जाएगी। जिन बच्चों का किसी बैंक में खाता नहीं है, वह भी अपना खाता तत्काल खुलवायें

    प्रदेश सरकार के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग इस सम्बन्ध में प्रत्येक विद्यार्थी का खाता खुलवाना सुनिश्चित करें। उनके खाते में वर्ष में दो बार स्कॉलरशिप भेजी जानी चाहिए ताकि उन्हें इस कार्य के लिए कहीं और न भटकना पड़े।  प्रदेश में प्रथमा से लेकर आचार्य तक के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने तथा इसके सम्बन्ध में आवेदन कराने के लिए संस्कृत शिक्षा से जुड़े प्रत्येक संस्थान को प्रयास करना पड़ेगा। अभी तक प्रथमा के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी। प्रदेश सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों को भी स्कॉलरशिप प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। संस्कृत के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए आप सभी के स्तर पर प्रयास किया गया है। आज की इस चकाचौंध से भरी दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है। ऐसे वातावरण में भी प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत केवल देववाणी तथा इहलोक व परलोक में संवाद का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह भौतिक जगत की अनेक समस्याओं का वैज्ञानिक पद्धति से समाधान का माध्यम भी बने, इस सम्बन्ध में विशिष्ट शोध कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया है। इसे स्वयं को संस्कृत के शोध का केंद्र बनाना पड़ेगा। संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही है। जिससे वह अपनी वृत्ति की चिंता किए बिना शोध कार्य कर सकें तथा भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को दुनिया के सामने रख सकें। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों विश्वविद्यालय में संरक्षित पांडुलिपियों का अवलोकन किया। यहां लगभग 75 हजार से अधिक प्राचीन पांडुलिपियां संरक्षित हैं। यहां अलग-अलग विषयों पर विशिष्ट शोधकार्य किए गए हैं। इसके सम्बन्ध में हमें और भी अच्छे ढंग से कार्यों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण का दायित्व संस्कृत और इसके प्रति अनुराग रखने वाले व्यक्ति ही उठा सकते हैं। इस कार्य में प्रदेश सरकार भरपूर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से विश्वविद्यालय की पूरी कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। हमें विश्वविद्यालय के पुरातन गौरव को पुनर्स्थापित करना है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया का वह प्रत्येक व्यक्ति जो मानवता तथा सर्वांगीण विकास का पक्षधर है वह संस्कृत का भी हिमायती है। कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें भी इस बात को स्वीकार करती हैं कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती है। इसके लिए आप सभी को स्वयं को तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए। इस कार्यक्रम को हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    जब सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रथमा, पूर्व मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा की मान्यता प्रदान की जाती थी, तब नेपाल तथा देश की अलग-अलग जगहों के विद्यार्थी काशी तथा गोरखपुर में अध्ययन करने आते थे। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद बनी। परिषद को मान्यता नहीं प्राप्त हुई लेकिन विद्यार्थियों का प्रवेश होता रहा। परिषद को मान्यता दिलाने का प्रयास कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विद्यार्थियों की संस्कृत के प्रति उदासीनता के बारे में पता किया तो ज्ञात हुआ कि मान्यता न होने के कारण विद्यार्थी यहां आने से कतराते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई। अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को पहले से मान्यता प्राप्त थी, यह देश का सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय अपनी गौरवशाली परम्परा के साथ आगे बढ़ा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था करने जा रही है कि संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बन्धित उन्हीं संस्थानों को सहायता दी जाएगी, जो विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था करेंगे। किसी व्यक्ति, आश्रम या न्यास द्वारा निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था के साथ विद्यालय प्रस्तुत करने पर प्रदेश सरकार ऐसे विद्यालयों को अनुदान प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें संस्कृत की मान्यता तथा अच्छे आचार्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्रता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विभाग से कहा है कि जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई है, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए। जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए। यदि नियुक्ति में इनको वेटेज दिया जाएगा तो वह शिक्षण के कार्य को अच्छे ढंग से आगे बढ़ाएंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने महर्षि अरविंद का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें बचपन में ही अध्ययन के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया था। भारत आकर जब उन्होंने भारत के बारे में जानकारी ली तथा यहां के मूल तत्वों को जाना तो ब्रिटिश सरकार की गुलामी करने से इनकार कर दिया। इसके पश्चात वह भारत के क्रांतिकारी अभियान में सम्मिलित हुए। उन्होंने पांडिचेरी में आश्रम बनाकर भारत की आध्यात्मिक परम्परा को आगे बढ़ाया।

    एक बार जब महर्षि अरविंद से पूछा गया कि भारत के पास सबसे बड़ा खजाना कौन सा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संस्कृत भाषा तथा उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना है। यह एक शानदार विरासत है। जब तक यह लोगों के जीवन को प्रभावित करती रहेगी, तब तक भारत की मूल प्रतिभा बनी रहेगी। महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के पहले ही कह दिया था कि जिस तिथि को उनका जन्मदिन होता है, आगामी समय में उसी तिथि पर देश को आजादी मिलेगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस देश की विरासत जितनी प्राचीन होती है, वहां उतने ही अधिक पर्व और त्योहार होते हैं। देश में धनतेरस से लेकर छठ पर्व तक अनेक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। सर्वत्र खुशी तथा उल्लास का वातावरण होगा। यह खुशी हम सभी में दिखनी चाहिए।

    उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया की सांस्कृतिक एवं शिक्षा की राजधानी काशी में 235 वर्ष प्राचीन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय देव भाषा संस्कृत का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है। संस्कृत भाषा हमारीसंस्कृति को जीवन्त बनाने में अपना योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारी संस्कृति निरन्तर बलवती हो रही है। भारत संस्कृति तथा आध्यात्मिक चेतना की धरा है। मुख्यमंत्री जी का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन है। मुख्यमंत्री जी ने अपने सुशासन के माध्यम से देश के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा प्रदान की है। इसके पूर्व, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा तथा श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो0 नागेन्द्र पाण्डेय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया।

    इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्यगण, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

    कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया तथा बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की।

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  • CM Yogi की आगामी पर्व एवं त्योहारों के सुचारु आयोजन, स्वच्छता तथा बेहतर कानून-व्यवस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

    CM Yogi की आगामी पर्व एवं त्योहारों के सुचारु आयोजन, स्वच्छता तथा बेहतर कानून-व्यवस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

    CM Yogi: बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे, बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए

    • पर्व एवं त्योहारों के इस समय में पुलिस और प्रशासन सहित पूरी टीम यू0पी0 को 24ग7 अलर्ट रहना होगा
    • सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी आवश्यक प्रबन्ध किए जाएं
    • हर जिले में ऐसी टीम होनी चाहिए जो सोशल मीडिया की निगरानी करती रहे, यहां फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह तथा फेक न्यूज प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए
    • यह सुनिश्चित करें कि कहीं से भी व्यापारियों के उत्पीड़न की शिकायत न आए, व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग लें और उन्हें अपेक्षित सहयोग दें
    • पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए
    • उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पहले निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो जाए
    • संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें
    • अयोध्या दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस वर्ष 30 अक्टूबर को होना, 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी, दोनों महत्वपूर्ण
    • आयोजनों में सेफ्टी-सिक्योरिटी और क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए
    • छठ पर्व को ‘स्वच्छता और सुरक्षा’ के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए
    • यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे अनवरत विद्युत आपूर्ति हो
    • परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएसभी विभागों में जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए

    CM Yogi ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत प्रदेशस्तरीय बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आगामी पर्व एवं त्योहारों के सुचारु आयोजन, स्वच्छता तथा बेहतर कानून-व्यवस्था आदि महत्वपूर्ण विषयों के सम्बन्ध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समस्त मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, अपर पुलिस महानिदेशक (जोन), समस्त पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक आदि वरिष्ठ अधिकारियों की सहभागिता रही। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिवगण से त्योहारों के दृष्टिगत उनकी विभागीय तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं। रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दशहरा और श्रावणी मेले हों या फिर ईद, बकरीद, बारावफात, मुहर्रम आदि पर्व, हर पर्व एवं त्योहार पर प्रदेश में सुखद माहौल रहा। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आगामी दिनों में धनतेरस, अयोध्या दीपोत्सव, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं। इसके अलावा अयोध्या में पंचकोसी, 14 कोसी परिक्रमा, कार्तिक पूर्णिमा स्नान आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि में है। शांति, सुरक्षा और सुशासन के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। पिछले अनुभवों से सीख लें। पर्व एवं त्योहारों के इस समय में पुलिस और प्रशासन सहित पूरी टीम यू0पी0 को 24ग7 अलर्ट रहना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी आवश्यक प्रबन्ध किए जाएं। पिछले एक माह की गतिविधियों की समीक्षा करें और चिन्हित उपद्रवियों/अराजक तत्वों को पाबंद करें। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए। यह हर्ष और उल्लास का समय है, इसमें उपद्रव स्वीकार नहीं किया जा सकता। अराजक तत्वों/उपद्रवियों को उनकी भाषा में ही जवाब देना उचित होगा। सोशल मीडिया पर चौकसी बढाएं। हर जिले में ऐसी टीम होनी चाहिए जो सोशल मीडिया की निगरानी करती रहे। यहां फेक अकाउंट बनाकर माहौल खराब करने वाली अफवाह तथा फेक न्यूज प्रसारित करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी और काली की प्रतिमा स्थापना की भी परंपरा है। प्रतिमा स्थापना कराने वाली संस्थाओं/समितियों से संवाद करें। संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती होनी चाहिए। दीपावली से पहले अलग-अलग समुदाय के धर्माचार्यों और पीस कमेटी के साथ संवाद-समन्वय बना लें। धनतेरस/दीपावली के अवसर पर हर आय वर्ग का परिवार कुछ न कुछ खरीदारी करता है। बाजारों में चहल-पहल अधिक होगी। इस बीच सभी जिलाधिकारी और जिला पुलिस प्रमुख यह सुनिश्चित करें कि कहीं से भी व्यापारियों के उत्पीड़न की शिकायत न आए। व्यवस्था बनाने में उनका सहयोग लें और उन्हें अपेक्षित सहयोग दें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों/गोदामों का आबादी से दूर होना सुनिश्चित कराएं। जहां पटाखों का क्रय-विक्रय हो, वहां फायर टेण्डर के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे। पटाखों की दुकानें खुले स्थान पर हों। इन्हें लाइसेंस/एन0ओ0सी0 समय से जारी कर दिया जाए। पटाखों के अवैध भंडारण पर कठोर कार्रवाई की जाए। उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को दीपावली से पहले निःशुल्क रसोई गैस सिलेण्डर उपलब्ध हो जाए। इसमें किसी स्तर पर विलम्ब नहीं होना चाहिए। गैस एजेंसियों से भी समन्वय बना लें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पी0आर0वी0 112 एक्टिव रहे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छोटी सी घटना लापरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है। त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होता है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी/पुलिस अधीक्षक जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस वर्ष 30 अक्टूबर को होना है। भव्य, दिव्य, नव्य श्रीरामजन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है। स्वाभाविक रूप से इस बार दीपोत्सव में श्रद्धालुओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक होगी। इसी प्रकार, 15 नवम्बर को वाराणसी में देव-दीपावली मनाई जाएगी। ऐसे में दोनों ही महत्वपूर्ण आयोजनों में सेफ्टी-सिक्योरिटी और क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था और अधिक अच्छी होनी चाहिए। दीपोत्सव और देव दीपावली की गरिमा के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि छठ पर्व को ‘स्वच्छता और सुरक्षा’ के मानक पर्व के रूप में आयोजित किया जाए। छठ महापर्व पर पूजा/अनुष्ठान के दौरान पूरे प्रदेश में स्वच्छ्ता का माहौल हो, इसके लिए नगर विकास और पंचायती राज विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जायें। लोगों की आस्था का यथोचित सम्मान करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि नदियां/जलाशय दूषित न हों। नदी/जलाशय के घाटों की साफ-सफाई करा लें और ट्रैफिक प्रबंधन भी किया जाए। उल्लास और उमंग के इस अवसर पर यह सुनिश्चित किया जाए कि आगामी 28 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे अनवरत विद्युत आपूर्ति हो। पावर कॉर्पोरेशन द्वारा इस सम्बन्ध में आवश्यक तैयारी कर ली जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य एवं ट्रॉमा सेवाएं अनवरत रूप से चलती रहनी चाहिए। गांव हो या नगर हर जगह चिकित्सकों की सुलभ उपलब्धता होनी चाहिए। मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत  खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए, किंतु जांच के नाम पर उत्पीड़न का प्रयास नहीं होना चाहिए। पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन में बढ़ोत्तरी स्वाभाविक है। बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए। खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठितजन के साथ संवाद बनाएं। मीडिया का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे। नेपाल राष्ट्र से सीमा साझा करने वाले जनपदों की संवेदनशीलता को देखते हुए यहां इंटेलिजेंस को और बेहतर करने का प्रयास हो।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी विभागों में आई0जी0आर0एस0, सम्पूर्ण समाधान दिवस और सी0एम0 हेल्पलाइन अथवा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्रीगण के स्तर से प्राप्त आम जनता की शिकायतों, आवेदनों के समयबद्ध और संतुष्टिपरक समाधान के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। इसकी हर दिन समीक्षा होनी चाहिए। शिकायतकर्ता से बात की जाए, उनका फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए। इसी प्रकार, जनपदों में भी विभागीय स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया जाए। रैंडम विधि से कुछ प्रकरणों में फील्ड विजिट करते हुए समस्या के समाधान होने का सत्यापन किया जाए।

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  • CM Yogi: नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार

    CM Yogi: नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार

    CM Yogi: मिशन रोजगार के अन्तर्गत नवचयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारियों, 360 ग्राम विकास अधिकारियों (समाज कल्याण) एवं 64 पर्यवेक्षकों (समाज कल्याण) को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम

    • मुख्यमंत्री ने नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये
    • अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया
    • आज बड़ी संख्या में बेटियों ने भी नियुक्त पत्र प्राप्त किया, यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
    • विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के समग्र विकास के लिए तैयार की गई रूपरेखा के क्रम में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण हिस्सा, अब तक लगभग 07 लाख युवाओं को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की जा चुकीं
    • यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के मिशन रोजगार के विजन को आगे बढ़ाने, युवाओं को उनकी आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप तथा उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार रोजगार प्रदान करने का अभियान
    • प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा, राज्य को प्रतिभा के बेहतर उपयोग का लाभ प्राप्त हो रहा
    • प्रदेश में सुरक्षा के बेहतर वातावरण के कारण निजी क्षेत्र में भी लाखों युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया
    • प्रदेश में लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके
    • युवाओं को अपने ही प्रदेश, जनपद व क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो रहा, युवा प्रदेश में रहकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे
    • अब उ0प्र0 देश की एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जा रहा, यहां विकास का वातावरण तैयार हुआ
    • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायत सर्वाधिक आधारभूत इकाई, इस आधारभूत इकाई को और अधिक सुदृढ़ करने में अपना योगदान देना होगा
    • प्रदेश की 57000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके, इनमें ऑप्टिकल फाइबर या इण्टरनेट का कनेक्शन अथवा वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी
    • गांव के लोगों की समस्या का समाधान गांव में ही होना चाहिए, आय, निवास तथा जाति प्रमाण पत्र आदि सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत को तैयार करना होगा
    • ग्राम पंचायतों में आय के स्रोत विकसित कर, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए, हर ग्राम पंचायत में आत्मनिर्भर बनने की सम्भावना छिपी
    • गांव का ड्रेनेज या सीवर किसी तालाब, नदी अथवा नाले में न गिरे बल्कि उसका निपटान देशी व परम्परागत पद्धति से किया जाए
    • स्मार्ट सिटी मिशन के विजन के अनुसार प्रदेश में 17 स्मार्ट सिटी बनायी जा रही, ग्राम पंचायतों को भी स्मार्ट बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए
    • ग्राम पंचायतों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे तथा स्ट्रीट लाइटें लगायी जाएं, इससे सुरक्षा के वातावरण के साथ-साथ प्रकाश की सुविधा मिलेगी
    • केंद्र अथवा प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिता होने पर प्रदेश की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका में दिखनी चाहिए
    • ग्राम पंचायतें ऐसी होनी चाहिए जिन्हें हम अन्य लोगों के सामने रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकें
    • समाज के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति बिना भेदभाव नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़कर प्रधानमंत्री जी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपनी ऊर्जा का भरपूर उपयोग करने को तैयार

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के समग्र विकास के लिए तैयार की गई रूपरेखा के क्रम में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग्य व सक्षम युवाओं के चयन के अभाव में सरकार की योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारना सम्भव नहीं होता है, क्योंकि अयोग्य अभ्यर्थियों के चयन से कार्य करने वाला तंत्र ही पैरालाइज हो जाता है। यह स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए वर्ष 2017 में ही प्रदेश सरकार ने तय किया था कि राज्य के सभी भर्ती बोर्ड आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करें, ताकि युवाओं की योग्यता और क्षमता का उपयोग प्रदेश के विकास व राज्य के 25 करोड़ लोगों के भाग्य को बदलने के लिए किया जा सके। प्रदेश की जनता के सामर्थ्य से राज्य को भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। आज प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रदेश को प्रतिभा के बेहतर उपयोग का लाभ प्राप्त हो रहा है। पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठवें तथा सातवें नम्बर पर थी। आज राज्य की अर्थव्यवस्था नम्बर दो पर है।

    मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत नवचयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारियों, 360 ग्राम विकास अधिकारियों (समाज कल्याण) एवं 64 पर्यवेक्षकों (समाज कल्याण) के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों एवं उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार है। नियुक्ति पत्र वितरण का यह कार्यक्रम लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जनपदों में भी आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मिशन रोजगार के विजन को आगे बढ़ाने तथा युवाओं को उनकी आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप तथा उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार रोजगार प्रदान करने का अभियान है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत साढ़े 07 वर्षों में अब तक लगभग 07 लाख युवाओं को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं। प्रदेश में सुरक्षा के बेहतर वातावरण के कारण निजी क्षेत्र में भी लाखों युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया है। पहले प्रदेश में निवेशक निवेश करने से कतराते थे। अब यहां बड़े-बड़े निवेश किये जा रहे हैं। लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके हैं। वर्तमान में लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रदेश सरकार द्वारा विचाराधीन हैं। इस प्रक्रिया को बहुत शीघ्र सम्पन्न किया जाएगा। यह निवेश केवल निवेश नहीं है, बल्कि इसमें रोजगार तथा विकास भी सम्मिलित है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का युवा नौकरी व रोजगार के लिए देश व दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में भटकता था। युवाओं के सामने पहचान का संकट था। आज युवाओं को अपने ही प्रदेश, जनपद व क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो रहा है। युवा प्रदेश में रहकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे हैं। युवा अपने परिवार की अच्छे ढंग से देखभाल व घर के कार्यों के साथ-साथ अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। शासन तथा निजी क्षेत्र हेतु योग्य तथा स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत ट्रेड तथा कोर्सेज संचालित किए गए हैं। इसके लिए बेहतर समन्वय बनाने का प्रयास किया गया है। इसी का परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश देश की एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जा रहा है। यहां विकास का वातावरण तैयार हुआ है। निवेश के माध्यम से रोजगार की अनेक संभावनाएं आगे बढ़ी हैं। वर्ष 2017 से पूर्व युवाओं के योग्य व सक्षम होने के बावजूद उन्हें भ्रष्टाचार तथा भेदभाव के कारण चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था।

    मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायत सर्वाधिक आधारभूत इकाई है। आप सभी को इस आधारभूत इकाई को और अधिक सुदृढ़ करने में अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए देशवासियों को लक्ष्य प्रदान किया है कि जब वर्ष 2047 में भारत अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब भारत आत्मनिर्भर और विकसित होना चाहिए। जो नींव आज आप रखेंगे वही आत्मनिर्भर और विकसित भारत की आधारशिला बनने वाली है। इसमें ग्राम पंचायतें अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करेंगी। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने अनेक कार्य पहले से सम्पन्न कर लिए हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से ग्राम पंचायतों को 29 विषयों पर कार्य करने का अधिकार दिया गया है। इन कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश स्तर पर सचिवालय, जनपद स्तर पर जिलाधिकारी के कार्यालय और विकास भवन अब प्रदेश की 57,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके हैं। इनमें ऑप्टिकल फाइबर या इण्टरनेट का कनेक्शन अथवा वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। ग्राम पंचायत सहायक के रूप में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति भी की जा चुकी है। अब आपको वहां पर स्वयं को साबित करना होगा। गांव के लोगों की समस्या का समाधान गांव में ही होना चाहिए। आय, निवास तथा जाति प्रमाण पत्र आदि सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत को तैयार करना होगा। ग्राम पंचायत की कार्य योजना को ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत से जुड़े हुए अन्य लोगों के साथ बैठकर तैयार करना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केवल केन्द्र तथा राज्य की धनराशि पर आश्रित न रहकर ग्राम पंचायतों में आय के स्रोत विकसित कर, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। हर ग्राम पंचायत में आत्मनिर्भर बनने की सम्भावना छिपी है। ग्राम पंचायत की सरप्लस भूमि पर या वर्तमान बाजार को ग्रामीण हाट के रूप में विकसित किया जा सकता है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि गांव का ड्रेनेज या सीवर किसी तालाब, नदी अथवा नाले में न गिरे बल्कि उसका निपटान देशी व परम्परागत पद्धति से किया जाए। इससे गांव के जल स्रोत शुद्ध रहेंगे। यदि गांव के तालाब देवस्थान से नहीं जुड़े हैं, तो इनका उपयोग मत्स्य पालन या दूसरे उपयोग के लिए किया जा सकता है। इसके माध्यम से ग्राम पंचायत के लिए अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंचायतीराज विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है कि जिन ग्राम पंचायतों को केन्द्र अथवा राज्य की वित्तीय सहायता मिलती है तथा ज्यादातर धनराशि वेतन भत्तों पर खर्च होती है। पहले चरण में उन ग्राम पंचायतों में जितना धन वह अपने वित्तीय स्रोतों से अर्जित करेंगी उतना ही अतिरिक्त धन राज्य सरकार द्वारा विकास कार्य हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राम पंचायत के लिए आय के अन्य स्रोत भी विकसित किये जा सकते हैं। जैसे गांव के सार्वजनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए कम्युनिटी सेंटर बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से गांव के पास एक भवन होगा तथा यूजर चार्ज के माध्यम से लोगों को सुविधा भी प्राप्त होगी।

    प्रधानमंत्री जी के स्मार्ट सिटी मिशन के विजन के अनुसार प्रदेश में 17 स्मार्ट सिटी बनायी जा रही हैं। ग्राम पंचायतों को भी स्मार्ट बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था, कार्यों में जनसहभागिता की व्यवस्था की जाए। गांव की नालियां साफ सुथरी होनी चाहिए। पहले गांव में एक गड्ढे में कूड़े का निस्तारण किया जाता था। इससे गन्दगी दूर होने के साथ ही खाद भी तैयार होती थी। अब फिर से खाद के गड्ढे बनाने की आवश्यकता है। पंचायत की रिजर्व भूमि पर खाद के गड्ढे, गौचर, निराश्रित गोआश्रय स्थल बनाये जाने चाहिए।

    ग्राम पंचायतों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे तथा स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं। इससे सुरक्षा के वातावरण के साथ-साथ प्रकाश की सुविधा भी मिलेगी। लाइट को समय पर ऑन तथा ऑफ किया जाना चाहिए। सेंसर या कर्मचारी की सहायता से यह कार्य किया जाना चाहिए। गांवों में अच्छे कार्यक्रमों या भजनों के प्रसारण के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जा सकता है। गांव के सार्वजनिक शौचालयों के साफ सफाई की निरन्तर व्यवस्था की जानी चाहिए। आमजन की सहभागिता बढ़ाते हुए सामुदायिक व्यवस्था को विकसित करना चाहिए। यदि यह सभी कार्य किए जाएंगे तो गांव स्वयं ही स्मार्ट बन जाएंगे। केन्द्र अथवा प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिता होने पर प्रदेश की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका में दिखनी चाहिए, जिससे हमारी ग्राम पंचायत को भी अच्छे पुरस्कार प्राप्त हो सकें। हमारी ग्राम पंचायतें ऐसी होनी चाहिए जिन्हें हम अन्य लोगों के सामने रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीबों तथा जरूरतमंदों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। जरूरतमन्दों को जमीन का पट्टा, आवास व शौचालय की सुविधा, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड आदि कार्यों में यदि आपका सहयोग रहेगा तो लोगों का विश्वास व्यवस्था तथा आपके साथ रहेगा। गरीब का आशीर्वाद किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यन्त कल्याणकारी होता है। यह जीवन यशस्वी बनने तथा लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्यों से यश प्राप्त कर रहा है, तो यह उसके लिए वरदान है। यही उसके लिए सौभाग्य का क्षण होता है। सरकार आपको हर प्रकार का संरक्षण प्रदान करेगी, लेकिन आम जनता के प्रति जवाबदेही को जमीनी धरातल पर उतार कर दिखाना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में फेयर प्राइस शॉप या कोटे की दुकान ग्राम सचिवालयों के पास मॉडल शॉप के रूप में बन रही हैं। इनके माध्यम से सरकारी राशन के साथ साथ अन्य आवश्यक सामान लोगों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। इन दुकानों से प्राप्त किराया ग्राम पंचायत में जमा करने से अतिरिक्त आय का सृजन होगा। इन सब कार्यों के लिए पहल किया जाना आवश्यक है। एक-एक पैसे का हिसाब किया जाना चाहिए। सरकार का पैसा सरकार के खाते में जाना चाहिए, जिससे इस धनराशि का उपयोग विकास के लिए किया जा सके। इससे आपका गांव चमकता हुआ दिखाई देगा। आपका गांव आत्मनिर्भर, विकसित तथा आदर्श ग्राम के रूप में सबके सामने होगा। इस दिशा में बेहतर प्रयास आपको नई पहचान दिलाएगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज के कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग से जुड़े हुए ग्राम विकास अधिकारी तथा पर्यवेक्षक भी नियुक्ति पत्र प्राप्त कर रहे हैं। समाज कल्याण विभाग बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है। विभाग 21 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति की बेटियों का विवाह, सामूहिक विवाह के कार्यक्रम, पेंशन की योजना सहित अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों से जुड़ी अनेक कल्याणकारी योजनाएं आदि कार्य मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैैं।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज यहां जनपद लखीमपुर खीरी के थारू जनजाति समुदाय के युवा ने भी नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है। पहले लोग मानते थे कि इस समुदाय से जुड़े युवा नौकरी नहीं कर पाएंगे। आज बड़ी संख्या में बेटियों ने भी नियुक्त पत्र प्राप्त किया है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समाज के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति बिना भेदभाव नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़कर प्रधानमंत्री जी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपनी ऊर्जा का भरपूर उपयोग करने को तैयार है।

    मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जितनी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ विज्ञापन के प्रकाशन से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण की कार्यवाही सम्पन्न की गई है। यदि आपका पूरा जीवन इसी पारदर्शिता तथा निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ेगा तो प्रदेश देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था अवश्य बनेगा। वर्ष 2047 में भारत एक विकसित तथा आत्मनिर्भर भारत के रूप में हम सभी के सामने होगा। इसके लिए हम सभी को प्राणपण से जुड़ना होगा।

    इस अवसर पर मिशन रोजगार पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम को पंचायतीराज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर तथा समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने भी सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव गोंड सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री नरेन्द्र भूषण, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ0 हरिओम, प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री एम0 देवराज, सूचना निदेशक श्री शिशिर, नव चयनित अभ्यर्थी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi ने युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi ने युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi: युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी का पूरा जीवन प्रभु श्रीराम के उन मूल्यों, आदर्शों तथा मर्यादाओं के लिए समर्पित था, जिन पर सनातन धर्म टिका हुआ

    • अपनी विशिष्ट व्याख्या और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने एक विशिष्ट शैली का सूत्रपात किया, उन्होंने लगभग 06 दशकों तक मानस के माध्यम से सनातन धर्म और देश की बहुमूल्य सेवा की
    • पूज्य रामकिंकर जी का पूरा जीवन तुलसी साहित्य और मानस के प्रति समर्पित था, उनकी कथा और रचनाएं आज भी हमें नई प्रेरणा और नई दिशा देती
    • जो लकीर का फकीर होता है, वह साधारण व्यक्ति होता है, जो लीक से हटकर विशिष्ट कार्य करता है, वही महापुरुष और विशिष्ट होता है
    • देश व धर्म के लिए पं0 रामकिंकर की निःस्वार्थ सेवाओं के लिए वर्ष 1999 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया
    • श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान उनकी कथाओं ने बहुत बड़ी जागरूकता का कार्य किया
    • पं0 रामकिंकर जी के विशिष्ट सम्बोधन, उनके विभिन्न उद्धरणों को स्मृति ग्रन्थ के रूप में आम जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए

    CM Yogi ने कहा कि युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी का पूरा जीवन प्रभु श्रीराम के उन मूल्यों, आदर्शों तथा मर्यादाओं के लिए समर्पित था, जिन पर सनातन धर्म टिका हुआ है। यह अत्यन्त गौरव का क्षण है कि हम आज पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी महाराज के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह से जुड़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां लखनऊ में मानसवेत्ता, पद्मभूषण, युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने पं0 रामकिंकर जी की स्मृतियों को नमन कर अपनी विनम्र भावांजलि दी। इस अवसर पर भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया गया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि युगतुलसी के रूप में विख्यात पूज्य रामकिंकर जी महाराज का पूरा जीवन तुलसी साहित्य और मानस के प्रति समर्पित था। अपनी विशिष्ट व्याख्या और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने एक विशिष्ट शैली का सूत्रपात किया। महापुरुषों के लक्षणों के सम्बन्ध में यजुर्वेद के मंत्र ‘वेदाहमेतं पुरुषं महान्तमादित्यवर्णं तमसः परस्तात्’ का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शास्त्रों में दो प्रकार के पुरुषों की चर्चा होती है। एक साधारण पुरुष, जिन्हें शास्त्रीय भाषा में प्राकृत पुरुष कहते हैं और दूसरे विशिष्ट पुरुष होते हैं। दोनों में भौतिक दृष्टि से ज्यादा अंतर नहीं होता है, लेकिन उनके कार्यों की विशिष्टता बता देती है कि वह अलग-अलग हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि जो लकीर का फकीरहोता है, वह साधारण व्यक्ति होता है। लेकिन जो लीक से हटकर विशिष्ट कार्य करता है, वही महापुरुष और विशिष्ट होता है। अपनी कथा और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने जिस विशिष्ट शैली को जन्म दिया, उसने भारत के राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जी से लेकर एक साधारण इंसान तक सभी को लाभान्वित किया। उनमें कोई भेद नहीं था। राम के प्रति जिसका भी अनुराग है, वह पं0 रामकिंकर जी महाराज की कथा का आनन्द ले सकता था और उससे लाभान्वित हो सकता था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पं0 रामकिंकर जी ने लगभग 06 दशकों तक मानस के माध्यम से सनातन धर्म और देश की बहुमूल्य सेवा की। देश व धर्म के लिए उनकी निःस्वार्थ सेवाओं के लिए वर्ष 1999 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। यह हमारा दायित्व है कि हम भी ऐसे महापुरुष के प्रति सम्मान का भाव रखें। 01 नवम्बर, 2024 को उनके जन्म के 100 वर्ष पूरे होंगे। यह बहुत अच्छा संयोग है कि पं0 रामकिंकर जी के जन्म शताब्दी वर्ष में ही प्रभु श्रीरामलला 500 वर्षों के बाद अयोध्या में विराजमान हो चुके हैं। एक सच्ची श्रद्धा का इससे अद्भुत उदाहरण दूसरा नहीं मिलेगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूज्य रामकिंकर जी हमारे बीच भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हैं। सन् 2002 में वह भौतिक रूप से हमसे अलग हो गए, लेकिन उनकी कथा और रचनाएं आज भी हमें नई प्रेरणा और नई दिशा देती हैं। श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान उनकी कथाओं ने बहुत बड़ी जागरूकता का कार्य किया। यह जन जागरण उसी प्रकार का था, जैसा कि मध्यकाल में संत तुलसीदास जी ने किया था। जब यह देश विदेशी आक्रांताओं से आहत हो रहा था, उस कालखण्ड में संत तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस के माध्यम से गांव-गांव में जन चेतना को जाग्रत करने का काम किया। संत तुलसीदास ने रामलीलाओं के मंचन के माध्यम से गांव-गांव को जोड़ने का काम किया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस समय तुलसीदास जी को बादशाह के दरबार में आने के लिए अनेक प्रलोभन दिए गए। लेकिन संत तुलसीदास जी ने कहा कि भारत का एक ही राजा है और वह है राम। यह एक संत की निर्भीकता है। भारत की रामलीलाओं में आज भी यह मंत्र और नारा गूंजता है कि ‘राजा रामचन्द्र की जय’। यह नारा तुलसीदास जी ने ही उस कालखण्ड में दिया था। जब भी हम लीक से हटकर काम करेंगे, वह लोगों को आकर्षित करेगा तथा उनके लिए प्रेरणादायी बनेगा। प्रभु श्रीराम की कथा इसके बारे में हमारे सामने अनेक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भी आम जनमानस श्रद्धाभाव से गांव-गांव में रामलीलाओं का आयोजन बिना सरकार पर आश्रित हुए करता है। इसमें पात्र गांव के ही नौजवान बनते हैं। उनमें कला एक नये रूप में देखने को मिलती है। अलग-अलग जगहों पर संवाद की एक नई शैली देखने को मिलती है। इसके माध्यम से गांव में सामाजिक सद्भाव स्थापित होता है और सनातन धर्म के मूल्य मजबूत होते हैं। श्री किशोर टण्डन जी का परिवार श्रद्धाभाव के साथ निरन्तर अपनी परम्परा का निर्वहन कर रहा है। ऐसे कार्यक्रम निरन्तर चलते रहने चाहिए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने अपने विख्यात महाकाव्य वाल्मीकि रामायण को एक विशिष्ट शैली व्यावहारिक संस्कृत में रचा। संत तुलसीदास जी ने अवधी शैली में रामचरितमानस की रचना की। यह हम सभी के लिए प्रेरणा और जन चेतना का माध्यम बन गयी। लोगों के यहां कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य बिना अखण्ड रामायण के नहीं होते। बरेली में जन्मे पं0 राधेश्याम जी ने राधेश्याम शैली के माध्यम से नये संवाद का सूत्रपात्र किया, वह भी विख्यात हो गया। इसी प्रकार युगतुलसी ने भी कथा की जिस विशिष्ट शैली को जन्म दिया, उसके माध्यम से वह विख्यात हो गए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि यह पं0 रामकिंकर जी का जन्म शताब्दी वर्ष है। इसके आयोजन पूरी भव्यता के साथ होने चाहिए। पं0 रामकिंकर जी के विशिष्ट सम्बोधन, उनके विभिन्न उद्धरणों को स्मृति ग्रन्थ के रूप में आम जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए।

    इस अवसर पर राज्य सभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी की मानस पुत्री एवं आध्यात्मिक उत्तराधिकारी पं0 पूज्य दीदी मंदाकिनी श्री रामकिंकर, मानस मर्मज्ञ पूज्य व्यास पं0 उमा शंकर शर्मा एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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  • CM Yogi ने बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि उ0प्र0 कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi ने बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि उ0प्र0 कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi: प्रधानमंत्री जी द्वारा विगत 10 वर्षों में किये गये कार्याें के परिणामस्वरूप भारत दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका

    • उ0प्र0 देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा, देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा
    • आज देश व दुनिया के बड़े उद्यमी प्रदेश में निवेश के प्रति आकर्षित हो रहे, इस वातावरण के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार को अनेक सुधार करने पड़े
    • एक साथ एक से डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ना बिजनेस में निवेश के माध्यम से सम्भव, राज्य में इस दिशा में बेहतरीन कदम उठाए गए
    • प्रदेश में औद्योगिक विकास की पहली नीति के अन्तर्गत रोजगार को समाहित किया गया
    • प्रदेश सरकार द्वारा 27 सेक्टोरियल पॉलिसी तैयार की गईं, राज्य में डिफेंस एवं एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, लॉजिस्टिक्स, कम्प्रेस्ड बायोगैस आदि से सम्बन्धित नीतियां बनाई गई
    • अब प्रदेश एफ0डी0आई0 और फॉर्चून 500 पॉलिसी के साथ देश व दुनिया के निवेश को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कार्य कर रहा
    • प्रदेश का बजट बढ़कर लगभग साढ़े 07 लाख करोड़ रु0 हो चुका, यह प्रदेश की समृद्धि तथा आर्थिक उन्नयन को दर्शाता
    • प्रदेश की जी0डी0पी0 बढ़कर वर्ष 2023-24 में लगभग 26 लाख करोड़ रुपए हो चुकी, मार्च, 2025 तक राज्य की जी0डी0पी0 32 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का अनुमान
    • सुरक्षा का वातावरण तथा जीरो टॉलरेंस की नीति सर्वाधिक महत्वपूर्ण, प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था के अन्तर्गत माफियाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई इसका एक उदाहरण
    • प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन किया गया, माफियाओं के कब्जे से 64,000 एकड़ भूमि मुक्त कराई गई
    • प्रदेश सरकार ने राज्य में व्यवसाय के अनुकूल वातावरण का निर्माण किया, सिंगल विंडो के रूप में निवेश मित्र पोर्टल का निर्माण किया गया, आज यह देश का सबसे बड़ा सिंगल विंडो पोर्टल
    • निवेशकों को इन्सेंटिव का ऑनलाइन वितरण किया जा रहा,
      इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग भी हो रही, इन्सेंटिव प्राप्त कर निवेशकों के मन में सरकार के प्रति विश्वास में वृद्धि हुई
    • आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुकी, नम्बर एक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही
    • प्रदेश में कम्प्रेस्ड बायोगैस की सर्वाधिक इकाइयां, राज्य सरकार ने अवसंरचना के क्षेत्र में भी अनेक कदम उठाए
    • आज राज्य के हाईवे, एक्सप्रेस-वे तथा अन्य सड़कें देश की सबसे अच्छी सड़कों में सम्मिलित, गंगा एक्सप्रेस-वे पर तेजी के साथ कार्य चल रहा
    • गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे लगभग बनकर तैयार, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा
    • दिल्ली तथा मेरठ के बीच में देश का पहला 12 लेन एक्सप्रेस-वे प्रारम्भ हो चुका, दिल्ली और मेरठ के बीच में देश की पहली रैपिड रेल प्रारम्भ हो चुकी, प्रदेश के 6 शहर मेट्रो से जुड़े हुए
    • प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाईवे, एक्सप्रेस-वे तथा रेलवे नेटवर्क
    • वाराणसी में लॉजिस्टिक्स मल्टी मॉडल टर्मिनल निर्माण, गौतमबुद्धनगर में लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब निर्माण तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कार्य तेजी के साथ आगे बढ़े
    • प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गईं नई पहलों में एक जनपद एक उत्पाद योजना भी सम्मिलित, इस योजना के माध्यम से देश दुनिया में प्रदेश की ब्रांडिंग की गई
    • राज्य सरकार द्वारा गांव के हस्तशिल्पियों के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित किया गया विश्वकर्मा श्रम सम्मान तथा पी0एम0
    • विश्वकर्मा जैसी योजनाएं परम्परागत रूप से कार्य करने वाले लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहीं
    • सी0एस0आर0 नीति के तहत एस0जी0पी0जी0आई0 को दो प्रोजेक्ट उपलब्ध कराये गये, इसमें से एक अमेरिका के सलोनी फाउंडेशन का प्रोजेक्ट
    • बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा समृद्धि कॉन्क्लेव का प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजन एक सकारात्मक पहल

    CM Yogi ने कहा है कि प्रधानमंत्री जी द्वारा विगत 10 वर्षों में जो कार्य किए गए, उसके परिणामस्वरूप भारत दुनिया की पाँचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो चुका है। उत्तर प्रदेश आज देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। प्रदेश, देश के ग्रोथ इंजन के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। आज देश व दुनिया के बड़े उद्यमी प्रदेश में निवेश के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। इस वातावरण के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार को अनेक सुधार करने पड़े।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां लखनऊ में बिजनेस स्टैंडर्ड समृद्धि उत्तर प्रदेश कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब हम आर्थिक समृद्धि की बात करते हैं तो बिजनेस भी उसका एक हिस्सा होता है। श्रीमद्भगवद्गीता में बिजनेस की विस्तृत व्याख्या की गयी है। ‘कृषिगौरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम्।’ इसका तात्पर्य है कि खेती, गोरक्षा, और व्यापार वैश्यों के लिए कार्य के गुण हैं। कृषि, गोरक्षा तथा आर्थिक गतिविधियां आदि व्यवसाय के अन्तर्गत आते हैं। आगे चलकर कृषि तथा गोरक्षा को व्यवसाय से अलग कर दिया गया। स्वतंत्र भारत में वाणिज्यिक गतिविधियों के अन्तर्गत केवल उस आर्थिक लेनदेन को सम्मिलित किया जाता है, जिसके अन्तर्गत पूंजी का वृहद आयाम जुड़ा होता है। लेकिन व्यापकता में जाने पर पता चलता है कि कृषि, पशुपालन तथा डेयरी सेक्टर इससे
    अलग नहीं हो सकता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। यहां लगभग 25 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। ऐसा कौन सा कारण था जो उत्तर प्रदेश को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनने से रोक रहा था। आज प्रदेश में सबसे सस्ता व स्किल्ड मैनपावर है। काशी तथा प्रयागराज ने देश के प्रमुख शिक्षा केंद्रों के रूप में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन किया था। यह कभी प्राच्य विद्या के केंद्र थे। दुनिया का सबसे प्राचीन गुरुकुल, महर्षि भारद्वाज का गुरुकुल प्रयागराज में स्थित था। हम कालचक्र को नहीं समझ पाए। हमने समय की गति को नहीं पहचाना, परिणामस्वरूप शिक्षा के केन्द्र, स्किल्ड मैनपावर, सर्वाधिक उपजाऊ भूमि तथा दुनिया का सर्वाधिक अच्छा जल संसाधन होने के बावजूद हम पिछड़ गए।

    आज से साढ़े 07 वर्ष पूर्व प्रदेश के युवाओं, व्यापारियों तथा किसानों के सामने पहचान का संकट था। देश का हर बड़ा उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश करने से कतराता था। व्यवसाय करने तथा सामान्य जीवन का निर्वाह करने के लिए सुरक्षा पहली शर्त होती है। सारी गतिविधियां कानून के अनुसार होती हुई दिखाई देनी चाहिए। जिस राज्य में हर दूसरे तीसरे दिन दंगे होते रहे हों, जिस राज्य में व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी नहीं है, तो उसकी पूंजी की सुरक्षा की गारंटी कैसे होगी। उस समय प्रदेश में यही माहौल था। पहले यहां विकास के लिए योजनाओं, नीतियों तथा लैंड बैंक का अभाव था। ‘पिक एण्ड चूज’ के माध्यम से भेदभाव किया जाता था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को नए सिरे से आगे बढ़ाने तथा प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए वर्ष 2017 में विचार मंथन किया गया। दुनिया के अलग-अलग देश में रोड शो आयोजित किए गए। प्रदेश में हो रहे सकारात्मक बदलावों को देखकर उद्यमी यहां निवेश के लिए तैयार हुए। वह निवेशकों से बात करने स्वयं मुम्बई गए जहां ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अंततः प्रदेश के पहली इन्वेस्टर्स समिट में 04 लाख 59 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके पश्चात फरवरी 2023 में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गयी। इस इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इसके माध्यम से एक करोड़ 50 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रदान किया जा सकेगा।
    एक साथ एक से डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ना बिजनेस में निवेश के माध्यम से सम्भव है। राज्य में इस दिशा में बेहतरीन कदम उठाए गए हैं। सरकारी क्षेत्र में नौकरियां सीमित होती हैं। हालांकि प्रदेश में अलग-अलग फेज में 1,54,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई। लेकिन हर साल एक लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती संभव नहीं है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास की पहली नीति के अन्तर्गत रोजगार को भी समाहित किया गया। निवेश हमें इसलिए लेकर आना है, ताकि प्रदेश के औद्योगिक विकास में वृद्धि के साथ-साथ यहां के युवाओं को रोजगार के साथ जोड़ा जा
    सके। प्रदेश सरकार द्वारा 27 सेक्टोरियल पॉलिसी तैयार की गई हैं। इनमें बहुत सारी नीतियां ऐसी हैं, जिन्हें केवल उत्तर प्रदेश में लागू किया गया है। राज्य में डिफेंस एवं एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, लॉजिस्टिक्स, कम्प्रेस्ड बायोगैस आदि से संबंधित नीतियां भी बनाई गई हैं। अब प्रदेश एफ0डी0आई0 और फॉर्चून 500 पॉलिसी के साथ देश व दुनिया के निवेश को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कार्य कर रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश में न बेटी सुरक्षित थी और न ही व्यापारी। यहां अराजकतापूर्ण माहौल था। उस समय उत्तर प्रदेश 20 से 22 करोड़ की आबादी वाला राज्य था, लेकिन वार्षिक बजट केवल 02 लाख करोड़ रुपए था। ऊंट के मुंह में जीरा का मुहावरा अक्षरशः सही साबित हो रहा था। आज प्रदेश का बजट बढ़कर लगभग साढ़े 07 लाख करोड़ रुपए हो चुका है। यह प्रदेश की समृद्धि तथा आर्थिक उन्नयन को दर्शाता है। उस समय प्रदेश की जी0डी0पी0 लगभग 12 लाख करोड़ रुपए थी। आज यह बढ़कर वर्ष 2023-24 में लगभग 26 लाख करोड़ रुपए हो चुकी है। मार्च, 2025 तक राज्य की जी0डी0पी0 32 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाने का अनुमान है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रदेश सरकार ने पहल की, उद्यमियों को आमंत्रित किया, परंपरागत उद्यम को प्रोत्साहित किया, लैंड बैंक का निर्माण किया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुरक्षा का वातावरण तथा जीरो टॉलरेंस की नीति सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था के अन्तर्गत माफियाओं के खिलाफ की गई कार्रवाई इसका एक उदाहरण है। इसके लिए सरकार को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज प्रदेश सुरक्षित है। यहां दंगा करने का दुस्साहस कोई नहीं कर सकता। इस वातावरण के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस का मनोबल बढ़ाने के लिए भी कार्य करने पड़े। पुलिस भर्ती प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाया गया। पुलिस को टेक्नोलॉजी से लैस किया गया। पुलिस की ट्रेनिंग की क्षमता को तीन गुना बढ़ाया गया। इसके अन्तर्गत पैरामिलिट्री तथा मिलिट्री के सेन्टर भी लिए गए। पहले प्रदेश में 6,000 पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग एक बार में हो सकती थी। उस समय ट्रेनिंग के समय को कम करके 06 माह करने का प्रयास किया गया। वर्तमान सरकार ने पुलिस कार्मिकों को पूरे 09 माह ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की। आज उत्तर प्रदेश पुलिस जब चलती है, तो गुंडे व माफिया कांपते हुए दिखाई देते हैं। वह जानते हैं कि कानून के साथ खिलवाड़ करने का दुष्परिणाम क्या हो सकता है। प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण प्रदान करने के साथ-साथ एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन भी किया
    गया। पहले भूमाफिया गरीबों की जमीनों पर कब्जा करते थे। इसके खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की गई। माफियाओं के कब्जे से 64,000 एकड़ भूमि मुक्त कराई गई। पहले निवेशकों को राज्य में भूमि उपलब्ध नहीं हो पाती थी। आज भूमि की कमी नहीं है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में व्यवसाय के अनुकूल वातावरण का निर्माण किया। सिंगल विंडो के रूप में निवेश मित्र पोर्टल का निर्माण किया गया। आज यह देश का सबसे बड़ा सिंगल विंडो पोर्टल है। इसके माध्यम से निवेशकों को साढ़े 400
    से अधिक एन0ओ0सी0 उपलब्ध कराई जाती हैं। मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करते हुए एम0ओ0यू0 की मॉनीटरिंग के लिए निवेश सारथी पोर्टल तैयार किया गया है। निवेशकों को इन्सेंटिव का ऑनलाइन वितरण किया जा रहा है तथा इसकी ऑनलाइन मॉनीटरिंग भी हो रही है, ताकि निवेशकों को इन्सेंटिव के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। कुछ दिन पूर्व निवेशकों को एक साथ बुलाकर लगभग 1,300 करोड़ रुपए के इन्सेंटिव वितरित किए गए। इन्सेंटिव प्राप्त कर निवेशकों के मन में सरकार के प्रति विश्वास में वृद्धि हुई है। युवाओं के मन में भी यह विश्वास जगा है कि निवेश से रोजगार की गारण्टी प्राप्त होगी। प्रदेश सरकार की नीतियों के प्रति निवेशकों का विश्वास बढ़ाना तथा लोगों को निवेश से अवगत कराना इस आयोजन का उद्देश्य था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को सरल किया गया। वर्ष 2017 से पूर्व राज्य ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में 14 वें स्थान पर था। आज हम टॉप अचीवर्स में सम्मिलित हैं। हम नम्बर दो पर तो वर्ष 2019 में ही आ चुके थे। राज्य देश में पहले और दूसरे नम्बर की प्रतिस्पर्धा में सम्मिलित है। पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठवें या सातवें नम्बर पर थी। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्य प्रदेश से आगे थे। आज प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन चुकी है तथा नम्बर एक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही है। राज्य, देश में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किए गए। इनमें कृषि, पशुपालन, डेयरी आदि क्षेत्रांे में किये गये कार्य सम्मिलित हैं। प्रदेश में कम्प्रेस्ड बायोगैस की सर्वाधिक इकाइयां हैं। राज्य सरकार ने अवसंरचना के क्षेत्र में भी अनेक कदम उठाए हैं। पहले प्रदेश में सड़कों की स्थिति अत्यन्त खराब थी। आज राज्य के हाईवे, एक्सप्रेसवे तथा अन्य सड़कें देश की सबसे अच्छी सड़कों में सम्मिलित हैं। आज हमारे पास सर्वाधिक एक्सप्रेसवे हैं।

    कोरोना कालखण्ड में भी हमने एक्सप्रेसवे के कार्य को बंद नहीं होने दिया। परिणाम स्वरुप पूर्वांचल तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ। गंगा एक्सप्रेसवे पर तेजी के साथ कार्य चल रहा है। वर्ष 2025 के प्रारम्भिक महीनो में ही इस एक्सप्रेसवे के कैरेजवे को प्रारम्भ करने का प्रयास है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे लगभग बनकर तैयार है। बलिया लिंक एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है। दिल्ली तथा मेरठ के बीच में देश का पहला 12 लेन एक्सप्रेस वे प्रारम्भ हो चुका है। दिल्ली और मेरठ के बीच में देश की पहली रैपिड रेल प्रारंभ हो चुकी है। प्रदेश के 6 शहर मेट्रो से जुड़े हुए हैं।

    प्रदेश में देश का सबसे बड़ा हाईवे, एक्सप्रेस-वे तथा रेलवे नेटवर्क है। देश का पहला वॉटर-वे भी वाराणसी तथा हल्दिया के बीच में संचालित हो चुका है। प्रदेश में लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में भी अनेक कार्य किए गए हैं। वाराणसी में लॉजिस्टिक्स मल्टी मॉडल टर्मिनल निर्माण, गौतमबुद्धनगर में लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब निर्माण तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के कार्य तेजी के साथ आगे बढ़े हैं। इन सब कार्यों की नींव कानून व्यवस्था तथा सुरक्षा के बेहतर वातावरण में सम्भव है। प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में निरंतर प्रयास किए गए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई नयी पहलों में एक जनपद एक उत्पाद योजना भी सम्मिलित है। इस योजना के माध्यम से देश, दुनिया में प्रदेश की ब्रांडिंग की गई। इसके माध्यम से प्रदेश का प्रत्येक जनपद एक यूनीक उत्पाद देने में सफल हुआ। इन उत्पादों से संबंधित प्रदेश में 75 जी0आई0 टैग हैं। सर्वाधिक जी0आई0 टैग वाराणसी में हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के निर्यात में वृद्धि हुई है। अब राज्य के आमों का निर्यात अमेरिका तथा मॉस्को को किया जाता है। जब प्रदेश के मंत्री तथा मुख्य सचिव ने यहां के किसानों के साथ रूस का दौरा किया तो यहां के आमों की कीमत मॉस्को में 1,000 रुपए प्रति किलो प्राप्त हुई। आमों के निर्यात के माध्यम से निर्यात आदि के खर्चों को घटाने के पश्चात किसानों को प्रति किलो 700-800 रुपए का लाभ प्राप्त हो सकता है। हालांकि प्रदेश सरकार किसानों को 90 रुपए इन्सेंटिव भी उपलब्ध कराती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले भदोही का कारपेट उद्योग दम तोड़ चुका था। आज भदोही 8,000 करोड़ रुपए की कारपेट निर्यात कर रहा है। पहले फिरोजाबाद में कांच उद्योग बंदी की कगार पर था। प्रदेश सरकार द्वारा कारीगरों को तकनीकी तथा सुविधाओं से जोड़ा गया परिणामस्वरूप ग्लास उद्योग एक बार फिर से चमक चुका है। फिरोजाबाद ढाई से 03 हजार करोड़ रुपए का निर्यात कर रहा है। मेरठ दुनिया के सबसे अच्छे स्पोर्ट्स आइटम बना रहा है। ऐसे ही प्रदेश के विभिन्न जनपदों के अनेक उत्पाद देश दुनिया के सामने अपनी अलग पहचान प्रस्तुत कर रहे हैं। जब उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग इसके साथ जुड़ती है, तो वह प्रधानमंत्री जी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करती हुई दिखाई देती है। वोकल फॉर लोकल की अवधारणा इस परिकल्पना को सम्बल प्रदान करती है। इसके माध्यम से महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना भी साकार होती हुई दिखाई देती है। राज्य सरकार द्वारा गांव के हस्तशिल्पियों के लिए भी अनुकूल वातावरण निर्मित किया गया है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान तथा पी0एम0 विश्वकर्मा जैसी योजनाएं परम्परागत रूप से कार्य करने वाले लोगों के लिए मील का पत्थर साबित हो रही हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 16वीं सदी तक दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत 25 प्रतिशत योगदान देता था। ऐसा क्या कारण था कि विदेशी आक्रांता हमारे हस्तशिल्प तथा कारीगरों को समाप्त कर गए। आज हम कहां पर खड़े हैं। विश्व की अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की जी0डी0पी0 कितनी है, यह विचारणीय प्रश्न हैं। एक समय था जब भारत विश्व की अर्थव्यवस्था को नेतृत्व प्रदान करता था। परम्परागत हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों का हुनर इसमें बड़ा योगदान दे रहा था। बड़े निवेश के लिए एम0एस0एम0ई0 तथा स्किल मैनपावर आधार होता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है, जब सी0एस0आर0 नीति के तहत एस0जी0पी0जी0आई0 को दो प्रोजेक्ट उपलब्ध कराये गये हैं। इसमें से एक अमेरिका के सलोनी फाउंडेशन का प्रोजेक्ट है। सलोनी फाउंडेशन का गठन हृदय रोग से पीड़ित अमेरिका की नवजात बच्ची की स्मृति में किया गया था। इन लोगों का उत्तर प्रदेश से कोई सम्बन्ध नहीं है। निवेश के सुरक्षित वातावरण के कारण यह फाउंडेशन प्रदेश में निवेश को तैयार हुआ। एस0जी0पी0जी0आई0 में इस फाउंडेशन के फर्स्ट फेज का कार्य सम्पन्न हो चुका है। जन्म से हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के निःशुल्क उपचार के लिए 36 बेड संचालित हो चुके हैं। सेकेंड फेज में 200 नए बेड के लिए कार्यक्रम का शुभारम्भ हो रहा है। प्रदेश में अमेरिका से आया सी0एस0आर0 के अन्तर्गत यह सबसे बड़ा फण्ड है। ऐसे कार्य पहल करने से ही सम्भव होते हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के साथ सलोनी की स्मृतियां सदैव जीवित रहेंगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिजनेस स्टैंडर्ड ने इस कार्यक्रम को लगातार 15 वर्ष आयोजित किया है। प्रत्येक महीने अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर एम0एस0एम0ई0, कृषि, हॉर्टिकल्चर, डेयरी आदि सेक्टर्स से संबंधित कॉन्क्लेव आयोजित किए जाने चाहिए। व्यवसाय के साथ कृषि पशुपालन तथा डेयरी सेक्टर को भी जोड़ना चाहिए। परम्परागत उद्यमों को भी इसके साथ जोड़ा जाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी द्वारा लांच की गई अभिनव योजना पी0एम0 विश्वकर्मा को भी सम्मिलित करते हुए कार्य करेंगे तो बहुत सारे लोगों को रोजगार मिलेगा। जो लोग परम्परागत रूप से कार्य कर रहे हैं, उनको इसका लाभ तथा प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार की योजनाओं के लाभ के साथ-साथ इसकी ब्रांडिंग भी होगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीपावली पर्व के ठीक पूर्व बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा समृद्धि कॉन्क्लेव का प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजन एक सकारात्मक पहल है। उन्हें अवगत कराया गया है कि बिजनेस स्टैंडर्ड वर्ष 2009 से इस कॉन्क्लेव का लगातार आयोजन करता आ रहा है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मण्डल तथा जनपद स्तर पर विशिष्ट योजनाओं को जोड़ते हुए ऐसी कॉन्क्लेव आयोजित करनी चाहिए। औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एन0आर0आई0 तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, निदेशक सूचना श्री शिशिर, बिजनेस स्टैंडर्ड के सम्पादक श्री कैलाश नौटियाल, सम्पादकीय निदेशक श्री अशोक कुमार भट्टाचार्य, बिजनेस स्टैंडर्ड से जुड़े हुए पदाधिकारी गण, सम्पादक गण, उद्यमी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi ने जनपद मथुरा में विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा की

    CM Yogi ने जनपद मथुरा में विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा की

    CM Yogi: किसानों को आवश्यकतानुसार डी0ए0पी0 का वितरण किया जाए, अधिकारी नियमित रूप से केन्द्रों का निरीक्षण करें

    • नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य ससमय पूर्ण करने तथा आगामी 15 नवम्बर तक नहरों में पानी पहुंचाए जाने के निर्देश
    • आपदा एवं अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त मकान एवं फसलों के नुकसान का भुगतान ससमय किया जाए
    • जनपद में समग्र विकास की व्यवस्था होनी चाहिए, अधिकारियों की एक टीम
    • अयोध्या एवं काशी का भ्रमण करे और विकास के नये आयामों को विकसित करें
    • समाजसेवियों का सहयोग लेते हुए पी0पी0पी0 मॉडल पर पौराणिक कुण्डों का जीर्णोद्धार कराया जाए
    • आई0जी0आर0एस0 एवं सी0एम0 हेल्पलाइन की शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण करें
    • मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा समय पर एन0ओ0सी0 प्रदान करने तथा मानचित्र आदि की स्वीकृति करने के निर्देश
    • मुख्यमंत्री ने श्री बांके बिहारी जी मन्दिर पर भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की
    • सुरक्षा हेतु पैदल गश्त, पी0आर0वी0 एवं मोटर साइकिल से पेट्रोलिंग बढ़ाए जाने के निर्देश
    • मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया

    CM Yogi ने आज जनपद मथुरा में विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने जनपद में डी0ए0पी0, यूरिया, एन0पी0के0 तथा एम0ओ0पी0 की डिमाण्ड के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने जनपद में डी0ए0पी0 की कालाबाजारी पर रोक लगाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को आवश्यकतानुसार डी0ए0पी0 का वितरण किया जाए। अधिकारी नियमित रूप से केन्द्रों का निरीक्षण करें तथा पड़ोसी जिलों/राज्यों में डी0ए0पी0 की कालाबाजारी पर अंकुश लगाएं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य ससमय पूर्ण करने तथा आगामी 15 नवम्बर तक नहरों में पानी पहुंचाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा एवं अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त मकान एवं फसलों के नुकसान का भुगतान ससमय किया जाए। उन्होंने मथुरा में सर्किट हाउस बनाये जाने के सम्बन्ध में निर्देश देते हुए कहा कि सर्किट हाउस लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जाएगा तथा उसका रख-रखाव भी लोक निर्माण विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि जनपद में समग्र विकास की व्यवस्था होनी चाहिए। अधिकारियों की एक टीम अयोध्या एवं काशी का भ्रमण करे और विकास के नये आयामों को विकसित करें। उन्होंने जनपद के विकास हेतु बेहतर रोड, रेल, रोप-वे, वॉटर-वे आदि की कनेक्टिविटी बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में श्रद्धालुओं के लिए अच्छे होटल एवं रेस्टोरेण्ट तथा उनके वाहनों हेतु पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाजसेवियों का सहयोग लेते हुए पी0पी0पी0 मॉडल पर पौराणिक कुण्डों का जीर्णोद्धार कराया जाए। यमुना जी के शुद्धिकरण के लिए कठोर कार्यवाही करें। नाले सीधे यमुना जी में न गिरें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगर निगम एवं जिला पंचायत द्वारा किए गए कार्यों के लोकार्पण हेतु शिलापट्ट में सांसदगण एवं विधायकगण के नाम अंकित करें। आई0जी0आर0एस0 एवं सी0एम0 हेल्पलाइन की शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण करें। फर्जी निस्तारण करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाए। सभी विभाग अपने-अपने नोडल अधिकारी नामित करें।

    मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत खुदी हुई सड़कों की मरम्मत ससमय न किये जाने पर फर्म तथा जल जीवन मिशन के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। यदि खुदी हुई सड़कों के कारण दुर्घटना होती हैं, तो सम्बन्धित के विरुद्ध एफ0आई0आर0 करायें। सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिलाधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि उक्त पाइपलाइन के कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाये।

    मुख्यमंत्री जी ने मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा समय पर एन0ओ0सी0 प्रदान करने तथा मानचित्र आदि की स्वीकृति करने के निर्देश दिए। उन्होंने आई0टी0एम0एस0 के संचालन तथा सेफ सिटी के अन्तर्गत लगाए गए कैमरों की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित करें कि सभी कैमरे कार्यशील रहें। उन्होंने सॉलिड वेस्ट मेनेजमेण्ट के अन्तर्गत कूड़ा निस्तारण के निर्देश भी दिए।

    मुख्यमंत्री जी ने श्री बांके बिहारी जी मन्दिर पर भीड़ नियंत्रण एवं सुरक्षा की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि सुरक्षा हेतु जोन एवं रेंज से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री जी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा हेतु पैदल गश्त, पी0आर0वी0 एवं मोटर साइकिल से पेट्रोलिंग बढ़ाए जाने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री जी के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने विकास के सम्बन्ध में अपने सुझाव रखे।

    जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि जनपद में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय चौमुहां एवं मथुरा में विज्ञान लैब का शुभारम्भ हुआ है। जनपद में 85 आंगनबाड़ी केन्द्रों को लर्निंग लैब के रूप में विकसित किया गया है। जनपद में स्वयं सहायता समूह द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 के अन्तर्गत उत्पादों की ब्राण्डिंग, पैकेजिंग एवं विपणन ‘ब्रज उदय’ के नाम से किया जा रहा है। इन उत्पादों की बिक्री हेतु ताजमहल के पूर्वी गेट पर अस्थाई दुकान, मण्डल के सभी प्रमुख होटलों व इम्पोरियम, टी0एफ0सी0 वृन्दावन तथा ई-कॉमर्स पोर्टल के माध्यम से बिक्री की जा रही है। जनपद में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अन्तर्गत जल जीवन मिशन-हर घर जल उपलब्ध कराने हेतु कार्य सम्पादित किए जा रहे हैं। योजना के अन्तर्गत 225 एम0एल0डी0 कच्चा जल अपर गंगा कैनाल पालरा बुलन्दशहर से लिये जाने हेतु कार्य प्रगति पर है। जनपद में लोक निर्माण विभाग के लगभग 1058.695 करोड़ रुपये की लागत के 616 कार्य प्रस्तावित हैं। मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण की प्रमुख आवासीय योजना हनुमंत विहार एवं गोविन्द विहार योजना हैं। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नए शहर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत रहीमपुर फरह तथा छाता में टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि 20 चौराहों पर आई0टी0एम0एस0 संचालित है। सेफ सिटी के अन्तर्गत 22,000 तथा सेफ सिटी कोष के अन्तर्गत 15 हजार कैमरे स्थापित किए गए हैं।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मुख्यमंत्री जी को आगामी त्योहारों पर सुरक्षा व्यवस्था के सम्बन्ध में अवगत कराया। पर्वों को सकुशल सम्पन्न कराने हेतु सभी व्यवस्थाएं सुदृढ़ कर ली गई हैं।

    बैठक में चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति श्री मुकेश कुमार मेश्राम सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थिति थे। बैठक के उपरान्त मुख्यमंत्री जी ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मन्दिर में दर्शन-पूजन किया।

    source: http://up.gov.in


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