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  • Smt. Shreya Guha: समर्पित सड़क सुरक्षा कोष संचालन समिति की प्रथम बैठक

    Smt. Shreya Guha: समर्पित सड़क सुरक्षा कोष संचालन समिति की प्रथम बैठक

    Smt. Shreya Guha:  सड़क दुर्घटनाएं एवं उनसे कारित मृत्यु दर को कम करने के लिये समस्त हितधारक विभाग एकजुट होकर कार्य करें

     समर्पित सड़क सुरक्षा कोष संचालन समिति की प्रथम बैठक बुधवार को परिवहन भवन में अतिरिक्त मुख्य सचिव Smt. Shreya Guha की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
    बैठक में निर्देशित किया गया कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिये समस्त हितधारक विभाग साथ मिलकर समुचित कार्ययोजना के साथ काम करें तथा बजट घोषणाओं को मद्देनजर रखते हुए सड़क सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित किये जाएं। बैठक में विभिन्न हितधारक विभागों से प्राप्त महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर समिति द्वारा विचार-विमर्श कर अनुमोदन किया गया।
    बैठक में पुलिस विभाग से प्राप्त सर्वाधिक सड़क दुर्घटना वाले राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाएं कम करने की दृष्टि से 50 हाईवे पैट्रोलिंग वाहन, 50 इंटरसेप्टर्स  सहित चयनित 200 पुलिस थानों के कार्मिकों हेतु बेसिक लाइफ प्रशिक्षण, Post Accidents Victim Handling हेतु चयनित पुलिस थानों को आवश्यक बजट एवं पुलिसकर्मियों के क्षमता निर्माण के लिये नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रमों इत्यादि प्रस्तावों पर सहमति दी गई।
    इसी प्रकार आर.यू.एच.एस. आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, जयपुर में स्किल लैब की स्थापना, एनएचएआई एवं राज्य की एंबुलेंस सेवा (108) के एकीकरण एवं सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के समुचित उपचार हेतु एसएमएस अस्पताल, जयपुर एवं मथुरादास माथुर चिकित्सालय जोधपुर के लिये ट्रोमा संबंधी उपकरणों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
    राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा WHO  एवं AIIMS, New Delhi के सहयोग से राजकीय एवं निजी महाविद्यालयों के छात्रों के लिए बेसिक लाइफ प्रशिक्षण देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया, ताकि अधिक से अधिक युवा संवेदनशील होकर सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की चिकित्सा सहायता कर सकें। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ द्वारा WHO  एवं AIIMS, New Delhi के सहयोग से पॉयलेट प्रोजेक्ट के रूप में जयपुर के 5 कॉलेजों के 200  टीचर्स एवं 1500 स्टूडेंस को बेसिक लाइफ का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे प्रेरित होकर कनोडिया महिला पी.जी. महाविद्यालय, जेईसीआरसी एवं निर्वाण विश्वविद्यालय में बेसिक लाइफ प्रशिक्षण केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है।
    आईडीटीआर रेलमगरा के उदयपुर-गोगुंदा पिंड़वाड़ा राजमार्ग को दुर्घटनारहित बनाने हेतु वृहद स्तर पर सड़क सुरक्षा गतिविधियों एवं प्रशिक्षण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इसके अतिरिक्त परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के उड़नदस्तों के लिये  Body Worn Camera  एवं Vehicle Mounted Camera भी दिये जाने की सहमति दी गई।
    सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तुत ब्लैक स्पॉट दुरूस्तीकरण के प्रस्ताव को भी अनुमादित किया गया।
    अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी हितधारकों के अनुमोदित प्रस्तावों को शीघ्र ही अमलीजामा पहनाने पर जोर दिया।
    बैठक में परिवहन आयुक्त श्रीमती मनीषा अरोड़ा सहित राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ एवं संबंधित हितधारक विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे।
  • पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया के निर्देशों पर लेकसिटी की सफाई व्यवस्था में हुआ सुधार

    पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया के निर्देशों पर लेकसिटी की सफाई व्यवस्था में हुआ सुधार

     श्री गुलाबचंद कटारिया: स्वच्छता की राह पर आगे बढ़ रहा उदयपुर, नगर निगम ने संभाली यूडीए क्षेत्र में सफाई व घर-घर कचरा संग्रहण की कमान

     पर्यटन की दृष्टि से देश के सिरमौर शहरों में शामिल झीलों की नगरी, उदयपुर अब स्वच्छता की राह में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उदयपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में बरसों से चल रही आ रही सफाई और घर-घर कचरा संग्रहण की समस्या के स्थाई समाधान को लेकर पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया, शहर विधायक श्री ताराचंद जैन व उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री  फूलसिंह मीणा की पहल आखिरकार रंग लाई। राज्यपाल श्री कटारिया के निर्देशों पर नगर निगम ने यूडीए क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की कमान संभाल ली है। सोमवार को नगर निगम परिसर से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने कचरा संग्रहण वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही युडीए क्षेत्र के जोन 1 व 2 में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ हो गया। जोन 3 व 4 को लेकर भी टेण्डर प्रक्रियाधीन हैं तथा जल्द ही वहां पर भी सफाई व्यवस्था माकूल हो जाएगी।

    यूं चले प्रयास—

    उदयपुर शहर में नगर निगम के क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में निगम की ओर से रोड सफाई से लेकर घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। तत्कालीन यूआईटी क्षेत्रों में कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी यूआईटी संभाल रहा था, लेकिन पर्याप्त संसाधनों के अभाव में कचरा संग्रहण कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं होने से दिक्कतें आ रही थी। तत्कालीन समय में श्री गुलाबचंद कटारिया ने यूआईटी क्षेत्र में भी सफाई की व्यवस्था नगर निगम के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए। उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन और ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा ने भी इन प्रयासों को आगे बढ़ाया। जिला कलक्टर श्री अरविन्द पोसवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन युआईटी और वर्तमान यूडीए क्षेत्र का भ्रमण कर स्थिति की जानकारी ली। इसके पश्चात यूडीए और नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की लगातार बैठकें लेकर संपूर्ण उदयपुर शहर की सफाई व्यवस्था माकूल करने पर जोर दिया। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की पहल पर आखिरकार नगर निगम ने यूडीए क्षेत्र की व्यवस्था भी अपने हाथ में लेने की सहमति दी। इसका भुगतान यूडीए की ओर से नगर निगम को किया जाना तय किया गया। युडीए क्षेत्र को 4 जोन में विभक्त करते हुए टेण्डर प्रक्रिया की गई।

    कचरा संग्रहण वाहनों को दिखाई हरी झण्डी—

    यूडीए जोन 1 व 2 की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सोमवार से सफाई एवं घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ हुआ। नगर निगम परिसर में सोमवार सुबह उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूल सिंह मीणा, महापौर श्री गोविन्दसिंह टांक, जिला कलेक्टर श्री अरविंद पोसवाल, यूडीए आयुक्त श्री राहुल जैन, निगम आयुक्त श्री राम प्रकाश, उप महापौर श्री पारस सिंघवी ने  कचरा संग्रहण वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

    26 हजार घरों से होगा कचरा संग्रहण—

    प्रथम चरण में यूडीए के जोन-1 एवं 2 के 26 हजार से अधिक घरों से कचरा संग्रहण किया जाएगा। इसके लिए क्रमशः 22 तथा 24 ऑटो लगाए गए हैं। उक्त ऑटो जोन-1 के तहत सविना, वीडियो कॉलोनी, तितरड़ी, समता विहार, सर्वोदय नगर, गोवर्द्धनविलास, बलीचा, धौल की पाटी, ट्रांसपोर्टनगर, दक्षिण विस्तार, पन्नाधाय नगर व इंद्रानगर क्षेत्र तथा जोन-2 में मीरानगर द्वितीय, रेबारियों का गुड़ा, पुराना आरटीओ, नेशनल हाइवे-76, कृष्णा विहार, ढिंकली, कोचीनगर, पेसिफिक युनिवर्सिटी, देबारी, भैरवनगर, डांगियों की पंचौली, धौलामगरी, पुरोहितों की मादड़ी, कालाभाटा, मनवाखेड़ा आदि क्षेत्रों में घर-घर कचरा संग्रहण करेंगे। युडीए जोन-1 के लिए नगर निगम को 2 करोड़ 82 लाख तथा जोन-2 के लिए 3 करोड़ 22 लाख 56 हजार रूपए का भुगतान करेगा।
  • Rajasthan: पठानकोट और देहरादून से आए इस रसीले फल की धूम, गर्मियों में इम्यूनिटी को करेगा बूस्ट

    Rajasthan: पठानकोट और देहरादून से आए इस रसीले फल की धूम, गर्मियों में इम्यूनिटी को करेगा बूस्ट

    Rajasthan (राजस्थान) के उदयपुर शहर में खूब धूम मचा रहे हैं पठानकोट के मीठे और रसीले फल:

    Rajasthan के उदयपुर शहर के बाजारों में लीची बहुत तेजी से बिकती है। कीमत ज्यादा होने के बावजूद भी लोग इसे खरीदना पसंद करते हैं। आपको बता दें कि यह फल साल के केवल दो महीने ही उपलब्ध होता है और बहुत ही कम मात्रा में बाजार में पहुंच पाता है।

    Rajasthan में इन दिनों भीषण गर्मी हर किसी को झुलसा रही है।। दरअसल, हम बात कर रहे हैं गर्मियों में मिलने वाले फल लीची की। यह फल उदयपुर शहर के बाजारों में बहुत तेजी से बिकता है। कीमत ज्यादा होने के बावजूद भी लोग इसे खरीदना पसंद करते हैं। आपको बता दें कि यह फल साल के केवल दो महीने ही उपलब्ध होता है और बहुत ही कम मात्रा में बाजार में पहुंच पाता है। इसलिए उदयपुर शहर में भी लोग इस फल को खाने के लिए उत्साहित रहते हैं.

    सेहत से भरपूर मीठे और रसीले फल:

    Rajasthan के उदयपुर में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. शोभा लाल ने कहा कि यह फल केवल गर्मियों के दौरान पहाड़ी या ठंडे इलाकों में उपलब्ध होता है। फलों का सेवन आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह त्वचा को चमकदार बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। मीठा, रसीला और बहुत स्वादिष्ट. गर्मियों में इसका जूस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर को ठंडक मिलती है।

    लीची देहरादून और पठानकोट से लाई जाती है:

    लीची फल विक्रेताओं ने बताया कि इन दिनों Rajasthan के उदयपुर में बिकने वाली लीची देहरादून और पठानकोट से लाई जाती है. कीमत की बात करें तो लीची करीब 300-400 रुपये प्रति किलो बिकती है. अपने अच्छे स्वाद और गुणवत्ता के कारण शहरी निवासी इसे बेहद पसंद करते हैं।


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