Tag: State of Madhya Pradesh

  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

    राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुCM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

    गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

    समिति के प्रमुख दायित्व

    टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

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  • Governor Mangubhai Patel: सरकारी सेवा की अधिकारिता मानव धर्म के पालन का सुअवसर

    Governor Mangubhai Patel: सरकारी सेवा की अधिकारिता मानव धर्म के पालन का सुअवसर

    Governor Mangubhai Patel से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का प्रतिनिधि मंडल मिला

    Governor Mangubhai Patel से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रतिनिधियों ने राजभवन में भेंट की। प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय सिकल सेल मिशन के तहत दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के प्रतिभागी शामिल थे। प्रतिभागियों में राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, वरिष्ठ प्रबंधक और सिकल सेल रोग विशेषज्ञ शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल में महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडू राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चन्द गुप्ता भी मौजूद थे।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सरकारी सेवा की अधिकारिता मानव धर्म के पालन का सुअवसर है। आवश्यकता संवेदनशील सहानभूतिपूर्ण दृष्टिकोण की है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी मध्यप्रदेश के राज्यपाल के दायित्व का इसी भाव भावना के साथ पालन कर रहें है। उनके मानवता का संकल्प सिकल सेल रोगियों की सेवा है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल रोग के संबंध में जन जागृति पर फोकस किया जाना चाहिए। स्क्रीनिंग कराने, गर्भावस्था और नवजात शिशु की जांच कराने के बारे में समुदाय की बोली में बताया जाए। विवाह संबंधी हिदायतों के बारे में भी जन-जागरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिकल सेल रोग उपचार की संभावनाओं में आयुर्वेद और होम्योपैथी की भूमिका का भी प्रमाणीकरण किया जाना जरूरी है।

    प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन  सुश्री प्रियंका दास ने प्रतिनिधि मंडल को हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में वर्ष 2021 से मिशन के तहत कार्य किए जा रहे है। कार्य का प्रारंभ अलीराजपुर और झाबुआ जिलों में पॉयलेट प्रोजेक्ट से किया गया है। प्रोजेक्ट के अनुभवों के आधार पर स्क्रीनिंग के लिए आयु सीमा को बढ़ाया गया। नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं की जांच और स्कूल, आंगनवाड़ी, छात्रावास और महाविद्यालयों के साथ समुदाय के बीच जाकर पी.ओ.सी. किट के द्वारा स्क्रीनिंग करने की व्यवस्थाएं की गई। उन्होंने बताया की समुदाय की जेनेटिक काउंसलिंग के लिए कार्ड तैयार कराकर वितरित किए जा रहे है। काउंसलिंग ग्रुप का गठन किया जा रहा है। सिकल सेल रोगियों के स्वास्थ्य की नियमित देखभाल के लिए उपचार कार्ड भी प्रदाय किए जा रहे है। उन्होंने बताया की केन्द्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से सिकल सेल रोग जटिलताओं के उपचार के लिए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में और नवजात शिशु की जांच के सेंटर ऑफ कॉम्पीटेंस मेडिकल कॉलेज इंदौर में विकसित किए जा रहे है।

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  • CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav ने आयोजन के लिए वाल्मीकि समाज को बधाई दी

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव गाथा लिपिबद्ध की। उस युग में मुद्रण सुविधा नहीं थी लेकिन ताड़ के पत्तों पर भगवान श्रीराम के विविध पक्षों को लिखकर आदर्श स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकि समाज की बेहतरी के लिए आज समाज द्वारा सौंपे गए सुझाव-पत्र पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज लालघाटी स्थित गुफा मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि जयंती पखवाड़े के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन के लिए वाल्मीकि समाज को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि पखवाड़े के शुभारंभ और समापन अवसर पर उपस्थित होने का मुझे सौभाग्य मिला है।

    राज्यसभा सदस्य और राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव वाल्मीकि जयंती पखवाड़े में वाल्मिकी धाम उज्जैन भी पहुंचे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में हुए कार्यक्रम को प्राथमिकता दी। वे किसी को गिरिजन या हरिजन न मानकर सम्मानित नागरिक मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि विमानतल करने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को बिठाया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समर्थन से यह संभव हुआ है।

    कार्यक्रम में सकल वाल्मीकि समाज द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव और राज्य सभा सदस्य एवं राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ जी महाराज, पीठाधीश्वर श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन का सम्मान किया गया। कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री गौतम टेटवाल और नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वाल्मीकि रचित “रामायण’’ की प्रति सौंपी गई। सकल वाल्मीकि पंचायत और समाज द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया।

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  • CM Dr. Yadav: खनिज कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए

    CM Dr. Yadav दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र में हुए शामिल

    • प्रदेश में खनिज क्षेत्र में निवेश को पूर्ण प्रोत्साहन
    • 11 औद्योगिक संस्थान निवेश के लिये आगे आये
    • हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश
    • अयोध्या में रामलला के मंदिर में उपयोग में लाए गए मध्यप्रदेश के मंडला के पत्थर

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पाद भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सम्पन्न कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित “संयुक्त उद्यम समझौता” हस्ताक्षरित भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि प्रदेश के खनिज राजस्व में भी 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में प्राप्त किया जाएगा। उद्यमियों के साथ भू-गर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के खनिज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विश्व में सबसे अलग है। जहां अन्य देश राष्ट्र को पिता मानते हैं, हमारे देश में हम भारत माता की जय का उद्घोष करते हैं। मातृ प्रधान व्यवस्था को प्राचीन काल से प्रश्रय मिला। हम देश को भी मातृ संस्था मानते हैं। शरीर की रचना भी ब्रम्हांड की तरह होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि इस वसुंधरा की नदियां मनुष्य के रक्त प्रवाह के समान हैं। पृथ्वी में भी प्राण होते हैं और वनस्पति में भी प्राण होते हैं, यह हमारी मान्यता अन्य देशों से काफी पुरानी हैं। प्रकृति के दोहन और शोषण के अंतर को समझने की आवश्यकता है। खनिज संपदा की दृष्ट से ईश्वर की कृपा मध्यप्रदेश पर है।

    माईनिंग कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेश प्रस्ताव

    क्र

    फर्म/कम्पनी का नाम

    प्रोजेक्ट का विवरण

    स्थान

    1

    ल्यूगांग इंडिया, नई दिल्ली

    प्रदेश में माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई स्थापना निवेश राशि 250 करोड़

    2

    इंडियन रेयर अर्थस, मुंबई

    रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना

    औद्योगिक क्षेत्र अचारपुर, जिला भोपाल

    3

    द कमोडिटी हब, गुरूग्राम हरियाणा

    कॉपर, रॉकफास्फेट तथा सिलीकॉन बेनीफिकेशन प्लांट की स्थापना, निवेश राशि 2000 करोड़

    बालाघाट एवं खरगौन

    4

    श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर छत्तीसगढ़

    इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़

    उमरिया

    5

    व्रिज आयरन एवं स्टील लिमि. जल विहार कालोनी रायपुर

    इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़

    कोतमा शहडोल

    6

    बैर्री अलायज, कोलकाता

    प्रदेश में फेरो अलायज इकाई की स्थापना निवेश राशि 400 करोड़

    7

    इन्विनायर पेट्रोडाइन लिमिटेड

    कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन में निवेश राशि 5000 करोड़

    बैतूल और छिंदवाड़ा

    8

    डालमिया सीमेंट, नई दिल्ली

    प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़

    सतना

    9

    जे.के. सीमेंट

    पन्ना जिले में स्थापित सीमेंट प्लांट का विस्तारीकरण निवेश राशि 2500 करोड़

    पन्ना

    सिंगरौली एवं शहडोल जिले में आवंटित कोल ब्लॉक निवेश राशि 1000 करोड़

    सिंगरौली एवं शहडोल

    10

    अंबुजा सीमेंट अहमदाबाद, गुजरात

    प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़

    रीवा

    11

    सागर स्टोन इंडस्ट्रीज, जबलपुर

    फोस्फोराईट से खाद विनिर्माण इकाई की स्थापना, निवेश राशि 500 करोड़

    छतरपुर

     

    कुल

    19650

    प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जेट की गति से बढ़ रहा देश

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश जेट की गति से आगे बढ़ रहा है। खनिज के क्षेत्र में प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश भी विकास के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। जहां कृषि के साथ ही पशुपालन और अन्य क्षेत्रों में नए प्रकल्प आ रहे हैं, वहीं खनिज क्षेत्र में मध्यप्रदेश उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करेगा। भारत सरकार द्वारा खनिजों की नीलामी में पुरस्कृत मध्यप्रदेश विविध प्रकार की खनिज संपदा के समुचित दोहन के लिए संकल्पबद्ध है। मध्यप्रदेश सरकार खनिज क्षेत्र में निवेश को भरपूर प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनन क्षेत्र में उद्यमियों को सरकार का पूरा साथ मिलेगा। खनिज क्षेत्र मध्यप्रदेश को प्रगति के नए आयामों को छूने में सहयोगी बनेगा।

    हर महीने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हर महीने अलग-अलग क्षेत्रों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। इस वर्ष अब तक हुई 4 कॉन्क्लेव के फलस्वरूप लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाली 23 अक्टूबर को रीवा में “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव” उद्योग के विभिन्न सेक्टर्स में नए निवेश लाने में सहयोगी होगी।

    एक ही दिन में दो बड़े आयोजनों में भागीदारी का सौभाग्य

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक प्रगति को अग्रसर रखने एवं युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की जा रही है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की पूरी क्षमता को विकसित करने हमने पर्यटन की भी कॉन्क्लेव की। आज मैं दो कॉन्क्लेव में शामिल हुआ। सुबह पेट्रोकेमिकल एवं फार्मा इंडिया केम मुंबई में शामिल हुआ और अभी माइनिंग कॉन्क्लेव में शामिल हुआ हूँ। विभागवार कॉन्क्लेव की श्रंखला जारी रहेगी। अगले वर्ष फरवरी में जीआईएस का आयोजन करेंगे। मध्यप्रदेश में चहुँमुंखी औद्योगिक विकास और रोजगार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे।

    अयोध्या के राम मंदिर तक पहुंचा मध्यप्रदेश का पत्थर, हीरे के बाद सोना भी निकालेंगे

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही यह गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। निश्चित ही यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य पाया गया कि उसे गर्भगृह में स्थान मिला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को श्री अनुपम चतुर्वेदी और श्री किशोर ने इस पत्थर का नमूना भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश खनिजों के मामले में भी अद्वितीय है। भारत की वसुंधरा में मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ रत्न-गर्भा भी है। पन्ना में हीरों का भंडार प्रदेश को अलग पहचान देता है। अब हीरों के साथ सोना भी प्रदेश की धरती से निकलेगा। अन्य खनिजों के खनन के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनन तकनीक में प्रयुक्त हो रहे नवीनतम उपकरणों की भी जानकारी ली। नई खनन मशीन के लोकार्पण के साथ ही खनन उपकरणों की कार्य प्रणाली की भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी स्थल पर एनसीएल नॉर्दन कोल-फील्ड्स लिमिटेड, नवाधर सोल्यूशन्स, मार्गसॉफ्ट टेक्नोलॉजिस, बालाजी सोल्यूशन्स, प्रोपल इंडस्ट्रीज, दौलतराम इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील लिमिटेड, टेरेक्स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, ऐरो लिमिटेड, रेलटेल कॉर्पोरेशन, फॉर्च्यून स्टोन्स लिमिटेड, महेश्वर माईनिंग लिमिटेड, इंजीयिटेक कंसलटेंट, रामनिक पॉवर एंड एलॉयस प्रायवेट लिमिटेड, कार्तिकेय एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड के स्टॉल के साथ ही जीएसआई और मध्यप्रदेश के खनिज संसाधन विभाग के स्टॉल भी देखे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र पर केंद्रित लघु फिल्म भी दिखाई गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत सरकार के खनिज मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका “खनन क्षेत्र में सुधार” (माईनिंग सेक्टर रिफार्म्स) का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से एमओआईएल (मॉयल) कम्पनी के सीएमडी द्वारा दो करोड़ 78 लाख 94 हजार 725 रूपए का लाभांश चेक भेंट किया गया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव से माईनिंग कॉन्क्लेव के प्रतिनिधियों और निवेशकों ने की भेंट

    कॉन्क्लेव के समापन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सागर स्टोन इंडस्ट्रीज के श्री नितिन शर्मा, कैप्टन स्टील के श्री बैरी अलॉयज, मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) श्री अजीत कुमार सक्सेना, इंडियन रेयर अर्थस मुंबई के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दीपेन्द्र सिंह ने भेंट कर मध्यप्रदेश में निवेश के प्रस्तावों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनिज क्षेत्र के उद्यमियों से वन-टू-वन बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निवेश के प्रति गंभीर ही नहीं, संवेदनशील और प्रतिबद्ध भी है। सभी तरह के उद्योगों के लिए बुनियादी सुविधाएं एवं अन्य आवश्यक रियायतें प्रदान की जा रही हैं। इस नाते खनिज क्षेत्र को भी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।

    मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि अगले 25-30 वर्षों तक विश्व में भारत का दबदबा रहेगा। विश्व में भारत को एक ब्राइट स्पॉट की तरह देखा जा रहा है। भारत स्टार्ट-अप के क्षेत्र में बहुत बड़ी ताकत बन चुका है। यूएसए और चीन के बाद स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भारत तीसरा बड़ा देश है, जबकि यूनीकॉर्न के क्षेत्र में दूसरी बड़ी शक्ति है। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर कई विभागों के डेटा को डिजिटाईज कर डाला गया है। इससे कई कार्य कम समय में आसानी से किये जा सकते हैं। अगले 25 सालों में देश की इकोनॉमी 30 ट्रीलियन की होगी तथा देश की जनसंख्या 163 करोड़ होगी। प्रति व्यक्ति आय 18 से 19 हजार डॉलर होगी। मध्यप्रदेश देश का तेजी से विकसित होता राज्य है। प्रदेश मिनरल रिसोर्सेस में तो नम्बर वन है ही, यहां पानी, कोयला एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों की भी प्रचुरता है। प्रदेश में वर्ष 2008 में सिंचित भूमि 7 लाख हेक्टेयर थी, जो बढ़कर वर्तमान में 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। प्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसके लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आरआईसी और जीआईएस का आयोजन किया जा रहा है। माईनिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिये भी माईनिंग कॉन्क्लेव जैसे कई नवाचार किये जा रहे है।

    श्री अंशु पाण्डे, संचालक, भारत सरकार, खान मंत्रालय ने बताया कि भारत में सामरिक एवं क्रिटिकल खनिज की उपलब्धता विदेशों से आयात पर निर्भर है। भारत सरकार द्वारा सामरिक एवं क्रिटिकल खनिज के लिये अधिनियम एवं नियमों में प्रावधान किये गये हैं।

    एरिओ कम्पनी के जीएम श्री पीयूष राणा ने “डीमिस्टीफाइंग फ्यूचरिस्टिक माइनिंग-द गेम चेंजिंग इम्पेक्ट ऑफ एआई एण्ड ड्रोन्स” विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन टेक्नालॉजी को अपना कर माइनिंग सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। इससे बहुत कम समय में बहुत बड़े स्तर पर निरीक्षण, परीक्षण एवं मेजरमेंट सहित अन्य कई कार्य किये जा सकते हैं। केन्द्र सरकार ने सुरक्षा, दक्षता एवं विकास को ध्यान में रखते हुए ड्रोन रूल्स-2021 बनाये हैं। भारत का सबसे बड़ा ड्रोन आधारित डिजिटल प्रोजेक्ट डिजीकोल लांच किया गया है। इस तकनीक से एक्यूरेसी एवं एसेसिबिलीटी के साथ एफिशिएंटली प्रोजेक्ट पूरे किये जा सकते हैं। देश की कई बड़ी कम्पनीज जैसे अडानी, टाटा स्टील, वेदांता, जेएसडब्ल्यू, आदित्य बिड़ला ग्रुप जैसी कई बड़ी कम्पनी इस तकनीक का प्रयोग कर रही हैं।

    डिलाइट के डायरेक्टर श्री तुषार चक्रवर्ती ने “डिजिटाइजेशन इन माइनिंग सेक्टर’’ विषय पर प्रेजेंटेशन दिया। श्री चक्रवर्ती ने बताया कि डिजिटाइजेशन को अपना कर कई चुनौतियों को आसान किया जा सकता है। इससे सुरक्षा, उत्पादन एवं क्षमता को बढ़ाया जा सकता है तथा लागत और जोखिम को कम किया जा सकता है।

    रेलटेल के श्री रवीन्द्र सालुंखे ने ई-चेकगेट, एआई पॉवर्ड, स्मार्ट एन्फोर्समेंट सिस्टम के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआई पॉवर्ड, चेकगेट तकनीक से वाहन का प्रकार, वाहन की नम्बर प्लेट का ऑटोमेटिक रिकग्नीशन, वाहन में मिनरल की मात्रा, मिनरल का प्रकार आदि की एआई द्वारा पहचान आसानी से की जा सकती है। ई-चेकगेट व्यवस्था के माध्यम से मॉनीटरिंग और डिटेक्शन की सटीक व्यवस्था लागू की जा सकती है।

    फीमी के वाइस चेयरमेन श्री हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि माइनिंग सेक्टर पिछड़े इलाकों में रोजगार दिला रहा है, जिससे संबंधित क्षेत्र का विकास हो रहा है, कई लाख लोग इस सेक्टर में रोजगार पाकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। माइनिंग सेक्टर की देश की जीडीपी में 3 प्रतिशत की भागीदारी है। माइनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। यह कॉन्क्लेव माइनिंग सेक्टर के विकास में अहम साबित होगी।

    अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने वन क्षेत्र में खनिजों के सर्वेक्षण तथा खनिज पट्टे के लिये वन विभाग की पूर्वानुमति लिये जाने के नियमों और प्रावधानों की जानकारी दी। साथ ही वन अनुमति प्राप्त करने के लिये औपचारिकताओं की जानकारी दी। प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री संजय कुमार शुक्ला ने प्रदेश में खनिज की उपलब्धता, उत्पादन एवं खनिज आधारित उद्यो ग की संभावना के संबंध में बताया। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि देश के सी.बी.एम. के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत मध्यप्रदेश कर रहा है। प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री गुलशन बामरा ने बताया कि पर्यावरण संतुलन के साथ खनिजों का खनन आवश्यक है। उन्होंने इसके संबंध में लागू नियमों एवं कानूनों के संबंध में व्याख्यान दिया। सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यियम उद्यो्ग एवं स्टॉटप में अवसरों के बारे अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसके लिये प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे अधिक संख्या में उद्योग स्थापित हो सके। अपर सचिव राजस्व श्री संजय कुमार द्वारा राजस्व के संबंध में अवगत कराया गया है कि प्रदेश में लागू भू-राजस्व संहिता में खनन के संबंध में क्या-क्या प्रावधान हैं। वन अनुमति हेतु क्षतिपूर्ति वनारोपण के लिये भूमि का बैंक तैयार किया गया है जिसे सत्यापन के लिये वन विभाग को दिया गया है। वन विभाग के सत्यापन उपरांत यह भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी।

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  • Minister of State Mrs. Gaur: विकास कार्यक्रम में तेजी लाए, लापरवाही पर होगा एक्शन

    Minister of State Mrs. Gaur: विकास कार्यक्रम में तेजी लाए, लापरवाही पर होगा एक्शन

    Minister of State Mrs. Gaur

    पिछड़ा वर्ग एवम् अल्पसंख्यक कल्याण और विमुक्त, घुमंतु और अर्ध घुमंतु राज्यमंत्री  (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया।साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कार्य में लापरवाही सामने आई तो जिम्मेदारों पर सख्त  कार्रवाई की जाएगी।

    राज्यमंत्री श्रीमती गौर बुधवार को 74 बांग्ला निवास पर गोविंदपुरा विधानसभा में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा कर रही थी। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रभातम हाइट्स में 7 में से 6 लिफ्ट का काम पूरा हो चुका है बची हुई एक लिफ्ट का काम भी एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही यहां पर सड़क, बोरवेल और बिजली कनेक्शन के सर्वे को भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

    यहां के रहवासियों ने स्विमिंग पूल की जगह गार्डन और क्लब हाउस बनाने की मांग की है। इसी तरह एमजीएम में सड़क बनाने के कार्य में तेजी लाने के लिए कहा, पिपलानी सेक्टर में सड़क के लिए बाधा बन रहे अवैध निर्माण को तोड़ने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजे जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

  • Mangubhai Patel: बच्चों को वन्य जीवन और जैव विविधता की महत्ता से बचपन में ही करें संस्कारित

    Mangubhai Patel: बच्चों को वन्य जीवन और जैव विविधता की महत्ता से बचपन में ही करें संस्कारित

    Mangubhai Patel: राज्यपाल ने दिलाई वन्य जीव संरक्षण की शपथ

    राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह का समापन और पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न

    राज्यपाल Mangubhai Patel ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में बचपन से ही संस्कारित किया जाना चाहिए। माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाए। राज्यपाल श्री पटेल आज भोपाल में राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एक से 7 अक्टूबर 2024 तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत कर बधाई दी।  राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है। मौलिक कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की अपेक्षा करता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है। बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल, चीता, भेड़िये और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या के लिये भी प्रदेश पहचाना जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे।

    कोविड ने दिया प्रकृति के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र का सबक

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कोविड ने हम सबको यह सबक दिया है कि हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र के साथ रहना होगा। हमारे ऋषि-मुनियों ने भी अपने तप त्याग और साधना से हजारों साल पहले ही इकोलॉजी तंत्र के संरक्षण के लिए प्राणियों में सद्भावना का संदेश दिया था। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में वन और वन्यजीवों का विशिष्ट स्थान रहा है। विभिन्न देवी-देवताओं के वाहन वन्यजीव है। अनेक विधि-विधानों में भी पेड़-पौधों की आराधना होती है।

    शपथ को अपने कार्य और व्यवहारों में शामिल करे

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन अवसर पर उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि आप सभी अपने कार्य, और व्यवहार में शपथ का 24 घंटे और 365 दिन पालन करे। आपका यह संकल्प वनों और वन्यजीवों के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा प्रयासों को जन आन्दोलन बनाने में योगदान देगा। इसे अपना कर्तव्य मानकर कार्य करे।

    राज्य मंत्री वन, श्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा वन्य जीव संरक्षण, पुनर्वास, अपराध नियंत्रण आदि प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी।

    राज्यपाल श्री पटेल का तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के पोस्टर, मध्यप्रदेश सामान्य तितलियाँ पोस्टर, कान्हा के पक्षी पुस्तक, मध्यप्रदेश टाईगर फान्डेशन की वार्षिक रिपोर्ट, वन्य जीव संरक्षण पर आधारित प्रकाशन का विमोचन किया। एक से 7 अक्टूबर तक आयोजित हुए वन्य जीव सप्ताह के आयोजन का प्रतिवेदन प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही.के. अंबाडे ने प्रस्तुत किया। आभार संचालक वन विहार, श्री मीना अवधेश कुमार शिवकुमार ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल, मुख्य वन संरक्षक, वन बल प्रमुख श्री असीम श्रीवास्तव और अधिकारी-कर्मचारी, वन्य जीव संरक्षण से जुड़े व्यक्ति, स्कूली बच्चें और उनके अभिभावक उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dr. Yadav: विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव

    CM Dr. Yadav: विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव

    CM Dr. Yadav

    • प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश आत्मविश्वास के साथ निरंतर बढ़ रहा आगे
    • देश की युवा शक्ति भविष्य के भारत के ध्वजवाहक है
    • वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी का 5वां वार्षिक दीक्षांत समारोह सम्पन्न

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। मात्र पाठ्यक्रम तक सीमित रहने वालों को शिक्षक कहा जा सकता है, परंतु जो विद्यार्थी के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान देते हैं, उन्हें सम्मानपूर्वक गुरु का संबोधन प्राप्त होता है। विश्वविद्यालय, विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक वातावरण, सुविधा और मार्गदर्शन उपलब्ध कराते हैं, इसलिये प्रदेश के विश्वविद्यालय के कुलपति को कुलगुरु का संबोधन प्रदान किया गया है, जो भारतीय परंपरा के अनुकूल है। शैक्षणिक संस्थाओं का उत्साह से भरपूर वातावरण और दीक्षांत समारोह की गरिमा विद्यार्थियों में आत्म-विश्वास का संचार करती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कोठरीकलां जिला सीहोर में वीआईटी भोपाल यूनिवर्सिटी के 5वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में महिला छात्रावास ब्लॉक-2 एवं पुरूष छात्रावास ब्लॉक-6 का लोकार्पण भी किया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में से एक है। यहां प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का प्लेसमेंट सुनिश्चित है। यहाँ भोपाल सहित अमरावती, वेल्लोर, तमिलनाडु के विश्वविद्यालय भारतीय युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री श्री मोदी की दूरदर्शिता के अनुरूप है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में देश आत्मविश्वास के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के जननायक प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विश्व में भारत की साख को स्थापित किया है। उनका स्वयं का नीर क्षीर जीवन देश को समर्पित है, वे एक-एक पल देश के विकास और जन-कल्याण के लिए सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी, अद्यतन तकनीक का उपयोग करते हुए देश की युवा पीढ़ी को वैश्विक मानकों के अनुरूप कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम बनाने के लक्ष्य को समर्पित हैं। उनकी मंशा और भावना के अनुरूप वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज विदेशी विद्यार्थी भी हमारी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के लिए आ रहे हैं। देश की युवा शक्ति भविष्य के भारत की ध्वज वाहक है। भारत में वैज्ञानिक सोच और ज्ञान परंपरा प्राचीन काल से ही पर्याप्त संपन्न रही है, इसके पर्याप्त उदाहरण हमारे प्राचीन ग्रंथो में मिलते हैं। कोविड काल की कठिन परिस्थितियों से संघर्ष में भारत ने अपनी सामर्थ्य और बौद्धिक क्षमता से संपूर्ण विश्व को परिचित कराया। जी-20, आसियान आदि सभी मंचों पर भारत ने अपनी क्षमता का परिचय दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था 2014 में विश्व में 11वें स्थान पर थी, जो अब चौथे स्थान पर है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अगले 5 साल में भारत विश्व की तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों का आहृवान करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ ही दीक्षा अर्थात सबको जोड़कर चलते हुए, अपने परिवार-समाज और देश के लिए समर्पित भाव से कार्य करते हुए आगे बढ़े। यह सौभाग्य की बात है कि संस्थान में अध्यनरत देश के अलग-अलग भागों के विद्यार्थियों का मध्यप्रदेश से संबंध जुड़ा है। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए आशीष और शुभकामनाएं दी।

     मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अंग वस्त्रम पहना कर स्वागत किया गया। उन्होंने एक पौधा भी लगाया। दीक्षांत समारोह के प्रारंभ में वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी की स्थापना, संचालित अकादमी गतिविधियों , विद्यार्थियों की उपलब्धियों और विस्तार योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। राजस्व मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, विधायक श्री सुदेश राय, विधायक श्री गोपाल सिंह इंजीनियर, वीआईटी. समूह के संस्थापक सह चांसलर डॉ. जी. विश्वनाथन तथा रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल के प्रेसिडेंट डॉ. रवि पी गांधी सहित वरिष्ठ अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org


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