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  • CM Dr. Yadav: जनजाति समाज के क्रांतिकारियों का देश के अस्तित्व की रक्षा में अहम योगदान

    CM Dr. Yadav: जनजाति समाज के क्रांतिकारियों का देश के अस्तित्व की रक्षा में अहम योगदान

    CM Dr. Yadav|: समाज के विकास के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी

    • जनजाति समाज की गतिविधियों के लिए जमीन और धर्मशाला के लिए पाँच करोड़ रुपये की घोषणा

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि जनजाति समाज के क्रांतिकारियों का देश के अस्तित्व की रक्षा में अहम योगदान रहा है। समाज के क्रांतिकारियों और महापुरूषों के व्यक्तित्व और कृतित्व को समाज में स्थापित किया जा रहा है। क्रांतिकारी टंट्या मामा की स्मृति में इंदौर संभाग में विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। जनजाति समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है इसके विकास के लिए कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर में जनजाति समाज की गतिविधियों के लिए जमीन उपलब्ध कराने और निर्मित की जा रही धर्मशाला के लिए 5 करोड़ रुपए दिये जाने की घोषणा की।  मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को इंदौर में आयोजित भिलाला समाज समागम एवं युवक-युवती परिचय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ईमानदारी, कर्मठता, लगनशीलता एवं परिश्रम जनजाति समाज की विशेष पहचान है। इसी पहचान से समाज में अपना अलग स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समाज ने अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं परंपराओं को सहज के रखा है। इस समाज ने “जो प्राप्त है उसी को पर्याप्त” मानकर आनंद से जीवन जीने की शैली अपनायी है। यह समाज कृषि एवं पशुपालन पर आधारित है। भोलापन भी इस समाज की विशेष पहचान रही है। उन्होंने कहा कि वे इस भोलापन को कमजोरी नहीं बनने दें और किसी भी दुष्चक्र में नहीं आये। कुरीतियों से दूर रहें। अपनी सांस्कृतिक, विरासत और परम्परा को सहज कर रखें। बदलते दौर में इन्हें सुरक्षित जरूर रखें। जो समाज अपनी विरासत, परम्परा और संस्कृति से दूर होता है, वह कमजोर बन जाता है। जड़ों से जुड़े रहें, एक दूसरे को साथ लेकर आगे बढें। आगे बढ़ने के लिए राज्य शासन द्वारा उन्हें हर संभव मदद दी जायेगी।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजाति समाज के विकास के लिए बजट में बढ़ोतरी की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस समाज के समग्र विकास के लिए कारगर प्रयास किए जा रहे है। हाल ही में इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना स्वीकृत की गई है। यह परियोजना मालवा-निमाड़ क्षेत्र के चहुँमुखी विकास में बड़ी मददगार होगी। परियोजना जिन्दगी बदलने का माध्यम भी बनेगी। इस परियोजना से विकास को नई गति मिलेगी।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में बदला जाएगा। सिकलसेल जैसी घातक बीमारी से समाज को मुक्त करने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे है। समाज के शैक्षणिक और आर्थिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए अनेक योजनाएं और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि समाज के लोग आगे आए और इन योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ लें। छात्रावासों की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे है। मैं स्वयं भी छात्रावासों का दौरा कर व्यवस्थाओं को देखूंगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाज के क्रांतिकारियों और महापुरूषों का जिक्र करते हुए कहा कि समाज में इनके कार्यों को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुण्डा जंयती पर धार में विशाल कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पूरे प्रदेश में दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा पूरी आस्था एवं हर्षोंल्लास से की जायेगी।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाज के प्रतिभावान बच्चों का सम्मान भी किया। मुख्यमंत्री का स्वागत समाज की परंपरा के अनुरूप किया गया। उन्हें समाज के प्रतीक चिन्ह भी भेंट किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्थानीय स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम स्थल पर लगे स्टाल से स्थानीय स्व-रोजगारी युवा से स्वेटर भी खरीदा।

    केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। इस समाज के विकास एवं कल्याण के साथ ही समाज की संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी लगातार कार्य किए जा रहे हैं।

    अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री श्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रयासों से अनुसूचित जनजाति के लोग तेजी से हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। समाज को नशा मुक्त किए जाने की जरूरत है। समाज में व्याप्त अन्य कुरीतियों को भी दूर किया जाएगा। उन्होंने आहवान किया कि समाज के लोग आगे आये, जागरूक बने और शासन की योजनाओं का लाभ लेकर तेजी से आगे बढ़े।

    सांसद श्री गजेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि जनजाति समुदाय की कुरीतियों को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। सनातन धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन में जनजाति समुदाय का बड़ा योगदान है। कार्यक्रम के प्रारंभ में जय ऊँकार आदिवासी भिलाला समाज संगठन के अध्यक्ष श्री बी.एस. जामोद ने स्वागत भाषण दिया और आयोजन की रूपरेखा बताई।

    इस अवसर पर  जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सासंद श्री गजेंद्र सिंह पटेल तथा श्रीमती अनिता चौहान, विधायक श्री रमेश मेंदोला, श्री गोलू शुक्ला, श्री कालू सिंह ठाकुर, श्री राजन मंडलोई, सुश्री मंजू दादू, पूर्व मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, जय ऊँकार आदिवासी भिलाला समाज संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष श्री बी. एस. जामोद सहित समाज के पदाधिकारी और जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • चिकित्सा मंत्री Mr. Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा, डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के निर्देश, चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त

    चिकित्सा मंत्री Mr. Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा, डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के निर्देश, चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त

    Mr. Khinvsar

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम एवं बेहतर उपचार की दृष्टि से विभागीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहते हुए पुख्ता प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान, जहां रोगी भार अधिक है वहां मौसमी बीमारियों के लिए डेडीकेटेड ओपीडी का संचालन किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त किए गए हैं। विभागीय कार्मिक अति आवश्यक स्थिति में सक्षम स्तर से अनुमति उपरांत ही अवकाश पर जा सकेंगे।
    Mr. Khinvsar मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के रोगियों को समुचित उपचार सुगमता से मिले। इसके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएं। बैड्स, दवा एवं जांच आदि को लेकर मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। चिकित्सक आवश्यक रूप से चिकित्सा संस्थानों में उपस्थित रहें।

    नए पदस्थापन स्थान पर तत्काल करें ज्वाइन

    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ने पदोन्नति या पदस्थापन के बाद ज्वाइन नहीं किया है, वे तत्काल रूप से अपने पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति दें। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।

    राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी करें औचक निरीक्षण

    श्री खींवसर ने मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों के प्रबंधन की जांच करें। साथ ही, राज्य स्तर पर इस संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित की जाए। दवा, जांच किट या अन्य संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो। किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए।

    संबंधित विभागों के साथ रखें समुचित समन्वय

    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगरीय निकाय विभाग सहित सभी संबंधित विभागों से भी आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही, व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों में अतिरिक्त मेडिकल टीमें लगाकर उपचार एवं बचाव गतिविधियों को व्यापक रूप दिया जा रहा है। साथ ही, मौसमी बीमारियों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
    उन्होंने निर्देश दिए कि मलेरिया, चिकुनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में रेपिड रेस्पॉन्स टीमें भ्रमण कर गंभीर रोगी की जांच एवं उपचार प्रदान करें। आवश्यकता होने पर चिकित्सा संस्थान में रेफर करें तथा बचाव व नियंत्रण संबंधी कार्यों यथा एन्टीलार्वल, मच्छर रोधी, फोगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि गतिविधियों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करें।
    निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चिकित्सा विभाग के निरंतर प्रयासों एवं प्रभावी मॉनिटरिंग से इस वर्ष अधिकांश जिलों में मौसमी बीमारियों के केस विगत वर्ष के मुकाबले आधे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर है।
    बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अंबरीश कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान, सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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