Sawan में कब रखा जाएगा पहला प्रदोष व्रत:
Sawan (सावन) का महीना भगवान शिव की आराधना का दिन है। धार्मिक मान्यता है कि इन दिनों में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस महीने में भोलेनाथ की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। वहीं प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए भी बहुत खास माना जाता है। Sawan में प्रदोष व्रत का महत्व और भी अधिक उजागर होता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार Sawan का पहला प्रदोष व्रत Sawan माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा। जानिए इस बार सावन का पहला प्रदोष व्रत किस दिन होगा, पूजा का शुभ समय और पूजा का महत्व।
सावन प्रदोष व्रत 2024 तिथि:
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की यह त्रयोदशी तिथि 1 अगस्त को दोपहर 3:30 बजे शुरू होगी और 2 अगस्त को दोपहर 03:26 बजे समाप्त होगी. आपको बता दें कि प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए प्रदोष व्रत 1 अगस्त को ही रखा जाएगा। आपको बता दें कि इस दिन पूजा का शुभ समय सुबह 7:17 बजे से रात 9:22 बजे के बीच है।
सावन में प्रदोष व्रत का महत्व:
शास्त्रों में सावन माह का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें महादेव का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा इस माह सोमवार और आने वाले प्रदोष व्रत को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने और उनके मंत्रों का जाप करने से धन, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इतना ही नहीं, जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं और जातक को कुंडली में मौजूग ग्रह दोषों से छुटकारा मिलता है.