Tag: Regional Industry Conclave

  • CM Dr. Mohan Yadav: उद्योगों के साथ रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए लगातार जारी है प्रयास

    CM Dr. Mohan Yadav: उद्योगों के साथ रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए लगातार जारी है प्रयास

    CM Dr. Mohan Yadav: आरआईसी और रोड-शो से प्रदेश में बना निवेश के लिये बेहतर वातावरण

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रदेश के संतुलित औद्योगिक विकास और रोजगार संवर्धन के लिए संभाग स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और प्रदेश के बाहर महानगरों में निवेश के लिये हुए रोड-शो से देशभर से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। फरवरी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट तक यह क्रम जारी रहेगा। आगामी 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम में संभाग स्तरीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी, जिसमें निवेशकों को नर्मदापुरम क्षेत्र की संभावनाओं से जोड़ते हुए, प्रदेश की आर्थिक बेहतरी के लिए गतिविधियां प्रस्तावित हैं। कॉन्क्लेव में सभी सेक्टर्स के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है, जिससे आईटी, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, भारी उद्योग, एमएसएमई, लघु कुटीर उद्योग सहित सभी प्रकार के उद्योग धंधों के माध्यम से राज्य के लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिये इसी माह हम विदेश भी जाने वाले हैं। जहाँ विदेशी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के लिये राज्य सरकार की नीतियों और यहाँ के औद्योगिक वातावरण से अवगत करा कर आमंत्रित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में बेहतर आर्थिक वातावरण बने, लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलें, युवाओं को अपनी बौद्धिक क्षमता के अनुरूप स्थानीय स्तर पर काम मिलें, उन्हें रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास से मीडिया को जारी संदेश में यह बात कही।

    निवेशकों के लिये उद्योग मित्र नीतियाँ

    मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि सरकार ने उद्योग क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में 4 हजार 190 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। औद्योगिक निवेश को प्रोत्सहन देने के लिये प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश प्रोत्सहन और कस्टमाइज पैकेज जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। नये निवेशकों को उद्योग मित्र नीतियों के साथ सरल और सुगम निवेश प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के प्रत्येक जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। कई जिलों में शुरू भी हो चुके हैं। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये इन सेंटर में जिला कलेक्टर्स को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

    मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश

    मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन के लिये पिछले 8 माह में जो प्रयास हुए, उसमें उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एवं मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो के साथ हुए इंटरेक्टिव सेशन के काफी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इनमें विभिन्न सेक्टर्स में 2 लाख 76 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 3 लाख 28 हजार 670 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाएगा। इस वर्ष 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा।

    निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है म.प्र.

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ औद्योगिक हब बन रहा है बल्कि हर क्षेत्र में उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी, उद्योग अनुकूल नीतियों और मजबूत अधोसंरचना से मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।

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  • CM Dr. Yadav की मौजूदगी में एम.पी. टूरिज्म बोर्ड और एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के बीच हुआ एमओयू

    CM Dr. Yadav की मौजूदगी में एम.पी. टूरिज्म बोर्ड और एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के बीच हुआ एमओयू

    CM Dr. Yadav: फेन सेन्चूरी, मण्डला में स्थित इकाई का स्वीकृति पत्र जारी

    • एमपी टूरिज्म न्यूजलेटर ऑफबीट मध्यप्रदेश’ का हुआ विमोचन

    CM Dr. Yadav ने रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के न्यूजलेटर ‘ऑफबीट मध्यप्रदेश’ का विमोचन किया। इस न्यूजलेटर का उद्देश्य राज्य के पर्यटन स्थलों की व्यापक जानकारी प्रदान करना और राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देना है। प्रत्येक 3 माह में प्रकाशित होने वाले इस न्यूज लेटर में मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, और धार्मिक स्थलों के बारे में जानकारी दी जाएगी। मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थल, नीतियों, आयोजन और सम-सामयिक गतिविधियों के प्रचार प्रसार के लिए  प्रकाशन किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र के देश और विदेश के हितधारक, मीडिया और जनसामान्य को मध्यप्रदेश पर्यटन की उपलब्धियों और नवाचार की जानकारी मिल सकेगी। इस न्यूज लेटर को मध्यप्रदेश पर्यटन की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फेन सेन्चूरी, मण्डला में स्थित इकाई के संचालन के लिए स्वीकृति पत्र (लेटर ऑफ अवॉर्ड) अंश इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपर्स रायपुर को सौंपा।  मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा 30 वर्ष के लिए पीपीपी मोड में संचालित करने के लिए सौंपा है। इससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों का विकास होगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि होगी। 

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड (MPTB) और एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य सतना और रीवा क्षेत्र में पर्यटन प्रबंधन और आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देना है। दोनों संस्थाएं मिलकर पर्यटन एवं आतिथ्य सत्कार के क्षेत्र में प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम विकास, इंटर्नशिप के माध्यम से रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करेंगी। 

    प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति एवं प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। ऑफ बीट मध्यप्रदेश न्यूजलेटर के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य के पर्यटन स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। न्यूजलेटर राज्य के पर्यटन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर फोकस करेगा, जिसमें टाइगर रिज़र्व, नेशनल पार्क, विरासत स्थल, धार्मिक स्थल और पारंपरिक गाँव सहित पर्यटन नीतियां और नवाचार की जानकारी शामिल होगी। इसके साथ ही एकेएस यूनिवर्सिटी, सतना के साथ हुआ एमओयू क्षेत्रीय विकास, उद्यमिता को बढ़ावा देने और समुदायों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सतना और रीवा के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाएं पैदा करेगी।

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  • CM Dr. Yadav: उद्योगों के विकास की सभी बाधाओं को किया जाएगा दूर

    CM Dr. Yadav: उद्योगों के विकास की सभी बाधाओं को किया जाएगा दूर

    CM Dr. Yadav: उद्योगपति अपने लिए ही नहीं प्रदेश और देश के लिए चला रहे हैं उद्योग

    • विन्ध्य के उद्योगपतियों को निर्यात के लिए मिलेगी कंटेनर की सुविधा
    • कमिश्नर और कलेक्टर दूर करें उद्योगपतियों की कठिनाइयों को
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में किया उद्योगपतियों से संवाद

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि विन्ध्य में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इन्हें गति देने के लिए 23 अक्टूबर को रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उद्योगों के विकास की सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। सभी उद्योगपति अपनी कठिनाइयों को उद्योग विभाग अवगत कराएं। हर जिले में निवेश संवर्धन केन्द्र खोल दिये गये है। इसके माध्यम से भी सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। उद्योगपतियों की स्थानीय कठिनाइयों को दूर करने की जिम्मेदारी कमिश्नर और कलेक्टर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्य के उद्योगपतियों को उत्पादों के निर्यात के लिए कंटेनर की सुविधा मिलेगी। अब रेल के साथ मालवाहक हवाई जहाजों से भी परिवहन होगा। उद्योगपति केवल अपने लिए उद्योग नहीं चलाते हैं। उनके द्वारा संचालित उद्योग से प्रदेश और देश का विकास भी होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीवा में 23 अक्टूबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के संदर्भ में स्थानीय उद्योगपतियों के साथ चर्चा कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हर माह संभागीय मुख्यालयों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जब कुँआ खुद प्यासे के पास जा रहा है तब उद्योगों को भला कौन सी कठिनाई होगी। उद्योगपतियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की मिलिंग के संबंध में जो कठिनाईयाँ हैं उन्हें दूर करने के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। मिलिंग नीति में राइस मिलर्स के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उद्योगों के लिये वर्ष 2022-23 के अनुदान की राशि जारी कर दी गई है। अब अनुदान की राशि सीधे उद्योगपति के खाते में जारी की जाएगी। विन्ध्य क्षेत्र के विकास की हर बाधा दूर की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं रीवा का दामाद हूँ, रीवा के विकास में कोई कोर कसर नहीं रखूंगा।

     उद्योगों पर नहीं होगा दोहरा कराधान

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में उपस्थित रीवा तथा मऊगंज के उद्योगपतियों से चर्चा की और सिंगरौली, सीधी, मैहर तथा सतना के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों पर दोहरा कराधान नहीं होगा। आगामी 23 अक्टूबर को रीवा में पूरे विन्ध्य के औद्योगिक विकास के लिए विचार-मंथन के लिए कॉन्क्लेव होगा। इसमें शामिल होने के लिए 50 बड़े उद्योगपतियों के साथ 3 हजार से अधिक उद्योगपतियों ने पंजीयन किया है। इसी दिन औद्योगिक केन्द्र चोरहटा में विद्युत सब-स्टेशन के निर्माण तथा रीवा में आईटी पार्क के निर्माण का भूमि-पूजन भी किया जायेगा। विन्ध्य में कई बड़े उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिलेंगे।

    बैठक में उद्योगपतियों ने औद्योगिक विकास के अनुसार जिलों के श्रेणीकरण, रीवा को विशेष औद्योगिक जोन का दर्जा देने, धान मिलिंग तथा बारदाने की राशि के भुगतान, छोटे शहरों के औद्योगीकरण को प्राथमिकता देने, सिंगरौली में उद्योगों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता, पॉवर, एल्युमिनियम और सीमेंट प्लांट सहित विभिन्न सुझाव दिए।

    मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की रूपरेखा प्रस्तुत की। उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद रीवा श्री जनार्दन मिश्र, सांसद सीधी डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक त्योंथर श्री सिद्धार्थ तिवारी, विधायक मनगवाँ श्री नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. नीता कोल, प्रबंध संचालक औद्योगिक विकास निगम श्री चन्द्रमोली शुक्ला, कमिश्नर रीवा श्री बी.एस. जामोद और कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल उपस्थित रहीं। बैठक में उद्योग संघ रीवा के अध्यक्ष श्री राजीव खन्ना, श्री जी.एस. साहनी, श्री दिलीप सिंह, श्री आर.के. रोघटा, श्री आदित्य प्रताप सिंह, श्रीमती विभा व्रिकांत द्विवेदी सहित अन्य उद्योगपति शामिल हुए।

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  • CM Dr. Yadav: खनिज कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए

    CM Dr. Yadav दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र में हुए शामिल

    • प्रदेश में खनिज क्षेत्र में निवेश को पूर्ण प्रोत्साहन
    • 11 औद्योगिक संस्थान निवेश के लिये आगे आये
    • हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश
    • अयोध्या में रामलला के मंदिर में उपयोग में लाए गए मध्यप्रदेश के मंडला के पत्थर

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पाद भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सम्पन्न कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित “संयुक्त उद्यम समझौता” हस्ताक्षरित भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि प्रदेश के खनिज राजस्व में भी 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में प्राप्त किया जाएगा। उद्यमियों के साथ भू-गर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के खनिज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विश्व में सबसे अलग है। जहां अन्य देश राष्ट्र को पिता मानते हैं, हमारे देश में हम भारत माता की जय का उद्घोष करते हैं। मातृ प्रधान व्यवस्था को प्राचीन काल से प्रश्रय मिला। हम देश को भी मातृ संस्था मानते हैं। शरीर की रचना भी ब्रम्हांड की तरह होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि इस वसुंधरा की नदियां मनुष्य के रक्त प्रवाह के समान हैं। पृथ्वी में भी प्राण होते हैं और वनस्पति में भी प्राण होते हैं, यह हमारी मान्यता अन्य देशों से काफी पुरानी हैं। प्रकृति के दोहन और शोषण के अंतर को समझने की आवश्यकता है। खनिज संपदा की दृष्ट से ईश्वर की कृपा मध्यप्रदेश पर है।

    माईनिंग कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेश प्रस्ताव

    क्र

    फर्म/कम्पनी का नाम

    प्रोजेक्ट का विवरण

    स्थान

    1

    ल्यूगांग इंडिया, नई दिल्ली

    प्रदेश में माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई स्थापना निवेश राशि 250 करोड़

    2

    इंडियन रेयर अर्थस, मुंबई

    रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना

    औद्योगिक क्षेत्र अचारपुर, जिला भोपाल

    3

    द कमोडिटी हब, गुरूग्राम हरियाणा

    कॉपर, रॉकफास्फेट तथा सिलीकॉन बेनीफिकेशन प्लांट की स्थापना, निवेश राशि 2000 करोड़

    बालाघाट एवं खरगौन

    4

    श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर छत्तीसगढ़

    इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़

    उमरिया

    5

    व्रिज आयरन एवं स्टील लिमि. जल विहार कालोनी रायपुर

    इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़

    कोतमा शहडोल

    6

    बैर्री अलायज, कोलकाता

    प्रदेश में फेरो अलायज इकाई की स्थापना निवेश राशि 400 करोड़

    7

    इन्विनायर पेट्रोडाइन लिमिटेड

    कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन में निवेश राशि 5000 करोड़

    बैतूल और छिंदवाड़ा

    8

    डालमिया सीमेंट, नई दिल्ली

    प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़

    सतना

    9

    जे.के. सीमेंट

    पन्ना जिले में स्थापित सीमेंट प्लांट का विस्तारीकरण निवेश राशि 2500 करोड़

    पन्ना

    सिंगरौली एवं शहडोल जिले में आवंटित कोल ब्लॉक निवेश राशि 1000 करोड़

    सिंगरौली एवं शहडोल

    10

    अंबुजा सीमेंट अहमदाबाद, गुजरात

    प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़

    रीवा

    11

    सागर स्टोन इंडस्ट्रीज, जबलपुर

    फोस्फोराईट से खाद विनिर्माण इकाई की स्थापना, निवेश राशि 500 करोड़

    छतरपुर

     

    कुल

    19650

    प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जेट की गति से बढ़ रहा देश

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश जेट की गति से आगे बढ़ रहा है। खनिज के क्षेत्र में प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश भी विकास के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। जहां कृषि के साथ ही पशुपालन और अन्य क्षेत्रों में नए प्रकल्प आ रहे हैं, वहीं खनिज क्षेत्र में मध्यप्रदेश उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करेगा। भारत सरकार द्वारा खनिजों की नीलामी में पुरस्कृत मध्यप्रदेश विविध प्रकार की खनिज संपदा के समुचित दोहन के लिए संकल्पबद्ध है। मध्यप्रदेश सरकार खनिज क्षेत्र में निवेश को भरपूर प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनन क्षेत्र में उद्यमियों को सरकार का पूरा साथ मिलेगा। खनिज क्षेत्र मध्यप्रदेश को प्रगति के नए आयामों को छूने में सहयोगी बनेगा।

    हर महीने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हर महीने अलग-अलग क्षेत्रों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। इस वर्ष अब तक हुई 4 कॉन्क्लेव के फलस्वरूप लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाली 23 अक्टूबर को रीवा में “रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव” उद्योग के विभिन्न सेक्टर्स में नए निवेश लाने में सहयोगी होगी।

    एक ही दिन में दो बड़े आयोजनों में भागीदारी का सौभाग्य

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक प्रगति को अग्रसर रखने एवं युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की जा रही है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की पूरी क्षमता को विकसित करने हमने पर्यटन की भी कॉन्क्लेव की। आज मैं दो कॉन्क्लेव में शामिल हुआ। सुबह पेट्रोकेमिकल एवं फार्मा इंडिया केम मुंबई में शामिल हुआ और अभी माइनिंग कॉन्क्लेव में शामिल हुआ हूँ। विभागवार कॉन्क्लेव की श्रंखला जारी रहेगी। अगले वर्ष फरवरी में जीआईएस का आयोजन करेंगे। मध्यप्रदेश में चहुँमुंखी औद्योगिक विकास और रोजगार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे।

    अयोध्या के राम मंदिर तक पहुंचा मध्यप्रदेश का पत्थर, हीरे के बाद सोना भी निकालेंगे

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही यह गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। निश्चित ही यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य पाया गया कि उसे गर्भगृह में स्थान मिला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को श्री अनुपम चतुर्वेदी और श्री किशोर ने इस पत्थर का नमूना भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश खनिजों के मामले में भी अद्वितीय है। भारत की वसुंधरा में मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ रत्न-गर्भा भी है। पन्ना में हीरों का भंडार प्रदेश को अलग पहचान देता है। अब हीरों के साथ सोना भी प्रदेश की धरती से निकलेगा। अन्य खनिजों के खनन के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनन तकनीक में प्रयुक्त हो रहे नवीनतम उपकरणों की भी जानकारी ली। नई खनन मशीन के लोकार्पण के साथ ही खनन उपकरणों की कार्य प्रणाली की भी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदर्शनी स्थल पर एनसीएल नॉर्दन कोल-फील्ड्स लिमिटेड, नवाधर सोल्यूशन्स, मार्गसॉफ्ट टेक्नोलॉजिस, बालाजी सोल्यूशन्स, प्रोपल इंडस्ट्रीज, दौलतराम इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील लिमिटेड, टेरेक्स इंडिया प्रायवेट लिमिटेड, ऐरो लिमिटेड, रेलटेल कॉर्पोरेशन, फॉर्च्यून स्टोन्स लिमिटेड, महेश्वर माईनिंग लिमिटेड, इंजीयिटेक कंसलटेंट, रामनिक पॉवर एंड एलॉयस प्रायवेट लिमिटेड, कार्तिकेय एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग सर्विसेज प्रायवेट लिमिटेड के स्टॉल के साथ ही जीएसआई और मध्यप्रदेश के खनिज संसाधन विभाग के स्टॉल भी देखे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के खनन क्षेत्र पर केंद्रित लघु फिल्म भी दिखाई गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत सरकार के खनिज मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका “खनन क्षेत्र में सुधार” (माईनिंग सेक्टर रिफार्म्स) का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से एमओआईएल (मॉयल) कम्पनी के सीएमडी द्वारा दो करोड़ 78 लाख 94 हजार 725 रूपए का लाभांश चेक भेंट किया गया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव से माईनिंग कॉन्क्लेव के प्रतिनिधियों और निवेशकों ने की भेंट

    कॉन्क्लेव के समापन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव से सागर स्टोन इंडस्ट्रीज के श्री नितिन शर्मा, कैप्टन स्टील के श्री बैरी अलॉयज, मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) श्री अजीत कुमार सक्सेना, इंडियन रेयर अर्थस मुंबई के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री दीपेन्द्र सिंह ने भेंट कर मध्यप्रदेश में निवेश के प्रस्तावों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खनिज क्षेत्र के उद्यमियों से वन-टू-वन बातचीत की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार निवेश के प्रति गंभीर ही नहीं, संवेदनशील और प्रतिबद्ध भी है। सभी तरह के उद्योगों के लिए बुनियादी सुविधाएं एवं अन्य आवश्यक रियायतें प्रदान की जा रही हैं। इस नाते खनिज क्षेत्र को भी पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।

    मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि अगले 25-30 वर्षों तक विश्व में भारत का दबदबा रहेगा। विश्व में भारत को एक ब्राइट स्पॉट की तरह देखा जा रहा है। भारत स्टार्ट-अप के क्षेत्र में बहुत बड़ी ताकत बन चुका है। यूएसए और चीन के बाद स्टार्ट-अप के क्षेत्र में भारत तीसरा बड़ा देश है, जबकि यूनीकॉर्न के क्षेत्र में दूसरी बड़ी शक्ति है। पीएम गति शक्ति पोर्टल पर कई विभागों के डेटा को डिजिटाईज कर डाला गया है। इससे कई कार्य कम समय में आसानी से किये जा सकते हैं। अगले 25 सालों में देश की इकोनॉमी 30 ट्रीलियन की होगी तथा देश की जनसंख्या 163 करोड़ होगी। प्रति व्यक्ति आय 18 से 19 हजार डॉलर होगी। मध्यप्रदेश देश का तेजी से विकसित होता राज्य है। प्रदेश मिनरल रिसोर्सेस में तो नम्बर वन है ही, यहां पानी, कोयला एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों की भी प्रचुरता है। प्रदेश में वर्ष 2008 में सिंचित भूमि 7 लाख हेक्टेयर थी, जो बढ़कर वर्तमान में 45 लाख हेक्टेयर हो गई है। प्रदेश तेजी से औद्योगिक विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसके लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आरआईसी और जीआईएस का आयोजन किया जा रहा है। माईनिंग सेक्टर को मजबूत करने के लिये भी माईनिंग कॉन्क्लेव जैसे कई नवाचार किये जा रहे है।

    श्री अंशु पाण्डे, संचालक, भारत सरकार, खान मंत्रालय ने बताया कि भारत में सामरिक एवं क्रिटिकल खनिज की उपलब्धता विदेशों से आयात पर निर्भर है। भारत सरकार द्वारा सामरिक एवं क्रिटिकल खनिज के लिये अधिनियम एवं नियमों में प्रावधान किये गये हैं।

    एरिओ कम्पनी के जीएम श्री पीयूष राणा ने “डीमिस्टीफाइंग फ्यूचरिस्टिक माइनिंग-द गेम चेंजिंग इम्पेक्ट ऑफ एआई एण्ड ड्रोन्स” विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि ड्रोन टेक्नालॉजी को अपना कर माइनिंग सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। इससे बहुत कम समय में बहुत बड़े स्तर पर निरीक्षण, परीक्षण एवं मेजरमेंट सहित अन्य कई कार्य किये जा सकते हैं। केन्द्र सरकार ने सुरक्षा, दक्षता एवं विकास को ध्यान में रखते हुए ड्रोन रूल्स-2021 बनाये हैं। भारत का सबसे बड़ा ड्रोन आधारित डिजिटल प्रोजेक्ट डिजीकोल लांच किया गया है। इस तकनीक से एक्यूरेसी एवं एसेसिबिलीटी के साथ एफिशिएंटली प्रोजेक्ट पूरे किये जा सकते हैं। देश की कई बड़ी कम्पनीज जैसे अडानी, टाटा स्टील, वेदांता, जेएसडब्ल्यू, आदित्य बिड़ला ग्रुप जैसी कई बड़ी कम्पनी इस तकनीक का प्रयोग कर रही हैं।

    डिलाइट के डायरेक्टर श्री तुषार चक्रवर्ती ने “डिजिटाइजेशन इन माइनिंग सेक्टर’’ विषय पर प्रेजेंटेशन दिया। श्री चक्रवर्ती ने बताया कि डिजिटाइजेशन को अपना कर कई चुनौतियों को आसान किया जा सकता है। इससे सुरक्षा, उत्पादन एवं क्षमता को बढ़ाया जा सकता है तथा लागत और जोखिम को कम किया जा सकता है।

    रेलटेल के श्री रवीन्द्र सालुंखे ने ई-चेकगेट, एआई पॉवर्ड, स्मार्ट एन्फोर्समेंट सिस्टम के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एआई पॉवर्ड, चेकगेट तकनीक से वाहन का प्रकार, वाहन की नम्बर प्लेट का ऑटोमेटिक रिकग्नीशन, वाहन में मिनरल की मात्रा, मिनरल का प्रकार आदि की एआई द्वारा पहचान आसानी से की जा सकती है। ई-चेकगेट व्यवस्था के माध्यम से मॉनीटरिंग और डिटेक्शन की सटीक व्यवस्था लागू की जा सकती है।

    फीमी के वाइस चेयरमेन श्री हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि माइनिंग सेक्टर पिछड़े इलाकों में रोजगार दिला रहा है, जिससे संबंधित क्षेत्र का विकास हो रहा है, कई लाख लोग इस सेक्टर में रोजगार पाकर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। माइनिंग सेक्टर की देश की जीडीपी में 3 प्रतिशत की भागीदारी है। माइनिंग कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। यह कॉन्क्लेव माइनिंग सेक्टर के विकास में अहम साबित होगी।

    अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने वन क्षेत्र में खनिजों के सर्वेक्षण तथा खनिज पट्टे के लिये वन विभाग की पूर्वानुमति लिये जाने के नियमों और प्रावधानों की जानकारी दी। साथ ही वन अनुमति प्राप्त करने के लिये औपचारिकताओं की जानकारी दी। प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री संजय कुमार शुक्ला ने प्रदेश में खनिज की उपलब्धता, उत्पादन एवं खनिज आधारित उद्यो ग की संभावना के संबंध में बताया। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि देश के सी.बी.एम. के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत मध्यप्रदेश कर रहा है। प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री गुलशन बामरा ने बताया कि पर्यावरण संतुलन के साथ खनिजों का खनन आवश्यक है। उन्होंने इसके संबंध में लागू नियमों एवं कानूनों के संबंध में व्याख्यान दिया। सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ. नवनीत मोहन कोठारी के द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यियम उद्यो्ग एवं स्टॉटप में अवसरों के बारे अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसके लिये प्रोत्साहन दिया जा रहा है जिससे अधिक संख्या में उद्योग स्थापित हो सके। अपर सचिव राजस्व श्री संजय कुमार द्वारा राजस्व के संबंध में अवगत कराया गया है कि प्रदेश में लागू भू-राजस्व संहिता में खनन के संबंध में क्या-क्या प्रावधान हैं। वन अनुमति हेतु क्षतिपूर्ति वनारोपण के लिये भूमि का बैंक तैयार किया गया है जिसे सत्यापन के लिये वन विभाग को दिया गया है। वन विभाग के सत्यापन उपरांत यह भूमि उपलब्ध कराई जा सकेगी।

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  • CM Dr. Yadav: प्रदेश को रोजगारपरक बनाने के साथ विकास के हर आयाम को तय कर रही है सरकार

    CM Dr. Yadav: प्रदेश को रोजगारपरक बनाने के साथ विकास के हर आयाम को तय कर रही है सरकार

    CM Dr. Yadav: सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का करेगा नेतृत्व

    • उज्जैन में नये उद्योगों की स्थापना से 50 हजार लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष रोजगार
    • भौतिक सम्पदाओं का सदुपयोग कर प्रदेश को आर्थिक सम्पन्न बनायेंगे
    • मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने दशहरा मिलन उत्सव में 658 करोड़ की 16 सड़क परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश को रोजगारपरक प्रदेश बनाने के साथ ही विकास के हर आयाम को तय कर रही है। प्रदेश की भौतिक सम्पदाओं का सदुपयोग कर आर्थिक रूप से सम्पन्न मध्यप्रदेश बनायेंगे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में 350 करोड़ रुपये की लागत से प्रतिभा स्वराज इकाई का आज शुभारम्भ किया गया है, जिससे 5 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उज्जैन के बेस्ट इंटरप्राइजेस और प्रतिभा स्वराज की इकाइयों से लगभग 10 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध होंगे। इसी प्रकार उज्जैन में अन्य औद्योगिक इकाई के माध्यम से 50 हजार बेरोजगार लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ.यादव आज उज्जैन के कार्तिक मेला ग्राउण्ड में दशहरा मिलन उत्सव एवं 658 करोड़ की 16 सड़क परियोजनाओं के भूमि-पूजन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

    कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, उज्जैन के प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, राज्यसभा सांसद बाल योगी, श्री उमेशनाथ जी महाराज, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया, विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री सतीश मालवीय, श्री तेजबहादुर सिंह चौहान, श्री जितेन्द्र पंड्या, महापौर श्री मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव, श्री बहादुर सिंह बोरमुंडला, श्री विवेक जोशी सहित जन-प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में जन-समुदाय उपस्थित रहा।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सनातन धर्म की सभी सन्यासी परम्पराओं के सभी वैष्णव और शैव संत 12 साल में सिंहस्थ में आते हैं और भविष्य में सनातन धर्म की दिशा, आचरण, स्वरूप तय करते है। मानवता की स्थापना के लिये सर्वोच्च सिंहस्थ मेला आयोजित किया जायेगा। सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। इसकी समुचित तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के मामले में मध्यप्रदेश को देश का नम्बर वन राज्य बनायेंगे। इसके लिये अधोसंरचना विकास के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। प्रदेश को माइनिंग सेक्टर में भी दुनिया में नम्बर वन बनायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश हर सेक्टर में तेजी से तरक्की कर रहा है। प्रदेश में निवेशकों को लाने एवं निवेश बढ़ाने के लिये 16 अक्टूबर को हैदराबाद जाकर निवेशकों को आमंत्रित करेंगे। उज्जैन संभाग से प्रारम्भ हुई रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव की श्रंखला में अब 23 अक्टूबर को रीवा में कॉन्क्लेव होने वाली है। इसके बाद शहडोल, नर्मदापुरम संभाग में भी रीजनल इण्डस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी। आगामी वर्ष के फरवरी माह में प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा, जिसमें विश्वभर से निवेशक आमंत्रित किये जायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत शक्ति-सम्पन्न एवं सामर्थ्यशाली देश बनने के साथ ही विकास के समुच्चय में सर्वोच्च स्थान भी हासिल कर रहा है। हमारी सनातन परम्परा में देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों ने शास्त्र एवं शस्त्र के साथ दुनिया का मार्ग प्रशस्त किया है। हमारा देश शान्तिपूर्ण देश है, पर जरूरत पड़ने पर शास्त्र के साथ ही शस्त्र उठाना भी बखूबी जानता है। थल सेना, वायु सेना एवं नौसेना को शक्ति सम्पन्न बनाते हुए सम्पूर्ण विश्व के मोर्चे पर आज प्रधानमंत्री श्री मोदी प्रभावशाली भूमिका अदा कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन विश्व पटल पर धार्मिक पर्यटन के प्रमुख केन्द्र के रूप में पहचाना जायेगा। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। इसी प्रकार सोमवारिया से लेकर सिंहस्थ बायपास तक नया फोरलेन बनाया जायेगा, जिसकी टेण्डर प्रक्रिया प्रारम्भ है। केडी गेट से लेकर बीमा हॉस्पिटल के आगे तक फोरलेन निर्माण की भी मंजूरी दी गई है। उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन का कार्य प्रारम्भ हो गया है। तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग का भी आज भूमि-पूजन किया गया है। उन्होंने कहा कि उज्जैन को जोड़ने वाले चारों तरफ के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे।

    विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है मध्यप्रदेश : लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह

    लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में लोक निर्माण विभाग “लोक निर्माण से लोक कल्याण’’ के ध्येय वाक्य के साथ विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा हैं। विकास कार्यों से उज्जैन बेहतर सड़कों के साथ सामाजिक और आर्थिक ऊंचाइयों पर भी पहुंचेगा। विकास का मोहन मॉडल’ प्रदेश की उन्नति के साथ जन-कल्याण के मार्ग भी खोल रहा हैं। प्रदेश में विकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्जैन धार्मिक नगरी के साथ अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में भी स्थापित होगा। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा लोकपथ एप का संचालन किया जा रहा है, जिसमें अब सड़कों के क्षतिग्रस्त होने संबंधी प्राप्त शिकायतों का 7 दिन के अंदर संबंधित क्षेत्र के विभागीय अधिकारी द्वारा निराकरण किया जाएगा। मुझे बताते हुए खुशी है कि 3 से 4 महीने के अंदर अभी तक प्राप्त शिकायतों में से 95% से अधिक का निराकरण किया जा चुका है।

    कार्यक्रम में विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा उज्जैन को 658 करोड़ से अधिक की राशि की सौगातें आज दी गई है, जो उज्जैन के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से 658 करोड़ के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि पूजन

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्तिक मेला ग्राउंड उज्जैन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य  से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन किया। इनमें प्रमुख रूप से 225.96 करोड़ की लागत से हरीफाटक-लालपुल-मुल्लापूरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और शिप्रा पर 2 लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, 67.69 करोड़ की लागत से उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य (एनएच 148 का छूटा हुआ भाग), 22.61 करोड़ की लागत से बडावदा कलसी नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, 31.88 करोड़ की लागत से नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, 35.65 करोड़ की लागत से तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, 32.6 करोड़ के लागत से रालामंडल कांकरिया चिराखान लेकोडा़ झिरोलिया बारोदा हमीरखेड़ी उमरिया मार्ग, 30.45 करोड़ की लागत से लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, 38.57 करोड़ की लागत से बड़ापुल रणजीत हनुमान मोजमखेड़ी मार्ग, 64.99 करोड़ की लागत से वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, 78.36 करोड़ की लागत से करोहन नाईखेड़ी पंचक्रोशी मार्ग, 2.55 करोड़ की लागत से खाचरोद बड़नगर बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, 13.46 करोड़ की लागत से सदावाल हेलीपैड निर्माण, 2.66 करोड़ की लागत से जहांगीरपुर से चामुंडामाता मार्ग, 2.91 करोड़ की लागत से रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, 3.64 करोड़ की लागत से सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और 3.11 करोड़ की लागत वाले मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का भूमि-पूजन शामिल है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्वलित कर दशहरा मिलन उत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और अतिथियों के साथ कन्याओं का पूजन किया। उन्होंने पुष्पवर्षा कर उपस्थित जन-समुदाय का स्वागत-अभिनन्दन किया।

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  • CM Dr. Yadav: शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा दशहरा पर्व

    CM Dr. Yadav: शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा दशहरा पर्व

    CM Dr. Yadav

    • CM Dr. Yadav करेंगे महेश्वर में शस्त्र पूजन
    • 5 अक्टूबर को दमोह जिले के संग्रामपुर में होगी मंत्रि-परिषद की बैठक
    • रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में भी होगी क्षेत्रीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव
    • मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वंदे-मातरम् गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस वर्ष दशहरा पर्व, शस्त्र पूजन के साथ मनाया जाएगा। सभी मंत्री अपने प्रभार के जिलों के पुलिस शस्त्रागार में शस्त्र पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वयं स्त्री शक्ति और सामर्थ्य को नमन के प्रतीक स्वरूप लोकमाता अहिल्या देवी की राजधानी महेश्वर में दशहरे पर शस्त्र पूजन करेंगें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आगामी 5 अक्टूबर की मंत्रि-परिषद की बैठक दमोह जिले के संग्रामपुर में होगी। यह रानी दुर्गावती के प्रति राज्य सरकार के सम्मान का प्रकृटीकरण है बैठक का आयोजन। उल्लेखनीय है कि संग्रामपुर रानी दुर्गावती की राजधानी रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मं‍त्रि-परिषद की बैठक से पहले अपने संबोधन में यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में वंदे-मातरम् के गान के साथ मंत्रालय में बैठक आरंभ हुई।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लंदन की T-4 एजुकेशन संस्था द्वारा रतलाम के विनोबा सीएम राइज़ स्कूल को विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार-2024 के नवाचार श्रेणी में शीर्ष तीन फाइनलिस्ट में शामिल होने संबंधी प्रमाण पत्र सौंपा गया। मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने यह प्रमाण पत्र सौंपा।

    प्रदेश में आरंभ हो रही है सोयाबीन उपार्जन के लिए नामांकन की प्रक्रिया

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन उपार्जन के लिए नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। सभी मंत्री तथा जनप्रतिनिधि अधिक से अधिक कृषकों का नामांकन सुनिश्चित कराएं। समर्थन मूल्य पर गुणवत्ता पूर्ण सोयाबीन का उपार्जन करें।

    परम्परागत उद्योगों को किया जाएगा प्रोत्साहित

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव 27 सितंबर को सागर में होगी। इसी क्रम में रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल में भी दिसंबर 2024 तक क्षेत्रीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि कोलकाता में हुए रोड शो और उद्योगपतियों व निवेशकों से चर्चा के सत्र का उत्साहवर्धक प्रतिसाद मिला है। कोलकाता के रोड शो और परिचर्चा सत्र में 700 से अधिक उद्योगपतियों और निवेशकों ने सहभागिता की तथा मध्यप्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाई। कोलकाता के सत्र में हुई चर्चा के परिणामस्वरूप प्रदेश में लगभग 20 हजार करोड़ रूपए का निवेश संभावित है, जिससे लगभग 10 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। देश के 16 प्रमुख उद्योग समूह प्रदेश में इकाईयां लगाने के इच्छुक हैं। इस क्रम में बिरला समूह द्वारा बड़नगर (उज्जैन) में सीमेंट इकाई लगायी जाएगी। प्रदेश के परम्परागत उद्योगों को भी प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

    नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अगले दो वर्ष में 14 गुना वृद्धि के लिए प्रयास जारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पिछले 12 साल में प्रदेश में 14 गुना वृद्धि की है। इस दिशा में अगले दो वर्ष में 14 गुना वृद्धि की संभावना है। इसके लिए प्रदेश में निर्धारित कार्ययोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्रामोन्नयन अभियान के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्रों के 51 जिलों के 259 विकासखंडों के 500 से कम जनसंख्या वाले गांवों में आयुष्मान, एलपीजी, मोबाइल मेडिकल यूनिट, कौशल विकास, होम-स्टे, ग्रामीण विद्युतीकरण, टेलीकॉम गतिविधि जैसे कार्यों को क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विकास और जनकल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों के हितग्राहियों का ग्रामीणों से प्रत्यक्ष परिचय व संवाद कराया जाए।

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