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  • President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu

    शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका प्रदेश में समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं

    सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने उज्जैन में स्वच्छता मित्रों को सम्मानित किया

    1692 करोड़ के उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन रोड़ का किया भूमि-पूजन

    President Smt. Murmu ने कहा है कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये सभी आगे बढ़ें। स्वच्छता ही देश को स्वस्थ और विकसित बना सकती है। देश का प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य में सहयोग करे और सब मिलकर देश को विकसित राष्ट्र बनायें। मध्यप्रदेश ने शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई के लिये श्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इन्दौर निरन्तर 7वीं बार देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ है। भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज उज्जैन में सफाई मित्रों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने सफाई मित्रों श्रीमती रश्मि टांकले, श्रीमती किरण खोड़े, श्रीमती शोभा घावरी, श्रीमती अनिता चावरे और श्री गोपाल खरे का सम्मान भी किया। राष्ट्रपति ने 1692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन मार्ग का भूमि-पूजन भी किया। प्रारम्भ में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और उन्हें श्रीमहाकाल लोक की प्रतिकृति प्रदान की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी भी उपस्थित थे।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि अवन्तिका बाबा महाकाल की पवित्र, दिव्य एवं पावन नगरी है। गुप्तकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग रहा है और उस समय उज्जैन भारत का महत्वपूर्ण नगर था। यहां संस्कृति और सभ्यता की प्राचीन परम्परा है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज से 2000 वर्ष पूर्व उज्जैन परिवहन व्यवस्था का उत्कृष्ट केन्द्र था। यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र भी था। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की विशालता और भव्यता का अदभुत चित्रण किया है। देवलोक में जो महत्व अल्कापुरी नगरी का है, वही महत्व पृथ्वी पर उज्जैन नगरी का बताया गया है। मैं बाबा महाकाल, अवन्तिका नगरी और पवित्र शिप्रा नदी को प्रणाम करती हूँ।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उज्जैन एवं प्रदेश में समग्र विकास के अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आज उज्जैन में उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन मार्ग का भूमि-पूजन किया गया है। यहां विक्रम उद्योगपुरी मेडिकल डिवाइसेस पार्क बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एक्सप्रेस-वे एवं एलीवेटेड कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं। इन सभी के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास सराहनीय हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में स्वच्छता देशव्यापी जन-अभियान बन गया है। स्वच्छता अभियान के द्वितीय चरण में वर्ष 2025 तक हमें देश में सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करना है। देश में खुले में शौच से पूर्णत: मुक्ति और सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट किया जा रहा है। महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्श को हमें पूरा करना है। मैंने स्वयं अपने कैरियर की शुरूआत स्वच्छता के कार्यों से की। मैं नगर परिषद में उपाध्यक्ष थी और वार्डों में जा-जाकर स्वच्छता के लिये कार्य करती थी और लोगों को जागरूक करती थी। देशवासियों में आज स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मध्यप्रदेश के कई शहर ‘वॉटर+’, ‘ओडीएफ++’ के रूप में पुरस्कृत हुए हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा हैं। इन्हें आज सम्मानित कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हम सफाईकर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुरक्षित करेंगे। देश में “मेन होल” को समाप्त कर अब “मशीन होल” बनाये जा रहे हैं। सफाईकर्मियों को लाभान्वित करने के लिये अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। मध्यप्रदेश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

    देश में पवित्र सेवा का संदेश देगा, उज्जैन का सफाई मित्र सम्मेलन : राज्यपाल श्री पटेल

    राज्यपाल श्री पटेल ने मध्यप्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के आगमन पर प्रदेशवासियों की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है आध्यात्मिक केन्द्र उज्जैन में आयोजित सफाई मित्र सम्मेलन देश में स्वच्छता केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि पवित्र सेवा का संदेश प्रसारित करेगा। स्वच्छता अभियान की यह पहल सफाई मित्रों की प्रतिबद्धता के साथ स्वच्छ, स्वस्थ और आध्यात्मिक रुप से सशक्त देश के निर्माण का संदेश प्रसारित करेगी। आज का दिन हमारे समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वच्छता वीरों के लिए अभूतपूर्व और अविस्मरणीय है। अपनी मेहनत और समर्पण से शहरों को साफ बनाकर हमारे जीवन को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने वाले सफाई मित्रों को पहचानना, उनका सर्मथन और सम्मान करना, समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है। उन्होंने सफाई मित्रों को हृदय से बधाई देते हुए कहा कि सफाई का काम ईश्वर की पवित्र सेवा है। सफाई मित्र हमारे लिए वंदनीय है। राज्य सरकार सदैव सफाई मित्रों के काम को समर्थन देने के लिए तैयार है।

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वच्छता क्रांति का सूत्रपात हुआ है, हमने सही अर्थों में स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाया है। हमारे शहर और नागरिकों ने स्वच्छता को आत्मसात करते हुए पूर्णकालिक विषय के रूप में स्थापित किया है। स्वच्छता सुविधाओं जैसे व्यक्तिगत, सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय बनाने और कचरा प्र-संस्करण इकाइयों के निर्माण को प्रदेश में प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं प्रदेश के विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण इंदौर-उज्जैन 6 लेन परियोजना आध्यात्मिक सांस्कृतिक केन्द्र उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुगम, आसान बनाकर पर्यटन, सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को तेज करेगी।

    आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में‍लिखा जायेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह दिन ऐतिहासिक होकर नई सौगात लेकर आया है। हर युग में, हर काल में जिसका अस्तित्व रहा, ऐेसी महान एवं पवित्र नदी क्षिप्रा के किनारे स्थित अवंतिका, हर काल में अपने विकास के आयामों से सदैव लोगों के उत्कर्ष की परिचायक है। कहा जाता है कि क्षिप्रा तट पर जो भी व्यक्ति आते हैं और जैसा सोचते हैं, परमात्मा उसे जीवनकाल में उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कामों से दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र का गौरव हासिल करने के प्रत्येक आयामों को छुआ है। विकास के सभी क्षेत्र में सफाई मित्रों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान, पखवाडे के रूप में मनाया जा रहा है। यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री की स्वच्छता के प्रति लगाव की भावना को रेखांकित करता है और सफाईकर्मियों की बड़ी भूमिका का भी अहसास भी कराता है। स्वच्छताकर्मी बीमारी और जिंदगी के बीच मजबूत दीवार की तरह खड़े रहते हैं। मध्यप्रदेश, देश के सभी राज्यों में स्वच्छता के लिए दूसरे नम्बर पर आया है, यह हम सबका सौभाग्य है। साथ ही देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का दर्जां भी प्रदेश की राजधानी भोपाल को प्राप्त हुआ है। स्वच्छता का हमारा सबसे मजबूत रिश्ता है। भारत के सबसे स्वच्छ नगरों में लगातार 7 बार से प्रदेश ने इस गौरव को इंदौर के माध्यम से हासिल किया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि स्वच्छता अभियान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले स्वच्छताकर्मियों को योगदान के लिये उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक नगर की स्टार रैकिंग के हिसाब से स्वच्छताकर्मियों को प्रति स्टार रैंकिंग पर एक हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। उज्जैन को तीन स्टार मिले हैं, इसलिए यहां के सभी स्वच्छताकर्मियों को तीन-तीन हजार रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पाषाण शिल्प को महत्व देने के लिये श्रीमहाकाल लोक की सभी प्रतिमाएं पाषाण की बनवाएंगे। इससे प्रदेश में पाषाण शिल्प को प्रोत्साहन मिलेगा। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश भी अब पाषाण शिल्प में स्थान हासिल करेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का बडा महत्व है। महारानी अहिल्याबाई का वर्तमान में 300वां जन्मोत्सव चल रहा है। महारानी अहिल्याबाई ने 30 साल के शासनकाल में नारी सेना, विधवा-विवाह प्रोत्साहन सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलाई थी। उन्होंने महिलाओं की आत्म-निर्भरता के लिए महेश्वर साड़ी का उद्योग स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा इंदौर से उज्जैन को जोड़ने के लिए 1692 करोड़ रुपए लागत से 6 लेन रोड के निर्माण का शुभारम्भ किया गया है, इससे उज्जैन न केवल इंदौर से बल्कि पूरे देश से जुड़ेगा और आध्यात्मिक नगरी उज्जैन आने-जाने के लिए मार्ग सुगम होगा।

    लघु फिल्म का प्रदर्शन

    समारोह में उज्जैन के विकास कार्यों को लेकर बनाई गई लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें उज्जैन में होने वाले विकास कार्यों को दर्शाया गया। समारोह का शुभारम्भ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

    source: http://www.mpinfo.org

  • President Smt. Murmu: बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी

    President Smt. Murmu: बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी

    President Smt. Murmu

    देश के सर्वांगीण विकास के लिये जवाबदेही से संकल्पबद्ध होकर किये जाये कार्य : राज्यपाल श्री पटेल
    मध्यप्रदेश में बौद्धिक सम्पदा का सर्वांगीण विकास में होगा उपयोग: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
    राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को वितरित की उपाधियाँ

    President Smt. Murmu ने आहवान किया कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। देश को विकसित बनाने में बेटियों का अहम योगदान रहेगा। बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनाने तथा देश के सर्वांगीण विकास के लिये सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर महिला सशक्तिकरण और आत्म-निर्भरता का उत्तम उदाहरण है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू आज इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर 14वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को स्वर्ण तथा रजत पदक और उपाधियाँ वितरित की।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने देश में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। इसके लिये इंदौरवासियों को बधाई। उन्होंने कहा कि यह शहर देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम से पहचाना जाता है। इंदौर में विश्वविद्यालय भी देवी अहिल्याबाई के नाम पर स्थापित है। यह हमारे लिये गौरव का समय है, जब हम देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मना रहे हैं। लोक माता अहिल्याबाई शिक्षा के महत्व को समझती थी। उनके पिता ने भी उस दौर में उन्हें शिक्षा दिलाई जब बालिकाओं को शिक्षा दिलाना बहुत कठिन होता था। समाज के लोग उस वक्त शिक्षा का विरोध करते थे। देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन महिला सशक्तिरण का उत्तम उदाहरण है। उन्होंने अपने जीवन और शासन काल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीन और सफल प्रयास किये। साथ ही जनजातीय समाज की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिये निर्णय लेकर उसे मुर्त रूप दिया और विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये।

    राष्ट्रपति ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है। उनका जीवन महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव का बेहतर उदाहरण रहा है। उन्होंने अपने आत्म-विश्वास और दृढ़-संकल्प से कठिनाइयों एवं संघर्ष के दौर में बनाये रास्ते पर आज सुगमता से चला जा रहा है। राष्ट्रपति ने एक विदेशी कवियित्री की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई की ख्याति देश ही नहीं विदेश में भी थी। यह हमारे लिये गौरव की बात है। मैं लोक माता देवी अहिल्याबाई की स्मृति को सादर नमन करती हूं। उन्होंने कहा कि यह लोकमाता देवी अहिल्याबाई का ही आर्शीवाद और आदर्शों की प्रति है कि आज के दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक पदक बेटियों ने ही प्राप्त किये है। उन्होंने पदक प्राप्त सभी बेटियों को शुभकामनाएं दी और विश्वास व्यक्त किया कि जीवन की सभी बाधाओं को दूर करते हुए स्वयं ही रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ेगी और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगी।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि इंदौर की ही श्रीमती सुमित्रा महाजन ने जनसेवा और लोकतंत्र में योगदान देने का अत्यंत प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किया। श्रीमती मुर्मु ने शैक्षणिक संस्थानों, गुरुजनों और अभिभावकों का आहवान किया कि वे बेटियों को शिक्षित तथा आत्म-निर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि भारत 2047 में सबसे विकसित और सबसे आगे रहने वाला देश बनने के लिये तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें बेटियों की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि बेटियों को प्रोत्साहित किया जाये कि वे बड़े सपने देखें, बड़ा लक्ष्य तय करें और उसे पाने के लिये मेहनत से कार्य करें।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एक ऐसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है जहाँ तीन लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे है। इस विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में अनेक ऐसे जिले आते है जहां अनुसूचित जनजाति के लोग ज्यादा है। इसे मद्देनजर रखते हुए इस विश्वविद्यालय में ट्रायबल स्टडी सेंटर प्रारंभ किया है। यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमें “सबका साथ, सबका विकास एवं सबका प्रयास” का नारा दिया। देश को आगे बढ़ाने के लिये सबका सहयोग एवं सामूहिक विकास जरूरी है। सर्वांगीण विकास के लिये पिछड़ों को भी आगे लाने के लिये सरकार के साथ ही सबका सहयोग भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नयी शिक्षा नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिये सही पथ का चयन करें। इसके लिये माता-पिता, गुरुजनों और अनुभवी व्यक्तियों का सहयोग ले। 

     राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन हम सबके लिए गर्व का विषय है। दीक्षांत समारोह माता-पिता के त्याग-तप, गुरूजनों के आशीर्वाद और विद्यार्थी जीवन के अनुशासन और परिश्रम से प्राप्त सफलता का अविस्मरणीय पल है। उन्होंने सभी मेधावी विद्यार्थियों, गुरुजनों और पालकों को हार्दिक बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि देवी अहिल्या बाई में राजनीतिक, महिला सशक्तिकरण, जनसेवा और देश के धार्मिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का जीवंत उत्साह था। विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों के लिए यह  गौरव की बात है कि वे लोकमाता के रूप में विख्यात देवी अहिल्या बाई के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे है। सैकड़ों साल बाद भी जनमानस देवी अहिल्या बाई की पूजा करता है, क्योंकि उन्होंने स्वयं को एक ऐसे उदाहरण के रूप में स्थापित किया है जिसका सब कुछ था लेकिन स्वयं के लिए कुछ भी नहीं था। देवी अहिल्याबाई वंचित वर्गों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के प्रयास किए। उन्होंने समाज की सेवा को ईश्वर की सेवा माना था। राज्यपाल श्री पटेल ने सभी युवाओं से आह्वान किया कि देवी अहिल्या से प्रेरणा लेते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में निष्ठ, ईमानदार योगदान के लिए संकल्प बद्ध हों। उन्होंने कहा कि मैं सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा करता हूं कि वे अपने माता-पिता और आचार्यों को भगवान समान मानें और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर अच्छी तरह से निभाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई समाज सुधारक, न्याय प्रियता, स्वराज एवं सुशासन की पुरोधा थीं। देवी अहिल्या बाई ने अपने राज्य के बाहर जाकर लोगों के समग्र कल्याण के लिये भी अनेक काम किये हैं। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श और प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कठिन दौर में शिक्षा हासिल की। वे संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करते हुए साहस के साथ आगे बढ़ी है। देवी अहिल्या बाई ने हिमालय की चोटी एवरेस्ट से भी ऊँचा मनोबल लेकर अपना जीवन जिया है। वह हम सब के लिए प्रेरणा का पुंज है। 

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। राज्य सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में कृत-संकल्पित होकर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बौद्धिक सम्पदा पुष्पित और पल्लवित हो रही है। हमारे प्रदेश में अपार बौद्धिक सम्पदा है, जिसका उपयोग प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिये कर रहे है। समारोह में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका अतिथियों को भेंट की गई।

    इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरू श्रीमती रेणु जैन सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • Dr. Baljeet Kaur: सारागढ़ी योद्धाओं की शहादत हमारी यादों से कभी गायब नहीं होगी,

    Dr. Baljeet Kaur: सारागढ़ी योद्धाओं की शहादत हमारी यादों से कभी गायब नहीं होगी,

    Dr. Baljeet Kaur: फिरोजपुर में “सारागढ़ी युद्ध स्मारक” का उद्घाटन किया

    पंजाब सरकार 127 साल पुराने सारागढ़ी युद्ध के 21 सिख योद्धाओं की शहादत को लोगों के दिलों में ताज़ा रखने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। यह बात सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज फिरोजपुर कैंट के ऐतिहासिक गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब में ‘सारागढ़ी युद्ध स्मारक’ का उद्घाटन करने के बाद कही।

    शहीदों की याद में अखंड पथ साहिब के बाद सभा को संबोधित करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के कुशल मार्गदर्शन में राज्य के निवासियों को इस तरह के ऐतिहासिक विकास से जोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य जनता को विशेष रूप से युवा पीढ़ी को उनकी गौरवशाली और गौरवशाली विरासत से जोड़ना है।

    इन परियोजनाओं के तहत ऐसे आयोजनों के दौरान राज्य में ऐतिहासिक और विरासत महत्व के स्थानों के सर्वांगीण विकास पर प्रकाश डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला के तहत, भारत के सारागढ़ी के युद्ध को समर्पित पहला स्मारक फिरोजपुर में बनाया गया है।

    उन्होंने कहा कि यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) के अनुसार सारागढ़ी युद्ध दुनिया के आठ महत्वपूर्ण युद्धों में से एक है। यह बहुत गर्व की बात है कि शहीद सैनिकों को “इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट” (सर्वोच्च पदक) i.e. से सम्मानित किया गया। विक्टोरिया क्रॉस।

    इस स्मारक की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए डॉ. बलजित कौर ने कहा कि पिछले वर्ष इसी दिन मुख्यमंत्री द्वारा इस स्मारक की आधारशिला रखी गई थी।

    उपायुक्त राजेश धीमान के नेतृत्व में जिला प्रशासन की पूरी टीम के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह स्मारक लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जा रहा है।

    राज्यसभा सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने भी इस परियोजना के लिए 50 लाख रुपये का महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    उन्होंने कहा कि यह स्मारक न केवल सिख समुदाय बल्कि पूरे देश के युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में मारे गए अधिकांश सैनिक फिरोजपुर के थे।

    उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस युद्ध को समर्पित एक संग्रहालय गुरुद्वारा सारागढ़ी में 2 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में सारागढ़ी युद्ध के दौरान उपयोग की गई सिग्नलिंग तकनीक की कलाकृतियों, उपकरणों, कोडिंग-डिकोडिंग को प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा उस समय युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियारों को भी दिखाया गया है और वीडियो के माध्यम से लोगों को इस ऐतिहासिक युद्ध के बारे में जागरूक किया जा रहा है, जो आकर्षण का केंद्र बन गया है।

    यह युद्ध स्मारक 36 सिख रेजिमेंट के उन 21 नायकों के सम्मान और बलिदान को समर्पित है, जिन्होंने सारागढ़ी के किले की रक्षा के लिए दस हजार अफगानी आदिवासियों के साथ लड़ाई लड़ी और युद्ध के मैदान में शहादत प्राप्त की।

    उन्होंने कहा कि सारागढ़ी युद्ध स्मारक की अवधारणा अफगानिस्तान में निर्मित स्मारक से प्रेरित थी।

    उन्होंने कहा कि इस स्मारक पर सुंदर रोशनी लगाई गई है जो रात में स्मारक को और भी आकर्षक रूप देगी। यह ऐतिहासिक स्मारक देश और विदेश के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। उन्होंने सारागढ़ी युद्ध के नायक सरदार ईशर सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को धन्यवाद दिया, जिसे स्मारक के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित किया गया है। इसके अलावा, उस समय के युद्ध के दृश्य को दर्शाने वाली 41 फीट लंबी दीवार (भित्ति भित्ति) का भी निर्माण किया गया है।

    उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में ऐतिहासिक महत्व के ऐसे स्थानों के चौतरफा विकास से देश और विदेश के पर्यटक भी आकर्षित होंगे। इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

    कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवार के सदस्यों को भी सम्मानित किया।

    इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह, जिला पंचायत सीईओ डॉ. एसएन सिंह आदि मौजूद रहे।

    source: http://ipr.punjab.gov.in


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