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  • CM Shri Bhajanlal Sharma: 2 अक्टूबर से गांधी वाटिका का संचालन करेगा पर्यटन विभाग

    CM Shri Bhajanlal Sharma: 2 अक्टूबर से गांधी वाटिका का संचालन करेगा पर्यटन विभाग

    महात्मा गांधी के विचारों के प्रोत्साहन हेतु CM Shri Bhajanlal Sharma का महत्वपूर्ण निर्णय, बेहतर प्रबंधन के लिए गठित होगी समिति , गांधी दर्शन से युवा पीढ़ी होगी रूबरू

    CM Shri Bhajanlal Sharma ने महात्मा गांधी के मूल्यों, सिद्धांतों एवं संघर्ष को प्रदर्शित करने वाली सेंट्रल पार्क स्थित गांधी दर्शन म्यूजियम (गांधी वाटिका) के बेहतर संचालन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर) से पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा गांधी वाटिका का संचालन किया जाएगा। इस निर्णय के अंतर्गत पुरात्तव एवं संग्रहालय तथा पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जा सकेगी, जिससे वाटिका का उत्कृष्ट प्रबंधन सुनिश्चित हो सकेगा। मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गांधी वाटिका के बेहतर संचालन के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक समिति के गठन करने के निर्देश भी दिए हैं। ये समिति नियमित रूप से वाटिका के संचालन के अतिरिक्त गांधीजी के मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर सुझाव भी देगी।
    पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के शासन सचिव श्री रवि जैन ने बताया कि विभाग द्वारा डिजिटल एवं नवीन तकनीक के माध्यम से महात्मा गांधी की जीवन यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा। म्यूजियम के एक हिस्से में अंग्रेजों के भारत आगमन से गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास, दूसरे हिस्से में भारत में अंग्रेजों के खिलाफ किए गए आंदोलन एवं तीसरे हिस्से में गांधीजी के दर्शन साहित्य को प्रदर्शित किया गया है।
    उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी गांधीजी और उनके दर्शन से प्रेरणा ले सके, इसके लिए देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की यहां यात्रा भी करायी जाएगी। इसके लिए गांधी वाटिका म्यूजियम को पर्यटन विभाग की सूची में शामिल किया जाएगा। साथ ही, गांधीजी के दर्शन पर बनी विभिन्न फिल्मों के माध्यम से सत्य एवं अहिंसा के संदेशों को प्रसारित किया जाएगा।
    उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गांधी वाटिका का संचालन एवं रखरखाव जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। प्राधिकरण ने 85 करोड़ रुपये की लागत से म्यूजियम का निर्माण किया है। इस वाटिका का निर्माण 3 तलों में किया गया है।
  • चिकित्सा मंत्री Mr. Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा, डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के निर्देश, चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त

    चिकित्सा मंत्री Mr. Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा, डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के निर्देश, चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त

    Mr. Khinvsar

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम एवं बेहतर उपचार की दृष्टि से विभागीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहते हुए पुख्ता प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान, जहां रोगी भार अधिक है वहां मौसमी बीमारियों के लिए डेडीकेटेड ओपीडी का संचालन किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त किए गए हैं। विभागीय कार्मिक अति आवश्यक स्थिति में सक्षम स्तर से अनुमति उपरांत ही अवकाश पर जा सकेंगे।
    Mr. Khinvsar मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के रोगियों को समुचित उपचार सुगमता से मिले। इसके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएं। बैड्स, दवा एवं जांच आदि को लेकर मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। चिकित्सक आवश्यक रूप से चिकित्सा संस्थानों में उपस्थित रहें।

    नए पदस्थापन स्थान पर तत्काल करें ज्वाइन

    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ने पदोन्नति या पदस्थापन के बाद ज्वाइन नहीं किया है, वे तत्काल रूप से अपने पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति दें। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।

    राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी करें औचक निरीक्षण

    श्री खींवसर ने मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों के प्रबंधन की जांच करें। साथ ही, राज्य स्तर पर इस संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित की जाए। दवा, जांच किट या अन्य संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो। किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए।

    संबंधित विभागों के साथ रखें समुचित समन्वय

    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगरीय निकाय विभाग सहित सभी संबंधित विभागों से भी आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही, व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों में अतिरिक्त मेडिकल टीमें लगाकर उपचार एवं बचाव गतिविधियों को व्यापक रूप दिया जा रहा है। साथ ही, मौसमी बीमारियों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
    उन्होंने निर्देश दिए कि मलेरिया, चिकुनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में रेपिड रेस्पॉन्स टीमें भ्रमण कर गंभीर रोगी की जांच एवं उपचार प्रदान करें। आवश्यकता होने पर चिकित्सा संस्थान में रेफर करें तथा बचाव व नियंत्रण संबंधी कार्यों यथा एन्टीलार्वल, मच्छर रोधी, फोगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि गतिविधियों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करें।
    निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चिकित्सा विभाग के निरंतर प्रयासों एवं प्रभावी मॉनिटरिंग से इस वर्ष अधिकांश जिलों में मौसमी बीमारियों के केस विगत वर्ष के मुकाबले आधे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर है।
    बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अंबरीश कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान, सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
  • Rajasthan Coaching Centre (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) विधेयक, 2024’’ के प्रारूप पर स्टेकहोल्डर्स के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की शासन सचिव की बैठक

    Rajasthan Coaching Centre (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) विधेयक, 2024’’ के प्रारूप पर स्टेकहोल्डर्स के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की शासन सचिव की बैठक

    Rajasthan Coaching Centre

    उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की शासन सचिव डॉ. आरूषी मलिक अध्यक्षता में गुरूवार को हिंदी ग्रंथ अकादमी सभागार में ’’Rajasthan Coaching Centre (कंट्रोल एंड रेगुलेशन)  विधेयक, 2024’’ के प्रारूप पर स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक आयोजित हुई। 

    इस दौरान डॉ. आरूषी मलिक ने सभी हितधारकों के सुझावों को विभाग के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि कोचिंग एवं स्कूल संचालक भी अभिभावक हैं तथा बच्चें का उन्नयन, स्वस्थ वातातरण में बेहतर भविष्य का निर्माण हम सभी का लक्ष्य है।  उन्होंने कोचिंग संस्थानों से फीस रिफण्ड पॉलिसी तथा उनके सुझावों को एक सप्ताह की अवधि में विभाग के ई-मेल secretaryhte@gmail.com  पर भिजवाए जाने का आग्रह किया।
    कॉलेज शिक्षा विभाग के आयुक्त श्री ओमप्रकाश बैरवा ने स्टेक हॉल्डर्स को सम्बोधित करते हुए आह्वान किया कि वे प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों के संदर्भ में अपने स्पष्ट एवं सारगर्भित सुझाव प्रस्तुत करें ताकि उन पर केन्द्र के दिशा-निर्देशों के आलोक में विचार करते हुए राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाकर विधेयक को और अधिक उपयोगी बनाया जा सके।
    प्रारंभ में डॉ. हरिशंकर मेवाड़ा, संयुक्त सचिव, उच्च शिक्षा द्वारा प्रस्तावित कोचिंग विधेयक के प्रमुख प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए विभाग द्वारा पावर पॉइन्ट प्रजेण्टेशन दिया गया जिसमें उच्च न्यायालय में विचाराधीन सूओ मोटो याचिका एवं केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों से उपस्थित स्टेक हॉल्डर्स को अवगत कराया गया।
    सभी उपस्थित स्टेक हॉल्डर्स ने कोचिंग संस्थानों के विनियमन हेतु विधेयक लाए जाने को आवश्यक बताते हुए राज्य सरकार द्वारा विधेयक लाए जाने का स्वागत किया। स्टेक हॉल्डर्स ने अपने विस्तृत सुझाव भी प्रस्तुत किए।

     

    बैठक में कोचिंग संस्थानों एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधि, होस्टल संचालक तथा अभिभावकों ने भाग लिया।
  • शासन सचिव पर्यटन Shri Ravi Jain: राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट – 2024 को पूर्ण सफल बनाने के लिए अधिकारी करें मुस्तैदी से काम

    शासन सचिव पर्यटन Shri Ravi Jain: राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट – 2024 को पूर्ण सफल बनाने के लिए अधिकारी करें मुस्तैदी से काम

    शासन सचिव पर्यटन Shri Ravi Jain

    शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा पुरातत्व विभाग Shri Ravi Jain की अध्यक्षता में बुधवार को पर्यटन भवन में “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024(09 से 11 दिसम्बर) के आयोजन तथा इससे पूर्व 8 अक्टूबर को जयपुर में आयोजित होने वाली प्री-समिट की व्यवस्थाओं के क्रियान्वयन हेतु पर्यटन विभाग को सौंपे गए दायित्व के निर्वहन के संबंध में बैठक आयोजित कर चर्चा की गई।

    शासन सचिव सहित बैठक में पर्यटन आयुक्त श्री विजय पाल सिंह, राजस्थान पर्यटन विकास निगम की प्रबंध निदेशक श्रीमती सुषमा अरोड़ा, निदेशक पुरातत्व विभाग श्री पंकज धरेन्द्र, अतिरिक्त निदेशक पर्यटन श्री राकेश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक श्री आनंद त्रिपाठी संयुक्त निदेशक (निवेश) श्री पवन कुमार जैन तथा अन्य विभागीय अधिकारी एवं जयपुर के होटेलियर्स उपस्थित रहे। इसके साथ ही बैठक में जिलों से पर्यटन अधिकारी वीसी के माध्यम से जुड़कर शामिल हुए।

    श्री रवि जैन ने निर्देश दिए कि उक्त आयोजन की व्यवस्थाओं का मुस्तैदी से क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आयोजन के दौरान राजस्थान की कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने हेतु शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाए। इसके साथ समिट के दौरान आने वाले डेलिगेट्स के ठहरने की बेहतरीन व्यवस्था, बेहतरीन भोजन व्यवस्था के साथ अन्य सभी व्यवस्थाओं को उत्कृष्टता से सुनिश्चित करें और पर्यटन में अग्रणी हमारे राज्य राजस्थान के महल किले और म्यूजियम का भ्रमण करवाने की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।

    शासन सचिव ने राजस्थान राज्य में निवेशकों द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में नए निवेश करने लिए जिलों और राज्य स्तर पर एमओयू किए जाने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि निवेशकों की सुविधा के लिए विभिन्न विभागों से क्लियरेन्स हेतु राजस्थान का सिंगल विंडो पोर्टल, राज निवेश पोर्टल महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य में निवेशकों द्वारा पर्यटन के क्षेत्र में नए निवेश करने लिए राज निवेश पोर्टल पर एमओयू प्रस्ताव स्वीकार किये जा रहे हैं। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारियों को कहा कि वे अपने क्षेत्र के निवेशकों को जो एम ओ यू हेतु प्रोत्साहित किये जा सकते हैं उनकी सूची प्रेषित करें।

    श्री रवि जैन ने जिलों के पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिलों में पर्यटन इकाई के प्रोजेक्ट को शुरू किए जाने हेतु कोई अनुमति की आवश्यकता है तो आज ही सूचित करें ताकि उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in


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