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  • संसदीय कार्य मंत्री Jogaram Patel ने दुन्दाड़ा में जनसभा को किया संबोधित

    संसदीय कार्य मंत्री Jogaram Patel ने दुन्दाड़ा में जनसभा को किया संबोधित

    Jogaram Patel: ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ से तीव्र औद्योगिक विकास का मार्ग होगा प्रशस्त

    संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री Jogaram Patel ने रविवार को जोधपुर के दुन्दाड़ा में दीपावली स्नेह मिलन कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित किया। श्री पटेल ने कहा दीपावली का पर्व सम्पूर्ण देश में शांति,सौहार्द एवं प्रेम भाव के साथ मनाया गया। ईश्वर सभी प्रदेशवासियों को सुख–समृद्धि एवं आरोग्य प्रदान करें।

    प्रदेश सरकार विकसित एवं अग्रणी राजस्थान बनाने के लिए कृत संकल्पित

    संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कहा प्रदेश सरकार माननीय मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के संवेदनशील एवं कुशल नेतृत्व में विकसित एवं अग्रणी राजस्थान बनाने के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ से प्रदेश में बड़ी मात्रा में निवेश आयेगा। इस समिट से प्रदेश के तीव्र औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और साथ ही निजी क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

    5 वर्ष में चार लाख युवाओं को मिलेगी सरकारी नौकरी

    श्री पटेल ने कहा युवाओं के रोजगार के लिए प्रदेश सरकार ने रोडमैप तैयार कर इस वर्ष एक लाख एवं आगामी 5 वर्षों में चार लाख सरकारी नौकरी दी जाएगी। उन्होंने युवा हितों को ध्यान में रखकर प्रदेश पेपर लीक गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। साथ ही भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से संपादित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही भी की जा रही है। उन्होंने कहा मार्च 2025 तक चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ के पदों पर लगभग 52000 कार्मिकों के नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।

    विभिन्न परियोजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर पेयजल समस्या का होगा स्थाई समाधान

    संसदीय कार्य मंत्री ने कहा पेयजल समस्या के स्थाई समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्षों से लंबित ‘ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट’ (ईआरसीपी) से  और यमुना जल समझौते का कार्य पूर्ण हो चुका है। शीघ्र ही इन परियोजनाओं का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा जिससे क्रमशः पूर्वी राजस्थान को पेयजल एवं सिंचाई सुविधा और शेखावाटी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित होगी। साथ ही लिफ्ट केनाल के तृतीय फेज का कार्य पूर्ण होने पर जोधपुर,पाली एवं बाड़मेर जिले में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान होगा।

    कृषि एवं किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध प्रदेश सरकार

    श्री पटेल ने कहा प्रदेश सरकार कृषि एवं किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली 6000 रुपए को राज्य सरकार ने बढ़ाकर 8000 रुपये कर दिया है।
    श्री पटेल ने कहा क्षेत्र के किसानों भाइयों को कृषि आदान–अनुदान की राशि शीघ्र उनके खातों में जमा की जाएगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मूंग एवं बाजरा की फसल के बीमा क्लेम के संबंध में जिला स्तरीय समिति में किसानों के पक्ष में फैसला हो चुका है और प्रकरण राज्य स्तरीय समिति के समक्ष लंबित है। राज्य स्तर पर किसानों के हित में निर्णय करवाकर बीमा क्लेम दिलाया जाएगा।

    कार्यक्रम में राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री जसवंत सिंह बिश्नोई, पूर्व राजस्व मंत्री श्री अमराराम चौधरी  सहित जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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  • Joraram Kumawat: कुमावत समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

    Joraram Kumawat: कुमावत समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित

    Joraram Kumawat: समाज के उत्थान के लिए शिक्षा बहुत जरूरी

    Joraram Kumawat: कुमावत समाज सेवा समिति -दांतारामगढ़ के तत्वावधान में 12 वां प्रतिभा सम्मान समारोह जिनियस मेगामाइंड स्कूल, पचार, दांतारामगढ़,  सीकर में आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य सरकार में पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत रहे।  इस दौरान कुमावत स्मारिका का श्री जोराराम कुमावत सहित आए हुए अतिथियों ने विमोचन किया।

    कार्यक्रम में पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि कुमावत समाज का सरकारी सेवा में प्रतिनिधित्व बहुत कम है, राजनीति और व्यापारिक क्षेत्र में भी समाज की भागीदारी कम है, इसके लिए समाज को शिक्षित होना बहुत जरूरी है ताकि समाज हर क्षेत्र में आगे बढ़े। उन्होंने कहा की समाज हित में शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए जिससे समाज शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक अग्रसर हो।

    कार्यक्रम में समिति ने आर ए एस में फाइनल रुप से चयनित होने पर इक्यावन हजार रूपए तथा आईं ए एस में फाइनल रुप से चयनित होने पर एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार आगामी सम्मान समारोह में देने की घोषणा की। समारोह में कक्षा 10, 12 स्नातक, स्नातकोत्तर तथा उच्च शिक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित कर उन्हें भविष्य में कुछ कर गुजरने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही कार्यक्रम में आए समाज के उच्च पदों पर आसीन पदाधिकारियों आईएएस, आईपीएस, आरएएस, आरटीएस  सहित अन्य वक्ताओं ने बच्चों को निरंतर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनका मार्ग दर्शन किया। समिति के अध्यक्ष नेमीचंद चन्द किरोड़ीवाल व मंत्री – कैलाशचन्द रावोरिया ने बताया कि कक्षा-10 ,12 तथा  नेट, बीएड, बी-टेक  सहित उच्च शिक्षा उत्तीर्ण लगभग पांच सौ विद्यार्थीयों को  दुपट्टा, मोमेंटो प्रशस्ति पत्र तथा बैग प्रदान कर सम्मानित किया।

    इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों व समाज के भामाशाहों सहित कई समाज बंधु उपस्थित रहे।

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  • CM Bhajanlal Sharma का पैतृक गांव अटारी में हुआ भव्य स्वागत

    CM Bhajanlal Sharma का पैतृक गांव अटारी में हुआ भव्य स्वागत

    CM Bhajanlal Sharma: बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर गांव में घर-घर जाकर की दीपावली की रामा-श्यामा

    CM Bhajanlal Sharma मंगलवार को अपने पैतृक गांव अटारी पहुंचे। उन्होंने लोक देवता घोड़े वाले बाबा तथा चामुंडा माता मंदिर में विधि-विधान से पूजा अर्चना कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने अटारी गांव में बड़े-बुजुर्गों से मिलकर आशीर्वाद लिया तथा हाल-चाल पूछ कर घर परिवार एवं खेती-बाड़ी की जानकारी ली। उन्होंने संपूर्ण गांव में पैदल परिक्रमा कर घर-घर जाकर लोगों से दीपावली की रामा-श्यामा की तथा बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री गांव में अपने पैतृक घर पहुंचे जहां अपनी मां के चरण छूकर आशीर्वाद लिया तथा कुशलक्षेम जानी।

    मुख्यमंत्री का घर-घर हुआ भव्य स्वागत

    मुख्यमंत्री श्री शर्मा का अटारी गांव में घर-घर पर भव्य स्वागत हुआ। ग्रामीणों से उन्होंने आत्मीयता से मिलकर हाल-चाल जाने तथा खुशहाली की कामना की।
  • Joraram Kumawat ने स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाली गायों को निराश्रित या बेसहारा कहने की प्रदेशवासियों से की अपील

    Joraram Kumawat ने स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाली गायों को निराश्रित या बेसहारा कहने की प्रदेशवासियों से की अपील

    पशुपालन एवं गोपालन मंत्री Joraram Kumawat की प्रेस वार्ता, स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाली गायों को निराश्रित या बेसहारा कहने की प्रदेशवासियों से की अपील, गायों को आवारा कहना हमारी सांस्कृतिक मूल्यों के विपरीत

    पशुपालन एवं गोपालन मंत्री Joraram Kumawat ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार गौवंश के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। गाय हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। गाय के गोबर से बहुत सारे उत्पाद बनने लगे हैं और आज इसकी व्यावसायिक उपयोगिता हो गई है। इसी तरह गौमूत्र कई तरह की बीमारियों में काम आती है।
    श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि पिछले कुछ सालों से समाज में गाय की उपेक्षा हो रही है। मशीनी युग आने से बैलों की उपयोगिता भी कम हो गई है। वर्तमान समय में कुछ गौवंश विभिन्न कारणों से असहाय स्थिति में सड़कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर विचरते हैं। इन गौवंश के लिए आवारा शब्द का उपयोग सर्वथा अनुचित और अपमानजनक लगता है। यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के भी विपरीत है। एक ओर हम गाय को माता कहकर बुलाते हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह के शब्द का प्रयोग करते हैं। अतः स्वतंत्र रूप से विचरण करने वाले गौवंश को आवारा न कहकर निराश्रित/ बेसहारा गौवंश कहने से न केवल गौवंश के प्रति सम्मान, संवेदनशीलता और करूणा प्रदर्शित होती है बल्कि समाज में इनके प्रति उचित दृष्टिकोण भी निर्मित होता है।
    श्री कुमावत ने कहा कि गौवंश के लिए आवारा शब्द को बदलने के विषय पर विधान सभा में भी चर्चा हुई थी और यह घोषणा की गई थी कि जल्द ही इस शब्द को बदल दिया जाएगा। विभागीय स्तर पर कार्यवाही करते हुए इस आशय के आदेश निकाल दिए गए हैं कि किसी भी सरकारी कार्यालय में गौवंश के लिए आवारा शब्द नहीं लिखें। अब गायों को आवारा कहने की बजाय निराश्रित या बेसहारा कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि आदेश की कॉपी सभी जगह भिजवा दी गई है और यह निर्देश दिया गया है कि नीचे के स्तर तक इसकी पालना न केवल लिखित में बल्कि बोलचाल की भाषा में भी की जाए। उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील कि वे भी अपने बोलचाल की भाषा में ऐसे गौवंश के लिए सम्मानजनक शब्द का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि गायों का संरक्षण और संवर्द्धन हम सबका दायित्व है।
    उन्होंने मीडिया केे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार गाय को राज्य माता का दर्जा दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के निर्णय का अध्ययन करेगी जहां गाय को राज्य माता का दर्जा मिल चुका है। हमार विभाग महाराष्ट्र सरकार के संपर्क में है और वहां से नियम मंगाए जा रहे हैं।
    उन्होंने बताया कि सरकार गौवंश के लिए बहुत संवेदनशीलता से काम कर रही है। सरकार ने कई योजनाएं चला रखी हैं। राज्य में संचालित गौशालाओं का सरकार 9 महीने का और नंदीशालाओं को 12 महीने का अनुदान देती है। इसके अलावा गौशाला में बीमार और अपंग पशुओं के लिए भी 12 महीने का अनुदान दिया जाता है। ज्यादा से ज्यादा गौशाला खोलने की दिशा में भी सरकार प्रयत्नशील है जिससे गायों को निराश्रित नहीं रहना पड़े। हर पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल, पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला, जिला स्तर पर नंदीशाला योजना ऐसी ही योजनाएं हैं जो सरकार द्वारा वर्तमान  में चलाई जा रही हैं। इस तरह साल में लगभग 1150 करोड़ रुपये राज्य सरकार गोशालाओं के विकास और गायों के अनुदान के लिए उपलब्ध करा रही है।
    उन्होंने कहा कि सरकार ने पशुओं के निःशुल्क इलाज के लिए मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा शुरू की है जो पशुपालकों के दरवाजे पर जाकर उनके पशुओं का इलाज कर रहा है। इसके लिए कॉल सेंटर भी शुरु  किया गया है जहां 1962 नंबर पर फोन कर पशुपालक इसका लाभ ले रहे हैं। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालक और पशु इस सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। इसी तरह सरकार दुधारू पशुओं के लिए बीमा योजना भी शुरू कर रही है। श्री कुमावत ने गायों के लिए काम कर रही गोशाला के संचालकों और भामाशाहों को गायों की सेवा करने के लिए धन्यवाद दिया।
    उन्होंने कहा कि गौतस्करों और गाय विरोधी लोगों के विरूद्ध सरकार निश्चित रूप से कठोर कार्यवाही करेगी इसमें किसी तरह की कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। जो भी गौशालाएं फर्जी तरीके से फायदा उठा रही है उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।
    श्री कुमावत ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को दीपावली पर्व की शुभकामनाएं दीं।
  • मुख्यमंत्री व खान मंत्री Bhajan Lal Sharma ने प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में लिया बड़ा निर्णय

    मुख्यमंत्री व खान मंत्री Bhajan Lal Sharma ने प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में लिया बड़ा निर्णय

    Bhajan Lal Sharma: अप्रधान खनिज लीज धारकों को राज्य सरकार की बड़ी राहत, लीज अवधि में वृद्धि के सभी अधिकार संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को मिलेंगे

    राज्य सरकार ने प्रदेश के अप्रधान खनिज लीज धारकों को बड़ी राहत देते हुए लीज अवधि में वृद्धि के सभी अधिकार संबंधित खनिज अभियंता व सहायक अभियंता को दे दिए हैं। मुख्यमंत्री व खान मंत्री Bhajan Lal Sharma ने खनिज क्षेत्र में प्रक्रिया के सरलीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अधिकारों के विकेन्द्रीकरण का यह बड़ा निर्णय किया है। इससे अप्रधान खनिजधारकों को लीज अवधि बढ़ाने के लिए अलग—अलग स्तर पर आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे प्रदेश के हजारों अप्रधान खनिज लीज धारक लाभान्वित होंगे साथ ही, समय व धन की बचत भी होगी।
    मुख्यमंत्री व खान मंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने खनिज क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग पर जोर देते हुए प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर दिया है। इससे पहले एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी की बिड राशि दस लाख रुपये से घटाकर दो लाख रुपये कर दी। इससे आर्थिक दृष्टि से कमजोर और स्थानीय नागरिकों की खनिज क्षेत्र में भागीदारी बढ़ सकेगी।
    प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम श्री टी. रविकान्त ने बताया कि अब तक अप्रधान खनिज लीजों की अवधि बढ़ाने के लिए मिनरल के अनुसार राज्य सरकार, निदेशक माइंस, अतिरिक्त निदेशक माइंस एवं अधीक्षण खनिज अभियंता स्तर पर आवेदन करना होता था। राज्य सरकार के सरलीकरण के निर्णय से अब संबंधित खनिज अभियंता या सहायक खनिज अभियंता के स्तर पर आवेदन किया जा सकेगा और उसी स्तर पर लीज अवधि को बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि सरलीकरण की दिशा में यह राज्य सरकार का बड़ा और क्रांतिकारी कदम है।
    श्री रविकान्त ने बताया कि बजट घोषणा की क्रियान्विति में पिछले दिनों ही अधिसूचना जारी कर एक हैक्टेयर से कम के प्लॉट की नीलामी के लिए बिड सिक्योरिटी की राशि दस लाख रुपये से कम कर दो लाख रुपये करने से एक हैक्टेयर से कम के खनिज पट्टों की नीलामी में स्थानीय और अधिक लोग हिस्सा ले सकेंगे।
    प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने बताया कि इसी तरह से माइनर मिनरल्स के खनन पट्टाधारी और लाइसेंसधारकों की क्वारी लाइसेंस अवधि वर्ष 2040 तक बढ़ाने के बाद देय प्रीमियम राशि एकमुश्त जमा कराने में असुविधा को देखते हुए अधिकतम पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट प्रदान कर दी गई है। एक साल से अधिक की अवधि बढ़ाने पर पांच किश्तों में प्रीमियम राशि जमा कराने की छूट होगी। इसमें पहली किश्त आवेदन के साथ व उसके बाद सालाना किश्त जमा करानी होगी। इसी तरह से पांच से दस साल लीज अवधि बढ़ाने पर तीन किश्तों व दो से पांच साल की अवधि के लिए प्रीमियम राशि दो किश्तों में जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि इससे अप्रधान खनिज लीज व क्वारी लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत मिलेगी।
     गौरतलब है कि अप्रधान खनिजों में मेसेनरी स्टोन, लाइमस्टोन, मार्बल, ग्रेनाइट, फेल्सपार, क्वार्टज, सिलिका सेंड आदि माइनर मिनरल आते हैं।
  • CM Bhajanlal Sharma ने सुना ’मन की बात’ कार्यक्रम

    CM Bhajanlal Sharma ने सुना ’मन की बात’ कार्यक्रम

    CM Bhajanlal Sharma ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का श्रवण किया

    • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को किया संबोधित, प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर इनोवेशन, मेक फॉर द वर्ल्ड, डिजिटल सुरक्षा का दिया संदेश
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 115वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित किया। CM Bhajanlal Sharma ने मुख्यमंत्री निवास पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का श्रवण किया। इस दौरान राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ भी उपस्थित रहे।
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश ने बीते वर्षों में महान नायक-नायिकाओं की जन्म जयन्ती को नई ऊर्जा से मनाकर, नई पीढ़ी को नई प्रेरणा दी है। इसी कड़ी में देश की एकता का विजन साझा करने वाले सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती मनाने का निश्चय किया है। 31 अक्टूबर से सरदार पटेल का 150वीं जन्म जयंती का वर्ष एवं 15 नवंबर से भगवान बिरसा मुंडा का 150वीं जयंती का वर्ष शुरू होगा। उन्होंने इस उत्सव को भारत की अनेकता में एकता का उत्सव बनाने का आह्वान किया।
    ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड एवं डिजीटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता को लेकर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण ‘रुको-सोचो-एक्शन’ का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट  जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है तथा डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के खिलाफ जांच एजेंसियां राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र की स्थापना की गई है। साथ ही, साइबर स्कैम की रोकथाम के लिए लोगों का जागरूक होना भी आवश्यक है।
    प्रधानमंत्री ने पेरू में भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्य के प्रशिक्षण का उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति लगातार विश्व को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। आज दुनिया भर के लोग भारत को जानना चाहते हैं, भारत के लोगों को जानना चाहते हैं। उन्होंने देशवासियों से आस-पास ऐसी सांस्कृतिक पहल को साझा करने का आह्वान किया।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की बदौलत आत्मनिर्भरता हमारी पॉलिसी के साथ ही हमारे पैशन का भी हिस्सा बन गया है। आत्मनिर्भर हो रहा भारत, हर क्षेत्र में कमाल कर रहा है। ये नया भारत है, जहां ‘मेक इन इंडिया’ अब ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ बन गया है। हमें न सिर्फ भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि अपने देश को इनोवेशन के ग्लोबल पॉवर हाउस के रूप में मजबूत भी करना है। उन्होंने देशवासियों को धनतेरस, दीवाली, छठ पूजा, गुरु नानक जयंती और सभी पर्वों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान ‘वोकल फोर लोकल’ के साथ स्थानीय दुकानदारों से खरीददारी करें।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह कार्यक्रम हमेशा ही प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक व सकारात्मकता को बढ़ावा देने वाला होता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि त्योहारों के दौरान ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ से जुड़ें और ज्यादा से ज्यादा स्थानीय उत्पादों को अपनाएं।
  • CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान की विकास यात्रा में जयपुर एयरपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका, राज्य सरकार प्रदेश में विमानन क्षेत्र को कर रही सुदृढ़

    CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान की विकास यात्रा में जयपुर एयरपोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका, राज्य सरकार प्रदेश में विमानन क्षेत्र को कर रही सुदृढ़

    CM Bhajanlal Sharma: लगभग 11 वर्षों के बाद जयपुर एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 यात्रियों के लिए पुनः शुरू

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि राजस्थान की विकास यात्रा में जयपुर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल-1 का लोकार्पण हमारे प्रदेश के विकास और उन्नति का प्रतीक है। श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान का यह पहला अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल आधुनिक सुविधाओं के साथ यात्रियों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाएगा और राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाएगा।

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने शनिवार को जयपुर इन्टरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का फीता काटकर लोकार्पण किया। इस टर्मिनल को आधुनिक रूप देकर लगभग 11 वर्षों के बाद यात्रियों के लिए पुनः शुरू किया गया है।

    इस अवसर पर श्री शर्मा ने कहा कि जयपुर हवाई अड्डे की मौजूदा यात्री क्षमता लगभग 65 लाख है जो आने वाले समय में बढ़कर 3 करोड़ 80 लाख हो जाएगी। इससे प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हेरिटेज लुक वाला टर्मिनल-1 जयपुर आने वाले अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को प्रदेश की सुंदर संस्कृति और परंपरा की झलक दिखाएगा। श्री शर्मा ने कहा कि 9 से 11 दिसम्बर को होने वाले राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में पूरी दुनिया से मेहमान जयपुर आएंगे तो इस सुंदर टर्मिनल का अनुभव लेंगे। श्री शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट की अंतरराष्ट्रीय मीट के दौरान उन्होंने संबंधित देशों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे अपने एअरलांइस की जयपुर से डायरेक्ट फ्लाइट की व्यवस्था करें।

    टर्मिनल-1 पर विकास और विरासत का संगम

    आधुनिक और हेरिटेज स्वरूप वाला टर्मिनल-1 विकास और विरासत का संगम है। यहां प्रस्थान क्षेत्र में 10 तथा आगमन क्षेत्र में 14 इमिग्रेशन काउंटर स्थापित किए गए हैं। साथ ही 10 चेक-इन काउंटर भी होंगे। इसके अलावा ड्यूटी फ्री आउटलेट्स, मेडिकल रूम, 24 घण्टे एंबुलेंस सेवा तथा लाउंज जैसी सुविधाएं यात्रियों को मिलेंगी।

    राज्य सरकार प्रदेश में विमानन क्षेत्र को कर रही सुदृढ़

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में विमानन क्षेत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। हमारा यह प्रयास है कि सड़क और रेल मार्ग की ही भांति हवाई मार्ग से भी प्रदेश के हरेक हिस्से तक आसान पहुंच सुनिश्चित हो सके। इसके लिए प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों के साथ ही समस्त जिला मुख्यालयों व अन्य प्रमुख स्थानों पर एअर ट्रेवल को सुगम करने के लिए हेलीपेड्स का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य में राज्य सरकार को केन्द्र सरकार का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

    श्री शर्मा ने कहा कि पायलटों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने किशनगढ़ में फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (एफटीओ) शुरू किया है और हमीरगढ़-भीलवाड़ा में एफटीओ की प्रक्रिया चल रही है। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पायलट उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि एविएशन फ्यूल पर लगने वाले टैक्स में भी उल्लेखनीय कमी की गई है, जिससे हमारे यहां फ्यूल भरवाने वाले विमानों की संख्या बढ़ी है और दिल्ली से नजदीक होने का भी लाभ मिलना शुरू हुआ है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में एयरक्राफ्ट रिपेयर हेतु एमआरओ स्थापित करने के लिए कई एयर स्ट्रिप भी उपलब्ध हैं।

    प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने सिविल एविएशन में बनाए नए कीर्तिमान

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत ने सिविल एविएशन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। केंद्र सरकार के प्रयासों से आज भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार है और दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। उन्होंने कहा कि देश के मध्यम वर्ग के लिए अब हवाई जहाज का सफर आम बात हो गया है। प्रधानमंत्री जी ने 2016 में उड़ान यानी ‘उड़े देश का आम नागरिक’ योजना शुरू की थी, जिसका लाभ अब तक करीब डेढ़ करोड़ घरेलू यात्री ले चुके हैं।

    श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार निवेश और विकास की जो पहल कर रही है वे विकसित राजस्थान की राह में मील का पत्थर बनेंगी और हम जल्द ही विकसित देश और प्रदेश के वासी होंगे।

    इस अवसर पर जयपुर सांसद श्रीमती मंजू शर्मा, श्री जीत अडाणी डायरेक्टर एयरपोर्टस अडाणी ग्रुप, श्री अरूण बंसल सीईओ अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड सहित जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के अधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • प्रमुख शासन सचिव Gayatri Rathod सहित अन्य अधिकारियों ने किया विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण

    प्रमुख शासन सचिव Gayatri Rathod सहित अन्य अधिकारियों ने किया विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण

    Gayatri Rathod: स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए नवाचार, करौली जिले से शुरू हुआ स्टेट रिव्यू मिशन

    • स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा कर दिए दिशा-निर्देश
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल एवं चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण, सुचारू संचालन एवं स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने स्टेट रिव्यू मिशन के रूप में नवाचार किया है। इसके तहत प्रदेशभर में जिलावार निरीक्षण एवं समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ के निर्देशन में इस स्टेट रिव्यू मिशन की शुरूआत गुरूवार को करौली जिले से की गई। इससे पहले ही मुख्यालय से अधिकारियों की 9 टीमें 22 अक्टूबर को करौली पहुंची और वहां 3 दिन में सभी ब्लॉक्स को कवर करते हुए 21 चिकित्सा संस्थानों और  कई घरों में जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। इन टीमों ने जिला मुख्यालय पर आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया।
    प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने करौली मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में स्वास्थ्य मानकों में सुधार करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं, संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, टीबी मुक्ति, साफ-सफाई सहित अन्य पैरामीटर्स पर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ निचले स्तर तक पहुंचे और आमजन को जांच, उपचार आदि में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो।

    शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें

    श्रीमती राठौड़ ने कहा कि करौली जिले में संस्थागत प्रसव व टीकाकरण के लिए आमजन में और अधिक जागरूकता पैदा की जाए। उन्होंने जिले के विभिन्न ब्लॉक्स में मेटरनल, चाइल्ड हैल्थ एण्ड न्यूट्रीशन डे के तहत आयोजित गतिविधियों में और सुधार कर निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के सभी एफआरयू को जल्द से जल्द क्रियाशील किया जाए। उन्होंने विभिन्न पैरामीटर्स को बेहतर बनाते हुए अधिक से अधिक चिकित्सा संस्थानों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्कीम के तहत प्रमाणीकरण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ई-उपकरण पोर्टल पर नियमित रूप से अपडेशन किया जाए, ताकि खराब जांच मशीनों का तत्काल मेंटीनेंस सुनिश्चित हो। उन्होंने जिला अस्पताल में उपलब्ध जांच मशीनों को तुरंत प्रभाव से क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए।

    दूरस्थ क्षेत्रों तक मिले योजनाओं का पूरा लाभ

    श्रीमती राठौड़ ने वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए शुरू किए गए रामाश्रय वार्डों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मा-वाउचर योजना महत्वपूर्ण कदम है। पिछडे़ एवं दूरस्थ क्षेत्रों में इसकी प्रभावी क्रियान्विति करें।
    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना आमजन को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल है। सुनिश्चित करें कि अधिकाधिक पात्र लोग योजना में पंजीकृत हों और उन्हें योजना के तहत पूरा लाभ सुगमता से मिले। श्रीमती राठौड़ ने अस्पतालों में बायोमेडिकल वेस्ट का गाइडलाइन के अनुसार निस्तारण करने तथा बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, उपकरणों के उपयोग एवं अन्य गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण व क्षमता संवर्धन करने के भी निर्देश दिए।

    सिलिकोसिस से बचाव के लिए अपनाएं सुरक्षात्मक उपाय

    दौसा एवं करौली जिले में सिलिकोसिस की गंभीर समस्या के दृष्टिगत उन्होंने सुरक्षात्मक उपायों, स्क्रीनिंग आदि पर विशेष फोकस करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सिलिकोसिस सर्टिफिकेट जारी करने में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। साथ ही, पीड़ितों को सिलिकोसिस नीति के तहत उपचार एवं आर्थिक मदद समय पर उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने गैर संक्रामक रोगों से बचाव व उपचार के लिए सीएचओ के माध्यम से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने के लिए स्क्रीनिंग के काम को प्राथमिकता दी जाए।

    साफ-सफाई पर दें विशेष ध्यान

    निरीक्षण के दौरान करौली जिले के ज्यादातर चिकित्सा संस्थानों में साफ-सफाई की व्यवस्था अच्छी मिलने, पर्याप्त मानव संसाधन, जांच एवं दवाओं की समुचित उपलब्धता होने पर प्रमुख शासन सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन चिकित्सा संस्थानों में इन सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है, वहां तत्काल जरूरी कदम उठाएं। चेक लिस्ट बनाकर नियमित निरीक्षण किया जाए और साफ-सफाई एवं जांच व उपचार की व्यवस्थाओं को पुख्ता रखा जाए। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर, चिकित्सा संस्थानों के भवनों की स्थिति, एंबुलेंस, मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं जांच योजना, कार्मिकों को वेतन या मानदेय के   भुगतान आदि की भी समीक्षा की।
    बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि, निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत राणावत सहित अन्य अधिकारियों ने करौली जिले में उनके द्वारा किए गए निरीक्षणों में सामने आई कमियों एवं सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने के बारे में अवगत कराया। जिला कलेक्टर श्री नीलाभ सक्सेना ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश मीणा ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति से अवगत कराया। विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी अधिकारियों ने करौली जिले में इन कार्यक्रमों के संचालन एवं प्रगति की जानकारी दी।
    यूनीसेफ के चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल ने बताया कि विगत दो दिनों में चिकित्सकों एवं अन्य अधिकारियों की टीमों ने जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों का गहनता के साथ निरीक्षण किया है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों एवं अन्य आवश्यकताओं का विस्तृत डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसके आधार पर स्वास्थ्य मानकों को बेहतर किया जाएगा।

    यहां किया निरीक्षण

    बैठक से पहले प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने गंगापुर सिटी के खेड़ली में उप स्वास्थ्य केंद्र, अमरगढ़ चौकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने हिण्डौन में जिला अस्पताल एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
    इसी प्रकार निदेशक आईईसी श्री शाहीन अली खान ने गंगापुर सिटी जिले के मेहंदीपुर बालाजी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा करौली के श्री महावीरजी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। निदेशक आरसीएच श्री सुनीत सिंह राणावत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुड़गांव व प्रोजेक्ट डायरेक्टर मेटरनल हैल्थ डॉ. तरूण चौधरी ने शिवराज सिंह राजकीय सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया। अन्य अधिकारियों ने भी जिले में विभिन्न ब्लॉक्स के चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया।
    बैठक में परियोजना निदेशक एनएचएम श्रीमती तूलिका सैनी, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री महिपाल सिंह, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार, करौली मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. आरसी मीणा, एसपीएम डॉ. लोकेश चतुर्वेदी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री हेमराज, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शिवचरण मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गुमनाराम, पीएमओ डॉ. रामकेश मीणा सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा करौली के जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
  • Haribhau Bagade: ‘टेक-कनेक्ट 2024’ आयोजित, राजस्थान का समावेशी विकास हम सभी का दायित्व

    Haribhau Bagade: ‘टेक-कनेक्ट 2024’ आयोजित, राजस्थान का समावेशी विकास हम सभी का दायित्व

    Haribhau Bagade: प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए कार्य हो

    राज्यपाल Haribhau Bagade ने प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा जगत के समन्वय से ‘विकसित भारत 2047’ के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने ‘टेक कनेक्ट 2024’ को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत उपलब्ध स्थानीय संपदा और मानव संपदा का प्रभावी उपयोग करने की रणनीति पर कार्य किया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालयों, उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी से जुड़े संस्थानों को मिलकर कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान का समावेशी विकास भी हम सभी का दायित्व है।
    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे गुरूवार को पूर्णिमा कॉलेज में ‘टेक—कनेक्ट2024’ में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह समय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का है। देश में प्रौद्योगिकी, उद्योग और शिक्षा के समावेश से ऐसे तंत्र की स्थापना की जाए जिससे सतत और स्थाई विकास के लिए कार्य हो सके। उन्होंने राजस्थान के युवाओं को प्रौद्योगिकी और शिक्षा के बीच की खाई को पाटकर राज्य में कृषि, खाद्य और पोषण, पशु चिकित्सा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र आदि के लिए प्रभावी कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई।
    राज्यपाल ने राइजिंग राजस्थान के जरिए विभिन क्षेत्रों में निवेश पहल की भी सराहना की। उन्होंने समावेशी विकास के लिए सभी के योगदान का आह्वान किया।
  • Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

    Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा

    Governor Haribhau Bagade: राजभवन में विश्वविद्यालय की नैक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति पर हुई कार्यशाला नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर हुई चर्चा विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संस्कृति विकसित हो, नैक रैंकिंग के लिए सभी प्रयास करें

    Haribhau Bagade ने गुरुवार को राजभवन मे प्रदेश के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में नेक रैंकिंग और नई शिक्षा नीति से जुड़े मुद्दों पर आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालयों का रोस्टर बनाने, कॉलेजों की भी नैक रैंकिग के लिए तैयारी करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम इस तरह से तैयार करने पर जोर दिया जिससे विद्यार्थी नौकरी करने के लिए नहीं बल्कि नौकरी देने वालों के रूप में तैयार हो सकें।
    उन्होंने राज्य के सभी वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की आवश्यक रूप से नेक रैंकिंग करवाने और इसके लिए अब तक की गई तैयारी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण संस्कृति विकसित करने के लिए नैक रैंकिंग जरूरी है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालयों को पाठ्यचर्या को बेहतर बनाने, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन व्यवस्था सुदृढ़ करने, अनुसंधान और नवाचारों को अपनाते हुए संस्थागत रूप में श्रेष्ठ प्रथाएं अपने यहां विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नैक रैंकिंग से विश्वविद्यालयों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, वे सक्रिय और जीवंत हो सकेंगे तथा इससे उन्हें विभिन्न एजेंसियों से समुचित आर्थिक सहायता समय पर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च शिक्षा में अग्रणी बने, इसके लिए सभी विश्वविद्यालय नैक रैकिंग की आवश्यक तैयारियां और समय पर इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत करें।
    राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने नैक रैंकिंग के लिए विश्वविद्यालयवार ऑनलाइन व ऑफलाइन डाक्यूमेंटेशन की प्रगति की भी समीक्षा की तथा शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि,  विश्वविद्यालय में मौलिक शोध और पेटेंट आदि के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत भी ऐसे पाठ्यक्रम और नवाचार अपनाने पर जोर दिया जिससे भारत विश्व भर में ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में तेजी से अपना महती स्थान बना सके। उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यार्थियों में स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रयास करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रयास किया जाए कि राजस्थान ‘विकसित भारत’ के संकल्प को शिक्षा के जरिए पूरा करने में देशभर में अग्रणी बनें।
    कार्यशाला में केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव ने राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की नैक रैंकिंग के लिए मुख्य बिन्दुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया। इस संबंध में विभिन्न स्तरों पर कुलपतियों का विमर्श भी हुआ। उन्होंने विश्वविद्यालयों में आधारभूत  सुविधाओं के विकास और कार्यप्रणाली को सुदृढ किए जाने संबंधित सुझाव दिए। इस दौरान विश्वविद्यालयों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों और नई शिक्षा नीति से जुड़े विषयों पर भी विषद् चर्चा हुई।
    राज्यपाल के सचिव डॉ. पृथ्वी ने आरंभ में विश्वविद्यालयों में नैक रैंकिंग से होने वाले फायदों और इसके लिए अपनाई जाने वाली त्वरित कार्यप्रणाली के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कार्यशाला में उच्च शिक्षा सचिव डॉ. आरुषि मलिक ने राज्य सरकार स्तर पर उच्च शिक्षा में नवाचार और अन्य किए जा रहे विशेष कार्यों के बारे में जानकारी दी। प्रमुख सचिव श्री भवानी सिंह देथा ने राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में प्रदेश के सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के कुलपति विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी और कॉलेज शिक्षा से जुड़े अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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