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  • Kuntal Bishnoi: जिला स्तरीय प्री-इंवेस्टमेंट समिट से पहले जयपुर जिले में हुए 1000 करोड़ के निवेश करार – राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला निभाएगा महत्वपूर्ण भागीदारी

    Kuntal Bishnoi: जिला स्तरीय प्री-इंवेस्टमेंट समिट से पहले जयपुर जिले में हुए 1000 करोड़ के निवेश करार – राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला निभाएगा महत्वपूर्ण भागीदारी

     अतिरिक्त जिला कलक्टर Kuntal Bishnoi की मौजूदगी में एसोसिएशन ऑफ गारमेण्ट एक्सपोर्टर्स ने एमओयू किये साइन

    राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभएगा। जयपुर, जयपुर ग्रामीण एवं दूदू जिलों की जिला स्तरीय इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 8 नवंबर 2024 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में किया जाएगा। मीट के सफल आयोजन के लिए संपूर्ण जिले के उद्यमियों से संपर्क किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार, दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा में एसोसिएशन ऑफ गारमेण्ट एक्सपोर्टर, सीतापुरा के सदस्य एवं पदाधिकारियों के साथ जयपुर में निवेश के संबंध में चर्चा की गई।

    अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्रीमती कुन्तल बिश्नोई की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में गारमेण्ट एक्सपोर्टर एवं व्यसायियों ने एक हजार करोड़ से अधिक के निवेश करारों पर हस्ताक्षर किये। बैठक में एजेस के अध्यक्ष श्री आरिफ कागजी, उपाध्यक्ष श्री दिनेश गुप्ता, महासचिव श्री मोनू करनानी, संस्थापक श्री दलपत लोढ़ा एवं श्री राजीव दीवान के साथ-साथ 30 से अधिक उद्यमियों द्वारा भाग लिया गया।

    बैठक में चाकसू के निकट रीको द्वारा प्रस्तावित नए औद्योगिक क्षेत्र में इकाईयां स्थापित करने के रूझान के साथ एजेस के सदस्यों के द्वारा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, जिला उद्योग केन्द्र एवं रीको के अधिकारियों की उपस्थिति में 1000 करोड़ का निवेश किए जाने के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।

    जिनके द्वारा भूमि आवंटन के पश्चात् 2 वर्ष के अन्दर इकाई स्थापित कर लगभग 10,000 व्यक्तियों को रोजगार एवं लगभग 700 करोड़ का निवेश किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके अतिरिक्त निजी औद्योगिक क्षेत्र इण्टरनल ग्रीन पार्क जो कि उद्यमियों द्वारा अपने स्तर से विकसित किया जा रहा है के लिए 300 करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस तरीके से बैठक में कुल 1000 करोड़ रूपए के निवेश हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।

    संगठन द्वारा बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा में लगभग 300 गारमेण्ट की इकाईयां कार्यरत हैं जिसमें 175 इकाईयां एजेस के सदस्य हैं एवं इनके द्वारा लगभग 1500 करोड़ का व्यापार प्रतिवर्ष किया जा रहा है, जिसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 2 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। स्थापित इकाईयों द्वारा लगभग 500 करोड़ का निर्यात किया जा रहा है। बैठक में महाप्रबन्धक, जिला उद्योग एवं वाणिज्यि केन्द्र जयपुर (शहर) श्रीमती शिल्पी आर. पुरोहित ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ प्राप्त करने हेतु उद्यमियों को सलाह दी।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Rajasthan Assembly elections 2024, अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करें

    Rajasthan Assembly elections 2024, अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करें

    Rajasthan Assembly elections 2024- मुख्य निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा

    Rajasthan Assembly elections 2024: राजस्थान में 7 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव स्वतन्त्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भय रहित माहौल में सम्पन्न करवाने के लिए निर्वाचन विभाग माइक्रो  ऑब्जर्वर और सेक्टर ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त मानव संसाधन नियोजित करेगा। इससे  निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करेंगे। साथ ही, जागरूकता गतिविधियां बढ़ाकर अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने बुधवार को उप चुनाव वाले क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ), पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए। उप चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि सभी रिटर्निंग अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का गहनता से अध्ययन करें और तदनुसार अपने टीम के सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण देकर निर्वाचन को निष्पक्ष और समावेशी प्रक्रिया के रूप में संपन्न करवाएं।
    श्री महाजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त माइक्रो ऑब्जर्वर या सेक्टर ऑफिसर की तैनाती कर सकते हैं। ये सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की पूरी जानकारी रखें तथा आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक कर सूचनाएं साझा करें।

    भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता

    बैठक में राज्य पुलिस नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) श्री अनिल टांक ने जिला पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से उप चुनाव वाले क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि चुनाव वाले 7 जिलों में से 4 की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी हैं, जहां विशेष निगरानी के लिए अंतरराज्यीय सीमा नाके लगाए गए हैं। सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था का समुचित प्रबंधन किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री महाजन ने भी कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित, भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

    होम वोटिंग के विकल्प का प्रचार-प्रसार

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 85 वर्ष से अधिक आयु और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए होम वोटिंग के विकल्प का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया, ताकि इन श्रेणियों के ज्यादा से ज्यादा मतदाता अधिक सुविधाजनक ढ़ंग से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। वर्तमान में उप चुनाव वाले 7 विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के 19,674 और 22,834 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किए गए हैं, जो होम वोटिंग के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि उप चुनाव के लिए 23 अक्टूबर तक बीएलओ द्वारा पात्र मतदाताओं से विकल्प-पत्र के रूप में फॉर्म 12डी प्राप्त किया जा सकता है।  इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक समावेशी हो सकेगी तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सभी लोगों की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकेगा।
    श्री महाजन ने कहा कि उप चुनाव क्षेत्रों में जिला स्तर पर स्थापित एवं संचालित कंट्रोल रूम में फोन नंबर 1950 पर डायल कर शिकायत दर्ज करने और उनके निस्तारण की व्यवस्था पर औचक निरीक्षण करें। उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने तथा सभी मतदान केन्द्रों पर आयोग के निर्देशानुसार पेयजल, छाया, शौचालय, व्हीलचेयर आदि न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    7 क्षेत्रों में 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता

    बैठक में बताया गया कि 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19,36,533 मतदाताओं में से 10,04,283 पुरुष कुल 9,32,243 महिला और 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इन मतदाताओं के लिए शहरी क्षेत्रों में 241 और ग्रामीण इलाकों में 1,621 सहित कुल 1,862 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. कुल 53 सहायक मतदान केन्द्र भी प्रस्तावित हैं।

    मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उप चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में कम मतदान के अलग-अलग कारणों को चिन्हित करने और फिर उसके अनुरूप मतदाताओं को अधिक मतदान के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें।  बेहतर मतदान प्रतिशत के लिए सभी स्तर पर अधिकारियों को समाज-समुदाय के बीच पहुंचकर आम लोगों के साथ समन्वय करना होगा। उन्होंने मतदाता पहचान-पत्र नहीं होने की स्थिति में 12 वैकल्पिक दस्तावेजों की मदद से मतदान किए जा सकने के बारे में मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता जताई।

    सोशल मीडिया पर संवेदनशील पोस्ट पर जीरो टॉलरेंस

    श्री महाजन ने चुनाव के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी संवेदनशील पोस्ट की जानकारी मिलने पर स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और समुचित कार्रवाई की जाए। इस विषय पर निर्वाचन विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा। उन्होंने जिला अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर टेलीकॉम कंपनियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि चुनावी विज्ञापन और प्रचार-प्रसार से सम्बंधित ऑडियो-वीडियो सन्देश, अपील आदि जिला अथवा राज्य स्तर पर अधिप्रमाणित होने पर ही प्रसारित की जाए।
    वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दौसा, नागौर, डूंगरपुर, टोंक, झुंझुनू, अलवर और सलूम्बर के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उप चुनाव के तैयारियों, विभिन्न भौतिक तथा मानवीय संसाधनों की उपलब्धता, चुनाव प्रक्रिया के लिए अधिकारियों-कार्मिकों के नियोजन और प्रशिक्षण की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए। अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करवाई जा रही है और सार्वजनिक-निजी संपत्ति पर प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने संबंधी निर्देशों के लिए 24, 48 और 72 घंटे की समय-सीमा के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों की जांच और रैंडमाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही, चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिए।
  • Suresh Singh Rawat: बेहतरीन प्रबन्धन के दिए निर्देश, समस्त गतिविधियों के लिए उपलब्ध रहेगा पर्याप्त बजट

    Suresh Singh Rawat: बेहतरीन प्रबन्धन के दिए निर्देश, समस्त गतिविधियों के लिए उपलब्ध रहेगा पर्याप्त बजट

    जल संसाधन मंत्री Suresh Singh Rawat ने ली बैठक

     श्री पुष्कर पशु मेला-2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में जल संसाधन मंत्री Suresh Singh Rawat ने मंगलवार को अजमेर जिले में  आरटीडीसी होटल सरोवर में श्री पुष्कर मेला-2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक लेकर बेहतरीन प्रबन्धन के निर्देश दिए। जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु द्वारा विभागीय अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए।

         जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि पुष्कर मेला अन्तर्राष्ट्रीय महत्व का है। इस मेले के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इनके लिए समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाये।  सुविधाओं के साथ-साथ संसाधनों का भी बेहतरीन प्रबन्धन करें। यह हम सभी का सम्मिलित आयोजन है। जन सहभागिता से प्रशासन इसमें हमेशा उत्कृष्ट कार्य करता आया है। इस वर्ष भी सभी के सहयोग से यादगार मेला होना चाहिए।

         उन्होंने कहा कि मेले के दौरान सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में लगातार सफाई सुनिश्चित करें। इसके लिए आवश्यक मानवीय संसाधन लगाएं। पुष्कर सरोवर के घाटों की भी लगातार सफाई  करें। घाटों को फिसलनमुक्त बनाया जाये। सरोवर भरा होने के कारण सफाई की विशेष आवश्यकता रहेगी। मेला क्षेत्र में बडे़ कचरा पात्र रखवाकर समय-समय पर खाली करवाना सुनिश्चित करें। मोबाईल शौचालय भी पर्याप्त संख्या में कार्यशील रखें।

         उन्होंने मेला क्षेत्र में फोगिंग, छिड़काव तथा एंटी लार्वा एक्टीविटी करके मौसमी बीमारियों को फैलने से रोकने, मेले के दौरान पेयजल की अतिरिक्त मात्रा उपलब्ध करवाने, मानक गुणवत्ता का प्रसाद बिकना सुनिश्चित करने, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा समस्त भोज्य पदार्थों की लगातार सेम्पलिंग जांच करने,  ब्रह्मा मन्दिर के आस-पास मिलावट रहित शुद्ध एवं सात्विक प्रसाद की बिक्री के निर्देश दिए।

         उन्होंने कहा कि पुष्कर घाटी की सड़कों तथा रिपेयरिंग वॉल की मरम्मत एवं झाड़ियां हटाने का कार्य मेले से पहले करें। पुष्कर घाटी से बुढ़ा पुष्कर की सड़क को पर्याप्त चौड़ाई के साथ मरम्मत किया जाए। इसी प्रकार बांसेली-तिलोरा, खरेखड़ी, अजयसर, अम्बा मशीनिया, अजयपालजी को पुष्कर से जोड़ने वाले समस्त रास्तों की मरम्मत भी हो। सराधना से आम्बा मशीनीया तक की सड़क का निर्माण कार्य तत्काल आरम्भ करें। सावित्री मन्दिर से रेल्वे क्रोसिंग की सड़क की मरम्मत भी की जाए।

         उन्होंनें कहा कि पुष्कर के प्रवेश द्वार के निर्माण कार्य में तेजी लाएं। पार्किंग व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही पार्किंग से सरोवर तथा ब्रह्मा मन्दिर तक का ऑटो रिक्शा किराया निर्धारित करें। इससे अधिक वसूली पर कार्रवाई की जाएगी। तीर्थयात्रियों की संख्या के अनुरूप अतिरिक्त रोड़वेज की बसें लगाएं। निर्धारित स्थानों पर से सवारी बैठाने तथा छोड़ने के लिए स्टाफ को पाबन्द करें। सबसे साफ, स्वास्थ्य नियमों की पालना करने वाले भोज्य पदार्थ निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधि भी आयोजित होगी।

         उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पर्याप्त बजट दिया जाएगा। इसमें कोई कमी नहीं रहेगी। पुष्कर मेले की भव्यता सभी तीर्थयात्रियों के लिए यादगार रहेगी। सरोवर में गन्दा पानी जाने से रोकने के लिए 50 करोड़ रूपये की राशि से कार्य करवाया जा रहा है। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिता, पशु स्पर्धा, आध्यात्मिक यात्रा, महाआरती जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। मेले के दौरान कानून एवं शान्ति व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेगा।

         जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने कहा कि समस्त विभागीय अधिकारियों को सौंपे हुए दायित्व निर्धारित समय पर पूर्ण करने चाहिए। पुष्कर मेले के अन्तर्राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए समस्त व्यवस्थाएं चाक चौबन्द की जाए। सरकार द्वारा पुष्कर मेले के सम्बन्ध में जारी निर्देशों की पालना हो। समस्त विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करेंगे। नवीन मेला मैदान में भी पशुपालकाें को समस्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। यहां हेल्पडेस्क की स्थापना होगी।

         इस अवसर पर पुष्कर नगर परिषद सभापति श्री कमल पाठक, अतिरिक्त जिला कलक्टर श्रीमती ज्योति ककवानी, प्रशिक्षु आईएएस  महिमा कसाना सहित गणमान्य नागरिक, जन प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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  • Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा।

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इन सीटों पर मतगणना महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभाओं के लिए मतगणना के साथ ही 23 नवम्बर को होगी। राज्य में झुंझुनूं, रामगढ़ (अलवर), दौसा, देवली-उनियारा (टोंक), खींवसर (नागौर), सलूम्बर (उदयपुर) और चौरासी (डूंगरपुर) विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने इस बारे में  मंगलवार को राज्य के विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ  सचिवालय में बैठक कर उन्हें  विधानसभा उपचुनाव-2024 के कार्यक्रम तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता की जानकारी दी । निर्वाचन विभाग ने सभी दलों से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान तथा आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करवाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव की घोषणा के साथ ही संबंधित राजस्व जिलों में आचार संहिता लागू हो गयी है। आचार संहिता दौसा और डूंगरपुर में सम्पूर्ण जिले में तथा अलवर, झुंझुनू, टोंक, नागौर और सलूम्बर के नवीन पुनर्गठित राजस्व जिलों में लागू रहेगी। उप चुनाव के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी होगी और उसके साथ ही उम्मीदवारों के लिए नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी जो 25 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक चलेगी। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 28 अक्टूबर को की जाएगी एवं 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
    श्री महाजन ने कहा कि निर्वाचन आयोग के नियमानुसार चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, टीवी चैनल्स, राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि का विवरण  कम से कम तीन बार प्रकाशित, प्रसारित करवाना होगा। उन्होंने कहा कि पोलिंग एजेंट को यह निर्देश दिया जाए कि वे मतदान के दिन सुबह मतदान शुरू होने से 90 मिनट पूर्व ईवीएम मशीन पर मॉक पोल के लिए आवश्यक रूप से मौजूद रहें।

    7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19.36 लाख मतदाता

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान 19,36,533 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे,  7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,862 मतदान केंद्र और 53 सहायक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
    श्री महाजन ने बताया कि सभी संबंधित जिलों में मीडिया प्रकोष्ठ और मीडिया में जारी होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के अधिप्रमाणन के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने अधिकाधिक मतदान के लिए मतदाताओं को जागरूक करने, नए मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया और ईवीएम की जानकारी देने तथा उपचुनाव के दौरान लोगों की अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया कार्मिकों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण हेतु सी-विजिल एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मतदाता जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियानों, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा सहित  स्वीप गतिविधियों, मतदाता सूचियों के अपडेशन, चुनावी खर्च की मॉनिटरिंग पर विस्तार से जानकारी दी।  उन्होंने मतदाता जागरूकता तथा आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में मीडिया की प्रभावी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने मीडियाकर्मियों से इन गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होकर निष्पक्ष, भयमुक्त और धनबल के प्रभाव से रहित चुनाव संपन्न कराने में सहयोग का आह्वान किया।
  • CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है

    प्रदेश में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक आदि क्षेत्रों के विकास के लिए CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है। बजट घोषणा वर्ष 2024-25 की अनुपालना में राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। उप मुख्यमंत्री(वित्त) इस टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष होंगे। उप मुख्यमंत्री(परिवहन व उच्च शिक्षा), उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, प्रमुख शासन सचिव उद्योग, प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी तथा शासन सचिव आयोजना इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे तथा शासन सचिव, वित्त(बजट) सदस्य सचिव होंगे।

    प्रशासनिक सुधार विभाग के शासन उप सचिव श्री अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि टास्क फोर्स में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक क्षेत्रों से 5 विषय विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स द्वारा प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों की पहचान, नीति निर्माण और कार्यान्वयन, कौशल विकास और शिक्षा, बुनियादी ढांचे का विकास, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा, एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत, हरित विकास को बढ़ावा देने सहित प्रदेश की आर्थिक व रोजगार वृद्धि जैसे विषयों के संबंध में अभिशंसाएं की जाएंगी।

    श्री शर्मा ने बताया कि इस टास्क फोर्स का कार्यकाल 31 मार्च, 2028 तक रहेगा एवं इसकी बैठक वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जाएगी एवं वित्त विभाग इसका प्रशासनिक विभाग रहेगा।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान की जल परियोजनाएं हो रही साकार

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश में जल संचय के क्षेत्र में ’कैच द रेन’ कैम्पेन प्रधानमंत्री की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में जन आंदोलन बनेगा, जिससे जन भागीदारी बढ़ेगी और जल संचय होगा।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार को गुजरात के सूरत में जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य ईआरसीपी परियोजना का एमओयू तथा हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता हुआ। देवास परियोजना के तहत उदयपुर में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

    राजस्थान में सदियों से जल संरक्षण एक परंपरा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है, इसलिए राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण की आवश्यकता को गहराई से समझा और सीमित संसाधनों में भी डिग्गी, कुंड और बावड़ी बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्थान में टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट और जोहड़ के माध्यम से वर्षा जल को सहजने का काम किया जा रहा है।

    ‘कैच द रेन’ कैम्पेन का राजस्थान को मिलेगा लाभ

    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचय के लिए महत्वपूर्ण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संचय के लिए प्रवासी राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि के प्रति योगदान का निश्चय इस अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। राजस्थान के हर जिले के प्रत्येक गांव में चार जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रवासी उद्यमियों का योगदान तय किया गया है। इससे जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाला है।

    मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे जल संरक्षण के कार्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में इस अभियान के तहत 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार कार्य करवाये जा रहे हैं। यह अभियान राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से प्रदेश के बांध भरे हुए हैं।
    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जो परिवर्तन आया है, उसे सभी महसूस कर रहे हैं। देश में गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास योजनाएं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा और दुनिया में बढ़ता भारत का गौरव देश के हर नागरिक ने देखा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, उप मुख्यमंत्री बिहार श्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma: स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट की अधिसूचना जारी

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पत्रकार कल्याण और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता के तहत आज बुधवार को राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों को अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट दिये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।

    राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिस्वीकरण नियम 1995 (संशोधित) नियम 2024 के अनुसार अब स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की आयु सीमा एवं अनुभव में छूट देते हुए न्यूनतम पात्रता आयु 45 वर्ष तथा अनुभव 15 वर्ष निर्धारित किया गया है। संशोधन से पूर्व न्यूनतम आयु सीमा 50 वर्ष तथा अनुभव पात्रता 25 वर्ष निर्धारित थी।

    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही बजट में पत्रकार कल्याण को ध्यान में रखकर बजट घोषणा 2024-25 में अधिस्वीकरण नियमों में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए पात्रता में शिथिलता प्रदान की गई है।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: कृषि एवं पशुपालन में किसान नवीन तकनीक अपनाएं

    केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर टोंक में मंगलवार को एक दिवसीय भेड़-बकरी और खरगोश उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना मिशन पर केंद्रित कार्यशाला आरंभ 2.0 का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्र सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों एवं पशुपालकों को परंपरागत खेती और पशुपालन के स्थान पर नवीन तकनीक को अपनाना चाहिए। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का प्रयास है कि किसानों की आमदनी दुगनी हो, ताकि व आर्थिक रूप से संपन्न हो सके। यह तभी संभव है जब हम उन्नत वैज्ञानिक तकनीक एवं नस्लों का चयन करके खेती एवं पशुपालन का कार्य करेंगे। उन्होंने गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान के उपयोग पर जोर दिया। जिससे देश को दुग्ध उत्पादन मे बढ़ोतरी के साथ बेसहारा गौवंश से मुक्ति मिले।
    श्री बेघल ने विकसित राष्ट्र निर्माण मे समान शिक्षा एवं चिकित्सा को आवश्यक बताया। उन्होंने शिक्षा की महत्ता जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले जाने में सहायक है। उन्होंने भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद् के वैज्ञानिको की कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की सराहना की।
    कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि राज्य के पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग पर आभार व्यक्त किया। श्री कुमावत ने कहा कि हमारा विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालकों के सहयोग के लिए उपलब्ध करा रहा है। जिससे किसानों द्वारा 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर पशु चिकित्सा टीम रोगी पशुओं का इलाज समय पर कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गोपालक किसान परिवार को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह ऋण एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है। किसान द्वारा ऋण का समय पर चुकारा करने पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
    राज्य के जलदाय मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा इस संस्थान में क़ृषि और गौवंश से संबंधित और भी प्रशिक्षण व शोध संस्थान खुलने चाहिए। जिससे यहाँ के किसान एवं पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर और लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा स्थानीय किसानों को समय-समय पर बेहतर प्रशिक्षण मिलने से वे नवीन तकनीकों को अपना रहे है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
    आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. राघवेंद्र भट्ट ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर एवं भारत में स्थित अन्य संस्थानों द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के हित में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने अविकानगर संस्थान एवं उनके क्षेत्रीय केंद्र द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन में अपनाई गई नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा उन्नत नस्ल के पशुओ, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने सभी अतिथियों को संस्थान का भ्रमण करवाकर किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।
  • CM Bhajanlal Sharma ने ली राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक

    CM Bhajanlal Sharma ने ली राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक

    CM Bhajanlal Sharma: आमजन को जमीन से जुडे़ प्रकरणों में मिले त्वरित न्याय, निश्चित समयावधि में हो प्रकरणों का निस्तारण

    रेवेन्यू अपीलेट ऑथोरिटी की कार्यप्रणाली में करे सुधार

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग जमीनों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाएं ताकि आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय मिल सके। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए वर्तमान नियमों में यथासंभव संशोधन करने एवं नियमों के सरलीकरण के निर्देश भी दिए।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार आदि की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए राजस्व संबंधी प्रकरणों का एक निश्चित समयावधि में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने रेवेन्यू अपीलेट ऑथोरिटी की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा करते हुए इसके सुचारू संचालन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एक कार्ययोजना प्रेषित करने के निर्देश भी दिए।

    नियम विरूद्ध जमीन आवंटन पर हो सख्त कार्रवाई

    श्री शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियम विरूद्ध किए गए जमीन आवंटनों के प्रकरणों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि पयर्टन एवं एग्रो प्रोसेसिंग जैसे प्रोजेक्ट के लिए निःशुल्क ऑनलाइन डीम्ड कन्वर्जन के सुसंगत नियम बनाने के निर्देश प्रदान किए, ताकि वर्तमान में मिल रही कन्वर्जन छूट का दुरूपयोग न हो। श्री शर्मा ने वनप्रत्यावर्तन के क्रम में गैर वन भूमि के शीघ्र आवंटन के लिए एक लैण्ड बैंक स्थापित करने के निर्देश भी दिए हैं।

    आरएएलएएमएस पोर्टल पर उपलब्ध हो बड़े भू-भागों की सूची

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 9 से 11 दिसम्बर, 2024 तक जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का आयोजन करने जा रही है। इस आयोजन से निवेश का नया वातावरण तैयार होगा और प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव आएगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भूमि आवंटन पोर्टल (आरएएलएएमएस) पर बड़े भू-भागों की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। जिससे इच्छुक निवेशक को उद्योग लगाने में सुविधा मिल सके।

    भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण का घटा समय

    श्री शर्मा ने कहा कि आवेदकों को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से नामांतरण पोर्टल एवं रेवेन्यू लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल संचालित किए जा रहे हैं। लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल पर वर्तमान में (1 अप्रैल 2024 से 7 अक्टूबर 2024) भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण समय 16 दिवस है, जो कि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 35 दिन था। उन्होंने राजस्व मण्डल एवं कर बोर्ड के एकीकरण, डीआईएलआरएमपी के अन्तर्गत राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की स्थिति, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम, राजस्थान रेवेन्यू कोर्ट मॉर्डनाइजेशन सिस्टम एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आवंटन आदि की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

    किसान स्वयं कर रहे गिरदावरी

    उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सूचना तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से काश्तकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नवाचार कर रहा है, जिसके माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ भी मिला है। उन्होंने कहा कि एग्रीस्टेक ऐप के माध्यम से किसानों द्वारा स्वयं ही गिरदावरी की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को इस ऐप से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने निर्देश प्रदान किए। विभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि प्रदेश में पटवारियों द्वारा भी ऐप के माध्यम से ई-गिरदावरी की जा रही है। खरीफ वर्ष 2024 की 83.75 प्रतिशत गिरदावरी भी हो चुकी है।
    बैठक में राजस्व मंत्री श्री हेमन्त मीणा एवं राज्य मंत्री श्री विजय सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल एवं प्रमुख सचिव श्री आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव राजस्व एवं उपनिवेशन श्री दिनेश कुमार, राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमन्त कुमार गैरा सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma की उच्च स्तरीय बैठक- जाखम बांध को जयसमंद बांध से जोड़ने की डीपीआर 4 माह में हो तैयार

    CM Bhajanlal Sharma की उच्च स्तरीय बैठक- जाखम बांध को जयसमंद बांध से जोड़ने की डीपीआर 4 माह में हो तैयार

    CM Bhajanlal Sharma: प्रदेश में नदियों की हो इंट्रास्टेट लिंकिंग, जन सहभागिता से जल संचय को मिले बढ़ावा- परियोजनाओं में बांध तथा नहर निर्माण के कार्य संयुक्त रूप से हो पूर्ण

    • परियोजनाओं में ना हो अनावश्यक विलम्ब, लापरवाही बरतने पर हो सख्त कार्रवाई
    • ईसरदा बांध के फ्लेप निर्माण एवं डूंगरी बांध के लिए भूमि अवाप्ति शीघ्र हो शुरू, प्रभावित लोगों को मिले समुचित मुआवजा
    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रदेश में पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्धता राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंट्रास्टेट नदियों को जोड़ने के कार्य व्यापक स्तर पर किया जाए एवं जन सहभागिता के माध्यम से जल संचय को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल संसाधन से जुड़ी परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाए।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन, इंदिरा गांधी नहर एवं सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं एवं कार्यों पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्य में अनावश्यक देरी करने वाले ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

    ब्राह्मणी नदी पर बांध निर्माण कार्य में लाएं तेजी—

    श्री शर्मा ने बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि माही बेसिन की जाखम नदी एवं बांध के अधिशेष जल को जयसमंद बांध से जोड़ने तथा माही व सोम नदी के अधिशेष जल को जवाई बांध तक लाने की बजट घोषणाओं की प्रोजेक्ट रिपोर्ट आगामी 4 माह में पूरी कर ली जाए, ताकि आगामी वर्ष के बजट में इन परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सके। इसी क्रम में श्री शर्मा ने राणा प्रताप सागर व जवाहर सागर बांध के जल अपवर्तन कार्य की बजट घोषणा की अनुपालना में ब्राह्मणी नदी पर बनाए जाने वाले बांध के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने डूंगरी बांध एवं ईसरदा बांध के ऊपरी भाग में फ्लेप निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने तथा प्रभावित क्षेत्र में आने वाले लोगों को समुचित मुआवजा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए।

    परियोजनाओं में ना हो अनावश्यक विलम्ब—

    श्री शर्मा ने 500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की विभिन्न परियोजनाओं की भौतिक प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने परवन परियोजना के संबंध में निर्देश दिए कि इस परियोजना में जल संग्रहण के लिए बांध निर्माण कार्य तथा जलापूर्ति के लिए नहर निर्माण के होने वाले कार्यों को एक साथ ही कर लिए जाए। क्योंकि किसी भी परियोजना में अनावश्यक विलम्ब से उसकी लागत में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने धौलपुर लिफ्ट सिंचाई व पेयजल परियोजना के कार्य को नियत समय पर पूरा करने एवं अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना बांसवाड़ा की रिडिजाइन करवाने के निर्देश दिए।

    प्राकृतिक डिप्रेशन्स के प्रोजेक्ट्स में स्थानीय योजनाएं हो शामिल—

    बैठक में मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी नहर विभाग की मुख्य नहर पर बने चार प्राकृतिक डिप्रेशन्स को जलाशयों में परिवर्तित किए जाने की योजना की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट को स्थानीय योजनाओं के आधार पर पीएचईडी के माध्यम से पूरी किए जाने के विकल्प पर विचार किया जाए। साथ ही, उन्होंने बाह्य ऋण की सहायता से संचालित परियोजनाओं में होने वाले जीर्णोद्धार कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से संचालित परियोजनाओं की समीक्षा भी की।

    नीमराणा एवं घिलोट जापानी औद्योगिक क्षेत्र को मिले ईआरसीपी का लाभ—

    बैठक में श्री शर्मा ने संशोधित केपीसी-ईआरसीपी प्रथम चरण में प्रस्तावित कार्यों की प्रगति एवं इस परियोजना में पेयजल एवं औद्योगिक जल उपयोगिता सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने इस परियोजना में नीमराणा एवं घिलोट जापानी औद्योगिक क्षेत्र के लिए जल उपयोगिता के बिंदुओं को शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देवास परियोजना तृतीय एवं चतुर्थ के प्रगतिरत कार्याें की विस्तृत समीक्षा करते हुए विकास कार्यों में तेेजी लाने के निर्देश प्रदान किए।
    इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री शिखर अग्रवाल, इंदिरा गांधी नहर बोर्ड अध्यक्ष श्री कुंजीलाल मीणा,  सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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