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आयुक्त Smt. Riar ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ की तैयारियों का किया व्यापक निरीक्षण
दिसंबर में आयोजित होने वाली राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की तैयारियों की समीक्षा के लिए नगर निगम ग्रेटर आयुक्त, श्रीमती रुक्मणी रियार ने विस्तृत निरीक्षण किया। आयुक्त ने एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से अपना दौरा प्रारंभ किया जिसके बाद सांगानेर एयरपोर्ट से बाईस गोदाम तक के मुख्य मार्गों का अवलोकन किया गया, जिसमें टर्मिनल 2 से पत्रिका गेट सर्कल, सांगानेर पुलिया, सांगानेर रोड, जेएलएन मार्ग, 22 गोदाम अंबेडकर सर्किल और टोंक रोड शामिल हैं।श्रीमती रियार ने शहर की साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे समिट की तैयारियों में तेजी लाएं और सुनिश्चित करें कि सभी कार्य समय पर पूर्ण हों। उन्होंने निर्देश दिया कि सौंदर्य करण के लिए मुख्य मार्गों पर हैंगिंग प्लांट्स लगाए जाएं और सड़क किनारे के पौधों तथा पेड़ों की कटाई—छंटाई की जाए। दीवारों पर पेंटिंग, सार्वजनिक शौचालयों और लिटर बिन की सफाई, सड़क किनारे की सफाई और संकेत बोर्ड की मरम्मत सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।फ्लाईओवर को अधिक आकर्षक बनाने हेतु चित्रकारी और लाईटिंग के भी निर्देश दिये। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग करने को कहा, ताकि ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ की तैयारी में कोई कमी न रह जाए।निरीक्षण के दौरान शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों से निर्माण मलबे और अन्य अवशेषों को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने, अवैध एवं अस्थायी अतिक्रमणों को तुरंत हटाने, मुख्य मार्गों पर सभी स्ट्रीट लाइट्स को पूर्ण रूप से सुचारू करने के निर्देश दिये। साथ ही शहर में लगे अवैध होर्डिग को भी हटाने के निर्देश दिएउन्होंने अधिकारियों को अपने अमूल्य सुझाव देने के लिए प्रेरित किया ताकि सभी संभावित चुनौतियों का पूर्वानुमान किया जा सके। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट की सफलता संयुक्त प्रयासों पर निर्भर करेगी।उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल राजस्थान के निवेश संभावनाओं को प्रदर्शित करेगा, बल्कि जयपुर को एक वैश्विक शहर के रूप में प्रस्तुत करने का भी एक अवसर होगा।निरीक्षण के दौरान अतिरिक्त आयुक्त, समस्त जोन उपायुक्त गण, समस्त अधिशासी अभियंता सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
Shri Bagade ने राष्ट्रपति के साथ “अध्यात्म से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज” ग्लोबल समिट में भाग लिया
Shri Bagade: स्वच्छ और स्वस्थ जीवन की राहों का निर्माण अध्यात्म में निहित
राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को आबू रोड में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के साथ अध्यात्म से स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज” विषयक ग्लोबल समिट में भाग लिया।
Shri Bagade ने इस वैश्विक परिचर्चा में अपने विचार रखते हुए कहा कि अध्यात्म भारत की वह सुदृढ़ परंपरा है,जिसके जरिए जीवन की उत्कर्ष राहों का निर्माण किया जाता रहा है। उन्होंने कहा की अध्यात्म जीवन की नैतिकता है। स्वच्छ और स्वस्थ जीवन की राहों का निर्माण अध्यात्म में निहित है।
श्री बागडे ने भारतीय ज्ञान परंपरा की चर्चा करते हुए अध्यात्म से जुड़े मानवीय मूल्यों की भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अध्यात्म भारतीय जीवन का अंग है। हमारी संस्कृति में व्यक्ति की बजाय मनुष्य बनने पर जोर दिया गया है। मनुष्य बनने का अर्थ है,अपने लिए नहीं सम्पूर्ण समाज के लिए जीना। यही भारतीय संस्कृति है, जिससे स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है।
तपोवन में जैविक खेती उद्यान को देखा-
राज्यपाल ने कहा जैविक फल, सब्जी और खेती प्रकृति का वरदान, इसे अपनाएं
राज्यपाल ने इससे पहले आबू रोड स्थित ब्रह्मकुमारी आश्रम के जैविक खेती उद्यान “राजऋषि आदर्श वाटिका” का अवलोकन किया। उन्होंने वहां रसायन रहित खेती, फल, सब्जी आदि के उत्पादन की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और रासायनिक खेती के उत्पादनों से होने वाले असाध्य रोगों से बचाव का उपाय जैविक खेती ही है। इसके लिएसभी मिलकर प्रयास करें। इससे पहले उन्होंने वहां वृक्षारोपण भी किया।
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President Murmu : शिक्षा ही सशक्तिकरण का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है
President Murmu: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर का 32 वां दीक्षान्त समारोह 85 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल, 68 को पीएचडी उपाधि
President Murmu: शिक्षित और सुसंस्कारित व्यक्ति अपने परिवार, समाज और देश की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू गुरूवार को उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षान्त समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन सिर्फ स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि उनके शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी हर्ष और गर्व का है।विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने की। विशिष्ट अतिथि पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया रहे। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा सम्माननीय अतिथि के रूप में मौजूद रहे।प्रारंभ में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.सुनीता मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इससे पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू के विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े, पंजाब के राज्यपाल व चण्डीगढ़ प्रशासक श्री गुलाबचंद कटारिया, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा, विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव व रजिस्ट्रार वृद्धिचंद गर्ग ने किया।दीक्षान्त समारोह में राष्ट्रपति ने विभिन्न विषयों के 85 विद्यार्थियों को गोल्ड मैडल तथा 68 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि से नवाजा। दीक्षांत समारोह में कुल 85 विद्यार्थियों को 102 गोल्ड मेडल दिए गए। जिसमें 16 छात्र तथा 69 छात्राएं शामिल है। इन गोल्ड मेडल में 8 चांसलर मेडल भी शामिल है जिसमें दो छात्र व 6 छात्राएं हैं। प्रतिवर्ष दिए जाने वाले 9 स्पॉन्सर गोल्ड मेडल के क्रम में डॉ सीबी मामोरिया, प्रो विजय श्रीमाली, प्रो आरके श्रीवास्तव, विजय सिंह देवपुरा, पीसी रांका, प्रो ललित शंकर-पुष्पा देवी शर्मा स्मृति में गोल्ड मेडल दिए गए। इसके साथ ही कुल 68 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई, जिसमें 35 छात्राएं और 33 छात्र शामिल थे।समारोह में जिले के प्रभारी एवं राजस्व व उपनिवेशन मंत्री श्री हेमन्त मीणा, उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ.मन्नालाल रावत व राज्यसभा सांसद श्री चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली व चंद्रगुप्त सिंह चौहान, एमपीयूएटी के कुलपति श्री अजीत कुमार कर्नाटक, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोढाणी, राजस्थान विद्यापीठ के कुलपति श्री एसएस सांरगदेवोत, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण, महाविद्यालय के शिक्षक व विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।उच्च आचरण व कर्म से देश का गौरव बढ़ाएं-
दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए महामहिम राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ चरित्र का भी विशेष महत्व है। उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि चरित्र और विनम्रता के बिना मनुष्य हिंसक पशु के समान है। उन्होंने विद्यार्थियों को उच्चतम नैतिक मूल्यों का पालन करते हुए आगे बढ़ने और अपने उच्च आचरण व कर्म से देश को गौरवान्वित करने का आह्वान किया।सतत सीखने की प्रवृत्ति से ही शिक्षा की उपयोगिता-
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कहा कि वर्तमान समय तेज गति से हो रहे बदलावों का है। ज्ञान और तकनीक में भी बदलाव हो रहे हैं। शिक्षा की उपयोगिता बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सतत सीखने की प्रवृत्ति रखी जाए। विद्यार्थी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा और सामाजिक उत्तरदायित्वों में समन्वय रखें। उन्होंने विद्यार्थियों से वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का भी आह्वान किया।भक्ति और शक्ति का संगम स्थल है मेवाड़-
राष्ट्रपति ने कहा कि मेवाड़ और उदयपुर की विभूतियों ने स्वाधीनता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह क्षेत्र सदियों से राष्ट्रीय अस्मिता के संघर्ष का साक्षी रहा है। राणा सांगा, महाराणा प्रताप, और भक्तिकाल की महान संत कवयित्री मीराबाई का यह क्षेत्र शक्ति और भक्ति के संगम का क्षेत्र कहा जा सकता है। यहाँ की जनजाति-बहुल आबादी ने इस क्षेत्र का ही नहीं पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। यहां के इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। इससे भारत की गौरवशाली परंपराओं के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में उदयपुर प्रजामण्डल के योगदान को भी रेखाकिंत करते हुए माणिक्य लाल वर्मा, बलवंत सिंह मेहता और भूरेलाल बया और मोहनलाल सुखाड़िया आदि का भी स्मरण किया।बेटियां हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही-
दीक्षान्त समारोह में गोल्ड मैडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में बेटों की तुलना में बेटियों की अधिक संख्या की जानकारी मिलने पर राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। यह बहुत खुशी की बात है।प्राचीन भारत शिक्षा का मुख्य केंद्र रहा है— राज्यपाल
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षान्त समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने सभी पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और शोधार्थियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। श्री बागड़े ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति प्राचीन भारत की शिक्षापद्धति से प्रेरित है। इसमें विद्यार्थी को अपने विषय के अतिरिक्त भी अन्य जीवनोपयोगी विषयों के अध्ययन की सुविधा प्रदान की जा रही है। श्री बागड़े ने कहा कि प्राचीन भारत शिक्षा का मुख्य केंद्र रहा है। यहां नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, जहां देश-विदेश से छात्र अध्ययन के लिए आते थे। दशमलव और शून्य जैसी महत्वपूर्ण इकाइयां दुनिया को भारत की देन हैं। उन्होंने राजस्थान के विश्वविद्यालयों की युजीसी नेक रैकिंग पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में मानकों के अनुसार सुविधाओं के विस्तार पर काम किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि अगले 5 वर्षों के दरम्यान राजस्थान का कोई भी विश्वविद्यालय नेट रैकिंग से वंचित नहीं रहेगा। श्री बागड़े ने विद्यार्थियों को जल के समान शीतलता और विनम्रता धारण करने के लिए प्रेरित किया।दीक्षान्त समारोह से पहले राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के उदयपुर आगमन पर गुरुवार सुबह डबोक स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर अगवानी की गई।राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू विशेष विमान से निर्धारित समय पर डबोक एयरपोर्ट पहुंचीं। यहां राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागड़े, पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया, उप मुख्यमंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा, प्रभारी मंत्री श्री हेमन्त मीणा, उदयपुर सांसद डॉ.मन्नालाल रावत, चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, पुलिस महानिरीक्षक राजेश मीणा, जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल, पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, जिला प्रमुख श्रीमती ममता कुंवर, महापौर गोविन्द सिंह टांक, समाजसेवी रविन्द्र श्रीमाली आदि ने अगवानी की और पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
CM Sharma की केन्द्रीय मंत्रियों से भेंट, राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं और विकास कार्यों की दी जानकारी
CM Sharma
CM Sharma ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों श्री जे.पी.नड्डा, श्री प्रहलाद जोशी और श्री सी.आर.पाटिल से मुलाकात कर प्रदेश में चल रही विभिन्न परियोजनाओं और विकास कार्यों की जानकारी दी।
केन्द्रीय परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री से भेंट—
मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी.नड्डा से शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर श्री शर्मा ने दिसम्बर में जयपुर में होने वाले ‘राईजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट 2024’ की तैयारियों की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं एवं व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर सकारात्मक चर्चा कर उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल से भेंट—
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर.पाटिल से भेंट कर उनको राजस्थान में जल जीवन मिशन तथा ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना’ (ई.आर.सी.पी.) की वर्तमान प्रगति एवं क्रियान्वयन के विषय में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही प्रदेश से संबंधित अन्य विकास कार्यों को लेकर उनके साथ वार्ता की।
केन्द्रीय उपभोक्ता, खाद्य व सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री से भेंट—
मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने केन्द्रीय उपभोक्ता, खाद्य व सार्वजनिक वितरण तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रहलाद जोशी से भेंट कर उन्हें राजस्थान में उनकी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों, जन कल्याणकारी योजनाओं, ऊर्जा क्षेत्र में नवाचारों एवं कृषि उत्पादन में वृद्धि की विस्तृत जानकारी दी।
इसके अतिरिक्त राज्य में खाद्य सुरक्षा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुदृढ़ीकरण एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भविष्य की योजनाओं पर सार्थक चर्चा की।
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चिकित्सा मंत्री Shri Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा
Shri Khinvsar: विभागीय कार्मिकों को हाई अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री Shri Khinvsar ने कहा कि विगत कुछ दिन से मौसमी बीमारियों के केस में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट मोड पर रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करें। सभी अधिकारी एवं कार्मिक कार्य स्थल पर उपस्थित रहते हुए रोगियों को तत्काल जांच एवं उपचार सेवाएं उपलब्ध कराएं। मौसमी बीमारियों के प्रबंधन में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं हो।श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार आगामी करीब एक माह मौसमी बीमारियों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के माकूल इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं।चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा सामने आ रहे हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए। अधिकारी इन जिलों में लगातार निगरानी रखते हुए सघन रोकथाम गतिविधियां संचालित करवाएं। एंटीलार्वल, सोर्स रिडक्शन एवं फॉगिंग सहित अन्य गतिविधियां नियमित रूप से हों। इसके लिए नगरीय निकाय सहित संबंधित विभागों के साथ समुचित समन्वय स्थापित किया जाए।चिकित्सा मंत्री ने अस्पतालों में जांच किट्स एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा हैं, वहां डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के साथ ही रोगियों के लिए बेड की समुचित उपलब्धता रखी जाए। आवश्यकता अनुसार वैकल्पिक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। किसी रोगी को उपचार में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।श्री खींवसर ने जिलावार मौसमी बीमारियों के केसों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि राज्य स्तर के साथ साथ संभाग एवं जिला स्तर पर नियमित मीटरिंग की जाए। अस्पतालों के औचक निरीक्षण किए जाएं।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि सभी जिलों में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर आई ई सी गतिविधियां की जाएं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोगी घरेलू नुस्खे अपनाते हैं और स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचते हैं। इसके चलते कई बार रोगी का जीवन बचा पाना संभव नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आमजन को डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया आदि के लक्षण, जांच एवं उपचार के बारे में जानकारी दी जाए और समय पर उपचार के लिए प्रेरित किया जाए।बैठक में बताया गया कि प्रभावी प्रबंधन के कारण प्रदेश में अब तक मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में रही है। केस विगत वर्ष के मुकाबले कम होने के साथ ही मौसमी बीमारियों से मृत्यु के मामले नगण्य हैं। सभी जिलों में जांच एवं उपचार की समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण डॉ प्रवीण असवाल, मेडिकल कालेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ, बीसीएमओ, सीएचसी प्रभारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
श्राद्ध पूजन: 51000 किलोग्राम हलवा, खाने से ठीक हो जाती है पेट की बीमारी, दुनिया का सबसे बड़ा श्राद्ध सिद्धोपीठ सालासर धाम में हुआ!
श्राद्ध पूजन
श्राद्ध पूजन: चूरू, राजस्थान में दुनिया का सबसे बड़ा श्राद्ध हुआ. यह सिद्धपीठ सालासर बालाजी के परम भक्त संत मोहनदास जी महाराज का नाम है। यह कहा जाता है कि बालाजी महाराज ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं उन्हें दर्शन दिए। सोमवार को संत मोहनदास जी के 230वें श्राद्ध में एक लाख से सवा लाख लोग दूर-दूर से सालासर पहुंचे। यह श्राद्ध, जिसमें 51,000 किलो हलवा बनाया गया था, दुनिया का सबसे बड़ा श्राद्ध बताया जा रहा है।
माना जाता है कि संत मोहनदास जी के श्राद्ध पर भोजन करने से पेट की बीमारियां दूर होती हैं। मान्यता के चलते, हर साल दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन सालासर में आकर भोजन करते हैं। मंदिर के पुजारी अरविंद बताते हैं कि श्राद्ध के दौरान मंदिर परिसर में मेले की तरह भीड़ उमड़ती है।
श्राद्ध की पूर्वयोजना
श्राद्ध की तैयारियां एक सप्ताह पहले से शुरू होती हैं। दो दिन पहले से दो दर्जन हलवाई प्रसाद बनाने शुरू करते हैं। श्रद्धालुओं को सुष्वा और पंच मेला सब्जी के साथ हलवा बड़ी कड़ाही में परोसा जाता है।
हनुमान ने मोहनदास को दिखाया
पुजारी अरविंद बताते हैं कि संत मोहनदास जी ने वर्षों तक हनुमान की पूजा और तपस्या की थी। उनकी श्रद्धा से प्रसन्न होकर हनुमान ने उन्हें दाढ़ी और मूंछ वाले रूप में देखा। कहा जाता है कि मोहनदास जी ने हनुमान जी से वचन लिया था कि वे उन्हें भविष्य में भी इसी तरह दर्शन देंगे। इसी वचन के अनुसार सालासर धाम में हनुमानजी एक जाट के खेत में आए थे, जहां उनका हल एक पत्थर से टकरा गया और जाट का हल उससे गिर गया। उस पत्थर को साफ करने पर बालाजी की प्रतिमा मिली, जो सालासर धाम में स्थापित की गई।c
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CM Shri Bhajanlal Sharma: 2 अक्टूबर से गांधी वाटिका का संचालन करेगा पर्यटन विभाग
महात्मा गांधी के विचारों के प्रोत्साहन हेतु CM Shri Bhajanlal Sharma का महत्वपूर्ण निर्णय, बेहतर प्रबंधन के लिए गठित होगी समिति , गांधी दर्शन से युवा पीढ़ी होगी रूबरू
CM Shri Bhajanlal Sharma ने महात्मा गांधी के मूल्यों, सिद्धांतों एवं संघर्ष को प्रदर्शित करने वाली सेंट्रल पार्क स्थित गांधी दर्शन म्यूजियम (गांधी वाटिका) के बेहतर संचालन के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर महात्मा गांधी जयंती (2 अक्टूबर) से पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा गांधी वाटिका का संचालन किया जाएगा। इस निर्णय के अंतर्गत पुरात्तव एवं संग्रहालय तथा पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जा सकेगी, जिससे वाटिका का उत्कृष्ट प्रबंधन सुनिश्चित हो सकेगा। मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने गांधी वाटिका के बेहतर संचालन के उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक समिति के गठन करने के निर्देश भी दिए हैं। ये समिति नियमित रूप से वाटिका के संचालन के अतिरिक्त गांधीजी के मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर सुझाव भी देगी।पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के शासन सचिव श्री रवि जैन ने बताया कि विभाग द्वारा डिजिटल एवं नवीन तकनीक के माध्यम से महात्मा गांधी की जीवन यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा। म्यूजियम के एक हिस्से में अंग्रेजों के भारत आगमन से गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास, दूसरे हिस्से में भारत में अंग्रेजों के खिलाफ किए गए आंदोलन एवं तीसरे हिस्से में गांधीजी के दर्शन साहित्य को प्रदर्शित किया गया है।उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी गांधीजी और उनके दर्शन से प्रेरणा ले सके, इसके लिए देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की यहां यात्रा भी करायी जाएगी। इसके लिए गांधी वाटिका म्यूजियम को पर्यटन विभाग की सूची में शामिल किया जाएगा। साथ ही, गांधीजी के दर्शन पर बनी विभिन्न फिल्मों के माध्यम से सत्य एवं अहिंसा के संदेशों को प्रसारित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि वर्तमान में गांधी वाटिका का संचालन एवं रखरखाव जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। प्राधिकरण ने 85 करोड़ रुपये की लागत से म्यूजियम का निर्माण किया है। इस वाटिका का निर्माण 3 तलों में किया गया है।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
चिकित्सा मंत्री Mr. Khinvsar ने की मौसमी बीमारियों की समीक्षा, डेडीकेटेड ओपीडी संचालित करने के निर्देश, चिकित्सा कार्मिकों के अवकाश निरस्त
Mr. Khinvsar
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम एवं बेहतर उपचार की दृष्टि से विभागीय अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहते हुए पुख्ता प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के बड़े चिकित्सा संस्थान, जहां रोगी भार अधिक है वहां मौसमी बीमारियों के लिए डेडीकेटेड ओपीडी का संचालन किया जाएगा। साथ ही, प्रदेश में चिकित्सकों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के अवकाश निरस्त किए गए हैं। विभागीय कार्मिक अति आवश्यक स्थिति में सक्षम स्तर से अनुमति उपरांत ही अवकाश पर जा सकेंगे।Mr. Khinvsar मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के रोगियों को समुचित उपचार सुगमता से मिले। इसके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएं। बैड्स, दवा एवं जांच आदि को लेकर मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। चिकित्सक आवश्यक रूप से चिकित्सा संस्थानों में उपस्थित रहें।नए पदस्थापन स्थान पर तत्काल करें ज्वाइन
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन चिकित्सकों या पैरामेडिकल स्टाफ ने पदोन्नति या पदस्थापन के बाद ज्वाइन नहीं किया है, वे तत्काल रूप से अपने पदस्थापन स्थान पर उपस्थिति दें। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल, उप जिला अस्पताल, सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। रोगियों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो।राज्य एवं जिला स्तरीय अधिकारी करें औचक निरीक्षण
श्री खींवसर ने मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय अधिकारी चिकित्सा संस्थानों का औचक निरीक्षण कर वहां मौसमी बीमारियों के प्रबंधन की जांच करें। साथ ही, राज्य स्तर पर इस संबंध में नियमित रिपोर्ट प्रेषित की जाए। दवा, जांच किट या अन्य संसाधनों की आपूर्ति निर्बाध रूप से हो। किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल उच्च स्तर पर अवगत कराया जाए।संबंधित विभागों के साथ रखें समुचित समन्वय
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मौसमी बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए नगरीय निकाय विभाग सहित सभी संबंधित विभागों से भी आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाए। साथ ही, व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए आमजन को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाए।चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों में अतिरिक्त मेडिकल टीमें लगाकर उपचार एवं बचाव गतिविधियों को व्यापक रूप दिया जा रहा है। साथ ही, मौसमी बीमारियों की स्थिति की जिलेवार समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।उन्होंने निर्देश दिए कि मलेरिया, चिकुनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में रेपिड रेस्पॉन्स टीमें भ्रमण कर गंभीर रोगी की जांच एवं उपचार प्रदान करें। आवश्यकता होने पर चिकित्सा संस्थान में रेफर करें तथा बचाव व नियंत्रण संबंधी कार्यों यथा एन्टीलार्वल, मच्छर रोधी, फोगिंग, सोर्स रिडक्शन आदि गतिविधियों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित करें।निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चिकित्सा विभाग के निरंतर प्रयासों एवं प्रभावी मॉनिटरिंग से इस वर्ष अधिकांश जिलों में मौसमी बीमारियों के केस विगत वर्ष के मुकाबले आधे हैं। अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण की स्थिति बेहतर है।बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अंबरीश कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री इकबाल खान, सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुशील भाटी, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल, अतिरिक्त निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. सुशील परमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।source: http://dipr.rajasthan.gov.in -
प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant: परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाएं
Shri T. Ravikant -जीएसआई एमईसीएल द्वारा 49 ब्लॉक तैयार, 16 की नीलामी शुरु
खान व पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव Shri T. Ravikant ने बताया है कि राज्य में जीएसआई और एमईसीएल द्वारा मेजर मिनरल के 49 ब्लॉक तैयार कर उपलब्ध कराए गए हैं जिसमें से 16 ब्लॉकों की नीलामी की निविदा जारी कर दी गई है वहीं अन्य ब्लॉक नीलामी पूर्व आवश्यक प्रक्रिया में हैं।प्रमुख सचिव खान श्री टी. रविकान्त सोमवार को सचिवालय में ज्वाइंट वर्किंग गु्रप जेड्ब्लूजी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जेड्ब्लूजी में केन्द्र सरकार के खान विभाग, जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, एमईसीएल, आईबीएम, वन विभाग, आरएसएमईटी के साथ ही खान व भूविज्ञान विभाग के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपुल खनि संपदा है इसलिए एक और जहां खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य को गति देनी होगी वहीं खोजे गए खनिजों की नीलामी प्रक्रिया में तेजी लानी होगी।श्री टी. रविकान्त ने कहा कि राज्य में खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य में लगी सभी संस्थाओं को परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लानी है जिससे ओवरलेपिंग भी नहीं हो और प्रदेश की खनि संपदा का बेहतर खोज व खनन कार्य हो सके। उन्होंने बताया कि मेजर मिनरल में मुख्यतः लाईम स्टोन, कॉपर, गोल्ड, लेड जिंक आदि शामिल है और प्रदेश में इनके अच्छी मात्रा में डिपोजिट मिल रहे हैं।जेड्ब्लूजी के सदस्य सचिव व जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के उप निदेशक श्री अनिंध्य भट्टाचार्य ने बताया कि जीएसआई व एमईसीएल द्वारा अब तक प्रदेश में 126 जियोलोजिकल रिपोर्ट व जियोलोजिकल मेमोरेण्डम तैयार कर प्रस्तुत किये जा चुके हैं। उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।बैठक में भारत सरकार के निदेशक तकनीकी श्री योगेन्द्र सिंह, जीएसआई के निदेशक श्री संजय सिंह आदि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।source: http://dipr.rajasthan.gov.in