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  • Rajasthan News: राजस्थान में किसानों को समय पर मिल सकेगा फसल बीमा क्लेम

    Rajasthan News: फसल कटाई प्रयोग शत-प्रतिशत किये जायेंगे ऑन-लाईन

    Rajasthan News: प्रमुख शासन सचिव राजस्व श्री दिनेश कुमार और प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री वैभव गालरिया की अध्यक्षता में मंगलवार को पंत कृषि भवन में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत फसल कटाई प्रयोगो के ऑन-लाईन गुणवत्ता पूर्ण सम्पादन के लिए वी.सी. के माध्यम से समस्त जिला कलक्टरों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।

    प्रमुख शासन सचिव श्री दिनेश कुमार ने कहा कि फसल कटाई प्रयोगों का सम्पादन निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किया जाये, जिससे बीमा कम्पनियों द्वारा आपत्तियां न की जाये। बीमा कम्पनी प्रतिनिधियों एवं जिले के अधिकारियों के साथ नियमित साप्ताहिक बैठक की जाये, जिससे फसल कटाई प्रयोगो के दौरान आने वाली आपत्तियों का निस्तारण किया जाये। अधिकारी कोशिश करें कि क्रॉप कटिंग में कम से कम आपत्तियां दर्ज हों, जिससे किसानों को फसल बीमा क्लेम समय पर मिल सके। क्रॉप सर्वे ज्यादा से ज्यादा डिजिटल करवाये जाये।

    प्रमुख शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने कहा कि फसल कटाई प्रयोग पूर्ण सावधानी से किये जायें, जिससे किसानों को क्लेम मिलने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। फसल कटाई प्रयोगो की गोपनीयता बरकरार रखी जाये। सीसीई प्रक्रिया की पूर्ण वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की जाये जिससे फसल के साथ की जाने वाली छेड़छाड़ का मालूम पड़ सके। थ्रेसिंग के दौरान किसी प्रकार की अनियमितता न बरती जाये।

    श्री गालरिया ने कहा कि जिलों के अधिकारियों द्वारा फसल कटाई प्रयोग शत-प्रतिशत ऑन-लाईन करवाये जाये तथा इस दौरान बीमा कम्पनी प्रतिनिधि का सह-पर्यवेक्षक आवश्यक रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने निर्देशित किया कि फसल कटाई प्रयोगों के कार्यक्रम के बारे में बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों को सूचित करें एवं कार्यक्रम में संशोधन की दशा में कम्पनी को लिखित में तुरन्त सूचित करें।

    उन्होंने कहा कि फसल कटाई प्रयोग सम्पादन प्रक्रिया में खेत या प्लॉट निर्धारण, गीला एवं सूखा वजन लिये जाने सम्बन्धी वीडियो लिये जाये।

    बैठक में आयुक्त कृषि श्री कन्हैया लाल स्वामी, संयुक्त निदेशक कृषि श्री मुकेश कुमार माथुर, बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे और समस्त जिला कलक्टर, समस्त अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार) खण्ड एवं समस्त संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद वी.सी. के माध्यम से उपस्थित रहे।

  • अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने की दवा एवं जांच योजना की समीक्षा

    अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने की दवा एवं जांच योजना की समीक्षा

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने अधिकारियों को दवा एवं जांच किट उपलब्धता की साप्ताहिक समीक्षा के दिए निर्देश, आपूर्ति, शिफ्टिंग एवं एनएसी के लिए बनाई जाएगी एसओपी

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के तहत दवाओं एवं जांच किट की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इसमें कसी तरह का गेप नहीं रहे। उन्होंने कहा कि आरएमएससीएल दवाओं की मांग का समुचित विश्लेषण करते हुए ऐसी व्यवस्था विकसित करे कि दवाओं की कमी की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। सभी राजकीय चिकित्सा संस्थानों में दवाओं एवं जांच किट्स का पर्याप्त स्टॉक रहे।

    श्रीमती सिंह सोमवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने आरएमएससीएल की प्रबन्ध निदेशक श्रीमती नेहा गिरी को दवा उपलब्धता को लेकर साप्ताहिक मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तथा जहां भी दवा का स्टॉक कम हो वहां दवाइयों की तत्काल शिफ्टिंग की जाए और एनएसी  उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए।

    श्रीमती सिंह ने कहा कि किसी कारणवश सप्लाई में देरी हो या दर संविदा उपलब्ध नहीं हो तो ऐसी स्थिति में आरएमएससीएल द्वारा शीघ्र अनुपलब्धता सर्टिफिकेट जारी किया जाए, ताकि संबंधित चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सा अधीक्षक द्वारा स्थानीय स्तर पर दवाओं की खरीद कर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। किसी जिला औषधि भण्डार गृह पर औषधि विशेष की कमी होने पर अन्य जिला औषधि भण्डार गृह से दवा यथाशीघ्र उपलब्ध करवाई जाए।

    अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि किसी फर्म द्वारा निविदा शर्तों के अनुसार आपूर्ति नहीं किए जाने की स्थिति में नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाए। आरएमएससीएल द्वारा दवाइयों की आपूर्ति, शिफ्टिंग एवं एनएसी  उपलब्ध कराने के संबंध में एक एसओपी तैयार की जाए ताकि दवाइयों की अनुपलब्धता की स्थिति उत्पन्न न हो।

    श्रीमती सिंह ने कहा कि सवाई मानसिंह चिकित्सालय प्रशासन दवाइयों की वार्षिक मांग की समीक्षा कर आवश्यक मात्रा में मांग का प्रस्ताव आरएमएससीएल को भिजवाए। सवाई मानसिंह चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी को अनुपलब्ध दवाओं या जांच किट्स की उपलब्धता अतिशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को दवाओं एवं जांच किट आपूर्ति को लेकर साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश भी दिए।

    बैठक में आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक श्रीमती नेहा गिरि ने अवगत कराया कि इस वर्ष अत्यधिक लू—तापघात की स्थिति एवं मानसून में बारिश की अधिकता के कारण दवाओं की मांग में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। इसके चलते दवाओं की आपूर्ति एवं उपलब्धता प्रभावित हुई। भविष्य में इन स्थितियों का आकलन करते हुए दवाओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। ​

    बैठक में अस्पताल के उप अधीक्षक, आरएमएससीएल के विशेषाधिकारी एवं अतिरिक्त निदेशक, (आई.टी.) भी उपस्थित थे।

  • आरपीएससी: आयोग ने जारी किए आरएएस- 2024 सहित विभिन्न भर्तियों के विज्ञापन

    आरपीएससी: आयोग ने जारी किए आरएएस- 2024 सहित विभिन्न भर्तियों के विज्ञापन

    आरपीएससी: राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सोमवार को राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं भर्ती-2024

    आरपीएससीः राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा सोमवार को राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं भर्ती-2024 के अन्तर्गत राज्य सेवाएं के 346 एवं अधीनस्थ सेवाएं के 387 कुल 733 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया। इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के कुल 8 पद एवं समूह अनुदेशक/सर्वेयर/सहायक शिक्षुता सलाहकार ग्रेड-।। के 68 पदों के लिए भी विज्ञापन जारी किए गए हैं। शैक्षणिक योग्यता, वर्गवार वर्गीकरण, आवेदन प्रक्रिया एवं अन्य जानकारी संबंधी विस्तृत सूचनाऐं आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
    आयोग सचिव ने बताया कि सहायक मत्स्य विकास अधिकारी के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन 11 सितंबर से 10 अक्टूबर 2024 की रात्रि 12 बजे तक एवं समूह अनुदेशक/सर्वेयर/सहायक शिक्षुता सलाहकार ग्रेड-।। के पदों हेतु ऑनलाइन आवेदन 17 सितंबर से 16 अक्टूबर 2024 की रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे।
    राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं के पदों हेतु ऑनलाइन आवेदन 19 सितंबर 2024 से 18 अक्टूबर 2024 की रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे।
    ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। परीक्षा तिथि व स्थान के संबंध में यथा समय सूचित कर दिया जाएगा।
  • Rajasthan News राजस्थान के 2 जिलों में नगर निगम की अधिसूचना जारी

    Rajasthan News: राजस्थान में 3 नए नगर परिषद और 7 नई नगर पालिका घोषित— 4 नगर पालिकाओं को किया गया क्रमोन्नत

    Rajasthan News: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन और श्री मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार राजस्थान को लगातार प्रगति के पथ पर तेज रफ्तार के साथ दौड़ा रही है। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने 2 जिलों की नगर परिषद को नगर निगम घोषित किया गया है। इसके साथ ही 3 नए नगर परिषद, 4 नगर पालिकाओं को क्रमोन्नत किया गया है। जबकि 7 ग्राम पंचायतों को नगर पालिका घोषित किया गया है।

    भीलवाड़ा और पाली अब नगर निगम—

    स्वायत्त शासन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार भीलवाड़ा नगर परिषद और पाली नगर परिषद को नगर निगम घोषित किया गया है।

    3 नगर पालिका को नगर परिषद4 क्रमोन्नत—

    राज्य सरकार ने नगर पालिका पुष्कर, नगर पालिका लालसोट और नगर पालिका शाहपुरा (जयपुर) को नगर परिषद घोषित किया है। साथ ही दौसा की महवा, चूरू की तारानगर, सीकर की लोसल और दौसा की बांदीकुई नगर पालिका को क्रमोन्नत किया गया है।

    7 ग्राम पंचायतें नगर पालिका घोषित—

    अधिसूचना के अनुसार अब जोधपुर की ग्राम पंचायत कुड़ी भगतासनी और तिंवरी, जयपुर की ग्राम पंचायत जमवारामगढ़, झुंझुनूं की ग्राम पंचायत डूंडलोद, सुलताना और जाखल के अलावा जालोर की ग्राम पंचायत सायला को चतुर्थ श्रेणी नगर पालिका घोषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत कुड़ी भगतासनी के सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए विद्यमान सीमाएं ही नवगठित नगर पालिका की स्थानीय सीमाएं रहेंगी। जबकि निर्वाचित सरपंच, उपसरपंच और वार्ड पंच नवगठित नगर पालिका में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और वार्ड सदस्य होंगे।

  • उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी: जयपुर सिटी का हेरिटेज संरक्षण के साथ पूर्ण विकास होगा

    उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी: जयपुर सिटी का हेरिटेज संरक्षण के साथ पूर्ण विकास होगा

     उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट में जयपुर शहर के हेरिटेज संरक्षण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है जिससे जयपुर शहर में हेरिटेज संरक्षण और विकास पूर्ण नियोजन किया जाना है।
     उसी प्लान की तैयारियों के परिप्रेक्ष्य में उपमुख्यमंत्री ने मंगलवार को जयपुर शहर के विभिन्न स्थलों का जायज़ा लिया  और जयपुर की हेरिटेज से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा कर अधिकारियों को विभिन्न विकास कार्यों के लिए निर्देशित किया जिसमें प्रमुख रूप से जयपुर शहर को विरुपण से बचाने के साथ ही हेरिटेज को संरक्षित किया जाना है। इसके साथ ही जल महल की पाल का पुनः विकास कर वहां बोटिंग शुरू करवाना है।
    उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने मंगलवार को प्रातः जयपुर की चारदीवारी क्षेत्र और पर्यटन महत्व के अन्य स्थनों का सघन दौरा किया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री के साथ जयपुर नगर निगम हेरिटेज आयुक्त श्री अभिषेक सुराणा,   ट्रेफिक डीसीपी श्रीमती प्रीति चंद्रा, उपनिदेशक पर्यटन विभाग श्री उपेन्द्र सिंह शेखावत मौजूद रहे।
    उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने प्रातः 8 बजे से शहर में परकोटे वाले   का क्षेत्र का निरीक्षण शुरू किया जिसमें उन्होंने सिटी पैलेस, चांदनी चौक से होते हुए त्रिपोलिया गेट, छोटी चौपड़, किशनपोल बाजार, अजमेरी गेट, न्यू गेट, सांगानेरी गेट, जौहरी बाजार, बड़ी चौपड़, सुभाष चौक, जोरावर सिंह गेट तक निरीक्षण किया। साथ ही जल महल से लेकर आमेर मावठे तक का भी  सघन निरिक्षण किया।

    सफाई हो, बिल्डिंग्स पर न लटके वायर्स

    श्रीमती दिया कुमारी ने सबसे पहले सिटी पैलेस के ही बाहर चांदनी चौक की सफाई का निरीक्षण किया, साथ ही बिल्डिंग्स पर लटके हुए वायर्स व पोल्स को ठीक करने के निर्देश दिए।

    पोस्टर्स बैनर्स हटाने के निर्देश:

    उपमुख्यमंत्री ने त्रिपोलिया – छोटी चौपड़ के बाज़ारों में लगे हुए पोस्टर्स, बैनर्स को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सब हमारी हेरिटेज को विरुपित कर रहे हैं।

    दुकानों के नाम के रंग में हो एकरूपता: 

    दिया कुमारी ने बाजार में निरीक्षण करते समय कहा कि दुकानों के नाम रंग – बिरंगे होने की जगह एक ही कलर में पेंट होने चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम के बायलॉज के हिसाब से ही कलर होना चाहिए। जिससे एकरुपता रहेगी और शहर सुन्दर दिखेगा।
    उपमुख्यमंत्री  ने परकोटा क्षेत्र  में डस्टबिन भी कचरे के सूखा, गीला, हेजार्डस, नॉन हेजार्डस के हिसाब से अलग—अलग कलर के लगाने को निर्देश दिए जो कि जयपुर शहर के हेरिटेज रंग से मैच  होने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि डिवाइडर पर लगे पोल्स पर किसी भी तरह के पोस्टर बैनर नहीं लगे होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्त-व्यस्त तरह से लगे कैबल्स वायर्स शहर की खूबसूरती को खराब कर रहे हैं, इन्हें हटाया जाए।

    महाराजा स्कूल ऑफ आर्ट को फिर से किया जाएगा विकसित

    श्रीमती दिया कुमारी ने छोटी चौपड़ से चाँदपोल तक निरीक्षण करने के दौरान किशनपोल बाजार  स्थित म्यूजियम ऑफ लेगेसी (महाराजा स्कूल ऑफ आर्ट) को फिर से विकसित किये जाने के निर्देश दिए।

    हवा महल के सामने फोटो पॉइंट होगा विकसित:

    श्रीमती दिया कुमारी ने किशनपोल से अजमेरी गेट तक, सांगानेरी गेट से जौहरी बाजार बड़ी चौपड़ तक निरीक्षण किया। उन्होंने हवा महल के ठीक सामने फोटो पॉइंट डेवलप करने के निर्देश दिए।

    जल महल की पाल होगा सौंदर्यकरण, बोटिंग भी कर सकेंगे आमजन:

    उपमुख्यमंत्री ने जल महल की पाल को पुनः विकसित करने तथा यहां सौंदर्यकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने यहां बोटिंग भी शुरू करने के भी निर्देश दिए।
  • राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: की मानवीय पहल ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

    राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: की मानवीय पहल ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: राजस्थान सरकार की मानवीय पहल बुजुर्गों को सम्मान के साथ मिल रही स्वास्थ्य सेवाएं ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए रामाश्रय वार्ड (जेरियाट्रिक वार्ड एवं जेरियाट्रिक क्लीनिक) जनसेवा का एक सार्थक माध्यम बनकर उभरे हैं। यहां बुजुर्गों को सम्मान के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवायी जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में गत 14 मार्च से प्रारम्भ हुई इस संवेदनशील पहल से अब तक करीब 6 लाख बुजुर्ग लाभान्वित हो चुके हैं।
    चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हमारे बुजुर्गों को उपचार के लिए चक्कर नहीं काटना पड़े, कतारों में खड़ा नहीं होना पड़े और एक ही स्थान पर जांच एवं उपचार सेवाओं का लाभ मिल सके, इस मानवीय सोच के साथ रामाश्रय वार्डों की स्थापना की गई है। अब तक 5 लाख 14 हजार से अधिक बुजुर्गों ने रामाश्रय वार्ड की ओपीडी में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परामर्श लिया है। इसी प्रकार रामाश्रय आईपीडी में 32 हजार से अधिक वृद्धजनों को भर्ती कर उपचार उपलब्ध करवाया गया है। अब तक 3 लाख 14 हजार से अधिक लैब टैस्ट किए गए हैं एवं 8 हजार 320 बुजुर्गों को फिजियोथैरेपी सेवाएं प्रदान की गयी हैं। गंभीर स्थिति में उच्च स्तरीय उपचार के लिए 1 हजार 706 रोगियों को यहां रैफर किया गया है।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस मानवीय पहल को 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल कर अल्प समय में निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया गया। प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से रामाश्रय वार्ड बनाए गए, जहां वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

    इन सुविधाओं से लैस हैं रामाश्रय वार्ड

    रामाश्रय वार्डों में 10 फाउलर बैड आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर पर्दे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रेक्शन, पैल्विक ट्रेक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल कर वार्ड में व्हील चेयर, ट्रोली, मेडिसिन कैबिनेट एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।

    हर वार्ड का नोडल अधिकारी, बैड पर ही जांच

    वार्ड का एक नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन करता है। रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय पर विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध हो रही हैं। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र कर रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है।

    ओपीडी सेवाओं के लिए जेरियाट्रिक क्लिनिक

    राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जेरियाट्रिक क्लिनिक की व्यस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे़ और आसानी से उपचार मिल सके।

    व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

    प्रदेश के अस्पतालों में वृद्धजनों को सुविधाजनक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा विभाग ने 22 करोड़ रूपए का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत वृद्धजनों के उपचार के लिए आवश्यक उपकरण, चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण सहित अन्य कार्य सम्पादित किए जाएंगे।

    साल में चार बार नि:शुल्क जांच एवं पार्किंग सुविधा

    प्रदेश में बुजुर्ग अब साल में चार बार नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करवा सकेंगे। यह सुविधा बुजुर्गों के लिए सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी स्तर तक उपलब्ध होगी। साथ ही एक एडवाइजरी जारी कर सभी जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में बुजुर्गों को पार्किंग सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
  • मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: कृषकों की होगी राह आसान

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: कृषकों की होगी राह आसान

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा — किसानों को कृषि यंत्र खरीद पर मिलेगा 50% तक अनुदान

    खेती–किसानी में कृषकों द्वारा बुआई, जुताई और बिजाई जैसे कठोर कार्य किये जाते हैं। इन्हीं कार्यो को सुगम बनाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के प्रावधानों के अन्तर्गत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्रों पर अनुदान देकर लाभान्वित किया जायेगा, जिससे किसानों पर आर्थिक भार कम पडेगा और कृषि कार्य आसान हो जायेंगे साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
    कृषि आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि योजना के अन्तर्गत राज्य में लगभग 66 हजार किसानों को 200 करोड़ रूपये का अनुदान दिये जाने का प्रावधान रखा गया है। इसके लिए कृषक 13 सितम्बर तक ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्रों पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमान्त एवं महिला किसानों को ट्रेक्टर की बीएचपी के आधार पर लागत का अधिकतम 50 प्रतिशत तक तथा अन्य श्रेणी के कृषकों को लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा। लघु एवं सीमान्त श्रेणी के किसानों को ऑन-लाईन आवेदन से पूर्व जन आधार में लघु एवं सीमान्त श्रेणी जुड़वाना आवश्यक है, आवेदन के दौरान उक्त प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।
    कृषि आयुक्त ने बताया कि राज किसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र के माध्यम से जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल, कृषि यंत्र का कोटेशन आदि दस्तावेजों की सहायता से ऑन-लाईन आवेदन कर सकते हैं। किसानों को राज्य में प्रचलित ट्रैक्टर संचालित सभी प्रकार के कृषि यंत्र जैसे रोटावेटर, थ्रेसर, कल्टीवेटर, बंडफार्मर, रीपर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, डिस्क हेरो, प्लॉउ आदि यंत्रों पर अनुदान दिया जायेगा। किसान द्वारा कृषि यंत्रों को पंजीकृत फर्म से खरीदने तथा सत्यापन के बाद अनुदान उनके जनाधार से जुड़े बैंक खाते में हस्तान्तरित किया जायेगा।

     एक जन आधार पर होगा एक आवेदन—

    एक किसान को एक प्रकार के कृषि यंत्र पर तीन वर्ष की कालावधि में केवल एक बार अनुदान दिया जायेगा। किसानों को वित्तीय वर्ष में एक ही कृषि यंत्र पर अनुदान दिया जायेगा। प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने से पूर्व खरीदे गये पुराने कृषि यंत्रों पर अनुदान नही दिया जायेगा।
    एक जन आधार द्वारा एक ही आवेदन स्वीकार होगा कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए किसान के नाम भूमि और ट्रेक्टर चलित यंत्र पर अनुदान के लिए ट्रेक्टर  का रजिस्ट्रेशन आवेदक किसान के नाम होना आवश्यक है।
  • वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्रीमती शुचि त्यागी ने सोमवार को महिला एवं बाल विभाग की शासन सचिव के पद का अतिरिक्त कार्यभार किया ग्रहण

    श्रीमती शुचि त्यागी: राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने के लिए सघनता से कार्य किये जाने के दिए निर्देश

     वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तथा सहकारिता विभाग की शासन सचिव श्रीमती शुचि त्यागी ने सोमवार को महिला एवं बाल विभाग की शासन सचिव के पद का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया।
    महिला एवं बाल विकास विभाग की शासन सचिव के कार्यग्रहण के पश्चात निदेशक समेकित श्री ओ पी बुनकर ने मुलाकात कर विभागीय कार्य, योजनाओं की जानकारी दी।
    श्रीमती शुचि त्यागी ने सोमवार से शुरू हुए राष्ट्रीय पोषण माह को सफल बनाने के लिए सघनता से कार्य किये जाने के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने छः गतिविधियों आधारित इस अभियान की गतिविधि एनीमिया जाँच के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने अधिक से अधिक महिलाओं की एनीमिया जाँच करने तथा अभियान की वृहद स्तर पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ियों पर होने वाली गतिविधियों की दैनिक रूप से मॉनिटरिंग की जाए तथा उनकी रिपोर्टिंग को रोजाना जनआंदोलन डेशबोर्ड पर अपलोड किया जाए।
    इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक (पोषहार) श्री चान्दमल वर्मा, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) श्री संजय शर्मा, वित्तीय सलाहकार श्री पदमचंद तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
  • पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया के निर्देशों पर लेकसिटी की सफाई व्यवस्था में हुआ सुधार

    पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया के निर्देशों पर लेकसिटी की सफाई व्यवस्था में हुआ सुधार

     श्री गुलाबचंद कटारिया: स्वच्छता की राह पर आगे बढ़ रहा उदयपुर, नगर निगम ने संभाली यूडीए क्षेत्र में सफाई व घर-घर कचरा संग्रहण की कमान

     पर्यटन की दृष्टि से देश के सिरमौर शहरों में शामिल झीलों की नगरी, उदयपुर अब स्वच्छता की राह में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उदयपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में बरसों से चल रही आ रही सफाई और घर-घर कचरा संग्रहण की समस्या के स्थाई समाधान को लेकर पंजाब के राज्यपाल श्री गुलाबचंद कटारिया, शहर विधायक श्री ताराचंद जैन व उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री  फूलसिंह मीणा की पहल आखिरकार रंग लाई। राज्यपाल श्री कटारिया के निर्देशों पर नगर निगम ने यूडीए क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की कमान संभाल ली है। सोमवार को नगर निगम परिसर से अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने कचरा संग्रहण वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही युडीए क्षेत्र के जोन 1 व 2 में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ हो गया। जोन 3 व 4 को लेकर भी टेण्डर प्रक्रियाधीन हैं तथा जल्द ही वहां पर भी सफाई व्यवस्था माकूल हो जाएगी।

    यूं चले प्रयास—

    उदयपुर शहर में नगर निगम के क्षेत्राधिकार वाले इलाकों में निगम की ओर से रोड सफाई से लेकर घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। तत्कालीन यूआईटी क्षेत्रों में कचरा संग्रहण की जिम्मेदारी यूआईटी संभाल रहा था, लेकिन पर्याप्त संसाधनों के अभाव में कचरा संग्रहण कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं होने से दिक्कतें आ रही थी। तत्कालीन समय में श्री गुलाबचंद कटारिया ने यूआईटी क्षेत्र में भी सफाई की व्यवस्था नगर निगम के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए। उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन और ग्रामीण विधायक श्री फूलसिंह मीणा ने भी इन प्रयासों को आगे बढ़ाया। जिला कलक्टर श्री अरविन्द पोसवाल ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन युआईटी और वर्तमान यूडीए क्षेत्र का भ्रमण कर स्थिति की जानकारी ली। इसके पश्चात यूडीए और नगर निगम के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की लगातार बैठकें लेकर संपूर्ण उदयपुर शहर की सफाई व्यवस्था माकूल करने पर जोर दिया। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की पहल पर आखिरकार नगर निगम ने यूडीए क्षेत्र की व्यवस्था भी अपने हाथ में लेने की सहमति दी। इसका भुगतान यूडीए की ओर से नगर निगम को किया जाना तय किया गया। युडीए क्षेत्र को 4 जोन में विभक्त करते हुए टेण्डर प्रक्रिया की गई।

    कचरा संग्रहण वाहनों को दिखाई हरी झण्डी—

    यूडीए जोन 1 व 2 की टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सोमवार से सफाई एवं घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य प्रारंभ हुआ। नगर निगम परिसर में सोमवार सुबह उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक श्री फूल सिंह मीणा, महापौर श्री गोविन्दसिंह टांक, जिला कलेक्टर श्री अरविंद पोसवाल, यूडीए आयुक्त श्री राहुल जैन, निगम आयुक्त श्री राम प्रकाश, उप महापौर श्री पारस सिंघवी ने  कचरा संग्रहण वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

    26 हजार घरों से होगा कचरा संग्रहण—

    प्रथम चरण में यूडीए के जोन-1 एवं 2 के 26 हजार से अधिक घरों से कचरा संग्रहण किया जाएगा। इसके लिए क्रमशः 22 तथा 24 ऑटो लगाए गए हैं। उक्त ऑटो जोन-1 के तहत सविना, वीडियो कॉलोनी, तितरड़ी, समता विहार, सर्वोदय नगर, गोवर्द्धनविलास, बलीचा, धौल की पाटी, ट्रांसपोर्टनगर, दक्षिण विस्तार, पन्नाधाय नगर व इंद्रानगर क्षेत्र तथा जोन-2 में मीरानगर द्वितीय, रेबारियों का गुड़ा, पुराना आरटीओ, नेशनल हाइवे-76, कृष्णा विहार, ढिंकली, कोचीनगर, पेसिफिक युनिवर्सिटी, देबारी, भैरवनगर, डांगियों की पंचौली, धौलामगरी, पुरोहितों की मादड़ी, कालाभाटा, मनवाखेड़ा आदि क्षेत्रों में घर-घर कचरा संग्रहण करेंगे। युडीए जोन-1 के लिए नगर निगम को 2 करोड़ 82 लाख तथा जोन-2 के लिए 3 करोड़ 22 लाख 56 हजार रूपए का भुगतान करेगा।
  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने 2025 की सफलता के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ ली बैठक

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने 2025 की सफलता के लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ ली बैठक

    विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम— 2025 की सफलता के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारियों श्री नवीन महाजन के साथ ली बैठक

    श्री नवीन महाजन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राजस्थान में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यक्रम— 2025 के तहत मतदाता सूचियों में नए नाम जोड़ने, संशोधन कराने तथा विसंगतियां दूर करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा घर-घर सर्वे का कार्य जारी है। अभियान के दौरान मतदाता सूचियों एवं पहचान पत्रों (एपिक कार्ड) में त्रुटियों के संशोधन की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, नाम, पते आदि के आधार पर मतदाता सूचियों में दोहरी प्रविष्टियों को हटाया जा रहा है।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने सोमवार को इस विषय में निर्वाचन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों और जिला निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में श्री महाजन ने घर-घर सर्वे के माध्यम से सूचियों के सत्यापन के कार्य में तेजी लाते हुए सभी जिलों में इसे 20 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने इस कार्य में सर्वाधिक गति वाले जिलों नागौर, चित्तौड़गढ़, पाली, जयपुर, अलवर, डूंगरपुर और सिरोही के अधिकारियों की प्रशंसा की।
      श्री महाजन ने कहा कि इस अवधि में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा में हाई-राइज और ग्रुप हाउसिंग सोसायटी सहित अन्य शहरी क्षेत्रों में कच्ची बस्तियों आदि में नए मतदान केन्द्रों के गठन के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने मतदान केन्द्रों पर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए सुविधाओं आदि के भौतिक सत्यापन करवाने के भी निर्देश दिए।

    मतदान केन्द्रों पर विशेष शिविरों का आयोजन—

    बैठक में बताया गया कि आगामी निर्वाचनों को और अधिक सहभागी बनाने के उद्देश्य से एसएसआर-2025 के दौरान युवाओं, महिलाओं, विशेष योग्यजन एवं थर्ड जेंडर, जन जातीय समूहों, अत्यंत पिछड़े समूहों, प्रदेश के डी-नोटिफाइड समूहों, घुमंतू एवं अर्द्ध घुमंतू समूहों और पीवीटीजी समुदायों पर फोकस किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऐसे समुदायों और समूहों के मतदाताओं के नाम सूचियों में आवश्यक रूप से जोड़ने जा सकें. साथ ही, इसके लिए अभियान की अवधि में मतदान केन्द्रों पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। ऐसे आयोजन 18 अक्टूबर तक होंगे।
    वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से…अभियान के दौरान 1 जनवरी, 2025 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले सभी युवा इस अवधि के दौरान वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) के माध्यम से अपने नाम मतदाता के रूप में दर्ज करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। बैठक में उच्च शिक्षण संस्थाओं के जरिए इस एप को प्रचारित करने पर जोर दिया गया। नव मतदाता घर-घर सर्वे के दौरान बीएलओ से भी सम्पर्क कर सकते हैं। आम मतदाता भी अपने पहचान-पत्र और सूची में विसंगति को दूर करवाने के लिए बीएलओ अथवा एप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
    घोषित कार्यक्रम के अनुसार, मतदाता सूचियों के लिए घर-घर सर्वे आदि कार्य 20 सितम्बर तक पूरे कर लिए जाएंगे। इसके आधार पर मतदाता सूचियों के शुद्धीकरण के बाद 29 अक्टूबर को मतदाता सूचियों के प्रारूप का प्रकाशन किया जाएगा। इन प्रारूप सूचियों पर दावे और आपत्तियां 28 नवम्बर तक प्राप्त की जाएंगी। इनके आधार पर विसंगतियों को दूर करते हुए मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 6 जनवरी, 2025 को होगा।

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