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  • Deputy CM Diya Kumari: पर्यटन यूनिट को मिले सिंगल विंडो क्लीयरेंस, होमस्टे को दे बढ़ावा

    Deputy CM Diya Kumari: पर्यटन यूनिट को मिले सिंगल विंडो क्लीयरेंस, होमस्टे को दे बढ़ावा

    Deputy CM Diya Kumari

    Deputy CM Diya Kumari की अध्यक्षता में मंगलवार को पर्यटन भवन में राजस्थान पर्यटन यूनिट नीति के फ्रेम वर्क के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान में अधिक से अधिक पर्यटक आएं, इस दिशा में गहनता से काम किये जा रहें हैं। उन्होंने राज्य सरकार की बजट घोषणा का उचित क्रियान्वयन कर जनहित में विकास कार्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

    उपमुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन इकाई शुरू करने के लिए संबंधित सभी विभागों से एक साथ सिंगल विंडो क्लियरेन्स अथवा लाइसेंस मिल सके इसके लिए निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं द्वारा संचालित होमस्टे को इन्सेटीवाइज किये जाने के निर्देश दिए।

    उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी को प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति तथा पुरातत्व श्रीमती गायत्री राठौड़, पर्यटन विभाग की निदेशक डॉ. रश्मि शर्मा, आरटीडीसी प्रबंध निदेशक श्रीमती अनुपमा जोरवाल की उपस्थिति में मंगलवार को पर्यटन भवन में राजस्थान पर्यटन यूनिट नीति के सम्बन्ध में एजेंसी की ओर से प्रस्तुतिकरण दिया गया।

    दिया कुमारी ने राज्य में कौशल विकास के पूर्व स्थापित इंस्टिट्यूट को प्रशिक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर दिये जाने के निर्देश दिए।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

     

  • Bhupender Yadav: केंद्रीय मंत्री ने किया एक करोड 10 लाख रूपये की लागत से निर्मित नगर वन का लोकार्पण

    Bhupender Yadav: केंद्रीय मंत्री ने किया एक करोड 10 लाख रूपये की लागत से निर्मित नगर वन का लोकार्पण

     Bhupender Yadav:  करीब 85 लाख रूपये की लागत से बनने वाले खाटू श्याम स्वागत द्वार का किया शिलान्यास नगर वन पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक सौन्दर्य में अहम कडी होगा साबित

    अलवर जिला स्थित कटी घाटी स्थित 1.10 करोड की लागत से निर्मित नगर वन का केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री Bhupender Yadav ने मंगलवार को फीता काटकर लोकार्पण किया एवं कटी घाटी स्थित गौरव पथ पर करीब 85 लाख रूपये की लागत राशि से बनाए जाने वाले खाटू श्याम जी स्वागत द्वारा का शिलान्यास किया। इस दौरान राज्य के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री संजय शर्मा भी मौजूद रहे।
    केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने आमजन को कहा कि भारत सरकार के कैम्पा फण्ड के तहत यह नगर वन विकसित किया गया है। शहर के बीचों-बीच विकसित किया गया नगर वन का बायोडायवर्सिटी पार्क से जुडाव होने के कारण पर्यटकों एवं शहरवासियों क लिए रमणीय स्थान साबित होगा। पर्यावरण संरक्षण को बढावा देने हेतु इको ट्यूरिज्म की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस नगर वन में पक्षी घर बनाया गया है जो विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के लिए शरण स्थली होगा, दो किमी इको ट्रेल बनाया गया है जिससे आमजन को मॉर्निंग वाक आदि में सहूलियत होगी, पौधों को पानी की आपूर्ति हेतु दो पानी की टंकियां बनाई गई है । दो व्यू पॉइंट बनाए गए हैं जिससे यहां आने वाले पर्यटक पूरे रमणीय स्थल का प्राकृतिक सौन्दर्य नजारा देख सकेंगे। सम्पूर्ण नगर वन क्षेत्र में 3500 पौधे लगाए गए हैं जो यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य में निखार लाने का कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही यहां ईको-हट, सेल्फी पॉइंट, वाटर होल, फोरेस्ट गार्ड चौकी, सौलर पैनल, सौर कनेक्शन के साथ एक बोरवेल, नगर वन की सुरक्षा हेतु 6 फीट की पक्की दीवार बनाई गई है।
    उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को बढावा देने एवं धरती मां के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए पुराना भूरासिद्ध स्थित वन क्षेत्र में मातृ वन विकसित किया गया है जिसमें ‘एक पेड मां के नाम अभियान’ के तहत जनसहभागिता से एक साथ करीब 10 हजार से अधिक पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। उन्होंने कहा कि जितना देश का विकास होगा उतने ही पौधे देश की धरा पर लगाए जाएंगे। मनुष्य का जननी मां के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के साथ-साथ धरती मां के लिए भी पेड लगाकर उसका रखरखाव के दायित्व का भी ऋण होता है जिसे प्रत्येक व्यक्ति को निभाकर धरती मां के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित एक पेड मां के नाम अभियान के तहत 5 जून से अभी तक 52 करोड लोगों ने पौधे लगाने की वन विभाग के पोर्टल पर एंट्री कराई है।
    केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने कहा कि बाबा खाटू श्याम जन-जन की आस्था के प्रतीक है तथा बाबा श्याम को समर्पित यह तोरण द्वार श्रद्धालुओं की आस्था को मूर्त रूप प्रदान करेगा।  खाटू श्याम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु इस द्वार से प्रवेश कर रमणीयता की अनुभूति करेंगे। उन्होंने कहा कि तोरण द्वार का निर्माण होने पर कटी घाटी को हरी घाटी के नाम से पहचान मिलेगी तथा हरी घाटी द्वार के दर्शन बाबा श्याम के दर्शन की अनुभूति कराएगा।
    वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा ने कहा कि नगर वन के लोकार्पण से शहरवासियों के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक सौन्दर्य की अनुभूति मिलेगी। बायोलोजिकल पार्क का नगर वन से जुडाव होने से शहर की आबोहवा की गुणवत्ता में सुधार होगा तथा शहरवासियों को शुद्ध ऑक्सीजन मिलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित एक पेड मां के नाम अभियान में हरियालो राजस्थान  अभियान को समाहित कर प्रदेश की धरा को हराभरा करने का वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव के नेतृत्व में विकसित किए गए मातृ वन में 4 अगस्त को जूली फ्लोरा को उखाड कर 10 हजार छायादार पौधे लगाए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा अलवर जिले को तरजीह देते हुए बजट में कई सौगातें दी गई जिनमें बायोलोजिक पार्क, विज्ञान केंद्र, मातृवन, शहर को पेयजल आपूर्ति हेतु योजनाएं जैसी कई सौगाते शामिल है। भाखेड़ा में एनिकट बनाया जाएगा जिस पर 8 करोड रुपए खर्च होंगे। भाखेड़ा में एनीकट बनने से जहां वन्य जीवों सहित अलवर शहर की जनता को भी पानी मिलेगा,  रूपारेल नदी से जयसंबंध पानी लाने के लिए पक्की नहर तैयार की जा रही है जिसको 40 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि श्याम भजन गायक श्री कन्हैया मित्तल के अलवर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खाटू श्याम की तर्ज पर अलवर में भी स्वागत द्वार बनाने की इच्छा जाहिर की थी। श्याम बाबा की कृपा से आज श्याम स्वागत द्वार का शिलान्यास हुआ है। यह तोरण द्वार श्याम भक्तों की आस्था का प्रतीक होने के साथ शहर में प्रवेश के समय मनोरम दृश्य के दर्शन कराएगा।
    इस दौरान क्षेत्रीय महिलाओं द्वारा मंत्री श्री शर्मा को पेयजल समस्या से अवगत कराए जाने पर उन्होंने पेयजल हेतु थ्री फेज की बोरिंग लगवाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि शहर में पेयजल के स्थाई समाधान के लिए सिलीसेढ से पेयजल आपूर्ति बजट घोषणा कराई गई है जिसका काम शीघ्र प्रारम्भ होगा।
    पौधारोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
    केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव एवं वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री संजय शर्मा तथा अन्य जनप्रतिनिधिगणों ने एक पेड मां के नाम अभियान के तहत नगर वन में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण संदेश दिया।
    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नगर वन में आज विभिन्न सामाजिक संस्थानों एवं आमजन के सहयोग से एक हजार विभिन्न प्रजातियों के छायादार, फलदार व औषधीय पौधे लगाए गए हैं जो पर्यावरण संरक्षण में कारगर साबित होंगे। इस दौरान उन्होंने पौधारोपण करने में विशेष भागीदारी निभाने वाली संस्थाओं एवं व्यक्तियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किए।
    इस दौरान नगर निगम के महापौर श्री घनश्याम गुर्जर, जिला प्रमुख श्री बलबीर सिंह छिल्लर, जिला अध्यक्ष श्री अशोक गुप्ता, वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक जयपुर श्री राजीव चतुर्वेदी, जिला कलक्टर श्री आशीष गुप्ता, एसीएफ श्री विश्राम शर्मा, उप वन संरक्षक श्री राजेन्द्र हुड्डा, श्री के.के गुप्ता, पं. जलेसिंह, श्री संजय नरूका, महन्त गंगादास, श्री सतीश यादव, श्री महेश मीणा, श्री राजेन्द्र चतुर्वेदी, श्री राजू सैनी, श्री सुरेश यादव, श्री प्रेम पटेल, अंजलि यादव, संध्या मीणा, सुनीता मीणा सहित प्रबुद्ध व्यक्ति एवं बडी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
  • Shri Bhajanlal Sharma: ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक

    Shri Bhajanlal Sharma: ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट की तैयारियों के संबंध में उच्चस्तरीय बैठक

    Shri Bhajanlal Sharma: ‘राइजिंग राजस्थान’ से खुलेगा विकसित राजस्थान का द्वार, प्रदेश के कई क्षेत्रों में निवेश को मिलेगी गति – मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा – निवेशकों के लिए तैयार अनुकूल औद्योगिक वातावरण – सितम्बर माह के अंत में दिल्ली में होगा निवेशक रोड-शो – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी करेंगे निवेशकों को आकर्षित

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। 9 से 11 दिसंबर को आयोजित हो रही ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट प्रदेश में निवेश के नए द्वार खोलेगी। उन्होंने कहा कि समिट के माध्यम से निवेशकों को ना केवल प्रदेश की औद्योगिक विकास क्षमता से रूबरू होने का अवसर मिलेगा अपितु वे विकसित राजस्थान की यात्रा में मजबूत साझेदार बन सकेंगे।

    श्री शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि समिट में निवेश के लिए भाग लेने वाले प्रतिभागी देशों के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय से पूरी कर ली जाए। रोड-शो एवं अन्य निवेश संबंधी गतिविधियों के संदर्भ में सामंजस्य स्थापित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त भी किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में औद्योगिक निवेश का बेहतर माहौल सुनिश्चित करने के लिए हर संभव पहल कर रही है और इसी क्रम में यह समिट प्रदेश के विकास के साथ रोजगार के भरपूर अवसर सृजित करेगी। इस इन्वेस्टमेंट समिट का उद्देश्य देशी-विदेशी कंपनियों, अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करना है।

    साउथ कोरिया और जापान में रोड-शोनिवेशकों के साथ बैठक

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राइजिंग राजस्थान’ समिट में बड़े निवेशकों को लाने के लिए राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशक रोड-शो का आयोजन करने जा रही है। इसी क्रम में 9 से 10 सितंबर को साउथ कोरिया एवं 11 से 13 सितंबर तक जापान में रोड-शो, वन-टू-वन मीटिंग एवं एमओयू कर इन्फ्रास्ट्रक्चर, केमिकल्स, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रोनिक्स एवं खाद्य प्रसंस्करण आदि के संबंध में निवेश करने के लिए निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साउथ कोरिया के सियोल में 9 सितम्बर को टूरिज्म रोड-शो का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, 10 सितम्बर को कोरिया स्टोन एसोसिएशन के साथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस की जाएगी। श्री शर्मा ने बताया कि 11 से 13 सितम्बर की अवधि में जापान के टोक्यो में रोड-शो, नीमराना-डे सेलेब्रेशन एवं कॉर्पोरेट कंपनीज के साथ मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी समय में राज्य सरकार यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी एवं संयुक्त अरब अमीरात आदि कई देशों में भी इस तरह का आयोजन करेगी।

    दिल्ली में आयोजित होगा रोड-शो

    श्री शर्मा ने कहा कि राइजिंग राजस्थान’ के तहत राज्य सरकार देश और विदेश के विभिन्न शहरों में निवेशक रोड शो आयोजित कर रही है, ताकि विश्वभर के निवेशकों को राजस्थान में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जा सके। इस माह के अंत में राज्य सरकार दिल्ली में निवेशक रोड-शो का आयोजन करने जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे दिल्ली में कार्यरत सभी उद्यमियों से संपर्क कर उन्हें अधिक से अधिक संख्या में आयोजन के लिए आमंत्रित करें। श्री शर्मा ने कहा कि अधिकारी प्रवासी राजस्थानी उद्योगपतियों से भी समन्वय स्थापित कर उन्हें निवेश संबंधी सभी आयोजनों से जोड़ना सुनिश्चित करें।

    प्रचुर प्राकृतिक संसाधन प्रदेश के लिए वरदान

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, जिससे प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदल जाएगी। यहां सौर ऊर्जा, पर्यटन, वन्यजीव, मिनरल्स एवं औद्योगिक गतिविधियों के लिए वृहद् भूमि एवं संसाधन की उपलब्धता प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाओं की ओर द्वार खोलती है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, जयपुर मैट्रो, ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर (डीएमआईसी) और वेस्ट्रन फ्रेट कॉरीडोर जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी परियोजनाएं यहां निवेश के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवा रही है।

    ‘राइजिंग राजस्थान’ बनेगा ‘रोल मॉडल समिट’

    श्री शर्मा ने कहा वाइब्रेंट गुजरात एवं उत्तरप्रदेश इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर आयोजित हो रहा राइजिंग राजस्थान को ‘रोल मॉडल समिट’ बनाने के लिए अधिकारी हर संभव प्रयास करें। एक कार्ययोजना के तहत सभी गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने राइजिंग राजस्थान समिट के सफल आयोजन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी प्रदान किए।

    बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री राज्यवर्धन राठौड़, मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री आलोक गुप्ता, प्रबन्ध निदेशक रीको श्री शिवप्रसाद नकाते सहित उच्च अधिकारी मौजूद रहे।

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  • National e-Governance (GOLD) Award: सिलिकोसिस रोग की पहचान के लिए टेली-रेडियोलॉजी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अभिनव प्रयोग पर राज्य सरकार को मिला

    National e-Governance (GOLD) Award: सिलिकोसिस रोग की पहचान के लिए टेली-रेडियोलॉजी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अभिनव प्रयोग पर राज्य सरकार को मिला

    National e-Governance (GOLD) Award

    National e-Governance (GOLD) Award: केन्द्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के तहत उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राज्य सरकार को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस (गोल्ड) पुरस्कार 2024 से मुम्बई में मंगलवार को आयोजित 27 वीं राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस कॉन्फ्रेंस के दौरान सम्मानित किया है। यह पुरस्कार प्रदेश द्वारा सिलिकोसिस रोग की पहचान के लिए टेली-रेडियोलॉजी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) के अभिनव उपयोग और प्रभावित व्यक्तियों को राहत पहुंचाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के स्वतः स्वीकृति पोर्टल निर्माण के लिए प्रदान किया गया है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा ने अपनी टीम के सदस्य एच गुईटे एवं डॉ सिसोदिया के साथ ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र और 10 लाख रुपए का कैश अवार्ड प्राप्त किया।
    इस नवाचार का नेतृत्व डॉ. शर्मा ने अपने सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के शासन सचिव रहते हुए किया। राज सिलिकोसिस पोर्टल सार्वजनिक सेवा वितरण में अत्याधुनिक चिकित्सा प्रौद्योगिकी और एआई के एकीकरण में एक महत्वपूर्ण प्रगति का उदाहरण प्रस्तुत करती है साथ ही नागरिक-केंद्रित शासन और स्वास्थ्य सेवा के प्रति राजस्थान की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

    सिलिकोसिस के तत्काल निदान और त्वरित राहत में आई क्रांति—

    राज्य सरकार ने सिलिकोसिस बीमारी के निदान एवं राहत के लिए एक अभिनव आईटी समाधान विकसित किया है। जो डिजिटल एक्स-रे, टेली-रेडियोलॉजी और एआई एल्गोरिदम का उपयोग करके सिलिकोसिस की जांच को सुगम एवं त्वरित बनाता है। विभाग द्वारा 29 हजार से अधिक छाती के लेबल्ड एक्स-रे के एक व्यापक डेटासेट पर एआई मॉडल को प्रशिक्षित किया गया है। जिसके पश्चात कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एक्स-रे को पढ़ कर स्वयं ही सिलिकोसिस होने की जांच कर बताता है कि पीड़ित व्यक्ति को सिलिकोसिस है या नहीं। इस तरह से यह रेडियोलॉजिस्ट की सिलिकोसिस डिटेक्शन में सहयोग करता है। साथ ही इस उन्नत प्रौद्योगिकी से सिलिकोसिस रोगी की पहचान तेज और सटीक होती है।
    गौरतलब है कि प्रदेश में 33 हजार से अधिक खदानों और खनन, निर्माण एवं संबंधित उद्योगों में लाखों श्रमिक कार्यरत है जिन्हे सिलिकोसिस (फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी से) जैसी गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ता है। सिलिकोसिस एक लाइलाज बीमारी है। सिलिकोसिस रोग की पहचान होने पर राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है एवं मासिक पेंशन भी दी जाती है।

    त्वरित राहत और गरिमा की है गारंटी—

    सिलिकोसिस रोगियों को अब एआई एवं अनेक पोर्टल्स के एकीकरण द्वारा सक्षम वित्तीय सहायता स्वतः स्वीकृति पश्चात् सीधे उनके बैंक खातों में प्राप्त होती है, जो कई प्रशासनिक प्रक्रियाओं के स्तरों की प्रोसेस रीजिनियरिंग करके एक सरल और सुगम ई-गवर्नेंस मॉडल बनाता है। इससे नागरिकों को समय पर और सम्मानपूर्वक लोक सेवाएं प्राप्त होती हैं।

    स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में किया है राष्ट्रीय मानक स्थापित—

    जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश ने नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके जटिल सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में राष्ट्रीय मानक स्थापित किया है। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस में अपने प्रेजेंटेशन के दौरान बताया कि यह पुरस्कार लोक प्रशासन में निष्पक्षता, समानता और न्याय के सिद्धांतों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें नागरिकों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में राजस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करता है, जो नागरिकों को सशक्त बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने, और उच्च गुणवत्ता, समय पर सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करता है। कॉन्फ्रेंस के दौरान शासन सचिव ने टेली-रेडियोलॉजी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई) के माध्यम से छाती के एक्स—रे का उपयोग करके सिलिकोसिस का निदान करना विषय पर प्रेजेंटेशन दिया।
    डॉ शर्मा को पूर्व में ई औषधि सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए स्टेट लेवल आई टी अवार्ड एवं कम कीमत की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत के प्रधानमंत्री द्वारा प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया जा चुका है।
    उल्लेखनीय है कि ई-गवर्नेंस नवाचारों के कार्यान्वयन में उत्कृष्टता को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा हर साल राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है। ये पुरस्कार ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रदान किए जाते हैं। इन पुरस्कारों हेतु सभी केंद्रीय मंत्रालय, विभाग, राज्य, संघ राज्य क्षेत्र सरकारें, जिले, स्थानीय निकाय, केंद्र और राज्य सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), शैक्षणिक एवं शोध संस्थान (सरकारी और गैर-सरकारी) इन पुरस्कारों के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
  • Bhupender Yadav: अलवर में पर्यटन की असीम संभावनाएं, संबंधित विभागीय अधिकारी समन्वय स्थापित कर पर्यटन के विकास को गति प्रदान करें

    Bhupender Yadav

    केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री Bhupender Yadav ने मंगलवार को अलवर के मिनी सचिवालय सभागार में सरिस्का बाघ परियोजना से विस्थापन एवं अलवर जिले के पर्यटन विकास आदि विषयों के संबंध में समीक्षा बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय शर्मा भी मौजूद रहे।

    केंद्रीय मंत्री श्री यादव ने अधिकारियों से कहा कि अलवर जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। यहां प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक स्थल प्रचुर संख्या में है, संबंधित विभागीय अधिकारी सकारात्मक भाव के साथ एक टीम के रूप में जिले के पर्यटन विकास के साथ-साथ चहुंमुखी विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि अलवर को भविष्य के सुन्दर स्थल के रूप में विकसित करावे। उन्होंने वन एवं अन्य विभागों के अधिकारियों से जिले के विकास के लिए सकारात्मक सुझाव लिये। उन्होंने सरिस्का बाघ परियोजना से शेष रहे गांवों एवं परिवारों के विस्थापन हेतु संबंधित गांवों एवं परिवारों के लोगों से समन्वय कर उन्हें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पैकेज एवं मूलभूत सुविधाओं से अवगत कराकर विस्थापन हेतु उनकी सहमति बनाई जावे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विस्थापन के विषय के संबंध में राज्य सरकार स्तर पर समन्वय स्थापित करे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विस्थापन हेतु तिजारा के गिदावडा रूंध में चिन्हित की गई 700 हैक्टेयर भूमि की अनापत्ति पर्यावरण विभाग से लेने हेतु अविलम्ब आवेदन करें। उन्होंने विस्थापित हो चुके परिवारों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिलाने व उन्हें खातेदारी अधिकार दिलाने का कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीएसी) द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट की सिफारिशों की पालना समयबद्ध रूप से करावे एवं वन विभाग की भूमि का अमल-दरामद करावे।

    बैठक में जिले के पर्यटन विकास हेतु वन, राजस्व एवं पर्यटन विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनाने जिसमें सरिस्का के आसपास के लोगों को प्रशिक्षण दिलाना, ईको ट्यूरिज्म, बर्ड वाचिंग पॉइंट चिन्हित कर विकसित कराने, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे से सरिस्का को जोडने की बजट घोषणा अमलीजामा पहनाने, टाईगर डेडिकेटेड म्यूजियम के प्रस्ताव, भर्तृहरि बाबा धाम के विकास के प्रस्ताव, वन क्षेत्र से जूली फ्लोरा हटाने, प्लास्टिक फ्री जोन हेतु कार्य योजना बनाकर अमल में लाने, सिलीसेढ झील को रामसर साइट के प्रस्ताव पर कार्य करने, सरिस्का के आसपास के पर्यटन स्थलों व जिले के पर्यटन स्थलों का संरक्षण आदि के प्रस्ताव तैयार करने पर विस्तार से चर्चा हुई।

    बैठक में जिला प्रमुख श्री बलबीर सिंह छिल्लर, वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती अर्पणा अरोडा, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के सचिव श्री गोविन्द सागर भारद्वाज सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

    source: https://dipr.rajasthan.gov.in

  • मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में सिक्किम के राज्यपाल श्री ओमप्रकाश माथुर का नागरिक अभिनन्दन

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की उपस्थिति में सिक्किम के राज्यपाल श्री ओमप्रकाश माथुर का नागरिक अभिनन्दन

     सिक्किम के राज्यपाल श्री ओमप्रकाश माथुर का नागरिक अभिनन्दन- विभिन्न सामाजिक संगठनों ने किया भव्य स्वागत – मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने श्री माथुर के साथ बिताए पलों को किया याद

    सिक्किम के नवनियुक्त राज्यपाल श्री ओमप्रकाश माथुर का मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में नागरिक अभिनन्दन किया गया। राज्यपाल नियुक्त होने के बाद पहली बार जयपुर आए श्री माथुर का विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा स्वागत और सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।

    इस अवसर पर श्री ओमप्रकाश माथुर ने राज्यपाल के पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद के अपने कार्यानुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद होने के साथ ही जनता की सेवा करने का भी महत्वपूर्ण माध्यम होता है। श्री माथुर ने कहा कि सैनिकों के साथ ही देश के नागरिक भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर राष्ट्र सेवा में योगदान दे सकते हैं।

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने अपने उद्बोधन में श्री ओमप्रकाश माथुर के साथ बिताए यादगार पलों की स्मृतियां साझा करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सिक्किम के राज्यपाल के रूप में श्री माथुर अपने संवैधानिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन करते हुए जनसेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

    कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी व डॉ. प्रेमचन्द बैरवा, पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे, राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ व श्री घनश्याम तिवाड़ी, लोकसभा सांसद श्रीमती मंजू शर्मा एवं श्री राव राजेन्द्र सिंह सहित राज्य मंत्री परिषद् के सदस्य, विधायकगण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

  • अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री लोकेश कुमार मीणा: हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य जल्द से जल्द हो हासिल

    अतिरिक्त जिला कलक्टर श्री लोकेश कुमार मीणा: हर घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य जल्द से जल्द हो हासिल

     अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ) श्री लोकेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में जयपुर के कलक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक

     अतिरिक्त जिला कलक्टर (चतुर्थ) श्री लोकेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में जयपुर के कलक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियों एवं कार्य की वर्तमान प्रगति, हर घर नल से जल कनेक्शन की वस्तुस्थिति सहित अन्य अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई।
    श्री लोकेश मीणा ने कहा कि जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग और डिस्कॉम के अधिकारी आपसी सहयोग एवं समन्वय से कार्य करते हुए ज्यादा से ज्यादा कनेक्शन करें ताकि योजना के तहत जिले को मिले लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल किया जाना सुनिश्चित किया जा सके।
    जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के सदस्य सचिव श्री अनिल कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि जिले में अभी तक जल जीवन मिशन के तहत 60.01 फीसदी कवरेज हासिल किया जा चुका है जबकि प्रदेश का कुल औसत 52.79 प्रतिशत है।
    उन्होंने बताया कि जयपुर जिले के कुल 4 लाख 41 हजार 680 परिवारों में से कुल 2 लाख 63 हजार 287 परिवारों को क्रियाशील कनेक्शन का लाभ दिया जा चुका है। शेष 1 लाख 19 हजार 976 परिवारों को मार्च, 2025 तक चरणबद्ध तरीके से हर घर नल कनेक्शन प्रदान किया जाना प्रस्तावित है।
    बैठक में श्री लोकेश मीणा ने अधिकारियों को जल जीवन मिशन के तहत आवंटित लक्ष्यों को जल्द से जल्द हासिल करने के निर्देश दिये। बैठक में स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायत तथा स्वास्थ्य केन्द्रों को नल कनेक्शन जारी करने, जिले में गठित ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के बैंक खाते खुलवाने, अटल भू-जल योजना की कार्य प्रगति एवं जल जीवन मिशन की प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, जयपुर विद्युत वितरण निगम सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
  • राज्यपाल से श्री वासुदेव देवनानी की मुलाकात

    राज्यपाल से श्री वासुदेव देवनानी की मुलाकात

    हिन्दू विजय-युग प्रवर्तक पुस्तक और विधान सभा दैनन्दिनी 2024-25 राज्यपाल को भेंट -राज्यपाल को श्री वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में किये नवाचारों की जानकारी दी

    राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल श्री हरिभाऊ किसनराव बागडे से शिष्टाचार भेंट की। श्री देवनानी ने राज्यपाल का शॉल ओढ़ाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर अभिनन्दन किया। स्पीकर श्री देवनानी ने छत्रपति वीर शिवाजी के विशिष्ट कौशल, अ‌द्भुत मूल्यों और वीर कर्मों पर आधारित श्री हो. वे. शेषाद्री की पुस्तक  राज्यपाल को भेंट की।

    राज्यपाल ने नवाचारों की सराहना की राज्यपाल ने राजस्थान विधान सभा की दैनन्दिनी 2024-25 का अवलोकन कर नवाचार की सराहना करते हुए प्रकाशन को देशभर के विधान मण्डलों के लिए नजीर बताया। राज्यपाल श्री बागडे ने भारतीय नव वर्ष से प्रारम्भ विधान सभा डायरी देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने डायरी में प्रत्येक महीने के आरम्भ में प्रकाशित महापुरुषों के चित्रों की पहल को महत्वपूर्ण बताते हुए इसकी सराहना की।

    स्पीकर श्री देवनानी ने राज्यपाल को बताया कि राजस्थान विधान सभा के इतिहास में पहली बार दैनन्दिनी का प्रकाशन भारतीय वर्ष के अनुसार नव संवत्सर 2081 के माह चैत्र शुक्ल, प्रतिपदा से दैनन्दिनी को आरम्भ किया गया है। नई पीढ़ी में महापुरुषों का स्मरण बनाये रखने के लिए विधान सभा की दैनन्दिनी में उनके चित्रों का समावेश किया है, ताकि लोगों को महापुरुषों के आदर्श जीवन से प्रेरणा मिल सके। अपने चिंतन से समाज को नई दिशा देने वाले तलवार, कलम और वाणी के धनी महापुरुषों भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, छत्रपति शिवाजी, महर्षि दयानन्द सरस्वती, मीरा बाई, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, स्वामी विवेकानन्द, सुभाष चन्द बोस, महावीर स्वामी और चन्द्र शेखर आजाद के चित्रों का डायरी में समावेश किया है।

    नवाचारों की पुस्तिका भेंट स्पीकर श्री देवनानी ने राज्यपाल को विधान सभा में किये गये नवाचारों की पुस्तिका भेंट की। श्री देवनानी ने राज्यपाल को बताया कि राजस्थान विधान सभा में आमजन के प्रवेश हेतु विधान सभा जनदर्शन, सदन को पेपर लैस किये जाने हेतु ई- विधान सभा, सत्र आरम्भ करने से पहले सर्वदलीय बैठक, सदन में लंच ब्रेक जैसी पहल आरम्भ करके नवाचार किये गये है।

    विश्वविद्यालयों के लिए नवाचारों पर चर्चा राज्यपाल श्री बागडे ने विधान सभा अध्यक्ष श्री देवनानी से राज्य के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। राज्यपाल ने राज्य के विश्ववि‌द्यालयों विशेषकर तकनीकी विश्वविद्यालयों की शिक्षा में किये जाने वाले नवाचारों पर सुझाव दिये जाने के लिए श्री देवनानी से अनुरोध किया।

  • वीडियो कॉन्फ्रेंस— शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने दी शिक्षक दिवस की अग्रिम बधाई

    वीडियो कॉन्फ्रेंस— शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने दी शिक्षक दिवस की अग्रिम बधाई

    शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने प्रदेश के शिक्षकों को शिक्षा दिवस की अग्रिम बधाई दी है।

    श्री मदन दिलावर मंगलवार को शिक्षा संकुल में आयोजित वीसी के माध्यम से संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक, समसा, जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक तथा प्रारम्भिक, प्राचार्य, डाईट, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, समसा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं पदेन ब्लॉक संदर्भ केन्द्र प्रभारी, समसा, पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी, शहरी संकुल प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

    उन्होंने 5 सितम्बर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के लाइव कार्यक्रम में अधिक से अधिक शिक्षकों को जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि 5 सितम्बर को ही प्रतिभावान विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित किए जाएंगे।
    उन्होंने एक से 15 सितम्बर तक आयोजित स्वच्छता पखवाडे़ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता जरूरी है। यह कार्यक्रम किसी पखवाड़े तक सीमित न रहकर दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए।
    उन्होंने हरियालो राजस्थान कार्यक्रम के अन्तर्गत 7 जिलों द्वारा निर्धारित लक्ष्य से अधिक पौधारोपण करने की तहे दिल से प्रशंसा की। सवाई माधोपुर में 146.28 प्रतिशत, जयपुर में 123.89 प्रतिशत, झुंझुनू में 120.29 प्रतिशत, कोटा में 114.63 प्रतिशत, करौली में 105.16 प्रतिशत, डूंगरपुर में 103.66 प्रतिशत और दौसा में 101.21 प्रतिशत पौधारोपण हुआ। लगाए गए पौधों की देख भाल के लिए पंचायती राज विभाग का सहयोग लेने तथा प्रखर राजस्थान अभियान 9 सितम्बर से 2 अक्टूबर के दौरान विद्यार्थियों में पठन कौशल के प्रति रूचि जागृत करने के भी निर्देश दिए।
    जिन विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है वहां पर जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पेयजल कनेक्शन करावें। विद्यालयों तथा खेल मैदानों में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाए।
    वीसी के दौरान शाला स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम, शिक्षक सम्मान समारोह, शाला संबलन – विद्यालय अवलोकन, टिकिट्स समाधान, अकादमिक-उपचारात्मक शिक्षण, वर्कबुक एवं वर्कशीट मुद्रण एवं उपयोग की प्रगति की भी समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए।
    वीसी में राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त श्री अविचल चतुर्वेदी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आशीश मोदी, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा श्री सीताराम जाट सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
  • श्रीमती आनन्दी: प्रदेश में ऑयल एवं नेचुरल गैस एक्सप्लोरेशन और दोहन को दिया जाएगा बढ़ावा

    श्रीमती आनन्दी: प्रदेश में ऑयल एवं नेचुरल गैस एक्सप्लोरेशन और दोहन को दिया जाएगा बढ़ावा

     श्रीमती आनन्दी: खोज व दोहन की नई तकनीक से तलाशी जाएगी नई संभावनाएं-पेट्रोलियम एवं गैस एक्सप्लोरेशन व दोहन क्षेत्र में आ रही नई तकनीक को किया जाएगा प्रोत्साहित

     माइंस एवं पेट्रोलियम सचिव श्रीमती आनन्दी ने कहा है कि प्रदेश में ऑयल एवं गैस भण्डार  की संभावनाओं का नए सिरे से अध्ययन करवाया जाएगा ताकि डिसकवर्ड स्मॉल फील्ड्स (डीएसएफ) के तहत प्रदेश में उपलब्ध ऑयल एवं गैस के एक्सप्लोरेशन और दोहन क्षेत्र को और अधिक विस्तारित किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश दुनिया में पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र के एक्सप्लोरेशन और दोहन की नवीनतम तकनीक के उपयोग के लिए प्रदेश में इस क्षेत्र में कार्य कर रहे प्लेयर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि प्रदेश में ऑयल और गैस के और अधिक क्षेत्रों की पहचान और दोहन हो सके।
    माइंस एवं पेट्रोलियम सचिव श्रीमती आनन्दी मंगलवार को खनिज भवन में पेट्रोलियम विभाग की समीक्षा बैठक ले रही थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के एनडीआर से डाटा प्राप्त कर उपलब्ध ऑयल व गैस भण्डारों का दोहन के नए क्षेत्र चिन्हित किये जाएंगे, इससे पेट्रोलियम एवं गैस सेक्टर में गति, निवेश, रेवेन्यू और रोजगार के और अधिक अवसर पैदा हो सकेंगे। उन्होंने जैसलमेर में लग रहे सीमेंट प्लांटों में वैकल्पिक ऊर्जा के रुप में प्राकृतिक गैस की मांग और उसकी आपूर्ति का रोडमैप भी तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सीमेंट सेक्टर को सस्ती ग्रीन एनर्जी उपलब्ध होने के साथ ही प्रदेश में प्राकृतिक गैस का उत्पादन व उसका उपयोग सुनिश्चित हो सके।
        श्रीमती आनन्दी ने बताया कि पेट्रोलियम क्षेत्र में प्रदेश में वर्तमान में 13 माइनिंग लीज (पीएमएल) और 14 पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन लीज (पीईएल) जारी है। देश में कुल उत्पादित क्रूड ऑयल का 14.95 प्रतिशत क्रूड ऑयल का प्रदेश में उत्पादन हो रहा है। इसी तरह से राज्य में प्रतिदिन औसतन 3.3 से 3.4 मिलियन मेट्रिक स्टेण्डर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन हो रहा है।  निदेशक माइंस एवं पेट्रोलियम श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य में पेट्रोलियम सेक्टर से गत अप्रेल से अगस्त माह तक 1271 करोड़ 70 लाख रु. का राजस्व प्राप्त हुआ है।  अतिरिक्त निदेशक पेट्रोलियम श्री अजय शर्मा ने बताया कि क्रूड ऑयल एवं नेचुरल गैस के लेंड प्रोडक्शन में राजस्थान दूसरे नंबर पर है।
    इस अवसर पर एसजी श्री सुनील वर्मा, उपनिदेशक श्री रोहित मल्लाह और श्री मोहन कुमावत उपस्थित रहे।

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