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  • Kuntal Bishnoi: जिला स्तरीय प्री-इंवेस्टमेंट समिट से पहले जयपुर जिले में हुए 1000 करोड़ के निवेश करार – राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला निभाएगा महत्वपूर्ण भागीदारी

    Kuntal Bishnoi: जिला स्तरीय प्री-इंवेस्टमेंट समिट से पहले जयपुर जिले में हुए 1000 करोड़ के निवेश करार – राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला निभाएगा महत्वपूर्ण भागीदारी

     अतिरिक्त जिला कलक्टर Kuntal Bishnoi की मौजूदगी में एसोसिएशन ऑफ गारमेण्ट एक्सपोर्टर्स ने एमओयू किये साइन

    राइजिंग राजस्थान में जयपुर जिला अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभएगा। जयपुर, जयपुर ग्रामीण एवं दूदू जिलों की जिला स्तरीय इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन 8 नवंबर 2024 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, जयपुर में किया जाएगा। मीट के सफल आयोजन के लिए संपूर्ण जिले के उद्यमियों से संपर्क किया जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार, दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा में एसोसिएशन ऑफ गारमेण्ट एक्सपोर्टर, सीतापुरा के सदस्य एवं पदाधिकारियों के साथ जयपुर में निवेश के संबंध में चर्चा की गई।

    अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्रीमती कुन्तल बिश्नोई की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में गारमेण्ट एक्सपोर्टर एवं व्यसायियों ने एक हजार करोड़ से अधिक के निवेश करारों पर हस्ताक्षर किये। बैठक में एजेस के अध्यक्ष श्री आरिफ कागजी, उपाध्यक्ष श्री दिनेश गुप्ता, महासचिव श्री मोनू करनानी, संस्थापक श्री दलपत लोढ़ा एवं श्री राजीव दीवान के साथ-साथ 30 से अधिक उद्यमियों द्वारा भाग लिया गया।

    बैठक में चाकसू के निकट रीको द्वारा प्रस्तावित नए औद्योगिक क्षेत्र में इकाईयां स्थापित करने के रूझान के साथ एजेस के सदस्यों के द्वारा अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, जिला उद्योग केन्द्र एवं रीको के अधिकारियों की उपस्थिति में 1000 करोड़ का निवेश किए जाने के एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।

    जिनके द्वारा भूमि आवंटन के पश्चात् 2 वर्ष के अन्दर इकाई स्थापित कर लगभग 10,000 व्यक्तियों को रोजगार एवं लगभग 700 करोड़ का निवेश किया जाना प्रस्तावित किया गया है। इसके अतिरिक्त निजी औद्योगिक क्षेत्र इण्टरनल ग्रीन पार्क जो कि उद्यमियों द्वारा अपने स्तर से विकसित किया जा रहा है के लिए 300 करोड़ का एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। इस तरीके से बैठक में कुल 1000 करोड़ रूपए के निवेश हेतु एमओयू हस्ताक्षरित किए गए।

    संगठन द्वारा बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र सीतापुरा में लगभग 300 गारमेण्ट की इकाईयां कार्यरत हैं जिसमें 175 इकाईयां एजेस के सदस्य हैं एवं इनके द्वारा लगभग 1500 करोड़ का व्यापार प्रतिवर्ष किया जा रहा है, जिसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 2 लाख व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। स्थापित इकाईयों द्वारा लगभग 500 करोड़ का निर्यात किया जा रहा है। बैठक में महाप्रबन्धक, जिला उद्योग एवं वाणिज्यि केन्द्र जयपुर (शहर) श्रीमती शिल्पी आर. पुरोहित ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभ प्राप्त करने हेतु उद्यमियों को सलाह दी।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Rajasthan Assembly elections 2024, अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करें

    Rajasthan Assembly elections 2024, अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करें

    Rajasthan Assembly elections 2024- मुख्य निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा

    Rajasthan Assembly elections 2024: राजस्थान में 7 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव स्वतन्त्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भय रहित माहौल में सम्पन्न करवाने के लिए निर्वाचन विभाग माइक्रो  ऑब्जर्वर और सेक्टर ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त मानव संसाधन नियोजित करेगा। इससे  निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करेंगे। साथ ही, जागरूकता गतिविधियां बढ़ाकर अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने बुधवार को उप चुनाव वाले क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ), पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए। उप चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि सभी रिटर्निंग अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का गहनता से अध्ययन करें और तदनुसार अपने टीम के सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण देकर निर्वाचन को निष्पक्ष और समावेशी प्रक्रिया के रूप में संपन्न करवाएं।
    श्री महाजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त माइक्रो ऑब्जर्वर या सेक्टर ऑफिसर की तैनाती कर सकते हैं। ये सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की पूरी जानकारी रखें तथा आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक कर सूचनाएं साझा करें।

    भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता

    बैठक में राज्य पुलिस नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) श्री अनिल टांक ने जिला पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से उप चुनाव वाले क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि चुनाव वाले 7 जिलों में से 4 की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी हैं, जहां विशेष निगरानी के लिए अंतरराज्यीय सीमा नाके लगाए गए हैं। सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था का समुचित प्रबंधन किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री महाजन ने भी कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित, भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

    होम वोटिंग के विकल्प का प्रचार-प्रसार

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 85 वर्ष से अधिक आयु और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए होम वोटिंग के विकल्प का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया, ताकि इन श्रेणियों के ज्यादा से ज्यादा मतदाता अधिक सुविधाजनक ढ़ंग से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। वर्तमान में उप चुनाव वाले 7 विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के 19,674 और 22,834 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किए गए हैं, जो होम वोटिंग के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि उप चुनाव के लिए 23 अक्टूबर तक बीएलओ द्वारा पात्र मतदाताओं से विकल्प-पत्र के रूप में फॉर्म 12डी प्राप्त किया जा सकता है।  इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक समावेशी हो सकेगी तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सभी लोगों की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकेगा।
    श्री महाजन ने कहा कि उप चुनाव क्षेत्रों में जिला स्तर पर स्थापित एवं संचालित कंट्रोल रूम में फोन नंबर 1950 पर डायल कर शिकायत दर्ज करने और उनके निस्तारण की व्यवस्था पर औचक निरीक्षण करें। उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने तथा सभी मतदान केन्द्रों पर आयोग के निर्देशानुसार पेयजल, छाया, शौचालय, व्हीलचेयर आदि न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

    7 क्षेत्रों में 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता

    बैठक में बताया गया कि 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19,36,533 मतदाताओं में से 10,04,283 पुरुष कुल 9,32,243 महिला और 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इन मतदाताओं के लिए शहरी क्षेत्रों में 241 और ग्रामीण इलाकों में 1,621 सहित कुल 1,862 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. कुल 53 सहायक मतदान केन्द्र भी प्रस्तावित हैं।

    मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उप चुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में कम मतदान के अलग-अलग कारणों को चिन्हित करने और फिर उसके अनुरूप मतदाताओं को अधिक मतदान के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें।  बेहतर मतदान प्रतिशत के लिए सभी स्तर पर अधिकारियों को समाज-समुदाय के बीच पहुंचकर आम लोगों के साथ समन्वय करना होगा। उन्होंने मतदाता पहचान-पत्र नहीं होने की स्थिति में 12 वैकल्पिक दस्तावेजों की मदद से मतदान किए जा सकने के बारे में मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता जताई।

    सोशल मीडिया पर संवेदनशील पोस्ट पर जीरो टॉलरेंस

    श्री महाजन ने चुनाव के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी संवेदनशील पोस्ट की जानकारी मिलने पर स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और समुचित कार्रवाई की जाए। इस विषय पर निर्वाचन विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा। उन्होंने जिला अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर टेलीकॉम कंपनियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि चुनावी विज्ञापन और प्रचार-प्रसार से सम्बंधित ऑडियो-वीडियो सन्देश, अपील आदि जिला अथवा राज्य स्तर पर अधिप्रमाणित होने पर ही प्रसारित की जाए।
    वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दौसा, नागौर, डूंगरपुर, टोंक, झुंझुनू, अलवर और सलूम्बर के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उप चुनाव के तैयारियों, विभिन्न भौतिक तथा मानवीय संसाधनों की उपलब्धता, चुनाव प्रक्रिया के लिए अधिकारियों-कार्मिकों के नियोजन और प्रशिक्षण की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए। अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करवाई जा रही है और सार्वजनिक-निजी संपत्ति पर प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने संबंधी निर्देशों के लिए 24, 48 और 72 घंटे की समय-सीमा के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है। ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों की जांच और रैंडमाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही, चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध है। पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिए।
  • Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections-2024, मतदान 13 नवम्बर को होगा, मतगणना 23 नवम्बर को, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से वार्ता की

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा।

    Rajasthan Assembly by-elections में 7 रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवम्बर को होगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार इन सीटों पर मतगणना महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभाओं के लिए मतगणना के साथ ही 23 नवम्बर को होगी। राज्य में झुंझुनूं, रामगढ़ (अलवर), दौसा, देवली-उनियारा (टोंक), खींवसर (नागौर), सलूम्बर (उदयपुर) और चौरासी (डूंगरपुर) विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होना है।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नवीन महाजन ने इस बारे में  मंगलवार को राज्य के विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ  सचिवालय में बैठक कर उन्हें  विधानसभा उपचुनाव-2024 के कार्यक्रम तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता की जानकारी दी । निर्वाचन विभाग ने सभी दलों से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान तथा आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करवाने में सहयोग करने का आग्रह किया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव की घोषणा के साथ ही संबंधित राजस्व जिलों में आचार संहिता लागू हो गयी है। आचार संहिता दौसा और डूंगरपुर में सम्पूर्ण जिले में तथा अलवर, झुंझुनू, टोंक, नागौर और सलूम्बर के नवीन पुनर्गठित राजस्व जिलों में लागू रहेगी। उप चुनाव के लिए अधिसूचना 18 अक्टूबर को जारी होगी और उसके साथ ही उम्मीदवारों के लिए नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी जो 25 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे तक चलेगी। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 28 अक्टूबर को की जाएगी एवं 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
    श्री महाजन ने कहा कि निर्वाचन आयोग के नियमानुसार चुनाव में भाग लेने वाले सभी प्रत्याशियों एवं राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, टीवी चैनल्स, राष्ट्रीय एवं स्थानीय समाचार पत्रों में प्रत्याशी की आपराधिक पृष्ठभूमि का विवरण  कम से कम तीन बार प्रकाशित, प्रसारित करवाना होगा। उन्होंने कहा कि पोलिंग एजेंट को यह निर्देश दिया जाए कि वे मतदान के दिन सुबह मतदान शुरू होने से 90 मिनट पूर्व ईवीएम मशीन पर मॉक पोल के लिए आवश्यक रूप से मौजूद रहें।

    7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19.36 लाख मतदाता

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव के दौरान 19,36,533 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे,  7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,862 मतदान केंद्र और 53 सहायक मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
    श्री महाजन ने बताया कि सभी संबंधित जिलों में मीडिया प्रकोष्ठ और मीडिया में जारी होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के अधिप्रमाणन के लिए जिला स्तरीय समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने अधिकाधिक मतदान के लिए मतदाताओं को जागरूक करने, नए मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया और ईवीएम की जानकारी देने तथा उपचुनाव के दौरान लोगों की अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मीडिया कार्मिकों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में संबंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों के निस्तारण हेतु सी-विजिल एप के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मतदाता जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियानों, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं के लिए होम वोटिंग की सुविधा सहित  स्वीप गतिविधियों, मतदाता सूचियों के अपडेशन, चुनावी खर्च की मॉनिटरिंग पर विस्तार से जानकारी दी।  उन्होंने मतदाता जागरूकता तथा आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में मीडिया की प्रभावी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने मीडियाकर्मियों से इन गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होकर निष्पक्ष, भयमुक्त और धनबल के प्रभाव से रहित चुनाव संपन्न कराने में सहयोग का आह्वान किया।
  • Smt. Aparna Arora: वन भूमि के रेवेन्यू स्केल डिजिटलाइजेशन को लेकर बैठक आयोजित

    Smt. Aparna Arora: वन भूमि के रेवेन्यू स्केल डिजिटलाइजेशन को लेकर बैठक आयोजित

    Smt. Aparna Arora: प्रदेश में वन भूमि का संरक्षण किया जाए

    वन विभाग अतिरिक्त मुख्य सचिव  Smt. Aparna Arora ने बताया कि वन भूमि के सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की तर्ज़ पर वन विभाग में भी हाई पावर कमेटी बनायी जाएगी ताकि वन्य भूमि पर होने वाले अतिक्रमण को रोका जा सके एवं वन भूमि का स्पष्ट सीमांकन किया जाये । उन्होंने बताया कि प्रदेश में वन भूमि का संरक्षण किया जाए इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को वन भूमि पर होने वाले अतिक्रमण को रोकने के निर्देश देते हुए कहा वन भूमि का स्पष्ट सीमाज्ञान करते हुए रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन किया जाये।
    श्रीमती अर्पणा अरोड़ा ने बताया कि विभाग के वन्य जीव सफारी, उद्यान एवं राष्ट्रीय पार्क इत्यादि के वीडियो, शॉर्ट मूवीज एवं फोटोग्राफ सोशल मीडिया की मदद से प्रचार प्रसार करने के लिए कहा ताकि देशी एवं विदेशी पर्यटक आकर्षित हो सके। उन्होने बताया कि सोशल मीडिया पर विभाग की गतिविधियों का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने से आमजन तक जानकारी पहुंच सके।
    उन्होंने बताया कि प्रदेश की वन्य जीव सफारी में ऑनलाइन बुकिंग को अधिक सरल और सुविधाजनक बनाया जाए। साथ ही, एडवांस बुकिंग के लिए अधिकतम 3 महीने निर्धारित किया गया।
    बैठक में सुश्री शिखा मेहरा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, श्री अशोक कुमार योगी, उप शासन सचिव वन सहित वन एवं पर्यावरण विभाग के अधिकारी गण उपस्थित रहे।

  • जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni ने जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक में दिये निर्देश

    जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni ने जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक में दिये निर्देश

    Dr. Jitendra Soni: बाल श्रम के मामलों में हो त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही

     बाल श्रम की रोकथाम के लिये पुलिस, जिला प्रशासन, बाल संरक्षण ईकाई और बाल श्रम से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर प्रभावी कार्यवाही करें। यह कहना है जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni का। डॉ. सोनी ने यह बात सोमवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
    बैठक में जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी  ने बाल कल्याण समिति को पीड़ित प्रतिकर के मामलों त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिये। साथ ही बाल श्रम से मुक्त करवाए गए नाबालिकों को खुले सुधार गृह से उनके संबंधित राज्य के सुधार गृह में भेजने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले में संचालित बाल देखरेख गृह संस्थानों में रह रहे बच्चों की चिकित्सकीय जांच करने के निर्देश दिये।
    बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए श्रम निरीक्षक सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी फैक्ट्रियों, कारखानों, ढ़ाबों, होटलों सहित अन्य प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करें। साथ उन्होंने विद्यालयों के समीप मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए सघन अभियान शुरू करने के लिए निर्देशित किया।
    उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों एवं नियोजकों की पहचान, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने सहित हर महीने दर्ज प्रकरणों की सूचना श्रम विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक में बाल श्रम रोकथाम में बाल कल्याण समिति की भूमिका एवं बाल श्रमिकों का संरक्षण व गृह स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था, उनके पुनर्वास सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।
    बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (उत्तर) श्री मुकेश कुमार मूंड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल कल्याण समिति के सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन, किशोर न्यायालय बोर्ड, बाल श्रम निवारण से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
  • चिकित्सा मंत्री Gajendra Singh Khinvsar: मौसमी बीमारियों की रोकथाम में नहीं हो कोई लापरवाही

    चिकित्सा मंत्री Gajendra Singh Khinvsar: मौसमी बीमारियों की रोकथाम में नहीं हो कोई लापरवाही

    Gajendra Singh Khinvsar ने कहा कि विभाग के सभी कार्मिक जीवन रक्षा के उद्देश्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएं

     चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री Gajendra Singh Khinvsar ने कहा कि विगत दिनों में मौसमी बीमारियों के प्रसार को देखते हुए चिकित्सा विभाग के सभी अधिकारी एवं कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी कार्मिक जीवन रक्षा के उद्देश्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। मौसमी बीमारियों की रोकथाम में किसी स्तर पर लापरवाही नहीं हो।
    श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी पूरी सजगता एवं सतर्कता के साथ कार्य करें। मौसमी बीमारियों से ​ग्रसित रोगियों को तत्काल प्रभाव से जांच एवं उपचार उपलब्ध करवाया जाए। किसी चिकित्सा संस्थान में मानव संसाधन की कमी है तो तुरंत प्रभाव से स्वास्थ्यकर्मी नियोजित करें या वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें।
    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर से अधिकारी सभी जिलों पर नजर बनाए रखें और मौसमी बीमारियों की स्थिति की नियमित मॉनिटरिंग करें। जिन जिलों में केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां टीमें एवं संसाधन बढ़ाकर स्थिति को नियंत्रित करें। जांच किट एवं दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। रोगियों को उपचार लेने में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो। अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक आवश्यक रूप से उपस्थित रहें।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2021 में डेंगू के 20 हजार से अधिक केस सामने आए थे। विगत वर्ष भी 13 अक्टूबर तक 8079 केस डेंगू के सामने आए, जबकि इस वर्ष 7 हजार 226 केस सामने आए हैं और भारत सरकार के प्रोटोकॉल (एलाइजा टेस्ट) के अनुसार डेंगू के कारण 2 मौतें हुई हैं। उन्होंने बताया कि विभाग कुशल प्रबंधन  और लगातार मॉनिटरिंग कर समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहा है।
    बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है

    प्रदेश में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक आदि क्षेत्रों के विकास के लिए CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है। बजट घोषणा वर्ष 2024-25 की अनुपालना में राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। उप मुख्यमंत्री(वित्त) इस टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष होंगे। उप मुख्यमंत्री(परिवहन व उच्च शिक्षा), उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, प्रमुख शासन सचिव उद्योग, प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी तथा शासन सचिव आयोजना इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे तथा शासन सचिव, वित्त(बजट) सदस्य सचिव होंगे।

    प्रशासनिक सुधार विभाग के शासन उप सचिव श्री अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि टास्क फोर्स में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक क्षेत्रों से 5 विषय विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स द्वारा प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों की पहचान, नीति निर्माण और कार्यान्वयन, कौशल विकास और शिक्षा, बुनियादी ढांचे का विकास, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा, एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत, हरित विकास को बढ़ावा देने सहित प्रदेश की आर्थिक व रोजगार वृद्धि जैसे विषयों के संबंध में अभिशंसाएं की जाएंगी।

    श्री शर्मा ने बताया कि इस टास्क फोर्स का कार्यकाल 31 मार्च, 2028 तक रहेगा एवं इसकी बैठक वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जाएगी एवं वित्त विभाग इसका प्रशासनिक विभाग रहेगा।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान की जल परियोजनाएं हो रही साकार

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश में जल संचय के क्षेत्र में ’कैच द रेन’ कैम्पेन प्रधानमंत्री की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में जन आंदोलन बनेगा, जिससे जन भागीदारी बढ़ेगी और जल संचय होगा।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार को गुजरात के सूरत में जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य ईआरसीपी परियोजना का एमओयू तथा हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता हुआ। देवास परियोजना के तहत उदयपुर में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

    राजस्थान में सदियों से जल संरक्षण एक परंपरा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है, इसलिए राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण की आवश्यकता को गहराई से समझा और सीमित संसाधनों में भी डिग्गी, कुंड और बावड़ी बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्थान में टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट और जोहड़ के माध्यम से वर्षा जल को सहजने का काम किया जा रहा है।

    ‘कैच द रेन’ कैम्पेन का राजस्थान को मिलेगा लाभ

    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचय के लिए महत्वपूर्ण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संचय के लिए प्रवासी राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि के प्रति योगदान का निश्चय इस अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। राजस्थान के हर जिले के प्रत्येक गांव में चार जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रवासी उद्यमियों का योगदान तय किया गया है। इससे जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाला है।

    मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे जल संरक्षण के कार्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में इस अभियान के तहत 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार कार्य करवाये जा रहे हैं। यह अभियान राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से प्रदेश के बांध भरे हुए हैं।
    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जो परिवर्तन आया है, उसे सभी महसूस कर रहे हैं। देश में गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास योजनाएं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा और दुनिया में बढ़ता भारत का गौरव देश के हर नागरिक ने देखा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, उप मुख्यमंत्री बिहार श्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma: स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट की अधिसूचना जारी

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पत्रकार कल्याण और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता के तहत आज बुधवार को राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों को अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट दिये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।

    राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिस्वीकरण नियम 1995 (संशोधित) नियम 2024 के अनुसार अब स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की आयु सीमा एवं अनुभव में छूट देते हुए न्यूनतम पात्रता आयु 45 वर्ष तथा अनुभव 15 वर्ष निर्धारित किया गया है। संशोधन से पूर्व न्यूनतम आयु सीमा 50 वर्ष तथा अनुभव पात्रता 25 वर्ष निर्धारित थी।

    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही बजट में पत्रकार कल्याण को ध्यान में रखकर बजट घोषणा 2024-25 में अधिस्वीकरण नियमों में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए पात्रता में शिथिलता प्रदान की गई है।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित: जोराराम कुमावत

    पशुपालन, गोपालन, डेयरी और देवस्थान मंत्री Joram Kumawat ने कहा कि हमारी सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित है और बहुत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने बुधवार को आगरा रोड स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में मोबाईल वेटेरिनरी इकाइयों के लिए कॉल सेटर के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि कॉल सेंटर का संचालन निश्चित रूप से विभाग के लिए एक बहुत ही सराहनीय कदम है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य मंत्री, पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह विभाग श्री जवाहर सिंह बेढम उपस्थित रहे। 
    श्री जोराराम कुमावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद देते हुए कहा कि मोबाईल पशु चिकित्सा एवं कॉल सेंटर पशुधन और पशुपालकों के लिए एक बहुत बड़ी भेंट और सुविधा है। कॉल सेंटर की सुविधा शुरू होने से घर पर ही पशुओं का इलाज मिलना शुरू हो जाएगा जिससे पशुपालकों के  समय और पैसे दोनों की बचत होगी। श्री कुमावत ने कहा कि  मंगला पशु बीमा योजना की क्रियान्विति भी जल्द शुरू की जाएगी।
    पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का एक जरिया पशुपालन है इसीलिए पशु को पशुधन कहा गया है। पशुपालन के माध्यम से हमारे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था नियमित रहती है। उन्होंने कहा कि पशुपालक के घर पर पशुओं के लिए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना एक उपयोगी पहल है।
    इस अवसर पर शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ समित शर्मा ने कहा कि कॉल सेंटर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए पशुधन और पशुपालकों को अधिक से अधिक संख्या में लाभ पहुंचाना इस योजना का उद्देश्य है। आने वाले 6 महीनों में पशुपालन विभाग प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ तीन विभागों में होगा, ऐसा हमारा प्रयास है। उन्होंने कॉल सेंटर पर वीडियो कॉलिंग की सुविधा शुरू करने के लिए भी बीआइएफएल के अधिकारियों को सुझाव दिया।
    कार्यक्रम के आरंभ में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा द्वारा 161934 शिविरों के माध्यम से 27.48 लाख से अधिक पशुओं का उपचार करते हुए लगभग 6.86 लाख पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है। कार्यक्रम को बीएफआईएल के प्रतिनिधि श्री किशोर संभशिवम ने भी संबोधित किया। अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमंत पंत ने किया।
    कार्यक्रम में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की सेवा प्रदाता फर्म से श्री सुनील अग्रवाल और श्री महेश गुप्ता, बीएफआईएल से श्री असद और श्री अमन, श्री प्रहलाद नागा निदेशक गोपालन, डॉ प्रकाश भाटी, डॉ सुरेश मीना, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ तपेश माथुर सहित बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारी और पशुपालक उपस्थित थे।

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