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  • जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni ने जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक में दिये निर्देश

    जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni ने जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक में दिये निर्देश

    Dr. Jitendra Soni: बाल श्रम के मामलों में हो त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही

     बाल श्रम की रोकथाम के लिये पुलिस, जिला प्रशासन, बाल संरक्षण ईकाई और बाल श्रम से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर प्रभावी कार्यवाही करें। यह कहना है जिला कलक्टर Dr. Jitendra Soni का। डॉ. सोनी ने यह बात सोमवार को जिला कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला बाल संरक्षण इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
    बैठक में जिला कलक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी  ने बाल कल्याण समिति को पीड़ित प्रतिकर के मामलों त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिये। साथ ही बाल श्रम से मुक्त करवाए गए नाबालिकों को खुले सुधार गृह से उनके संबंधित राज्य के सुधार गृह में भेजने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जिले में संचालित बाल देखरेख गृह संस्थानों में रह रहे बच्चों की चिकित्सकीय जांच करने के निर्देश दिये।
    बैठक को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए श्रम निरीक्षक सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी फैक्ट्रियों, कारखानों, ढ़ाबों, होटलों सहित अन्य प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण करें। साथ उन्होंने विद्यालयों के समीप मादक पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए सघन अभियान शुरू करने के लिए निर्देशित किया।
    उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन मुक्त कराये गये बाल श्रमिकों एवं नियोजकों की पहचान, संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने सहित हर महीने दर्ज प्रकरणों की सूचना श्रम विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक में बाल श्रम रोकथाम में बाल कल्याण समिति की भूमिका एवं बाल श्रमिकों का संरक्षण व गृह स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था, उनके पुनर्वास सहित कई बिंदुओं पर चर्चा की गई।
    बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (उत्तर) श्री मुकेश कुमार मूंड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल कल्याण समिति के सदस्य, चाइल्ड हेल्पलाइन, किशोर न्यायालय बोर्ड, बाल श्रम निवारण से जुड़ी स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
  • चिकित्सा मंत्री Gajendra Singh Khinvsar: मौसमी बीमारियों की रोकथाम में नहीं हो कोई लापरवाही

    चिकित्सा मंत्री Gajendra Singh Khinvsar: मौसमी बीमारियों की रोकथाम में नहीं हो कोई लापरवाही

    Gajendra Singh Khinvsar ने कहा कि विभाग के सभी कार्मिक जीवन रक्षा के उद्देश्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएं

     चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री Gajendra Singh Khinvsar ने कहा कि विगत दिनों में मौसमी बीमारियों के प्रसार को देखते हुए चिकित्सा विभाग के सभी अधिकारी एवं कार्मिक पूरी मुस्तैदी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि विभाग के सभी कार्मिक जीवन रक्षा के उद्देश्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाएं। मौसमी बीमारियों की रोकथाम में किसी स्तर पर लापरवाही नहीं हो।
    श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर सोमवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित बैठक में प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चिकित्सक एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी पूरी सजगता एवं सतर्कता के साथ कार्य करें। मौसमी बीमारियों से ​ग्रसित रोगियों को तत्काल प्रभाव से जांच एवं उपचार उपलब्ध करवाया जाए। किसी चिकित्सा संस्थान में मानव संसाधन की कमी है तो तुरंत प्रभाव से स्वास्थ्यकर्मी नियोजित करें या वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करें।
    चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर से अधिकारी सभी जिलों पर नजर बनाए रखें और मौसमी बीमारियों की स्थिति की नियमित मॉनिटरिंग करें। जिन जिलों में केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां टीमें एवं संसाधन बढ़ाकर स्थिति को नियंत्रित करें। जांच किट एवं दवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। रोगियों को उपचार लेने में किसी तरह की कठिनाई नहीं हो। अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक आवश्यक रूप से उपस्थित रहें।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2021 में डेंगू के 20 हजार से अधिक केस सामने आए थे। विगत वर्ष भी 13 अक्टूबर तक 8079 केस डेंगू के सामने आए, जबकि इस वर्ष 7 हजार 226 केस सामने आए हैं और भारत सरकार के प्रोटोकॉल (एलाइजा टेस्ट) के अनुसार डेंगू के कारण 2 मौतें हुई हैं। उन्होंने बताया कि विभाग कुशल प्रबंधन  और लगातार मॉनिटरिंग कर समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहा है।
    बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेशक राजपत्रित डॉ. रवि प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ का गठन

    CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है

    प्रदेश में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक आदि क्षेत्रों के विकास के लिए CM Bhajanlal Sharma की अध्यक्षता में ‘राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स’ (RERTF) का गठन किया गया है। बजट घोषणा वर्ष 2024-25 की अनुपालना में राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। उप मुख्यमंत्री(वित्त) इस टास्क फोर्स के उपाध्यक्ष होंगे। उप मुख्यमंत्री(परिवहन व उच्च शिक्षा), उद्योग मंत्री, ऊर्जा मंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, प्रमुख शासन सचिव उद्योग, प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी तथा शासन सचिव आयोजना इस टास्क फोर्स के सदस्य होंगे तथा शासन सचिव, वित्त(बजट) सदस्य सचिव होंगे।

    प्रशासनिक सुधार विभाग के शासन उप सचिव श्री अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि टास्क फोर्स में वित्त, आर्थिक प्रबंधन, बुनियादी ढांचे, कृषि और विकासात्मक क्षेत्रों से 5 विषय विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि टास्क फोर्स द्वारा प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों की पहचान, नीति निर्माण और कार्यान्वयन, कौशल विकास और शिक्षा, बुनियादी ढांचे का विकास, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा, एमएसएमई और स्टार्टअप को बढ़ावा, पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत, हरित विकास को बढ़ावा देने सहित प्रदेश की आर्थिक व रोजगार वृद्धि जैसे विषयों के संबंध में अभिशंसाएं की जाएंगी।

    श्री शर्मा ने बताया कि इस टास्क फोर्स का कार्यकाल 31 मार्च, 2028 तक रहेगा एवं इसकी बैठक वर्ष में कम से कम एक बार आयोजित की जाएगी एवं वित्त विभाग इसका प्रशासनिक विभाग रहेगा।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान की जल परियोजनाएं हो रही साकार

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश में जल संचय के क्षेत्र में ’कैच द रेन’ कैम्पेन प्रधानमंत्री की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में जन आंदोलन बनेगा, जिससे जन भागीदारी बढ़ेगी और जल संचय होगा।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार को गुजरात के सूरत में जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य ईआरसीपी परियोजना का एमओयू तथा हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता हुआ। देवास परियोजना के तहत उदयपुर में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

    राजस्थान में सदियों से जल संरक्षण एक परंपरा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है, इसलिए राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण की आवश्यकता को गहराई से समझा और सीमित संसाधनों में भी डिग्गी, कुंड और बावड़ी बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्थान में टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट और जोहड़ के माध्यम से वर्षा जल को सहजने का काम किया जा रहा है।

    ‘कैच द रेन’ कैम्पेन का राजस्थान को मिलेगा लाभ

    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचय के लिए महत्वपूर्ण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संचय के लिए प्रवासी राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि के प्रति योगदान का निश्चय इस अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। राजस्थान के हर जिले के प्रत्येक गांव में चार जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रवासी उद्यमियों का योगदान तय किया गया है। इससे जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाला है।

    मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे जल संरक्षण के कार्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में इस अभियान के तहत 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार कार्य करवाये जा रहे हैं। यह अभियान राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से प्रदेश के बांध भरे हुए हैं।
    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जो परिवर्तन आया है, उसे सभी महसूस कर रहे हैं। देश में गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास योजनाएं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा और दुनिया में बढ़ता भारत का गौरव देश के हर नागरिक ने देखा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, उप मुख्यमंत्री बिहार श्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma पत्रकार कल्याण के लिए प्रतिबद्ध

    CM Bhajanlal Sharma: स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट की अधिसूचना जारी

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पत्रकार कल्याण और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता के तहत आज बुधवार को राज्य सरकार द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों को अधिस्वीकरण की पात्रता में छूट दिये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई।

    राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अधिस्वीकरण नियम 1995 (संशोधित) नियम 2024 के अनुसार अब स्वतंत्र पत्रकारों के अधिस्वीकरण की आयु सीमा एवं अनुभव में छूट देते हुए न्यूनतम पात्रता आयु 45 वर्ष तथा अनुभव 15 वर्ष निर्धारित किया गया है। संशोधन से पूर्व न्यूनतम आयु सीमा 50 वर्ष तथा अनुभव पात्रता 25 वर्ष निर्धारित थी।

    उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा पहले ही बजट में पत्रकार कल्याण को ध्यान में रखकर बजट घोषणा 2024-25 में अधिस्वीकरण नियमों में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए पात्रता में शिथिलता प्रदान की गई है।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित: जोराराम कुमावत

    पशुपालन, गोपालन, डेयरी और देवस्थान मंत्री Joram Kumawat ने कहा कि हमारी सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित है और बहुत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने बुधवार को आगरा रोड स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में मोबाईल वेटेरिनरी इकाइयों के लिए कॉल सेटर के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि कॉल सेंटर का संचालन निश्चित रूप से विभाग के लिए एक बहुत ही सराहनीय कदम है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य मंत्री, पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह विभाग श्री जवाहर सिंह बेढम उपस्थित रहे। 
    श्री जोराराम कुमावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद देते हुए कहा कि मोबाईल पशु चिकित्सा एवं कॉल सेंटर पशुधन और पशुपालकों के लिए एक बहुत बड़ी भेंट और सुविधा है। कॉल सेंटर की सुविधा शुरू होने से घर पर ही पशुओं का इलाज मिलना शुरू हो जाएगा जिससे पशुपालकों के  समय और पैसे दोनों की बचत होगी। श्री कुमावत ने कहा कि  मंगला पशु बीमा योजना की क्रियान्विति भी जल्द शुरू की जाएगी।
    पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का एक जरिया पशुपालन है इसीलिए पशु को पशुधन कहा गया है। पशुपालन के माध्यम से हमारे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था नियमित रहती है। उन्होंने कहा कि पशुपालक के घर पर पशुओं के लिए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना एक उपयोगी पहल है।
    इस अवसर पर शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ समित शर्मा ने कहा कि कॉल सेंटर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए पशुधन और पशुपालकों को अधिक से अधिक संख्या में लाभ पहुंचाना इस योजना का उद्देश्य है। आने वाले 6 महीनों में पशुपालन विभाग प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ तीन विभागों में होगा, ऐसा हमारा प्रयास है। उन्होंने कॉल सेंटर पर वीडियो कॉलिंग की सुविधा शुरू करने के लिए भी बीआइएफएल के अधिकारियों को सुझाव दिया।
    कार्यक्रम के आरंभ में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा द्वारा 161934 शिविरों के माध्यम से 27.48 लाख से अधिक पशुओं का उपचार करते हुए लगभग 6.86 लाख पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है। कार्यक्रम को बीएफआईएल के प्रतिनिधि श्री किशोर संभशिवम ने भी संबोधित किया। अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमंत पंत ने किया।
    कार्यक्रम में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की सेवा प्रदाता फर्म से श्री सुनील अग्रवाल और श्री महेश गुप्ता, बीएफआईएल से श्री असद और श्री अमन, श्री प्रहलाद नागा निदेशक गोपालन, डॉ प्रकाश भाटी, डॉ सुरेश मीना, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ तपेश माथुर सहित बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारी और पशुपालक उपस्थित थे।
  • Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: कृषि एवं पशुपालन में किसान नवीन तकनीक अपनाएं

    केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर टोंक में मंगलवार को एक दिवसीय भेड़-बकरी और खरगोश उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना मिशन पर केंद्रित कार्यशाला आरंभ 2.0 का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्र सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों एवं पशुपालकों को परंपरागत खेती और पशुपालन के स्थान पर नवीन तकनीक को अपनाना चाहिए। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का प्रयास है कि किसानों की आमदनी दुगनी हो, ताकि व आर्थिक रूप से संपन्न हो सके। यह तभी संभव है जब हम उन्नत वैज्ञानिक तकनीक एवं नस्लों का चयन करके खेती एवं पशुपालन का कार्य करेंगे। उन्होंने गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान के उपयोग पर जोर दिया। जिससे देश को दुग्ध उत्पादन मे बढ़ोतरी के साथ बेसहारा गौवंश से मुक्ति मिले।
    श्री बेघल ने विकसित राष्ट्र निर्माण मे समान शिक्षा एवं चिकित्सा को आवश्यक बताया। उन्होंने शिक्षा की महत्ता जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले जाने में सहायक है। उन्होंने भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद् के वैज्ञानिको की कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की सराहना की।
    कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि राज्य के पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग पर आभार व्यक्त किया। श्री कुमावत ने कहा कि हमारा विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालकों के सहयोग के लिए उपलब्ध करा रहा है। जिससे किसानों द्वारा 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर पशु चिकित्सा टीम रोगी पशुओं का इलाज समय पर कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गोपालक किसान परिवार को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह ऋण एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है। किसान द्वारा ऋण का समय पर चुकारा करने पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
    राज्य के जलदाय मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा इस संस्थान में क़ृषि और गौवंश से संबंधित और भी प्रशिक्षण व शोध संस्थान खुलने चाहिए। जिससे यहाँ के किसान एवं पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर और लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा स्थानीय किसानों को समय-समय पर बेहतर प्रशिक्षण मिलने से वे नवीन तकनीकों को अपना रहे है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
    आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. राघवेंद्र भट्ट ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर एवं भारत में स्थित अन्य संस्थानों द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के हित में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने अविकानगर संस्थान एवं उनके क्षेत्रीय केंद्र द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन में अपनाई गई नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा उन्नत नस्ल के पशुओ, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने सभी अतिथियों को संस्थान का भ्रमण करवाकर किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।
  • CM Bhajanlal Sharma ने ली राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक

    CM Bhajanlal Sharma ने ली राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक

    CM Bhajanlal Sharma: आमजन को जमीन से जुडे़ प्रकरणों में मिले त्वरित न्याय, निश्चित समयावधि में हो प्रकरणों का निस्तारण

    रेवेन्यू अपीलेट ऑथोरिटी की कार्यप्रणाली में करे सुधार

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग जमीनों से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण में तेजी लाएं ताकि आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय मिल सके। उन्होंने विभाग की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने के लिए वर्तमान नियमों में यथासंभव संशोधन करने एवं नियमों के सरलीकरण के निर्देश भी दिए।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राजस्व एवं उपनिवेशन विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार आदि की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए राजस्व संबंधी प्रकरणों का एक निश्चित समयावधि में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने रेवेन्यू अपीलेट ऑथोरिटी की कार्यप्रणाली की विस्तृत समीक्षा करते हुए इसके सुचारू संचालन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को एक कार्ययोजना प्रेषित करने के निर्देश भी दिए।

    नियम विरूद्ध जमीन आवंटन पर हो सख्त कार्रवाई

    श्री शर्मा ने पूर्ववर्ती सरकार के समय में नियम विरूद्ध किए गए जमीन आवंटनों के प्रकरणों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि पयर्टन एवं एग्रो प्रोसेसिंग जैसे प्रोजेक्ट के लिए निःशुल्क ऑनलाइन डीम्ड कन्वर्जन के सुसंगत नियम बनाने के निर्देश प्रदान किए, ताकि वर्तमान में मिल रही कन्वर्जन छूट का दुरूपयोग न हो। श्री शर्मा ने वनप्रत्यावर्तन के क्रम में गैर वन भूमि के शीघ्र आवंटन के लिए एक लैण्ड बैंक स्थापित करने के निर्देश भी दिए हैं।

    आरएएलएएमएस पोर्टल पर उपलब्ध हो बड़े भू-भागों की सूची

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 9 से 11 दिसम्बर, 2024 तक जयपुर में ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट’ का आयोजन करने जा रही है। इस आयोजन से निवेश का नया वातावरण तैयार होगा और प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य में बदलाव आएगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को भूमि आवंटन पोर्टल (आरएएलएएमएस) पर बड़े भू-भागों की सूची उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। जिससे इच्छुक निवेशक को उद्योग लगाने में सुविधा मिल सके।

    भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण का घटा समय

    श्री शर्मा ने कहा कि आवेदकों को त्वरित सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से नामांतरण पोर्टल एवं रेवेन्यू लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल संचालित किए जा रहे हैं। लैण्ड कन्वर्जन पोर्टल पर वर्तमान में (1 अप्रैल 2024 से 7 अक्टूबर 2024) भू-संपरिवर्तन के प्रकरणों का निस्तारण समय 16 दिवस है, जो कि 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक 35 दिन था। उन्होंने राजस्व मण्डल एवं कर बोर्ड के एकीकरण, डीआईएलआरएमपी के अन्तर्गत राजस्व रिकॉर्ड के कम्प्यूटरीकरण की स्थिति, मॉर्डन रिकॉर्ड रूम, राजस्थान रेवेन्यू कोर्ट मॉर्डनाइजेशन सिस्टम एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आवंटन आदि की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।

    किसान स्वयं कर रहे गिरदावरी

    उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सूचना तकनीक एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से काश्तकारों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में नवाचार कर रहा है, जिसके माध्यम से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ भी मिला है। उन्होंने कहा कि एग्रीस्टेक ऐप के माध्यम से किसानों द्वारा स्वयं ही गिरदावरी की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को इस ऐप से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने निर्देश प्रदान किए। विभागीय अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि प्रदेश में पटवारियों द्वारा भी ऐप के माध्यम से ई-गिरदावरी की जा रही है। खरीफ वर्ष 2024 की 83.75 प्रतिशत गिरदावरी भी हो चुकी है।
    बैठक में राजस्व मंत्री श्री हेमन्त मीणा एवं राज्य मंत्री श्री विजय सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल एवं प्रमुख सचिव श्री आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव राजस्व एवं उपनिवेशन श्री दिनेश कुमार, राजस्व बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमन्त कुमार गैरा सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
  • CM Bhajanlal Sharma की उच्च स्तरीय बैठक- जाखम बांध को जयसमंद बांध से जोड़ने की डीपीआर 4 माह में हो तैयार

    CM Bhajanlal Sharma की उच्च स्तरीय बैठक- जाखम बांध को जयसमंद बांध से जोड़ने की डीपीआर 4 माह में हो तैयार

    CM Bhajanlal Sharma: प्रदेश में नदियों की हो इंट्रास्टेट लिंकिंग, जन सहभागिता से जल संचय को मिले बढ़ावा- परियोजनाओं में बांध तथा नहर निर्माण के कार्य संयुक्त रूप से हो पूर्ण

    • परियोजनाओं में ना हो अनावश्यक विलम्ब, लापरवाही बरतने पर हो सख्त कार्रवाई
    • ईसरदा बांध के फ्लेप निर्माण एवं डूंगरी बांध के लिए भूमि अवाप्ति शीघ्र हो शुरू, प्रभावित लोगों को मिले समुचित मुआवजा
    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रदेश में पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल उपलब्धता राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंट्रास्टेट नदियों को जोड़ने के कार्य व्यापक स्तर पर किया जाए एवं जन सहभागिता के माध्यम से जल संचय को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल संसाधन से जुड़ी परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से सुनिश्चित किया जाए।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन, इंदिरा गांधी नहर एवं सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता विभाग से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं एवं कार्यों पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के कार्य में अनावश्यक देरी करने वाले ठेकेदारों एवं अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

    ब्राह्मणी नदी पर बांध निर्माण कार्य में लाएं तेजी—

    श्री शर्मा ने बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि माही बेसिन की जाखम नदी एवं बांध के अधिशेष जल को जयसमंद बांध से जोड़ने तथा माही व सोम नदी के अधिशेष जल को जवाई बांध तक लाने की बजट घोषणाओं की प्रोजेक्ट रिपोर्ट आगामी 4 माह में पूरी कर ली जाए, ताकि आगामी वर्ष के बजट में इन परियोजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सके। इसी क्रम में श्री शर्मा ने राणा प्रताप सागर व जवाहर सागर बांध के जल अपवर्तन कार्य की बजट घोषणा की अनुपालना में ब्राह्मणी नदी पर बनाए जाने वाले बांध के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने डूंगरी बांध एवं ईसरदा बांध के ऊपरी भाग में फ्लेप निर्माण के लिए भूमि अवाप्ति की कार्यवाही शीघ्र शुरू करने तथा प्रभावित क्षेत्र में आने वाले लोगों को समुचित मुआवजा उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए।

    परियोजनाओं में ना हो अनावश्यक विलम्ब—

    श्री शर्मा ने 500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की विभिन्न परियोजनाओं की भौतिक प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने परवन परियोजना के संबंध में निर्देश दिए कि इस परियोजना में जल संग्रहण के लिए बांध निर्माण कार्य तथा जलापूर्ति के लिए नहर निर्माण के होने वाले कार्यों को एक साथ ही कर लिए जाए। क्योंकि किसी भी परियोजना में अनावश्यक विलम्ब से उसकी लागत में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने धौलपुर लिफ्ट सिंचाई व पेयजल परियोजना के कार्य को नियत समय पर पूरा करने एवं अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना बांसवाड़ा की रिडिजाइन करवाने के निर्देश दिए।

    प्राकृतिक डिप्रेशन्स के प्रोजेक्ट्स में स्थानीय योजनाएं हो शामिल—

    बैठक में मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी नहर विभाग की मुख्य नहर पर बने चार प्राकृतिक डिप्रेशन्स को जलाशयों में परिवर्तित किए जाने की योजना की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट को स्थानीय योजनाओं के आधार पर पीएचईडी के माध्यम से पूरी किए जाने के विकल्प पर विचार किया जाए। साथ ही, उन्होंने बाह्य ऋण की सहायता से संचालित परियोजनाओं में होने वाले जीर्णोद्धार कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दौरान केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से संचालित परियोजनाओं की समीक्षा भी की।

    नीमराणा एवं घिलोट जापानी औद्योगिक क्षेत्र को मिले ईआरसीपी का लाभ—

    बैठक में श्री शर्मा ने संशोधित केपीसी-ईआरसीपी प्रथम चरण में प्रस्तावित कार्यों की प्रगति एवं इस परियोजना में पेयजल एवं औद्योगिक जल उपयोगिता सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने इस परियोजना में नीमराणा एवं घिलोट जापानी औद्योगिक क्षेत्र के लिए जल उपयोगिता के बिंदुओं को शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने देवास परियोजना तृतीय एवं चतुर्थ के प्रगतिरत कार्याें की विस्तृत समीक्षा करते हुए विकास कार्यों में तेेजी लाने के निर्देश प्रदान किए।
    इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन श्री अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री शिखर अग्रवाल, इंदिरा गांधी नहर बोर्ड अध्यक्ष श्री कुंजीलाल मीणा,  सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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