Tag: Prime Minister Shri Narendra Modi

  • केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    Shivraj Singh Chouhan: किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई,  उन्होंने कई रचनात्मक सुझाव दिये

    • किसानों ने एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसानों को लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया : श्री चौहान
    • किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे, राज्यों को संबंधित विषय भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे : श्री चौहान
    • किसानों से संवाद बहुत उपयोगी, संवाद से हमें मिल रही मूल समस्याओं की जानकारी, साथ ही शासकीय योजनायें भी किसानों तक पहुंच रहीं : केंद्रीय मंत्री श्री चौहान
    • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को किसान हितैषी निर्णय के लिए अभिनंदन और शुभकामनायें श्री चौहान

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और उनके सदस्यों व अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों व किसानों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई है। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये गये सभी प्रयासों सहित पिछले कल रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गई। किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व कई रचनात्मक सुझाव दिये। किसानों ने कहा कि मॉडल कृषि फार्म (मॉडल कृषि फार्मिंग) बनना चाहिए जिसमें यह जानकारी दी जाये कि एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसान कैसे खेती करें और किस तरह से उसी में लाभकारी खेती करें? किसानों ने एक एकड़ वाले फार्म में ही लाभकारी खेती कर रहे किसानों के उदाहरण भी दिये। उन्होंने पानी पहॅुंचाने, उर्वरकों के प्रयोग, मिट्टी को स्वस्थ बनाना, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के कारण परेशानियां, चीनी मिलों के बंद होने और आवारा पशुओं की समस्याओं आदि को लेकर चर्चा की। किसानों ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने को लेकर भी सुझाव दिये हैं।

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    केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार से संबंधित विषय राज्यों को भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे। किसानों से संवाद बहुत उपयोगी है। इस संवाद से हमें मूल समस्याओं की जानकारी सीधे किसानों से मिल रही है। साथ ही, शासकीय योजनाओं को भी किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को सभी 23 फसलों को घोषित एमएसपी पर खरीदने का फैसला लेने पर धन्यवाद देता हूं व अभिनंदन करता हूँ। इस किसान हितैषी निर्णय के लिए उनका अभिनंदन और उन्हें शुभकामनायें।

    source: http://pib.gov.in

  • governor Mangubhai Patel: प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल 

    governor Mangubhai Patel: प्रतियोगिता में भाग लेने से मिलता है नया जोश और मनोबल 

    governor Mangubhai Patel केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय अखिल भारतीय स्पर्धा के शुभारम्भ कार्यक्रम में शामिल हुए

    • अनुभवों से उन्नत होता प्रतिभागी का कौशल

    राज्यपाल Mangubhai Patel ने कहा है कि प्रतियोगिता में भाग लेने से नया जोश और मनोबल तो मिलता ही है, साथ ही अपने और दूसरों के प्रदर्शन के अनुभव से कौशल का नया स्तर प्राप्त होता है। प्रतियोगिता में ज्ञान और कौशल के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि हार-जीत से कही अधिक महत्वपूर्ण हमारी संस्कृति, सुसंस्कृत जीवनशैली की गरिमा और गौरव का सम्मान है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के भोपाल परिसर में आयोजित अखिल भारतीय क्रीड़ा, सांस्कृतिक, शैक्षिक स्पर्धा, युवा महोत्सव 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विशिष्ट ग्रंथों, “सर्वसमावेशी शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में महर्षि दयानन्द सरस्वती” और “भारतीय ज्ञान परम्परा शिक्षक शिक्षा” का लोकार्पण किया। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, युव संसद जयपुर के संस्थापक श्री आशुतोष जोशी मंचासीन थे।    

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आधुनिक मानव जीवन से जुड़े क्षेत्रों शिक्षा, स्वास्थ्य, आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी जीवन आदि कई विषयों में संस्कृत ज्ञान निधि की प्रासंगिकता आज बढ़ रही है।दुनिया में संस्कृत भारत की सॉफ्ट पावर का सबसे प्रमुख ज़रिया है। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिसमें संस्कृत के ज्ञान को आधुनिक और शोध परक दृष्टि से देखा जाए और ज्ञान के नए स्वरूप को प्रकाशित किए जाए। समय की आवश्यकता है कि हमारे पास ऐसे युवा हो, जिनमें संस्कृत के साथ कम्प्यूटर कोडिंग की तकनीक और अनुसंधान का सामर्थ्य हो।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत निर्माण प्रयासों के लिए जड़ों से जुड़ें वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम युवाओं का निर्माण समय की जरूरत है। विश्वविद्यालय को संस्कृत भाषा की भारतीय ज्ञान परम्परा को भविष्य की दृष्टि से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साथ समन्वय से भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की जिम्मेदारी लेना होगी। विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को संस्कृत के अध्ययन और अनुसंधान के द्वारा राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान खोजने के अवसर उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के समग्र, सर्वांगीण विकास में ऐसे शैक्षणिक, सांस्कृतिक और खेल स्पर्धाओं के आयोजन अत्यन्त महत्त्वपूर्ण होते है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परम्परा के संरक्षण एवं संवर्धन में अग्रणी भूमिका निभाने और अखिल भारतीय प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की सराहना की है।

    केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर मदन मोहन झा ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक सांस्कृतिक गतिविधियों का विवरण दिया। बताया कि राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान से प्रारम्भ होकर 55वीं वर्ष गांठ के अवसर तक विश्व में संस्कृत का पर्याय बन गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मल्टी डिसिप्लिनरी, बहुपरिसरीय विश्वविद्यालय है, जिसमें 12 परिसर, 28 महाविद्यालय और 105 से अधिक मान्यता प्राप्त संस्थाएं शामिल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में भारतीय विधिशात्र, नाट्य शास्त्र के पाठ्यक्रम के साथ ही बी.ए. ऑनर्स, संस्कृत, सिविल सर्विसेज, शुरू किया गया है, जिसमें संस्कृत एवं सिविल सर्विसेज के पाठ्यक्रम का अध्ययन कराया जाता है। विद्यार्थी पाठ्यक्रम के 5 में से किसी एक विषय में स्नातकोत्तर की एक वर्षीय उपाधि भी प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को नेक द्वारा A++ की ग्रेडिंग प्राप्त है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति विगत 2 वर्षों से सफलता पूर्वक क्रियान्वित की जा रही है।

    केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय देश के 12 प्रांतों में प्रस्तारित है। आयोजित, प्रतियोगिता में राज्य स्तरीय स्पर्धा के विजेता शामिल हो रहे है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए विषय विशेषज्ञ विद्वान शामिल है। धन्यवाद ज्ञापन भोपाल परिसर के सहायक निदेशक प्रोफेसर नीलाभ तिवारी ने किया।

    कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों द्वारा भगवती सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर पूजन किया। परिसर के छात्रों द्वारा वैदिक मंगलाचरण एवं नाट्य अनुसंधान विभाग के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अतिथियों का शॉल, शंख और पौधा भेंट कर स्वागत किया गया।

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  • CM Yogi ने महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं

    CM Yogi ने महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आदिकवि महर्षि वाल्मीकि जी की जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। आज यहां जारी एक बयान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने ’रामायण’ के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम से जन-जन का साक्षात्कार कराया। ’रामायण’ के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि ने समाज के सम्मुख जीवन के सर्वोत्कृष्ट मूल्यों एवं आदर्शों को प्रस्तुत किया। उनकी जयन्ती का यह अवसर हमें यह सिखाता है कि जीवन में कोई भी व्यक्ति धर्म और अध्यात्म के मार्ग पर चलकर महानता को प्राप्त कर सकता है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश सरकार महर्षि वाल्मिकी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर जनकल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। महर्षि वाल्मीकि की महानता से वर्तमान और भावी पीढ़ी को सुपरिचित कराने के लिए सतत् प्रयासरत है। इस क्रम में लालापुर, जनपद चित्रकूट में उनकी तपोस्थली के सौंदर्यीकरण तथा श्री अयोध्याधाम में महर्षि वाल्मीकि अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की स्थापना जैसे अनेक प्रयास किए गए हैं। आदिकवि की जयन्ती पर पूरे प्रदेश में मंदिरों/देवस्थानों पर रामायण पाठ व दीपदान तथा लालापुर में रामलीला, सन्त सम्मेलन, हवन, गौ-पूजन आदि का आयोजन किया जा रहा है।

    महर्षि वाल्मीकि जयन्ती पर मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया है कि यह पुण्य अवसर पूरे प्रदेश में शान्ति और सामाजिक सौहार्द को चिरस्थायी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख और समृद्धि की कामना की है।

    source: http://up.gov.in

  • केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री Nityanand Rai के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया

    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री Nityanand Rai के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया

    Nityanand Rai: भारत, आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) रणनीतियों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के 10-सूत्रीय एजेंडे के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए समावेशी और सक्रिय कार्यों को लागू करने के प्रति कटिबद्ध

    • भारत की पहल, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI) में अब 47 देश सदस्य हैं और यह आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना में निवेश के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान कर रहा है

    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मनीला, फिलीपींस में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (APMCDRR) 2024 पर एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन फिलीपींस गणराज्य के राष्ट्रपति श्री बोंगबोंग मार्कोस ने किया। सम्मेलन का विषय “Surge to 2030: Enhancing ambition in Asia Pacific to accelerate disaster risk reduction” था। इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के मंत्री और नीति निर्माता जलवायु संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर आपदा जोखिम को कम करने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए।

    अपने वक्तव्य में गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय ने कहा कि आपदाएँ एक ऐसी सच्चाई है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता और जिनसे जान-माल, अर्थव्यवस्था तथा समग्र विकास को नुकसान पहुँचता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) रणनीतियों के लिए 10-सूत्री एजेंडे के अनुरूप आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए समावेशी और सक्रिय कार्रवाई करने की भारत की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

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    केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) में अग्रिम चेतावनी प्रणाली (EWS) और अग्रिम कार्रवाई, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना और DRR के लिए वित्तीय प्रावधान आदि प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया। गृह राज्यमंत्री ने EWS के लिए आधुनिक तकनीकों जैसे Common Alerting Protocol (CAP) और Cell Broadcast Systems, Indian Tsunami Early Warning Centre (ITEWC) की स्थापना पर जोर दिया, जो अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के लिए हिंद महासागर के 25 देशों को सुनामी संबंधी सलाह प्रदान करता है।

    श्री नित्यानंद राय ने सतत विकास की आधारशिला के रूप में बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि भारत द्वारा की गई पहल, Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI), में अब 47 देश सदस्य हैं और यह आपदा रोधी बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता निर्माण प्रदान कर रहा है।

    गृह राज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में से एक है, जिन्होंने संस्थागत तंत्र के माध्यम से DRR के लिए dedicated वित्तीय प्रावधान किए हैं और भारत के 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (NDRMF) और राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि (SDRMF) के लिए 30 बिलियन अमरीकी डॉलर आवंटित किए हैं।

    source: http://pib.gov.in

  • Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel: विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें

    Governor Mangubhai Patel : पद्मभूषण डॉ. विजय पी. भटकर और डॉ. नरेन्द्र नाथ लाहा मानद उपाधि से सम्मानित

    • दीक्षांत समारोह में 126 गोल्ड मैडल, 297 पीएचडी एवं 397 स्नातकोत्तर उपाधियाँ प्रदान की गईं
    • जीवाजी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह
    Governor Mangubhai Patel ने कहा कि विद्यार्थी भावी जीवन में निरंतर सीखने की भावना जागृत रखें और “अन-लर्निंग, रि-स्किलिंग व अप-स्किलिंग” पर विशेष ध्यान दें। साथ ही यह संकल्प लें कि जीवन के उतार-चढ़ाव और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आदर्शों, ज्ञान और आचरण के उच्चतम प्रतिमानों का निष्ठा के साथ पालन करेंगे। राज्यपाल श्री पटेल ने यह बात जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कही। उन्होंने गोल्ड मैडल व उपाधियाँ प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों, उनके अभिभावक व गुरुजनों को बधाई दी और सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
  • CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: ‘कैच द रेन’ कैम्पेन से जल संचय को मिलेगा बढ़ावा

    CM Bhajanlal Sharma: जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान की जल परियोजनाएं हो रही साकार

    CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश में जल संचय के क्षेत्र में ’कैच द रेन’ कैम्पेन प्रधानमंत्री की अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि यह अभियान देश में जन आंदोलन बनेगा, जिससे जन भागीदारी बढ़ेगी और जल संचय होगा।
    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा रविवार को गुजरात के सूरत में जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की जल आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को नर्मदा का पानी उपलब्ध करवाया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य ईआरसीपी परियोजना का एमओयू तथा हरियाणा और राजस्थान के बीच यमुना जल समझौता हुआ। देवास परियोजना के तहत उदयपुर में जल उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

    राजस्थान में सदियों से जल संरक्षण एक परंपरा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में जल हमेशा से एक अनमोल संसाधन रहा है, इसलिए राजस्थान में जल संरक्षण एक परंपरा है। हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण की आवश्यकता को गहराई से समझा और सीमित संसाधनों में भी डिग्गी, कुंड और बावड़ी बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्थान में टांके, तालाब, खड़ीन, नाड़ियां, पाट और जोहड़ के माध्यम से वर्षा जल को सहजने का काम किया जा रहा है।

    ‘कैच द रेन’ कैम्पेन का राजस्थान को मिलेगा लाभ

    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचय के लिए महत्वपूर्ण अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जल संचय के लिए प्रवासी राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि के प्रति योगदान का निश्चय इस अभियान को मजबूती प्रदान करेगा। राजस्थान के हर जिले के प्रत्येक गांव में चार जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के लिए प्रवासी उद्यमियों का योगदान तय किया गया है। इससे जल संकट को दूर करने में मदद मिलेगी। यह अभियान आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाला है।

    मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत हो रहे जल संरक्षण के कार्य

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में इस अभियान के तहत 5 हजार से अधिक गांवों में 3 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से 1 लाख 10 हजार कार्य करवाये जा रहे हैं। यह अभियान राज्य में जल संरक्षण और जल स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस वर्ष अच्छी वर्षा होने से प्रदेश के बांध भरे हुए हैं।
    श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद जो परिवर्तन आया है, उसे सभी महसूस कर रहे हैं। देश में गरीब कल्याण की योजनाएं, विकास योजनाएं, आतंकवाद-नक्सलवाद का खात्मा और दुनिया में बढ़ता भारत का गौरव देश के हर नागरिक ने देखा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री गुजरात श्री भूपेन्द्र पटेल, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल, उप मुख्यमंत्री बिहार श्री सम्राट चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल, सांसद श्री लुम्बाराम चौधरी सहित वरिष्ठ अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी उपस्थित रहे।
  • CM Dr. Yadav: देश की प्रमुख नदियों का मायका है मध्यप्रदेश

    CM Dr. Yadav: देश की प्रमुख नदियों का मायका है मध्यप्रदेश

    CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश दो नदी जोड़ो परियोजनाओं को क्रियान्वित करने वाला देश पहला राज्य

    • जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन के उद्देश्य प्राप्ति के लिए म.प्र. कदम से कदम मिलाकर चलने को तत्पर
    • केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने जल संरक्षण और संवर्धन के लिए मध्यप्रदेश के प्रयासों को सराहा
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुजरात के सूरत में “जल संचय- जन भागीदारी- जन आंदोलन” कार्यक्रम को किया संबोधित

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि देश की प्रमुख नदियों का मध्यप्रदेश मायका है। मध्यप्रदेश की नर्मदा और ताप्ती नदी अपने मायके अर्थात मध्यप्रदेश को तो आनंदित और प्रफुल्लित करती ही है, साथ ही वह गुजरात को भी धन-धान्य से परिपूर्ण कर रही है। सोन नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के अमरकंटक से है, जो बिहार में गंगा जी से मिलती हैं और गंगा जी की धारा को समृद्ध करती है। मध्यप्रदेश से निकलने वाली चंबल नदी राजस्थान को जीवन प्रदान करती है यह नदियां मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी हैं। सूरत से आरंभ हुआ यह अभियान जीवन देने का अभियान है। उन्होंने कहा कि जल संचय- जन भागीदारी कार्यक्रम के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मध्यप्रदेश कदम से कदम मिलाकर चलने को तत्पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यों के परस्पर संबंधों की सौहाद्रता और नर्मदा जल की एक-एक बूंद का उपयोग सुनिश्चित करते हुए नर्मदा नदी का जल राजस्थान को भी उपलब्ध करने का मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पानी के लिए गुजरात में समस्या रहती है और उनकी सहायता करना हम सब का कर्तव्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राष्ट्रीय जल मिशन के अंतर्गत चल रहे “कैच द रेन “अभियान के तहत गुजरात के सूरत में “जल संचय- जन भागीदारी- जन आंदोलन” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

    जल संग्रहण के प्रतीक स्वरूप बड़े पात्र में जल अर्पित कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ

    उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षा जल संचयन को बढ़ाने और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जल संचय-जन भागीदारी-जन आंदोलन कार्यक्रम की पहल की थी। जल संरक्षण और जल संग्रहण को बढ़ावा देने की सकारात्मक पहल के तहत सूरत में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, वरिष्ठ जन-प्रतिनिधि, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय तथा राज्यों के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पुष्प-गुच्छ व अंगवस्त्रम भेंट कर तथा स्मृति-चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को “जल संचय -जन भागीदारी -जन आंदोलन कार्यक्रम” का संकल्प पत्र भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में विद्यमान अतिथियों ने जल संरक्षण और जल संग्रहण के प्रतीक स्वरूप बड़े पात्र में जल अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

    भारतीय सनातन संस्कृति में जल ही जीवन है का विचार सर्वमान्य

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारतीय सांस्कृतिक और पौराणिक संदर्भों का उल्लेख करते हुए कहा कि महादेव ने गंगा को जटाओं में धारण कर और भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत धारण कर जल संरक्षण के महत्व को दर्शाया। जिस प्रकार धरती पर मां गंगा को लाने में भागीरथ की भूमिका थी, इस प्रकार गंगाजल को सहेजने में केंद्रीय मंत्री श्री सी. आर. पाटिल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गुजरात की भूमि यश- कीर्ति और समृद्धि की भूमि है। भगवान श्रीकृष्ण को भी गुजरात स्थित द्वारका से ही यश प्राप्त हुआ। गुजरात ने ही देश को महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे राजनेता प्रदान किये। इसी क्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर है। विश्व में भारत की साख स्थापित हुई है और दुनिया के सभी देश प्रधानमंत्री श्री मोदी से मधुर और जीवंत संपर्क और संबंध बनाने के लिए आतुर रहते हैं। भारतीय सनातन संस्कृति में जल ही जीवन है का विचार सर्वमान्य है। सूरत में जल-संचयन और जल-संरक्षण पर आयोजित यह कार्यक्रम देश को नई दिशा और जन-जन को ऊर्जा प्रदान करेगा।

    मध्यप्रदेश में हुआ 10 हजार से अधिक पोखर, तालाब, कुएं, बावड़ी का जीर्णोद्धार

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना है, जहां नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत दो परियोजनाओं का क्रियान्वयन आरंभ हो रहा है। मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच केन-बेतवा नदी जोड़ो अभियान तथा मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य चंबल- पार्वती- काली सिंध लिंक परियोजनाएं शीघ्र ही मूर्त रूप लेंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगभग 3 हजार 500 गांव के 13 हजार से अधिक लोगों ने संकल्प लेकर जल गंगा अभियान के अंतर्गत जल भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए 10 हजार से अधिक पोखर, तालाब, कुएं, बावड़ी का जीर्णोद्धार किया।

    मध्यप्रदेशवासियों द्वारा भूजल संचयन के लिए संकल्पबद्ध होना अभिनन्दनीय : केंद्रीय मंत्री श्री पाटिल

    केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल ने नदी जोड़ो अभियान में मध्यप्रदेश द्वारा प्रदान किए जा रहे सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नदियों के जोड़ने की परियोजना शीघ्र ही आरंभ होगी। उन्होंने मध्यप्रदेशवासियों द्वारा जल-संरक्षण के क्षेत्र में की जा रही पहल की भी सराहना करते हुए कहा कि भू-जल संचयन के लिए मध्यप्रदेश के 3500 गांवों में 14 हजार बोर कराने का संकल्प लिया गया है जो अभिनन्दनीय है। कार्यक्रम को गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने भी संबोधित किया।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dhami ने परेड ग्राउंड देहरादून में दशहरा मोहत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

    CM Dhami ने परेड ग्राउंड देहरादून में दशहरा मोहत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

     इस अवसर पर CM Dhami ने हजारों की संख्या में लोगों का अभिनंदन करते हुए हुए दशहरे की शुभकामनाएं दीं।

    CM Dhami ने शनिवार को परेड ग्राउंड देहरादून में दशहरा मोहत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हजारों की संख्या में लोगों का अभिनंदन करते हुए हुए दशहरे की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दशहरा, असत्य पर सत्य, अधर्म पर धर्म और अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक पर्व है। दशहरा हमारी सांस्कृतिक धरोहर का अमूल्य हिस्सा है। उन्होंने कहा यह पर्व रावण जैसे अहंकारी और अधर्मी के अंत और भगवान श्रीराम के आदर्श जीवन के गुणों का स्मरण कराता है। सच्चाई, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलकर हमेशा बुराई पर अच्छाई की ही जीत होती है। उन्होने कहा अहंकार में रावण और उसकी लंका जलकर खाक हो गई थी।
    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दशहरे के त्योहार पर हम सभी को अपने अंदर की बुराइयों का त्याग कर सत्य, धर्म और मानवता की राह पर चलने का संकल्प भी लेना है। उन्होने कहा भगवान श्री राम ऐसे आदर्श व्यक्ति हैं जो त्याग, समर्पण, न्याय, करुणा और कर्तव्य के प्रतीक के रूप में पूजे जातें हैं। एक राजकुमार होते हुए भी उन्होंने जंगल में जीवन बिताया, कई कठिनाइयों का सामना किया और अपनी सेना का गठन कर लंका पर विजय प्राप्त की। उनका आदर्श जीवन हमें विपरीत परिस्थितियो में भी अपने सिद्धांतों और वचनों का पालन करना सिखाता है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कई ऐसे स्थान हैं जो भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी से संबंधित घटनाओं के साक्षी रहे हैं। भगवान हनुमान, चमोली जिले के द्रोणागिरी पर्वत से ही संजीवनी लेकर आए थे। भगवान श्रीराम के कुल गुरू वशिष्ठ जी की तपस्थली भी ऋषिकेश में स्थित है। उन्होंने कहा राज्य के कोनेकोने में राम लीलाएं होती हैं। हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संरक्षण ही हमें एकजुट और सशक्त बनाती हैं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कर सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा अयोध्या की पावन भूमि पर जल्द ही राज्य सरकार उत्तराखंड राज्य अतिथि गृह का निर्माण करने जा रही है। राज्य सरकार ने पौलगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का नाम बदलकर माँ सीता के नाम पर ‘‘सीतावनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी’’ रखा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार उत्तराखंड के देव स्वरूप को सुरक्षित बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होने कहा कि राज्य में किसी भी प्रकार से डेमोग्राफी चेंज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पवित्र भूमि का सनातन स्वरूप सदा के लिए सुरक्षित रहेगा और उत्तराखंड का पवित्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत, सदैव संरक्षित रहेगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, राज्य सभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री खजान दास , विधायक श्रीमती सविता कपूर, श्री संतोष नागपाल, श्री गगन सेठी, श्रीमती नेहा जोशी, श्री पुनीत मित्तल, श्री अशोक वर्मा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
  • Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: मोबाईल पशु चिकित्सा सेवा के लिए कॉल सेंटर का लोकार्पण

    Joram Kumawat: सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित: जोराराम कुमावत

    पशुपालन, गोपालन, डेयरी और देवस्थान मंत्री Joram Kumawat ने कहा कि हमारी सरकार पशुओं तथा पशुपालकों के विकास के प्रति कृतसंकल्पित है और बहुत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्होंने बुधवार को आगरा रोड स्थित राजस्थान राज्य पशुधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान में मोबाईल वेटेरिनरी इकाइयों के लिए कॉल सेटर के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि कॉल सेंटर का संचालन निश्चित रूप से विभाग के लिए एक बहुत ही सराहनीय कदम है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य मंत्री, पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह विभाग श्री जवाहर सिंह बेढम उपस्थित रहे। 
    श्री जोराराम कुमावत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा को धन्यवाद देते हुए कहा कि मोबाईल पशु चिकित्सा एवं कॉल सेंटर पशुधन और पशुपालकों के लिए एक बहुत बड़ी भेंट और सुविधा है। कॉल सेंटर की सुविधा शुरू होने से घर पर ही पशुओं का इलाज मिलना शुरू हो जाएगा जिससे पशुपालकों के  समय और पैसे दोनों की बचत होगी। श्री कुमावत ने कहा कि  मंगला पशु बीमा योजना की क्रियान्विति भी जल्द शुरू की जाएगी।
    पशुपालन, गोपालन, मत्स्य एवं गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का एक जरिया पशुपालन है इसीलिए पशु को पशुधन कहा गया है। पशुपालन के माध्यम से हमारे ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था नियमित रहती है। उन्होंने कहा कि पशुपालक के घर पर पशुओं के लिए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना एक उपयोगी पहल है।
    इस अवसर पर शासन सचिव पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ समित शर्मा ने कहा कि कॉल सेंटर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करते हुए पशुधन और पशुपालकों को अधिक से अधिक संख्या में लाभ पहुंचाना इस योजना का उद्देश्य है। आने वाले 6 महीनों में पशुपालन विभाग प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ तीन विभागों में होगा, ऐसा हमारा प्रयास है। उन्होंने कॉल सेंटर पर वीडियो कॉलिंग की सुविधा शुरू करने के लिए भी बीआइएफएल के अधिकारियों को सुझाव दिया।
    कार्यक्रम के आरंभ में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा द्वारा 161934 शिविरों के माध्यम से 27.48 लाख से अधिक पशुओं का उपचार करते हुए लगभग 6.86 लाख पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है। कार्यक्रम को बीएफआईएल के प्रतिनिधि श्री किशोर संभशिवम ने भी संबोधित किया। अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ हेमंत पंत ने किया।
    कार्यक्रम में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की सेवा प्रदाता फर्म से श्री सुनील अग्रवाल और श्री महेश गुप्ता, बीएफआईएल से श्री असद और श्री अमन, श्री प्रहलाद नागा निदेशक गोपालन, डॉ प्रकाश भाटी, डॉ सुरेश मीना, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ तपेश माथुर सहित बड़ी संख्या में विभाग के अधिकारी और पशुपालक उपस्थित थे।
  • CM Dr. Yadav: चंबल की पवित्र भूमि में बहायेंगे विकास की गंगा

    CM Dr. Yadav: चंबल की पवित्र भूमि में बहायेंगे विकास की गंगा

     CM Dr. Yadav: 35 करोड़ के सीएम राइज़ स्कूल का किया भूमि-पूजन

    • सुरजनपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का किया उद्घाटन
    • स्व. अमर सिंह डण्डोतिया की समाधि पर पुष्प अर्पित किये

     CM Dr. Yadav ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिये हरसंभव कार्य किये जा रहे हैं। चंबल की पवित्र भूमि में विकास की गंगा बहेगी। चंबल का कोई भी क्षेत्र विकास के किसी भी पहलू में पीछे नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुरैना के सुरजनपुर में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यहाँ 35 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सीएम राइज़ स्कूल का भूमि-पूजन और लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि दिमनी में 2 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक भवन बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुरजनपुर में स्व. अमर सिंह डण्डोतिया की समाधि पर पुष्प अर्पित किये।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और क्षेत्रीय सांसद ने इस क्षेत्र के लिये जो मांगे रखी है, उन सभी मांगो को पूर्ण करने की घोषणा की जाती है। दिमनी में 2 करोड़ की लागत से सामुदायिक भवन, क्वारी नदी को रोककर कमतरी बिरहरूआ-गोपी कंचनपुर के मध्य बांध निर्माण कार्य, बड़ेगांव से महेबा का पुरा होकर अजनौधा बाया सिरमिती डोंगरपुर मार्ग, दोहाटी, बरगमां, कटेलापुरा पी.डब्ल्यू.डी. मार्ग पर क्वारी नदी पर पुल निर्माण कार्य, ग्राम चैटा बरैथा में 33/11 के.वी. सब स्टेशन निर्माण कार्य, ग्राम नयापुरा खिरेंटा में 33/11 के.वी. सब स्टेशन निर्माण कार्य, ग्राम लहर में 33/11 के.वी. सब स्टेशन निर्माण कार्य की घोषणा की है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति-2020 तय की गई थी, जिसमें भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और महापुरूषों की जीवनी शामिल की गई है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रदेश में प्रभावी रूप से लागू किया गया है। मुरैना का यह क्षेत्र मथुरा के नजदीक है। इस क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहे। मुरैना से मथुरा ज्यादा दूर नही है, जल्दी ही यहाँ नया सिक्स लेन रोड बनना शुरू हो जायेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुरजनपुर के साथ दिमनी की भूमि को पवित्र भूमि बनाना है। यह कर्मशील लोगों की भूमि है। दिमनी विधानसभा के वर्तमान विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष और हमारी पार्टी के दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे श्री नरेंद्र सिंह तोमर की कर्मभूमि है। साथ ही हमारे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री वी.डी. शर्मा की जन्मभूमि है। यहां आकर हमको ऐसा लगा कि इस भूमि में अलग ही बात है। यहां की मिट्टी की खुशबू में भी एक अलग ही प्रकार की ऊर्जा महसूस हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं स्वर्गीय अमर सिंह डंडोतिया जी को भी नमन करता हूं। उन्होंने अपने सपूत को पूर्णकालिक रूप से देश की सेवा के रूप में सौंप दिया है। दिमनी की भूमि एक की कर्म-भूमि है और एक की जन्म-भूमि है। इस भूमि पर आकर जब मैं श्री बीडी शर्मा के घर गया तो उनकी माताजी से मिल कर मुझे अपनी मां की याद आ गई। मैं यहाँ आकर अपने आप को गौरांवित महसूस कर रहा हूं।

    विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि ग्राम सुरजनपुर में सीएम राइज स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुलने से इस क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा और बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा ग्रहण करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यो में प्रदेश सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। विकास कार्य किसी से छिपे नहीं है।

    उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रभारी मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह और सांसद श्री शिवमंगल सिंह तोमर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर श्री हितानंद, विधायक, जन-प्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org


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