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  • केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़ संकल्पित हैं

    • ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मारक’ की यह शिला जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, देशभक्ति व सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक
    • अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों का देश सदैव ऋणी रहेगा
    • पुलिसकर्मियों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है
    • मोदी सरकार स्वास्थ्य, आवास, छात्रवृत्ति से संबंधित अनेक वेलफेयर योजनाएँ पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों के लिए लेकर आई है
    • मोदी जी द्वारा जवानों के बलिदान के सम्मान में बनवाया गया ये पुलिस स्मारक युवाओं को प्रेरणा देगा व नागरिकों को स्मरण कराएगा कि देश आज सुरक्षित है तो इसके पीछे हज़ारों जवानों का बलिदान है
    • विगत एक दशक में सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण ही वामपंथी उग्रवाद, कश्मीर और उत्तर-पूर्व में दशकों से फैली अशांति समाप्त हुई
    • ड्रोन, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास जैसी चुनौतियां देश के सामने खड़ी हैं
    • खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने टिक नहीं सकेंगी
    • जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है
    • आज ही के दिन 1959 में CRPF के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी, इसीलिए इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) श्री तपन कुमार डेका, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस बलों के जवान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथू तक देश की सीमाओ को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों के जवान दिन-रात, उत्सव और आपदा, भीषण गर्मी, बारिश या शीतलहर के दौरान सीमाओं पर अडिग रहकर हमारी और सीमाओं की सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस स्मारक के मध्य में स्थापित शिला हमारे जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, उनकी प्रखर देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान देने की उनकी उत्कंठा की प्रतीक है। गृह मंत्री ने कहा कि आज ही के दिन 1959 में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी और इसीलिए हम इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद निर्णय लिया कि दिल्ली के मध्य में इन जवानों के बलिदान के सम्मान में एक पुलिस स्मारक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ये पुलिस स्मारक हमारे युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा और नागरिकों को ये स्मरण कराता रहेगा कि आज हम सुरक्षित हैं और विकास के रास्ते पर चल रहे हैं, तो इसके पीछे इन हज़ारों जवानों का सर्वोच्च बलिदान है। उन्होंने कहा कि 36,468 पुलिस बलों के कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 216 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं और हमारा देश इन जवानों का सदैव ऋणी रहेगा।

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में हमारे पुलिस बलों द्वारा सर्वोच्च बलिदान देने की एक परंपरा रही है। हमारा गौरवशाली इतिहास भी रहा है कि हिमालय की बर्फीली दुर्गम चोटियों से लेकर, कच्छ और बाड़मेर के विषम मरुस्थलों और विशाल सागर की निर्भीक होकर रक्षा करने वाले जवान ही देश को सुरक्षित रखते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर-पूर्व में दशकों से अशांति का माहौल था लेकिन पिछले एक दशक में हमारे सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण हम इन जगहों पर शांति स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। ड्रोन के उभरते खतरे, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाएं भड़काने के षडयंत्र, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसी चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। श्री शाह ने कहा कि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने वो टिक नहीं सकेंगी।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि देश की संसद द्वारा पारित किए गए 3 नए आपराधिक कानूनों पर देश के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में अमल शुरू हो चुका है। इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी। देश के किसी भी कोने में दर्ज हुए अपराध में सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से निजात दिलाने का रास्ता इन 3 नए कानूनों के क्रियान्वयन में है।

    श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई है। आयुष्मान CAPFs के माध्यम से 41 लाख से अधिक कार्ड वितरित कर लगभग 1422 करोड़ रूपए के 13 लाख दावों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानऔर उनके परिजन देश में कहीं पर भी हों इस कार्ड के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की चिंता हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि हमने हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार ने 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13,000 घरों और 113 बैरक के निर्माण को मंज़ूरी दी थी, जिनमें से मार्च, 2024 तक 11,276 घरों और 111 बैरक का निर्माण पूरा हो चुका है। सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल से खाली पड़े घरों को भी आवंटित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना हमारे पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आशीर्वाद साबित हुई है। इसके साथ ही, सीएपीएफकर्मियों के आश्रितों के लिए MBBS में 26 और BDS में 3 सीटें भी आरक्षित की हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अनुग्रह राशि को बढ़ाकर एकमुश्त मुआवज़ा देने से हमारे जवानों के परिजनों को काफी राहत मिलती है।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे पुलिसकर्मी, विशेषकर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), के सभी जवान कानून व्यवस्था और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा भी कई अन्य काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 तक CAPFs के जवानों ने लगभग 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और वे अपने बच्चे की तरह उन पौधों की देखभाल कर रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमांत ज़िलों में भारत सरकार और राज्य सरकारों की सभी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। गृह मंत्री  ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणो की आहुति देने वाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इन जवानों के बलिदान के कारण देश की सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी और 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि आज़ादी की शताब्दी के समय भी कृतज्ञ राष्ट्र इन जवानों के बलिदान को नतमस्तक होकर सदैव याद रखेगा।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Pushkar Dhami ने वर्चुअल माध्यम से लालकुआंबांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

    CM Pushkar Dhami ने वर्चुअल माध्यम से लालकुआंबांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

     CM Pushkar Dhami ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से लालकुआंबांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

    CM Pushkar Dhami ने सोमवार को वर्चुअल माध्यम से लालकुआंबांद्रा सुपरफास्ट ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा कैंची धाम के आशीर्वाद से आज लालकुंआ से बांद्र के मध्य ट्रेन संचालन का स्वप्न पूरा हुआ है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया। इन्होंने कहा कि इस ट्रेन के संचालन से रामपुर, मुदादाबाद, गाजियाबाद, हजरत निजामुदीन, मथुरा, सवाई माधोपुर, कोटा, वडोदरा सूरत जैसे रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों को को यात्रा करने का आसानी से विकल्प मिलेगा।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लालकुआंबांद्रा रेल सेवा शुरू होने से बाबा कैंची धाम, जागेश्वर और अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का एक बेहतर विकल्प मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की ओर आगे बढ़ रहे हैं। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक के रूप में वंदेभारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेन, रेल नेटवर्क का हिस्सा बनी हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के सहयोग से पहाड़ तक ट्रेन पहुंचने का स्वप्न ऋषिकेशकर्णप्रयाग रेल लाइन बनने के साथ ही पूर्ण हो जायेगा। टनकपुरबागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है, जल्द ही इसमें भी कार्य शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्त्राखण्ड से काशी, अयोध्या और अन्य प्रमुख शहरों के लिए रेल सेवा के और विस्तार के लिए प्रयास किये जायेंगे। आज हमारी डबल इंजन की सरकार प्रदेश के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अनेक योजनाओं को धरातल पर उतार रही है।

    प्रदेश की देवतुल्य जनता के सहयोग से उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। सांसद श्री अजय भट्ट ने कहा कि यहां के लोगों की यह बहुत पुरानी मांग थी कि लालकुआं से मुंबई को सीधे रेल सेवा सुचारू हो, जो आज पूर्ण हुई है। इसके रेल सेवा के संचालन से पूरे कुमाऊं क्षेत्र के लोगों के साथ ही यहां के विभिन्न धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों के दर्शनार्थियों व पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब सप्ताह में तीन रेल गाड़ियां रामनगर, हल्द्वानी और अब लालकुआं से मुम्बई के लिए जा रही हैं, जिसका लाभ यहां के पर्यटक क्षेत्रों को भी मिलेगा। लालकुआं बान्द्रा टर्मिनल के मध्य नई ट्रेन सं० 22544 सोमवार को लालकुआ से सुबह 07ः45 बजे प्रस्थान कर रूद्रपुर सिटी, रामपुर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, हजरत निजामुद्दीन, मथुरा, कोटा, बडोदरा, सूरत होते हुए हुए अगले दिन मंगलवार को प्रातः 08ः30 बजे बान्द्रा टर्मिनस पहुंचेगी तथा वापसी में बान्द्रा टर्मिनस से सुबह 11ः00 बजे मंगलवार को प्रस्थान कर लालकुओं अगले दिन बुधवार 13ः15 बजे लालकुओं पहुंचेगी ।

    इस गाड़ी में यात्रियों की सुविधा के लिए 2 एसी के 01 कोच, 3 एसी के 02 कोच, एसी इकोनॉमी श्रेणी के 03 कोच तथा स्लीपर क्लास के 06 कोच, सामान्य श्रेणी के 04. कोच से संचालित होगी। इस गाड़ी में सभी कोच एलएचबी के लगाये गये हैं जो कि यात्रियों के लिए सुविधाजनक एवं संरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त हैं। इस अवसर पर विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक श्री नवीन दुमका, जिलाध्यक्ष श्री प्रदीप बिष्ट, श्री दीप कोश्यारी और डी.आर.एम श्रीमती रेखा यादव उपस्थित थे।

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  • पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं।

    पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं।

    CM Pushkar Dhami: पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में रू0 100 करोड़ की राशि आवंटित की जायेगी

    पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर CM Pushkar Dhami ने की 04 घोषणाएं। पुलिस कार्मिकों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में रू0 100 करोड़ की राशि आवंटित की जायेगी। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के पौष्टिक आहार भत्ते में 100 रुपये की वृद्धि की जायेगी। उत्तराखण्ड पुलिस विभाग में कार्यरत निरीक्षकों और सहायक उप निरीक्षकों के वर्दी भत्ते में 3500 रुपये की वृद्धि की जायेगी। 9,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर तैनात पुलिस और एस.डी.आर.एफ. कर्मियों को प्रदान की जा रही उच्च तुंगता भत्ता 200 रूपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 300 रूपये प्रतिदिन किया जायेगा।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अर्द्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानूनव्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिसकर्मी शहीद हुए, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 04 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है। राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस वर्ष 1100 से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है। हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर “महिला हैल्प डेस्क” के अन्तर्गत ‘क्यूआरटी’ का गठन किया गया है। बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 50 प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है। जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 150 करोड़ से अधिक की लागत से 380 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 202324 में 42 करोड़ की लागत से 05 पुलिस थानों 02 पुलिस चैकियों, 02 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

    पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 1105 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा एस0डी0आर0एफ0 की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया। 06 थानों व 21 पुलिस चैकियों के क्रियान्वयन हेतु 327 पद स्वीकृत किये गये, पी0पी0एस0 के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया। उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है तथा 2000 सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी।

    इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चैहान, विधायक श्री विनोद चमोली, श्री मुन्ना सिंह चैहान, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव गृह श्री शैलेश बगोली, डीजीपी श्री अभिनव कुमार एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता को किया कम

    • मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास – एडमिरल दिनेश त्रिपाठी
    • 3 ईएमई सेंटर में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को किया संबोधित

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक के नवीनतम हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण में वर्तमान सेना की नींव रखी है। जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है। भारत के साथ और भी देश आजाद हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र यदि जीवित है तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव हुआ है। सेना ने देश की सीमाओं की रक्षा कर लोकतंत्र को जीवित रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया।

    मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहाँ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। सहायता राशि का आधा अंश शहीद की पत्नी को और आधा अंश आश्रित माता-पिता को दिया जाएगा। शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न शौर्य एवं विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों एवं उनके आश्रितों को सर्वाधिक सम्मान राशि दी जाती है। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

    भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ सहित विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने कानिर्णय लिया गया है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।

    म.प्र. ने देश को अब तक दिए 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का रहा है। मध्यप्रदेश ने देश को अब तक 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र दिए है। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। यह सम्मान समारोह भूतपूर्व सैनिकों के समर्पण, योग्य नेतृत्व और योगदान को समर्पित है। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों को सेना में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

    भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक

    सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टीनेन्ट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हमेशा सकारात्मक मानसिकता, कल्याणकारी कार्य को सदैव हां और करने को तत्पर रहते है। श्री सिंह ने सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया।

    द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों और भोपाल के अमर शहीदों के परिजन का किया सम्मान

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों का सम्मान किया। उन्होंने नं. 561सिपाही स्व. मुशीर अहमद की पत्नि श्रीमती फातमा बी, नं. 2659 सिपाही स्व. मो. सईद खान की पत्नि श्रीमती रईसा बेगम और नं. 451 सिपाही मो. सरीफ की पत्नि श्रीमती नफीसा बी का सम्मान कर उनका आशीर्वाद भी लिया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की अमर शहीदों के परिजन को भी सम्मानित किया। सम्मानित हुए परिजनों में कैप्टन स्व. देवाशीष शर्मा, कीर्तिचक्र (मरणोपरान्त) की माताजी श्रीमती निर्मला शर्मा, मेजर स्व. अजय कुमार, सेना मेडल (मरणोपरान्त) के पिता श्री आर.एन. प्रसाद, ग्रुप केप्टन स्व. वरुण सिंह, (शौर्यचक्र) के पिता सेवानिवृत्त कर्नल के.पी. सिंह, सीएफएन स्व. रामस्वरूप की पत्नि श्रीमती सविता देवी, सिगनलमेन स्व. रमेश कुमार की पत्नि श्रीमती लक्ष्मी बाई और नायक स्व. दिनेश चंद्र की पत्नि श्रीमती गुनमाला देवी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान, देश के प्रति सेवा और समर्पण को सदैव स्मरण किया जाएगा।

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Nitish Kumar: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए

    CM Nitish Kumar: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए

    CM Nitish Kumar: प्रधानमंत्री ने दरभंगा हवाई अड्डे के नए सिविल एन्क्लेव का किया शिलान्यास

    प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश भर में 6,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागतवाली 7 एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के विकास के तहत दरभंगा हवाई अड्डे के नए सिविल एन्क्लेव का वाराणसी के सिगरा स्टेडियम से रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। आज के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा दरभंगा, वाराणसी, आगरा एवं बागडोगरा हवाई अड्डा का शिलान्यास किया गया जिसमें 912 करोड़ रुपये की लागत की दरभंगा के टर्मिनल भवन एवं सिविल एन्क्लेव का शिलान्यास कार्य शामिल है। इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पटना के 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से CM Nitish Kumar शामिल हुए।

    शिलान्यास करने के पश्चात् कार्यक्रम को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने नए टर्मिनल का शिलान्यास करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देते हुये कहा कि इस एयरपोर्ट के विकास से मिथिला क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर बिहार के जिलों का भी विकास होगा। नये टर्मिनल के लिये राज्य सरकार ने 76.65 एकड़ भूमि भारत सरकार को उपलब्ध करा दी है। इस एयरपोर्ट के निर्माण कार्य में और जो भी सहयोग की आवष्यकता होगी, राज्य सरकार करेगी। ज्ञातव्य है कि दरभंगा हवाई अड्डा के निर्माण हेतु बिहार सरकार द्वारा कुल 76.85 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान में इस हवाई अड्डा के भवन से प्रत्येक दिन 1500 यात्री जाते हैं एवं 10 विमान की सेवा संचालित है। नवंबर 2020 में नागर उड़ानों की शुरूआत के बाद से दरभंगा में हवाई यातायात 21,66,567 यात्रियों को पार कर गया है। दरभंगा हवाई अड्डा भारतीय वायुसेना के अधीन है और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण भारतीय वायुसेना द्वारा पट्टे पर ली गई 4.72 एकड़ भूमि पर एक अंतरिम सिविल एन्क्लेव कार्यरत है। यहां 2.27 करोड़ रुपए की लागत से व्यू कटर एवं रन-वे फेंसिंग का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। एयरपोर्ट टर्मिनल से सीधे एस0एच0-105 को जोड़ने हेतु 308.50 लाख रुपये की लागत से 21 मीटर लंबा 2 लेन आर0सी0सी0 पुल का निर्माण कराकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तगत करा दिया गया है, जिस पर यातायात शुरु हो गया है। इस पुल के ऊपर धूप एवं बरसात से बचने के लिए 56 लाख रुपये की लागत से शेड का निर्माण भी कराया गया है।

    वर्तमान में संचालित इस एयरपोर्ट से प्रतिदिन 1,500 यात्री जाते हैं जिसे बढ़ाकर 8,000 किया जाना है। वर्तमान में 10 विमानों की सेवा प्रतिदिन संचालित है, जिसे बढ़ाकर 50 किया जाना है। वर्तमान में रनवे 9,000 फीट है जिसे बढ़ाकर 12000 फीट करना है। वर्तमान 1,400 वर्गमीटर टर्मिनल भवन का विस्तार 51800 वर्गमीटर में किया जाना है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय कार्यपालक निदेषक पूर्वी क्षेत्र श्रीमती निवेदिता दूबे ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा एवं अंगवस्त्र तथा पाग भेंटकर स्वागत किया।

    कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, सांसद श्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, नगर विमानन के निदेषक श्री निलेष राम चन्द्र देवरे, क्षेत्रीय कार्यपालक निदेषक पूर्वी क्षेत्र श्रीमती निवेदिता दुबे, महाप्रबंधक (अभि0) पूर्वी क्षेत्र श्री सुनील कुमार चिंडालिया, विमानपतन निदेषक, पटना हवाई अड्डा श्री उमा शंकर सहित अन्य एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारीगण भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे, जबकि दरभंगा एयरपोर्ट से राज्यपाल श्री राजेंद्र विष्वनाथ आर्लेकर, उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डे, सांसद श्री गोपाल जी ठाकुर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।

    source: http://bihar.gov.in

  • UP News: प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 90 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

    UP News: प्रधानमंत्री ने वाराणसी में 90 करोड़ रु0 की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया

    UP News: वाराणसी में लगभग 2,500 करोड़ रु0 की लागत से केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य सम्पन्न हुए

    • अब काशी, पूर्वांचल सहित उ0प्र0 के बड़े आरोग्य केन्द्र, हेल्थकेयर हब के रूप में विख्यात हो रही: प्रधानमंत्री
    • हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा व नए संसाधानों के साथ नवजीवन-दायिनी बन रही
    • आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक केन्द्र कार्य कर रहे, 10 वर्षों में पूर्वांचल के प्राथमिक और सामुदायिक केन्द्रों में 10 हजार से अधिक नए बेड जोड़े गए, 5,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए
    • बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, सरकार साफ-सफाई, योग-आयुर्वेद, पोषक खान-पान आदि विषयों पर खास ध्यान दे रही
    • आज देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स और आधुनिक लैब्स का नेटवर्क बनाया जा रहा
    • आज देश के हर नागरिक का बीमारी के इलाज में होने वाला औसत खर्च 25 प्रतिशत तक कम हो गया
    • पी0एम0 जन औषधि केन्द्रों में लोगों को 80 प्रतिशत डिस्काउण्ट के साथ दवाइयां मिल रहीं, हार्ट स्टेण्ट, घुटना इम्प्लाण्ट, कैंसर की दवाओं की कीमत बहुत कम की गई
    • गरीबों को 05 लाख रु0 तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना संजीवनी साबित हुई, देश में अब तक साढ़े 07 करोड़ से अधिक मरीज मुफ्त इलाज का लाभ ले चुके, अब यह सुविधा देश के हर परिवार के बुजुर्ग को मिलने लगी
    • आगामी 05 वर्षों में 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी
    • 30 करोड़ से ज्यादा लोग ई-संजीवनी ऐप की मदद से कंसल्टेशन ले चुके
    • शंकरा आई फाउण्डेशन नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का देश का एक प्रतिष्ठित अभियान: मुख्यमंत्री
    • प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा, नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत 10 वर्षों में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा

    पं0 मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, बी0एच0यू0 में 430 बेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल में 100 बेड एम0सी0एच0 विंग और ई0एस0आई0सी0 हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण वाराणसी में हुआ

    वाराणसी में पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण, जिला महिला चिकित्सालय कबीर चौरा में 100 बेड मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य सम्पन्न हुए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 15,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के माध्यम से गांव स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य व ट्रेडिशनल मेडिसिन की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज वाराणसी में 90 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आर0 झुनझुनवाला शंकरा आई हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, श्री कांची कामकोटि पीठम के शंकराचार्य जगद्गुरु श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती उपस्थित थे। प्रधानमंत्री जी ने आई हॉस्पिटल का उद्घाटन करने के बाद पूरे परिसर एवं व्यवस्था का निरीक्षण भी किया।

    प्रधानमंत्री जी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि काशी की पहचान अनन्तकाल से धर्म और संस्कृति की राजधानी के रूप में रही है। अब काशी, पूर्वांचल सहित उत्तर प्रदेश के बड़े आरोग्य केन्द्र, हेल्थकेयर हब के रूप में भी विख्यात हो रही है। बी0एच0यू0 में ट्रॉमा सेण्टर हो, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हो, दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और कबीरचौरा अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाना हो, बुजुर्गों के लिए, सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष अस्पताल हो, मेडिकल कॉलेज हो, ऐसे अनेक कार्य काशी में बीते एक दशक में हुए हैं। आज बनारस में कैंसर के इलाज के लिए भी आधुनिक अस्पताल है। पहले जिन मरीजों को दिल्ली-मुम्बई जाना पड़ता था, आज वह यहीं अच्छा इलाज करा पा रहे हैं। आज बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों से भी हजारों लोग यहां उपचार के लिए आते हैं। हमारी मोक्षदायिनी काशी अब नई ऊर्जा के साथ, नए संसाधानों के साथ नवजीवन-दायिनी भी बन रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि शंकराचार्य जी के आशीर्वाद से ही काशी और पूर्वांचल को एक और आधुनिक अस्पताल मिला है। भगवान शंकर की नगरी में शंकरा आई हॉस्पिटल आज से जन-जन के लिए समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। यह हॉस्पिटल वाराणसी और इस क्षेत्र के आने वाले लोगों के जीवन से अंधकार दूर करेगा और उन्हें प्रकाश की ओर ले जाएगा। यह अस्पताल एक प्रकार से आध्यात्मिकता व आधुनिकता का संगम है। अस्पताल बुजुर्गों की सेवा करेगा और बच्चों को भी नई रोशनी देगा। बड़ी संख्या में बच्चों को निःशुल्क इलाज मिलने वाला है। युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। मेडिकल कॉलेज के छात्र इण्टर्नशिप व प्रैक्टिस कर पाएंगे। काशीवासियों को वाराणसी में ही शंकरा आई हॉस्पिटल और चित्रकूट आई हॉस्पिटल जैसे दो नए आधुनिक संस्थान मिलने जा रहे हैं।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय वाराणसी समेत पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को नजरअंदाज किया गया। हालत यह थी कि 10 साल पहले पूर्वांचल में दिमागी बुखार के इलाज के लिए ब्लॉक स्तर पर उपचार केन्द्र तक नहीं थे। बच्चों की मृत्यु होती थी, मीडिया में हो हल्ला होता था। लेकिन पहले की सरकारें कुछ नहीं करती थीं। बीते दशक में, काशी ही नहीं, पूर्वांचल के पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आज पूर्वांचल में दिमागी बुखार का इलाज करने के लिए 100 से अधिक ऐसे केन्द्र कार्य कर रहे हैं। 10 वर्षों में पूर्वांचल के प्राथमिक और सामुदायिक केन्द्रों में 10 हजार से अधिक नए बेड जोड़े गए हैं। 10 सालों में पूर्वांचल के गांवों में 5,500 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए हैं। 10 साल पहले पूर्वांचल के जिला अस्पतालों में डायलिसिस तक की सुविधा नहीं थी। आज 20 से अधिक डायलिसिस यूनिट्स कार्य कर रही हैं। जहां मरीजों को यह सुविधा मुफ्त मिल रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि 21वीं सदी के नए भारत ने हेल्थकेयर के प्रति पुरानी सोच और अप्रोच को बदल दिया है। आज आरोग्य से जुड़ी भारत की रणनीति के पांच स्तम्भ हैं। पहला-प्रिवेण्टिव हेल्थकेयर, यानि बीमारी होने से पहले का बचाव। दूसरा-समय पर बीमारी की जांच। तीसरा-मुफ्त और सस्ता इलाज, सस्ती दवाएं। चौथा-छोटे शहरों में अच्छा इलाज, डॉक्टरों की कमी दूर करना। और पांचवां-स्वास्थ्य सेवा में टेक्नॉलॉजी का विस्तार।

    किसी भी व्यक्ति को बीमारी से बचाना, भारत की स्वास्थ्य नीति की बड़ी प्राथमिकता व स्वास्थ्य क्षेत्र का पहला स्तम्भ है। बीमारी, गरीब को और गरीब बनाती है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। एक गम्भीर बीमारी, इन्हें फिर से गरीबी के दलदल में धकेल सकती है। इसलिए बीमारी हो ही नहीं, इस पर सरकार बहुत जोर दे रही है। इसलिए हमारी सरकार साफ-सफाई, योग-आयुर्वेद, पोषक खान-पान इन सारे विषयों पर खास ध्यान दे रही है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हम टीकाकरण अभियान को भी ज्यादा से ज्यादा घरों तक ले गए हैं। 10 साल पहले तक यह स्थिति थी कि देश में टीकाकरण का कवरेज 60 प्रतिशत के आसपास ही था। यानि करोड़ों बच्चे तो टीकाकरण के दायरे में ही नहीं थे। और टीकाकरण का यह दायरा हर साल सिर्फ एक, डेढ़ प्रतिशत की गति से बढ़ रहा था। अगर ऐसा ही चलता रहता तो हर क्षेत्र को, हर बच्चे को टीकाकरण के दायरे में लाने में 40-50 साल और लग जाते। इसलिए सरकार बनने के बाद हमने बहुत ही बड़ी प्राथमिकता बच्चों के टीकाकरण को दी, उसकी कवरेज बढ़ाने को दी। सरकार ने मिशन इन्द्रधनुष शुरू किया। एक साथ कई मंत्रालयों को इस कार्य में लगाया। नतीजा यह आया कि न केवल टीकाकरण कवरेज की दर बढ़ी, बल्कि ऐसी करोड़ों गर्भवती महिलाओं का, करोड़ों बच्चों का टीकाकरण हुआ, जो पहले इससे छूट जाते थे। भारत ने टीकाकरण पर जो जोर दिया, उसका बहुत बड़ा फायदा हमें कोरोना के दौरान मिला। आज पूरे देश में टीकाकरण का अभियान तेजी से चल रहा है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बीमारी से बचाव के साथ ही यह भी जरूरी है कि बीमारी का समय पर पता चल जाए। इसलिए ही देशभर में लाखों आयुष्मान आरोग्य मन्दिर बनाए गए हैं। इससे कैंसर-डायबिटीज़ जैसी अनेक बीमारियों का शुरुआत में ही पता लगना सम्भव हुआ है। आज देश में क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स और आधुनिक लैब्स का नेटवर्क भी बनाया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र का यह दूसरा स्तम्भ, लाखों लोगों की जान बचा रहा है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य का तीसरा स्तम्भ-सस्ता इलाज, सस्ती दवा का है। आज देश के हर नागरिक का बीमारी के इलाज में होने वाला औसत खर्च 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। पी0एम0 जन औषधि केन्द्रों में लोगों को 80 प्रतिशत डिस्काउण्ट के साथ दवाइयां मिल रही हैं। हार्ट स्टेण्ट हों, घुटना इम्प्लाण्ट हों, कैंसर की दवाएं हों, इनकी कीमत बहुत कम की गई है। गरीबों को 05 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने वाली आयुष्मान योजना, उनके लिए संजीवनी साबित हुई है। देश में अब तक साढ़े 07 करोड़ से अधिक मरीज, मुफ्त इलाज का लाभ ले चुके हैं। अब यह सुविधा देश के हर परिवार के बुजुर्ग को भी मिलने लगी है।

    प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र का चौथा स्तम्भ, इलाज के लिए दिल्ली-मुम्बई जैसे बड़े शहरों पर निर्भरता कम करने वाला है। एम्स हो, मेडिकल कॉलेज हो, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल हों, बीते दशक में छोटे शहरों तक ऐसे अस्पताल हमने पहुंचाए हैं। देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए बीते दशक में मेडिकल की हजारों नई सीटें जोड़ी गई हैं। सरकार ने तय किया है कि आने वाले 05 साल में 75,000 और सीटें जोड़ी जाएंगी।

    स्वास्थ्य क्षेत्र का पांचवां स्तम्भ-टेक्नॉलॉजी के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुलभ करने वाला है। आज डिजिटल हेल्थ आई0डी0 बनाई जा रही है। ई-संजीवनी ऐप जैसे माध्यमों से घर बैठे ही मरीजों को परामर्श की सुविधा दी जा रही है। अब तक 30 करोड़ से ज्यादा लोग ई-संजीवनी ऐप की मदद से कंसल्टेशन ले चुके हैं। हम ड्रोन टेक्नॉलॉजी से भी स्वास्थ्य सेवाओं को जोड़ने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि स्वस्थ और समर्थ युवा पीढ़ी, विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने वाली है। इस मिशन में पूज्य शंकराचार्य जी का आशीर्वाद हमारे साथ है। उन्होंने बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की कि स्वस्थ और समर्थ भारत का यह मिशन यूं ही सशक्त होता रहे। उन्होंने पूज्य शंकराचार्य जी से आग्रह किया कि एक शंकरा नेत्र अस्पताल बिहार में भी स्थापित किया जाए।

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि आर0जे0 शंकरा आई हॉस्पिटल के उद्घाटन से काशी की सेवा और विकास के अभियान में एक नई कड़ी जुड़ गई है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शंकरा आई फाउण्डेशन नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का देश का एक प्रतिष्ठित अभियान है। जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज की प्रेरणा से वर्ष 1977 से शुरू हुआ यह अभियान देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के जीवन में नई रोशनी लाने का कार्य कर रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा, नेतृत्व व मार्गदर्शन में विगत 10 वर्षों में काशी में विकास का नया रूप हमें देखने को मिल रहा है। शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए प्रतिमान बन रहे हैं। बाबा विश्वनाथ की पावन धरा में विकास और सेवा के नए-नए प्रकल्प यहां जुड़े हैं। लगभग 2,500 करोड़ रुपये की लागत से केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में यहां पर कार्य सम्पन्न हुए हैं। पं0 मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, बी0एच0यू0 में 430 बेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, सर सुन्दरलाल हॉस्पिटल में 100 बेड एम0सी0एच0 विंग और ई0एस0आई0सी0 हॉस्पिटल में 150 बेड सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का निर्माण करके न केवल काशीवासियों, बल्कि प्रदेशवासियों सहित बिहार और आसपास के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने की कार्यवाही यहां पर आगे बढ़ी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाराणसी में पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण, जिला महिला चिकित्सालय कबीर चौरा में 100 बेड मैटरनिटी विंग का निर्माण कार्य सम्पन्न हुए हैं। आर0जे0 शंकर आई हॉस्पिटल की इस नवीन इकाई के शुभारम्भ से आज वाराणसी स्वास्थ्य के बड़े हब के रूप में सामने आया है। काशी में इन स्वास्थ्य सुविधाओं के विकसित होने से प्रदेश सहित आसपास के अन्य राज्यों के लोगों को भी स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं प्राप्त होंगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काशी की तरह प्रदेश के अन्य जनपदों में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में विगत 10 वर्षों में बेहतरीन कार्य हुए हैं। हर जनपद में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना, डायलिसिस, सी0टी0 स्कैन की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्रदेश में 15,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के माध्यम से गांव स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य व ट्रैडिशनल मेडिसिन की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र व धर्मार्थ संस्थान का योगदान इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है।

    जगद्गुरु शंकराचार्य पूज्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत विश्व का एक बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। देश तेजी से विकास कर रहा है। इसका मुख्य कारण है कि हमारे देश को अच्छे नेता मिले हैं। समाज में व्यक्ति भी मुख्य है और व्यक्तित्व भी मुख्य है। सबको जोड़ने वाला नेता भी चाहिए। अच्छे नेता ईश्वर कृपा से मिलते हैं। ईश्वर की कृपा से ही प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी मिले हैं।

    स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती जी महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार सभी लोगों की सुरक्षा व विकास के लिए कार्य कर रही है। सरकार विश्व में एक आदर्श के रूप में कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी सबके प्रति श्रद्धा, प्रेम, दया के साथ कार्य कर रहे हैं। सामान्य व्यक्ति को क्या जरूरत है, उनकी क्या पीड़ा है, प्रधानमंत्री जी समझते हैं। उनके पास काम करने का अनुभव है। कल्याणकारी योजनाएं साकार हो रही हैं। भारत की विशेषता के लिए धर्म और संस्कृति का भी विकास होना बहुत जरूरी है। देश का भविष्य उज्ज्वल होने से विश्व में शान्ति स्थापित होगी। भारत की उन्नति विश्व की उन्नति है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शान्ति के लिए कटिबद्ध होकर कार्य कर रहे हैं।

    ज्ञातव्य है कि शंकरा आई फाउण्डेशन इण्डिया एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो समाज के गरीब और वंचित वर्गों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 1977 में एक छोटे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के रूप में डॉ0 आर0वी0 रमणी और डॉ0 राधा रमणी द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी। फाउण्डेशन द्वारा 10 से अधिक राज्यों में स्थित 14 सुपर स्पेशियलिटी आई केयर अस्पतालों का प्रबन्धन किया जा रहा है।

    कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, शंकरा आई फाउण्डेशन के आर0वी0 रमणी, डॉक्टर एस0वी0 बालासुब्रमण्यम, श्री मुरली कृष्णमूर्ति, सुश्री रेखा झुनझुनवाला, फाउण्डेशन के पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री जी का लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, वाराणसी पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण ने स्वागत किया।
    source:http://up.gov.in

  • CM Nitish Kumar ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन

    CM Nitish Kumar ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन

    CM Nitish Kumar ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।

    इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए CM Nitish Kumar ने कहा कि सबसे पहले मैं मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का जो आज शुभारंभ किया गया है उसके लिए केंद्र सरकार और यहां उपस्थित केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बधाई देता हूं। वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी सभी को पता है। वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था। दूसरे राज्यों से यहां मछलियां मंगाई जाती थी। 24 नवंबर, 2005 को जब हमलोग सरकार में आए तो राज्य के विकास के लिए नीति और कार्यक्रम बनाए गए। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए। साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के लिए प्रथम कृषि रोड मैप बनाया गया। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी ने किया था। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के लिए तीसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने किया था। वर्ष 2024 से चौथा कृषि रोड मैप लागू किया गया है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने किया। कृषि रोड मैप के लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, मीट, फल सहित अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है। चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थीं और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी गई है। राज्य सरकार मत्स्य पालन के विकास के लिए भी कई कदम उठा रही है। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास के लिए उठाए गए कदमों से मत्स्य पालकों को काफी लाभ हो रहा है। मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं कि वे अपने कार्य से अपनी तरक्की के साथ-साथ राज्य की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही एन0डी0ए0 में थे और एन0डी0ए0 में ही रहेंगे। बीच में हम दो बार उनलोगों के साथ चले गए थे, ये हमारी गलती थी अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ हमारी पार्टी का शुरू से ही संबंध रहा है। हमलोग मिलकर राज्य और देश का विकास करते रहेंगे। इस कार्यक्रम में मुझे शामिल होने का मौका मिला है इसके लिए मैं आपलोगों का आभार व्यक्त करता हूं और आप सभी को बधाई देता हूं। कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ श्री ललन सिंह ने भी संबोधित किया।

    कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी श्रीमती अंजू देवी, श्रीमती ऊषा देवी, श्रीमती मीरा देवी, श्रीमती रीता रानी एवं श्री निशांत कुमार को अनुदान राशि का डमी चेक प्रदान किया। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 15 मत्स्य पालकों को 0.50 लाख मत्स्य बीज वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से श्री संजीव कुमार, श्री सुरेंद्र प्रसाद एवं श्रीमती ललिता देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य बीज प्रदान किया तथा 19 मत्स्य पालकों के बीच 7 टन मत्स्य आहार वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से श्री धर्मराज सहनी और श्रीमती रेखा देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य आहार प्रदान किया।

    कार्यक्रम की शुरुआत में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ0 एन0 विजयालक्ष्मी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व लगाई गई ड्रोन की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण मंत्री श्री हरी सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ0 एन0 विजयालक्ष्मी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, भारत सरकार में संयुक्त सचिव, (समुद्री मात्स्यिकी) सुश्री नीतू कुमारी प्रसाद, पशु विज्ञान विष्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ0 दुनियाराम सिंह, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद के मुख्य कार्यपालक डॉ0 विजय कुमार बेहरा, निदेशक, मत्स्य पालन, बिहार सरकार श्री नवदीप शुक्ला, पशु एवं मत्स्य पालन से जुड़े हुए केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण, मत्स्यपालक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://bihar.gov.in

  • CM Dhami और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

    CM Dhami और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा

    CM Dhami और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का सीएम ने किया अनुरोध

    CM Dhami और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के बीच राज्य से जुडे विभिन्न विषयों पर हुई चर्चा पर्वतीय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीति बनाने का सीएम ने किया अनुरोध। राज्य के सामरिक महत्व को देखते हुए नीति बनेसीएम। नीति आयोग के उपाध्यक्ष से आपदा, वनाग्नि, राज्य की फ्लोटिंग आबादी के दृष्टिगत विशेष सहयोग की अपेक्षा की। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने एस.डी.जी रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर मुख्यमत्री को दी बधाई। राज्य की प्रमुख चुनौतियों पर हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी के साथ राज्य से जुड़े अहम विषयों पर बैठक की।

    मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में पर्वतीय, मैदानी, भाबर और तराई क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या बड़ी चुनौती है। दो देशों की अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे होने के कारण उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया कि हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण किया जाए। उन्होंने पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी किया। इससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान होगा।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे। “नदीजोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये उन्होंने इसके नीति आयोग से तकनीकी सहयोग के लिए अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की जनसख्या मूल रूप से लगभग सवा करोड़ है, लेकिन धार्मिक और पर्यटन प्रदेश होने की वजह से राज्य में इससे 10 गुना लोगों की आवाजाही है। राज्य में फ्लोटिंग जनंसख्या को ध्यान में रखते हुए आधारभूत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता होती है। उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष से अनुरोध किया राज्य में फ्लोटिंग आबादी को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए नीति बने।

    मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील राज्य है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य को प्रत्येक साल जनधन की काफी क्षति होती है। राज्य में विकसित किया गया इन्फ्रास्टक्चर प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी प्रभावित होता है। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए नीति बनाई जाय। उन्होंने कहा कि वनाग्नि भी राज्य की बड़ी समस्या है। राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए राज्य को पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। राज्य के सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए भी विशेष नीति बनाने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री ने किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने की दिशा में लिए ’सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में आरम्भ किया गया, जिसके अन्तर्गत आगामी पांच वर्षों में राज्य की आर्थिकी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमने राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है। हमने इस लक्ष्य को पूरा करने हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक एवं दीर्घकालिक रोडमेप तैयार किये है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है, इन सभी विषयों पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

    उन्होंने कहा कि राज्य के आकांक्षी जनपदों और विकासखण्डों के विकास के लिए भी नीति आयोग द्वारा हर संभव सहयोग दिया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राजशेखर जोशी, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुदंरम, श्री शैलेश बगोली, श्री एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।

    source: http://uttarainformation.gov.in

  • Piyush Goyal ने उद्योग संघों से स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों से जुड़ने का आग्रह किया

    Piyush Goyal ने उद्योग संघों से स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों से जुड़ने का आग्रह किया

    Piyush Goyal: विदेश में उद्योग निकायों के कार्यालयों के माध्यम से भारत के पर्यटन को दुनिया के सामने प्रस्तुत करें

    • भारत के एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स में प्रवेश के बारे में दुनिया को सूचित करें: श्री गोयल
    • युवाओं को कौशल विकास, रोजगार के अवसर प्रदान करने में केंद्र के प्रयासों में शामिल हों: श्री गोयल

    केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री Piyush Goyal ने उद्योग संघों से स्टार्टअप्स के साथ जुड़ने और वाणिज्य मंडलों में युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने में सक्रिय होने का आग्रह किया। उन्होंने उपस्थित लोगों से उद्योग संघों में अधिक महिला उद्यमियों को शामिल करने का आग्रह किया।

    आज नई दिल्ली में भारतीय वाणिज्य मंडल (आईसीसी) के वार्षिक पूर्ण अधिवेशन में अपने संबोधन के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में पर्यटन की क्षमता के बारे में, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उद्योग निकायों को दुनिया भर में फैले अपने प्रतिनिधि कार्यालयों के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें भाषा कौशल विकसित करने की जिम्मेदारी खुद लेनी होगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में दुभाषियों, टूर ऑपरेटरों जैसे रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नागरिकों की भाषा की बाधा दूर की जा सकती है। मंत्री ने आगे कहा कि मांग के अनुसार नौकरियां उपलब्ध हैं, परन्‍तु कौशल विकास के माध्यम से अंतर को पाटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत पर्यटन और आतिथ्य में दुनिया का नेतृत्व करेगा।

    श्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सुधार, कार्यनिष्‍पादन और परिवर्तन के मंत्र का हवाला दिया और प्रतिभागियों से देश की प्रगति के बारे में दुनिया को सूचित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम भारत के उभरते रुझानों को दुनिया के बाकी हिस्सों में ले जा सकते हैं, भारत स्वच्छ ऊर्जा का पावरहाउस बन जाएगा।

    केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया को एआई, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स में भारत के प्रवेश और भारत के जीडीपी को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयासों के बारे में बताने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में बड़े और बेहतर परिणामों के लिए तीन गुना ऊर्जा, तीन गुना प्रयास और प्रतिबद्धता की जरूरत है।

    डिजिटल कनेक्टिविटी के जरिए देश के युवाओं को सशक्त बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के बारे में श्री गोयल ने कहा कि समाज का आकांक्षी वर्ग सरकार के सबसे ज्यादा ध्यान का हकदार है और इसलिए सरकार उन्हें 2047 तक विकसित भारत की यात्रा का हिस्सा बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बजट 2024 के दौरान पीएम योजनाओं के शुभारंभ का उल्लेख करते हुए मंत्री ने उद्योग निकायों और उनके सदस्यों को युवाओं को कौशल विकास और रोजगार सृजन में सुधार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार के प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि समावेशिता भारत की सफलता की कहानी को परिभाषित करेगी।

    उन्होंने युवाओं को नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने के कार्य में शामिल करने में एक मिसाल कायम करने में संगठन की प्रशंसा की और विभिन्न प्रकार के 35 क्षेत्रों की आवाज बनने के लिए आईसीसी को बधाई दी।

    source: http://pib.gov.in

  • PM Modi 19 अक्टूबर को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे

    PM Modi 19 अक्टूबर को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे

    PM Modi: प्रत्येक कर्मयोगी को कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा मिलेगी

    • मंत्रालय और विभाग क्षेत्र-विशिष्ट योग्यताओं को बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करेंगे

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 19 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में ‘कर्मयोगी सप्ताह’ – राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का शुभारंभ करेंगे।

    मिशन कर्मयोगी की शुरुआत सितंबर 2020 में हुई थी और तब से इसमें उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार में निहित भविष्य के अनुकूल सिविल सेवा की कल्पना की गई है।

    राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह (एनएलडब्ल्यू) अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा जो सिविल सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास की दिशा में नई प्रेरणा प्रदान करेगा। यह पहल सीखने और विकास के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी। एनएलडब्ल्यू का लक्ष्य “एक सरकार” का संदेश देना, सभी को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ना और आजीवन शिक्षण को बढ़ावा देना है।

    एनएलडब्ल्यू प्रतिभागियों और मंत्रालयों, विभागों व संगठनों के साथ मिलकर विभिन्न रूपों के माध्यम से सीखने के लिए समर्पित होगा। राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक कर्मयोगी कम से कम 4 घंटे की योग्यता-आधारित शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। प्रतिभागी iGOT मॉड्यूल और प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा वेबिनार (सार्वजनिक व्याख्यान/मास्टरक्लास) के माध्यम से लक्षित घंटे पूरे कर सकते हैं।

    कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात वक्ता अपने क्षेत्रों से जुड़े विषयों पर जानकारी देंगे और उन्हें अधिक प्रभावी तरीके से नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण की दिशा में काम करने में मदद करेंगे। इस दौरान, मंत्रालय, विभाग और संगठन क्षेत्र-विशिष्ट दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सेमिनार और कार्यशालाएँ भी आयोजित करेंगे।

    source: http://pib.gov.in


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