Tag: New Delhi

  • केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    Shivraj Singh Chouhan: किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई,  उन्होंने कई रचनात्मक सुझाव दिये

    • किसानों ने एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसानों को लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया : श्री चौहान
    • किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे, राज्यों को संबंधित विषय भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे : श्री चौहान
    • किसानों से संवाद बहुत उपयोगी, संवाद से हमें मिल रही मूल समस्याओं की जानकारी, साथ ही शासकीय योजनायें भी किसानों तक पहुंच रहीं : केंद्रीय मंत्री श्री चौहान
    • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को किसान हितैषी निर्णय के लिए अभिनंदन और शुभकामनायें श्री चौहान

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और उनके सदस्यों व अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों व किसानों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई है। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये गये सभी प्रयासों सहित पिछले कल रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गई। किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व कई रचनात्मक सुझाव दिये। किसानों ने कहा कि मॉडल कृषि फार्म (मॉडल कृषि फार्मिंग) बनना चाहिए जिसमें यह जानकारी दी जाये कि एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसान कैसे खेती करें और किस तरह से उसी में लाभकारी खेती करें? किसानों ने एक एकड़ वाले फार्म में ही लाभकारी खेती कर रहे किसानों के उदाहरण भी दिये। उन्होंने पानी पहॅुंचाने, उर्वरकों के प्रयोग, मिट्टी को स्वस्थ बनाना, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के कारण परेशानियां, चीनी मिलों के बंद होने और आवारा पशुओं की समस्याओं आदि को लेकर चर्चा की। किसानों ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने को लेकर भी सुझाव दिये हैं।

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    केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार से संबंधित विषय राज्यों को भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे। किसानों से संवाद बहुत उपयोगी है। इस संवाद से हमें मूल समस्याओं की जानकारी सीधे किसानों से मिल रही है। साथ ही, शासकीय योजनाओं को भी किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को सभी 23 फसलों को घोषित एमएसपी पर खरीदने का फैसला लेने पर धन्यवाद देता हूं व अभिनंदन करता हूँ। इस किसान हितैषी निर्णय के लिए उनका अभिनंदन और उन्हें शुभकामनायें।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Dhami: उत्तराखंड के खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाएगा।

    CM Dhami: उत्तराखंड के खेल प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन किया जाएगा।

    CM Dhami: भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष पीटी उषा ने घोषणा की कि 38वें राष्ट्रीय खेल जनवरी में होंगे।

    CM Dhami की आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से मुलाकात के बाद से चल रहे थे और आज 9 अक्टूबर को भारतीय ओलंपिक संघ ने इसकी घोषणा की है। राष्ट्रीय खेलों के 38वें संस्करण का कार्यक्रम 25 अक्टूबर को आईओए की आम सभा में घोषित किया जाएगा।

    भारतीय ओलंपिक संघ ने उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन करने की घोषणा की है। गोवा में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए थे। 28 जनवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल होंगे।

    उत्तराखंड ने मेजबानी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई

    IOA अध्यक्ष पीटी उषा ने मीडिया से कहा कि वे उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों को आयोजित करने के लिए बहुत उत्साहित हैं। उनका कहना था कि उत्तराखंड ही ऐसा राज्य है जिसका उत्साह और प्रतिबद्धता इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी के लिए उल्लेखनीय है। अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि ये खेल आयोजन देश भर से एथलीटों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देते हैं। साथ ही युवा खेलों में सफलता पाने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान करते हैं। 38 खेलों वाले राष्ट्रिय खेल पर्टियोगोटा में 10,000 से अधिक एथलीटों, अधिकारियों और कोचों की उपस्थिति की उम्मीद है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम विश्वस्तरीय खेल अनुभव देने को प्रतिबद्ध हैं। राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड की विविध संस्कृति और आतिथ्य का प्रदर्शन करेंगे।

    CM धामी ने कहा कि श्रीमती पीटी उषा, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष, ने नई दिल्ली में मुलाकात की। पूर्व में प्रस्ताव पर आज की बैठक में सहर्ष स्वीकृति मिली कि उत्तराखंड में 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 के मध्य होंगे। इस समय, उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों के अलावा शीतकालीन राष्ट्रीय खेलों का भी आयोजन किया जाएगा। इन खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का हमारी सरकार बहुत उत्साहित है।

  • CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार ने विगत दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं वह पिछले तीन दशक में नहीं उठाए गए। मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आदि राज्य संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलवादियों का खात्मा करने के लिए संकल्प बद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में सम्पन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार राज्यों द्वारा पूर्ण तालमेल के साथ कार्य किया जाएगा। विकास के मुद्दों दूरसंचार, सड़क संपर्क में वृद्धि, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने संयुक्त टास्क फोर्स में वृद्धि पर भी बल देते हुए कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी।

  • दिल्ली के पूर्व सीएम Arvind Kejriwal ने अमित शाह पर साधा निशाना, कहा-राष्ट्रीय राजधानी में जंगलराज

    दिल्ली के पूर्व सीएम Arvind Kejriwal ने अमित शाह पर साधा निशाना, कहा-राष्ट्रीय राजधानी में जंगलराज

    Arvind Kejriwal

    दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की और उनसे दिल्ली में सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।

    दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में गोलीबारी की हालिया घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय राजधानी के निवासी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। पूरा जंगल राज है। आम आदमी पार्टी के नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि लोग देश की राजधानी में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था सीधे केंद्रीय गृह मंत्री के अधीन आती है और उन्हें तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

    दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी भाजपा की आलोचना की और हाल की घटनाओं को “दिल्ली में गिरोहों और गैंगस्टरों का उदय” करार दिया।

    राष्ट्रीय राजधानी में एक दिन के भीतर गोलीबारी की तीन घटनाएं सामने आईं। शुक्रवार की रात पश्चिम दिल्ली में एक पुरानी लग्जरी कार के शोरूम में अज्ञात लोगों ने गोलीबारी की। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, हालांकि, उन्होंने शोरूम में कारों को निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, यह हिमांशु भाऊ गिरोह द्वारा जबरन वसूली की कोशिश थी और गैंगस्टर ने सुरक्षा राशि के रूप में शोरूम के मालिक से 5 करोड़ रुपये की मांग की है।

    इसी तरह शनिवार को दक्षिण दिल्ली में एक होटल के बाहर और सुल्तानपुर मोड़ में एक मिठाई की दुकान पर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। पुलिस के अनुसार, गोलीबारी की सभी घटनाएं कथित रूप से गैंगस्टरों के लिए सुरक्षा राशि से संबंधित थीं।

  • रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने एनसीसी के राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया

    रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने एनसीसी के राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशकों के सम्मेलन का उद्घाटन किया

    मंत्री Shri Sanjay Seth ने राज्य सरकारों से एनसीसी के विस्तार में सहयोग का आग्रह किया

    रक्षा राज्य मंत्री Shri Sanjay Seth ने आज 23 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशक (जेएस आरएंडए/डी) सम्मेलन का उद्घाटन किया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे यह संगठन अनुशासित, जिम्मेदार और प्रेरित युवा नागरिकों को तैयार करने में मदद करता है और इसके साथ ही जीवन के विभिन्न पहलुओं में नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देता है।

    स्वच्छ भारत अभियान, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, पर्यावरण संरक्षण, डिजिटल जागरूकता और पारंपरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सामाजिक कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जैसे राष्ट्रीय पहलों में एनसीसी की भागीदारी पर प्रकाश डालते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने राज्य सरकारों से अपने क्षेत्रों में एनसीसी की उपस्थिति के विस्तार और वृद्धि में सहयोग करने के लिए जरूरी जनशक्ति, वित्त पोषण और बुनियादी ढांचा प्रदान करने में अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने का आग्रह किया।

    रक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि सरकार ने हाल ही में एनसीसी कैडेट रिक्तियों को तीन लाख तक बढ़ाने के लिए एक विस्तार योजना को मंजूरी दी है, जिससे आने वाले वर्षों में कुल संख्या 17 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस विस्तार में पूर्व सैनिकों को एनसीसी प्रशिक्षकों के रूप में शामिल किया जाएगा, जो उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण को सुनिश्चित करने में अपने कौशल और अनुभव का उपयोग करेंगे और इससे पूर्व सैनिकों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।

    राष्ट्रीय कैडेट कोर के महानिदेशक लेफ्टिनेंट गुरबीरपाल सिंह ने पिछले दो वर्षों में एनसीसी की प्रगति और उपलब्धियों के साथ-साथ इसमें भविष्य के विस्तार की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों को सभी राज्यों के विभिन्न हिस्सों में अच्छी तरह से सुसज्जित प्रशिक्षण और शिविर बुनियादी ढांचे की स्थापना से अवगत कराया ताकि कैडेटों के लिए उच्च स्तर का प्रोत्साहन और प्रेरणा सुनिश्चित की जा सके।

    संयुक्त राज्य प्रतिनिधियों और अपर/उप महानिदेशक (जेएस आरएंडए/डी) सम्मेलन एक द्विवार्षिक कार्यक्रम है जिसमें शिक्षा मंत्री, युवा एवं खेल मंत्री तथा अपने-अपने राज्यों में एनसीसी कार्य को संभालने वाले विभागों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भाग लेते हैं। इस सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा डीजीएनसीसी, सभी राज्यों के एनसीसी प्रमुख तथा डीजीएनसीसी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। नीतियों, वित्त, प्रशासनिक तथा अन्य पहलुओं के संदर्भ में एनसीसी गतिविधियों का संचालन केंद्र तथा राज्य सरकारों की संयुक्त जिम्मेदारी है। इसलिए यह सम्मेलन पूरे देश में एनसीसी गतिविधियों की योजना बनाने, उन्हें लागू करने तथा उनके बीच समन्वय करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

    source: http://pib.gov.in

  • केंद्रीय मंत्री Shri Jyotiraditya M. Scindia ने नई दिल्ली में ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ वेबसाइट का शुभारंभ किया

    केंद्रीय मंत्री Shri Jyotiraditya M. Scindia ने नई दिल्ली में ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ वेबसाइट का शुभारंभ किया

     Shri Jyotiraditya M. Scindia

    पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का जश्न मनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, माननीय केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) Shri Jyotiraditya M. Scindia ने बहुप्रतीक्षित अष्टलक्ष्मी महोत्सव के लिए आज आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च की। यह लॉन्च इवेंट नई दिल्ली के संचार भवन में हुआ, जो राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर पूर्वोत्तर की विशाल क्षमता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

    नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में 6 से 8 दिसंबर, 2024 तक आयोजित होने वाला अष्टलक्ष्मी महोत्सव एक ऐतिहासिक उत्सव होने वाला है। यह त्योहार आठ पूर्वोत्तर राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा से प्रेरणा लेता है-जिन्हें सामूहिक रूप से “अष्टलक्ष्मी” के रूप में जाना जाता है, जो समृद्धि के आठ रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। वेबसाइट, www.ashtalakshmimahotsav.com, इवेंट अपडेट, शेड्यूल और भागीदारी विवरण के लिए वन-स्टॉप संसाधन के रूप में काम करेगी, जिससे देश भर से उपस्थित लोगों के लिए निर्बाध जुड़ाव सुनिश्चित होगा।

    इस अवसर पर बोलते हुए, श्री सिंधिया ने पूर्वोत्तर भारत और देश के बाकी हिस्सों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक अंतर को पाटने में इस आयोजन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अष्टलक्ष्मी महोत्सव न केवल पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करेगा, बल्कि आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा, जिससे क्षेत्र के कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

    अष्टलक्ष्मी महोत्सव फैशन, संस्कृति और व्यवसाय का एक जीवंत मिश्रण होने का वादा करता है। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारत के प्रसिद्ध मुगा और एरी सिल्क को समर्पित मंडप, कारीगरों के शिल्प का सीधा प्रदर्शन और क्षेत्र के भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह कार्यक्रम एक फैशन शो, डिजाइन कॉन्क्लेव, क्रेता-विक्रेता बैठक और एक निवेश गोलमेज सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा, जो सार्थक सहयोग और दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

    आयोजन और भागीदारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आधिकारिक वेबसाइट www.ashtalakshmimahotsav.com पर जाएं।

    केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने एक्स प्लेटफॉर्म पर वेबसाइट पर अपने विचार साझा किए और कहा, ‘आगामी अष्टलक्ष्मी महोत्सव के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉन्च करके खुशी हो रही है। महोत्सव का उद्देश्य पूर्वोत्तर के जीवंत कपड़ा उद्योग, कारीगर शिल्प और अद्वितीय उत्पादों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करना है।

    source: http://pib.gov.in

  • Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह में भाग लिया

    Defence Minister Shri Rajnath Singh (रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह) News:

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने सशस्त्र बल मुख्यालय (एएफएचक्यू) नागरिक सेवाओं के कर्मियों से रक्षा मंत्रालय (एमओडी) में किए जा रहे कुशल नीति निर्माण और सुधारों के कार्यान्वयन हेतु आज के तेजी से बदलते समय में अपने कौशल को उन्नत करने का आह्वान किया है। वह 01 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित 83वें एएफएचक्यू नागरिक सेवा दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।

    नागरिक सेवाओं को शासन का स्टील फ्रेम बताते हुए, Defence Minister Shri Rajnath Singh ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयासों और सैनिकों के कल्याण में किये जाने वाले योगदानों सहित विभिन्न जारी कार्यों को आगे बढ़ाने में एएफएचक्यू कर्मियों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की। Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा, “आप सशस्त्र बलों और बाकी नागरिक सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। बेहतर दक्षता के लिए अपनी क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कहा कि तीनों सेनाएं रक्षा मंत्रालय के कामकाज का एक बड़ा हिस्सा हैं और एएफएचक्यू कैडर यह सुनिश्चित करता है कि ‘समूह-सोच’ की संभावना, जिसके परिणामस्वरूप खराब निर्णय लिए जाने की आशंका होती है, नीति निर्माण के क्रम में नकार दी जायें। उन्होंने कहा, “पिछले पांच वर्षों के दौरान रक्षा मंत्रालय में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। हमारी उपलब्धियों को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है। यह टीम वर्क के कारण संभव हुआ है। सशस्त्र बलों और नागरिक सेवाओं को बेहतर परिणाम के लिए कमांड मुख्यालय एवं सेवा मुख्यालय से लेकर मंत्रालय स्तर तक मिलकर काम करना चाहिए। रक्षा मंत्रालय में एएफएचक्यू नागरिक सेवा के अधिकारियों को प्रमुख भूमिकाओं में शामिल करने से निर्णय की गुणवत्ता बेहतर होगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने रक्षा विभाग से एएफएचक्यू नागरिक सेवा के कर्मियों की करियर में बेहतर प्रगति की संभावनाएं तलाशने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे उनकी क्षमताएं बढ़ेंगी, उनके करियर में प्रगति बेहतर होगी और ये कर्मी हमारी रक्षा प्रणाली को मजबूत करते हुए सशस्त्र  बलों को बेहतर सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे। बेहतर कैरियर प्रगति सुनिश्चित करने से एएफएचक्यू नागरिक सेवा की ओर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं भी आकर्षित होंगी।”

    Defence Minister Shri Rajnath Singh ने कर्मियों से ईमानदारी, अनुशासन और एकरूपता के मूल मूल्यों पर ध्यान देने का आह्वान किया। उनका विचार था कि हर व्यक्ति सम्मान का हकदार है, चाहे उसकी हैसियत या पद कुछ भी हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अहंकार को त्यागना चाहिए और कर्मियों को एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने एक-दूसरे से सीखने का आह्वान किया, जिससे कठिन कार्य को भी पूरा करना आसान हो जाता है।

    इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री श्री संजय सेठ; थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी; नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी; वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी; सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) डॉ. नितेन चंद्रा; रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ नागरिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    एएफएचक्यू दिवस हर साल 1 अगस्त को उन कर्मियों की भूमिका को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है जो मुख्य रूप से तीन एकीकृत सेना मुख्यालयों; एकीकृत रक्षा स्टाफ मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के 24 अंतर-सेवा संगठनों में सैन्य कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हैं। इसका उद्देश्य एएफएचक्यू कैडरों के उन नागरिक कर्मचारियों की समूह भावना को बढ़ावा देना है, जो शांति एवं युद्ध, दोनों काल के दौरान सेना मुख्यालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक सेतु की भूमिका निभाते हैं।

    एएफएचक्यू कैडर की नींव 01 अगस्त, 1942 को मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के नियंत्रण में रक्षा मंत्रालय एवं वित्त (रक्षा) के विभिन्न सेवा मुख्यालयों व सचिवालय के तहत अलग-अलग संस्थाओं के रूप में तत्कालीन समय में विकेन्द्रीकृत नागरिक पदों/कैडर संचालन को व्यवस्थित करके रखी गई थी।

    source: https://pib.gov.in/

  • Drishti IAS के मालिक दिव्यकीर्ति ने दिया बड़ा बयान, कहा- ‘कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल है नहीं जितनी दिखती है’

    Drishti IAS के मालिक दिव्यकीर्ति ने दिया बड़ा बयान, कहा- ‘कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल है नहीं जितनी दिखती है’

     Drishti IAS के मालिक दिव्यकीर्ति ने दिया बड़ा बयान:

     Drishti IAS News: के प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान Drishti IAS के मालिक विकास दिव्यकीर्ति ने मंगलवार को कहा कि राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की मौत की घटना से उत्पन्न आक्रोश जायज है. संस्थान का बेसमेंट कानूनी उल्लंघन के कारण सील किया गया था। उन्होंने अधिकारियों से कोचिंग संस्थानों पर नियमों का पालन करने की मांग की। विभिन्न एजेंसियों के कानूनों में “अस्पष्टता और विरोधाभास” होने का दावा करते हुए दिव्यकीर्ति ने यह भी दावा किया कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या इतनी सरल नहीं है जितनी लगती है।

    दिल्ली नगर निगम की मुखर्जी नगर में अपने संस्थान Drishti IAS के खिलाफ कार्रवाई के बाद दिव्यकीर्ति ने बयान देने में देरी का खेद जताया और कहा कि वह सरकार के साथ काम कर रहे हैं। संस्थान का बेसमेंट सील किए जाने के बाद सोमवार रात बड़ी संख्या में छात्रों ने उनके घर के बाहर जमा होकर इस मामले पर प्रतिक्रिया देने की मांग की थी।

    “हमें खेद है कि हम अपना पक्ष रखने में देरी की,” दिव्यकीर्ति ने “एक्स” पर पोस्ट किया। वास्तव में, हम अपूर्ण जानकारी पर कुछ नहीं कहना चाहते थे। इस देरी के लिए हम विनम्रतापूर्वक माफी चाहते हैं। “हम शनिवार को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं, जिसमें तीन छात्रों-श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन दल्विन की असामयिक व दुखद मृत्यु हो गई, |

    दिव्यकीर्ति ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली अग्निशमन विभाग के नियमों में विसंगतियां हैं।उन्होंने कहा, “कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल नहीं है जितनी दिखती है। कानूनों की अस्पष्टता और विरोधाभास इसके कई पहलू हैं। दिल्ली अग्निशमन विभाग, एमसीडी और डीडीए के नियमों में विसंगति है।”

    दिव्यकीर्ति ने बताया कि उनके कोचिंग संस्थान में छात्रों की सुरक्षा के उपाय किए गए हैं। “फिलहाल, हमारे प्रबंधन में अग्नि एवं सुरक्षा अधिकारी का एक विशेष पद है,” । इस पद पर काम कर रहे अधिकारी ने राष्ट्रीय अग्नि सेवा महाविद्यालय (नागपुर) से स्नातक की पढ़ाई की है और वह 14 साल तक बड़े अस्पतालों व मॉल में काम कर चुके हैं। वे प्रत्येक इमारत का नियमित रूप से सुरक्षा ऑडिट करते हैं।”

  • Supreme Court ने कहा कि केंद्र सरकार मासिक धर्म अवकाश को लेकर एक आदर्श मॉडल तैयार करें।

    Supreme Court ने कहा कि केंद्र सरकार मासिक धर्म अवकाश को लेकर एक आदर्श मॉडल तैयार करें।

    Supreme Court का निर्देश: केंद्र सरकार मासिक धर्म अवकाश को लेकर तैयार करें एक आदर्श मॉडल

    Supreme Court ने सोमवार को केंद्र सरकार को राज्यों और अन्य हितधारकों के परामर्श से महिला श्रमिकों के लिए एक मॉडल नीति बनाने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि यह मुद्दा नीति से जुड़ा है और इस पर विचार करना अदालत के दायरे में नहीं है।

    हम नहीं चाहते कि महिलाएं कार्यबल से बाहर हो जाएं

    इसके अलावा, न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओं को छुट्टी देने का अदालत का निर्णय पक्षपातपूर्ण और “हानिकारक” साबित हो सकता है क्योंकि नियोक्ता उन्हें काम पर नहीं रख सकते हैं। पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस तरह की छुट्टी कैसे अधिक महिलाओं को कार्यबल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उसने कहा कि इस तरह की छुट्टी अनिवार्य करने से महिलाएं “कार्यबल से बाहर कर देगा… और हम ऐसा नहीं चाहते हैं।”

    यह दरअसल सरकारी नीति का मामला है

    न्यायाधीश ने कहा, “यह वास्तव में सरकारी नीति का मामला है और अदालत द्वारा इस पर विचार करने लायक नहीं है।” पीठ ने कहा, “याचिकाकर्ता ने कहा कि मई 2023 में केंद्र को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया था। चूंकि यह मुद्दा सरकारी नीति के विभिन्न उद्देश्यों को उठाता है, इसलिए अदालत के पास हमारे पहले के आदेश के मद्देनजर हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है।” हालांकि, याचिकाकर्ता और वकील शैलेन्द्र त्रिपाठी की ओर से पेश वकील राकेश खन्ना ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव और सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के पास जाने की अनुमति दे दी।

    सचिव को इस मामले पर नीतिगत स्तर पर विचार करना चाहिए

    पीठ ने कहा, “हम मंत्री से इस मुद्दे पर नीतिगत स्तर पर विचार करने और सभी हितधारकों से परामर्श करने के बाद निर्णय लेने का अनुरोध करते हैं कि क्या एक मॉडल नीति बनाई जा सकती है।” Supreme Court ने साफ कर दिया कि अगर राज्य इस संबंध में कोई कदम उठाते हैं तो केंद्र की परामर्श प्रक्रिया उनके रास्ते में नहीं आएगी. अदालत ने इससे पहले देश भर में स्कूली छात्राओं और कामकाजी महिलाओं के लिए मासिक धर्म की छुट्टी की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई की थी। Supreme Court ने बाद में कहा कि चूंकि मुद्दा नीतिगत है, इसलिए केंद्र को अभ्यावेदन दिया जा सकता है। वरिष्ठ वकील ने कहा कि केंद्र ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.

  • राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 पर एक होम्योपैथिक सेमिनार का उद्घाटन करेंगी

    राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 पर एक होम्योपैथिक सेमिनार का उद्घाटन करेंगी

    राष्ट्रपति श्रीमती. द्रौपदी मुर्मु

    इस वर्ष की होम्योपैथिक संगोष्ठी का विषय अनुसंधान को सशक्त बनाना और दक्षता बढ़ाना है

    इस आयोजन का उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती को बढ़ावा देना और होम्योपैथी अनुसंधान में उन्नत तकनीकों के उपयोग की दिशा में आगे बढ़ना है

    आयोजन के दौरान, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के 17 प्रकाशन जारी किए जाएंगे; इनमें होम्योपैथिक ड्रग प्रोविंग, खंड 7, ड्रग मोनोग्राफ – राउवोल्फिया, उत्तर पूर्व भारत में होम्योपैथी के इतिहास, संघर्ष और प्रगति की एक झलक और ऐसे कई संबंधित प्रकाशन शामिल हैं

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु कल विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर यशोभूमि कन्वेंशनल सेंटर द्वारका, नई दिल्ली में दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। इसका आयोजन आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त शीर्ष अनुसंधान संगठन केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) करेगी। इस सम्मेलन का विषय “अनुसंधान को सशक्त बनाना, दक्षता बढ़ाना: एक होम्योपैथिक संगोष्ठी” होगा। सम्मेलन का उद्देश्य नैदानिक ​​​​अभ्यास और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक उपचार को बढ़ावा देना, अनुसंधान-आधारित चिकित्सा विज्ञान में होम्योपैथिक समुदाय को सक्षम बनाना, व्यक्तिगत, सुरक्षित और विश्वसनीय स्वास्थ्य देखभाल के लिए लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाला स्वास्थ्य देखभाल केंद्र बनना और बेहतर इलाज के लिए गुणवत्तापूर्ण निदान, उपचार विज्ञान और वैज्ञानिक उपकरणों के साथ होम्योपैथिक चिकित्सा को समृद्ध करना है।

    आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय के सीसीआरएच के महानिदेशक डॉ. सुभाष कौशिक, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग के अध्यक्ष डॉ. अनिल खुराना और होम्योपैथी में पद्म पुरस्कार विजेता पद्मश्री डॉ. वी. के. गुप्ता, पद्मश्री डॉ. मुकेश बत्रा, पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी, पद्मश्री डॉ. अनिल कुमारी मल्होत्रा ​​और पद्मश्री डॉ. आरएस पारीक शामिल होंगे। इस आयोजन में आयुष वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ. नंदिनी कुमार, आयुष मंत्रालय सलाहकार (होम्योपैथी) डॉ. संगीता ए. दुग्गल, बोर्ड ऑफ एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन फॉर होम्योपैथी के अध्यक्ष डॉ. पिनाकिन एन त्रिवेदी, मेडिकल होम्योपैथी के लिए मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड अध्यक्ष एनसीएच डॉ. जनार्दन नायर, होम्योपैथी शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एनसीएच डॉ. तारकेश्वर जैन और कई अन्य महत्वपूर्ण गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। इनके अलावा नीदरलैंड, स्पेन, कोलंबिया, कनाडा और बांग्लादेश से 8 प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

    इस भव्य आयोजन के दौरान केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद के 17 प्रकाशन जारी किए जाएंगे। इनमें होम्योपैथिक ड्रग प्रोविंग, खंड-7; ड्रग मोनोग्राफ – राउवोल्फिया; उत्तर-पूर्व भारत में होम्योपैथी के इतिहास, संघर्ष और प्रगति की एक झलक; होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका के मुख्य नोट्स, खंड III; डॉ. नीलमणि घटक द्वारा होम्योपैथिक मटेरिया मेडिका, खंड-I (अंग्रेजी संस्करण); एसटीजीएच ऐप – होम्योपैथी में मानक उपचार दिशानिर्देशों पर मोबाइल एप्लिकेशन और उसका एक ब्रोशर; पॉकेट मैनुअल ऑफ एक्टिविटीज एंड अचीवमेंट्स: सीसीआरएच; सीसीआरएच ब्रोशर; इंडियन जर्नल ऑफ रिसर्च इन होम्योपैथी, संस्करण 18 अंक 1 (जनवरी-मार्च 2024); होम्योपैथी में प्रयुक्त पशु स्रोतों की औषधियां खंड-II; होम्योपैथिक औषधियों का मानकीकरण खंड-I (दूसरा संशोधित संस्करण); ड्रग प्रोविंग पर एक छोटी डॉक्यूमेंट्री-होम्योपैथी में एक शोध कार्यक्रम; एचआईडीओसी: एक ऑनलाइन यूनियन कैटलॉग (पुनर्निर्मित संस्करण); कोविड- 19 महामारी: सीसीआरएच द्वारा शोध, परिषद की गतिविधियों पर ब्रोशर; रोगाणुरोधी प्रतिरोध और होम्योपैथिक क्लिनिकल केस रिपोजिटरी (एचसीसीआर) वर्कफ़्लो और डब्ल्यूएचडी 2024 कार्यक्रम के लिए स्मारिका शामिल हैं।

    इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के बाद ‘बुद्धिमत्ता के शब्द’ पर एक सत्र होगा, जिसकी अध्यक्षता पद्म भूषण और पद्मश्री वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा जी और पद्मश्री डॉ. एचआर नागेंद्र जी करेंगे।

    इसके बाद के सत्रों में होम्योपैथी और आधुनिक परिप्रेक्ष्य को सशक्त बनाने, चिकित्सकों के परिप्रेक्ष्य और अभ्यास को आगे बढ़ाने जैसे विषयों पर बातचीत और पैनल चर्चा शामिल होगी। इन सत्रों में डॉ. वी.के. गुप्ता, अध्यक्ष, एसएबी, सीसीआरएच; श्री. बी.के. सिंह, संयुक्त सचिव, आयुष मंत्रालय; डॉ. संगीता ए. दुग्गल, सलाहकार (होम्योपैथी), आयुष मंत्रालय; डॉ. राज के. मनचंदा, अध्यक्ष, होम्योपैथिक अनुभागीय समिति, आयुष विभाग, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और पूर्व महानिदेशक, सीसीआरएच; डॉ. चिंतन वैष्णव, मिशन निदेशक, अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग; डॉ. एल के नंदा, अध्यक्ष, एससीसीआर, सीसीआरएच और अन्य प्रसिद्ध चिकित्सक अपनी बात रखेंगे।

    दो दिनों के इस वैज्ञानिक सम्मेलन में ट्रांसलेशनल रिसर्च, साक्ष्य आधार: अनुसंधान एवं अभ्यास अनुभव, महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य, होम्योपैथिक दवा मानकीकरण एवं बुनियादी अनुसंधान, अंतःविषेयक अनुसंधान, शिक्षा में सुधार एवं अनुसंधान, वैश्विक परिप्रेक्ष्य, होम्योपैथी-होम्योपैथिक व्यावसायिक संघों में चुनौतियां, पशु चिकित्सा होम्योपैथी, होम्योपैथिक औषधीय उत्पादों एवं सेवाओं में गुणवत्ता आश्वासन आदि पर सत्र भी शामिल होंगे। इसमें संसाधन व्यक्तियों के रूप में बायोमेडिसिन और संबद्ध विज्ञान की विभिन्न क्षेत्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिकों की भागीदारी होगी।

    SOURCE: https://pib.gov.in


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