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  • Dr. Jitendra Singh ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत-जर्मनी सहयोग में कई गुना वृद्धि हुई है”

    Dr. Jitendra Singh ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भारत-जर्मनी सहयोग में कई गुना वृद्धि हुई है”

    भारत-जर्मनी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग ने साझेदारी के 50 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाया: Dr. Jitendra Singh ने प्रमुख उपलब्धि और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला

    • भारत, जर्मनी के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग के एक नए युग के लिए तैयार: डॉ. जितेंद्र सिंह
    • जर्मनी ने भारत के चंद्र मिशन की प्रशंसा की और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग में “मूनशॉट महत्वाकांक्षा” का आह्वान किया
    • भारत और जर्मनी ने नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान साझेदारी को प्रोत्साहन देने के लिए तीन ऐतिहासिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए
    • भारत के अंतरिक्ष और जैव प्रौद्योगिकी विकास को भारत-जर्मनी साझेदारी में प्रमुख उपलब्धि के रूप में रेखांकित किया गया

    Dr. Jitendra Singh: पिछले 10 वर्षों में भारत-जर्मनी सहयोग में कई गुना वृद्धि हुई है”। यह बात केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने उस समय कही, जब जर्मनी की संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्री सुश्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर ने उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत जर्मनी सहयोग के स्वर्ण जयंती समारोह पर बधाई दी।

    आज सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची जर्मनी की मंत्री का पहला कार्यक्रम भारत के विज्ञान मंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिध मंडल बैठक थी।

    भारत और जर्मनी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सफल सहयोग के 50 वर्ष पूरे होने पर एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और जर्मनी की संघीय शिक्षा और अनुसंधान मंत्री सुश्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर भी शामिल हुईं। नई दिल्ली में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में इस दीर्घकालिक साझेदारी के माध्यम से प्राप्त उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाया गया र आने वाले दशकों में और अधिक गहन सहयोग के लिए मंच तैयार किया गया।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि पिछले एक दशक में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत-जर्मनी साझेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसने विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में दोनों देशों की प्रगति में योगदान दिया है। केंद्रीय मंत्री महोदय ने कहा, “यह स्वर्णिम सहयोग की स्वर्ण जयंती है।” “50 वर्ष पहले जो सहयोग शुरू हुआ था, वह एक मजबूत, बहुआयामी संबंध में बदल गया है जिसने अंतरिक्ष अनुसंधान से लेकर जैव प्रौद्योगिकी और जलवायु कार्रवाई से लेकर आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लगभग हर पहलू को शामिल क या है।”

    उन्होंने दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदायों की सक्रिय भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में उनका समर्पण महत्वपूर्ण रहा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “पिछले 50 वर्षों ने एक ठोस नींव रखी है और मुझे विश्वास है कि अगले 50 वर्ष दोनों देशों के लिए और भी अधिक प्रभावशाली नवाचार और सफलताएं लेकर आएंगे। भारत और जर्मनी मिलकर अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी नवाचार के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान क ना जारी रखेंगे।”

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व के रूप में भारत के उदय की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “भारत की अंतरिक्ष यात्रा ने एक बड़ी छलांग लगाई है, जिसका समापन हमारे चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से हुआ, जिसने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना दिया।” “यह प्रमुख उपलब्धि निजी क्षेत्र के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने के साथ, अंतरिक्ष अनुसंधान के भविष्य को अपनाने के लिए भारत की प्ति बद्धता को दर्शाता है।”

    केंद्रीय मंत्री ने भारत के वैज्ञानिक परिदृश्य को बदलने में जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भारत में 10 वर्षों की अवधि में केवल 50 बायोटेक स्टार्टअप से बढ़कर 8,000 से अधिक हो गए हैं। उन्होंने भारत की बायो-ई3 पहल की हाल ही में शुरूआत पर प्रकाश डाला, जो पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि अगली औद्योगिक क्रांति को आगे बढ़ाने में जैव प्रौद्योगिकी एक प्रमुख भूमिका निभाएगी और भारत पहले से ही इस क्षेत्र में अग्रणी नेतृत्व के रूप में खुद को स्थापित कर रहा है।”

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    डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में आम आदमी के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के व्यापक निहितार्थों के बारे में बात की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि मोदी सरकार के अंतर्गत भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि वैज्ञानिक प्रगति जनता के लिए, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा, कृषि और जलवायु कार्रवाई जैसे क्षेत्रों में ठोस लाभ में बदल सके। मंत्री महोदय ने बल देकर कहा, “विज्ञान और प्रौद्योगिकी को अंततः लोगों की सेवा करनी चाहिए। चाहे वह हर घर में प्रवेश करने वाली अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हो या स्वास्थ्य सेवा को अनुकूलित करने में सहायता करने वाली एआई, हम रा लक्ष्य आम आदमी के लिए जीवन को आसान बनाना है।”

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने भविष्य के बारे में, आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस, क्वांटम प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन ईंधन जैसे उभरते क्षेत्रों में जर्मनी के साथ सहयोग करने की भारत की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की। उन्होंने भारत के गहराई वाले समुद्री अभियान का भी उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य महासागर के विशाल संसाधनों का पता लगाना है, एक ऐसा क्षेत्र जहां भारत-जर्मन सहयोग फल-फूल सकता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “जैसा कि हम नए क्षेत्रों की खोज जारी रखते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि हम न केवल सरकार-से सरकार, बल्कि निजी क्षेत्र में सहयोग के माध्यम से भी मिलकर काम करें।”

    जर्मनी की संघीय मंत्री सुश्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर ने दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक भावना के लिए जर्मनी की गहरी प्रशंसा की। उन्होंने अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में भारत की हालिया प्रगति, विशेष रूप से इसके चंद्रमा पर सफलतापूर्वक पहुंचने की प्रशंसा की और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में निरंतर साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। सुश्री स्टार्क-वाटजिंगर ने कहा, “हमें चंद्रमा पर उतरने की महत्वाकांक्षा की आवश्यकता है। भारत ने पहले ही चंद्रमा पर उतरकर और सूर्य पर जांच करके अपनी क्षमता दिखाई है। हमारे पास न केवल अतीत का उत्सव मनाने के लिए बल्कि हमारे सहयोग में भविष्य की प्रमुख उपलब्धि की प्रतीक्षा करने के लिए भी कारण उपस्थित हैं।”

    सुश्री स्टार्क-वाटजिंगर ने ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों का समाधान करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “एक ऐसी दुनिया जहां ऊर्जा के बारे में कोई चिंता न हो, जहां खाद्य आपूर्ति सुरक्षित हो और जहां अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाया जाए, वह हमारी पहुंच में है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से, हम मिलकर दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं।” उन्होंने मानवता के लाभ के लिए भा त और जर्मनी के बीच संबंधों को प्रगाढ करने के महत्व पर बल दिया।

    इस कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान प्रशिक्षण समूह की सफल स्थापना भी की गई, जो भारत और जर्मनी के बीच एक संयुक्त पहल है। यह पहल सुपर-मॉलिक्यूलर मैट्रिक्स में फोटोल्यूमिनेसेंस पर केंद्रित है  डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सहयोग को दोनों देशों की वैज्ञानिक क्षमता का प्रमाण बताया और द्विपक्षीय अनुसंधान और विकास के भविष्य के बारे में आशा व्यक्त की।

    इस कार्यक्रम के दौरान विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत जर्मन सहयोग को और मजबूत करने के लिए तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। पहला समझौता ज्ञापन, संयुक्त आशय घोषणा (जेडीआई), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर और जर्मन अकादमिक विनिमय सेवा (डीएएडी) के अध्यक्ष प्रोफेसर जॉयब्रत मुखर्जी के बीच हस्ताक्षरित किया गया। इस समझौते का उद्देश्य विनिमय कार्यक्रम के माध्यम से नवाचार और इंक्यूबेशन इकोसिस्टम को बढ़ाना, नीति निर्माताओं, स्टार्टअप इंक्यूबेशन पेशेवरों और दोनों देशों के डीप-टेक स्टार्टअप के बीच ज्ञान साझा करना है। डॉ. जितेंद्र सिंह और सुश्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर ने हस्ताक्षर के समय वैज्ञानिक प्रगति के लिए सामूहिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

    इंडो-जर्मन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र (आईजीएसटीसी) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के बीच एक और समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका प्रतिनिधित्व क्रमशः श्री आर. मधान और श्री एन. चंद्रशेखर ने किया। यह साझेदारी अक्षय ऊर्जा, कार्बन कैप्चर, ग्रीन हाइड्रोजन और नवीन तकनीकों पर केंद्रित होगी। बीपीसीएल जर्मन भागीदारों के साथ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करने और द्विपक्षीय कार्यशालाओं की मेजबानी करने के लिए सालाना 10 करोड़ रुपये प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, जेएनसीएएसआर के प्रो. ईश्वरमूर्ति एम. और डीईएसवाई के प्रो. फ्रांज एक्स. कैरटनर ने पेत्रा-III चरण 2 कार्यक्रम को दो और वर्षों के लिए विस्तारित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे फोटॉन विज्ञान अनुसंधान में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा  इन समझौतों से दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

    इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और जर्मन संघीय मंत्री सुश्री बेट्टीना स्टार्क-वाटजिंगर द्वारा एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया, जिसमें प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित अभिनव उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर प्रकाश डाला गया। दोनों मंत्रियों ने प्रदर्शित नवाचारों की प्रशंसा की, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की उनकी क्षमता पर बल दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह और सुश्री स्टार्क वाटजिंगर ने भारतीय शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स के योगदान की प्रशंसा की, दोनों देशों में सतत विकास और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में ऐसे नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन का समापन करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि भारत और जर्मनी की विज्ञान और प्रौद्योगिकी साझेदारी बढ़ती रहेगी और विकसित होगी, जिससे नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे न केवल दोनों देशों को बल्कि पूरी दुनिया को लाभ होगा। उन्होंने कहा, “हम विज्ञान-संचालित वैश्विक प्रगति के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं और भारत जर्मनी सहयोग इस परिवर्तन में सबसे आगे रहने के लिए अच्छी स्थिति में है।”

    इस कार्यक्रम में भारत और जर्मनी दोनों देशों की कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिससे द्विपक्षीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी साझेदारी के महत्व पर और अधिक ध्यान दिया गया। प्रमुख उपस्थित लोगों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रो. अभय करंदीकर, प्री कॉम्पिटिटिव रिसर्च के निदेशक और अनुभाग प्रमुख डॉ. जोहान फेकल और जर्मन रिसर्च फाउंडेशन के उपाध्यक्ष प्रो. करिन जैकब्स शामिल थे।

    जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सर्विस (डीएएडी) के अध्यक्ष प्रो. जॉयब्रत मुखर्जी, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (आईएनएसए) के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा और डीएसटी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रमुख डॉ. प्रवीणकुमार सोमसुंदरम भी इस अवसर पर मौजूद थे।source: http://pib.gov.in

  • केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की

    केन्द्रीय गृह मंत्री Amit Shah: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़ संकल्पित हैं

    • ‘राष्ट्रीय पुलिस स्मारक’ की यह शिला जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, देशभक्ति व सर्वोच्च बलिदान का प्रतीक
    • अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों का देश सदैव ऋणी रहेगा
    • पुलिसकर्मियों का कल्याण मोदी सरकार की प्राथमिकता है
    • मोदी सरकार स्वास्थ्य, आवास, छात्रवृत्ति से संबंधित अनेक वेलफेयर योजनाएँ पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों के लिए लेकर आई है
    • मोदी जी द्वारा जवानों के बलिदान के सम्मान में बनवाया गया ये पुलिस स्मारक युवाओं को प्रेरणा देगा व नागरिकों को स्मरण कराएगा कि देश आज सुरक्षित है तो इसके पीछे हज़ारों जवानों का बलिदान है
    • विगत एक दशक में सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण ही वामपंथी उग्रवाद, कश्मीर और उत्तर-पूर्व में दशकों से फैली अशांति समाप्त हुई
    • ड्रोन, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास जैसी चुनौतियां देश के सामने खड़ी हैं
    • खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने टिक नहीं सकेंगी
    • जवानों ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है
    • आज ही के दिन 1959 में CRPF के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी, इसीलिए इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर गृह राज्यमंत्री श्री बंडी संजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन, निदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) श्री तपन कुमार डेका, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के वरिष्ठ अधिकारियों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस बलों के जवान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथू तक देश की सीमाओ को सुरक्षित रखते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस बलों के जवान दिन-रात, उत्सव और आपदा, भीषण गर्मी, बारिश या शीतलहर के दौरान सीमाओं पर अडिग रहकर हमारी और सीमाओं की सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि पुलिस स्मारक के मध्य में स्थापित शिला हमारे जवानों के कर्तव्य पर चलने के अडिग फैसले, उनकी प्रखर देशभक्ति और सर्वोच्च बलिदान देने की उनकी उत्कंठा की प्रतीक है। गृह मंत्री ने कहा कि आज ही के दिन 1959 में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 10 जवानों ने चीनी सेना का डटकर मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी और इसीलिए हम इस दिन को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद निर्णय लिया कि दिल्ली के मध्य में इन जवानों के बलिदान के सम्मान में एक पुलिस स्मारक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि ये पुलिस स्मारक हमारे युवाओं को प्रेरणा देता रहेगा और नागरिकों को ये स्मरण कराता रहेगा कि आज हम सुरक्षित हैं और विकास के रास्ते पर चल रहे हैं, तो इसके पीछे इन हज़ारों जवानों का सर्वोच्च बलिदान है। उन्होंने कहा कि 36,468 पुलिस बलों के कर्मियों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है और इसी कारण देश प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 216 पुलिसकर्मियों ने कर्तव्य को पूरा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं और हमारा देश इन जवानों का सदैव ऋणी रहेगा।

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा में हमारे पुलिस बलों द्वारा सर्वोच्च बलिदान देने की एक परंपरा रही है। हमारा गौरवशाली इतिहास भी रहा है कि हिमालय की बर्फीली दुर्गम चोटियों से लेकर, कच्छ और बाड़मेर के विषम मरुस्थलों और विशाल सागर की निर्भीक होकर रक्षा करने वाले जवान ही देश को सुरक्षित रखते हैं।

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    श्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर-पूर्व में दशकों से अशांति का माहौल था लेकिन पिछले एक दशक में हमारे सुरक्षाबलों की कर्तव्यपरायणता के कारण हम इन जगहों पर शांति स्थापित करने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन हमारी लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। ड्रोन के उभरते खतरे, नार्कोटिक्स कारोबार, साइबर अपराध, AI के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयास, धार्मिक भावनाएं भड़काने के षडयंत्र, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद जैसी चुनौतियां आज हमारे सामने खड़ी हैं। श्री शाह ने कहा कि खतरे और चुनौतियां कितनी भी बड़ी हों, हमारे जवानों के अडिग प्रण के सामने वो टिक नहीं सकेंगी।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत के निर्माण के स्वप्न को पूरा करने के लिए देशभर के पुलिसकर्मी दृढ़संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि देश की संसद द्वारा पारित किए गए 3 नए आपराधिक कानूनों पर देश के सभी राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में अमल शुरू हो चुका है। इन कानूनों पर पूरी तरह अमल होने के बाद हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी। देश के किसी भी कोने में दर्ज हुए अपराध में सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से निजात दिलाने का रास्ता इन 3 नए कानूनों के क्रियान्वयन में है।

    श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई है। आयुष्मान CAPFs के माध्यम से 41 लाख से अधिक कार्ड वितरित कर लगभग 1422 करोड़ रूपए के 13 लाख दावों का निपटारा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे जवानऔर उनके परिजन देश में कहीं पर भी हों इस कार्ड के माध्यम से उनके स्वास्थ्य की चिंता हो रही है। गृह मंत्री ने कहा कि हमने हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेश्यो को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा है। मोदी सरकार ने 2015 में 3100 करोड़ रूपए की लागत से 13,000 घरों और 113 बैरक के निर्माण को मंज़ूरी दी थी, जिनमें से मार्च, 2024 तक 11,276 घरों और 111 बैरक का निर्माण पूरा हो चुका है। सीएपीएफ ई-आवास वेब पोर्टल से खाली पड़े घरों को भी आवंटित करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना हमारे पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए आशीर्वाद साबित हुई है। इसके साथ ही, सीएपीएफकर्मियों के आश्रितों के लिए MBBS में 26 और BDS में 3 सीटें भी आरक्षित की हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अनुग्रह राशि को बढ़ाकर एकमुश्त मुआवज़ा देने से हमारे जवानों के परिजनों को काफी राहत मिलती है।

    केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे पुलिसकर्मी, विशेषकर केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs), के सभी जवान कानून व्यवस्था और देश की सुरक्षा को संभालने के अलावा भी कई अन्य काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 तक CAPFs के जवानों ने लगभग 5 करोड़ 80 लाख 90 हज़ार पौधे लगाए हैं और वे अपने बच्चे की तरह उन पौधों की देखभाल कर रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि सिविक एक्शन प्रोग्राम के माध्यम से सभी सीमांत ज़िलों में भारत सरकार और राज्य सरकारों की सभी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने का काम हो रहा है। गृह मंत्री  ने कहा कि देश के लिए अपने प्राणो की आहुति देने वाले जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इन जवानों के बलिदान के कारण देश की सुरक्षा सुनिश्चित रहेगी और 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि आज़ादी की शताब्दी के समय भी कृतज्ञ राष्ट्र इन जवानों के बलिदान को नतमस्तक होकर सदैव याद रखेगा।

    source: http://pib.gov.in

  • Home Minister Amit Shah ने आज राज्य सभा में केरल के वायनाड में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में भाग लिया

    Home Minister Amit Shah ने आज राज्य सभा में केरल के वायनाड में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में भाग लिया

    Home Minister Amit Shah (गृह मंत्री अमित शाह) News:

    • मोदी सरकार संकट की घड़ी में केरल की जनता व सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है
    • आज दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भारत के पास है
    • मोदी सरकार के अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के माध्यम से आज देश के अनेक राज्य जीरो कैजुअल्टी डिजास्टर मैनेजमेंट कर रहे हैं
    • 23 जुलाई से केरल सरकार को अर्ली वॉर्निंग दी गई
    • भूस्खलन की संभावना को देखते हुए 23 जुलाई को ही NDRF की 9 टीमें केरल भेज दी गई
    • 26 जुलाई को भी केरल सरकार को बताया गया था कि वहां भारी वर्षा व भूस्खलन की संभावना है, जिसमें लोगों की जान जा सकती है
    • आरोप लगाने वालों ने अगर अर्ली वॉर्निंग को पढ़ा होता तो ये स्थिति न आती
    • विपक्ष को अगर अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की जानकारी का अभाव है तो ये गलत है, लेकिन जानकारी है और राजनीति कर रहे हैं तो ये दुखद है
    • वर्षा, हीट वेव, तूफान, चक्रवात सहित बिजली गिरने के लिए भी अर्ली वॉर्निंग सिस्टम उपलब्ध है

    Home Minister Amit Shah ने आज राज्य सभा में केरल के वायनाड में भूस्खलन से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा में भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए श्री अमित शाह ने इस घटना में जान गंवाने और घायल होने वाले सभी लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 7 दिन पहले 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की ओर से अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी और इसके बाद 24, 25 तारीख को भी अर्ली वॉर्निंग दी गई। उन्होंने कहा कि 26 जुलाई को केरल सरकार को बताया गया कि 20 सेंटीमीटर से अधिक भारी वर्षा होगी और भूस्खलन की संभावना है जिसमें जान का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वालों ने अगर अर्ली वार्निंग को पढ़ा होता तो ये स्थिति न आती।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि देश में कई राज्य सरकारें ऐसी हैं जिन्होंने इस प्रकार की अर्ली वॉर्निंग का उपयोग कर ज़ीरो कैज़ुअल्टी डिज़ास्टर मैनेजमेंट किया है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 7 दिन पहले सायक्लोन अलर्ट भेजा और वहां सिर्फ एक व्यक्ति की गलती से जान गई। गुजरात में 3 दिन पहले अलर्ट भेजा औऱ वहां एक पशु की भी जान नहीं गई।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि 2014 के बाद से भारत सरकार ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर 2000 करोड़ रूपए खर्च किए हैं और इसे साझा किया जाता है। उन्होंने कहा कि 7 दिन पहले सभी राज्यों को सूचना भेजी जाती है और वो सूचना वेबसाइट पर सभी के लिए उपलब्ध है।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि वर्षा, हीटवेव, तूफान, चक्रवात और बिजली गिरने की सूचना देने के लिए अर्ली वॉर्निंग सिस्टम मौजूद है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अगर अर्ली वार्निंग सिस्टम की जानकारी का अभाव है तो ये गलत है, लेकिन जानकारी है और राजनीति कर रहे हैं तो ये दुखद है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने इसका उपयोग किया है औऱ इसके परिणाम भी आए हैं।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि उन्हीं के अनुमोदन से भारत सरकार द्वारा 23 जुलाई को 9 NDRF की टीमें केरल के लिए विमान से भेजी गईं कि वहां भूस्खलन हो सकता है। उन्होंने पूछा कि केरल सरकार ने वहां रह रहे वल्नरेबल लोगों को शिफ्ट क्यों नहीं किया क्योंकि अगर शिफ्ट किया गया होता तो इतने लोगों की जान क्यों जाती।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि 2014 में श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया का सबसे आधुनिक अर्ली वॉर्निंग सिस्टम भारत में स्थापित करने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की आपदा का 7 दिन पहले अनुमान देने वाले चार देशों में भारत शामिल है।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि SDRF के तहत कोई भी राज्य 10 प्रतिशत राशि अपने हिसाब से जारी कर सकता है और भारत सरकार के दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए बिना किसी मंज़ूरी के 100 प्रतिशत राशि को जारी कर सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए 2014 से 2024 तक 6,244 करोड़ रूपए मंज़ूर किए गए हैं, जिनमें से 4,619 करोड़ रूपए जारी भी कर दिए गए हैं।

    Home Minister Amit Shah ने कहा कि 7 दिन पहले अर्ली वॉर्निंग दे दी गई थी और 23 जुलाई को NDRF की 9 बटालियन भेज दी थीं और 3 बटालियन कल रवाना की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये समय केरल सरकार औऱ वहां की जनता के साथ खड़ा रहने का है। श्री शाह ने दोहराया कि इस संकट की घड़ी में नरेन्द्र मोदी सरकार केरल की जनता और सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी।

    source: https://pib.gov.in/


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