Tag: Ministry of Rural Development

  • Secretary Shailesh Kumar Singh ने अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की

    Secretary Shailesh Kumar Singh ने अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की

    Shailesh Kumar Singh: लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध ग्रामीण विकास मंत्रालय के ‘नई चेतना 3.0 अभियान’ के प्रति समर्थन बढ़ाने हेतु

    • इस अभियान का शुभारंभ 25 नवंबर 2024 को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर किया जाएगा
    • एक महीने तक चलने वाला यह अभियान 23 दिसंबर, 2024 तक देश के सभी राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों में चलाया जायेगा
    • इस पहल का नेतृत्व डीएवाई-एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह नेटवर्क द्वारा किया जाएगा

    ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने ‘नयी चेतना 3.0’ – जो लिंग-आधारित हिंसा के विरुद्ध इसके राष्ट्रीय अभियान का तीसरा संस्करण है – के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार करने हेतु कल एक अंतर-मंत्रालयी बैठक बुलाई।

    ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में, इस बैठक में देश भर में लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध जागरूकता बढ़ाने और प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने से संबंधित सहयोग एवं कार्य योजनाओं पर चर्चा करने हेतु सात मंत्रालयों के प्रतिनिधि एक साथ आए।

    इस बैठक की शुरुआत ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती स्मृति शरण ने नई चेतना अभियान के पिछले संस्करणों के प्रमुख निष्कर्षों को प्रस्तुत करके की। इन निष्कर्षों में सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके बाद, ‘नई चेतना-3.0’ के लक्ष्यों और संरचना से संबंधित एक अवलोकन प्रस्तुत किया गया।

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    एक महीने तक चलने वाले इस अभियान का शुभारंभ 25 नवंबर, 2024 को किया जायेगा और यह 23 दिसंबर, 2024 तक देश के सभी राज्यों और केन्द्र- शासित प्रदेशों में चलाया जायेगा। जन आंदोलन की भावना से लैस इस पहल का नेतृत्व डीएवाई-एनआरएलएम के स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) नेटवर्क द्वारा किया जाएगा।

    ग्रामीण विकास मंत्रालय के नेतृत्व में आयोजित इस बैठक में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, युवा कार्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और न्याय विभाग सहित विभिन्न संबंधित मंत्रालयों की भागीदारी हुई। बैठक में चर्चाएं निवारक प्रयासों को मजबूत करने, समर्थन प्रणालियों की सुलभता को बेहतर बनाने और इस अभियान के उद्देश्यों को साकार करने के लिए प्रत्येक मंत्रालय की विशेषज्ञता का लाभ उठाने हेतु समन्वय को बढ़ावा देने पर केन्द्रित थीं। प्रत्येक मंत्रालय की भूमिका को रेखांकित करने वाली एक संयुक्त परामर्श के मसौदे पर चर्चा व समीक्षा की गई। चर्चा के दौरान प्राथमिकता दी जा सकने वाली हिंसा के विभिन्न रूपों और इन बाधाओं को दूर करने हेतु उठाए जा सकने वाले कदमों पर प्रकाश डाला गया।

    अपने संबोधन में, ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री चरणजीत सिंह ने बैठक के दौरान दिए गए सुझावों की सराहना की और इस अभियान को मिशन मोड में चलाने के लिए दिए गए परामर्श को औपचारिक बनाने का आह्वान किया।

    अपने समापन भाषण में, श्री शैलेश कुमार सिंह ने व्यापक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने और लिंग आधारित हिंसा से निपटने हेतु विभिन्न मंत्रालयों के एकजुट एवं समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया।

    ‘नई चेतना’ अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर पर विभिन्न पहलों के माध्यम से लिंग आधारित हिंसा से निपटने हेतु जागरूकता बढ़ाना और सूचित कार्रवाई करना है। अपनी शुरुआत के बाद से, ‘नई चेतना’ ने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा आंदोलन खड़ा करते हुए देश भर में लाखों लोगों को एकजुट किया है। अपने पहले वर्ष में, विभिन्न मंत्रालयों के समर्थन से यह अभियान जहां 3.5 करोड़ लोगों तक पहुंचा, वहीं इसके दूसरे संस्करण, ‘नई चेतना 2.0’ में 31 राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों के 5.5 करोड़ प्रतिभागी शामिल हुए। इसमें देशव्यापी स्तर पर लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध 9 लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं।

    source: http://pib.gov.in

  • केंद्रीय मंत्री Rajiv Ranjan Singh ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” का शुभारंभ किया

    केंद्रीय मंत्री Rajiv Ranjan Singh ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” का शुभारंभ किया

    Rajiv Ranjan Singh :“ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” भारतीय अर्थव्यवस्था को बदलने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा

    • स्थानीय मौसम का पूर्वानुमान अब पांच दिन और प्रति घंटे के आधार पर 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों के लिए उपलब्ध

    केंद्रीय पंचायती राज मंत्री Rajiv Ranjan Singh उर्फ ​​ललन सिंह,  केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.जितेंद्र सिंह और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान का शुभारंभ किया। पंचायती राज मंत्रालय और भारत मौसम विज्ञान विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से विकसित यह पहल जमीनी स्तर पर जलवायु तैयारियों की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महत्वपूर्ण प्रयास सरकार के 100 दिनों के एजेंडे का हिस्सा है और समग्र सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर शासन में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए विशेषज्ञ विभागों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।

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    इस अवसर पर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान” भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और ग्रामीण आबादी के लिए जीवन में सुगमता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह पहल पंचायतों को जलवायु चुनौतियों का समाधान करने और कृषि एवं आपदा तैयारियों के लिए निर्णय लेने में सुधार करने में सक्षम बनाकर ग्रामीण शासन में महत्वपूर्ण से रूप से बदलाव लायेगी। श्री सिंह ने ग्रामीण नागरिकों को समय पर मौसम की जानकारी प्रसारित करने, अंततः आजीविका में सुधार और सतत विकास को बढ़ावा देने में पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) की महत्वपूर्ण भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम का पूर्वानुमान ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण उपलब्धि सिद्ध होगा। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की “एक पेड़ माँ के नाम”   ऐतिहासिक पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक मूल्यों से जोड़ती है और इसका उद्देश्य हरित आवरण को बढ़ाना है। उन्होंने इस पहल के लिए पंचायती राज मंत्रालय और भारत मौसम विभाग के संयुक्त प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने किसानों को अधिक प्रभावी ढंग से योजना बनाने और मौसम की अनिश्चितताओं के कारण कृषि नुकसान को कम करने में सहायता करने की इसकी क्षमता का भी उल्लेख किया।

    विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री (डॉ.) जितेंद्र सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय और आईएमडी के बीच सहयोग की सराहना करते हुए इस बात पर बल दिया कि ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान की उपलब्धता से आपदा तैयारियों को काफी बढ़ावा मिलेगा तथा इससे पूरे भारत में जलवायु से प्रभावित समुदायों के निर्माण में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने पिछले दशक में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में लगातार सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। डॉ. सिंह ने कहा कि एआई, मशीन लर्निंग और विस्तारित अवलोकन नेटवर्क जैसी उन्नत तकनीकों ने मौसम पूर्वानुमान सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने पीआरआई से ग्रामीण आबादी को विपरित मौसम के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने और कृषि उत्पादकता को और बढ़ाने के लिए इस जानकारी का सक्रिय रूप से लाभ उठाने का आह्वान किया।

    पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने इस पहल के दीर्घकालिक लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह स्मार्ट, सशक्त और आत्मनिर्भर पंचायतों के निर्माण के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने ग्रामीण नागरिकों, विशेष रूप से किसानों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की इस पहल की क्षमता पर जोर देते हुए इसके लाभों के बारे में व्यापक जन जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर बल दिया। प्रो. बघेल ने कहा कि ग्रामीण भारत ऐसी दूरदर्शी और परिवर्तनकारी पहलों के माध्यम से एक विकसित राष्ट्र के स्वपन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    उन्होंने अपने संबोधन के दौरान, पंचायतों से अपील की गई कि वे मौसम से जुड़ी जानकारी को लोगों तक सक्रिय रूप से पहुंचाएं, ताकि ग्रामीण समुदाय इस पहल का पूरा लाभ उठा सकें। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान के तकनीकी पहलुओं और लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने इस पहल को आगे बढ़ाने में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।

    इस शुभारंभ कार्यक्रम में पंचायती राज, कृषि, ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अन्य प्रमुख हितधारकों के गणमान्य व्यक्तियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा और उत्तर प्रदेश के पंचायत प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में बड़े उत्साह के साथ सहभागी बनते हुए कृषि परिणामों को बेहतर बनाने और अपने समुदायों को जलवायु संबंधी चुनौतियों से बचाने के लिए इन मौसम पूर्वानुमान उपकरणों का उपयोग करने में गहरी रुचि दिखाई।

    इसके अलावा, 200 से अधिक प्रतिभागियों के लिए “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला भी आयोजित की गई, जिसमें पीआरआई और राज्य पंचायती राज अधिकारियों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान उपकरणों की समझ और उपयोग को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में जलवायु को सुधारने में मदद मिली।

    मौसम पूर्वानुमान डेटा मेरी पंचायत ऐप, ई-ग्राम स्वराज और ग्राम मानचित्र जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए सुलभ होगा, जो शासन को सुव्यवस्थित करने और जमीनी स्तर पर पारदर्शिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ई-ग्राम स्वराज प्लेटफ़ॉर्म प्रोजेक्ट ट्रैकिंग और संसाधन प्रबंधन में सहायता करता है, जबकि मेरी पंचायत ऐप सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है। ग्राम मानचित्र भू-स्थानिक जानकारी प्रदान करता है, जो पंचायत स्तर पर स्थानिक नियोजन और विकास परियोजनाओं में सहायता करता है।

    ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान प्रणाली का शुभारंभ ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और जलवायु-अनुकूल भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह ग्रामीण आबादी को कृषि गतिविधियों, आपदा तैयारी और बुनियादी ढाँचे की योजना के बारे में सूचित निर्णय लेने में सहायता प्रदान करेगा, जिससे जीवन की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और राष्ट्र की प्रगति में योगदान मिलेगा।

    source: http://pib.gov.in

  • Shivraj Singh Chouhan: अर्बन डेवलपमेंट के लिए व्यवस्थित और प्रामाणिक लैंड रिकॉर्ड्स की जरूरत

    Shivraj Singh Chouhan: अर्बन डेवलपमेंट के लिए व्यवस्थित और प्रामाणिक लैंड रिकॉर्ड्स की जरूरत

    केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण -पुनःसर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग पर आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया

    • विभाग और राज्य सरकार के प्रयास से 6.26 लाख लैंड रिकॉर्ड का कंप्यूटरीकरण, 223 लाख मानचित्रों का डिजिटलीकरण और 5000 से अधिक सब रजिस्ट्रार कार्यालयों का कंप्यूटरीकरण हो गया है : केंद्रीय मंत्री
    • सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के सृजन के लिए नेशनल जियो-स्पेशियल नॉलेज़ बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन्स प्रायोगिक परियोजना को मंजूरी दी है : श्री चौहान

    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनःसर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग पर आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। श्री चौहान ने  कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि लैंड रिकॉर्ड का काम देखने में महत्वपूर्ण काम नहीं लगता है लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण काम है। मैं ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर यह देखता था कि व्यवस्थित लैंड रिकॉर्ड नहीं होने के कारण रिकॉर्ड में हेराफेरी हो जाती है, अर्बन डेवलपमेंट के लिए व्यवस्थित और प्रामाणिक लैंड रिकॉर्ड्स की जरूरत है इसलिए ये काम बहुत महत्वपूर्ण है।

    केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शहरी भूमि अभिलेखों के सर्वेक्षण-पुनःसर्वेक्षण में आधुनिक तकनीक का उपयोग पर आज नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। श्री चौहान ने  कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि लैंड रिकॉर्ड का काम देखने में महत्वपूर्ण काम नहीं लगता है लेकिन यह सबसे महत्वपूर्ण काम है। मैं ग्रामीण क्षेत्रों में निरन्तर यह देखता था कि व्यवस्थित लैंड रिकॉर्ड नहीं होने के कारण रिकॉर्ड में हेराफेरी हो जाती है, अर्बन डेवलपमेंट के लिए व्यवस्थित और प्रामाणिक लैंड रिकॉर्ड्स की जरूरत है इसलिए ये काम बहुत महत्वपूर्ण है।

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    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के साथ – साथ कृषि मंत्री होने के नाते मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगा कि वर्ष 2014 से, हम किसान कल्याण के लिए सम्पूर्ण सरकार के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर या एग्रीस्टैक, जिसका उद्देश्य एक समेकित कृषक एवं कृषि भूखंड रजिस्ट्री तैयार करना है, लॉन्च किया है। एग्रीस्टैक प्लैटफार्म पर हितधारकों और प्राधिकारियों के उपयोग हेतु सरकारी योजनाओं सम्बन्धित उच्च गुणवत्तापूर्ण आंकड़े उपलब्ध हैं।  भू अभिलेखों एवं भू प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राज्य सरकारों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से, हमारी सरकार ने इस वर्ष के बजट में भूमि संबंधी सुधारों के साथ-साथ राज्य किसान रजिस्ट्री तैयार करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के राजकोषीय समर्थन की घोषणा की है। मैंने भूमि संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करें ताकि उन्हें भूमि प्रशासन, नियोजन और प्रबंधन, शहरी नियोजन, भूमि उपयोग और भवन उपनियमों, भू-आधार, मानचित्र उप-प्रभागों के सर्वेक्षण जैसे क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन प्राप्त हो सके।

    उन्होंने कहा कि भूमि अभिलेखों के अद्यतन डेटाबेस की प्रासंगिकता को समझना महत्वपूर्ण है। प्रभावी शहरी नियोजन, भूमि प्रबंधन और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए हमें भूमि, उसके स्वामित्व और उपयोग के बारे में स्पष्ट डेटा की आवश्यकता होती है। एक सुदृढ़ संपत्ति रिकॉर्ड और कर प्रशासन के लिए, हमारे पास भूमि का सटीक डेटाबेस होना चाहिए। केंद्र और राज्यों की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सार्वजनिक सेवा वितरण की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने के लिए भूमि अभिलेखों तक निर्बाध पहुंच महत्वपूर्ण है। भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने की हमारी सरकार की संकल्पना को सरकार के सभी अंगों के सम्मिलित प्रयासों के माध्यम से ही साकार किया जा सकता है। सही और सटीक भूमि अभिलेखों का एकत्रीकरण देश के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    श्री चौहान ने कहा कि हमारा देश बहुत विशाल है। अतीत में अवसंरचना संबंधी परियोजनाओं को पूरा होने में काफी वर्ष लग जाते थे। शहरी आबादी को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करने के लिए, प्रभावी योजना की आवश्यकता होती है। हमारी सरकार बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को लागू करने में आ रही बाधाओं को दूर करने हेतु मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान या पीएम-गति शक्ति शुरू करने में सफल रही है। अब भू-कर मानचित्र, जो कि नियोजन और विकास में एक महत्वपूर्ण घटक होते हैं, और लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने में एजेंसियों की मदद करते हैं, पीएम-गति शक्ति का एक हिस्सा है।  जहां तक शहरी भूमि प्रशासन का संबंध है, इस वर्ष के बजट में यह प्रावधान भी किया गया है कि राज्यों को, जीआईएस मैपिंग का उपयोग करके शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के डिजिटीकरण और संपत्ति रिकॉर्ड प्रशासन एवं कर प्रशासन को अद्यतन करने के लिए आईटी आधारित प्रणालियों को लागू करके शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने हेतु, प्रोत्साहित किया जाए। मुझे विश्वास है कि यह कदम शहरी नागरिकों को सशक्त बनाकर संपत्ति कर निर्धारण प्रणाली में क्रांति लाने और “ईज़ ऑफ लिविंग” को बढ़ावा देने वाला होगा।

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    उन्होंने बताया कहा कि मध्यप्रदेश में 34 शहरों में ड्रोन फ्लाइंग का काम पूरा हो चुका है और 12 शहरों में ऑर्थो रेक्टिफाइड इमेजरी (ORI) का निर्माण पूरा हो चुका है। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए, मैं राष्ट्रीय स्तर पर भूमि अभिलेखों के निर्माण और मिलान में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहता था। मैंने भूमि संसाधन विभाग को चरणबद्ध तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों के सृजन के लिए “नेशनल जियो-स्पेशियल नॉलेज़ बेस्ड लैंड सर्वे ऑफ अर्बन हेबिटेशन्स” (National geospatial Knowledge-based land Survey of urban Habitations)(NAKSHA) नामक प्रायोगिक परियोजना को मंजूरी दी है। इसकी कार्य की कार्यविधि में मानव संचालित अथवा मानवरहित एरियल फिचर एक्सट्रेक्शन, डिजिटल एलिवेशन मॉडल और लीडार सेंसर के साथ ऑब्लिक एंगल कैमरा का उपयोग करके ओर्थो रेक्टिफाइड इमेज़री तैयार करना शामिल है। यह पायलट परियोजना को सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के 130 शहरों में शुरू की जाएगी और इसकी एक वर्ष की अवधि में पूरा होने की संभावना है। इसके बाद आगे के चरण शुरू होंगे और हमें आशा है देश के सभी शहरों  में यह कार्य पांच वर्ष की अवधि में पूरा हो जायेगा।

    मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि शहरी नियोजन के लिए 3 डी इमेजरी के साथ एरियल फोटोग्राफी एक शक्तिशाली उपकरण है। स्थानीय स्तर पर वर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए, बेहतर जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सटीक जीपीएस निर्देशांकों के साथ एरियल फोटोग्राफी, भूमि सर्वेक्षण की गति में तीव्रता लाने में सहयोग करेगा, जो अंततः संपत्ति कर निर्धारण, बेहतर परिवहन व्यवस्था, जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन की योजना बनाने तथा हमारे शहरी क्षेत्रों के लिए मास्टर प्लान तैयार करने में उपयोगी होगा।

    श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मेरा विभाग इस दिशा में अथक प्रयास कर रहा है। मैं भूमि अभिलेखों के सृजन और मिलान पर अन्य देशों के विशेषज्ञों के साथ परामर्श करना चाहता था और यह दो दिवसीय सम्मेलन इस संबंध में नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करने और समझने का एक प्रयास है। मुझे विश्वास है कि विशिष्ट प्रतिभागी अपने विचार रखेंगे जिन पर सत्रों के दौरान विस्तार से विचार-विमर्श किया जाएगा। मैं यहां उपस्थित राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लें, क्योंकि केवल राज्यों के सहयोग से ही हम शहरी भूमि प्रशासन में आधुनिक प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने और भूमि प्रबंधन प्रणालियों में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। हम दुनियाभर के विशेषज्ञों की उपस्थिति से लाभान्वित होंगे और उनके द्वारा प्रस्तुत जानकारी से हमें भूमि प्रबंधन में आधुनिक तकनीकियों का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।

    मैं इस समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं देता हूं। मुझे उम्मीद है कि कार्यशाला से मिली जानकारी शहरी स्थानीय निकायों को और मजबूत बनाने के लिए नीतियां तैयार करने में सरकार की सहायता करेगी।

    सचिव,  भूमि संसाधन विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय,  श्री मनोज जोशी ने बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई है इसके साथ ही हमने शहरी क्षेत्रों में सर्वेक्षण करने के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया हमारा टेक्निकल पार्टनर है जिससे कि सभी शहरों में ड्रोन फ्लाइंग की जा सके। ड्रोन फलाईंग से जो इमेजिज मिलेगी उससे राज्यों के राजस्व और शहरी विभाग शहरी लैंड रिकॉर्ड, शहरों के मास्टर प्लान और ड्रेनेज रिकॉर्ड तैयार करेंगे। इस कार्यशाला का उद्देश्य है कि लैंड रिकॉर्ड में विदेशी एक्सपर्टस, स्फॉटवेयर के एक्सपर्टस का फायदा ले सकें। जिन राज्यों ने लैंड रिकॉर्ड सर्वे का काम किया है। वे एक दूसरे के साथ जानकारी साझा कर सकेंगे। लैंड रिकॉर्ड के इस काम को हम एक साल में पूरा कर सकेंगे।

    source: http://pib.gov.in


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