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  • CM Atishi ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस अनूठे स्कूल में खिलाड़ियों का “खेल ही पढ़ाई है”

    CM Atishi ने कहा कि दिल्ली सरकार के इस अनूठे स्कूल में खिलाड़ियों का “खेल ही पढ़ाई है”

    CM Atishi और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में छात्रों से मुलाकात की

    CM Atishi और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान विद्यार्थियों ने मनीष सिसोदिया और सीएम आतिशी का तिलक लगाकर स्वागत किया। दोनों नेताओं ने विद्यार्थियों से उनकी तैयारियों के बारे में पूछा, साथ ही स्कूल की सुविधाओं, ट्रेनिंग, आहार और खेलों को भी देखा। साथ ही, दोनों ने स्कूल के विभिन्न खेल मैदानों में जाकर टेबल टेनिस, तीरंदाजी, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, मुक्केबाजी और तैराकी खेलने वाले खिलाड़ियों से मुलाकात की।

    दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल ने प्रतिभाओं को निखारा

    बता दें कि छठी और नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भारत के विभिन्न राज्यों से टैलेंट स्काउटिंग के माध्यम से स्पोर्ट्स स्कूल में चुना जाता है, जो एक आवासीय स्कूल है। स्कूल में दसवीं ओलंपिक खेलों के लिए उत्कृष्ट ट्रेनिंग और सुविधाएं हैं। बातचीत के दौरान विद्यार्थियों ने मनीष सिसोदिया और सीएम आतिशी से कहा कि जब वे स्पोर्ट्स खेलते थे, उनका सपना था कि वे अपने खेल में महारत हासिल करें ताकि वे किसी विभाग में नौकरी पा सकें। लेकिन इस स्कूल में आने के बाद हमारी सोच बदल गई. अब हमारा लक्ष्य खेल में नौकरी पाने की जगह देश के लिए ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।

    अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने का सपना

    एक अन्य विद्यार्थी ने बताया कि स्कूल में आने से पहले हमारे पास जो सुविधाएं थीं और जो प्रशिक्षण था, उससे हमें लगता था कि हम राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे। लेकिन इस स्कूल में आने के बाद हमें जो शिक्षा और सुविधाएं मिली हैं, उसकी बदौलत हम आज राष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे हैं और जल्द ही देश के लिए मेडल जीतेंगे। इस अवसर पर मनीष सिसोदिया ने स्पोर्ट्स स्कूल के विद्यार्थियों से भी चर्चा की। उनका कहना था कि स्पोर्ट्स स्कूल उनके लिए एक सपना था. 10 साल पहले देखा सपना आज सच होता देखना इतना भावुक हो सकता है। उनका कहना था कि एक समय यहाँ एक टूटी-फूटी बिल्डिंग थी। लेकिन आज ये विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स स्कूल है।

    मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि अब तक देश में खेल और पढ़ाई को अलग-अलग माना गया है। यही कारण है कि इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बावजूद भी हम ओलंपिक पदक तालिका में बहुत नीचे हैं। दिल्ली सरकार इस विचार को दूर करने की कोशिश कर रही है। दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी और इसके अंतर्गत दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल एक ऐसा वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं जहां खिलाड़ियों का खेल ही उनकी पढ़ाई होगी और पूरे देश के लोग कह सकेंगे कि खेल भी एक शिक्षण है।

    दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की विशेषताएं

    ऑडीटोरियम
    स्पोर्ट्स साइंस लैब
    आईटी सेंटर
    टेबल टेनिस कोर्ट
    स्विमिंग पूल
    मल्टीपल स्पोर्ट्स ट्रेनिंग ब्लाक
    कुश्ती
    मुक्केबाजी और निशानेबाजी (निर्माणाधीन)
    हॉस्टल मेस
    मल्टीपर्पस रूम और रिडिंग रूम शामिल हैं
    अकेडमिक ब्लाक
    वेटलिफ्टिंग हॉल
    तीरंदाजी कोर्ट
    वार्म-अप ट्रैक
    4 मंजिला हॉस्टल (लड़के-लड़कियों की 200+ क्षमता)

    क्या दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल एक को-एड विद्यालय है जो पूरी तरह आवासीय है, जिसमें अलग-अलग हॉस्टल सुविधाएं हैं। स्कूल में दस ओलंपिक खेलों के लिए खेल प्रशिक्षण और सुविधाएं उपलब्ध हैं: उसमें आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, शूटिंग, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग, बॉक्सिंग, स्विमिंग, टेबल टेनिस और लॉन टेनिस शामिल हैं। विशेष स्पोर्ट्स इंटीग्रेटेड करिकुलम के माध्यम से स्कूल का समग्र विकास सुनिश्चित करते हुए स्पोर्ट्स चैंपियन तैयार करना इस स्कूल का लक्ष्य है।

  • AAP ने जनसंपर्क अभियान शुरू किया, Arvind Kejriwal ने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनने का आह्वान किया

    AAP ने जनसंपर्क अभियान शुरू किया, Arvind Kejriwal ने उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनने का आह्वान किया

    आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का “जन संपर्क” अभियान शुरू किया,

    आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक Arvind Kejriwal ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का “जन संपर्क” अभियान शुरू किया, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री बनते बनते है तो..।

    आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का “जन संपर्क” अभियान शुरू किया, जिसमें उन्होंने मतदाताओं से उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनने की अपील की। केजरीवाल ने कहा कि वह मुख्यमंत्री बनने पर सुनिश्चित करेंगे कि दिल्लीवासियों का कोई भी काम नहीं रुकेगा। उनका आरोप था कि जब वह पांच महीने की जेल में थे, भाजपा ने आप सरकार की कई योजनाओं में बाधा डालने की कोशिश की। “मुझे पूरा विश्वास है कि दिल्ली में सभी काम और सुविधाएं जारी रखने के लिए जनता फिर से आप की सरकार बनाएगी,” उन्होंने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा। मैं एक बार फिर आपके वोट से मुख्यमंत्री बनूंगा और पहले की तरह आपकी हर आवश्यकता पूरी करूँगा।”

    17 सितंबर को, भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत मिलने के कुछ दिन बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जनता से “ईमानदारी का प्रमाण पत्र” मिलने के बाद ही वह मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे। “मेरी गिरफ़्तारी को लेकर दिल्ली की जनता के मन में कई सवाल हैं और उन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए मैंने एक पत्र लिखा है,” उन्होंने बताया। ताकि लोगों को उनके सवालों का जवाब मिल सके, हमारी पार्टी के कार्यकर्ता 29 अक्टूबर तक इस पत्र को घर-घर जाएंगे।”

    केजरीवाल ने कहा कि हम सब आपके लिए जेल गए

    कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा, “उन्होंने मुझे गिरफ्तार किया और पांच महीने तक जेल में रखा। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि मैं आपको जो सुविधाएं दे रहा हूं, उन्हें रोक सकूं।उन्होंने कहा, “वे (भाजपा) दिल्ली में मेरे द्वारा किए जा रहे काम को रोकना चाहते हैं क्योंकि भाजपा शासित 22 राज्यों के लोग सवाल कर रहे हैं कि उनके राज्यों में ऐसी प्रगति क्यों नहीं हो रही है।”पार्टी अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी के अन्य नेताओं ने दिल्ली को विकसित करने में मदद की थी, इसलिए वे जेल गए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “हम सब आपके लिए जेल गए।” भाजपा के लोग मुझे जेल में  नहीं डालते अगर मैं दिल्ली की जनता की सेवा नहीं करता। अगर मनीष सिसोदिया बच्चों को पढ़ाने के लिए अच्छे स्कूल नहीं बनाते तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ता।”

    “अगर सतेंद्र जैन ने दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक नहीं बनाया होता और सरकारी अस्पतालों में सुधार नहीं किया होता, तो उन्हें भी जेल नहीं जाना पड़ता,” उन्होंने कहा।पत्र में आरोप लगाया गया कि बिजली-पानी की मुफ्त सुविधाओं सहित सभी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी अगर भाजपा दिल्ली की सत्ता में आती है। पार्टी के कई विधायक और नेता, जिनमें मनीष सिसोदिया, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, मंत्री गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत और इमरान हुसैन शामिल थे, आप के “जन संपर्क” अभियान के उद्घाटन पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित थे। भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने आपके आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों में केजरीवाल की जीत का भय फैलाया जा रहा है।

    केजरीवाल ने दिल्लीवासियों को धोखा दिया—भाजपा

    दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुप्ता ने कहा, “केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया है..। केजरीवाल ने फिर से दिल्लीवासियों को डराना शुरू कर दिया है क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव का समय आ गया है और जनता उनसे उनके व्यवहार का हिसाब लेगी और सरकार को गिरफ्तार कर देगी।” गुप्ता ने कहा कि नेताओं द्वारा भाजपा पर सत्ता में आने के बाद मुफ्त बिजली और पानी की योजनाओं को वापस लेने की बात कहना यह बताता है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने हार मान ली है। उन्होंने कहा, “अपने भाषणों में वे कह रहे हैं कि भाजपा सरकार वह सब कुछ छीन लेगी जो मुफ्त में मिला था। यह भय दिखाता है कि वे अपनी हार को समझ चुके हैं।भाजपा नेता ने कहा कि दिल्लीवासी बुद्धिमान हैं और आपकी योजनाओं में नहीं फंसेंगे। उनका दावा था कि दिल्ली में पार्टी का विनाश होगा।

  •  Aam Aadmi Party  नेता आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’, AAP के बाकी नेता पिछड़े बारी बारी 

     Aam Aadmi Party नेता आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’, AAP के बाकी नेता पिछड़े बारी बारी 

     Aam Aadmi Party

    Aam Aadmi Party नेता और दिल्‍ली की केबिनेट मंत्री आतिशी कैसे बनीं दिल्‍ली की ‘एक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर’,का किस्सा तो मशहूर रहा ही है, दिल्ली का नया मुख्यमंत्री भी बिलकुल वैसा ही है – और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने  सुबह पहले ही सभी संदेह दूर करते हुए कहा, “कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है और हमेशा उनकी रहेगी।”
    आम आदमी पार्टी विधायक दल की बैठक ने आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना है। लंबे समय से चली आ रही दिल्ली सरकार के नेतृत्व को लेकर चल रही उठापटक और राजनीतिक संघर्ष इस चुनाव से समाप्त हो गया है। जब से केजरीवाल को शराब घोटाले के आरोप में जेल में डाला गया था, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि वे मुख्यमंत्री पद को किसे सौंपेंगे। हालाँकि, जेल से सरकार चलाने का निर्णय लेते हुए केजरीवाल ने इन संदेहों को थोड़ा टाल दिया था। लेकिन उनके इस्‍तीफे की घोषणा के बाद तय हो गया कि सीएम पद के लिए लॉटरी किसके नाम पर खुलेगी। जो नाम दिखाई देता है, वे आतिशदिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी का नाम आश्चर्यजनक नहीं है। वे  दिल्ली सरकार में केजरीवाल की स्वाभाविक प्रतिभा हैं। शराब घोटाले में केजरीवाल और मनीष सिसौदिया भी शामिल थे। ऐसे में आतिशी को उनके जेल जाने के बाद उनके लगभग सभी मंत्रालय सौंप दिए गए। केजरीवाल और सिसौदिया की अनुपस्थिति में दिल्ली सरकार आक्रोशित हो गई। वे पार्टी के भीतर होने वाले कामों को भी देख रहे थे और केजरीवाल पर हमला करने वाली बीजेपी से भी लड़ रहे थे। तेजतर्रार और केजरीवाल की विश्वसनीयता के साथ। इन दो चीजों ने आतिशी का बायोडेटा बेहतर बनाया।

    आतिशी सीएम भी कई विभागों को संभालेंगी!

    राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को “शीशमहल” कहते हैं, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास से बाहर रहते हुए, वह दिल्लीवासियों के लिए उतना ही महत्वपूर्ण था क्योंकि वह अभी तक चीफ मिनिस्टर विदाउट पोर्टफोलियो के रूप में कार्यरत रहा है। यह स्पष्ट है कि वे तिहाड़ जेल में रहते हुए भी सरकार चलाते थे, जैसे मुख्यमंत्री आवास में रहते हुए। हां, आप अब आतिशी में कई विभागों को संभालने वाली पहली मुख्यमंत्री  होंगी। यकीन है कि केजरीवाल सुपर सीएम रहेंगे।

    देश की राजनीति में “एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” की कहानी प्रचलित है, और दिल्ली का नया मुख्यमंत्री ऐसा ही होगा। आतिशी  पांच महीने के लिए मुख्यमंत्री रहेंगी। हालाँकि, दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में सुषमा स्वराज का कार्यकाल इससे भी कम रहा है।

    कौन कौन नहीं बन पाया सीएम, और क्यों?

    यह आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं की सूची है, जिनकी दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनने की कोई संभावना नहीं थी। ऐसा ही मान कर चला जा रहा था, कम से कम दिल्ली विधानसभा चुनाव होने तक। अरविंद केजरीवाल की आश्चर्यजनक राजनीति में, हालांकि, कुछ नियम लागू होते हैं। इसलिए  कयास लगाने में किसी का नाम नहीं छूट रहा था।

    गोपाल राय आम आदमी पार्टी के सबसे अनुभवी, सम्माननीय और अनुभवी नेताओं में से एक हैं; वे अपने राजनीतिक विरोधियों को नजरअंदाज करते हैं और कोई बहस नहीं करते।
    गोपाल राय पहले सेहत से परेशान थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल की जेल में रहते हुए वे काफी एक्टिव थे. फिर भी, अरविंद केजरीवाल को लगता नहीं था कि वे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी लेंगे।

    राघव चड्ढा: अरविंद केजरीवाल के करीबी और भरोसेमंद नेताओं में राघव चड्ढा भी शामिल हैं। उनके मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनने तक इस विषय पर चर्चा हुई। साथ ही, राघव चड्ढा ने पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    जब अरविंद केजरीवाल के जेल चले जाने के बाद भी राघव चड्ढा कहीं नहीं दिखाई दिए, तो उन पर सवाल उठने लगे। परिणीत चोपड़ा से विवाह के बाद वे कहीं नहीं दिखाई देते थे। परिणीत चोपड़ा से विवाह करने के बाद वे देश भर में घूमते रहे, और उस समय उनके इलाज के लिए विदेश में होने की चर्चा हुई। जो भी हो, संदेह और प्रश्नों के घेरे में आकर वह स्वयं संभावितों की सूची से बाहर हो गया।

    संजय सिंह: जेल से बाहर आने के बाद, संजय सिंह ने आप नेताओं की सूची में भी जगह बनाई थी. हालांकि, स्वाति मालीवाल मामले में उनके बयान, जो मीडिया के सामने आए, अरविंद केजरीवाल की राय से पूरी तरह अलग थे, इससे उनकी राय अलग थी। अरविंद केजरीवाल को संजय सिंह पर पहले जैसा भरोसा नहीं रहा होगा, भले ही वे हर कदम पर उनके साथ हों।वह भी उनको बाहर मानकर चला जा रहा था।

    कैलाश गहलोत: कैलाश गहलोत दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री हैं, लेकिन जांच एजेंसियों के घेरे में आने के बाद वे भी सूची से बाहर हो गए।

    मनीष सिसोदिया: अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट रूप से घोषणा की है कि मनीष सिसोदिया दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री पद पर नहीं उम्मीद कर रहे हैं। उन्हें डिप्टी पद मिलने के बावजूद, वह जेल भेजे जाने से पहले अपना काम पूरा कर रहे थे।

    नोटों का भाव बढ़ाने के लिए लक्ष्मी-गणेश की चित्रों को लगाने की मांग कर चुके अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के बुजुर्गों को अयोध्या की सैर कराने वाले, निश्चित रूप से अपनी जेल डायरी को चुनावों के दौरान राम-वनवास की तरह प्रस्तुत करेंगे।

    ये भी बताएंगे कि वे अभी भी वनवास में हैं, जब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद फिर से बोलने का अवसर नहीं मिलता। दिल्लीवासियों, मैं आपको प्यार करता हूँ!

    सुनीता केजरीवाल: वनवास के दौरान लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले मनीष सिसोदिया के साथ रहने के लिए सुनीता केजरीवाल का भी साथ होना अनिवार्य था. इसलिए, सुनीता केजरीवाल को संभावित मुख्यमंत्रियों की सूची से बाहर रखा गया।

    वैसे भी, सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने की सबसे बड़ी आवश्यकता उनके जेल में रहते हुए थी, जो अब नहीं रही। लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसा करते तो यह उनकी राजनीतिक भूल होती।

    वास्तव में, सोमनाथ भारती भी आपके वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बांसुरी स्वराज के खिलाफ खड़ा किया गया था, लेकिन उनका जन्मजात विवाद उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया।

  • Delhi CM Kejriwal, स‍िसोद‍िया और कव‍िता, जब एक साथ TV स्‍क्रीन पर नजर आएं… फ‍िर जज ने तीनों को दे द‍िया झटका

    Delhi CM Kejriwal, स‍िसोद‍िया और कव‍िता, जब एक साथ TV स्‍क्रीन पर नजर आएं… फ‍िर जज ने तीनों को दे द‍िया झटका

    Delhi CM Kejriwal, पूर्व ड‍िप्‍टी CM मनीष स‍िसोद‍िया, BRS की नेता के कव‍िता त‍िहाड़ जेल से वीड‍ियो कॉन्‍फ्रेंस‍िंग के जर‍िए कोर्ट में हुए पेश:

    Delhi CM Kejriwal News: राउज एवेन्‍यू कोर्ट में गुरुवार को द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले की सुनवाई के दौरान जब केस की आवाज लगी तो एक साथ कोर्ट रूम अलग नजारा देखने को म‍िला। मामले से जुड़े तीन प्रतिवादी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुए. Delhi CM Kejriwal, पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसौदिया, BRS नेता के कविता तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए. जब राउज एवेन्यू कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई तो तीनों नेता हैरान रह गए, इससे पहले तीनों नेताओं को TV स्क्रीन पर एक साथ देखा गया था।

    दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के Delhi CM Kejriwal की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है। इस बीच, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के उत्पाद शुल्क “घोटाले” मामलों में असफलताओं का सामना करना पड़ा। केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल की हिरासत की समीक्षा की गई। CBI ने CM Kejriwal को द‍िल्‍ली शराब घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया था.

    इस बीच, अदालत ने आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में AAP नेता मनीष सिसौदिया और BRS नेता के कविता की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी। सिसोदिया और कविता को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. अदालत 31 जुलाई को मामले की फिर से सुनवाई करने वाली है। Delhi CM Kejriwal पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं. 12 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने मामले में CM Kejriwal की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी थी. यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट द्वारा Delhi CM Kejriwal को अंतरिम जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद हुआ।

    अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक मामले में 31 मार्च से न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए अब रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा | ऐसे आरोप थे कि नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों को लाभ पहुंचाया, जिन्होंने कथित तौर पर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए रिश्वत दी थी। आरोपों के परिणामस्वरूप, शराब नीति हटा दी गई।

    इसके बाद दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने इस योजना की CBI जांच की सिफारिश की। CBI जांच के बाद ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया.

  • Arvind Kejriwal पर CBI ने लगाया गंभीर आरोप, शराब नीती में जानबूझकर किया गया बदलाव

    Arvind Kejriwal पर CBI ने लगाया गंभीर आरोप, शराब नीती में जानबूझकर किया गया बदलाव

    Arvind Kejriwal पर CBI ने गंभीर आरोप लगाया:

    Arvind Kejriwal News: CBI ने आरोप लगाया कि दिल्ली के CM Arvind Kejriwal ने जानबूझकर अब बंद हो चुकी शराब नीति में बदलाव और हेरफेर किया, ताकि थोक विक्रेताओं को संतोषजनक रिटर्न के बिना गोवा चुनाव-संबंधित खर्चों का भुगतान करने के लिए दक्षिणी समूह से 100 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि प्राप्त करने की अनुमति मिल सके। यह एक अप्रत्याशित लाभ है। इस संबंध में, CBI ने Arvind Kejriwal की जमानत के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर अपने हलफनामे में कहा कि AAP सुप्रीमो ने निर्विवाद रूप से शराब के थोक विक्रेताओं का लाभ मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया था।

    CBI ने कहा कि Arvind Kejriwal शराब घोटाले की साजिश का हिस्सा थे. दिल्ली सरकार के सभी फैसले उन्हीं के निर्देश पर लिए जाते थे। शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप में Arvind Kejriwal की जांच कर रही जांच एजेंसी ने उन्हें 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था.

    केजरीवाल का अहम प्रभाव

    CBI ने कहा कि इस मामले में Arvind Kejriwal की भूमिका महत्वपूर्ण थी क्योंकि शराब नीति पर दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसौदिया के फैसले को Kejriwal के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। CBI  ने यह भी दावा किया कि Kejriwal इतने प्रभावशाली थे कि उन्होंने पंजाब को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत मामले की जांच करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। CBI ने यह भी दावा किया, ”यह स्पष्ट है कि Kejriwal का प्रभाव है।” मुख्यमंत्री के रूप में, उनका न केवल दिल्ली सरकार पर बल्कि AAP से संबंधित सभी प्रासंगिक निर्णयों और गतिविधियों पर भी प्रभाव है।

    CBI का दावा है कि केजरीवाल के नौकरशाहों के साथ सांठगांठ

    CBI ने यह भी दावा किया कि Kejriwal के अधिकारियों और नौकरशाहों के साथ घनिष्ठ सांठगांठ थे। इसमें AAP नेताओं और Kejriwal की पत्नी पर गवाहों को प्रभावित करने और जांच में बाधा डालने के लिए झूठ फैलाने का भी आरोप लगाया गया। एजेंसी ने कहा कि Kejriwal ने पूरी जांच में सहयोग नहीं किया और टालमटोल कर रहे हैं। बयान में कहा गया है कि केजरीवाल की जमानत से जांच और आगे की कार्यवाही पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। CBI ने कहा कि Kejriwal पर गंभीर आर्थिक अपराध का आरोप है। CBI ने Kejriwal के द्वारा मामले को “सनसनीखेज” बनाने के प्रयासों को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।


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