Tag: Madhya Pradesh State

  • CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    CM Dr. Mohan Yadav: डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित करें

    • जागरूकता और त्वरित कार्यवाही साइबर जालसाजों से बचने में कारगर
    • मुख्यमंत्री ने डिजिटल अरेस्ट घटना में साइबर पुलिस की दक्षतापूर्ण कार्यवाही को सराहा
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव पुलिस को प्रोत्साहित करने पहुंचे राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि डिजिटल अरेस्ट या अन्य साइबर क्राइम की स्थिति में तत्काल पुलिस को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी जागरूकता, साइबर जालसाजों का साहस के साथ सामना और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से इन अपराधों से बचा जा सकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भी लोगों को इस दिशा में जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। गत दिवस प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट से बचाने के उपाय बताते हुए कहा था कि डिजिटल अरेस्ट से डरे नहीं, रूकें, सोचें तथा एक्शन लें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय में मीडिया को संवाद कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि साइबर पुलिस द्वारा 9 नवम्बर को अरेरा कॉलोनी भोपाल निवासी व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट में त्वरित कार्रवाई कर लाईव रेड करते हुए उन्हें मुक्त कराकर करोड़ों रूपए के साइबर फ्राड से बचाने की कार्यवाही की गई थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश की साइबर पुलिस को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे। संभवत: डिजिटल अरेस्ट में लाईव रेड का देश-दुनिया का यह पहला ऐसा प्रकरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने साइबर पुलिस की दक्षता और त्वरित कार्यवाही की सराहना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री योगेश देशमुख, डीआईजी साइबर सेल श्री युसुफ कुरैशी और त्वरित रूप से घटना स्थल पहुंचने वाले उप निरीक्षक साइबर श्री सचिन यादव की प्रशंसा की।

    डिजिटल अरेस्ट से डरने की जरूरत नहीं

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साइबर अपराध में पुलिस टीम द्वारा दिखाई गई तत्परता की सराहना करते हुए इसे अनुकरणीय और प्रेरणादायक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनसामान्य प्राय: सीबीआई, ईडी आदि की कार्यवाही से अनभिज्ञ रहता है और चालाक अपराधी ऐसे लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं। मध्यप्रदेश पुलिस सूचना प्राप्त होते ही एक्शन में आयी और ठोस कार्रवाई करते हुए डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से साइबर फ्रॉड के इस प्रकरण में देश-दुनिया के सामने यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि डिजिटल अरेस्ट से डरने की जरूरत नहीं है। समय पर पुलिस को सूचना दी जाए और त्वरित कार्रवाई की जाए तो अपराध से बचा जा सकता है और ऐसे अपराधियों को पकड़ा भी जाया जा सकता है। पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस को सूचना देने वाले श्री राजीव ओबेराय से मोबाइल पर बातचीत भी की।

    प्रत्येक जिले में साइबर थाना और प्रदेश के प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क होगी स्थापित

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में साइबर पुलिस को हाईटेक बनाने के लिए कार्य जारी है। प्रत्येक जिले में साइबर थाना आरंभ करने के साथ ही प्रदेश के प्रत्येक थाने में साइबर डेस्क स्थापित की जा रही है। साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 को भी अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। प्रदेश में व्यापक स्तर पर साइबर जागरूकता अभियान चलाकर साइबर अपराध रोकथाम के उपायों की जानकारी जन-जन को दी जाएगी।

    साइबर अपराधों से बचने के लिए नियमित रूप से जारी होती है एडवाइजरी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर अपराध और शिकायतों में प्रतिवर्ष वृद्धि हो रही है। वर्ष 2019 में लगभग चार हजार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि वर्ष 2024 में अब तक लगभग पांच लाख शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पिछले पांच वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 24 हजार पुलिस अधिकारियों, न्यायिक अधिकारियों और लोक अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। गत पांच वर्ष में साइबर जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से छात्र-छात्राओं सहित लगभग 31 लाख नागरिकों को जागरूक किया गया। साइबर पुलिस द्वारा बिजली बिल भुगतान व कस्टम ड्यूटी के नाम पर ठगी, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टॉस्क और डिजिटल अरेस्ट संबंधी एडवाइजरी नियमित रूप से जारी की जाती रही है। राज्य शासन को साइबर अपराधों से बचाव संबंधी जागरूकता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।

    दुबई और सीरिया के वर्चुअल नंबर से आए कॉल पर ईडी और सीबीआई अफसर बन किया डिजिटल अरेस्ट

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अरेरा कॉलोनी में हुई डिजिटल अरेस्ट संबंधी घटना के बारे में बताया कि 9 नवम्बर को एक व्यक्ति के डिजिटल अरेस्ट की सूचना उनके परिचित श्री राजीव ओबेरॉय ने साइबर पुलिस को दी। पुलिस टीम बिना एक पल गंवाए अरेरा कॉलोनी स्थित पीड़ित विवेक ओबेरॉय (जो कि दुबई में कॉर्पोरेट सेक्टर उद्यमी हैं) के घर पहुंची। टीम ने पाया कि पीड़ित को अज्ञात साइबर जालसाजों द्वारा ईडी, सीबीआई ऑफीसर बनकर दुबई और सीरिया के वर्चुअल नंबर से कॉल कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है। दोपहर एक बजे से उनके ही घर के कमरे में छह घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। साइबर जालसाजों द्वारा पीड़ित और उनके परिवार की निजी जानकारियां, बैंकिंग डिटेल्स ले ली गईं और न बताने पर उन्हें गिरफ्तार करने और परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दी गईं। साथ ही यह भी कहा गया कि डिजिटल अरेस्ट के संबंध में किसी को न बताया जाए।

    पीड़ित परिवार ने दिया मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य साइबर पुलिस को धन्यवाद

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि साइबर पुलिस द्वारा रेड करने पर जालसाजों द्वारा तत्काल वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया। टीम द्वारा पीड़ित को समुचित तरीके से समझाइश देते हुए उन्हें फोन और लैपटॉप की डिजिटल अरेस्ट की वर्चुअल दुनिया से बाहर निकाला गया। रियल टाइम पर उनके साथ होने वाले करोड़ों की ठगी को रोका गया। पीड़ित ने स्वयं कहा कि यदि पुलिस टीम आज त्वरित रूप से उनके पास नहीं पहुंचती तो वे जालसाजों को करोड़ों रूपए ट्रांसफर कर देते और लंबे समय तक अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट की प्रताड़ना सहते। पीड़ित और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस और राज्य साइबर पुलिस को धन्यवाद दिया गया।

    साइबर अपराधों के रोकथाम के समुचित प्रयास

    प्रदेश में पिछले 5 वर्षों में लगभग 259 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लगभग 24,000 पुलिस अधिकारी, न्यायिक अधिकारी, लोक अभियोजन अधिकारी प्रशिक्षित किये गये है। लगभग 4700 हजार साइबर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित कर लगभग 31 लाख नागरिकों (छात्र-छात्राओं, महिलाओं, वृद्धों आदि) को जागरुक किया गया। नियमित रुप से नवीन साइबर अपराधों (डिजीटल अरेस्ट़ बिजली बिल भुगतान करने के नाम पर, कष्टम ड्यूटी के नाम पर, पेंशन फ्रॉड, ऑनलाइन टेलीग्राम टास्क आदि) से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाती रही है।

    राष्ट्रीय स्तर के मिले पुरस्कार

    मध्यप्रदेश को साइबर अपराध रोकने के लिये किये गये उल्लेखनीय कार्यों के लिये निरंतर राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त हुए है। वर्ष 2021 एवं 2022 में NCRB (MHA), वर्ष 2018 एवं 2022 DSCI (केपेसिटी बिल्डिंग), वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2022 में साइबर कॉप ऑफ दी ईयर और वर्ष 2022 में FICCI (केपेसिटी बिल्डिंग) पुरस्कार मिला।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: औ‌द्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई में 214.42 एकड़ भूमि को शामिल किये जाने की स्वीकृति

    CM Dr. Mohan Yadav: औ‌द्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई में 214.42 एकड़ भूमि को शामिल किये जाने की स्वीकृति

    CM Dr. Mohan Yadav: सौर सह अन्य नवीकरणीय ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए भूमि आवंटन की स्वीकृति

    • 30 जून और 31 दिसम्बर को सेवानिवृत या होने वाले शा. सेवकों के हित में निर्णय
    • वाणिज्यिक कर विभाग को नवीन भवन हस्तांतरित करने का निर्णय
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र (औ‌द्योगिक क्षेत्र मोहासा- बाबई जिला नर्मदापुरम) के क्षेत्रफल विस्तार किये जाने का निर्णय लिया गया। निर्णय अनुसार विद्युत एवं नवीकरणीय उर्जा उपकरणों के विनिर्माण क्षेत्र के लिए आरक्षित 227.54 एकड़ क्षेत्रफल में औ‌द्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई की 214.42 एकड़ भूमि को शामिल किया गया है। इसके बाद पार्क का कुल क्षेत्रफल 441.96 एकड़ हो जायेगा।

    मंत्रि-परिषद ने सौर सह अन्य नवीकरणीय/अक्षय ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भोपाल को ग्राम भौरी जिला भोपाल स्थित 21.494 हेक्टयर भूमि आवंटित करने की स्वीकृति दी। निर्णय अनुसार ग्राम भौरी की खसरा क्रमांक 66/1 रकबा 8.438 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 66/2 रकबा 2.005 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 66/3 रकबा 2.005 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 69/1 रकबा 1.597 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 70/1 रकबा 1.946 हेक्टेयर, खसरा क्रमांक 73/1 रकबा 2.231 हेक्टेयर एवं खसरा क्रमांक 75 रकबा 4.772 हेक्टेयर में से 2.772 हेक्टेयर कुल रकबा 22.994 हेक्टेयर में से 20.994 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है।

    संस्थान विशुद्ध एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान में अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व स्तरीय एवं उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। प्रस्तावित अनुसंधान केन्द्र का प्रमुख उद्देश्य सोलर सेल की दक्षता में वृद्धि करना, ऊर्जा के नुकसान को कम करने के साथ पवन ऊर्जा सहित नवकरणीय ऊर्जा के अन्य स्त्रोतों में विश्वस्तरीय अनुसंधान को बढ़ावा देगा होगा।

    मंत्रि-परिषद द्वारा 30 जून अथवा 31 दिसम्बर को सेवानिवृत शासकीय सेवकों को पेंशन निर्धारण के लिये काल्पनिक रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 30 जून को सेवानिवृत हुए या होने वाले शासकीय सेवकों को 1 जुलाई को निर्धारित काल्पनिक वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगी। इसी तरह 31 दिसम्बर को सेवानिवृत हुए अथवा होने वाले शासकीय सेवकों को 1 जनवरी की स्थिति में काल्पनिक वार्षिक वेतन वृद्धि दी जायेगी। काल्पनिक वेतन वृद्धि के फलस्वरूप बड़ी हुई पेंशन का लाभ 1 मई 2023 या इसके बाद देय होगा। दिनांक 30 अप्रैल 2023 की अवधि के लिये बड़ी हुई पेंशन का भुगतान नहीं किया जायेगा। जिन शासकीय सेवकों द्वारा न्यायालय में रिट याचिकाएँ दायर की है तथा सफल हुए है। उनके संबंध में शासकीय निर्णय के दृष्टिगत ही कार्यवाही करने का निर्णय भी लिया गया।

    मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश वित्त निगम द्वारा वाणिज्यिक कर विभाग को 150 करोड़ के हस्तांतरण मूल्य पर इंदौर स्थित नवनिर्मित भवन हस्तांतरण किये जाने का निर्णय लिया। वाणिज्यिक कर विभाग भवन का आधिपत्य प्राप्त कर विद्युत समयोजन, सामान्य मरम्मत आदि पूर्णकर नगर निगम इंदौर से भवन पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त कर भवन का उपयोग प्रारंभ कर सकेगा।

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  • Jagdeep Dhankhar: महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर

    Jagdeep Dhankhar: महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर

    उप राष्ट्रपति Jagdeep Dhankhar, राज्यपाल श्री पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह का किया शुभारंभ

    • जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती हैं कालिदास की रचनाएं
    • महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण

    Jagdeep Dhankhar ने कहा है कि अद्भुत प्रतिभा के धनी महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण है। महाकवि की रचनाएं देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर हैं। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के गरिमामय आयोजन द्वारा म.प्र. शासन हमारी संस्कृति एवं विरासत को सहेजने और संरक्षित करने का सराहनीय कार्य कर रहा है। महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी। उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ मंगलवार को उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ कर मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।

    उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने 66 वें भव्य अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विद्वतजनों की उपस्थिति में गरिमामय शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समारोह में गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर सारस्वत अतिथि के रुप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी श्री गोविंददेव गिरीजी महाराज उपस्थित थे। सांसद श्री अनिल फिरोजिया, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल भी मंचासीन थे।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानवीय भावों को अद्भुत रूप से प्रदर्शित करती है और मानवीय मूल्य के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत है। महाकवि कालिदास की रचनाओं में मानव तथा प्रकृति के बीच अद्भुत एवं अटूट संबंध देखने को मिलता है। महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाओं में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है जो सदैव प्रासंगिक है। मेघदूतम जैसी उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लेकर हमें अपनी पृथ्वी को बचाना होगा। पर्यावरण-संरक्षण, जलवायु-संरक्षण की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे, क्योंकि रहने के लिए कोई दूसरी पृथ्वी उपलब्ध नहीं है।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस गरिमामय आयोजन के लिए मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। राज्य शासन द्वारा कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।

    उप राष्ट्रपति ने देश की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का आहवान करते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों को सदैव संभालकर रखना होगा। देश की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त प्राचीन है, हमारी संस्कृति की जड़े अत्यंत गहरी हैं जो जीवन के उद्देश्य को बताती हैं। उप राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कुटुंब प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि कुटुंब प्रबंधन पर ध्यान देने से ही राष्ट्र का भी ध्यान हमारे मन-मस्तिष्क में सदैव रहेगा। अपने बच्चों के चारित्रिक एवं नैतिक विकास के लिए भी सदैव गंभीर रहना होगा। हमारे बच्चे अच्छे नागरिक बने, राष्ट्र निर्माण के साथ अपने कर्तव्यों का पूर्णता से निर्वहन करें। हम सबको मिलकर नागरिक दायित्वों का निर्वहन करना होगा। भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्र सर्वोपरि है, इसके लिए नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्रत्येक नागरिक को अपनी आहुति देना होगी। नारी सशक्तिकरण का जिक्र करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि महाकवि कालिदास की रचनाएं नारी सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण उदाहरण है। उनकी रचना अभिज्ञान शाकुंतलम् को संदर्भ के रूप में देखा जा सकता है।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर है। देश में तकनीक का विकास सारी दुनिया को अचंभित कर रहा है। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा “एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान संचालित किया गया है। यह अभियान वैसी ही क्रांति लाएगा जैसी स्वच्छता के क्षेत्र में आई है। आने वाले वर्ष 2047 में हमारा भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा।

    कार्यक्रम में अखिल भारतीय कालिदास सम्मान से अलंकृत होने वाली प्रतिभाओं को बधाई देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों के द्वारा हमारी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्वों को सहेजने के साथ प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने अवंतिका नगरी के पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण की है। यहां कालिदास और भृतहरि को ज्ञान का प्रकाश मिला है। सम्राट विक्रमादित्य के जग प्रसिद्ध न्याय का आदर्श उदाहरण उज्जैन है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे स्वयं उज्जैन आकर धन्य हुए हैं। यहां से प्राप्त अद्भुत अनुभव को जीवनभर संजोकर रखेंगे, यहां से एक नवीन ऊर्जा मिली है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आध्यात्मिक चेतना के केंद्र उज्जैन में उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ का हृदय से स्वागत है। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक भव्यता प्रदान की है। राज्यपाल ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह के माध्यम से महाकवि कालिदास की महान रचनाओं तथा सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गौरवशाली परंपरा के रूप में उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। आज इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की जिन प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया है वे बधाई की पात्र हैं। उज्जैन आगमन पर उप राष्ट्रपति का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन है। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि महाकवि कालिदास और विक्रमादित्य की उज्जयैनी नगरी का प्रत्येक काल एवं युग में सदैव अस्तित्व रहा है। कई जन्मों के पुण्य, फलों के बाद हमें यह गौरव मिला है कि यहां आकर कुछ समय बिताएं। उप राष्ट्रपति ने आज अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ कर समारोह के गौरव में अभिवृद्धि की है। हम सबका यह सौभाग्य है कि इस समारोह के आयोजन का अवसर उज्जैन को सदैव मिलता है। मुख्यमंत्री ने समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।

    समारोह में स्वामी श्री गोविंददेव गिरी ने अपने उद्बोधन में महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसा कोई अन्य कवि विश्व में नहीं हो सकता जिसकी महाकवि कालिदास से तुलना की जा सके, कालिदास अद्भुत एवं अनुपम है। स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में कालिदास की विभिन्न रचनाओं का वर्णन करते हुए महाकवि द्वारा रचित साहित्य को अमूल्य बताया।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन तथा महाकवि कालिदास के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में राष्ट्रगान भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा उप राष्ट्रपति का पुष्पहार से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। समारोह का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन सुश्री वृंदा अजमेरा ने किया।

    विभूतियों को किया राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से अलंकृत

    उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में वर्ष 2022 के लिए पंडित उदय भवालकर पुणे, तथा डॉ. संध्या पूरेचा मुंबई एवं वर्ष 2023 के लिए पं. अरविंद पारीख मुंबई को सम्मानित किया गया। रुपंकर कलाएं वर्ष 2022 के लिए श्री पी.आर. दारोच नई दिल्ली, रुपंकर कलाएं वर्ष 2023 के लिए श्री रघुपति भट्ट मैसूर, रंगकर्म वर्ष 2022 के लिए श्री भानु भारती अजमेर, रंगकर्म वर्ष 2023 के लिए श्री रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता कोलकाता को सम्मानित किया गया। शास्त्रीय नृत्य के लिए गुरु कलावती देवी मणीपुर सम्मानित की गई। इसके अलावा इंदौर के आचार्य मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी राष्ट्रीय कालिदास श्रेष्ठ कृति अलंकरण एवं ग्वालियर के आचार्य बालकृष्ण शर्मा को प्रादेशिक भोज श्रेष्ठ कृति अलंकरण से सम्मानित किया गया।

    उप राष्ट्रपति ने अकादमी के ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने समारोह में कालिदास अकादमी उज्जैन द्वारा प्रकाशित दस ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें व्‍याकरण सिद्धांत कोमुदी, संज्ञा परिभाषा प्रकरण, श्रीधार भास्कर वर्णेकर विरचित्तम कालिदास रहस्यम (खण्ड काव्यम), हरिरामचन्द्र दिवेकर विरचित कालिदास महोत्सहम्, कालिदास साहित्य में वनस्पति, पीयूष वर्धिनी क्षिप्रा कल आज और कल, वृत्तांत (पत्रिका), राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2023, श्रेष्ठ कृति अलंकरण, कार्यक्रमों की विवरणिका एवं राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2024 सम्मिलित हैं। सभी ग्रंथों एवं प्रकाशनों के प्रधान सम्पादक कालिदास संस्कृत अकादमी निर्देशक डॉ. गोविन्द गंधे हैं।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के साथ अन्य गतिविधियाँ भी होंगी

    CM Dr. Mohan Yadav: नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के साथ अन्य गतिविधियाँ भी होंगी

    CM Dr. Mohan Yadav स्व. पटवा की जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में हुए शामिल

    • पूर्व मुख्यमंत्री स्व. पटवा की स्मृति में होगी सुशासन पर केंद्रित व्याख्यान माला

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और पद्म विभूषण से सम्मानित स्व. सुंदरलाल पटवा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क सहित अनेक योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में अमूल्य सहयोग दिया। भोपाल में वीआईपी मार्ग के निर्माण में उन्होंने दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए कार्य पूर्ण करवाया। सुशासन स्थापित करने के लिये उन्होंने विशेष योगदान दिया। स्व. पटवा की स्मृति में उनके जन्म-शताब्दी वर्ष पर विभिन्न प्रकल्प संचालित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत सुशासन पर आधारित व्याख्यान माला और स्मारिका के प्रकाशन के कार्य होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. पटवा की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को स्व. सुंदरलाल पटवा के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विधायक श्री सुरेंद्र पटवा के निवास पर जाकर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. पटवा के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर स्व. सुंदरलाल पटवा की धर्मपत्नी श्रीमती फूलकुंवर पटवा से भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. सुन्दरलाल पटवा की स्मृति में आगामी एक वर्ष तक विभिन्न रचनात्मक गतिविधियां संचालित की जाएंगी। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह स्व. पटवा के कृतित्व, व्यक्तित्व और कार्यशैली से प्रभावित रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्व. सुंदरलाल पटवा “प्रजामंडल’’ और “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’’ से जुड़े रहे। वे वर्ष 1957 में पहली बार विधायक बने। उन्होंने निर्वाचनों में निरंतर विजय प्राप्त की। प्रतिपक्ष के नेता रहते हुए सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने बस्तर से झाबुआ तक लगभग तीन हजार किलोमीटर की पद यात्रा तय की। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि मेरी यादें उनके साथ जुड़ी हैं। कई बातें उनसे सीखने को मिलीं। उनका आत्मविश्वास माउंट एवरेस्ट की चोटी से भी ऊंचा था। उन्होंने अपनी धाक और साख बनाई। वे प्रखर वक्ता थे। स्वाध्याय का ध्यान रखते थे। कार्य में डूबे रहना उन्हें पसंद था। उनका मानना था कि क्षेत्रीय विकास पर निरंतर ध्यान देना चाहिए, साथ ही अपने निर्वाचन क्षेत्र के अलावा व्यापक स्तर पर जन कल्याण के कार्यों में भी संलग्न रहना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे लिए राजनीति व्यवसाय नहीं बल्कि सेवा है। स्व. सुंदरलाल पटवा का मानना था कि राजनैतिक क्षेत्र में भी बेहतर कार्य करते हुए स्वयं को परिष्कृत करते रहना चाहिए। वे निडर, परमार्थी और पुलिस सहित प्रशासनिक अमले का मनोबल बनाए रखने में विश्वास रखते थे। वर्ष 1992 के सिंहस्थ के लिए उन्होंने 100 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की थी, जबकि इसके पहले 1980 के सिंहस्थ में मात्र एक करोड़ रुपए की राशि तत्कालीन सरकार ने मंजूर की थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में मंदसौर और नीमच में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ हुए हैं जिनका नामकरण 2 दिग्गज नेताओं स्व. सुंदरलाल पटवा और स्व. वीरेंद्र कुमार सखलेचा के नाम पर किया गया है।

    इस अवसर पर सांसद श्री विष्णु दत्त शर्मा ने भी स्व. सुंदरलाल पटवा को श्रद्धांजलि दी और उनसे जुड़े संस्मरण सुनाए। सांसद श्री आलोक शर्मा ने कहा कि स्व. सुंदरलाल पटवा ने राजनीति में अमिट छाप छोड़ी है। प्रदेश के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। विधायक श्री सुरेंद्र पटवा ने कहा कि स्व. सुंदरलाल पटवा ने भोजपुर क्षेत्र के विकास के लिए भी कई योजनाएं संचालित कीं। आज की पीढ़ी उनके बताए मार्ग पर चले, यह आवश्यक है। श्री सुरेंद्र पटवा ने नागरिकों और कार्यकर्ताओं की ओर से भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अन्य अतिथियों का स्व. सुंदरलाल पटवा के जन्म शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में पधारने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर स्व. सुंदरलाल पटवा की स्मृति में भजन संध्या का भी आयोजन हुआ। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, मत्स्य विकास राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह पंवार और अन्य अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

    CM Dr. Mohan Yadav: जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के लिए सरकार प्रतिबद्ध

    CM Dr. Mohan Yadav को अपने बीच पाकर अभिभूत हुए जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन

    • इंदौर की हुकुमचंद मिल की तर्ज पर करायेंगे जेसी मिल ग्वालियर के श्रमिकों का भुगतान
    • जिलों में लम्बे समय से खाली पड़ी आवंटित भूमि का करेंगे उचित निराकरण
    • श्रमिकों ने कहा अब हमें भरोसा है कि जल्द हमारी सभी देनदारियां मिल जायेंगीं
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल ग्वालियर का लिया जायजा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजदूरों के हित के लिये प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। इंदौर की हुकुमचंद मिल और उज्जैन की विनोद मिल की तर्ज पर जल्द ही ग्वालियर की जेसी मिल के श्रमिकों और प्रदेश की अन्य बंद मिलों की देनदारियों के भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 30-40 साल से बंद पड़ी ग्वालियर की जेसी मिल के मजदूरों के प्रकरणों में 8 हजार से ज्यादा मजदूरों को उचित न्याय दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सोमवार को ग्वालियर की जेसी मिल का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जेसी मिल परिसर का भ्रमण किया, साथ ही नक्शे के माध्यम से जेसी मिल की जमीन और अन्य परिसम्पत्तियों की जानकारी ली।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अपने बीच पाकर जेसी मिल श्रमिक और उनके परिजन अभिभूत हो गए। सभी ने पुष्पाहारों से मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आत्मीय स्वागत किया। साथ ही कहा पहली बार कोई मुख्यमंत्री हमारी दुख-तकलीफ सुनने जेसी मिल तक आया है। अब हमें पूरा भरोसा है कि जेसी मिल पर लंबित हमारी वर्षों पुरानी देनदारियों का भुगतान हो जाएगा। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जेसी मिल श्रमिकों की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताया।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जेसी मिल श्रमिकों के हितों की रक्षा की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा सरकार मुकदमा नहीं समाधान चाहती है। इसी भावना के साथ सरकार न्यायालय में श्रमिकों के हित मे अपना पक्ष रखेगी, जिससे श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान का रास्ता साफ हो सके। उन्होंने कहा कि जेसी मिल श्रमिकों के स्वत्वों के भुगतान के सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। मिल की जमीन और परिसम्पत्तियों के सर्वे का काम कर लिया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, महिला, युवा और किसानों को देश के चार स्तम्भ के रूप में रेखांकित किया है। प्रदेश सरकार इन सभी के उत्थान के लिये कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है।

    ग्वालियर में आईटी इकाइयों को बढ़ावा दिया जायेगा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्वालियर में आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ के आईटी विशेषज्ञ युवाओं को बाहर न जाना पड़े, इसके लिये ग्वालियर में सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित इकाइयों को विशेष बढ़ावा दिया जायेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिये रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला चलाई जा रही है। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में रीजनल इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित हो चुकी हैं। इसी कड़ी में 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम संभाग एवं जनवरी माह में शहडोल में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन होने जा रहा है। उन्होंने कहा संभाग स्तर पर रीजनल कॉन्क्लेव की श्रृंखला पूरी होने के बाद फरवरी माह में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा। प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिये विश्व भर के उद्यमियों को आमंत्रित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस कड़ी में वे जल्द ही जर्मनी व ब्रिटेन के दौरे पर निवेशकों को आमंत्रित करने के लिये जायेंगे। उन्होंने कहा इण्डस्ट्री कॉन्क्लेव जैसे आयोजन से प्रदेश में उद्योग फ्रेंडली माहौल बना है, जिससे वृहद स्तर पर औद्योगिक निवेश हो रहा है। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारा ध्येय

    CM Dr. Mohan Yadav: सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारा ध्येय

    CM Dr. Mohan Yadav: प्रदेश के हर बिजली उपभोक्ता को सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारी सरकार का ध्येय है

    • प्रद्युम्न सिंह तोमर

    प्रदेश के हर बिजली उपभोक्ता को सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति ही हमारी सरकार का ध्येय है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन में हमारा विभाग लगातार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी कर रहा है। इसी का परिणाम है कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में प्राप्त शिकायतों के निराकरण में ऊर्जा विभाग अव्वल है।

    प्रदेश के घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विगत वर्षों की तरह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये लागू टैरिफ दरों में राहत देने के लिये बिजली कंपनियों को अनुमानित 24 हजार 420 करोड़ 8 लाख रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। यह सब्सिडी अटल गृह ज्योति योजना, अटल कृषि ज्योति योजना, टैरिफ सब्सिडी और नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना में दी जायेगी।

    मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक का सर्वाधिक 28627 मिलि‍यन यूनिट विद्युत उत्पादन कर नया रिकार्ड बनाया गया है। यह पावर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास का सर्वाधि‍क ताप विद्युत उत्पादन है। ताप विद्युत गृहों द्वारा विभिन्न मापदंडों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया। ताप विद्युत गृहों का इस दौरान प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) 60.3 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2019-20 के पश्चात् सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 23-24 के दौरान 13 थर्मल इकाइयों ने लगातार 100 दिनों एवं अधिक सतत् व निर्बाध विद्युत उत्पादन किया, जिनमें से दो इकाइयों ने 200 दिनों से अधिक समय तक विद्युत उत्पादन किया।

    राज्य शासन के निर्णयानुसार मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अब उपभोक्ताओं को एक ही परिसर में पृथक-पृथक रहने पर एक से अधिक बिजली कनेक्शन प्रदान करने की सुविधा कुछ शर्तों के आधार पर कराई जा रही है। ऐसे आवेदक जो एक ही परिसर में निवास कर रहे हैं लेकिन अलग-अलग रहते हैं, तो उनके द्वारा अलग बिजली कनेक्शन का आवेदन करने पर उन्हें नवीन कनेक्शन दिया जा रहा है।

    प्रदेश में बिजली अधोसंरचना का लगातार विकास हो रहा है। वर्तमान में 33 के. वी. लाइंस 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। 33 के.वी. लाइंस वर्ष 2003 में 29 हजार 70 किलोमीटर, वर्ष 2008 में 33 हजार 913 , वर्ष 2011 में 38 हजार 867, वर्ष 2013 में 41 हजार 528, वर्ष 2014 में 43 हजार 910 और वर्ष 2024 में 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मार्च 2024 तक 3165 किलोमीटर 11 केव्ही लाइन का विस्तार किया गया है। यह क्रम लगातार जारी है।

    मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के अभियंताओं व कार्मिकों के समर्पण, कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता ने 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट को लगातार 300 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है। यह विद्युत यूनिट की स्थापना के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

    इसी तरह श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया (एसएसटीपीपी खंडवा) के अभियंताओं व कार्मिकों ने एक बार फिर कमाल दिखाते हुए 660 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट नंबर 3 को 200 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है।

    बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये अधोसंरचना निर्माण के उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। ट्रांसमिशन व्यवस्था मजबूत करने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 अति उच्चदाब उप केन्द्रों की स्थापना की गई है। साथ ही 26 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत किये गये हैं। कुल 818.170 सर्किट किलोमीटर अति उच्चदाब लाइन का निर्माण भी किया गया है। यही नहीं 25 अतिरिक्त अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 40 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर अति उच्चदाब उप केन्द्रों की क्षमता में 4630 एमव्हीए की वृद्धि भी की गई है।

    किसानों को शीघ्र स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने के उद्देश्य से स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाये जाने की योजना लागू की गई है। योजना में किसान स्वयं अथवा समूह में निर्धारित मापदंड के अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते हैं। योजना में वर्ष 2023-24 में एक लाख 30 हजार 303 ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं।

    ऊर्जा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना अटल गृह ज्योति योजना में एक करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को और 26 लाख 59 हजार उपभोक्ताओं को अटल कृषि ज्योति योजना में लाभान्वित किया जा रहा है। अटल गृह ज्योति योजना में प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है।

    अटल कृषि ज्योति योजना में 10 हार्स पॉवर तक के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 750 रूपये प्रति हार्स पॉवर प्रतिवर्ष एवं 10 हार्स पॉवर से अधिक के मीटर रहित स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1500 रूपये प्रति हार्स पॉवर प्रतिवर्ष की फ्लेट दर से बिजली दी जा रही है। साथ ही 10 हार्स पॉवर तक के मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप कनेक्शन एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को भी ऊर्जा प्रभार में रियायत दी गई है।

    विद्युत संबंधी विषयों के त्वरित निराकरण के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय के लिये राज्य स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समिति का गठन किया गया है। समिति उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत उपभोग की प्रवृत्ति में सकारात्मक परिवर्तन करने और प्रभावी राजस्व प्रबंधन में सहयोग करेगी। इसके अतिरिक्त समिति विद्युत उपभोक्ताओं के संबंध में पृथक-पृथक शासकीय विभागों द्वारा संधारित जानकारी एकत्रित करेगी, जिसमें डाटा एनालिसिस के आधार पर सक्षम व समर्थ उपभोक्ताओं की पहचान की जा सकेगी। जिनके द्वारा जानबूझकर विद्युत बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है अथवा अन्य पद्धतियों से विद्युत बिल अनियमित तरीके से कम किया जा रहा है, की पहचान करेगी। विद्युत चोरी पकडने एवं बकाया राशि की वसूली के दौरान विद्युत कार्मिकों के साथ अभद्र व्यवहार की स्थिति में त्वरित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित कर सुरक्षा प्रदान करने में सहयोग करेगी। समिति शासकीय विभागों व शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों पर विद्युत कंपनी की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करेगी। समिति अवैध कॉलोनियों सहित अन्य रहवासी क्षेत्रों में विद्युत चोरी की रोकथाम के लिये जागरूकता अभियान तथा विद्युत अधोसंरचना के विकास के लिये प्रभावी कार्रवाई भी करेगी।

    शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई संबंधी, जले/खराब ट्रांसफार्मरों व विद्युत लाइन अवरोधों एवं गलत देयकों की शिकायतों को दर्ज कर समय-सीमा में निराकरण किया गया। जबलपुर, भोपाल एवं इन्दौर में स्थापित केन्द्रीयकृत 1912 कॉल सेंटर सेवा को सुदृढ़ किया गया है। जनवरी 2019 से मार्च 2024 तक विद्युत प्रदाय संबंधी 1 करोड़ 79 लाख 45 हजार 164 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन सभी शिकायतों को निराकृत किया गया है।

    शिकायतों के निराकरण उपरांत समीक्षा की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। इसके तहत तीनों कॉल सेंटर से प्रति कंपनी प्रतिदिन 500 शिकायतकर्ताओं से संपर्क कर उनकी संतुष्टि जांच की जाती है। उपभोक्ता संतुष्टि प्रतिशत 98.75 पाया गया।

    प्रदेश में औद्योगिक व उच्च दाब (एचटी) विद्युत उपभोक्ताओं, निम्न दाब (एलटी) औद्योगिक और गैर घरेलू उपभोक्ताओं (जिनका लोड 10 किलोवाट से अधिक है) के लिए नये विद्युत टैरिफ में दिन के समय में (सौर ऊर्जा अवधि के घंटों के दौरान) सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की गयी खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट तथा शाम 5 से रात्रि‍10 बजे के दौरान की गयी ऊर्जा खपत पर 20 प्रतिशत का सरचार्ज लागू किया गया है। इससे उपभोक्ताओं को दिन के समय खपत करने पर उनके विद्युत देयकों में कमी आयी है, साथ ही उच्चतम मांग अवधि के दौरान कोयला आधारित विद्युत की मांग पर नियंत्रण हो रहा है। उन्होंने बताया है कि विद्युत वितरण कंपनियों की इस योजना से प्रदेश के कुल 10025 औद्योगिक एवं उच्च दाब उपभोक्ता लाभान्वि‍त हुए हैं। इनको प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अप्रैल से अब तक 310 करोड़ 66 लाख रूपए का रिबेट प्रदान किया गया है।

    प्रदेश की घोषित एवं अघोषित अवैध कॉलोनियों के रहवासियों को स्थायी विद्युत कनेक्शन देने के लिये आवश्यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में राहत देने हेतु “सुगम विद्युत (सुविधा) योजना-2024” लागू की गई है। योजना में आवेदक या आवेदकों के समूह को निर्धारित राशि का न्यूनतम 25 प्रतिशत आवेदन के साथ एकमुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान कनेक्शन चालू होने के बाद मासिक बिल के साथ ब्याज सहित किया जा सकेगा।

    प्रदेश के उच्चदाब एवं निम्नदाब श्रेणी के औद्योगिक एवं वाणिज्यिक उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थायी रूप से विच्छेदित विद्युत कनेक्शनों को पुन: जोड़ने एवं बकाया राशि के भुगतान में राहत तथा नवीन औद्योगिक एवं वाणिज्यिक आवेदकों को आवश्यक अधोसंरचना निर्माण की लागत के भुगतान में राहत देने के लिये “उद्योग मित्र योजना-2024” लागू की गई है। यह योजना 2 वर्षों के लिये प्रभावशील रहेगी।

    योजना में उपभोक्ताओं को स्थाई विच्छेदन के दिनांक पर देय कुल बकाया राशि का न्यूनतम 20 प्रतिशत भुगतान कनेक्शन जोड़ने के पूर्व एक मुश्त देना होगा। शेष राशि का भुगतान मासिक बिल के साथ ब्याज सहित अधिकतम 3 वर्ष में किया जा सकेगा।

    लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण की स्थिति के आधार पर जारी ग्रेडिंग में ऊर्जा विभाग लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है। ऊर्जा विभाग 52 विभागों की जारी ग्रेडिंग में जून 2023 से अगस्त 2024 तक लगातार प्रथम स्थान पर है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशानुसार संकल्प पत्र के तहत ऊर्जा विभाग भी करीब 4300 भर्ती करेगा। इसके लिए ऊर्जा विभाग ने मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर को भर्ती के लिए नोडल कंपनी नामित किया है। इन भर्तियों से सभी कंपनियों, विशेषकर वितरण कंपनियों में कार्मिकों की कमी काफी हद तक पूर्ण हो जाएगी। साथ ही उपभोक्ता सेवाओं में बढ़ोत्तरी होगी।

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  • CM Dr. Mohan Yadav ने दी बधाई COP29 में मध्यप्रदेश की बिटिया की भागीदारी गर्व का विषय

    CM Dr. Mohan Yadav ने दी बधाई COP29 में मध्यप्रदेश की बिटिया की भागीदारी गर्व का विषय

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि डॉ. साक्षी की भागीदारी गर्व का विषय है

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश की प्रतिभाशाली बिटिया डॉ. साक्षी भारद्वाज को पर्यावरण क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे COP29 आयोजन में भागीदारी के लिए बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि डॉ. साक्षी की भागीदारी गर्व का विषय है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 29वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 11 से 22 नवंबर 2024 तक अज़रबैजान के बाकू शहर में हो रहा है। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन COP29 में भारत एवं मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए मध्यप्रदेश की डॉ. साक्षी भारद्वाज का चयन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत माह भोपाल में भारत के पहले राज्य-स्तरीय Pre-CoP सम्मेलन का आयोजन भी पर्यावरण-संरक्षण के क्षेत्र में एक सार्थक प्रयास रहा है।

    डॉ. साक्षी कई वर्षों से पर्यावरण-संरक्षण के लिए कार्यरत हैं। राज्य युवा पुरस्कार से सम्मानित होने के साथ ही डॉ. साक्षी भोपाल से स्वच्छ भारत की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व की यह उपलब्धि देश के युवाओं को पर्यावरण-संरक्षण के क्षेत्र में आगे लाने में प्रेरक भूमिका निभाएगी।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: उद्योगों के साथ रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए लगातार जारी है प्रयास

    CM Dr. Mohan Yadav: उद्योगों के साथ रोजगार के अवसरों के सृजन के लिए लगातार जारी है प्रयास

    CM Dr. Mohan Yadav: आरआईसी और रोड-शो से प्रदेश में बना निवेश के लिये बेहतर वातावरण

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रदेश के संतुलित औद्योगिक विकास और रोजगार संवर्धन के लिए संभाग स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और प्रदेश के बाहर महानगरों में निवेश के लिये हुए रोड-शो से देशभर से सकारात्मक परिणाम मिले हैं। फरवरी 2025 में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट तक यह क्रम जारी रहेगा। आगामी 7 दिसम्बर को नर्मदापुरम में संभाग स्तरीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी, जिसमें निवेशकों को नर्मदापुरम क्षेत्र की संभावनाओं से जोड़ते हुए, प्रदेश की आर्थिक बेहतरी के लिए गतिविधियां प्रस्तावित हैं। कॉन्क्लेव में सभी सेक्टर्स के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है, जिससे आईटी, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, भारी उद्योग, एमएसएमई, लघु कुटीर उद्योग सहित सभी प्रकार के उद्योग धंधों के माध्यम से राज्य के लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें। राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के लिये इसी माह हम विदेश भी जाने वाले हैं। जहाँ विदेशी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने के लिये राज्य सरकार की नीतियों और यहाँ के औद्योगिक वातावरण से अवगत करा कर आमंत्रित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में बेहतर आर्थिक वातावरण बने, लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलें, युवाओं को अपनी बौद्धिक क्षमता के अनुरूप स्थानीय स्तर पर काम मिलें, उन्हें रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, इस दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास से मीडिया को जारी संदेश में यह बात कही।

    निवेशकों के लिये उद्योग मित्र नीतियाँ

    मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि सरकार ने उद्योग क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में 4 हजार 190 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। औद्योगिक निवेश को प्रोत्सहन देने के लिये प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश प्रोत्सहन और कस्टमाइज पैकेज जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। नये निवेशकों को उद्योग मित्र नीतियों के साथ सरल और सुगम निवेश प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये प्रदेश के प्रत्येक जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। कई जिलों में शुरू भी हो चुके हैं। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये इन सेंटर में जिला कलेक्टर्स को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

    मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश

    मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन के लिये पिछले 8 माह में जो प्रयास हुए, उसमें उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एवं मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो के साथ हुए इंटरेक्टिव सेशन के काफी सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। इनमें विभिन्न सेक्टर्स में 2 लाख 76 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 3 लाख 28 हजार 670 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाएगा। इस वर्ष 7-8 फरवरी 2025 को भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होगा।

    निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है म.प्र.

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ औद्योगिक हब बन रहा है बल्कि हर क्षेत्र में उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी, उद्योग अनुकूल नीतियों और मजबूत अधोसंरचना से मध्यप्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav शनिवार को इंदौर में देंगे सौगातें

    CM Dr. Mohan Yadav शनिवार को इंदौर में देंगे सौगातें

    CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों को मिलेगी  1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    • सिलेंडर रीफिल के लिये 26 लाख बहनों को अंतरित करेंगे 55 करोड़ रूपये
    • 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खातों में 333 करोड़ रूपये का होगा अंतरण
    • दिव्यांगों को लेपटॉप, मोटोराइज्ड ट्राईसिकल सहित अन्य सहायक उपकरण भी करेंगे वितरित

    CM Dr. Mohan Yadav 9 नवम्बर को इंदौर के नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना, गैस रीफिल एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 2 करोड़ 10 लाख हितग्राहियों के खातें में 1961 करोड़ रूपये अंतरित करेंगे। इसमें 1 करोड़ 29 लाख लाड़ली बहनों के खातों में 1573 करोड़ रूपये, 26 लाख बहनों के खातों में सिलेंडर रीफिल की राशि 55 करोड़ रूपये और 55 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन के हितग्राहियों के खातों में 333 करोड़ रूपये की राशि अंतरित की जायेगी। नेहरु स्टेडियम में  5  हजार से अधिक बालिकाओं के द्वारा तलवार चलाने के वर्ल्ड रेकार्ड बनाने का कार्यक्रम भी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर के ढ़क्कन वाला कुँआ स्थित ग्रामीण हाट बाजार में आयोजित कार्यक्रम में इंदौर के 450 से अधिक दिव्यांगजनों को लेपटॉप, मोट्रेट ट्राईसिकल सहित अन्य सहायक उपकरण वितरित करेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आईटीसी के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। उनके द्वारा इंदौर जिले के  155  दिव्यांगजनों को मोटोराइज्ड ट्रॉयसाइकल, निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 81 छात्र/छात्राओं को लेपटॉप, 6 दम्पतियों को मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता, 130 दिव्यांग वृद्धजनों को डिजीटल श्रवण यंत्र, 99 दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर, सी.पी. चेयर, बैशाखी और  कैलीपर्स प्रदान की जायेगी। साथ ही कलेक्टर श्री आशीष सिंह की पहल पर तैयार किये गये दिव्यांगजनों को सशक्त पोर्टल के माध्यम से निजी क्षेत्र की कम्पनियों में चयनित 5 दिव्यांगजनों को नियुक्ति-पत्र भी सौंपेंगे। इस कार्यक्रम से प्रदेश के सभी जिला एवं संभागीय अधिकारी वर्चुअल शामिल होंगे।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में 1. 29 लाख विद्यार्थियों ने लिया बहुविषयक अध्ययन का लाभ

    • कृषि पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ी

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि नई शिक्षा नीति: 2020 के अंतर्गत प्रदेश में अनेक नवाचार हुए हैं। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर भी उच्च शिक्षा के जुड़े नवाचार करें। अच्छे प्रयोगों का सदैव स्वागत है। शिक्षा की गुणवत्ता को निरंतर श्रेष्ठ बनाने के प्रयास हों। पैरामेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सक्षम युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे बड़ी गारंटी मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल से इस संदर्भ में नई शिक्षा नीति में अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान भी हुए हैं। इस नीति में युवाओं को ज्ञानवान और अनेक विषयों में पारंगत बनाने की रणनीति बनाई गई है। इस नाते मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास इस दिशा में किए गए हैं। मध्यप्रदेश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहां भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यशालाएं आयोजित की गईं, वहीं राज्य सरकार द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टास्क फोर्स का गठन किया गया। विद्यार्थियों को उनकी रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार शिक्षा व्यवस्था करने के प्रसार सफल हो रहे हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में प्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश का सकल पंजीयन अनुपात राष्ट्रीय अनुपात 28.4 प्रतिशत के मुकाबले 28.9 प्रतिशत है जो एक उपलब्धि है।

    बहुविषयक शिक्षा में आगे मध्यप्रदेश

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालयों द्वारा बहुविषयक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए उपयोगी पाठ्यक्रमों के संचालन की सराहना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं पर कुलगुरूओं और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। बताया गया कि विद्यार्थियों को बहुविषयक दृष्टिकोण (मल्टी डिस्पलीनरी एप्रोच) के माध्यम से अन्य विषयों के अध्ययन के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश के लगभग एक लाख विद्यार्थी वाणिज्य के साथ कला और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। कला संकाय के 18 हजार विद्यार्थी वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 11 हजार है, जिन्होंने कला और वाणिज्य विषय का चयन किया है। इस तरह एक लाख 29 हजार विद्यार्थियों ने बहुविषयक शिक्षा का लाभ लिया है।

    विद्यार्थी ले रहे खेती किसानी की शिक्षा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनेक बिन्दुओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। उच्च शिक्षा व्यवस्था में स्नातक स्तर पर कृषि जैसे विषय के अध्ययन के प्रावधान के भी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सात विश्वविद्यालयों और 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में बी.एससी. कृषि पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है। इन पाठ्यक्रामों का लाभ 1189 विद्यार्थी ले रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सर्वाधिक 240 विद्यार्थी खेती किसानी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में पायलेट ट्रेनिंग के कोर्स के संचालन और एविएशन के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालयों ने पहल की है। निश्चित ही युवाओं को इन पाठ्यक्रमों का रोजगार की दृष्टि से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।

    इन्क्यूबेशन केन्द्रों की सक्रिय भूमिका, र्स्टाट अप्स को पूर्ण प्रोत्साहन

    प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 47 इन्क्यूबेशन सेन्टर प्रारंभ किए गए हैं। इनमें शासकीय विश्वविद्यालय में 16, निजी विश्वविद्यालय में 12 एवं शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में 19 इन्क्यूबेशन केंद्र संचालित हैं। देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर को केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पांच करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर को अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर के लिए 2.5 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के लिए 13.4 लाख रूपए स्वीकृत हुए हैं। प्रदेश के 2 निजी विश्वविद्यालयों में भी अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इनमें रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल और लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एलएनसीटी) भोपाल शामिल हैं। इन्क्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर 65 स्टार्ट अप्स तथा 2 निजी विश्वविद्यालयों में कुल 295 स्टार्ट अप्स प्रारंभ हुए हैं। स्टार्ट अप्स को विश्वविद्यालयों ने प्रोत्साहन राशि भी दी है। वर्तमान में कुल लाभान्वित विद्यार्थी संख्या 620 है। पेटेंट के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हुए हैं। इनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में छह, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चार, विक्रम विश्वविद्यालय में तीन और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में एक पेटेंट शामिल हैं। समस्त विश्वविद्यालयों के कुल 27 पेटेंट के आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।

    source: http://www.mpinfo.org


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