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  • President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu: स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये आगे बढ़ें

    President Smt. Murmu

    शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका प्रदेश में समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं

    सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने उज्जैन में स्वच्छता मित्रों को सम्मानित किया

    1692 करोड़ के उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन रोड़ का किया भूमि-पूजन

    President Smt. Murmu ने कहा है कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये सभी आगे बढ़ें। स्वच्छता ही देश को स्वस्थ और विकसित बना सकती है। देश का प्रत्येक व्यक्ति इस कार्य में सहयोग करे और सब मिलकर देश को विकसित राष्ट्र बनायें। मध्यप्रदेश ने शहरी और ग्रामीण स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई के लिये श्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इन्दौर निरन्तर 7वीं बार देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ है। भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु आज उज्जैन में सफाई मित्रों के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने सफाई मित्रों श्रीमती रश्मि टांकले, श्रीमती किरण खोड़े, श्रीमती शोभा घावरी, श्रीमती अनिता चावरे और श्री गोपाल खरे का सम्मान भी किया। राष्ट्रपति ने 1692 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले उज्जैन-इन्दौर सिक्स-लेन मार्ग का भूमि-पूजन भी किया। प्रारम्भ में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया और उन्हें श्रीमहाकाल लोक की प्रतिकृति प्रदान की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, प्रभारी मंत्री श्री गौतम टेटवाल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी भी उपस्थित थे।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि अवन्तिका बाबा महाकाल की पवित्र, दिव्य एवं पावन नगरी है। गुप्तकाल भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग रहा है और उस समय उज्जैन भारत का महत्वपूर्ण नगर था। यहां संस्कृति और सभ्यता की प्राचीन परम्परा है। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज से 2000 वर्ष पूर्व उज्जैन परिवहन व्यवस्था का उत्कृष्ट केन्द्र था। यह अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का केन्द्र भी था। महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की विशालता और भव्यता का अदभुत चित्रण किया है। देवलोक में जो महत्व अल्कापुरी नगरी का है, वही महत्व पृथ्वी पर उज्जैन नगरी का बताया गया है। मैं बाबा महाकाल, अवन्तिका नगरी और पवित्र शिप्रा नदी को प्रणाम करती हूँ।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि उज्जैन एवं प्रदेश में समग्र विकास के अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में आज उज्जैन में उज्जैन-इन्दौर सिक्सलेन मार्ग का भूमि-पूजन किया गया है। यहां विक्रम उद्योगपुरी मेडिकल डिवाइसेस पार्क बनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में एक्सप्रेस-वे एवं एलीवेटेड कॉरिडोर बनाये जा रहे हैं। इन सभी के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास सराहनीय हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में स्वच्छता देशव्यापी जन-अभियान बन गया है। स्वच्छता अभियान के द्वितीय चरण में वर्ष 2025 तक हमें देश में सम्पूर्ण स्वच्छता के लक्ष्य को हासिल करना है। देश में खुले में शौच से पूर्णत: मुक्ति और सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट प्रबंधन में उत्कृष्ट किया जा रहा है। महात्मा गांधी के स्वच्छता के आदर्श को हमें पूरा करना है। मैंने स्वयं अपने कैरियर की शुरूआत स्वच्छता के कार्यों से की। मैं नगर परिषद में उपाध्यक्ष थी और वार्डों में जा-जाकर स्वच्छता के लिये कार्य करती थी और लोगों को जागरूक करती थी। देशवासियों में आज स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मध्यप्रदेश के कई शहर ‘वॉटर+’, ‘ओडीएफ++’ के रूप में पुरस्कृत हुए हैं।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि सफाईकर्मी अग्रिम पंक्ति के स्वच्छता योद्धा हैं। इन्हें आज सम्मानित कर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। हम सफाईकर्मियों की सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुरक्षित करेंगे। देश में “मेन होल” को समाप्त कर अब “मशीन होल” बनाये जा रहे हैं। सफाईकर्मियों को लाभान्वित करने के लिये अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। मध्यप्रदेश ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।

    देश में पवित्र सेवा का संदेश देगा, उज्जैन का सफाई मित्र सम्मेलन : राज्यपाल श्री पटेल

    राज्यपाल श्री पटेल ने मध्यप्रदेश की धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक नगरी उज्जैन में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु के आगमन पर प्रदेशवासियों की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है आध्यात्मिक केन्द्र उज्जैन में आयोजित सफाई मित्र सम्मेलन देश में स्वच्छता केवल जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि पवित्र सेवा का संदेश प्रसारित करेगा। स्वच्छता अभियान की यह पहल सफाई मित्रों की प्रतिबद्धता के साथ स्वच्छ, स्वस्थ और आध्यात्मिक रुप से सशक्त देश के निर्माण का संदेश प्रसारित करेगी। आज का दिन हमारे समाज को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले स्वच्छता वीरों के लिए अभूतपूर्व और अविस्मरणीय है। अपनी मेहनत और समर्पण से शहरों को साफ बनाकर हमारे जीवन को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने वाले सफाई मित्रों को पहचानना, उनका सर्मथन और सम्मान करना, समाज के हर व्यक्ति का कर्तव्य है। उन्होंने सफाई मित्रों को हृदय से बधाई देते हुए कहा कि सफाई का काम ईश्वर की पवित्र सेवा है। सफाई मित्र हमारे लिए वंदनीय है। राज्य सरकार सदैव सफाई मित्रों के काम को समर्थन देने के लिए तैयार है।

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वच्छता क्रांति का सूत्रपात हुआ है, हमने सही अर्थों में स्वच्छता को जन-आंदोलन बनाया है। हमारे शहर और नागरिकों ने स्वच्छता को आत्मसात करते हुए पूर्णकालिक विषय के रूप में स्थापित किया है। स्वच्छता सुविधाओं जैसे व्यक्तिगत, सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय बनाने और कचरा प्र-संस्करण इकाइयों के निर्माण को प्रदेश में प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र एवं प्रदेश के विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण इंदौर-उज्जैन 6 लेन परियोजना आध्यात्मिक सांस्कृतिक केन्द्र उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को और अधिक सुगम, आसान बनाकर पर्यटन, सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को तेज करेगी।

    आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में‍लिखा जायेगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह दिन ऐतिहासिक होकर नई सौगात लेकर आया है। हर युग में, हर काल में जिसका अस्तित्व रहा, ऐेसी महान एवं पवित्र नदी क्षिप्रा के किनारे स्थित अवंतिका, हर काल में अपने विकास के आयामों से सदैव लोगों के उत्कर्ष की परिचायक है। कहा जाता है कि क्षिप्रा तट पर जो भी व्यक्ति आते हैं और जैसा सोचते हैं, परमात्मा उसे जीवनकाल में उपलब्ध कराता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कामों से दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र का गौरव हासिल करने के प्रत्येक आयामों को छुआ है। विकास के सभी क्षेत्र में सफाई मित्रों के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान, पखवाडे के रूप में मनाया जा रहा है। यह पखवाड़ा प्रधानमंत्री की स्वच्छता के प्रति लगाव की भावना को रेखांकित करता है और सफाईकर्मियों की बड़ी भूमिका का भी अहसास भी कराता है। स्वच्छताकर्मी बीमारी और जिंदगी के बीच मजबूत दीवार की तरह खड़े रहते हैं। मध्यप्रदेश, देश के सभी राज्यों में स्वच्छता के लिए दूसरे नम्बर पर आया है, यह हम सबका सौभाग्य है। साथ ही देश की सबसे स्वच्छ राजधानी का दर्जां भी प्रदेश की राजधानी भोपाल को प्राप्त हुआ है। स्वच्छता का हमारा सबसे मजबूत रिश्ता है। भारत के सबसे स्वच्छ नगरों में लगातार 7 बार से प्रदेश ने इस गौरव को इंदौर के माध्यम से हासिल किया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने निर्णय लिया है कि स्वच्छता अभियान को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले स्वच्छताकर्मियों को योगदान के लिये उन्हें सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक नगर की स्टार रैकिंग के हिसाब से स्वच्छताकर्मियों को प्रति स्टार रैंकिंग पर एक हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। उज्जैन को तीन स्टार मिले हैं, इसलिए यहां के सभी स्वच्छताकर्मियों को तीन-तीन हजार रुपए का पुरस्कार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पाषाण शिल्प को महत्व देने के लिये श्रीमहाकाल लोक की सभी प्रतिमाएं पाषाण की बनवाएंगे। इससे प्रदेश में पाषाण शिल्प को प्रोत्साहन मिलेगा। राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश भी अब पाषाण शिल्प में स्थान हासिल करेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का बडा महत्व है। महारानी अहिल्याबाई का वर्तमान में 300वां जन्मोत्सव चल रहा है। महारानी अहिल्याबाई ने 30 साल के शासनकाल में नारी सेना, विधवा-विवाह प्रोत्साहन सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलाई थी। उन्होंने महिलाओं की आत्म-निर्भरता के लिए महेश्वर साड़ी का उद्योग स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु द्वारा इंदौर से उज्जैन को जोड़ने के लिए 1692 करोड़ रुपए लागत से 6 लेन रोड के निर्माण का शुभारम्भ किया गया है, इससे उज्जैन न केवल इंदौर से बल्कि पूरे देश से जुड़ेगा और आध्यात्मिक नगरी उज्जैन आने-जाने के लिए मार्ग सुगम होगा।

    लघु फिल्म का प्रदर्शन

    समारोह में उज्जैन के विकास कार्यों को लेकर बनाई गई लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया, जिसमें उज्जैन में होने वाले विकास कार्यों को दर्शाया गया। समारोह का शुभारम्भ एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

    source: http://www.mpinfo.org

  • President Smt. Murmu: बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी

    President Smt. Murmu: बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने सामूहिक प्रयास जरूरी

    President Smt. Murmu

    देश के सर्वांगीण विकास के लिये जवाबदेही से संकल्पबद्ध होकर किये जाये कार्य : राज्यपाल श्री पटेल
    मध्यप्रदेश में बौद्धिक सम्पदा का सर्वांगीण विकास में होगा उपयोग: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
    राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को वितरित की उपाधियाँ

    President Smt. Murmu ने आहवान किया कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। देश को विकसित बनाने में बेटियों का अहम योगदान रहेगा। बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनाने तथा देश के सर्वांगीण विकास के लिये सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर महिला सशक्तिकरण और आत्म-निर्भरता का उत्तम उदाहरण है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू आज इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह के अवसर पर 14वें दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को स्वर्ण तथा रजत पदक और उपाधियाँ वितरित की।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने देश में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। इसके लिये इंदौरवासियों को बधाई। उन्होंने कहा कि यह शहर देवी अहिल्याबाई होल्कर के नाम से पहचाना जाता है। इंदौर में विश्वविद्यालय भी देवी अहिल्याबाई के नाम पर स्थापित है। यह हमारे लिये गौरव का समय है, जब हम देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मना रहे हैं। लोक माता अहिल्याबाई शिक्षा के महत्व को समझती थी। उनके पिता ने भी उस दौर में उन्हें शिक्षा दिलाई जब बालिकाओं को शिक्षा दिलाना बहुत कठिन होता था। समाज के लोग उस वक्त शिक्षा का विरोध करते थे। देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन महिला सशक्तिरण का उत्तम उदाहरण है। उन्होंने अपने जीवन और शासन काल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीन और सफल प्रयास किये। साथ ही जनजातीय समाज की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिये निर्णय लेकर उसे मुर्त रूप दिया और विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये।

    राष्ट्रपति ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है। उनका जीवन महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव का बेहतर उदाहरण रहा है। उन्होंने अपने आत्म-विश्वास और दृढ़-संकल्प से कठिनाइयों एवं संघर्ष के दौर में बनाये रास्ते पर आज सुगमता से चला जा रहा है। राष्ट्रपति ने एक विदेशी कवियित्री की कविता का जिक्र करते हुए कहा कि देवी अहिल्याबाई की ख्याति देश ही नहीं विदेश में भी थी। यह हमारे लिये गौरव की बात है। मैं लोक माता देवी अहिल्याबाई की स्मृति को सादर नमन करती हूं। उन्होंने कहा कि यह लोकमाता देवी अहिल्याबाई का ही आर्शीवाद और आदर्शों की प्रति है कि आज के दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक पदक बेटियों ने ही प्राप्त किये है। उन्होंने पदक प्राप्त सभी बेटियों को शुभकामनाएं दी और विश्वास व्यक्त किया कि जीवन की सभी बाधाओं को दूर करते हुए स्वयं ही रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ेगी और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेंगी।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि इंदौर की ही श्रीमती सुमित्रा महाजन ने जनसेवा और लोकतंत्र में योगदान देने का अत्यंत प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत किया। श्रीमती मुर्मु ने शैक्षणिक संस्थानों, गुरुजनों और अभिभावकों का आहवान किया कि वे बेटियों को शिक्षित तथा आत्म-निर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि भारत 2047 में सबसे विकसित और सबसे आगे रहने वाला देश बनने के लिये तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसमें बेटियों की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि बेटियों को प्रोत्साहित किया जाये कि वे बड़े सपने देखें, बड़ा लक्ष्य तय करें और उसे पाने के लिये मेहनत से कार्य करें।

    राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एक ऐसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है जहाँ तीन लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे है। इस विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में अनेक ऐसे जिले आते है जहां अनुसूचित जनजाति के लोग ज्यादा है। इसे मद्देनजर रखते हुए इस विश्वविद्यालय में ट्रायबल स्टडी सेंटर प्रारंभ किया है। यह एक सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमें “सबका साथ, सबका विकास एवं सबका प्रयास” का नारा दिया। देश को आगे बढ़ाने के लिये सबका सहयोग एवं सामूहिक विकास जरूरी है। सर्वांगीण विकास के लिये पिछड़ों को भी आगे लाने के लिये सरकार के साथ ही सबका सहयोग भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने नयी शिक्षा नीति लागू की है। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिये सही पथ का चयन करें। इसके लिये माता-पिता, गुरुजनों और अनुभवी व्यक्तियों का सहयोग ले। 

     राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन हम सबके लिए गर्व का विषय है। दीक्षांत समारोह माता-पिता के त्याग-तप, गुरूजनों के आशीर्वाद और विद्यार्थी जीवन के अनुशासन और परिश्रम से प्राप्त सफलता का अविस्मरणीय पल है। उन्होंने सभी मेधावी विद्यार्थियों, गुरुजनों और पालकों को हार्दिक बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राज्यपाल ने कहा कि देवी अहिल्या बाई में राजनीतिक, महिला सशक्तिकरण, जनसेवा और देश के धार्मिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का जीवंत उत्साह था। विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों के लिए यह  गौरव की बात है कि वे लोकमाता के रूप में विख्यात देवी अहिल्या बाई के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे है। सैकड़ों साल बाद भी जनमानस देवी अहिल्या बाई की पूजा करता है, क्योंकि उन्होंने स्वयं को एक ऐसे उदाहरण के रूप में स्थापित किया है जिसका सब कुछ था लेकिन स्वयं के लिए कुछ भी नहीं था। देवी अहिल्याबाई वंचित वर्गों को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के प्रयास किए। उन्होंने समाज की सेवा को ईश्वर की सेवा माना था। राज्यपाल श्री पटेल ने सभी युवाओं से आह्वान किया कि देवी अहिल्या से प्रेरणा लेते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में निष्ठ, ईमानदार योगदान के लिए संकल्प बद्ध हों। उन्होंने कहा कि मैं सभी विद्यार्थियों से अपेक्षा करता हूं कि वे अपने माता-पिता और आचार्यों को भगवान समान मानें और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर अच्छी तरह से निभाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई समाज सुधारक, न्याय प्रियता, स्वराज एवं सुशासन की पुरोधा थीं। देवी अहिल्या बाई ने अपने राज्य के बाहर जाकर लोगों के समग्र कल्याण के लिये भी अनेक काम किये हैं। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श और प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कठिन दौर में शिक्षा हासिल की। वे संघर्षों और कठिनाइयों का सामना करते हुए साहस के साथ आगे बढ़ी है। देवी अहिल्या बाई ने हिमालय की चोटी एवरेस्ट से भी ऊँचा मनोबल लेकर अपना जीवन जिया है। वह हम सब के लिए प्रेरणा का पुंज है। 

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है। राज्य सरकार द्वारा सभी क्षेत्रों में कृत-संकल्पित होकर कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बौद्धिक सम्पदा पुष्पित और पल्लवित हो रही है। हमारे प्रदेश में अपार बौद्धिक सम्पदा है, जिसका उपयोग प्रदेश के चहुँमुखी विकास के लिये कर रहे है। समारोह में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका अतिथियों को भेंट की गई।

    इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरू श्रीमती रेणु जैन सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।

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  • CM Dr. Yadav: अकादमी बनाकर मलखंब और जिम्नास्टिक को किया जाएगा प्रोत्साहित

    CM Dr. Yadav: अकादमी बनाकर मलखंब और जिम्नास्टिक को किया जाएगा प्रोत्साहित

    CM Dr. Yadav

    स्पोर्ट्स एडवेंचर के लिए साहसिक खेलों को करें शामिल
    प्रत्येक जिले में बनेगा हेलीपेड युक्त खेल स्टेडियम

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में मलखंब और जिम्नास्टिक को प्रोत्साहित करने के लिए उज्जैन में पृथक-पृथक अकादमी का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साहसिक खेल गतिविधियों को पर्यटन एवं वन के साथ जोड़कर स्पोर्ट्स एडवेंचर के रूप में मुख्य खेलों में शामिल करें। CM Dr. Yadav ने कहा कि विभिन्न जिलों से युवाओं का चयन कर साहसी खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाएं। उन्होंने कहा कि महिला, किसान, युवा, गरीब को ध्यान में रखकर रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम संचालित किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रत्येक जिले में खेल स्टेडियम का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि प्रत्येक स्टेडियम में एक हेलीपेड भी हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में बुधवार को खेल एवं युवक कल्याण की विभागीय गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव श्रीमती स्मिता भारद्वाज घाटे, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी एवं संचालक श्री रवि कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे।

    काठियावाड़ी घोड़े ज्यादा श्रेष्ठ

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि घुड़सवारी के खेल के लिए काठियावाड़ी घोड़ों का प्रदर्शन बहुत अच्छे स्तर का होता है। हम काठियावाड़ी घोड़ों को खेलों में शामिल करते हैं तो और भी बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री सारंग ने कहा कि घुड़सवारी एवं शूटिंग में मध्यप्रदेश की परफार्मेंस अच्छी है। यहाँ की खेल अकादमी श्रेष्ठ अकादमियों में से एक है। अकादमी में 32 घोड़े प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध हैं। घुड़सवारी भी एकमात्र ऐसा खेल है जिसमें महिला और पुरूष दोनों ही वर्ग के खिलाड़ी एक साथ भाग लेते हैं।

    खिलाड़ी बन सकेंगे राजपत्रित अधिकारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ओलम्पिक एवं एशियन गेम्स पदक विजेता खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के पद पर नियुक्ति दिए जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाये। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा, वन, आबकारी, परिवहन, पुलिस और अनुसूचित जनजाति विभागों में खेल कोटे से नौकरी दिए जाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य राज्यों में खेल कोटे में नियुक्ति के लिए प्रचलित नियमों के साथ प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए।

    खेलो-बढ़ो अभियान से जुड़ेंगे युवा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि योजना में सिर्फ अधोसंरचना ही विकसित नहीं हो, उसके साथ खेल गतिविधियां भी प्राथमिकता से संचालित की जाएं। उन्होंने कहा कि इन खेलों से हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्र-छात्राओं को इस योजना से जोड़ा जाए। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों की खेल भावना को पहचानना और उसका विकास करना है। इससे खेलों के प्रति विद्यार्थियों की रूचि और उनकी भागीदारी भी बढ़ेगी। खेलो इंडिया की तर्ज पर, खेलो एमपी यूथ गेम्स का आयोजन किया जाएगा। इसमें सभी विकासखंड के 16 वर्ष से कम आयु के प्रतिभागी शामिल होंगे, जिसमें 24 खेल शामिल किए गए हैं।

    गरिमापूर्ण हो खेल समारोह

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खेल समारोह का आयोजन कैलेंडर बनाकर करें। इसे किसी दिन विशेष से जोड़कर शुरू किया जाए। राष्ट्रीय स्तर पर खेल मंथन शिविर के प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि एक दिन राज्य स्तर पर और एक दिन राष्ट्रीय स्तर पर मंथन के लिए रखें। खेल एवं दी जाने वाली सुविधाओं का समग्र प्लान बनाकर मंथन की तैयारी करें। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्रामीण युवाओं से समन्वय कर जिलों और विकासखंड स्तर पर राष्ट्रीय पर्वों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

    संचालक बनेंगे अब महानिदेशक खेल

    मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग द्वारा संचालक खेल के पद को महानिदेशक खेल के रूप में उन्नयन करने एवं विभागीय कैडर में संयुक्त संचालक का पद संचालक खेल के पद पर उन्नयन का प्रस्ताव समीक्षा बैठक में रखा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नियमानुसार प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dr. Yadav: भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, कारीगरी, शिल्पकारी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का माना जाता है इष्ट

    CM Dr. Yadav: भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, कारीगरी, शिल्पकारी और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों का माना जाता है इष्ट

    मुख्यमंत्री CM Dr. Yadav ने निवास स्थित तकनीकी कक्ष में किया भगवान विश्वकर्मा का पूजन-अर्चन

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सृष्टि के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा जयंती पर मुख्यमंत्री निवास स्थित तकनीकी कक्ष में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का सर्वोच्च वास्तुकार, यांत्रिकी विज्ञान और स्थापत्य वेद का निर्माता माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, कारीगारी, शिल्पकारी, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों का इष्ट माना जाता है। वे मशीनरी एवं शिल्प उद्योगों के प्रमुख आराध्य हैं। गर्व का विषय है कि विश्वकर्मा समुदाय ने अपने श्रम और समर्पण से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन बहुत पावन है। शिल्प शास्त्र के अधिष्ठाता भगवान विश्वकर्मा जी का पूजन दिवस है तो दूसरी तरफ ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता श्रीगणेश एवं श्रीहरि की स्तुति के लिए अनंत चतुर्दशी भी हम मना रहें है। मेरी यही प्रार्थना है कि प्रभु का आशीर्वाद सभी प्रदेशवासियों पर बना रहें।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री मोदी का जन्म-दिवस भी है, जोस्किल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण अभियानों से देश के करोड़ों युवाओं को आत्म-निर्भर बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 13 हजार करोड़ रूपए की प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया था, जिसका उद्देश्य तकनीकी और शिल्पकारी से जुड़े विश्वकर्मा समाज के भाई-बहनों को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाना है। इस योजना से उन्हें अपने हुनर को और निखारने का अवसर मिल रहा है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार विश्वकर्मा योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है।

  • CM Dr. Yadav के पिताश्री पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ अपार जनसमुदाय

    CM Dr. Yadav के पिताश्री पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा में शामिल हुआ अपार जनसमुदाय

    CM Dr. Yadav: केंद्र और राज्य के प्रमुख मंत्रीगण, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर किए अंतिम दर्शन

    CM Dr. Yadav के पिता श्री पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा में अपार जनमुदाय शामिल हुआ। केंद्र और राज्य सरकार के प्रमुख मंत्रीगण, जन-प्रतिनिधि और समाजसेवी अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुए। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर अंतिम दर्शन किए और ईश्वर से अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करने की प्रार्थना की। अंतिम यात्रा के मार्ग में विभिन्न मंचों से सामाजिक संगठनों द्वारा पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी गई।

    स्व. पूनमचंद यादव की अंतिम यात्रा उनके निज निवास गीता कॉलोनी से सकडिया सुल्तान मंदिर, खजूर वाली मस्जिद, बुधवारिया, निकास चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड, बड़ापुल, कार्तिक मेला ग्राउंड से भूखी माता पहुंची, जहां क्षिप्रा के तट पर अन्तिम संस्कार हुआ। उनके ज्येष्ठ पुत्रों श्री नारायण यादव और श्री नन्दलाल यादव ने पार्थिव देह को मुखाग्नि दी।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पिता श्री पूनमचन्द यादव के अंतिम संस्कार में शामिल हुए कर्नाटक के राज्यपाल श्री थावरचन्द गेहलोत ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्व. पूनम चन्द यादव ने कर्मप्रधान बनकर जीवन की सार्थकता सिद्ध की। विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि स्व. यादव के जीवन के पुण्य का प्रतिफल है कि उनका एक बेटा प्रदेश की आठ करोड़ जनता की सेवा कर रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि माता-पिता वट-वृक्ष के समान छाया देते है। स्व. यादव ने जीवन में संघर्ष कर परिवार को स्थापित किया और सब के प्रति प्रेम की भावना रखी। नगरीय विकास और आवास संसदीय कार्य मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि माता-पिता का स्थान दुनिया में कोई नहीं ले सकता है। माता-पिता देवतुल्य होते हैं। कर्मशील माता-पिता का दुनिया से जाना असहनीय होता है। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया, महिदपुर विधायक श्री दिनेश जैन बोस, श्री राजाराम यादव, श्री आशीष चौहान ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए स्व. यादव की आत्मा की शांति के लिए एवं शोक संतप्त परिजन को दु:ख सहन की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पिता स्व. पूनम चंद यादव के अंतिम दर्शन में केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला एवं श्री जगदीश चन्द्र देवड़ा, प्रदेश के मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री श्री एंदल सिंह कंषाना, मंत्री श्री चैतन्य कश्यप, मंत्री श्री रामनिवास रावत, मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,  मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह, मंत्री श्री करण सिंह वर्मा, मंत्री श्री विश्वास सारंग, मंत्री श्री गौतम टेटवाल, मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, राज्यमंत्री  (स्वतंत्र प्रभार) श्री नारायण सिंह पंवार, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल, राज्यमंत्री श्री दिलीप अहिरवार, राज्यसभा सांसद श्री बालयोगी उमेशनाथ महाराज, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, सांसद श्री महेन्द्र सिंह सोलंकी,  उज्जैन विधायक श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, श्री सतीश मालवीय, श्री महेश परमार, इन्दौर विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री मधु वर्मा, श्री गोलू शुक्ला, शाजापुर विधायक श्री अरूण भीमावद, पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पूर्व मंत्री श्री अरविंद सिंह भदौरिया, पूर्व मंत्री कैलाश चावला, पूर्व मंत्री श्री पारस जैन, मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सैना, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मो. सुलेमान, प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र सिंह व श्री सन्दीप यादव, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम खाड़े, उज्जैन संभागायुक्त श्री संजय गुप्ता, पुलिस महा निरीक्षक उज्जैन श्री संतोष कुमार सिंह सहित जन-प्रतिनिधि, राज्य सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में उज्जैनवासी शामिल हुए।

    उठावना 5 सितम्बर को

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिताजी श्री पूनमचंद यादव का 3 सितम्बर को देवलोक गमन हो गया था। स्व. पूनमचंद यादव के देवलोकगमन के बाद चलित उठावना कार्यक्रम 5 सितम्बर गुरूवार शाम 4 से 6 बजे तक होटल अथर्व, जन्तर-मंतर के पास उज्जैन में होगा।

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  • Dr. Mohan Yadav: विभिन्न जिलों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर कलेक्टर को दिए निर्देश

    Dr. Mohan Yadav: विभिन्न जिलों में हुई घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर कलेक्टर को दिए निर्देश

    Dr. Mohan Yadav: मुख्यमंत्री, उज्जैन स्थित निवास से पूरे प्रदेश के संपर्क में हैं और अधिकारियों से निरंतर कर रहे हैं चर्चा
    धार जिले में बच्चों का जीवन बचाने वाले समाज सेवियों को किया जाएगा सम्मानित 

    मुख्यमंत्री Dr. Mohan Yadav ने ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए।

    झाबुआ

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने c को निर्देश दिए कि दो बच्चियों के बह जाने से उनके परिवार को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यह भी ध्यान रखा जाए।

    ग्वालियर

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रॉमा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इस संबंध में सतर्कता रखी जाए और समस्त स्टॉफ सजग रह कर अपना दायित्व निर्वहन करें।

    धार

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार जिले में डही विकासखंड के ग्राम बड़वानिया में जनजातीय बालक आश्रम परिसर में वर्षा जल भर जाने से विद्यार्थियों को हुए कष्ट के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने बताया कि समय रहते हैं, बच्चों को बचाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां रखी जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की धार जिले की इस घटना में जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों द्वारा सेवा प्रदान की गई और बच्चों की जीवन रक्षा के लिए सक्रियता एवं सजगता का परिचय दिया गया उन्हें राज्य सरकार पुरस्कृत और सम्मानित करेगी।

    उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पिता का 3 सितंबर मंगलवार को अवसान हुआ है। आज बुधवार 4 सितंबर को पिता के अंतिम संस्कार के बाद उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में घटित घटनाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर नागरिकों के हित में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पिता के अवसान के पश्चात शोक व्यक्त करने आए नागरिकों विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं। वे निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा भी कर रहे हैं।

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  • Shri Sukhvir Singh: सभी अधिकारी फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य को गंभीरता से लें

    Shri Sukhvir Singh: सभी अधिकारी फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य को गंभीरता से लें

    Shri Sukhvir Singh:

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी Shri Sukhvir Singh ने बुधवार को सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। उन्होंने मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण- 2025 के अंतर्गत जिलों में चल रही प्री-रिवीजन गतिविधियों के संबंध में चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि सभी अधिकारी फोटो निर्वाचक नामावली के कार्य को गंभीरता से लें। बीएलओ अनिवार्य रूप से मतदाताओं के घर-घर जाकर सर्वे करें और प्रतिदिन की प्रगति की रिपोर्ट दें। मतदाता सूची में किसी भी मृत व्यक्ति का नाम न हो, यह सुनिश्चित करें।

    मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण- 2025 के अंतर्गत प्रारंभिक गतिविधियां बीते माह 20 अगस्त से शुरू हो गई हैं। इस दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) प्रत्येक घर जाकर मतदाताओं का भौतिक सत्यापन करें। उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण कार्य पूरी सतर्कता के साथ किया जाये, इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

    लंबित प्रकरणों का करें तत्काल निराकरण

    श्री सिंह ने कहा कि मतदाता सूची में किसी भी ऐसे व्यक्ति का नाम न हो, जिसकी मृत्यु हो गई हो। साथ ही फॉर्म 7 के माध्यम से ऐसे मतदाता, जिनका नाम एक से अधिक जगह पर दर्ज है, हटाने की कार्रवाई करें। फॉर्म 8 भरकर मतदाता वोटर आईडी कार्ड में त्रुटियों का संशोधन भी इस दौरान करा सकते हैं। साथ ही लंबित प्रकरणों की तत्काल निराकरण किया जाये।

    मतदाता केंद्रों का भौतिक सत्यापन करें

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन कर मतदान केंद्र का फोटो ‘एप’ पर अपलोड करें। जर्जर मतदान केंद्र की जगह नए मतदान केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव भेजें। एक परिवार के सदस्यों का नाम एक ही मतदान केंद्र एवं एक पार्ट पर हो। मतदान केंद्र की दूरी दो किमी से अधिक न हो और एक मतदान केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या न हो, यह भी सुनिश्चित करें।

    सोसायटी, बुहमंजिला कॉलोनी में बना सकते हैं मतदान केंद्र

    श्री सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिहायशी कॉलोनियों, बड़ी सोसायटियों और बहुमंजिला इमारत (कॉलोनियों) में भी आवश्यकतानुसार मतदान केंद्र बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कॉलोनियों के कम्युनिटी हॉल या फिर सोसायटी के ऑफिस को मतदान केंद्र बनाया जा सकता है।

     अभियान चलाकर जोड़ें महिला मतदाताओं का नाम

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सिंह ने कहा कि जिन जिलों में जेंडर रेश्यो कम है, उन जिलों में महिला मतदाताओं का नाम जोड़ने विशेष अभियान चलाएं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा, ऊषा कार्यकर्ता ग्राम पंचायत सचिव व शासकीय स्कूल में पदस्थ महिला शिक्षकों की भी मदद लें।

    1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले युवा नाम जुड़वाने अग्रिम रूप से कर सकते हैं आवेदन

    श्री सिंह ने कहा कि जिन युवाओं की उम्र 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष पूर्ण हो रही है, वे युवा मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए अग्रिम रूप से आवेदन कर सकते हैं। साथ ही जो युवा 1 अक्टूबर 2024 को 18 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं, वे भी मतदाता सूची में नाम जुडवाने के लिए अग्रिम रूप से अपना आवेदन कर सकते हैं। नये मतदाता का वोटर कार्ड स्पीड पोस्ट के माध्यम से आसानी से घर पहुंच जाएगा।

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की सुविधा प्रदान की गई है। ऑनलाइन आवेदन वोटर हेल्पलाइन एप और voters.eci.gov.in के माध्यम से किया जा सकता है। ऑफलाइन के लिए बीएलओ से संपर्क किया जा सकता है। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री राजेश कुमार कौल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री बसंत कुर्रे, श्री विवेक श्रोतिय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Smt. Sampatiya Uikey: दुख की घड़ी में अनुसूचित जनजाति परिवार के साथ खड़ी है प्रदेश सरकार

    Smt. Sampatiya Uikey: दुख की घड़ी में अनुसूचित जनजाति परिवार के साथ खड़ी है प्रदेश सरकार

    Smt. Sampatiya Uikey: 8 लाख पच्चीस हजार रूपए की आर्थिक सहायता राशि का स्वीकृति-पत्र

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एवं सिंगरौली जिले की प्रभारी मंत्री Smt. Sampatiya Uikey ने विगत दिवस सिंगरौली के ग्राम गन्नाई में मृतक स्व. इंद्रपाल अगरिया के घर पहुंच कर परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि दुख की घड़ी में प्रदेश सरकार आपके परिवार के साथ खड़ी है।

    ग्राम गन्नाई, तहसील सराई के निवासी इंद्रपाल अगरिया, पिता रामदयाल अगरिया की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, जिसकी जानकारी प्राप्त होते ही जिले प्रभारी मंत्री श्रीमती उइके ने विगत दिवस मृतक के घर पहुंच कर परिजनों को सांत्वना दी। मंत्री श्रीमती उइके ने मृतक की पत्नी को 8 लाख 25 हज़ार रूपये स्वीकृति पत्र एवं 50 हजार नगद तथा 50 हजार का चैक सौंपा। प्रभारी मंत्री श्रीमती उइके ने मृतक की पत्नी को गले लगा कर ढांढस बधाया, साथ ही मृतक के बच्चों को भी अपना स्नेह देते हुए आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मृतक के माता-पिता को भी सांत्वना दी और कहा कि दुख की घड़ी में हम सब आपके साथ हैं।

    मंत्री श्रीमती उइके सहित उपस्थित लोगों ने दो मिनिट का मौन रख कर मृतक की आत्मा की शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई का भी आश्वासन दिया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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  • Governor Shri Patel: जनजातीय विकास कार्य प्रेरक दृष्टिकोण के साथ क्रियान्वित हो

    Governor Shri Patel: जनजातीय विकास कार्य प्रेरक दृष्टिकोण के साथ क्रियान्वित हो

    Governor Shri Patel: द्वारा उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा

    Governor Shri Patel ने कहा है कि जनजातीय समुदाय को विकास के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा है कि सबका साथ और सबका विकास, समावेशी समाज का आधार है। राज्यपाल श्री पटेल आज राजभवन में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जनजातीय छात्र-छात्राओं के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि जनजातीय विकास और कल्याण प्रयासों को प्रेरक दृष्टिकोण के साथ क्रियान्वित किया जाना चाहिए। देश में सर्वाधिक जनजातीय आबादी वाला राज्य होने के कारण प्रदेश का दायित्व है कि जनजातीय विकास और कल्याण के कार्य आदर्श स्वरूप में संचालित हों। उन्होंने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति एवं पी.एच.डी. छात्रवृत्तियों के प्रावधानों को केंद्र सरकार की योजनाओं के अनुसार किए जाने की जरूरत बताई है। उन्होंने जनजातीय समुदाय की मेधावी प्रतिभाओं के माध्यम से समुदाय के युवाओं और भावी पीढ़प को प्रेरित करने की जरूरत बताई है।

     उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि जनजाति क्षेत्रों में निर्धारित पाठ्यक्रमों के साथ ही जनजातीय विषयों के अध्ययन की व्यवस्था पर विशेष बल दिया जाना चाहिए।

    बैठक में जनजाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता, प्रमुख सचिव जनजाति कार्य डॉ. ई. रमेश कुमार, आयुक्त उच्च शिक्षा श्री निशांत वरवड़े, राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।                                         

  • CM Dr. Mohan Yadav: इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात

    CM Dr. Mohan Yadav: इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक सौगात

    CM Dr. Mohan Yadav: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मुख्यमंत्री ने इन्दौर में प्रेस कांफ्रेंस कर जताया आभार

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना की स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। मध्यप्रदेश, देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको देखते हुए यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं है। उन्होंने इंदौर-मनमाड़ परियोजना की स्वीकृति पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन से मध्यप्रदेश के मालवा एवं निमाड़ अंचल के अनुसूचित जनजाति के लोगों का समुचित विकास होगा। यह परियोजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव का बड़ा माध्यम बनेगी। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन में यह रेलवे लाइन एक नई शुरुआत करेगी। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ेंगे। व्यापारिक, औद्योगिक, कृषि क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब बनाने की संभावनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि जहां से यह रेल लाइन जाएगी वहां समान रूप से राज्य शासन द्वारा भी विकास के कार्य किए जाएंगे। इस क्षेत्र को इकोनॉमिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। हम संकल्प लेकर यह कार्य शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस रेलवे लाइन के बन जाने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चार ज्योतिर्लिंग परस्पर जुड़ जाएंगे। अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों तक भी आवागमन का सहज हो जाएगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज यहां इंदौर में आयोजित प्रेस कांन्फ्रेस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर सांसद श्री शंकर लालवानी, खजुराहो सांसद श्री वी.डी. शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि  ने विकसित भारत का जो संकल्प लिया है उसमें देश के इन्फ्रा-स्ट्रक्चर को मजबूत करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पिछले दस वर्षों में देश में कनेक्टिविटी बेहतर होने से विकास और रोजगार तेजी से बढ़ा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने रेलवे की कायापलट की है। देश अब बुलेट ट्रेन के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के दूरगामी विजन का लाभ मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में मिला है। प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा प्रधानमंत्री श्री मोदी की अध्यक्षता में इंदौर-मनमाड़ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह रेल लाइन परियोजना मालवा-निमाड़ क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की बड़ी सौगात है।

    केन्द्रीय रेल मंत्री श्री वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री के ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत विकसित की गई है, जो हमारे देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क को मजबूत करने और नई कनेक्टिविटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की कुल लंबाई 309 किलोमीटर है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी। परियोजना की कुल लागत 18,036.25 करोड़ रूपये है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों जैसे इंदौर, धार, खरगोन, और बड़वानी को सीधे महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी, जिससे इन जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा।

    यह परियोजना राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे मध्यप्रदेश के प्रमुख जिलों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। इस परियोजना के निर्माण के दौरान और पूर्ण होने पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे राज्य के युवाओं को लाभ मिलेगा।

    इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे किसानों और उद्योगपतियों को बड़ा लाभ मिलेगा। नासिक और धुले जैसे जिलों के प्याज उत्पादक हब और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।

    इस नई रेल लाइन से उज्जैन के श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    बड़वानी जिला, जो कि एक आकांक्षी जिला है, पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जुड़े़गा। इससे इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं और आर्थिक विकास के लिए अवसर प्राप्त होंगे।

    परियोजना के अंतर्गत कई प्रमुख नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए पुलों और सुरंगों का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे बेहतर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर और यातायात सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

    देश में रेलवे का अमृत काल प्रधानमंत्री का विजन

    प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को नए युग में प्रवेश करने का अवसर मिल रहा है। हर साल 5,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैक का निर्माण और 1300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, जो देश के परिवहन ढांचे को और भी मजबूत बनाएगा।

    परियोजना से मध्यप्रदेश के लिए लाभ

    इस परियोजना से मध्यप्रदेश के 4 जिलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। लगभग 309 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी. जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।

    राज्य के विकास में नया अध्याय

    इस परियोजना से 29 लाख लोगों को पहली बार रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो राज्य के समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    18,036 करोड़ रूपये की इस परियोजना से राज्य के आर्थिक परिदृश्य में व्यापक सुधार होगा, जिससे नए उद्योगों और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।

    आर्थिक विकास और रोजगार

    इंदौर और मुंबई जैसे दो प्रमुख आर्थिक केंद्रों को जोड़ने से बड़वानी और खरगोन जैसे औद्योगिक रूप से पिछड़े जिलों में भी आर्थिक विकास होगा। इंदौर के निकट स्थित औद्योगिक क्षेत्रों से उत्पन्न EXIM कार्गो के लिए जेएनपीए और पश्चिमी महाराष्ट्र के अन्य बंदरगाहों तक पहुँच के लिए यह एक छोटा और सीधा मार्ग प्रदान करेगा। परियोजना के दौरान प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा, जो हमारे राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर होगा। 18036 करोड़ रुपये की यह परियोजना राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे पर्यटन, उद्योग और कृषि क्षेत्रों को नए अवसर मिलेंगे।

    कृषि और औद्योगिक विकास

    नासिक, धुले और नंदुरबार के प्याज उत्पादक हब को यह नई रेल लाइन वैकल्पिक और तेज़ परिवहन सुविधा प्रदान करेगी, जिससे किसानों को बड़ा लाभ होगा। मिलेट्स (ज्वार, मक्का) उत्पादक क्षेत्रों को भी पहली मील की कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादों का परिवहन और अधिक सुलभ होगा। इस नई रेल लिंक से मुंबई (व्हाया मनमाड) से इंदौर तक की यात्रा में 188 किलोमीटर की कमी आएगी, जिससे 4.5 घंटे कम समय में यात्रा पूर्ण हो सकेगी।

    पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को सीधा लाभ मिलेगा

    इस नई रेल लाइन से पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को जेएनपीए और हजीरा पोर्ट तक सीधा कनेक्शन मिलेगा, जिससे महिंद्रा एंड महिंद्रा, वीई कमर्शियल व्हीकल्स (वोल्वो और आयशर के बीच JV), फोर्स मोटर्स, और राठी स्टील इंडस्ट्रीज जैसी प्रमुख उद्योगों को बड़ा फायदा होगा।

    बेहतर माल ढुलाई और वस्त्रों का परिवहन

    इस परियोजना से खाद्यान्न, वस्त्र, उर्वरक, इस्पात उत्पादों आदि का तेज गति से परिवहन और कुशल प्रबंधन हो सकेगा।

    धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा

    उज्जैन-इंदौर क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे पर्यटन और तीर्थ-यात्राओं में वृद्धि होगी। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक आसान और त्वरित पहुंच से राज्य का धार्मिक पर्यटन समृद्ध होगा।

    पर्यावरण संरक्षण

    इंदौर-मनमाड़ रेलवे लाइन परियोजना पर्यावरण के अनुकूल है। इससे हर साल लगभग 138 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। साथ ही, 18 करोड़ लीटर हाई स्पीड डीजल आयात की बचत होगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।

    आकांक्षी जिलों का विकास

    परियोजना से बड़वानी जैसे आकांक्षी जिलों को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे जनजातीय सशक्तिकरण में मदद मिलेगी। इससे इन क्षेत्रों में पर्यटन और औद्योगिक विकास के साथ आर्थिक उन्नति के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

    भारतीय रेलवे की क्षमता में वृद्धि

    इस नई रेलवे लाइन से भारतीय रेलवे की माल ढुलाई क्षमता में 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की वृद्धि होगी, जिससे राज्य के उद्योगों को फायदा होगा। यह परियोजना उन क्षेत्रों को जोड़ने में सहायक होगी जो अब तक रेल नेटवर्क से जुड़े नहीं थे, जिससे लॉजिस्टिक में सुधार और बॉटलनेक्स को दूर किया जा सकेगा।

     समाज के सभी वर्गों के लिए फायदेमंद

    यह परियोजना जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण और समावेशी विकास को सुनिश्चित करेगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा।

    महाराष्ट्र में लाभ

    महाराष्ट्र के प्रमुख शहर जैसे मालेगांव, धुले, सिंधखेड़ा, शिरपुर और अन्य शहरों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।

    नासिक, धुले, और नंदुरबार जैसे प्याज उत्पादक हबों के लिए वैकल्पिक और तेज़ लॉजिस्टिक्स विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे किसानों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी।

    धार्मिक स्थलों तक आसान पहुँच

    महाराष्ट्र में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, शिरडी साई मंदिर, और घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुँच में सुधार होगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    मध्य भारत से महाराष्ट्र के विभिन्न बंदरगाहों जैसे मुंबई पोर्ट (MBPA) और जेएनपीए तक सीधा और छोटा मार्ग उपलब्ध होगा।

    औद्योगिक और कृषि विकास के लिए नए अवसर

    इंदौर और मुंबई के बीच इस नई रेल परियोजना से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के लिए त्वरित और सुविधाजनक परिवहन मार्ग प्राप्त होगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास को बल मिलेगा महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों को भी इस नई रेल मार्ग से लाभ होगा, जिससे लॉजिस्टिक में सुधार होगा।

    पर्यावरण और ऊर्जा की बचत

    इस नई रेल परियोजना से न केवल कार्गो की ढुलाई में वृद्धि होगी बल्कि CO2 उत्सर्जन में कमी और डीजल आयात की बचत भी होगी, जो पर्यावरण और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

    राज्य के आर्थिक परिदृश्य में सुधार

    यह परियोजना न केवल दो प्रमुख राज्यों (महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश) को जोड़ने में सहायक होगी, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक परिदृश्य में भी व्यापक सुधार होगा, जिससे अधिक से अधिक निवेश और उद्योगों की स्थापना हो सकेगी।

    इंदौर-मनमाड़ नई रेल परियोजना का कुल निवेश

    इस परियोजना का कुल निवेश 18,036.25 करोड़ रूपये है, जिसमें से मध्य प्रदेश के हिस्से का खर्च 13,628.20 करोड़ रूपये और महाराष्ट्र के हिस्से का खर्च 4.408.05 करोड़ रूपये है।

     मध्यप्रदेश का योगदान

    मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना में राज्य के हिस्से के लिए 10% की राशि, अर्थात 1,362.80 करोड़ रूपये का योगदान देगी। यह राज्य के विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

     भूमि अधिग्रहण

    परियोजना के लिए मध्य प्रदेश में 905.191 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जबकि महाराष्ट्र में 796.104 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। कुल मिलाकर 1,701.295 हेक्टेयर भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जाएगी।

    राज्य सरकार की तत्परता

     मध्यप्रदेश सरकार इस परियोजना के तहत अपने हिस्से के लिए आवश्यक धनराशि का वहन राज्य खजाने से करेगी, ताकि परियोजना समय पर और सुचारू रूप से पूरी हो सके।

    महाराष्ट्र का सहयोग

    महाराष्ट्र सरकार की ओर से इस परियोजना में किसी प्रकार का वित्तीय योगदान नहीं किया जाएगा, जिससे इस परियोजना का वित्त पोषण मुख्य रूप से केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।

    प्रमुख तथ्य

    •  इस परियोजना की कुल लंबाई 309.432 किलोमीटर है, जिसमें से मध्यप्रदेश में 170.056 किलोमीटर और महाराष्ट्र में 139.376 किलोमीटर की दूरी कवर की जाएगी।

    •  भूमि अधिग्रहण और परियोजना के अन्य खर्चों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह तत्पर है।

    इंदौर-मनमाड़ नई ब्रॉड गेज लाइन परियोजना

    रेलवे बोर्ड द्वारा 31 मार्च 2016 को इंदौर से मनमाड़ तक नई ब्रॉड गेज लाइन के निर्माण के लिए फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) को मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना का डीपीआर जुलाई 2017 में 8857.97 करोड़ रूपये की लागत के साथ प्रस्तुत किया गया था।

    परियोजना की लागत और फंडिंग

    •  इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को (357.37 किमी) को पिक बुक में 9968 करोड़ रूपये की लागत के साथ शामिल किया गया है, जिसमें 50% फंडिंग कैपिटल से और 50% EBR से होगी।

    •  परियोजना का अद्यतन पूर्ण लागत 18,036.25 करोड़ रूपये है, जिसमें से मध्यप्रदेश राज्य सरकार 10% (1.362.80 करोड़ रूपये) का योगदान करेगी।

    •  इस परियोजना के हिस्से के रूप में धुले-नरडाना (50.6 किमी) को 31 जनवरी 2019 को रेलवे बोर्ड द्वारा मंजूरी दी गई और इसकी आधारशिला फरवरी 2019 में धुले में रखी गई थी।

    •  परियोजना के अद्यतन डीपीआर को 01 जनवरी 2024 को रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत किया गया, जिसमें पूरी परियोजना की लागत 18036.25 करोड़ रूपये थी। इस परियोजना पर 08 मार्च 2024 को नीति आयोग में चर्चा की गई, जिसमें परियोजना के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखा गया।

    •  मध्यप्रदेश सरकार ने 27 अगस्त 2024 को राज्य हिस्से की लागत का 10% देने की सहमति व्यक्त की, जो 1362.80 करोड़ रूपये है। राज्य सरकार इस परियोजना में सक्रिय भूमिका निभा रही है।

    source: http://www.mpinfo.org


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