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  • CM Dr. Mohan Yadav: युवाओं को शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी योजना

    CM Dr. Mohan Yadav: युवाओं को शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी योजना

    CM Dr. Mohan Yadav: “प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना” युवाओं को रोजगारपरक बनाने के लिये केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’ युवाओं को भारत की शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है, जो उनके कौशल और रोजगार योग्यता को सशक्त बनाएगी। योजना में 12 माह की इंटर्नशिप से युवाओं को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण मिलेगा और भविष्य में रोज़गार के अवसर भी सुलभ होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं से प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का लाभ लेने की अपील की है। योजना में शामिल होने 10 नवम्बर तक आवेदन किये जा सकते है।

    “प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना” युवाओं को रोजगारपरक बनाने के लिये केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें वास्तविक कार्यानुभव प्राप्त हो सके और व्यावसायिक कौशल में वृद्धि हो।

    योजना का उद्देश्य

    योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को व्यावसायिक वातावरण से परिचित करवाना है। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और प्रक्रियाओं के माध्यम से ज्ञान अर्जित करने का अवसर मिलेगा। यह योजना युवाओं को न सिर्फ कार्यकुशल बनाएगी साथ ही उन्हें भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त करने में भी सहायता करेगी।

    पात्रता और लाभ

    प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 21 से 24 वर्ष के युवा पात्र होंगे, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 10वीं या उससे अधिक हो। चयनित युवाओं को इंटर्नशिप की अवधि में 5 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड और इंटर्नशिप पूर्ण होने पर एकमुश्त 6 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम 12 माह का होगा।

    आवेदन की अंतिम तिथि 10 नवंबर

    युवाओं को योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीयन लिंक https://pminternship.mca.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है। युवा योजना संबंधी अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800116090 और पंजीयन में सहायता के लिये निकटतम शासकीय इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक या आईटीआई से संपर्क कर सकते हैं।

    अन्य राज्यों में भी अवसर

    मध्यप्रदेश के युवा अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध इंटर्नशिप अवसरों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

    source: http://www.mpinfo.org

  • CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav 9 नवम्बर को इंदौर से करेंगे 1574 करोड़ रूपये अंतरित

    प्रदेश की लाड़ली बहनों को 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त जल्द मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 9 नवम्बर को इंदौर से 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में 1574 करोड़ रूपये अंतरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि लाड़ली बहना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को जून 2023 से अक्टूबर 2024 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 17 किश्तों का अंतरण किया गया है। इसके अतिरिक्त माह अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल 2 बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रूपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण किया गया। योजना के प्रारंभ में पात्र हितग्राहियों को 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान किया गया। अक्टूबर 2023 से मासिक आर्थिक सहायता की राशि में 250 रूपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।

    प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 का संचालन किया जा रहा है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत लगभग 18 हजार 984 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

    योजना का प्रभाव

    लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है। योजना के वृहद स्वरूप ने प्रदेश की महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण में महती भूमिका निभाई है। इस योजना से न केवल महिलाओं ने अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है बल्कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये महिलाएं बैंकिंग प्रणाली से सीधे परिचित हुई हैं। इससे परिवार के निर्णयों में भी उनकी भूमिका बड़ी है और सामाजिक रूप से महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि योजना से न सिर्फ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे एवं सामुदायिक सहभागिता से ग्रामीणों को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके ने बताया कि पहले जहां हर साल गर्मी में पानी की गंभीर कमी होती थी और लोग जलस्त्रोतों के सूखने के कारण पानी की समस्या से जूझते थे, वहीं अब गांधीसागर बांध से जल आपूर्ति का एक स्थिर रास्ता तैयार किया जा रहा है। इस योजना से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को साकार किया जा रहा है।

    समुदाय की सहभागिता और रोजगार सृजन

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना का उद्देश्य न सिर्फ पानी की आपूर्ति करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना भी है। इस योजना के तहत 1200 से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल चुका है और योजना के पूरा होने पर भी अन्य कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

    इस योजना के समुचित संचालन के लिये ग्राम जल एवं स्वच्छता तदर्थ समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि होंगे। ये समितियां जल आपूर्ति और इसके प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी, जिससे जल संकट का स्थायी समाधान और ग्रामीणों की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित होगी।

    जल जीवन मिशन में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार

    यह योजना न सिर्फ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी, बल्कि जल जनित रोगों में कमी लाने और ग्रामीण समुदायों को स्वस्थ बनाने का भी काम करेगी। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाने से निजात मिलेगी और वह अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे।

    आने वाले समय में बदलाव की बयार

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक नई उम्मीद और स्थायी समाधान लेकर आई है। इस योजना से न सिर्फ जल संकट का समाधान होगा, बल्कि इससे ग्रामीण जीवन के स्तर में भी सुधार होगा।

    जल आपूर्ति के इस महत्वाकांक्षी प्रयास के साथ, मंदसौर जिले में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जो आने वाले समय में विकास और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ आवागमन और सौन्दर्यीकरण से संबंधित अनेक अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन पहुँचने वाले श्रद्धालु, विशेष रूप से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे कम समय में सहजता से क्षिप्रा के घाटों और श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों के लिये इस बार विशेष पहल कर हरिद्वार की तरह स्थायी धार्मिक नगरी और आश्रम बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंतों के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इन प्रयासों से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन को विश्व पटल पर प्रमुखधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के समग्र प्रयास किये जा रहे है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही उज्जैन की हवाई पट्टी को एयरपोर्ट बनाने की पहल भी की जा रही है। उज्जैन को जोड़ने वाले चारों ओर के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही उज्जैन शहर और उज्जैन ग्रामीण के बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थाई प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसमें आधुनिक बिजली ग्रिड, नवीन विद्युत लाइन, इंटर कनेक्शन और नवीन उपकेन्द्र बनाये जायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन हो चुका है। इनमें प्रमुख रूप से हरिफाटक-लालपुल-मुल्लापुरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और क्षिप्रा पर 2-लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य, बडावदा-कलसी-नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, रालामंडल-कांकरिया-चिराखान-लेकोडा़-झिरोलिया-बारोदा-हमीरखेड़ी-उमरिया मार्ग, लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, बड़ापुल-रणजीत-हनुमान-मोजमखेड़ी मार्ग, वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, करोहन-नाईखेड़ी-पंचक्रोशी मार्ग, खाचरोद-बड़नगर-बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, सदावल हेलीपैड निर्माण, जहांगीरपुर से चामुंडा माता मार्ग, रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईंड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का काम प्रारंभ किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक विकसित होने के बाद उज्जैन वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से कार्य प्रारंभ कर दिये है, जिससे यहाँ आने वाले श्रृद्धालु और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

    राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुCM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

    गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

    समिति के प्रमुख दायित्व

    टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

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  • Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका के माध्यम से नागरिकों को मिलेगी त्वरित सेवा

    Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका के माध्यम से नागरिकों को मिलेगी त्वरित सेवा

    Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका 2.0 के विकास की प्रक्रिया

    Madhya Pradseh News: प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों को कम्प्यूटरीकृत करने के उद्देश्य से वेब आधारित ई-नगर पालिका योजना प्रारंभ की गई है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को बढ़ावा देने तथा पारदर्शी एवं त्वरित नागरिक सेवा देने के लिये ई-गवनेंर्स का अनूठा उदाहरण है। ई-नगर पालिका द्वारा नगरीय निकायों द्वारा समस्त नागरिक सेवाओं, जन शिकायत सुविधा, निकायों की आंतरिक कार्य प्रणाली, समस्त भुगतान एवं बजट प्रक्रिया को एकीक्रत कर ऑनालइन सुविधा प्रदाय की जा रही है। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों को एक सिंगल पोर्टल पर लाया गया है।

    22 नागरिक सेवाएं

    ई-नगर पालिका 1.0 को डेटाबेस के साथ प्लेटफार्म पर विकसित किया गया। वर्तमान में ई-नगर पालिका के माध्यम से 22 नागरिक सेवाएं प्रदाय की जा रही हैं, इसमें 15 मॉड्यूल शामिल हैं। ई-नगर पालिका का विभिन्न विभागों जैसे उद्योग, राजस्व, पंजीयन विभाग और भारत सरकार के महत्वपूर्ण मोबाइल एप उमंग से भी एकीकृत किया गया है। ई-नगर पालिका 1.0 पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सभी नागरिक सेवाओं और विभागीय कार्यों को और बेहतर, सरल तथा सुगम बनाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में विभाग द्वारा ई-नगर पालिका परियोजना के द्वितीय चरण का विकास, क्रियान्वयन और संचालन नई टेक्नोलॉजी एवं उपकरणों के अनुसार कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत 16 मॉड्यूल और 24 नागरिक सेवाएं शामिल होंगी। भौतिक संरचना को क्लाउड सेवाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा। ई-नगर पालिका 2.0 में जीआईएस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जायेगा।

    -नगर पालिका 2.0

    कॉमन सर्विस सेंटर, एम ऑनलाइन, कियोस्क सेंटर और भुगतान गेटवे के साथ ई-नगर पालिका 2.0 का एकीकरण किया जायेगा। इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं। ई-नगर पालिका 2.0 पोर्टल के विकास के लिये 2 वर्ष तथा 5 वर्ष का O&M चयनित वेंडर द्वारा किया जायेगा।

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  • कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

    किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्‍यक मात्रा में उर्वरक उपलब्‍ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्‍यकतानुसार उर्वरक उपलब्‍ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

  • कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana: किसानों को व्यवस्थित तरीके से हो खाद का वितरण

    कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana: किसानों को व्यवस्थित तरीके से हो खाद का वितरण

    कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कालाबाजारी नहीं हो।

    किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की समस्या उत्पन्न न हो। किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण सुनिश्चित किया जाये। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री आलोक कुमार सिंह, संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता एवं अन्य अधिकारियों के साथ प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था पर चर्चा कर रहे थे।
  • राज्यपाल Mr. Patel: लोक सेवा, वंचितों की सेवा करने का सुअवसर

    राज्यपाल Mr. Patel: लोक सेवा, वंचितों की सेवा करने का सुअवसर

    राज्यपाल Mr. Patel से राजभवन में प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों ने की मुलाकात

    राज्यपाल Mr. Patel ने कहा कि लोकसेवा पात्र, जरूरतमंदों और गरीबों की सेवा करने का सुअवसर है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टरों से कहा कि “लोकसेवा” शब्द का अर्थ गहराई से समझें। जनता की सेवा के भाव को अपने मन में सदैव सबसे ऊपर रखें।  सेवाकाल में ईमानदारी और निष्ठा से काम करने में ही जीवन की सार्थकता है।

    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय एकेडमी भोपाल में प्रशिक्षणाधीन राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर अकादमी के महानिदेशक श्री जे.एन. कंसोटिया भी मौजूद थे।

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ग़रीब कल्याण कार्यक्रमों को सफल बनाना लोक सेवकों की ज़िम्मेदारी है। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कराना उनका मूल कर्तव्य है। अपने सेवाकाल में हमेशा बड़े-बुजुर्गों, दिव्यांगों और वंचितों के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राज्य की सेवा करने के लिए प्रशासनिक तंत्र का अंग बनने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। प्रशिक्षु अधिकारी प्रशिक्षण से जुड़ी बातें, नियमों और अधिनियमों को बारीकी से सीखें। प्रदेश की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक, चुनौतियों के अनुरूप समाधान का दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने प्रशासनिक अकादमी भोपाल द्वारा अधिकारियों को स्वच्छ और संवेदनशील लोक-सेवक बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना की। राज्यपाल श्री पटेल ने राज्य प्रशासनिक सेवा में चयन के लिए सभी प्रशिक्षणार्थियों को बधाई भी दी।

    जनजाति समुदाय के साथ संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार रखें

    राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश जनजातीय बहुल राज्य है। प्रदेश के समग्र विकास के लिए जनजाति वर्ग का विकास बहुत जरूरी है। प्रशिक्षु अधिकारी जनजाति समुदाय के प्रति हमेशा सरल, संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार रखें। उनके साथ आत्मीय, सीधा और जीवंत सम्पर्क बनाए। उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल करने में अपना  योगदान दें।

    महानिदेशक नरोन्हा एकेडमी, भोपाल श्री जे.एन. कंसोटिया ने स्वागत उद्बोधन में राज्यपाल श्री पटेल को प्रशिक्षण कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी।

    राज्यपाल श्री पटेल का संचालक प्रशासनिक अकादमी श्री मुजीबुर्रहमान खान ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। प्रशिक्षु अधिकारी सुश्री प्रियंका भलावी और श्री आशुतोष महादेवसिंह ठाकुर ने प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया। विधि भारद्वाज ने आभार माना। कार्यक्रम में राज्यपाल के अपर सचिव श्री उमाशंकर भार्गव, राजभवन के अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Minister of State Mrs. Gaur: विकास कार्यक्रम में तेजी लाए, लापरवाही पर होगा एक्शन

    Minister of State Mrs. Gaur: विकास कार्यक्रम में तेजी लाए, लापरवाही पर होगा एक्शन

    Minister of State Mrs. Gaur

    पिछड़ा वर्ग एवम् अल्पसंख्यक कल्याण और विमुक्त, घुमंतु और अर्ध घुमंतु राज्यमंत्री  (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों को निर्देशित किया।साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कार्य में लापरवाही सामने आई तो जिम्मेदारों पर सख्त  कार्रवाई की जाएगी।

    राज्यमंत्री श्रीमती गौर बुधवार को 74 बांग्ला निवास पर गोविंदपुरा विधानसभा में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा कर रही थी। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रभातम हाइट्स में 7 में से 6 लिफ्ट का काम पूरा हो चुका है बची हुई एक लिफ्ट का काम भी एक हफ्ते के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही यहां पर सड़क, बोरवेल और बिजली कनेक्शन के सर्वे को भी शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

    यहां के रहवासियों ने स्विमिंग पूल की जगह गार्डन और क्लब हाउस बनाने की मांग की है। इसी तरह एमजीएम में सड़क बनाने के कार्य में तेजी लाने के लिए कहा, पिपलानी सेक्टर में सड़क के लिए बाधा बन रहे अवैध निर्माण को तोड़ने का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजे जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।


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