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  • CM Dr. Yadav ने उद्योगपतियों से की रीवा आरआईसी में वन-टू-वन चर्चा

    CM Dr. Yadav ने रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) में उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक कर प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की

    CM Dr. Yadav ने रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) में उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक कर प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरआईसी से रीवा प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बनकर उभरेगा, जहाँ राज्य सरकार उद्योगपतियों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। सरकार ने निवेश के लिए उद्योग-अनुकूल नीतियों को मजबूत किया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, एमएसएमई मंत्री श्री चैतन्य काश्यप, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह उपस्थित रहे।

  • CM Dr. Yadav ने उद्योगपतियों से की रीवा आरआईसी में वन-टू-वन चर्चा

    CM Dr. Yadav ने उद्योगपतियों से की रीवा आरआईसी में वन-टू-वन चर्चा

    CM Dr. Yadav ने रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) में उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक कर प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की

    CM Dr. Yadav ने रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (आरआईसी) में उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक कर प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरआईसी से रीवा प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बनकर उभरेगा, जहाँ राज्य सरकार उद्योगपतियों को हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। सरकार ने निवेश के लिए उद्योग-अनुकूल नीतियों को मजबूत किया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, एमएसएमई मंत्री श्री चैतन्य काश्यप, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन एवं प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह उपस्थित रहे।

  • CM Dr. Yadav: उपलब्ध संसाधनों को अपनी क्षमता और योग्यता से हीरे की तरह तराशेंगे

    CM Dr. Yadav ने रीवा में “वाइब्रेंट विंध्य” रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को किया संबोधित

    • प्रदेश के विकास के लिये अपने “ईगो” को त्याग कर टीम भावना से कार्य करना जरूरी
    • रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास का यज्ञ है
    • 31 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त, 28 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
    • 2680 करोड़ रूपये की 21 इकाईयों का किया लोकार्पण एवं भूमि-पूजन
    • बड़े उद्योगों के लिए राज्य सरकार उद्योग पॉलिसी में भी करेगी बदलाव
    • सरकार प्रत्येक व्यक्ति के रोजगार के लिये है प्रतिबद्ध और संकल्पित
    • उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए अपार संभावनाएं विद्यमान
    • एयरपोर्ट के बाद अब रीवा क्षेत्र से एक्सपोर्ट के लिए कटनी और सिंगरौली में बनेंगे कंटेनर डिपो
    • मऊगंज और मैहर में एमएसएमई का नया इंडस्ट्रियल एरिया करेंगे विकसित
    • संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान में उपलब्ध होंगी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की टूरिज्म सुविधाएं
    • विंध्य क्षेत्र की पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए करेंगे विशेष प्रावधान
    • प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए औद्योगिक गतिविधियों कर रहे है प्रोत्साहित

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि की श्रृंखलाबद्ध आयोजित की जा रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश के विकास का यज्ञ है। इसमें शामिल हो रहे उद्योगपतियों और निवेशकों के सहयोग से उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर प्रदेश को हीरे की तरह तराशेंगे। मध्यप्रदेश में सभी क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत नये उद्योगों की स्थापना के साथ प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना हमारी प्रतिबद्धता भी है और घोषित संकल्प भी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार की काम करने की गति ऐसी है कि एक बैठक में उद्योगपति से मुलाकात होती है और अगली बैठक में इकाई का भूमि-पूजन हो जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को रीवा में “वाइब्रेंट विध्य” रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के विकास के लिये हम सभी अपने “ईगो” को छोड़कर टीम भावना के साथ कार्य करने के लिये तत्पर है। कान्क्लेव में सभी ने घंटों एक साथ बैठकर एक दूसरे की बात को तन्मयता से सुनकर प्रतिबद्धता को प्रमाणित भी किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवेशकों और उद्योगपतियों को विश्वास दिलाया कि प्रदेश की समृद्धि के लिये सरकार न सिर्फ सहयोग करेगी बल्कि जरूरत पड़ने पर उद्योग पॉलिसी में बदलाव भी करेगी।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा संभाग में उद्योगों को प्रोत्साहित करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए कटनी और सिंगरौली में इनलेंड कंटेनर डिपो का निर्माण किया जाएगा। यहां मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी विकसित होंगे। मऊगंज और मैहर में एमएसएमई का नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्र बैढ़न में जलापूर्ति के लिए 84 लाख रूपए की लागत से नई योजना क्रियान्वित की जाएगी। संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान व टाइगर रिजर्व में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की उच्चतम सुविधायुक्त टूरिज्म सुविधाएं विकसित की जाएगी। हेल्थ टूरिज्म को विकसित करने के लिए नवाचार भी किए जाएंगे। चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा। इससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे और उपचार तथा शिक्षा में यह क्षेत्र आत्म-निर्भर भी बन सकेगा। विंध्य क्षेत्र में बेहतर होटल, रिसोर्ट्स सहित अन्य पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए पृथक से प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए ये घोषणाएँ की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

    जारी रहेंगे रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के आयोजन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेशवासियों का जीवन स्तर सुधरे, राज्य के जीएसटी व कर संग्रहण में वृद्धि हो, इस उद्देश्य से प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में उद्योग समूहों का स्वागत है, यदि कोई बड़ा उद्योग स्थापित किया जाता है तो राज्य सरकार अपनी नीतियों में आवश्यक बदलाव करने के लिए भी तत्पर रहेगी। देश की अर्थ-व्यवस्था को निरंतर अग्रगामी बनाए रखने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार प्रदेश में औद्योगिक निवेश और गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव जैसे आयोजन निरंतर किए जाएंगे।

    क्षेत्रीय स्तर पर जारी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से उद्योगों के विस्तार का यज्ञ जारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिये अपार संभावनाएँ विद्यमान है। खाद्य प्र-संस्करण सहित सभी क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। प्रदेश में औद्योगिक विकास को शीर्ष पर ले जाने के लिए प्रत्येक प्रदेशवासी को अहंकार शून्यता की भावना के साथ कठोर परिश्रम और लगन से कार्य करना होगा। प्रदेश में क्षेत्रीय स्तर पर जारी इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव से औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार का यज्ञ जारी है। प्रत्येक विभाग, उद्योग समूह, उद्यमियों, जन-प्रतिनिधियों की आहूति से ही यह यज्ञ सफल होगा और प्रदेश अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हमें नवीनतम तकनीक और सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पूर्ण पारदर्शिता, प्रतिबद्धता और कर्मठता के साथ एक-दूसरे को आगे बढ़ाने के लिए टीम भावना के साथ निरंतर प्रयत्नशील रहना होगा।

    रोजगार आधारित उद्योगों को राज्य सरकार प्रदान कर रही है विशेष सहायता

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोगों को अपने परिश्रम के आधार पर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कराना हमारी सरकार का संकल्प है। इसी उद्देश्य से प्रदेशवासियों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस क्रम में रोजगार आधारित उद्योगों को राज्य सरकार विशेष सहायता प्रदान कर रही है और महिलाओं को रोजगार देने वाली औद्योगिक इकाईयों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

    डबल इंजन की सरकार सभी क्षेत्रों में प्राप्त कर रही है उपलब्धियां

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपने परिवार के लिए भरण-पोषण की व्यवस्था करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए गृहस्थ धर्म का कर्तव्य है, लेकिन उन व्यक्तियों पर परामात्मा की विशेष कृपा होती जिनके माध्यम से कई लोगों के परिवार चलते हैं और उन्हें यश प्राप्त होता है। इस दृष्टि से उद्योगपतियों पर ईश्वर की विशेष कृपा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में संचालित डबल इंजन की सरकार विकास और कल्याण के मोर्चों पर सक्रिय है और औद्योगिक गतिविधियां हों या जन-जन के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास, सभी क्षेत्रों में राज्य सरकार को उपलब्धियां प्राप्त हो रही हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया रीवा आईटी पार्क का किया वर्चुअल भूमि-पूजन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में 66 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से बनने वाले आईटी पार्क का वर्चुअल भूमि-पूजन किया। इसी प्रकार छोटे एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए पटेरा जिला मऊ और नया गांव में 29 करोड़ रुपए की लागत से विकसित होने वाले नवीन औद्योगिक क्षेत्र और रीवा के पास बनने वाले चुरहट इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन का भी वर्चुअल भूमि-पूजन किया गया।

    त्रैमासिक न्यूज लेटर “ऑफबीट मध्यप्रदेश” का किया विमोचन

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश पर्यटन के त्रैमासिक न्यूज लेटर “ऑफबीट मध्यप्रदेश” का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश पर्यटन तथा एपीएस विश्वविद्यालय के बीच, पर्यटन प्रबंधन और अतिथि सत्कार के प्रशिक्षण व पाठ्यक्रम विकास के संबंध में समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। नगर निगम रीवा और एमपीआईडीसी के बीच औद्योगिक जल आपूर्ति के लिए भी समझौता (एमओयू) ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया।

    रीवा रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिले निवेश के प्रस्ताव/रोजगार

    क्र.

    निवेशक इकाई का नाम

    प्रतिनिधि

    प्रस्तावित निवेश जिला

    सेक्टर

    प्रस्तावित निवेश (राशि करोड़ में)

    प्रस्तावित रोजगार

    1

    श्री सिद्धार्थ इंफ्राटेक (ग्रीनको)

    श्री बी नरसिम्हा राव

    पन्ना एवं रीवा

    नवीकरणीय ऊर्जा

    12800

    6400

    2

    ऋत्विक प्रोजैक्ट्स प्रा. लि.

    श्री सी एम राजेश

    पन्ना

    नवीकरणीय ऊर्जा

    4000

    2400

    3

    केजेएस सीमेंट

    श्री संजय त्यागी

    मैहर

    सीमेंट

    1400

    200

    4

    पतंजलि आयुर्वेद

    आचार्य बालकृष्ण

    वि‍भिन्न क्षेत्र

    वेलनेस एवं फूड प्रोसेसिंग

    1000

    2500

    5

    रामा ग्रुप

    श्री नरेश गोयल

    सतना

    फर्नीचर

    500

    100

    6

    सोलर एएमसी सर्विस प्रा लि

    श्री दिगेन्द्र राठौर

    नवीकरणीय ऊर्जा

    400

    200

    7

    बीपीसीएल

    श्री कपिल राजोरिया

    सिगरौली

    पेट्रोकेमिकल

    300

    300

    8

    माँ शारदा मिनरल्स

    श्री आदित्य बैरी

    मैहर

    माइनिंग

    225

    50

    9

    एस गोयंका ग्रुप

    श्री सुखदेव प्रसाद गोयंका

    कटनी

    सीमेंट क्लिंकर और वाल पुट्टी

    200

    500

    10

    शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी

    श्री संजय सिंह चौहान

    रीवा

    इंफ्रास्ट्रक्चर

    175

    200

    11

    सुदर्शन टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड

    श्री प्रतीक गोला

    जबलपुर

    रक्षा उत्पाद

    100

    50

    12

    मेहरोत्रा बिल्डकोन प्रा. लि.

    श्री अतुल मेहरोत्रा

    सतना

    खाद्य प्रसंस्करण

    100

    50

    13

    इंडो बेस्ट राइस मिल

    श्री भूपेन्द्र कुमार द्विवेदी

    रीवा

    खाद्य प्रसंस्करण

    100

    50

    14

    विजक्राफ्ट सॉल्यूशंस प्रा. लि.

    श्री संतोष कांबले

    रीवा

    मैन्यूफ्रैक्चरिंग

    20

    100

    15

    महान एनर्जन लिमिटेड (अदानी समूह)

    सिगरौली

    कोल ब्लाक

    2528

    5500

    16

    जय प्रकाश पावर वेंचर्स

     

    सिगरौली

    कोल ब्लाक

    750

    600

    17

    एनटीपीसी विन्ध्याचल

     

    सिंगरौली

    नवीन सोलर एनर्जी प्लांट

    103

    200

    18

    मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमि.

    मैहर

    सीमेंट इकाई

    3000

    3500

    19

    निसर्ग इस्पात

     

    सीधी

    रेयर-अर्थ एवं ग्रेफाईट ब्लाक में

    1000

    1400

    20

    एम. सैण्ड एवं गिट्टी निर्माण केशर प्लांट में प्रस्तावित निवेश (14 प्रस्ताव)

    सतना, मैहर, मऊगंज, रीवा

    विविध

    50

    500

    21

    अन्य

    रीवा संभाग

     

    2063

    2845

    कुल

    30,814

    27,645

    मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से किया वर्चुअल संवाद

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना करने वाले उद्योगपतियों तथा निवेशकों से वर्चुअल संवाद भी किया। इसके अंतर्गत हातोद जिला इंदौर में प्लास्टिक प्रोडक्ट्स उत्पादन के लिए आरंभ हो रही मां तुलजा इंडस्ट्रीज की श्रीमती श्वेता शाह, पीथमपुर जिला धार में ट्रांसफॉर्मर मैन्युफैक्चरिंग को समर्पित कार्निश पॉवर जोन प्राईवेट लिमिटेड के श्री सौरभ सैनिल, पिनेकल मोबिलिटी प्राईवेट लिमिटेड के अंतर्गत इलेक्ट्रिकल व्हीकल निर्माण में लगे श्री संजय हरकावत से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वर्चुअल संवाद में 500 करोड़ का डाटा सेंटर स्थापित करने वाले श्री नरेंद्र सेन ने बताया कि उनको भूमि मिलने से लेकर अनुमतियां संबंधी सभी औपचारिकताएँ मात्र 7 दिन में पूरी हो गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन के विक्रमपुरी में रूपए 324 करोड़ की लागत से मसाला इकाई स्थापित करने वाले विश्व प्रसिद्ध एमडीएच समूह को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिद्गुवा सागर में औद्योगिक गतिविधियां आरंभ करने वाले उद्यमियों से भी वर्चुअल संवाद किया।

    रीवा की ऐतिहासिक आरआईसी के लिये उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने मुख्यमंत्री का माना आभार

    उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीजनल कॉनक्लेव की संकल्पना और उसे मूर्त रूप देने के लिये मुख्यमंत्री डॉ. यादव का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र के विकास के लिए यह महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव का आयोजन कर प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विंध्य क्षेत्र की 9 लाख एकड़ भूमि में सिंचाई सुविधा के लिये 4 हज़ार करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं। शीघ्र ही पूरे क्षेत्र की भूमि सिंचित होगी। इस सौग़ात के लिए विंध्य की जनता मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सदैव आभारी रहेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में बाणसागर परियोजना, मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी, रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क और कुछ दिन पूर्व रीवा एयरपोर्ट का लोकार्पण किया गया है। रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव आज समय की मांग है। रीवा में रोबस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, लैंड बैंक, पानी, बिजली के साथ प्रदेश में सिंगल विंडो क्लीयरेंस, ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस और औद्योगिक संस्थानों के लिये सकारात्मक वातावरण है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों और फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिये विंध्य आकर्षक डेस्टिनेशन है।

    पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में हुआ सकारात्मक संवाद इतिहास में दर्ज होगा। उन्होंने कहा सरकार उद्योग हित और श्रमिक हित का संकल्प व्यक्त करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को रीवा में इस आयोजन के लिए बधाई दी।

    सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से जिलों में उद्यमियों का आत्म-विश्वास बढ़ा है। विकास और उन्नति की नई दृष्टि का विकास हुआ है। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव प्रदेश में समग्र और समेकित विकास की परिकल्पना को साकार करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश निश्चित ही विकास के नए आयाम और ऊंचाइयों को छूएगा।

    मध्यप्रदेश है संभावनाओं की भूमि : आचार्य बालकृष्ण

    पतंजलि ग्रुप के महाप्रबंधक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मध्यप्रदेश संभावनाओं की भूमि है। यहां मध्यप्रदेश के विकास के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदृष्टि है। मध्यप्रदेश में संपूर्ण देश के जो उद्योगपति अनेक क्षेत्र में उद्योग लगाना चाहते है या कार्य करना चाहते हैं उनके लिये यहां का वातावरण एवं व्यवस्थाएँ अनुकूल है। निवेश के लिये इच्छुक उद्योगपतियों को यहां आना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिये जो भी योगदान दे सकते हैं मध्यप्रदेश उनके लिये एक सुंदर और सुरक्षित स्थान है। पंतजलि के लिये मुख्य रूप से हम यहां फूड प्रोसेसिंग, ऑयल प्रोसेसिंग और फार्मा ट्रेनिंग के लिये काम करेंगे। पर्यटन और सोलर के क्षेत्र में योजना बनाकर बड़े स्तर पर कार्य करेंगे। स्थानीय लोगों के रोजगार और उनके हित और उनके कल्याण के लिये काम किया जायेगा। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि रीवा इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आकर मुझे यहां एक नई परंपरा देखने को मिली। जिसमें न केवल स्थानीय स्तर पर लोग उत्साहित हैं और साथ ही संभावनाओं का बोध भी सबको हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब आप स्थानीय स्तर पर पहुंचते हैं तो वहां भी जो संभावनाएं है वे उभर कर आती है। मुझे लगता है कि देश के लिये यह पहला अलग तरह का प्रयास है, ऐसा प्रयास सभी जगह होना चाहिए।

    मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कहा कि प्रदेश में निवेश को आमंत्रित करने, जीडीपी में वृद्धि और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य प्रदेश का समेकित विकास और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को बढ़ावा देना है। रीवा संभाग की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि सिंगरौली जिला देश की ऊर्जा राजधानी कही जाती है। देश में होने वाले सीमेंट उत्पादन का 10% उत्पादन जिला सतना में होता हैं। प्रदेश में उद्योगों के लिए भूमि, बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। बिजली के सरप्लस उत्पादन के साथ इंडस्ट्री के लिए पानी भी रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा इज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत उद्योगों के लिए आवश्यक अनुमतियों को कम समय में उपलब्ध कराने से प्रदेश में निवेश और उद्योगों की स्थापना की राह आसान हुई है। प्रदेश में गुड गर्वनेंस की दिशा में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू किया गया है, जिसे 20 राज्यों ने अपनाया है।

    अपर मुख्य सचिव ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने प्रेजेंटेशन में प्रदेश में ऊर्जा और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के अवसरों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा वर्तमान में निवेश का नया श्रेत्र बनकर उभरा है। पिछले 12 वर्षों में यह 14 गुना बढ़ा हैं। प्रदेश में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन 500 मेगावाट से बढ़कर 7500 मेगावाट हो गया है। अपर मुख्य सचिव श्री श्रीवास्तव ने प्रदेश में स्थापित सफल सोलर प्रोजेक्ट्स की जानकारी देते हुए निवेश की नीतियों की विशेषता बताई। साथ ही नीमच, मुरैना, धार, अशोकनगर आदि जिलों में सोलर और विंड के आगामी प्रोजेक्ट और निवेश के अवसर बताते हुए निवेशकों और उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया।

    अपर मुख्य सचिव श्री संजय दुबे ने मध्यप्रदेश में आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम के क्षेत्रों में अवसरों पर प्रेजेन्टेशन दिया। प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला ने अतुल्य भारत के सबसे स्वच्छ, हरे और सुरक्षित हृदय प्रदेश “मध्यप्रदेश” में निवेशकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थल, देश और विदेश में लोकप्रियता के नए पायदान चढ़ते जा रहें है। वर्ष 2023 में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर रिकॉर्ड 11.21 करोड़ पर्यटक पहुंचे है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे अधिक यूनेस्को विश्व धरोहर मध्यप्रदेश में है। यहाँ 12 राष्ट्रीय उद्यान, 7 टाइगर रिजर्व और 24 वन्य-जीव अभ्यारण्य के साथ मध्यप्रदेश टाइगर, लेपर्ड और चीता स्टेट भी है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए पर्यटन निवेश नीति 2019, पीपीपी मोड पर पर्यटन प्रोजेक्ट, हेरिटेज प्रॉपर्टी, वाटर टूरिज्म लाइसेंसिंग पॉलिसी और फिल्म पर्यटन नीति की विशेषताओं जैसे इन्वेस्टर्स फैसिलिटेशन सेल, सिंगल विंडो, पारदर्शी ई-टेंडरिंग प्रक्रिया, 30% तक की कैपिटल सब्सिडी, 90 साल की लीज और 1% लीज रेंट, इंसेंटिव्स जानकारी देते हुए निवेशकों को 14 प्रकार की पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया।

    डालमिया सीमेंट के एमडी श्री पुनीत डालमिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन हजार करोड़ रुपए के निवेश से सीमेंट प्लांट स्थापित किया जाएगा। यह विश्व का पहला 100% नवकरणीय ऊर्जा से चलने वाला प्लांट होगा। श्री पुनीत डालमिया ने कहा कि उनके संस्थान द्वारा देशभर में 15 दीक्षा सेंटर का संचालन किया जा रहा हैं। इसमें कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाकर 50 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। मध्यप्रदेश में भी इसी तरह का प्रशिक्षण सेंटर स्थापित किया जाएगा। मध्यप्रदेश के पर्यटन के प्रभावित होकर श्री डालमिया ने म्यूजियम और साउंड एंड लाइट-शो में निवेश की भी इच्छा जताई। श्री डालमिया ने मध्यप्रदेश में संतुलित और समेकित विकास को बढ़ावा देने के लिए हो रही रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन की प्रशंसा की। साथ ही हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव और सभी प्राशासनिक अधिकारियों द्वारा निवेश के अवसरों का हिंदी में प्रेजेंटेशन की सराहना भी की।

    प्रमुख सचिव खनिज श्री संजय कुमार शुक्ला ने प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा और संचालित उद्योगों की विस्तार से जानकारी दी। श्री शुक्ला ने मध्यप्रदेश में खनिज आधारित उद्योगों की संभावनाओं पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सभी विभागों से जुड़ी अनुमतियां आसानी से प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा जो उद्योगपति माइनिंग में कम नहीं कर रहे वे यहां प्लांट लगाए, मेगनीज, कॉपर में शुरू कर सकते है, ग्रेफाइट , रॉक फॉस्फेट ये सब प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा पत्थर अब बहुत ही महत्वपूर्व कंपोनेंट,यहां उद्यम लगाए जा सकते है।श्री शुक्ला ने कहा ग्रेनाइट यहां से चाइना तक जा रहा है, क्षेत्र इससे सम्पन्न है। उन्होंने कहा मिनरल क्षेत्र में देश में मध्यप्रदेश नंबर वन है।उन्होंने कहा ट्रांसपोर्टेशन की यहां अपार संभावनाएं हैं,उद्यमी आगे आए।

    प्रमुख सचिव, उद्योग श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहां मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। प्रदेश पॉवर सरप्लस स्टेट है। उन्होंने कहा प्रदेश में 4 बड़े इंडस्ट्रियल कॉरिडोर है, जिसका रीवा क्षेत्र को लाभ मिलेगा। प्रमुख सचिव, उद्योग श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा मध्य प्रदेश में बेहतर रोड नेटवर्क है। साथ ही 5 एयरपोर्ट है, अब रीवा में भी एयरपोर्ट शुरू हो गया है साथ ही एयरस्ट्रिप भी जिलों में है। उन्होंने कहा इन्वेस्टर के लिए बेहतर सहूलियतें मुहैया कराई जा रही हैं। प्रमुख सचिव श्री सिंह ने कहा मध्यप्रदेश की इंडस्ट्रियल पॉलिसी शानदार है। उन्होंने कहा कुछ सेक्टर में इंडस्ट्रियल पॉलिसी देश में सर्वोत्कृष्ट हैं। मध्यप्रदेश में जीरो प्रतिशत मेन डेज लॉस है, यहा महिलाओं के लिए सैफ वर्किंग माहौल है। प्रदेश में 4 इंडस्ट्रियल कॉनक्लेव हो चुकी हैं, रीवा में 5 वा कॉनक्लेव आज हो रहा है।

    प्रमुख सचिव उद्योग श्री राघवेन्द्र सिंह ने कहा प्रदेश एक बड़ा अनाज उत्पादक प्रदेश है पंजाब और हरियाणा के बराबरी पर है, मध्यप्रदेश को 7 कृषि कर्मण पुरुस्कार मिल चुके। प्रदेश प्राकृतिक संसंसाधनों से भरपूर है और स्वच्छता के लिए विख्यात हैं।

    विंध्य की नैसर्गिक संपदा और निवेश के अवसरों से अभिभूत हुए उद्योगपति

    डालमिया ग्रुप के महाप्रबंधक पुनीत डालमिया ने कहा कि रीवा जैसे में बहुत शानदार तरीके से इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। इससे विंध्य में औद्योगिक निवेश के बड़े अवसर पैदा होंगे। कॉन्क्लेव में प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने मध्यप्रदेश की जो तस्वीर प्रस्तुत की है उससे सभी उद्योगपति बहुत प्रभावित हैं। विंध्य में डालमिया उद्योग चार लाख टन उत्पादन क्षमता का सीमेंट प्लांट लगाने जा रहा है। इसमें तीन हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह प्रदेश का नवकरणीय ऊर्जा पर चलने वाला पहला सीमेंट प्लांट होगा। विंध्य में पर्यटन के विकास में भी हमारा ग्रुप निवेश करेगा।

    हमारे ग्रुप में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने बहुत बड़ी संख्या मध्यप्रदेश के निवासियों की है। विंध्य कला, संस्कृति और संस्कार की भूमि है। पूरा मध्यप्रदेश शांति का टापू है। पतंजलि ने स्वदेशी उत्पादों और नवीन टेक्नॉलाजी को लगातार बढ़ावा दिया है। मध्यप्रदेश के रूचि सोया प्लांट को नया जीवन देकर पतंजलि ने कई खाद्य उत्पाद बना रहा है। मध्यप्रदेश में फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए हम किसानों का सहयोग कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में सरसों, अन्य तिलहनों तथा औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर सहयोग कर रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती की उपज को किसानों से सीधे खरीदकर उन्हें लाभ दे रहे हैं। पतंजलि उज्जैन में उद्योग और आयुर्वेदिक केन्द्र की स्थापना करेगा। सोलर एनर्जी और आईटी के क्षेत्र में भी हम बड़ा निवेश करेंगे।

    रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट श्री एच.के. त्रिपाठी ने कहा कि हमारा उद्योग जन कल्याण और देश के विकास में सतत योगदान के लक्ष्य को लेकर लगातार निवेश कर रहा है। कपड़ा उद्योग, मोबाइल सेक्टर, ऊर्जा क्षेत्र सहित अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहे हैं। शहडोल में मीथेन गैस का दोहन करके उसका ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हम विंध्य क्षेत्र में धान की पराली, केले के अवशेष तथा अन्य खेती के अवशेषों से बिजली बनाने का प्लांट शीघ्र ही लगाएंगे। ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन कर पर्यावरण-संरक्षण एवं किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग करेंगे।

    रामा ग्रुप के सीएमडी श्री नरेश गोयल ने कहा कि हम सतना जिले में वर्ष 1998 से लकड़ी पर आधारित उद्योग संचालित कर रहे हैं। शीघ्र ही लकड़ी पर आधारित दो नई इकाइयों की विंध्य में स्थापना की जाएगी। लगभग 100 करोड़ का हम निवेश करने जा रहे हैं। साथ ही 400 करोड़ का एमडीएफ यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य हो रहा है। वर्तमान में उत्तराखंड में प्लाईवुड यूनिट और छत्तीसगढ़ में दो यूनिट स्टील आयरन की भी लगाई गई हैं। वुड बेस्ड इंडस्ट्री वनों पर आधारित नहीं है। यह अब एग्रो बेस्ड वुड पर आधारित हो गया है।

    अडाणी ग्रुप के भिमसी कचोट ने कहा कि हमारा ग्रुप मध्यप्रदेश में सीमेंट और ऊर्जा के क्षेत्र में पहले ही बड़ा निवेश कर चुका है। हमारे दो प्रोजेक्ट पीपीपी मोड पर तैयार हो रहे हैं। हम ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाएंगे। मध्यप्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बहुत ही सकारात्मक नीतियाँ हैं।

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  • CM Dr. Yadav: उच्च शिक्षा में उपयोगी नवाचार जारी रहें

    CM Dr. Yadav: उच्च शिक्षा में उपयोगी नवाचार जारी रहें

    CM Dr. Yadav: एक लाख 25 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने अपने संकाय के साथ पढ़े अन्य विषय भी

    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर मध्यप्रदेश में हो रहा बेहतर क्रियान्वयन
    • विश्वविद्यालय स्टार्ट-अप को दे रहे प्रोत्साहन और विद्यार्थियों के नवाचार पर पुरस्कार
    • 400 महाविद्यालयों में वर्चुअल क्लास का संचालन, 1047 स्मार्ट क्लास भी

  • CM Dr. Yadav ने जल-संरक्षण में अग्रणी बनने पर इंदौर को दी बधाई

    CM Dr. Yadav ने जल-संरक्षण में अग्रणी बनने पर इंदौर को दी बधाई

    CM Dr. Yadav: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इंदौर को 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार से किया सम्मानित

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा ‘5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ से पश्चिम जोन के अंतर्गत इंदौर को सर्वश्रेष्ठ जिले के तौर पर पुरस्कृत करने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि के लिए समस्त प्रदेशवासियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संदेश में कहा है कि “मध्यप्रदेश पानी की एक-एक बूंद के उचित उपयोग एवं संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और ‘जल-संरक्षण’ की दिशा में निरंतर अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहा है। आने वाली पीढ़ी के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी को भली-भाँति समझते हुए हमने प्रदेश में जल-संरचनाओं का जाल बिछाया है, पुरानी जल-संरचनाओं का नवीनीकरण किया है और सिंचाई क्षमता को बढ़ाने का लगातार प्रयत्न किया जा रहा है।

    कलेक्टर इंदौर श्री आशीष ने प्राप्त किया पुरस्कार : विज्ञान भवन दिल्ली में हुआ कार्यक्रम

    उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले को जल-संचयन और जल-संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पश्चिम क्षेत्र  के सर्वश्रेष्ठ जिले का राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में हुए 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2023 समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने यह पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल और राज्यमंत्री श्री वी. सोमन्ना भी उपस्थित थे। पुरस्कार इंदौर के कलेक्टर श्री आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री शिवम वर्मा तथा जिला पंचायत सीईओ श्री सिद्धार्थ जैन ने ग्रहण किया। 

    नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में किए गए कई कार्य

    इंदौर जिले में जल-संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की गई हैं। जिले में अजनार, बालम, चोरल, कराम, मोरल और पातालपानी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में विभिन्न कार्य किए गए हैं, जिनमें 366 पौध-रोपण कार्य, 216 जल-संचयन कार्य, 60 रिचार्ज संरचनाएं, 90 वाटरशेड उपचार कार्य और 814 जल और मिट्टी संरक्षण कार्य शामिल हैं। इसके अलावा  बालम नदी के जलग्रह-क्षेत्र में 5 अमृत सरोवर, 4 फार्म पॉन्ड, 5 चेक डैम और 30 गेबियन जाल संरचनाएं बनाई गई हैं।

    पुराने तालाबों का भी किया गया जीर्णोद्धार

    जल-संचयन के प्रयासों के अंतर्गत नाला ट्रेंचिंग (गहरीकरण) के लगभग 420 कार्य किए गए हैं, जिससे जल स्तर में वृद्धि हुई है। पुष्कर धरोहर समृद्धि अभियान के तहत 462 पुरानी संरचनाएं जैसे- तालाब, चेक डैम और स्टॉप डैम का जीर्णोद्धार किया गया है, जिससे जल-भंडारण क्षमता में 16 लाख घन मीटर की वृद्धि हुई है और 1500 हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए अतिरिक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है।

    एक लाख घरों की छतों पर नागरिकों ने लगाई वर्षा जल संचयन प्रणाली

    जिले में वृहद स्तर पर जल-संचयन संरचनाएं भी निर्मित की गयी हैं, जिसमे 420 फार्म पॉन्ड, 180 पेरकोलेशन टैंक, 100 निस्तारी टैंक और 190 चेक डैम शामिल हैं। इससे जिले में जल-भंडारण क्षमता में 30 लाख घन मीटर की वृद्धि हुई है। लगभग 25 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों के तहत लाया गया है, जिससे जिले के लगभग 16 हजार किसान लाभान्वित हुए हैं। जिले में एक लाख घरों की छतों पर नागरिकों द्वारा अपने खर्च पर ही वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित की गई हैं और 10 स्थानों पर पीज़ोमीटर लगाए गए हैं, जिससे जल स्तर का मूल्यांकन किया जा सके। हरियाली महोत्सव के दौरान 20 लाख पौधे लगाए गए और इंदौर शहरी क्षेत्र में 2 लाख 55 हजार पौधे लगाए गए हैं।

    राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य पानी के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना और स्वच्छ जल के उपयोग के सर्वोत्तम प्रचलन अपनाने के लिए प्रेरित करना है। 5वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ राज्य, सर्वश्रेष्ठ जिला, सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत, सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय, सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज, सर्वश्रेष्ठ उद्योग, सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ, सर्वश्रेष्ठ संस्थान और सर्वश्रेष्ठ नागरिक समाज सहित 9 श्रेणियों में संयुक्त विजेताओं सहित 38 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया है।

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  • CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव गाथा लिपिबद्ध की

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव गाथा लिपिबद्ध की। उस युग में मुद्रण सुविधा नहीं थी लेकिन ताड़ के पत्तों पर भगवान श्रीराम के विविध पक्षों को लिखकर आदर्श स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकि समाज की बेहतरी के लिए आज समाज द्वारा सौंपे गए सुझाव-पत्र पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज लालघाटी स्थित गुफा मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि जयंती पखवाड़े के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन के लिए वाल्मीकि समाज को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि पखवाड़े के शुभारंभ और समापन अवसर पर उपस्थित होने का मुझे सौभाग्य मिला है।

    राज्यसभा सदस्य और राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव वाल्मीकि जयंती पखवाड़े में वाल्मिकी धाम उज्जैन भी पहुंचे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में हुए कार्यक्रम को प्राथमिकता दी। वे किसी को गिरिजन या हरिजन न मानकर सम्मानित नागरिक मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि विमानतल करने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को बिठाया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समर्थन से यह संभव हुआ है।

    कार्यक्रम में सकल वाल्मीकि समाज द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राज्य सभा सदस्य एवं राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ जी महाराज, पीठाधीश्वर श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन का सम्मान किया गया। कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री गौतम टेटवाल और नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वाल्मीकि रचित “रामायण’’ की प्रति सौंपी गई। सकल वाल्मीकि पंचायत और समाज द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया।

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  • CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav: महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव-गाथा लिखकर आदर्श स्थापित किया

    CM Dr. Yadav ने आयोजन के लिए वाल्मीकि समाज को बधाई दी

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि महर्षि वाल्मीकि ने भगवान श्रीराम की गौरव गाथा लिपिबद्ध की। उस युग में मुद्रण सुविधा नहीं थी लेकिन ताड़ के पत्तों पर भगवान श्रीराम के विविध पक्षों को लिखकर आदर्श स्थापित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकि समाज की बेहतरी के लिए आज समाज द्वारा सौंपे गए सुझाव-पत्र पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज लालघाटी स्थित गुफा मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि जयंती पखवाड़े के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयोजन के लिए वाल्मीकि समाज को बधाई दी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि पखवाड़े के शुभारंभ और समापन अवसर पर उपस्थित होने का मुझे सौभाग्य मिला है।

    राज्यसभा सदस्य और राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव वाल्मीकि जयंती पखवाड़े में वाल्मिकी धाम उज्जैन भी पहुंचे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महर्षि वाल्मीकि के सम्मान में हुए कार्यक्रम को प्राथमिकता दी। वे किसी को गिरिजन या हरिजन न मानकर सम्मानित नागरिक मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अयोध्या में एयरपोर्ट का नामकरण महर्षि वाल्मीकि विमानतल करने का कार्य किया गया है। इसके साथ ही उच्च सदन में वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को बिठाया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समर्थन से यह संभव हुआ है।

    कार्यक्रम में सकल वाल्मीकि समाज द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव और राज्य सभा सदस्य एवं राष्ट्र संत बालयोगी श्री उमेश नाथ जी महाराज, पीठाधीश्वर श्रीक्षेत्र वाल्मीकि धाम, उज्जैन का सम्मान किया गया। कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री श्री गौतम टेटवाल और नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को वाल्मीकि रचित “रामायण’’ की प्रति सौंपी गई। सकल वाल्मीकि पंचायत और समाज द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अन्य अतिथियों का स्वागत किया गया।

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  • CM Dr. Yadav: चिकित्सा क्षेत्र में विश्व स्तरीय सेवाओं की ओर मध्यप्रदेश अग्रसर

    CM Dr. Yadav: चिकित्सा क्षेत्र में विश्व स्तरीय सेवाओं की ओर मध्यप्रदेश अग्रसर

    CM Dr. Yadav ने इरकैड के इंदौर केंद्र के शुभारंभ समारोह को किया वर्चुअली संबोधित

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि मध्यप्रदेश चिकित्सा के क्षेत्र में विश्व स्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किए हैं। वर्ष 2024-25 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 20 हजार 439 करोड़ रुपए का प्रावधन किया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं की कार्य दक्षता बढ़ाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का विलय किया गया है। प्रदेश में अभी 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। अगले सत्र से सिंगरौली और श्योपुर में शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रारंभ होंगे। इसके अलावा अगले दो वर्ष में 6 अन्य नए शासकीय मेडिकल कॉलेज संचालित होने लगेंगे। चिकित्सा महाविद्यालयों को पीपीपी मोड में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फ्रांस की संस्था इरकैड के इंदौर में केंद्र प्रारंभ होने पर कार्यक्रम को वीडियो कॉफ्रेंसिंग से संबोधित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अरविंदो विश्वविद्यालय इंदौर के डॉ. विनोद भण्डारी को इस केंद्र की शुरूआत के लिए बधाई दी और केंद्र की सफलता की कामना की।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में किए जा रहे विशेष कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस एवं पीजी मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाई जा रही है, जिससे प्रदेश में योग्य चिकित्सकों की कमी न रहे। राज्य सरकार ने विश्व स्तरीय चिकित्सा अधोसंरचना विकसित करने के प्रयास किए हैं। इसमें मेडिकल कॉलेज परिसरों में नए नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में चार नए सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल प्रारंभ किए गए हैं। इसके अलावा ग्वालियर में एक हजार बिस्तर क्षमता का अस्पताल भी प्रारंभ किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीपीपी माडल पर टेलिमेडिसिन सेवा से 1200 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़े गए हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में 45 तरह की स्वास्थ्य जांचें हो रही हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि इंदौर देश का फार्मा हब बन कर उभरा है। उज्जैन में सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों से गंभीर रोगियों और दुर्घटनाग्रस्त लोगों को एयर लिफ्ट कर उपचार के लिए भिजवाने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में हृदय की सर्जरी, कैंसर के उपचार और अंग प्रत्यारोपण के कार्य किफायती दरों पर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश मेडिकल टूरिज्म क्षेत्र में निरन्तर आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव की भागीदारी के लिए डॉ. भंडारी ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि दूरबीन से सर्जरी का ज्ञान देने और मेडिकल रिसर्च की दृष्टि से फ्रांस की संस्था इरकैड के सहयोग से की गई शुरूआत प्रदेश में अपने तरह की विशिष्ट पहल है। यह केंद्र जनोपयोगी बने इसके लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे।

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  • CM Dr. Yadav: उद्योगों के विकास की सभी बाधाओं को किया जाएगा दूर

    CM Dr. Yadav: उद्योगों के विकास की सभी बाधाओं को किया जाएगा दूर

    CM Dr. Yadav: उद्योगपति अपने लिए ही नहीं प्रदेश और देश के लिए चला रहे हैं उद्योग

    • विन्ध्य के उद्योगपतियों को निर्यात के लिए मिलेगी कंटेनर की सुविधा
    • कमिश्नर और कलेक्टर दूर करें उद्योगपतियों की कठिनाइयों को
    • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में किया उद्योगपतियों से संवाद

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि विन्ध्य में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इन्हें गति देने के लिए 23 अक्टूबर को रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उद्योगों के विकास की सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। सभी उद्योगपति अपनी कठिनाइयों को उद्योग विभाग अवगत कराएं। हर जिले में निवेश संवर्धन केन्द्र खोल दिये गये है। इसके माध्यम से भी सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। उद्योगपतियों की स्थानीय कठिनाइयों को दूर करने की जिम्मेदारी कमिश्नर और कलेक्टर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्य के उद्योगपतियों को उत्पादों के निर्यात के लिए कंटेनर की सुविधा मिलेगी। अब रेल के साथ मालवाहक हवाई जहाजों से भी परिवहन होगा। उद्योगपति केवल अपने लिए उद्योग नहीं चलाते हैं। उनके द्वारा संचालित उद्योग से प्रदेश और देश का विकास भी होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीवा में 23 अक्टूबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के संदर्भ में स्थानीय उद्योगपतियों के साथ चर्चा कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हर माह संभागीय मुख्यालयों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जब कुँआ खुद प्यासे के पास जा रहा है तब उद्योगों को भला कौन सी कठिनाई होगी। उद्योगपतियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की मिलिंग के संबंध में जो कठिनाईयाँ हैं उन्हें दूर करने के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। मिलिंग नीति में राइस मिलर्स के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उद्योगों के लिये वर्ष 2022-23 के अनुदान की राशि जारी कर दी गई है। अब अनुदान की राशि सीधे उद्योगपति के खाते में जारी की जाएगी। विन्ध्य क्षेत्र के विकास की हर बाधा दूर की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं रीवा का दामाद हूँ, रीवा के विकास में कोई कोर कसर नहीं रखूंगा।

     उद्योगों पर नहीं होगा दोहरा कराधान

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में उपस्थित रीवा तथा मऊगंज के उद्योगपतियों से चर्चा की और सिंगरौली, सीधी, मैहर तथा सतना के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों पर दोहरा कराधान नहीं होगा। आगामी 23 अक्टूबर को रीवा में पूरे विन्ध्य के औद्योगिक विकास के लिए विचार-मंथन के लिए कॉन्क्लेव होगा। इसमें शामिल होने के लिए 50 बड़े उद्योगपतियों के साथ 3 हजार से अधिक उद्योगपतियों ने पंजीयन किया है। इसी दिन औद्योगिक केन्द्र चोरहटा में विद्युत सब-स्टेशन के निर्माण तथा रीवा में आईटी पार्क के निर्माण का भूमि-पूजन भी किया जायेगा। विन्ध्य में कई बड़े उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिलेंगे।

    बैठक में उद्योगपतियों ने औद्योगिक विकास के अनुसार जिलों के श्रेणीकरण, रीवा को विशेष औद्योगिक जोन का दर्जा देने, धान मिलिंग तथा बारदाने की राशि के भुगतान, छोटे शहरों के औद्योगीकरण को प्राथमिकता देने, सिंगरौली में उद्योगों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता, पॉवर, एल्युमिनियम और सीमेंट प्लांट सहित विभिन्न सुझाव दिए।

    मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की रूपरेखा प्रस्तुत की। उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, सांसद रीवा श्री जनार्दन मिश्र, सांसद सीधी डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक त्योंथर श्री सिद्धार्थ तिवारी, विधायक मनगवाँ श्री नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. नीता कोल, प्रबंध संचालक औद्योगिक विकास निगम श्री चन्द्रमोली शुक्ला, कमिश्नर रीवा श्री बी.एस. जामोद और कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल उपस्थित रहीं। बैठक में उद्योग संघ रीवा के अध्यक्ष श्री राजीव खन्ना, श्री जी.एस. साहनी, श्री दिलीप सिंह, श्री आर.के. रोघटा, श्री आदित्य प्रताप सिंह, श्रीमती विभा व्रिकांत द्विवेदी सहित अन्य उद्योगपति शामिल हुए।

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  • CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा

    CM Dr. Yadav: विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता को किया कम

    • मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का इतिहास – एडमिरल दिनेश त्रिपाठी
    • 3 ईएमई सेंटर में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को किया संबोधित

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना का मनोबल बढ़ा है। सेना को नवीन तकनीक के नवीनतम हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विदेशी हथियारों पर भारतीय सेना की निर्भरता कम करते हुए स्वदेशी लड़ाकू विमान और हथियार निर्माण पर विशेष ध्यान दिया है। अब हम सिर्फ युद्ध का जवाब ही नहीं देते बल्कि घर में घुसकर मारते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 3 ईएमई सेंटर भोपाल में भूतपूर्व सैनिक सम्मान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की देश भक्ति और समर्पण में वर्तमान सेना की नींव रखी है। जब भी मौका पड़ा आप सभी ने वीरता और शौर्य का परिचय देकर भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की है। भारत के साथ और भी देश आजाद हुए थे। लेकिन वर्तमान समय में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र यदि जीवित है तो यह भारतीय सेना के कारण ही संभव हुआ है। सेना ने देश की सीमाओं की रक्षा कर लोकतंत्र को जीवित रखा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय सेना के भूतपूर्व सैनिकों के अविस्मरणीय योगदान के लिए प्रदेश की जनता की ओर से अभिनंदन किया।

    मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में सदैव अग्रणी रहा है। यहाँ सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफल संचालन हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेना और उनके परिवारों के लिए कल्याणकारी निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि युद्ध एवं सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सेना/केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शहीदों के आश्रितों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि और एक आश्रित को शासकीय सेवा में विशेष नियुक्ति दी जाएगी। सहायता राशि का आधा अंश शहीद की पत्नी को और आधा अंश आश्रित माता-पिता को दिया जाएगा। शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक अनुदान की राशि बढ़ाकर 10 हजार रूपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि भी बढ़ाकर 51 हजार रुपये की गई है। प्रदेश में निवासरत द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों एवं उनकी पत्नियों की पेंशन 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश निवासी ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में है, उनकी सम्मान निधि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष की गई है। राज्य शासन द्वारा विभिन्न शौर्य एवं विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों एवं उनके आश्रितों को सर्वाधिक सम्मान राशि दी जाती है। भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, विकलांग सैनिकों एवं आश्रितों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है।

    भूतपूर्व सैनिकों को शासकीय नौकरियों में आरक्षण

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा किप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल एजुकेशन, लॉ सहित विभिन्न कोर्सेस में आरक्षण दिया जाता है। सभी सरकारी विभागों के ग्रुप सी एवं डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण के साथ जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक ग्रेड-3 स्तर पर कर्मचारियों के पदों में वृद्धि करने कानिर्णय लिया गया है। शासन की योजनाओं के अंतर्गत जमीन के लिए सैनिकों को आरक्षण दिया जाता है।

    म.प्र. ने देश को अब तक दिए 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का इतिहास वीरता और साहस का रहा है। मध्यप्रदेश ने देश को अब तक 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र दिए है। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। यह सम्मान समारोह भूतपूर्व सैनिकों के समर्पण, योग्य नेतृत्व और योगदान को समर्पित है। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों को सेना में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए धन्यवाद दिया।

    भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक

    सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टीनेन्ट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। भूतपूर्व सैनिकों का ज्ञान और अनुभव सेवा के जवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव हमेशा सकारात्मक मानसिकता, कल्याणकारी कार्य को सदैव हां और करने को तत्पर रहते है। श्री सिंह ने सैनिक कल्याण बोर्ड की बैठक में जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार व्यक्त किया।

    द्वितीय विश्वयुद्ध के भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों और भोपाल के अमर शहीदों के परिजन का किया सम्मान

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध में वीरता के साथ लड़ने वाले भूतपूर्व सैनिकों की कल्याणियों का सम्मान किया। उन्होंने नं. 561सिपाही स्व. मुशीर अहमद की पत्नि श्रीमती फातमा बी, नं. 2659 सिपाही स्व. मो. सईद खान की पत्नि श्रीमती रईसा बेगम और नं. 451 सिपाही मो. सरीफ की पत्नि श्रीमती नफीसा बी का सम्मान कर उनका आशीर्वाद भी लिया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल की अमर शहीदों के परिजन को भी सम्मानित किया। सम्मानित हुए परिजनों में कैप्टन स्व. देवाशीष शर्मा, कीर्तिचक्र (मरणोपरान्त) की माताजी श्रीमती निर्मला शर्मा, मेजर स्व. अजय कुमार, सेना मेडल (मरणोपरान्त) के पिता श्री आर.एन. प्रसाद, ग्रुप केप्टन स्व. वरुण सिंह, (शौर्यचक्र) के पिता सेवानिवृत्त कर्नल के.पी. सिंह, सीएफएन स्व. रामस्वरूप की पत्नि श्रीमती सविता देवी, सिगनलमेन स्व. रमेश कुमार की पत्नि श्रीमती लक्ष्मी बाई और नायक स्व. दिनेश चंद्र की पत्नि श्रीमती गुनमाला देवी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहीद सैनिकों के बलिदान, देश के प्रति सेवा और समर्पण को सदैव स्मरण किया जाएगा।

    भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सेना के शौर्य का प्रतीक स्मृति-चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंच से उतरे और जवानों से मिले। उनका उत्साहवर्धन किया और जवानों के साथ ग्रुप फोटो भी ली। इस अवसर पर सेना के अधिकारी, भूतपूर्व सैनिक और उनके परिजन उपस्थित थे।

    source: http://www.mpinfo.org


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