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  • CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार परक पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयास बढ़ाएं

    CM Dr. Mohan Yadav: मध्यप्रदेश में 1. 29 लाख विद्यार्थियों ने लिया बहुविषयक अध्ययन का लाभ

    • कृषि पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की रूचि बढ़ी

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि नई शिक्षा नीति: 2020 के अंतर्गत प्रदेश में अनेक नवाचार हुए हैं। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर भी उच्च शिक्षा के जुड़े नवाचार करें। अच्छे प्रयोगों का सदैव स्वागत है। शिक्षा की गुणवत्ता को निरंतर श्रेष्ठ बनाने के प्रयास हों। पैरामेडिकल और नर्सिंग पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित किए जाएं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सक्षम युवाओं का निर्माण सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए सबसे बड़ी गारंटी मानते हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल से इस संदर्भ में नई शिक्षा नीति में अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान भी हुए हैं। इस नीति में युवाओं को ज्ञानवान और अनेक विषयों में पारंगत बनाने की रणनीति बनाई गई है। इस नाते मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास इस दिशा में किए गए हैं। मध्यप्रदेश में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जहां भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित महत्वपूर्ण कार्यशालाएं आयोजित की गईं, वहीं राज्य सरकार द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा शीर्ष समिति और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में टास्क फोर्स का गठन किया गया। विद्यार्थियों को उनकी रूचि, दक्षता और क्षमता के अनुसार शिक्षा व्यवस्था करने के प्रसार सफल हो रहे हैं। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में प्रदेश अग्रणी है। मध्यप्रदेश का सकल पंजीयन अनुपात राष्ट्रीय अनुपात 28.4 प्रतिशत के मुकाबले 28.9 प्रतिशत है जो एक उपलब्धि है।

    बहुविषयक शिक्षा में आगे मध्यप्रदेश

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विश्वविद्यालयों द्वारा बहुविषयक शिक्षा प्रदान करने और रोजगार के लिए उपयोगी पाठ्यक्रमों के संचालन की सराहना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में प्रदेश में उच्च शिक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं पर कुलगुरूओं और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की है। बताया गया कि विद्यार्थियों को बहुविषयक दृष्टिकोण (मल्टी डिस्पलीनरी एप्रोच) के माध्यम से अन्य विषयों के अध्ययन के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयास किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश के लगभग एक लाख विद्यार्थी वाणिज्य के साथ कला और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। कला संकाय के 18 हजार विद्यार्थी वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में विज्ञान संकाय के ऐसे विद्यार्थियों की संख्या 11 हजार है, जिन्होंने कला और वाणिज्य विषय का चयन किया है। इस तरह एक लाख 29 हजार विद्यार्थियों ने बहुविषयक शिक्षा का लाभ लिया है।

    विद्यार्थी ले रहे खेती किसानी की शिक्षा

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनेक बिन्दुओं के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। उच्च शिक्षा व्यवस्था में स्नातक स्तर पर कृषि जैसे विषय के अध्ययन के प्रावधान के भी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। सात विश्वविद्यालयों और 18 शासकीय स्वशासी महाविद्यालयों में बी.एससी. कृषि पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है। इन पाठ्यक्रामों का लाभ 1189 विद्यार्थी ले रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सर्वाधिक 240 विद्यार्थी खेती किसानी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश में पायलेट ट्रेनिंग के कोर्स के संचालन और एविएशन के सर्टिफिकेट कोर्स के लिए पांच विश्वविद्यालयों ने पहल की है। निश्चित ही युवाओं को इन पाठ्यक्रमों का रोजगार की दृष्टि से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।

    इन्क्यूबेशन केन्द्रों की सक्रिय भूमिका, र्स्टाट अप्स को पूर्ण प्रोत्साहन

    प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र में कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 47 इन्क्यूबेशन सेन्टर प्रारंभ किए गए हैं। इनमें शासकीय विश्वविद्यालय में 16, निजी विश्वविद्यालय में 12 एवं शासकीय स्वशासी महाविद्यालय में 19 इन्क्यूबेशन केंद्र संचालित हैं। देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर को केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने पांच करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर इन्क्यूबेशन सेंटर को अटल इनोवेशन मिशन, नीति आयोग ने अटल कम्युनिटी इन्नोवेशन सेंटर के लिए 2.5 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं। इसी तरह जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के लिए 13.4 लाख रूपए स्वीकृत हुए हैं। प्रदेश के 2 निजी विश्वविद्यालयों में भी अटल इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए गए हैं। इनमें रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल और लक्ष्मीनारायण कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी (एलएनसीटी) भोपाल शामिल हैं। इन्क्यूबेशन केंद्रों के माध्यम से स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय स्तर पर 65 स्टार्ट अप्स तथा 2 निजी विश्वविद्यालयों में कुल 295 स्टार्ट अप्स प्रारंभ हुए हैं। स्टार्ट अप्स को विश्वविद्यालयों ने प्रोत्साहन राशि भी दी है। वर्तमान में कुल लाभान्वित विद्यार्थी संख्या 620 है। पेटेंट के अंतर्गत पेटेंट कार्यालय, भारत सरकार से विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेशन सेंटर्स को कुल 14 पेटेंट प्राप्त हुए हैं। इनमें देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में छह, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में चार, विक्रम विश्वविद्यालय में तीन और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में एक पेटेंट शामिल हैं। समस्त विश्वविद्यालयों के कुल 27 पेटेंट के आवेदन स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: सशक्त आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नींव है स्वस्थ नागरिक

    CM Dr. Mohan Yadav: सशक्त आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नींव है स्वस्थ नागरिक

    CM Dr. Mohan Yadav: स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विस्तृत बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और विस्तृत बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की नींव स्वस्थ नागरिकों से बनती है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक, चाहे वह शहर में हो या दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में, उन्नत चिकित्सा सेवाओं तक आसानी से पहुंच सके। इसी उद्देश्य से राज्य के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है, जिससे ये केंद्र जिला अस्पतालों के समान उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकें।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी नागरिकों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। स्वस्थ नागरिकों से ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण संभव है। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और हर क्षेत्र में लोग पूरी ऊर्जा से समाज और देश के विकास में अपनी भूमिका निभा सकें।

    चिकित्सा शिक्षा का विस्तार और मैनपॉवर की बढ़ोतरी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री मोदी के “स्वस्थ भारत सशक्त भारत” के दृष्टिकोण के तहत चिकित्सा शिक्षा का भी तेजी से विस्तार कर रही है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में 17 सरकारी और स्वशासी मेडिकल कॉलेज संचालित हैं और नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण जारी है। हाल ही में सिवनी, नीमच, और मंदसौर में नए मेडिकल कॉलेजों का संचालन शुरू हुआ है और 8 अन्य मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत 12 और मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना बनाई है, जिससे प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञता को बढ़ावा मिलेगा।

    30 हज़ार से अधिक चिकित्सकीय, सहायक चिकित्सकीय पदों पर होगी भर्ती

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) के मानकों के अनुरूप राज्य में शीघ्र ही 30 हजार से अधिक चिकित्सकीय और सहायक चिकित्सकीय मैनपॉवर की भर्ती की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाय में और सुधार होगा।

    आधुनिक तकनीक और सेवाओं का समावेश

    मध्यप्रदेश के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में MRI, CT स्कैन, और PET CT जैसी आधुनिक उपकरणों की सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए 42 प्रकार की एंटी-कैंसर दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे गंभीर मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके। राज्य के सभी जिला और सिविल अस्पतालों में अब 132 प्रकार की जांच सेवाएं उपलब्ध हैं, जबकि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80 प्रकार की जांच की सुविधा दी जा रही है। प्रदेश में 324 हब और 1,610 स्पोक स्थापित किए गए हैं, जहाँ प्रतिदिन 35 हजार से अधिक जांचें जिला स्तर पर और 32 हजार से अधिक जांचें हब और स्पोक पर हो रही हैं। इसी तरह सभी जिला अस्पतालों में अब डायलिसिस, CT स्कैन और डिजिटल एक्स-रे की सुविधाएं उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश का एमवाय (महाराजा यशवंतराव) अस्पताल इन्दौर देश का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए उन्नत सीएआर-टी थेरेपी शुरू की गई है। यह सुविधा राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने और उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

    मुफ्त दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य के शासकीय अस्पतालों में मुफ्त दवाओं की उपलब्धता में भी बड़ी वृद्धि की गई है। जिला अस्पतालों में 295 से बढ़ाकर 530 प्रकार की दवाएँ, सिविल अस्पतालों में 448, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 373 और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 299 प्रकार की दवाएँ मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार

    मध्यप्रदेश सरकार मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए भी आवश्यक कदम उठा रही है। राज्य में विशेष नवजात देखभाल इकाइयाँ (SNCU) और बाल गहन चिकित्सा इकाइयाँ (PICU) स्थापित की गई हैं, ताकि माताओं और नवजात शिशुओं को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल प्राप्त हो सके। हाई रिस्क प्रेगनेंसी के मामलों की समय पर पहचान कर आवश्यक चिकित्सकीय सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिए बर्थ वेटिंग रूम का संचालन और किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को आयरन फॉलिक एसिड सप्लीमेंट की सुविधा प्रदान की जा रही है।

    आयुष्मान भारत योजना से मिला स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना ने मध्यप्रदेश के नागरिकों को एक मजबूत स्वास्थ्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया है। अब 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को भी योजना के तहत लाभान्वित किया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में अब तक 22 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं और आयुष्मान कार्ड जारी करने में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। इस योजना के तहत राज्य में 1,048 स्वास्थ्य सेवा प्रदाता संस्थान सूचीबद्ध हैं, जिनमें 493 सार्वजनिक अस्पताल और 555 निजी अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा 1,952 प्रकार के स्वास्थ्य लाभ पैकेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिनमें कैंसर, हृदय रोग, उच्च जोखिम गर्भावस्था, किडनी की बीमारियाँ और अन्य महंगे उपचार शामिल हैं। यह चिकित्सा सेवा क्षेत्र की क्रांतिकारी योजना है, जिसके माध्यम से आज गरीब वंचित लोग उत्कृष्ट उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर पा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधारों और विकासात्मक पहलों का एक नया अध्याय लिखा है। विकसित भारत के विजन में नागरिकों के स्वास्थ्य को आवश्यक माना गया है। पहली बार देश में यह हुआ है कि विकास को मनुष्य के स्वास्थ्य से जोड़ा गया है। “विकसित भारत” के विजन को साकार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर जो कदम उठाए हैं, वे न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बना रहे हैं, बल्कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण और उन्नत स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित कर रहे हैं।

    पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा आपातकाल में जीवन रक्षक

    प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने और आपातकाल में बहुमूल्य जीवन के संरक्षण हेतु हर नागरिक तक उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू की है। सड़कों और औद्योगिक स्थलों में होने वाले हादसों, प्राकृतिक आपदाओं, हृदय संबंधी समस्याओं और अन्य गंभीर बीमारियों की स्थिति में यह सेवा जीवनरक्षक साबित हो रही है। एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से मरीजों को समय पर उचित चिकित्सा संस्थानों तक पहुँचाया जा रहा है। राज्य के भीतर और बाहर सड़क, औद्योगिक दुर्घटनाओं या प्राकृतिक आपदाओं में पीड़ितों और आयुष्मान कार्डधारकों को निःशुल्क परिवहन की सेवा प्राप्त होगी।

    मेडिकल डिवाइस पार्क चिकित्सा क्षेत्र में मध्यप्रदेश को बनायेगा आत्मनिर्भर

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन के विक्रम उद्योगपुरी में स्थापित हो रहा देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा। इस पार्क के माध्यम से न केवल अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन होगा बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक कुशल और सुलभ बनाया जा सकेगा। इससे प्रदेश में चिकित्सा उपकरणों की निर्भरता कम होगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में भी कमी आएगी। यह मेडिकल डिवाइस पार्क मध्यप्रदेश को एक मेडिकल हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जहां चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन, शोध, और नवाचार के अवसर बढ़ेंगे। इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुदृढ़ किया जा सकेगा, जो इसे चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: युवाओं को शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी योजना

    CM Dr. Mohan Yadav: युवाओं को शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी योजना

    CM Dr. Mohan Yadav: “प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना” युवाओं को रोजगारपरक बनाने के लिये केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना’ युवाओं को भारत की शीर्ष कंपनियों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है, जो उनके कौशल और रोजगार योग्यता को सशक्त बनाएगी। योजना में 12 माह की इंटर्नशिप से युवाओं को उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण मिलेगा और भविष्य में रोज़गार के अवसर भी सुलभ होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं से प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का लाभ लेने की अपील की है। योजना में शामिल होने 10 नवम्बर तक आवेदन किये जा सकते है।

    “प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना” युवाओं को रोजगारपरक बनाने के लिये केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें वास्तविक कार्यानुभव प्राप्त हो सके और व्यावसायिक कौशल में वृद्धि हो।

    योजना का उद्देश्य

    योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को व्यावसायिक वातावरण से परिचित करवाना है। इंटर्नशिप के दौरान उन्हें उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और प्रक्रियाओं के माध्यम से ज्ञान अर्जित करने का अवसर मिलेगा। यह योजना युवाओं को न सिर्फ कार्यकुशल बनाएगी साथ ही उन्हें भविष्य में रोजगार के अवसर प्राप्त करने में भी सहायता करेगी।

    पात्रता और लाभ

    प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत 21 से 24 वर्ष के युवा पात्र होंगे, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 10वीं या उससे अधिक हो। चयनित युवाओं को इंटर्नशिप की अवधि में 5 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइपेण्ड और इंटर्नशिप पूर्ण होने पर एकमुश्त 6 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम 12 माह का होगा।

    आवेदन की अंतिम तिथि 10 नवंबर

    युवाओं को योजना का लाभ उठाने के लिए पंजीयन लिंक https://pminternship.mca.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा। आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है। युवा योजना संबंधी अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1800116090 और पंजीयन में सहायता के लिये निकटतम शासकीय इंजीनियरिंग, पॉलीटेक्निक या आईटीआई से संपर्क कर सकते हैं।

    अन्य राज्यों में भी अवसर

    मध्यप्रदेश के युवा अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध इंटर्नशिप अवसरों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav 9 नवम्बर को इंदौर से करेंगे 1574 करोड़ रूपये अंतरित

    प्रदेश की लाड़ली बहनों को 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त जल्द मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 9 नवम्बर को इंदौर से 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में 1574 करोड़ रूपये अंतरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि लाड़ली बहना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को जून 2023 से अक्टूबर 2024 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 17 किश्तों का अंतरण किया गया है। इसके अतिरिक्त माह अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल 2 बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रूपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण किया गया। योजना के प्रारंभ में पात्र हितग्राहियों को 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान किया गया। अक्टूबर 2023 से मासिक आर्थिक सहायता की राशि में 250 रूपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।

    प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 का संचालन किया जा रहा है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत लगभग 18 हजार 984 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

    योजना का प्रभाव

    लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है। योजना के वृहद स्वरूप ने प्रदेश की महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण में महती भूमिका निभाई है। इस योजना से न केवल महिलाओं ने अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है बल्कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये महिलाएं बैंकिंग प्रणाली से सीधे परिचित हुई हैं। इससे परिवार के निर्णयों में भी उनकी भूमिका बड़ी है और सामाजिक रूप से महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि योजना से न सिर्फ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे एवं सामुदायिक सहभागिता से ग्रामीणों को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके ने बताया कि पहले जहां हर साल गर्मी में पानी की गंभीर कमी होती थी और लोग जलस्त्रोतों के सूखने के कारण पानी की समस्या से जूझते थे, वहीं अब गांधीसागर बांध से जल आपूर्ति का एक स्थिर रास्ता तैयार किया जा रहा है। इस योजना से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को साकार किया जा रहा है।

    समुदाय की सहभागिता और रोजगार सृजन

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना का उद्देश्य न सिर्फ पानी की आपूर्ति करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना भी है। इस योजना के तहत 1200 से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल चुका है और योजना के पूरा होने पर भी अन्य कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

    इस योजना के समुचित संचालन के लिये ग्राम जल एवं स्वच्छता तदर्थ समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि होंगे। ये समितियां जल आपूर्ति और इसके प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी, जिससे जल संकट का स्थायी समाधान और ग्रामीणों की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित होगी।

    जल जीवन मिशन में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार

    यह योजना न सिर्फ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी, बल्कि जल जनित रोगों में कमी लाने और ग्रामीण समुदायों को स्वस्थ बनाने का भी काम करेगी। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाने से निजात मिलेगी और वह अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे।

    आने वाले समय में बदलाव की बयार

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक नई उम्मीद और स्थायी समाधान लेकर आई है। इस योजना से न सिर्फ जल संकट का समाधान होगा, बल्कि इससे ग्रामीण जीवन के स्तर में भी सुधार होगा।

    जल आपूर्ति के इस महत्वाकांक्षी प्रयास के साथ, मंदसौर जिले में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जो आने वाले समय में विकास और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ आवागमन और सौन्दर्यीकरण से संबंधित अनेक अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन पहुँचने वाले श्रद्धालु, विशेष रूप से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे कम समय में सहजता से क्षिप्रा के घाटों और श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों के लिये इस बार विशेष पहल कर हरिद्वार की तरह स्थायी धार्मिक नगरी और आश्रम बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंतों के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इन प्रयासों से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन को विश्व पटल पर प्रमुखधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के समग्र प्रयास किये जा रहे है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही उज्जैन की हवाई पट्टी को एयरपोर्ट बनाने की पहल भी की जा रही है। उज्जैन को जोड़ने वाले चारों ओर के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही उज्जैन शहर और उज्जैन ग्रामीण के बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थाई प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसमें आधुनिक बिजली ग्रिड, नवीन विद्युत लाइन, इंटर कनेक्शन और नवीन उपकेन्द्र बनाये जायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन हो चुका है। इनमें प्रमुख रूप से हरिफाटक-लालपुल-मुल्लापुरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और क्षिप्रा पर 2-लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य, बडावदा-कलसी-नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, रालामंडल-कांकरिया-चिराखान-लेकोडा़-झिरोलिया-बारोदा-हमीरखेड़ी-उमरिया मार्ग, लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, बड़ापुल-रणजीत-हनुमान-मोजमखेड़ी मार्ग, वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, करोहन-नाईखेड़ी-पंचक्रोशी मार्ग, खाचरोद-बड़नगर-बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, सदावल हेलीपैड निर्माण, जहांगीरपुर से चामुंडा माता मार्ग, रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईंड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का काम प्रारंभ किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक विकसित होने के बाद उज्जैन वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से कार्य प्रारंभ कर दिये है, जिससे यहाँ आने वाले श्रृद्धालु और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

    राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुCM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

    गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

    समिति के प्रमुख दायित्व

    टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: समान कार्य स्वरूप की संस्थाएं‍मिलकर करें कार्य

    • सायबर सुरक्षा का जिम्मा इलेक्ट्रानिक विकास निगम को देंगे
    • मुख्यमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि शासकीय विभाग जन-कल्याण के लिए ड्रोन तकनीक के अधिक उपयोग के लिए प्रयास बढ़ाएं। अवैध वृक्ष कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, सघन बस्तियों में पुलिस पेट्रोलिंग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाया जाए। वन क्षेत्रों में शिकार की घटनाएं भी ड्रोन तकनीक से ज्ञात कर अपराधियों को दंडित करने में उपयोग किया जाए। मैपकास्ट के साथ‍क्रिस्प और इस तरह की अन्य संस्थाएं समान स्वरूप की गतिविधियों का संयुक्त रूप से समन्वय पूर्वक संचालन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय कक्ष में हुई बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों और संचालित प्रकल्पों से संबंधित निर्देश दिए।

    पीपीपी मोड पर बनें आईटी पार्क

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पीपीपी मोड से आईटी पार्क बनाए जाएं। इंदौर, उज्जैन और रीवा में इन संभावनाओं को साकार किया जाए। सभी आईटी प्रोजेक्ट्स के कार्यों की समय- सीमा तय कर कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों, फसलों की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नवीन टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग करने पर जोर दिया।

    आईआईटी इंदौर से जुड़े डोंगला वेधशाला

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले की डोंगला वेधशाला को आईआईटी इंदौर के साथ कनेक्ट कर रिसर्च एवं डेवलपमेंट पाठ्यक्रम विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उज्जैन प्लेनेटोरियम में टॉपर विद्यार्थियों का प्राथमिकता के आधार पर भ्रमण प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। शोधकर्ताओं के लिए वेधशाला की रिमोटली ऑपरेटेड सुविधा नई शिक्षा नीति के अनुरूप भी है।

    विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान का अध्ययन करवाने पर करें फोकस

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जाए। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी वेधशालाओं का भ्रमण कर ज्ञान स्तर बढ़ाएं। प्रदेश में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर युवाओं को जोड़ा जाए। इन क्षेत्र में पीएच.डी. के लिए भी छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाए। विद्यार्थियों को वर्तमान दौर से जोड़ने के लिए उनके बौद्धिक स्तर को बढ़ाना आवश्यक है। नव -वैज्ञानिक संवाद सत्र आयोजित किए जाएं। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष उज्जैन तारामंडल में 8 करोड़ की लागत से अपग्रेडेशन के कार्य हुए हैं। यहाँ थ्रीडी 4K प्रोजेक्शन सिस्टम लोकार्पित होने के बाद 400 से अधिक शो सम्पन्न हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में स्कूल- कॉलेज के विद्यार्थी रूचि लेकर पहुंच रहे हैं।

    उज्जैन विश्व समय मानक का केंद्र बने

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रीनविच टाइम्स को जिस तरह की मान्यता प्राप्त है, उस तरह उज्जैन के भौगोलिक महत्व और श्री जनार्दन नेगी जैसे वैज्ञानिकों के अनुसंधान के प्रकाश में विश्व स्तर पर उज्जैन को विशेष केंद्र के रूप में पहचान मिलना चाहिए। यहां दुनिया में अपनी तरह की प्रथम वैदिक घड़ी भी स्थापित की गई है। प्राचीन आचार्यों ने भी भौगोलिक गणना के अनुसार उज्जैन को शून्य रेखांश पर स्थित माना है। विश्व समय मानक ग्रीनविच से परिवर्तित होकर उज्जैन हो जाए, इस दिशा में बहुआयामी प्रयास होना चाहिए।

    शासकीय विभागों और सिंहस्थ-2028 के लिए एमपीएसईडीसी को देंगे जिम्मेदारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विभागों में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के माध्यम से साइबर सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए भी नगरीय प्रशासन विभाग के आईटी प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी एमपीएसईडीसी को दी जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) द्वारा अभी से प्लान बनाकर कार्य किया जाए।

    इंजीनियरिंग कॉलेजों का उच्च शिक्षा से हो समन्वय

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सक्षम बने एवं विभिन्न प्रोजेक्ट की साइबर सुरक्षा के लिए भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6 पुराने शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को आईआईटी की तर्ज पर विकसित किया जाए। आवश्यकता अनुसार इंडस्ट्री की मदद कॉलेज को विकसित करने में ली जाए। प्रदेश में आ रहे नए उद्योगों में कौशल प्राप्त श्रमिक कार्य के लिए उपलब्ध हों, इस दिशा में भी प्रयास बढ़ाए जाएं। उन्होंने स्टेट डाटा सेंटर के लिए आवश्यकता के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि उद्योगों के लिए सभी विभागों का इंटीग्रेटेड सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप किया जाए। सभी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को आईटी डिपार्टमेंट से समन्वय स्थापित कर विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्च शिक्षा विभाग और क्रिस्प एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को आपस में समन्वय कर ग्रामीण प्रौद्योगिकी के लिए कार्य करने के लिए निर्देशित किया।

    बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने पीपीपी मोड पर प्रदेश में आईटी पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की जरूरत बताते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स जैसी नवीन तकनीक का समावेश किया जाए। पुलिस विभाग में विभिन्न स्थानों का डाटा को इंटीग्रेटेड कर हीट मैप डेवलप करें, जिससे अपराध का विशलेषण किया जाए अपराधों में कमी लाई जा सके। मुख्य सचिव ने पीएम गति शक्ति पोर्टल का प्रभावी उपयोग करने पर भी जोर दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्री संजय दुबे ने विभागीय कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का विभिन्न विभागों में उपयोग हो रहा है। प्रदेश में राजस्व, वन, नगरीय प्रशासन, रेरा, कृषि और उद्योग विभागों में ड्रोन टेक्नोलॉजी तकनीक विकसित करने के प्रोजेक्ट्स प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट्स की भी जानकारी दी।

    प्रदेश में आने वाले वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियां

    मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक श्री अनिल कोठारी ने परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों, भविष्य की योजनाओं, प्रस्तावित गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। दिसम्बर माह में वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑटोमेशन के सम्पन्न कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का भोपाल में 3 से 6 जनवरी 2025 तक आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के 1200 विद्यार्थी, विषय विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आदि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश कारीगर विज्ञान सम्मेलन फरवरी 2025 में प्रस्तावित है। इसी तरह 19 से 21 मार्च तक विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव और 40 वाँ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी रहेगी। बैठक में बताया गया कि डॉ. वी. एस. वाकणकर लुमनेसन्स डेटिंग लेबोरेटरी में गैलरी विकसित की जा रही है, जो डॉ. वाकणकर के योगदान को दर्शाएगी। भू-पुरातत्वीय काल गणनाओं के लिए आधुनिक प्रयोग शाला के रूप में यह लेबोरेटरी पहचान बनाएगी। इस क्षेत्र में 10 लाख वर्ष तक की भू-पुरातत्वीय घटनाओं के काल निर्धारण में मदद मिलेगी। वर्तमान में पूर्व में प्रचलित पद्धतियों से दो लाख वर्ष तक पुरानी घटनाओं और नमूनों का काल निर्धारण होता है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा

    CM Dr. Mohan Yadav: पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा

    CM Dr. Mohan Yadav: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने रहें तैयार

    • प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर किया जाए कॉल सेंटर स्थापित
    • नशे के नेटवर्क को धवस्त करें : संदिग्ध हुक्काबार एवं नाइट क्लब पर बढ़ाएं निगरानी
    • वन्य पशुओं की गतिविधियों के संबंध में वन विभाग से सम्पर्क में रहें पुलिस कर्मी
    • मुख्यमंत्री ने की गृह विभाग की समीक्षा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के दुरूपयोग और सायबर क्राइम के खतरे से समाज को बचाने के लिए मध्यप्रदेश पुलिस को फ्यूचर रेडी होना होगा। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी की अद्यतन तकनीकों का उपयोग करते हुए प्रत्येक थाने में सायबर डेस्क, हर जिले में सायबर थाना और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर स्थापित किया जाए। सायबर फ्रॉड और क्राइम से लोगों को बचाने के लिए सघन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस, सोशल मीडिया पर चलने वाली गतिविधियों और मैसेज आदि पर निगरानी रखें तथा भ्रामक, गलत खबर फैलाने वालों पर त्वरित कार्रवाई करें। कानून-व्यवस्था के साथ अन्य भ्रामक खबरों के बारे में संबंधित विभाग को तथ्यों की जाँच करने के लिए अवगत कराया जाए, जिससे वस्तुस्थिति की पुष्टि करते हुए सही जानकारी का सोशल मीडिया पर तत्काल प्रसार सुनिश्चित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह निर्देश मंत्रालय में हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर सक्सेना सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

    गौ-तस्करों पर कठोर कार्यवाही की जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नशे के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए सघन मॉनिटरिंग की जाए। थानावार नशे से संबंधित गतिविधियों वाले संभावित क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाते हुए संदिग्ध व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही करें। संदिग्ध हुक्काबार, नाइट क्लब आदि पर भी निगरानी बढ़ाई जाए। नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों से समन्वय कर अंतर्राज्यीय गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाया जाए। साथ ही गौ-तस्करों पर भी कठोर कार्रवाई की जाए। बैठक में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष प्रयास करने और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वालों को कठोरतम दंड दिलाना सुनिश्चित किया जाए। गुम हुई बालिकाओं की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

    नवीन क्रिमिनल कोड के संबंध में जागरूकता और जांच के लिए करें आवश्यक व्यवस्था

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवीन क्रिमिनल कोड के संबंध में जागरूकता के लिए मैदानी स्तर तक सघन प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। नवीन व्यवस्था अनुसार प्रत्येक प्रकरण की जांच और चालान प्रस्तुत करने आवश्यकतानुसार पेन ड्राइव, टेबलेट इत्यादि पुलिस स्टॉफ को उपलब्ध कराने विभागीय स्तर पर बजट प्रावधान किया जाए। प्रत्येक संभाग में एफएसएल लेब भी स्थापित की जाए।

    मार्च 2026 तक नक्सल गतिविधियों को पूर्णत: समाप्त किया जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में नक्सल विरोधी अभियान संबंधी बैठक में मार्च-2026 तक नक्सल गतिविधियों को पूर्णत: समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश के संभावित नक्सल क्षेत्र में सघन ऑपरेशन चलाया जाए। इसके लिए निश्चित समय सीमा में आवश्यकतानुसार हॉक-फोर्स की भर्ती की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन जिलों में वन्य पशुओं की गतिविधियों से जन जीवन प्रभावित होने या जन हानि होने की संभावना है वहां वन विभाग से समन्वय और सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए पुलिस सक्रिय रहे।

    पुलिसकर्मी और अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक

    मुख्यमंत्री डॉ, यादव ने कहा कि बेहतर पुलिस व्यवस्था के लिए पुलिस की साख स्थापित करना और पुलिस कर्मी और अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने पुलिस परिवारों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से संवेदनशीलता के साथ आवश्यक गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिसकर्मी और अधिकारी को स्वयं का आवास निर्मित करने के लिये विभाग की ओर से दी जाने वाली अनुमति और ऋण व्यवस्था की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। पुलिस संरचना में प्रत्येक स्तर पर निश्चित समयावधि के बाद पदोन्नति की जाए। पुलिस की उपलब्धियों और प्रभावी कार्यवाहियों का प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए।

    सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों के स्थान पर भर्ती सुनिश्चित की जाए

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार पुलिस बल और वाहनों आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भर्ती और वाहनों की आपूर्ति संबंधी आगामी कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस अनुपात में पुलिस कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं उस अनुपात में प्रतिवर्ष भर्ती की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश की जनसंख्या के अनुपात में यदि अधिक पुलिस बल की आवश्यकता हो तो तदानुसार भर्ती की जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आगामी वर्षों में पुलिस कर्मी और विभिन्न पदक्रमों पर पर्याप्त बल उपलब्ध हो और प्रदेश में काडर मैनेजमेंट व्यवस्थित बना रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्रेष्ठ कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय ‘रूस्तमजी’ पुरस्कार पुन: प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही एडीजी स्तर के अधिकारियों को नियमित रूप से संभाग स्तर पर दौरे और अपराधों की समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया गया।

    पुलिस बैंड का पुलिस बल के उत्साह और कौशल पर होता है सकारात्मक प्रभाव

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पुलिस बैंड का पुलिस बल के उत्साह और कौशल पर सकारात्मक प्रभाव होता है। पूर्व रियासतों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों में ऐतिहासिक रूप से पुलिस बैंड की परम्परा रही है। पुलिस बैंड के केडर को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य-योजना बनाई जाए। उन्होंने उज्जैन में महाकाल मंदिर क्षेत्र के प्रबंधन के लिए मंदिर क्षेत्र को समर्पित थाना स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav: उज्जैन में 12 नवम्बर को उप राष्ट्रपति करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ

    • नर्मदापुरम में सात दिसंबर को होगी अगली रीजनल इंडस्ट्री समिट
    • हाथियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा
    • उमरिया-बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थाई रूप से बसे हाथियों पर केंद्रित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयास के रूप में राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता को प्रकट करते इस नवाचार की सभी ओर सराहना हुई। गौ-वंश के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने वाले इस पर्व से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उत्साहवर्धक रही है। उद्योगपतियों और निवेशको नें प्रदेश में गतिविधियों के संचालन में रुचि प्रदर्शित की है। रीवा में 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए और लगभग 28 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव आगामी 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए संबोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नीमच, मंदसौर और सिवनी मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया गया। धन्वंतरि जयंती पर हुए कार्यक्रम में 512 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश को मिली इन सौगातों ने धन्वंतरि जयंती को अविस्मरणीय बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 12 नवम्बर को अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करने के लिए पधार रहे हैं। उन्होंने मंत्रीगण को अपने विभाग के नवीन पदों संबंधी जानकारी अगले तीन दिन में लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जंगली जानवरों द्वारा जनहानि पर सहायता राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। हाथियों के दलों के आवागमन संबंधी पूर्व सूचना के आदान-प्रदान, आवश्यक सतर्कता और सावधानियां बरतने तथा उनके प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की गई है। प्रयास है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उमरिया और बांधवगढ़ के वन क्षेत्र में लगभग एक सौ से अधिक हाथी स्थाई रूप से बस गए हैं। उनके प्रबंधन के लिए हाथी मित्र योजना लागू करने, टास्क फोर्स बनाने सहित मानक परिचालन निर्देश लागू किए जाएंगे। राज्य शासन का प्रयास होगा कि जंगल आबाद रहे, उनमें हाथी विद्यमान रहें और कोई जनहानि ना हो। वन और वन्य जीव के क्षेत्र में प्रदेश की साख बेहतर हुई है, टाइगर और चीतों के संरक्षण में मध्यप्रदेश, देश में प्रथम है। प्रदेश में हाथियों पर केंद्रित पर्यटन संभावनाओं को तलाशते हुए गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट को उनके जन्मदिन पर बधाई दी।

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