यदि आप अपनी Kedarnath धाम यात्रा के दौरान उत्तराखंड की यात्रा कर रहे हैं, तो आप अपनी यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले इन प्रसिद्ध मंदिरों के भी दर्शन कर सकते हैं। इन मंदिरों से आपकी केदारनाथ यात्रा सफल होगी और ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन के अलावा आपको देवभूमि की भव्यता को करीब से देखने का अनूठा अवसर भी मिलेगा।
1. धारी देवी: धारी देवी मंदिर, Kedarnath यात्रा के दौरान श्रीनगर गढ़वाल और रुद्रप्रयाग के बीच कलियासौड़ नामक स्थान पर स्थित है। अलकनंदा के मध्य में खंभों के सहारे तैरता हुआ यह मंदिर पर्यटकों और शौकीनों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ऐसा कहा जाता है कि धारी देवी से मिले बिना चार धाम की यात्रा सफल नहीं होती है। आप Kedarnath धाम जाते वक्त या फिर वापस लौटते समय यहां दर्शन कर सकते हैं|
2. विश्वनाथ मंदिर: Kedarnath यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों में से एक विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में स्थित है। Kedarnath धाम के रास्ते में बाबा केदार की डोली भी यहीं रुकती है और विश्राम करती है। यह मंदिर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से काफी मिलता-जुलता है। मंदिर के ठीक पीछे चौखम्बा पर्वत की बर्फ से ढकी चोटियाँ इसे आकर्षक बनाती हैं। कहा जाता है कि इसी स्थान पर भगवान शिव ने पार्वती के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था।
3. शंकराचार्य समाधि: Kedarnath मंदिर के ठीक पीछे शंकराचार्य समाधि स्थल है। इस समाधि स्थल की खास बात यह है कि उनकी प्रतिमा ठीक उसी स्थान पर स्थापित है, जहां हजारों साल पहले शंकराचार्य ने समाधि ली थी। इसे मंदिर के गर्भगृह के बराबर दूरी पर बनाया गया था। बेहद खूबसूरत दिखने वाली इस जगह पर आना और वहां ध्यान करना अपने आप में शांति का अनोखा अनुभव है।
4. भैरवनाथ मंदिर: ऐसे बहुत से भक्त हैं जो बाबा केदार की यात्रा पर आते हैं और Kedarnath धाम में महादेव से मिलकर लौट जाते हैं, लेकिन यहां पर केदारनाथ मंदिर से करीब 800 मीटर ऊपर भैरवनाथ मंदिर है। जिन्हें Kedarnath धाम का क्षेत्रपाल (रक्षक) भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, केदारनाथ मंदिर के दर्शन के बाद आपको भैरवनाथ के दर्शन भी अवश्य करने चाहिए।
5. त्रियुगीनारायण मंदिर: गुप्तकाशी के विश्वनाथ मंदिर में भगवान शिव द्वारा पार्वती के सामने विवाह का प्रस्ताव रखने के बाद, उन्होंने त्रियुगीनारायण मंदिर में विवाह किया। कहा जाता है कि यहां सदियों तक अखंड ज्योति जलती रही। आजकल यह मंदिर विवाह स्थल के रूप में लोकप्रिय है। देश-विदेश से प्रेमी जोड़े यहां शादी के पवित्र बंधन में बंधने के लिए आते हैं। केदारनाथ यात्रा के दौरान इस मंदिर के अलावा आसपास कालीमठ, सारी गांव, देवरिया ताल, ओंकारेश्वर मंदिर, चोपता आदि भी देख सकते हैं। हालाँकि, यदि आप केदारनाथ यात्रा पूरी करके लौट रहे हैं तो यहाँ आना उचित है।