Tag: India Government

  • Indian government सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को दो साल के राष्ट्रव्यापी उत्सव के साथ मनाएगा

    Indian government सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को दो साल के राष्ट्रव्यापी उत्सव के साथ मनाएगा

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में Indian government, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी

    • फैसले के घोषणा करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, यह समारोह सरदार पटेल की उल्लेखनीय उपलब्धियों और एकता की भावना के प्रतीक का साक्षी होगा
    • दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्रों में से एक भारत के लोकतंत्र की स्थापना के पीछे एक विज़नरी के रूप में सरदार पटेल जी की स्थायी विरासत और कश्मीर से लक्षद्वीप तक भारत के एकीकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका अमिट है

    केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी।

    इस फैसले की घोषणा करते हुए X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में श्री अमित शाह ने कहा कि दुनिया के सबसे मजबूत लोकतंत्रों में से एक भारत के लोकतंत्र की स्थापना के पीछे एक विज़नरी के रूप में सरदार पटेल जी की स्थायी विरासत और कश्मीर से लक्षद्वीप तक भारत के एकीकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका अमिट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार, सरदार पटेल के महान योगदान के सम्मान स्वरूप उनकी 150वीं जयंती को 2024 से 2026 तक दो वर्ष तक चलने वाले राष्ट्रव्यापी समारोह के रूप में मनाएगी। श्री शाह ने कहा कि यह समारोह सरदार पटेल की उल्लेखनीय उपलब्धियों और एकता की भावना के प्रतीक का साक्षी होगा।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Bhagwant Mann ने अमित शाह के सामने उठाया खरीद का मुद्दा

    CM Bhagwant Mann ने अमित शाह के सामने उठाया खरीद का मुद्दा

    CM Bhagwant Mann: राज्य में खरीद प्रक्रिया को और सुचारू बनाने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री से हस्तक्षेप करने को कहा

    • मिलर्स और केंद्र के बीच बैठक के सकारात्मक परिणाम की उम्मीद

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में सुचारू खरीद अभियान चलाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की।

    केंद्रीय गृह मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने उन्हें सुचारू खरीद कार्यों में आने वाली अड़चनों से अवगत कराया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि परिवहन लागत, भंडारण की कमी, हाइब्रिड किस्म की गुणवत्ता जारी करना और शेलर मालिकों को नुकसान जैसे मुद्दे खरीद प्रक्रिया को खतरे में डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से आग्रह किया कि देश के व्यापक हित में इन मुद्दों के समाधान की ओर ध्यान दें।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान, आढ़ती और मिलर देश में खाद्य सुरक्षा की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि किसान अनाज का उत्पादन करते हैं, जबकि आढ़तियां और मिलर यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी खरीद, भंडारण और उठाव ठीक से हो। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 185 लाख मीट्रिक टन धान की उम्मीद है और राज्य सरकार ने अनाज की सुचारू खरीद के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।

    हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल मालिकों के कुछ मुद्दे जैसे भंडारण स्थान, ड्राएज और परिवहन केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जिसके कारण उठाने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने पहले ही इन मुद्दों को केंद्र सरकार के साथ उठाया था, जिसमें बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री के साथ मिलर्स की बैठक नई दिल्ली में आयोजित होने वाली है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को मिल-मालिकों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए ताकि उपार्जन प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछले विपणन मौसम में देर से मिलिंग के कारण १२० लाख मीट्रिक टन भंडारण स्थान अभी तक मुक्त नहीं किया जा सका है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र को इस जगह को मुक्त करने के लिए तुरंत अपने पहियों को गति देनी चाहिए ताकि आगे मिलिंग शुरू हो सके।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुचारू क्रियान्वयन के लिए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि चूंकि गेहूं का मौसम भी आने वाला है, इसलिए यह देश के व्यापक हित में है कि इस मुद्दे को तुरंत हल किया जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार देश के खाद्य उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

    एक अन्य मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को आरडीएफ में राज्य के लंबित हिस्से को तुरंत जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने इसके लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और अब यह सही समय है कि केंद्र को यह पैसा जारी करना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य भिखारी नहीं हैं और उन्हें परेशान करने के बजाय केंद्र द्वारा उनके वैध हिस्से की धनराशि दी जानी चाहिए।

    source: http://ipr.punjab.gov.in

  • कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

    किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्‍यक मात्रा में उर्वरक उपलब्‍ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्‍यकतानुसार उर्वरक उपलब्‍ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

  • CM Bhagwant Mann की कोशिशें रंग लाई, भारत सरकार ने मिल मालिकों और आढ़तियों की मुख्य मांगें मानी

    CM Bhagwant Mann की कोशिशें रंग लाई, भारत सरकार ने मिल मालिकों और आढ़तियों की मुख्य मांगें मानी

    CM Bhagwant Mann ने मिल मालिकों और आढ़तियों से किए वादे पूरे किए, केंद्र सरकार के समक्ष उठाए मुद्दे

    •  केंद्र सरकार ने अतिरिक्त स्टोरेज क्षमता के लिए 31 मार्च 2025 तक राज्य से 120 लाख मीट्रिक टन अनाज उठाने की सहमति दी
    •  एफ.सी.आई. के डिपो में चावल की डिलीवरी के लिए लगने वाले ट्रांसपोर्टेशन खर्च की भरपाई करेगी भारत सरकार
    • समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए ड्रायेज की 1 प्रतिशत बहाली की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन
    • कम पानी की खपत वाली धान की किस्मों को लाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने पंजाब की सराहना की
    • आढ़तियों का कमीशन एम.एस.पी. का 2.5% बहाल करने पर केंद्र विचार करेगा

    पंजाब के आढ़तियों और चावल मिल मालिकों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने CM Bhagwant Mann द्वारा केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के साथ बैठक के दौरान उठाई गई प्रमुख मांगों को मान लिया है।

    केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में धान की खरीद एक त्यौहार की तरह होती है। उन्होंने बताया कि पंजाब की अर्थव्यवस्था इस खरीद सीजन पर निर्भर करती है और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह सीजन बहुत महत्वपूर्ण है। भगवंत सिंह मान ने बताया कि मौजूदा खरीफ खरीद सीजन 2024-25 के दौरान पंजाब में 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की संभावना है और मिलिंग के बाद 125 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी का अनुमान है।

    मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि मौजूदा सीजन के दौरान स्टोरेज की कमी लगातार हो रही है और अब तक सिर्फ सात लाख मीट्रिक टन क्षमता ही उपलब्ध है, जिससे राज्य के मिल मालिकों में व्यापक असंतोष है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे मंडियों में धान की खरीद/उठान पर बुरा असर पड़ रहा है, जिससे किसानों के बीच भी नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से अपील की कि खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने के लिए 31 मार्च 2025 तक राज्य से कम से कम 20 प्रतिशत अनाज की उठान सुनिश्चित की जाए। इसके लिए ओएमएसएस/इथेनॉल के लिए निर्धारित/निर्यात/कल्याण योजनाओं और अन्य श्रेणियों के तहत चावल की उठान बढ़ाई जाए।

    मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री जोशी ने मार्च 2025 तक राज्य से 120 लाख मीट्रिक टन धान की उठान सुनिश्चित करने पर सहमति जताई।

    चावल की डिलीवरी के लिए मिल मालिकों को परिवहन खर्च की अदायगी का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि कई बार मिलिंग केंद्रों में स्टोरेज की जगह न होने के कारण एफसीआई मिल मालिकों को अपने डिपो पर चावल पहुंचाने के लिए कहता है, जो अधिकांश मामलों में 50 से 100 किलोमीटर के दायरे में होते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कई मामलों में ये डिपो राज्य के बाहर भी स्थित होते हैं, जिससे मिल मालिकों पर परिवहन लागत के रूप में अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की लागत चावल मिल मालिकों और राज्य की खरीद एजेंसियों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों में शामिल नहीं होती।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए एफसीआई के डिपो तक चावल की डिलीवरी के लिए आने वाले अतिरिक्त परिवहन खर्च की पूर्ति करने की मांग जायज है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि मिल मालिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि चावल की डिलीवरी के लिए परिवहन खर्च की अदायगी वास्तविक दूरी के अनुसार की जानी चाहिए और इसमें बैकवर्ड चार्ज और अन्य खर्चों की कटौती न हो। इस मुद्दे के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने भगवंत सिंह मान को आश्वासन दिया कि इस संबंध में मिल मालिकों को आने वाले परिवहन खर्च को केंद्र सरकार वहन करेगी।

    धान की ड्राइएज का मुद्दा उठाते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि दशकों से एमएसपी पर खरीद के लिए एक प्रतिशत ड्राइएज की अनुमति थी, जिसे बिना किसी विचार-विमर्श और बिना वैज्ञानिक सर्वेक्षण के 2023-24 के खरीफ सीजन में डीएफपीडी द्वारा एकतरफा घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे चावल मिल मालिकों को अनावश्यक वित्तीय नुकसान हुआ है, जो पहले से ही भंडारण के लिए जगह की कमी के कारण वित्तीय दबाव में थे और इससे उनके बीच असंतोष और बढ़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि जैसे स्थान की कमी के कारण पिछले मिलिंग सीजन को 31 मार्च से आगे बढ़ाया गया था, जिसके परिणामस्वरूप गर्मी के मौसम के कारण अप्रैल से 24 जुलाई तक धान के सूखने/वजन घटने/रंग बदलने के कारण अधिक नुकसान हुआ था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि खरीफ सीजन 2023-24 से पहले की तरह ड्राइएज को एमएसपी के एक प्रतिशत तक बहाल किया जा सकता है और जहां एफसीआई को दिए गए सीएमआर/एफआर में नमी की मात्रा 14 प्रतिशत से कम हो, वहां 31 मार्च के बाद डिलीवरी के लिए मिलरों को उचित मुआवजा दिया जा सकता है।

    ड्राइएज के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने कहा कि इस संबंध में उसने आईआईटी खड़गपुर से पहले ही एक सर्वेक्षण करवाया है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में पंजाब के दृष्टिकोण को भी शामिल किया जाएगा।

    धान की हाइब्रिड किस्मों के आउट-टर्न अनुपात का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ग्रेड-ए धान के लिए आउट-टर्न अनुपात 67 प्रतिशत तय किया गया है। उन्होंने कहा कि ग्रेड-ए धान की पारंपरिक किस्मों के लिए अधिक पानी की खपत को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने राज्य में कुछ हाइब्रिड किस्मों की खेती को प्रोत्साहित किया है। भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि कम समय में पकने वाली इन किस्मों में पानी की कम खपत होती है और अधिक उपज देती हैं, जिससे किसानों की आय में वृद्धि स्वाभाविक है।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि मिल मालिकों ने जानकारी दी है कि इन किस्मों का आउट-टर्न अनुपात 67 प्रतिशत से कम है, जिसका पुनर्मूल्यांकन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि वह धान की इन किस्मों के आउट-टर्न अनुपात का अध्ययन करने के लिए केंद्रीय टीमों को नियुक्त करें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने धान की कम पानी की खपत वाली किस्मों को लाने की पंजाब सरकार की अनूठी पहल की सराहना की। उन्होंने ऐसी और किस्मों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार को पूरी मदद और सहयोग देने का आश्वासन दिया।

    एक और मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने पंजाब एपीएमसी अधिनियम के तहत आढ़तियों को कमीशन भत्ता देने की जोरदार अपील की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले पांच वर्षों/2019-20 से आढ़तियों को दिए जा रहे कमीशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि इन वर्षों के दौरान उनके खर्चे कई गुना बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हर साल बढ़ाया जाता है जबकि 2019-20 से ही आढ़तियों को 45.38 से 46 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कमीशन दिया जा रहा है। हालांकि पंजाब राज्य कृषि उत्पादन बाजार समिति अधिनियम के नियम और उप-नियमों के तहत आढ़तियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2.5% कमीशन देने का प्रावधान है, जो मौजूदा खरीफ सीजन में 58 रुपए प्रति क्विंटल बनता है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान खरीद में कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों के बावजूद, श्रमिकों की कमी, मौसम की गड़बड़ी और मशीनों द्वारा कटाई के कारण मंडियों में तेजी से आवक को सुनिश्चित करने के बावजूद आढ़तियों ने केंद्रीय पूल के तहत अनाज की निर्बाध खरीद सुनिश्चित की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य द्वारा पिछले तीन वर्षों से हर साल केंद्रीय पूल में 45-50 प्रतिशत गेहूं का योगदान देकर देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि इससे गेहूं के बफर स्टॉक को बनाए रखने, खुले बाजार में गेहूं और आटे की कीमतों को नियंत्रित करने और महंगाई को रोकने में मदद मिली है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आढ़तियों के कमीशन में कोई वृद्धि न होने के कारण आढ़तियों में भारी असंतोष है। भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि आढ़तियों के कमीशन को न्यूनतम समर्थन मूल्य के 2.5 प्रतिशत करने की अनुमति दी जाए। केंद्रीय मंत्री ने भगवंत सिंह मान को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार और आढ़तियों की इस मांग पर अगली बैठक में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।

  • केंद्रीय मंत्री Dr. Jitendra Singh ने भारत दर्शन यात्रा पर निकले जम्मू-कश्मीर के छात्रों से बातचीत की

    केंद्रीय मंत्री Dr. Jitendra Singh ने भारत दर्शन यात्रा पर निकले जम्मू-कश्मीर के छात्रों से बातचीत की

    Dr. Jitendra Singh ने छात्रों को नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और बेहतर भविष्य के लिए नए स्टार्टअप अवसरों के बारे में जानने की सलाह दी

    केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री Dr. Jitendra Singh  ने आज जम्मू एवं कश्मीर के छात्रों के साथ लंच पर बातचीत की। ये बच्चे भारत सरकार के भारत दर्शन कार्यक्रम के तहत दिल्ली में हैं। इसका संचालन जम्मू एवं कश्मीर पुलिस द्वारा किया जा रहा है।

    डॉ. जितेंद्र सिंह छात्रों की जिज्ञासा, अवलोकन कौशल, आईक्यू स्तर से प्रभावित हुए और उन्हें नई तकनीकों को अपनाने, स्टार्टअप के नए अवसरों के बारे में जानने और समाज के विभिन्न क्षेत्रों, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी, जैव रसायन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नए विकास से परिचित होने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों से सूचना और ज्ञान प्राप्त करने के लिए अपने स्मार्टफोन का उपयोग करने का आग्रह किया।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया, जो उन्हें अपने पूर्वजों के कौशल को हासिल करने और बढ़ाने में मदद करेगी।

    image002W6VP

    केंद्रीय मंत्री ने छात्रों को जम्मू-कश्मीर में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों के बारे में बताया जो सेब की पैदावार को दोगुना करने और इनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को लाभान्वित करने वाली बैंगनी क्रांति के बारे में भी बताया जो न केवल लैवेंडर उगाते हैं बल्कि इससे इत्र और तेल भी बनाते हैं जिससे उन्हें अच्छी कमाई होती है।

    डॉ. जितेंद्र सिंह ने बच्चों से कहा कि वे अपने शिक्षकों से अनुरोध करें कि वे उन तक नए दृष्टिकोण पहुंचाएं और अपनी शिक्षा में नए विचारों को शामिल करें। उन्होंने दल में शामिल जम्मू-कश्मीर पुलिस अधिकारियों से भी अनुरोध किया कि वे शिक्षकों के लिए ऐसी कार्यशालाएं आयोजित करें जो छात्रों के लिए लाभकारी हों।

    जम्मू-कश्मीर पुलिस के सात अधिकारियों के साथ करीब 70 छात्र थे। उनमें से करीब आधे उन लोगों के परिवार से हैं जो युद्ध में मारे गए थे। ये छात्र सबसे पहले बेंगलुरु गए, जहां उन्होंने अन्य जगहों के अलावा विश्वेश्वरैया औद्योगिक और प्रौद्योगिकी संग्रहालय, बेंगलुरु का दौरा किया। यह दौरा 09 अक्टूबर, 2024 को शुरू हुआ। वे सभी हवाई यात्रा कर रहे हैं और कल वापस लौटेंगे।

    source: http://pib.gov.in

  • TCIL ने भारत सरकार को वर्ष 2023-24 के लिए 33.72 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया।

    TCIL ने भारत सरकार को वर्ष 2023-24 के लिए 33.72 करोड़ रुपये का लाभांश भुगतान किया।

    TCIL के सीएमडी ने संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को लाभांश चेक सौंपा।

    यह वर्ष 2022-23 की तुलना में लाभांश राशि में 137% की सालाना बढ़ोतरी को दर्शाता है।

    टेलीकॉम कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (TCILने आज वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार को 33.72 करोड़ रुपये लाभांश का भुगतान किया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजीव कुमार ने दूरसंचार विभाग (डीओटीके सचिव डॉनीरज मित्तल की उपस्थिति में संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एमसिंधिया को लाभांश चेक प्रदान किया।

    सरकार के पास टीसीआईएल में 100 प्रतिशत इक्विटी है और वर्ष 2022-23 मेंपीएसयू ने वर्ष 2022-23 के लिए सरकार को 14.19 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था। यह टीसीआईएल की ओर से सरकार को भुगतान की जाने वाली लाभांश राशि में 137% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता हैजो वित्तीय मजबूती और स्थिरता को प्रदर्शित करता है।

    टेलीकॉम कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (टीसीआईएलने आज वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार को 33.72 करोड़ रुपये लाभांश का भुगतान किया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री संजीव कुमार ने दूरसंचार विभाग (डीओटीके सचिव डॉनीरज मित्तल की उपस्थिति में संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एमसिंधिया को लाभांश चेक प्रदान किया।

    सरकार के पास टीसीआईएल में 100 प्रतिशत इक्विटी है और वर्ष 2022-23 मेंपीएसयू ने वर्ष 2022-23 के लिए सरकार को 14.19 करोड़ रुपये का लाभांश दिया था। यह टीसीआईएल की ओर से सरकार को भुगतान की जाने वाली लाभांश राशि में 137% की वार्षिक वृद्धि दर्शाता हैजो वित्तीय मजबूती और स्थिरता को प्रदर्शित करता है।

    source: http://pib.gov.in

  • Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: कृषि एवं पशुपालन में किसान नवीन तकनीक अपनाएं

    केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर टोंक में मंगलवार को एक दिवसीय भेड़-बकरी और खरगोश उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना मिशन पर केंद्रित कार्यशाला आरंभ 2.0 का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्र सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों एवं पशुपालकों को परंपरागत खेती और पशुपालन के स्थान पर नवीन तकनीक को अपनाना चाहिए। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का प्रयास है कि किसानों की आमदनी दुगनी हो, ताकि व आर्थिक रूप से संपन्न हो सके। यह तभी संभव है जब हम उन्नत वैज्ञानिक तकनीक एवं नस्लों का चयन करके खेती एवं पशुपालन का कार्य करेंगे। उन्होंने गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान के उपयोग पर जोर दिया। जिससे देश को दुग्ध उत्पादन मे बढ़ोतरी के साथ बेसहारा गौवंश से मुक्ति मिले।
    श्री बेघल ने विकसित राष्ट्र निर्माण मे समान शिक्षा एवं चिकित्सा को आवश्यक बताया। उन्होंने शिक्षा की महत्ता जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले जाने में सहायक है। उन्होंने भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद् के वैज्ञानिको की कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की सराहना की।
    कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि राज्य के पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग पर आभार व्यक्त किया। श्री कुमावत ने कहा कि हमारा विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालकों के सहयोग के लिए उपलब्ध करा रहा है। जिससे किसानों द्वारा 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर पशु चिकित्सा टीम रोगी पशुओं का इलाज समय पर कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गोपालक किसान परिवार को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह ऋण एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है। किसान द्वारा ऋण का समय पर चुकारा करने पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
    राज्य के जलदाय मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा इस संस्थान में क़ृषि और गौवंश से संबंधित और भी प्रशिक्षण व शोध संस्थान खुलने चाहिए। जिससे यहाँ के किसान एवं पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर और लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा स्थानीय किसानों को समय-समय पर बेहतर प्रशिक्षण मिलने से वे नवीन तकनीकों को अपना रहे है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
    आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. राघवेंद्र भट्ट ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर एवं भारत में स्थित अन्य संस्थानों द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के हित में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने अविकानगर संस्थान एवं उनके क्षेत्रीय केंद्र द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन में अपनाई गई नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा उन्नत नस्ल के पशुओ, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने सभी अतिथियों को संस्थान का भ्रमण करवाकर किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।
  • UNFPA ने मातृ स्वास्थ्य और परिवार नियोजन में अग्रणी भूमिका के लिए भारत का सम्मान किया

    UNFPA ने मातृ स्वास्थ्य और परिवार नियोजन में अग्रणी भूमिका के लिए भारत का सम्मान किया

    UNFPA: 2000 और 2020 की अवधि में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को 70 प्रतिशत तक कम करने के भारत के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना

    संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने मातृ स्वास्थ्य और परिवार नियोजन को आगे बढ़ाने में भारत की उल्‍लेखनीय प्रगति को मान्यता दी है। यूएनएफपीए की कार्यकारी निदेशक डॉ. नतालिया कनम ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्रीमती पुण्य सलिला श्रीवास्तव को पट्टिका और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया। उन्‍होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में भारत के साथ साझेदारी के लिए यूएनएफपीए की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, मातृ मृत्यु दर को शून्‍य पर लाने के उद्देश्‍य की प्राप्ति के लिए मातृ स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है। इनमें सुरक्षित मातृत्व आश्वासन योजना (सुमन), प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) और दाई सेवा पहल के तहत सुनिश्चित गुणवत्ता और सम्मानजनक मातृत्व देखभाल शामिल है।

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अतिरिक्त सचिव और मिशन निदेशक श्रीमती आराधना पटनायक, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) की संयुक्त सचिव श्रीमती मीरा श्रीवास्तव, यूएनएफपीए के एशिया प्रशांत क्षेत्रीय निदेशक श्री पियो स्मिथ और यूएनएफपीए में भारत की प्रतिनिधि सुश्री एंड्रिया एम. वोजनार की उपस्थिति में, डॉ. कनम ने 2000 और 2020 के बीच मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को 70 प्रतिशत तक कम करने में भारत के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की, जिससे भारत 2030 से पहले एमएमआर को 70 प्रतिशत से नीचे लाने के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने की स्थिति में आ गया है। इस उल्लेखनीय प्रगति ने देश भर में हजारों महिलाओं, विशेष रूप से वंचित समुदायों की महिलाओं के जीवन को बचाया है।

    image0020WHP

    भारत का परिवार नियोजन कार्यक्रम नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, कुल प्रजनन दर प्रतिस्थापन स्तर (टीएफआर-2) से नीचे आ गई है। पिछले कुछ वर्षों में और हाल ही में सबडर्मल इम्प्लांट्स और इंजेक्टेबल डिपो मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन एसीटेट (डीएमपीए) को शामिल करने के साथ-साथ यूएनएफपीए ने गर्भनिरोधक विकल्पों का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    जैसे कि भारत ने मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य (पीएमएनसीएच) और परिवार नियोजन 2030 (एफपी 2030) वैश्विक साझेदारी में प्रमुख स्थान प्राप्त किया, वैश्विक प्रजनन स्वास्थ्य मंचों पर मंत्रालय की अग्रणी भूमिका को स्वीकार किया गया है।

    बैठक के दौरान, डॉ. कनम ने महिलाओं, लड़कियों और युवाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने में भारत के प्रयासों में सहयोग के लिए यूएनएफपीए की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

    यूएनएफपीए, भारत सरकार के साथ साझेदारी के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। हमारा देश ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण की ओर आगे बढ़ रहा है और यह आयोजन भारत में प्रत्येक महिला और युवा व्यक्ति के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के साझा मिशन की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

    इस कार्यक्रम में परिवार नियोजन/गर्भाधान-पूर्व एवं प्रसव-पूर्व निदान तकनीक/एबीपी अतिरिक्त आयुक्त डॉ. इंदु ग्रेवाल, मातृ स्वास्थ्य एवं टीकाकरण अतिरिक्त आयुक्त डॉ. पवन कुमार, पोषण एवं किशोर स्वास्थ्य उपायुक्त डॉ. जोया अली रिजवी, यूएनएफपीए के प्रतिनिधि और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Mann के हस्तक्षेप पर आरती ने जताया आंदोलन

    CM Mann के हस्तक्षेप पर आरती ने जताया आंदोलन

    CM Mann: अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, हम इस मामले को मजबूती से उठाएंगे

    • कहा राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
    • सरकार आढ़तियों के हितों की रक्षा के लिए सभी उपाय करेगी: सीएम मान

    धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को आरतियों के साथ विचार-विमर्श किया जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन वापस लेने का फैसला किया।

    मुख्यमंत्री ने फेडरेशन ऑफ आरथिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब विजय कालरा के अध्यक्ष के नेतृत्व में आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार आरतियों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आढ़तियों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जो इसके प्रति ठंडे बस्ते में पड़ रही है.

    हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आढ़तियों की आवाज बनकर उभरेगी और केंद्र के साथ उनके मुद्दों को मजबूती से उठाएगी। उन्होंने कहा कि आढ़तियों के शुल्क में वृद्धि का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा क्योंकि इससे आढ़तियों को 192 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जनवरी 2025 तक आढ़तियों के इस नुकसान की भरपाई करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार कोई शरारत करेगी तो राज्य सरकार आरती के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को अदालतों में ले जाने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आढ़तियों के साथ उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर 50 दिनों के बाद बैठकें आयोजित की जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार के पास लंबित आढ़तियों के ईपीएफ के 50 करोड़ रुपये जारी करने के मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ भी उठाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने पूरी खरीद प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि वे पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण धुरी थे।

    उन्होंने कहा कि आढ़तियां किसानों की अवैतनिक सीए हैं, जिनके पास उनकी उपज और वित्तीय लेनदेन सहित किसानों के सभी रिकॉर्ड हैं। भगवंत सिंह मान ने अपने जिले संगरूर के आढ़तियों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव को भी याद किया

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह राज्य में खरीद कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से मंडियों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान की खरीद और उठान को सुचारू और परेशानी मुक्त तरीके से सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीद सीजन के दौरान किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने के लिए 185 एलएमटी धान खरीदने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जा रही है और पंजाब 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रख रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा केएमएस 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की सीसीएल पहले ही जारी की जा चुकी है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस सीजन में ग्रेड ‘ए’ धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के साथ-साथ राज्य खरीद एजेंसियां जैसे पुंग्रेन, मार्कफेड, पनसप, पीएसडब्ल्यूसी भारत सरकार द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद के लिए पूरी तैयारी की गई है, यह कहते हुए कि राज्य सरकार धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद और उठान के लिए प्रतिबद्ध है।

    मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार ने मंडियों में आते ही किसानों की फसल खरीदने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र विकसित किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाजार में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

    source: http://ipr.punjab.gov.in

  • CM Mann के हस्तक्षेप के नतीजे निकले: मिलर्स ने हड़ताल वापस ली

    CM Mann के हस्तक्षेप के नतीजे निकले: मिलर्स ने हड़ताल वापस ली

    CM Mann भारत सरकार के समक्ष अपनी प्रमुख मांगों को रखेंगे

    • राज्य से जुड़ी प्रमुख मांगों को माना
    • मार्च 2025 तक लगभग 90 लाख टन का भंडारण स्थान सुनिश्चित किया जाएगा
    • इस महीने के अंत तक लगभग 15 लाख टन गेहूं और धान राज्य से बाहर ले जाया जाएगा

    पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार भारत सरकार के समक्ष उनकी सभी जायज मांगों को उठाएगी, जिसके बाद मिलर्स एसोसिएशन ने शनिवार को अपना आंदोलन वापस ले लिया।

    एसोसिएशन के साथ बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही भारत सरकार के साथ जगह की कमी के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई है, जिसके बाद केंद्र सरकार पहले ही दिसंबर 2024 तक राज्य में 40 लाख टन और मार्च 2025 तक 90 लाख टन जगह मुक्त करने पर सहमत हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने आवश्यक गेहूं और धान की आवाजाही के लिए लिखित आश्वासन दिया है। भगवंत सिंह मान सिंह मान ने कहा कि एफसीआई ने राज्य में 15 लाख टन गेहूं और धान की ढुलाई के लिए योजना पहले ही प्रस्तुत कर दी है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के स्वामित्व/किराए के गोदामों में 48 लाख गेहूं का भंडारण किया गया है और मार्च 2025 तक इसका संचलन पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद मुफ्त भंडारण का उपयोग धान के विधिवत भंडारण के लिए किया जाएगा, जिसके लिए उपायुक्त के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम द्वारा व्यवहार्यता का पता लगाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि समिति में एफसीआई और राज्य एजेंसियों के सदस्य होंगे जो स्टोर से अनाज के सुचारू आवागमन की निगरानी करेंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन मिलर्स के पास 5000 टन से अधिक धान भंडारण क्षमता है, उन्हें अधिग्रहण लागत के 5% के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। हालांकि उन्होंने कहा कि अब मिलर से बैंक गारंटी लेने के बजाय मिल की जमीन के भू-रिकॉर्ड के आधार पर विभाग के पक्ष में ग्रहणाधिकार लिया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने भी दी अपनी सहमति मिलर की 10% सीएमआर प्रतिभूतियां जो लंबे समय से लंबित थीं।

    मुख्यमंत्री ने इस बात पर सहमति जताते हुए मिलर्स को बड़ी राहत भी दी कि अब से मिलर्स को 10 रुपये प्रति टन की दर से सीएमआर देना होगा। मिलर्स की एक अन्य मांग को स्वीकार करते हुए, उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन को भौतिक सत्यापन से छूट देने की भी मंजूरी दी। भगवंत सिंह मान ने भी सहमति व्यक्त की कि केएमएस 2024-25 के लिए मिलिंग एफआरके निविदा के बाद शुरू की जाएगी।

    मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नमी की मात्रा की जांच के लिए शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक धान की कटाई न हो। उन्होंने मंडी बोर्ड को एफसीआई की तर्ज पर नमी मीटर खरीदने के लिए भी कहा और धान की खरीद के दौरान 17% नमी सुनिश्चित की जानी चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार एमएसपी के 0.50% से 1% तक ड्रेज बहाली, मिलिंग सेंटर के बाहर सुपुर्द चावल के लिए परिवहन प्रभारों की प्रतिपूत और बैकवर्ड मूवमेंट प्रभारों और अन्य को संघ सरकार से प्रभारित नहीं करना।

    source: http://ipr.punjab.gov.in


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/jcaxzbah/hindinewslive.in/wp-includes/functions.php on line 5464