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  • CM Yogi ने चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की

    CM Yogi ने चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की

    CM Yogi : नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत्वृद्धि हो रही, वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक विविध माध्यमों से 1.16 लाख करोड़ रु0 से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ

    • यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, जनता के हित में तथा लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी हमें राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए स्रोत भी बनाने चाहिए
    • लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक जी0एस0टी0 पंजीकृत व्यापारी, इसे और बढ़ाया जाना चाहिए
    • अवैध मदिरा/कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली, ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए
    • सामान्यजन की जरूरतों के दृष्टिगत स्टाम्प एवं निबन्धन से जुड़े नियमों को और सरल बनाया जाना चाहिए, रजिस्ट्री से राजस्व बढ़ाने के नए विकल्पों पर भी विचार किया जाए
    • खनन क्षेत्र में काफी पोटेंशियल, इसे पहचानें और राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने जी0एस0टी0, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा विभागों में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया तथा विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक विविध माध्यमों से 1.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व संग्रह हुआ है। इसमें जी0एस0टी0/वैट से लगभग 64 हजार करोड़ रुपये, एक्साइज टैक्स के रूप में 26 हजार करोड़ रुपये, स्टाम्प एवं पंजीयन से 17,700 करोड़ रुपये, खनन से 2,000 करोड़ रुपये तथा परिवहन से 6,300 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रहीत कर राजस्व सम्मिलित है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, जनता के हित में तथा लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए नए स्रोत भी बनाने चाहिए। हर जनपद को दिए गए टारगेट की साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समीक्षा करें। राजस्व संग्रह बढ़ोत्तरी के लिए किए गए प्रयासों के आधार पर हर एक अधिकारी की रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक जी0एस0टी0 पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में अपार सम्भावनाएं हैं, उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। अधिकारियों की जवाबदेही तय करें। पोसिं्टग मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जी0एस0टी0 की चोरी/अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता को और बढ़ाया जाना आवश्यक है। यद्यपि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी/अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अभी कार्यशैली को और बेहतर करने की गुंजाइश है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व बढ़ोत्तरी में एक्साइज विभाग की बड़ी भूमिका है। जनपदवार टारगेट की साप्ताहिक समीक्षा करें। जहां भी लापरवाही हो रही हो, सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई में देर न करें। यह सुनिश्चित कराएं कि डिस्टिलरी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज हो। नदियां इनके वेस्ट से प्रदूषित न हों। इण्डस्ट्री से संवाद करें, उन्हें तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करें। अवैध मदिरा/कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली है। ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए। दूसरे प्रदेशों से अनाधिकृत मदिरा प्रदेश में न आने पाए, इसके लिए हर समय एक्टिव रहना होगा। राजस्व संग्रह लक्ष्य के सापेक्ष आबकारी विभाग द्वारा और बेहतर प्रयास किया जाना अपेक्षित है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सामान्यजन की जरूरतों के दृष्टिगत स्टाम्प एवं निबन्धन से जुड़े नियमों को और सरल बनाया जाना चाहिए। बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए। आवास एवं विकास परिषद, विकास प्राधिकरण अथवा निजी बिल्डर, जहां कहीं भी रजिस्ट्री लम्बित है, दोनों पक्षों से संवाद कर हल निकालें। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। रजिस्ट्री से राजस्व बढ़ाने के नए विकल्पों पर भी विचार किया जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बिना परमिट/बिना फिटनेस एक भी वाहन सड़क पर नहीं चलना चाहिए। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जागरूकता बढाएं। खनन सत्र प्रारम्भ हो चुका है। अवैध खनन तथा ओवरलोडिंग की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाएं। खनन क्षेत्र में काफी पोटेंशियल है, इसे पहचानें और राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें।

    इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi Adityanath ji  ने लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

    CM Yogi Adityanath ji ने लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की

    CM Yogi Adityanath ji: विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले

    • सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए
    • प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त, गड़बड़ी मिलने पर जे0ई0 से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी
    • एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होने पर कांट्रेक्टर/फर्म को ब्लैकलिस्ट कर कठोर कार्रवाई की जाएगी
    • प्रदेश की अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए
    • धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, इसके दृष्टिगत सड़कों का निर्माण/चौड़ीकरण किया जा रहा
    • सभी पंथों, सम्प्रदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए
    • सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की
    • भावना का पूरा ध्यान रखा जाए, कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए
    • शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंग रोड/फ्लाईओवर का निर्माण कराया जाना चाहिए, निर्माण कार्य का प्रस्ताव
    • शहर/कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए

    CM Yogi Adityanath ji ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक महत्वपूर्ण बैठक में लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्माणकार्यों में समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाए। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। गड़बड़ी मिलने पर जे0ई0 से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी। एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होने पर कांट्रेक्टर/फर्म को ब्लैकलिस्ट कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। पेटी कॉन्ट्रेक्टर/सबलेट की व्यवस्था स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि डी0पी0आर0 को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारम्भ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए तथा इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पूर्ण हो चुके कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराई जाए। सड़क और सेतु अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाओं को स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता काआंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें। इसके पश्चात मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु के निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय तहसील/ब्लॉक मुख्यालय योजना अन्तर्गत प्रदेश के समस्त तहसील/ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़े जाने का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। एक भी तहसील-एक भी ब्लॉक इससे अछूता न रहे। प्रदेश की अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराया जाए। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क किया जाए। मैत्री द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो। अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूर्ण/निर्माणाधीन हैं। अवशेष मार्गों पर प्रवेश द्वार निर्माण की कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों का निर्माण अब लोक निर्माण विभाग द्वारा ही कराया जा रहा है। यह किसानों-व्यापारियों के हित से जुड़ा प्रकरण है, इसे प्राथमिकता दें। यहां गड्ढे नहीं होने चाहिए। अभी लगभग 6000 किमी0 सड़कों का पुनर्निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इन्हें एफ0डी0आर0 तकनीक से बनाया जाना चाहिए। इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, इसके दृष्टिगत सड़कों के निर्माण/चौड़ीकरण किये जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक जिले के सिख, बौद्ध, जैन, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी सहित सभी पंथों, सम्प्रदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए। मार्ग का चयन मानक के अनुरूप ही हो। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर धर्मार्थ कार्य विभाग और सम्बन्धित जिलाधिकारी के सहयोग से इसे समय से पूरा कराया जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का पूरा ध्यान रखा जाए। कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए। सड़क निर्माण की कार्य योजना में मार्ग के बीच आने वाले वृक्षों के संरक्षण को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए। देवरिया-बरहज मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औद्योगिक विकास विभाग, एम0एस0एम0ई0 एवं जैव ऊर्जा विभाग द्वारा डिफेंस कॉरिडोर, औद्योगिक लॉजिस्टिक्स पार्क, औद्योगिक क्षेत्र और प्लेज पार्क योजना जैसी बड़े महत्व की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों तक आने-जाने के लिए चयनित मार्गों को यथासंभव फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाना चाहिए। ऐसे राज्य मार्ग जो वर्तमान में दो-लेन एवं दो-लेन से कम चौड़े हैं उन्हें लोक महत्ता के अनुरूप न्यूनतम दो-लेन विद पेव्ड शोल्डर की चौड़ाई में निर्माण किया जाना चाहिए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी विधान सभा क्षेत्रों के प्रमुख जिला मार्गों को न्यूनतम दो-लेन (7 मीटर) एवं अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन (5.50 मीटर) चौड़ाई में निर्माण कराया जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लेकर, प्राथमिकता तय करें और कार्य प्रारम्भ कराएं। क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थाई पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण प्रायः क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखा जाए। हर विधान सभा क्षेत्र में जरूरत के अनुसार 03 लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार की जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जनपदों से प्रस्ताव लें, जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो, कार्ययोजना में सम्मिलित करें। शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त/संकरे सेतुओं के स्थान पर नये सेतुओं का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसका लाभ सभी जनपदांे को मिलना चाहिए। रेल ओवरब्रिज/रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजें। राज्य सरकार द्वारा इसमें हर जरूरी सहयोग किया जाए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंग रोड/फ्लाईओवर निर्माण कराया जाना चाहिए। निर्माण कार्य का प्रस्ताव शहर/कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावट/ग्राम जिसकी आबादी 250 से अधिक हो तथा मार्ग की लम्बाई 01 किमी0 या उससे अधिक हो, उन्हें एकल कनेक्टिीविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण कराया जाए। इसी प्रकार, दो ग्रामों/बसावटों को जिनकी आबादी 250 से अधिक है, को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो। इसके लिए सर्वे कराएं, आवश्यकता को परखें, फिर निर्णय लें।

    source: http://up.gov.in

  • उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ji की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ji की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

    CM Yogi Adityanath ji की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के अन्तर्गत केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार की परियोजना की

    CM Yogi Adityanath ji: केन-बेतवा लिंक परियोजना के अन्तर्गत केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार की परियोजना की अनुमोदित लागत 1191.51 करोड़ रु0 का व्यय प्रस्ताव स्वीकृत मंत्रिपरिषद ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के अन्तर्गत केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार की परियोजना की अनुमोदित लागत 1191.51 करोड़ रुपये के व्यय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

    केन-बेतवा लिंक परियोजना नदी जोड़ो कार्यक्रम के अन्तर्गत जल संसाधन विकास के लिए राष्ट्रीय परिपेक्ष्य योजना (नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान) के भारत प्रायद्वीपीय घटक की 16 लिंक परियोजनाओं में से प्रथम परियोजना है। केन-बेतवा लिंक परियोजना सिंचाई, जल विद्युत और पेय जल आपूर्ति लाभों वाली उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्य के सूखाग्रस्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र की एक बहुउद्देशीय परियोजना है। इस परियोजना में केन नदी के अतिरिक्त जल को बेतवा नदी में प्रवाहित करने के लिए एक लिंक चैनल द्वारा दोनों नदियों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है।

    केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और भारत सरकार के मध्य दिनांक 22 मार्च, 2021 को सहमति ज्ञापन (एम0ओ0ए0) हस्ताक्षरित किया गया।

    केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यों को दिनांक 08 दिसम्बर, 2021 मंत्रिपरिषद भारत सरकार की बैठक में अनुमोदित किया गया। तत्क्रम में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के पत्र संख्या-एन-673037/4/2018/-बीएम सेक्शन दिनांक 22 दिसम्बर, 2021 द्वारा परियोजना लागत 44,605 करोड़ रुपये का अनुमोदन निर्गत किया गया। मंत्रिपरिषद, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित केन-बेतवा लिंक परियोजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा क्रियान्वित किये जाने वाले कार्यों में से प्रथम कार्य ‘केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार कार्य की परियोजना’ की परियोजना प्राक्कलन लागत 1191.51 करोड़ रुपये का अनुमोदन केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली के पत्र संख्या- टी-28044/2/2023/पीए(सी)डीटीई दिनांक 24 अप्रैल, 2024 द्वारा किया गया, जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार की व्यय वित्त समिति की बैठक दिनांक 28 जून, 2024 में सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गयी है। परियोजना की वित्तीय व्यवस्था केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के मध्य 90ः10 अनुपात में किये जाने का प्राविधान भारत सरकार के उक्त अनुमोदन में सम्मिलित है।

    केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार की परियोजना के क्रियान्वयन से वर्तमान में नहरों के क्षतिग्रस्त एवं जीर्णशीर्ण सेक्शन के पुनरोद्धार एवं निर्मित पक्की संरचनाओं के मरम्मत/पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण होंगे एवं नहर प्रणाली की नहरें पूर्ण क्षमता से संचालित होंगी तथा अधिकतम मांग के समय नहर के टेल भागों में सिंचाई हेतु पानी की निरन्तर उपलब्धता रहेगी।

    केन नहर प्रणाली में पानी का संचालन केन नदी में उपलब्ध मात्रा के अनुसार माह जुलाई से दिसम्बर तक होता है। इस प्रकार वर्तमान केन नहर प्रणाली से जनपद बांदा में सिंचाई की रबी फसली में सुविधा प्रदान हो रही है। इसके दृष्टिगत केन नहर प्रणाली के पुनरोद्धार की परियोजना में प्रस्तावित समस्त कार्य वर्ष 2025 से 2028 तक नहर बन्दी अवधि माह जनवरी से जून तक प्रस्तावित किया गया है, जिससे वर्तमान में हो रहे संचालन में कोई व्यवधान न हो। परियोजना को वित्तीय वर्ष 2027-28 में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।

    बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा में वर्तमान सिंचित क्षेत्रफल 87,784 हे0 के अतिरिक्त 79,191 हे0 असिंचित क्षेत्र को भी सिंचित किया जा सकेगा। इस प्रकार जनपद बांदा में केन नहर प्रणाली से इस परियोजना से कुल 1,66,975 हेक्टेअर क्षेत्रफल को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी तथा लाभान्वित कृषकों की संख्या लगभग 1,60,000 होगी।

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  • PM मोदी और जेपी नड्डा से मिले CM Yogi Adityanath, प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का दिया न्योता

    PM मोदी और जेपी नड्डा से मिले CM Yogi Adityanath, प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का दिया न्योता

    CM Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का न्योता दिया गया

    रविवार को उत्तर प्रदेश के CM Yogi Adityanath ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसमें प्रधानमंत्री को महाकुंभ 2025 में आने का न्योता दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी से पहले CM योगी ने नड्डा से मुलाकात की।

    रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी से पहले CM योगी ने नड्डा से मुलाकात की। योगी ने प्रधानमंत्री के साथ एक घंटे से अधिक समय तक बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी को सूत्रों ने महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज आने का न्योता दिया। सूत्रों ने बताया कि योगी और नड्डा ने राज्य में होने वाले जल्द ही होने वाले उपचुनावों पर भी चर्चा की।

    4 जून को हुए लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली आमने-सामने की चर्चा 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई थी। 13 नवंबर को होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनावों से कुछ दिन पहले CM का यह दौरा हुआ है। वर्तमान में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास पांच विधानसभा सीटें हैं, जबकि चार सीटें विपक्षी समाजवादी पार्टी (SP) के पास हैं. कुल नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।

  • CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया

    CM Yogi ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी

    • सरदार पटेल ने अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया: मुख्यमंत्री
    • उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा
    • आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे
    • 31 अक्टूबर को प्रस्तावित यह कार्यक्रम उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया
    • इस वर्ष पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा
    • लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होंगे
    • व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त, रन फॉर यूनिटी एकता दौड़ के साथ ही, भारतीय मनीषा के ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के उद्घोष को चरितार्थ करने का माध्यम

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा कि भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक और आरोग्य के देव माने जाते हैं। आज भगवान धन्वंतरि की पावन जयन्ती है। इस दिवस को हम धनतेरस के रूप में भी मनाते हैं। आरोग्य के देवता की पावन जयन्ती पर हम स्वतंत्र भारत के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल की पावन जयन्ती से पूर्व, ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन से जुड़ रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने वर्ष 1947 में अखण्ड भारत के वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। यह पर्व, त्योहार एवं महापुरुषों की जयन्ती हमें नए भाव से आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, लौहपुरुष, भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती के उपलक्ष्य में एक भारत-श्रेष्ठ भारत को समर्पित फ्रीडम रन (रन फॉर यूनिटी) के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलायी। उन्होंने झण्डी दिखाकर रन फॉर यूनिटी का शुभारम्भ किया। ज्ञातव्य है कि रन फॉर यूनिटी 05, कालिदास मार्ग से के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम तक आयोजित की गई।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि यह कार्यक्रम 31 अक्टूबर को प्रस्तावित था, लेकिन उस दिन दीपावली का आयोजन होने के कारण इस दौड़ को 02 दिन पूर्व ही आयोजित किया गया है। इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व और भी अधिक है, जब पूरा देश लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ती वर्ष में प्रवेश कर रहा है। लौहपुरुष के 150वें जन्मदिवस के कार्यक्रम देश और प्रदेश में 31 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर, 2025 तक वर्ष भर अलग-अलग रूपों में आयोजित होंगे।

    मुख्यमंत्री जी प्रदेशवासियों को भगवान धन्वंतरि जयन्ती, धनतेरस, दीपावली एवं छठ तक आयोजित होने वाले सभी पर्वों की बधाई दी। उन्होंने आगामी 31 अक्टूबर से लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 150वें जयन्ती वर्ष की शुरूआत के अवसर पर उनकी स्मृतियों को नमन कर अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आरोग्यता वहां पर होगी, जहां समाज स्वस्थ होगा। यदि व्यक्ति या समाज स्वयं रूग्ण है, तो वह समर्थ और सशक्त नहीं हो सकता। व्यक्ति व समाज के सशक्तिकरण के लिए आरोग्यता पहली शर्त है। भारतीय मनीषा ने ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्’ के माध्यम से स्वास्थ्य के महत्व के विषय में बताया है। रन फॉर यूनिटी न केवल हमारी एकता दौड़ है, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए भारतीय मनीषा के उद्घोष को चरितार्थ करने का भी एक माध्यम है। आरोग्य के देवता की जयन्ती पर हम रन फॉर यूनिटी के आयोजन से जुड़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल वर्तमान भारत के शिल्पी हैं। अखण्ड भारत के शिल्पी के रूप में पूरा देश लौहपुरुष सरदार पटेल का स्मरण करता है और उनके प्रति श्रद्धा का भाव रखता है। वह प्रखर स्वाधीनता संग्राम सेनानी थे और आजादी के आन्दोलन से जुड़े थे। वर्ष 1947 में देश आजाद हुआ, उस समय ब्रिटिश सत्ता भारत को अलग-अलग भागों में बांटना चाहती थी। सरदार पटेल ने उस षडयंत्र को बेनकाब करते हुए अपनी सूझ-बूझ और दृढ़प्रतिज्ञ भाव से 563 रियासतों को भारतीय गणराज्य में शामिल किया। इनमें बहुत सी रियासतें ऐसी थी, जो भारतीय गणराज्य में मिलने को तैयार नहीं थी। जूनागढ़ के नवाब तथा हैदराबाद के निजाम सहित सभी रियासतों को सरदार पटेल की दूरदर्शिता के सामने नतमस्तक होना पड़ा था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अखण्ड भारत का स्वरूप हमारे सामने है। उत्तर से दक्षिण तथा पूरब से पश्चिम तक पूरा देश विगत 10 वर्षों में एकात्मता के भाव से जुड़कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। इसकी नींव में राष्ट्रीय एकता और अखण्डता हम सभी के लिए सर्वोपरि है। इस दौड़ से पहले सभी को राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और आन्तरिक सुरक्षा की शपथ लेनी है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि कोई भारत की सुरक्षा पर संेध लगाएगा, तो एक सजग नागरिक के रूप में हम मौन नहीं रह सकते। सुरक्षाबलों के बहादुर जवान अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करते हैं। सुरक्षाबलों के जवानों के भरोसे के साथ ही, एक नागरिक कर्तव्य के रूप में हमारा भी दायित्व है कि राष्ट्ररूपी यज्ञ में अपना योगदान दे। इसी योगदान का निर्वहन करने के लिए आज हम रन फॉर यूनिटी का हिस्सा बन रहे हैं।

    इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयन्ती की राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सरदार पटेल की सोच के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश में एकता का भाव उत्पन्न हुआ है।

    उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने छोटी-छोटी रियासतों को भारत में मिलाकर देश के विराट स्वरूप को प्रदर्शित करने का कार्य किया था। प्रधानमंत्री जी ने सरदार पटेल की सोच को धरातल पर उतारते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का कार्य किया है। इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव, सांसद श्री नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के अध्यक्ष श्री मोहसिन रजा, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, खिलाड़ी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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  • CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ किया

    • यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का, संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा: मुख्यमंत्री
    • संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व, प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही
    • संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत, हमारी सनातन संस्कृति दुनिया का मार्गदर्शन कर रही
    • प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे
    • यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर
    • भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया
    • संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही
    • जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए
    • जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए
    • महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया
    • कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें स्वीकार करती कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती
    • प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए
    • प्रदेश सरकार द्वारा उ0प्र0 संस्कृत परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई, अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही
    • मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया
    • मुख्यमंत्री ने बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का है। संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा। संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व होना चाहिये। प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही है। संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत है। इस परम्परा के कारण ही विपरीत परिस्थितियों में अनेक झंझावातों का मुकाबला करते हुए हमारी सनातन संस्कृति सुरक्षित है तथा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दुनिया का मार्गदर्शन कर रही है। प्रदेश भर में युद्ध स्तर पर इस प्रकार के विद्यालय खोले जाने चाहिए जो गुरुकुल की परम्परा को पुनर्जीवित कर सकें।

    मुख्यमंत्री जी आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रुपये छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की। उन्होंने 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की धनराशि के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए।

    मुख्यमंत्री जी ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा को विश्वविद्यालय में समारोह के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह समारोह संस्कृत तथा भारतीय संस्कृति के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जब यहां पर सामूहिकता की भावना के साथ वैदिक मंगलाचरण आदि कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे थे, तो भारतीय सनातन धर्म की ऊर्जा के आध्यात्मिक स्वर गुंजायमान हो रहे थे। संस्कृत को समझने के लिए इन स्वरों को अंतःकरण में समाहित करना पड़ता है। श्रद्धाभाव के साथ इन स्वरों के साथ तारतम्य बनाते हुए संस्कृत की ऊर्जा तथा महत्ता की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस ऊर्जा से सम्पूर्ण प्रदेश को ओतप्रोत करने, युवाओं को इससे युक्त करने तथा प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी को इससे आप्लावित करने के लिए दीपावली पर्व से ठीक पूर्व देश के सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय में इस समारोह का आयोजन किया गया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गरीब तथा वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का अभिनन्दनीय प्रयास तो किया गया, लेकिन संस्कृत शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को उपेक्षित रखा गया। अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों के लिए ही स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी। इसमें आय सीमा की बाध्यता भी सम्मिलित कर दी गई थी। इस छात्रवृत्ति के विषय में विद्यार्थियों में जानकारी का अभाव था। प्रदेश सरकार ने संस्कृत के साथ जुड़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए इस स्कॉलरशिप की व्यवस्था की है। आज इस व्यवस्था का शुभारंभ सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से किया जा रहा है। कल तक 69,195 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि पहुंच जाएगी। जिन बच्चों का किसी बैंक में खाता नहीं है, वह भी अपना खाता तत्काल खुलवायें

    प्रदेश सरकार के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग इस सम्बन्ध में प्रत्येक विद्यार्थी का खाता खुलवाना सुनिश्चित करें। उनके खाते में वर्ष में दो बार स्कॉलरशिप भेजी जानी चाहिए ताकि उन्हें इस कार्य के लिए कहीं और न भटकना पड़े।  प्रदेश में प्रथमा से लेकर आचार्य तक के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने तथा इसके सम्बन्ध में आवेदन कराने के लिए संस्कृत शिक्षा से जुड़े प्रत्येक संस्थान को प्रयास करना पड़ेगा। अभी तक प्रथमा के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी। प्रदेश सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों को भी स्कॉलरशिप प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। संस्कृत के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए आप सभी के स्तर पर प्रयास किया गया है। आज की इस चकाचौंध से भरी दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है। ऐसे वातावरण में भी प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत केवल देववाणी तथा इहलोक व परलोक में संवाद का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह भौतिक जगत की अनेक समस्याओं का वैज्ञानिक पद्धति से समाधान का माध्यम भी बने, इस सम्बन्ध में विशिष्ट शोध कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया है। इसे स्वयं को संस्कृत के शोध का केंद्र बनाना पड़ेगा। संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही है। जिससे वह अपनी वृत्ति की चिंता किए बिना शोध कार्य कर सकें तथा भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को दुनिया के सामने रख सकें। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों विश्वविद्यालय में संरक्षित पांडुलिपियों का अवलोकन किया। यहां लगभग 75 हजार से अधिक प्राचीन पांडुलिपियां संरक्षित हैं। यहां अलग-अलग विषयों पर विशिष्ट शोधकार्य किए गए हैं। इसके सम्बन्ध में हमें और भी अच्छे ढंग से कार्यों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण का दायित्व संस्कृत और इसके प्रति अनुराग रखने वाले व्यक्ति ही उठा सकते हैं। इस कार्य में प्रदेश सरकार भरपूर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से विश्वविद्यालय की पूरी कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। हमें विश्वविद्यालय के पुरातन गौरव को पुनर्स्थापित करना है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया का वह प्रत्येक व्यक्ति जो मानवता तथा सर्वांगीण विकास का पक्षधर है वह संस्कृत का भी हिमायती है। कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें भी इस बात को स्वीकार करती हैं कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती है। इसके लिए आप सभी को स्वयं को तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए। इस कार्यक्रम को हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    जब सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रथमा, पूर्व मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा की मान्यता प्रदान की जाती थी, तब नेपाल तथा देश की अलग-अलग जगहों के विद्यार्थी काशी तथा गोरखपुर में अध्ययन करने आते थे। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद बनी। परिषद को मान्यता नहीं प्राप्त हुई लेकिन विद्यार्थियों का प्रवेश होता रहा। परिषद को मान्यता दिलाने का प्रयास कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विद्यार्थियों की संस्कृत के प्रति उदासीनता के बारे में पता किया तो ज्ञात हुआ कि मान्यता न होने के कारण विद्यार्थी यहां आने से कतराते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई। अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को पहले से मान्यता प्राप्त थी, यह देश का सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय अपनी गौरवशाली परम्परा के साथ आगे बढ़ा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था करने जा रही है कि संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बन्धित उन्हीं संस्थानों को सहायता दी जाएगी, जो विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था करेंगे। किसी व्यक्ति, आश्रम या न्यास द्वारा निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था के साथ विद्यालय प्रस्तुत करने पर प्रदेश सरकार ऐसे विद्यालयों को अनुदान प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें संस्कृत की मान्यता तथा अच्छे आचार्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्रता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विभाग से कहा है कि जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई है, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए। जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए। यदि नियुक्ति में इनको वेटेज दिया जाएगा तो वह शिक्षण के कार्य को अच्छे ढंग से आगे बढ़ाएंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने महर्षि अरविंद का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें बचपन में ही अध्ययन के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया था। भारत आकर जब उन्होंने भारत के बारे में जानकारी ली तथा यहां के मूल तत्वों को जाना तो ब्रिटिश सरकार की गुलामी करने से इनकार कर दिया। इसके पश्चात वह भारत के क्रांतिकारी अभियान में सम्मिलित हुए। उन्होंने पांडिचेरी में आश्रम बनाकर भारत की आध्यात्मिक परम्परा को आगे बढ़ाया।

    एक बार जब महर्षि अरविंद से पूछा गया कि भारत के पास सबसे बड़ा खजाना कौन सा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संस्कृत भाषा तथा उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना है। यह एक शानदार विरासत है। जब तक यह लोगों के जीवन को प्रभावित करती रहेगी, तब तक भारत की मूल प्रतिभा बनी रहेगी। महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के पहले ही कह दिया था कि जिस तिथि को उनका जन्मदिन होता है, आगामी समय में उसी तिथि पर देश को आजादी मिलेगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस देश की विरासत जितनी प्राचीन होती है, वहां उतने ही अधिक पर्व और त्योहार होते हैं। देश में धनतेरस से लेकर छठ पर्व तक अनेक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। सर्वत्र खुशी तथा उल्लास का वातावरण होगा। यह खुशी हम सभी में दिखनी चाहिए।

    उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया की सांस्कृतिक एवं शिक्षा की राजधानी काशी में 235 वर्ष प्राचीन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय देव भाषा संस्कृत का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है। संस्कृत भाषा हमारीसंस्कृति को जीवन्त बनाने में अपना योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारी संस्कृति निरन्तर बलवती हो रही है। भारत संस्कृति तथा आध्यात्मिक चेतना की धरा है। मुख्यमंत्री जी का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन है। मुख्यमंत्री जी ने अपने सुशासन के माध्यम से देश के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा प्रदान की है। इसके पूर्व, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा तथा श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो0 नागेन्द्र पाण्डेय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया।

    इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्यगण, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

    कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया तथा बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की।

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  • CM Yogi ने गोरखपुर में ‘सफाई मित्र सुरक्षा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह’ में सफाई मित्रों को उपहार भेंटकर सम्मानित किया

    CM Yogi ने गोरखपुर में ‘सफाई मित्र सुरक्षा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह’ में सफाई मित्रों को उपहार भेंटकर सम्मानित किया

    CM Yogi: स्वच्छता अभियान को सफलता की ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए सफाईकर्मियों का सम्मान अति आवश्यक

    • प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अन्तर्गत सार्वजनिक व व्यक्तिगत रूप से स्वच्छता के कार्यक्रम को प्रोत्साहित किया गया, यह मिशन स्वच्छता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ
    • स्वच्छता के क्षेत्र में जिस प्रकार का कार्य गोरखपुर नगर निगम कर रहा, वैसा कार्य प्रत्येक नगर निकाय को करना चाहिए
    • आज गोरखपुर चारों तरफ स्वच्छ व सुन्दर दिखाई पड़ रहा, इसका लाभ गोरखपुर महानगरवासियों के साथ-साथ यहां आने वाला प्रत्येक व्यक्ति ले रहा, सफाईकर्मी इस स्वच्छता की नींव रखने वाले ‘स्वच्छ भारत मिशन’ ने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य किया
    • गोड़धोईया नाले के कार्य पूर्ण हो जाने पर गोरखपुर में जलजमाव का पूर्ण समाधान हो जायेग
    • दीपावली पर्व में समाज के अन्तिम पायदान के प्रत्येक व्यक्ति को खुशी देने का प्रयास करें

    CM Yogi ने आगामी दीपावली पर्व के उपलक्ष्य में आज गोरखपुर में आयोजित ‘सफाई मित्र सुरक्षा सम्मेलन एवं सम्मान समारोह’ में सफाई मित्रों को उपहार भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने दीपावली पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं देकर उनके जीवन में समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि यह एक बड़ा सुन्दर अवसर है कि नगर निगम, गोरखपुर इस वर्ष दीपावली के पूर्व सबसे पहले इस शहर को स्वच्छ बनाने वाले सफाईकर्मियों को सम्मानित कर रहा है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आज गोरखपुर चारों तरफ स्वच्छ व सुन्दर दिखाई पड़ता है। कुछ वर्ष पूर्व इस प्रकार की स्थिति यहां नहीं दिखाई पड़ती थी। तब गोरखपुर में जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर तथा जलजमाव देखने को मिलता था, जिसके कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती थीं। इसके कारण जनपद गोरखपुर की छवि भी प्रभावित होती थी। आज गोरखपुर स्वच्छ व सुन्दर बन गया है। अब यहां जलनिकासी का रास्ता भी है और सुन्दर चौड़ी सड़कंे भी हैं। इसका लाभ गोरखपुर महानगरवासियों के साथ-साथ यहां आने वाला प्रत्येक व्यक्ति ले रहा है। इस स्वच्छता की नींव रखने वाले सफाईकर्मी हैं। इसलिए आज यहां उनको सम्मानित करने का कार्य किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वास्तव में यह एक बहुत कठिन कार्य है। एक मनुष्य होने के नाते समाज के जिस सम्मान का पात्र एक सफाईकर्मी को बनना चाहिए था, वह आजादी के बाद तक उसे प्राप्त नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हम सभी आभारी हैं, जिन्होंने 02 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छता के लिये ‘स्वच्छ भारत मिशन’ शुरू किया। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अन्तर्गत सार्वजनिक व व्यक्तिगत रूप से स्वच्छता के कार्यक्रम को प्रोत्साहित किया गया था। इसे प्रभावी रूप से लागू कर राष्ट्रीय कार्यक्रम का एक हिस्सा बनाया गया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अन्तर्गत यह भी सुनिश्चित किया गया कि देश का कोई भी नागरिक खुले में शौच न करे। इसके लिए 10 करोड़ से अधिक घरों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय बनवाये गये। इस मिशन का परिणाम भी प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप जहां एक तरफ नारी गरिमा की रक्षा हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ समाज में एक स्वच्छ व सुन्दर वातावरण भी देखने को मिल रहाहै। इस वातावरण का आनन्द प्रत्येक तबके का व्यक्ति ले रहा है। व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता के प्रति प्रधानमंत्री जी का यह मिशन स्वच्छता के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ। ‘स्वच्छ भारत मिशन’ ने प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य किया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता अभियान को सफलता की ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए सफाईकर्मियों का सम्मान अति आवश्यक है। नगर निगम ने सबसे पहले इन्हें सम्मानित करने का बहुत अच्छा कार्य किया है, यह एक सुःखद क्षण है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी पार्षदों एवं अधिकारियों द्वारा आगे भी इन्हें सम्मानित करने का कार्य किया जायेगा। स्वच्छता के क्षेत्र में जिस प्रकार का कार्य गोरखपुर नगर निगम कर रहा है, वैसा कार्य प्रत्येक नगर निकाय को करना चाहिए, ताकि पूरे प्रदेश को स्वच्छ बनाया जा सके।

    दीपावली पर्व दीपोत्सव एवं खुशियों का पर्व है। इस दीपोत्सव का आनन्द तभी है, जब हर जगह स्वच्छता रहेगी। स्वच्छता के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है। स्वच्छता के इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में पूर्ण सहभागी बनकर हर व्यक्ति संकल्प ले कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर गंदगी व कचरा नहीं करेंगे। हम सब यह संकल्प लें कि भौतिक गंदगी या अन्य प्रकार की गंदगी को, जिससे समाज का माहौल दूषित हो, उसे समाज में स्थान नहीं बनाने देंगे। इस प्रकार के कार्यक्रम को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले गोरखपुर शहर बारिश में जलप्लावित हो जाता था। किन्तु आज यहां पूरी रात बारिश के बाद भी सुबह जल जमाव नहीं दिखाई पड़ता है। यह चीजे दिखाती हैं कि यहां विकास हुआ है। गोड़धोईया नाले के कार्य पूर्ण हो जाने पर गोरखपुर में जलजमाव का पूर्ण समाधान हो जायेगा। इसके साथ एक फोरलेन की सड़क भी बन रही है, जिससे यातायात की समस्या का भी समाधान होगा। जिस गोरखपुर को पहले एक टापू कहा जाता था, अब वह एक नये भारत के नये उत्तर प्रदेश में अपने विकास, स्वच्छता व सुन्दरता के लिए एक नये गोरखपुर के रूप में जाना जाएगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति मनुष्य की नियति होनी चाहिए और इस प्रगति के लिए निरन्तर सार्थक प्रयास भी होने चाहिए। दीपावली का पर्व हमें यही प्रेरणा देता है। उन्होंने सभी नगरवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि जिस प्रकार नगर निगम ने दीपावली पर्व में सबसे पहले सफाईकर्मियों का सम्मान किया है, उसी प्रकार सभी को समाज के अन्तिम पायदान पर स्थित प्रत्येक व्यक्ति को खुशी देने के लिए प्रयास करें। दीपावली पर्व एकाकीपन के साथ नहीं बल्कि सबके साथ मिलकर मनाना चाहिए। हम सब का यह प्रयास होना चाहिए कि जिस प्रकार हम खुशियां मना रहे हैं, उसी प्रकार समाज का प्रत्येक वंचित एवं गरीब व्यक्ति भी खुशियां मनायें, इसके लिए हमे अपने साथ उन्हें जोड़ना पड़ेगा। हमारा प्रयास यह हो कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति के पास भी हमारे घर की तरह मिठाई हों एवं उसके घर में भी दीपक जले। यदि यह कार्य हम करेंगे, तो पूरे प्रदेश में सामाजिक समता, सौहार्द व राष्ट्रीय एकता स्थापित कर पायेंगे।

    इस अवसर पर सांसद श्री रवि किशन शुक्ला एवं महापौर डॉ0 मंगलेश श्रीवास्तव ने भी लोगो को सम्बोधित किया।

    कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री चारू चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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  • CM Yogi ने गोरखपुर में दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘संवादी गोरखपुर’ को सम्बोधित किया

    CM Yogi ने गोरखपुर में दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘संवादी गोरखपुर’ को सम्बोधित किया

    CM Yogi: मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ माना गया, जो जनचेतना के माध्यम से समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता

    • आजादी के आन्दोलन के दौरान पत्र-पत्रिकाओं ने जनचेतना की ज्वाला को बढ़ाया
    • हिन्दी ने आजादी के आन्दोलन में महापुरुषों को जनता से जोड़ने का कार्य किया, उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक संवाद का सशक्त माध्यम बनकर देश को एकजुट किया
    • हिन्दी आज भी देश को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम, प्रधानमंत्री जी
      सबसे ज्यादा इसका प्रयोग करते, भारत सरकार ने हिन्दी को जी-20 समिट में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया
    • प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को प्रोत्साहित किया, उ0प्र0 में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत 75 जिलों के स्थानीय उत्पादों का विकास और प्रोत्साहन किया जा रहा
    • भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति गौरव और सम्मान से ही देश को एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता
    • मुख्यमंत्री ने लेखन और संवाद की परम्परा को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने आज जनपद गोरखपुर के योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र में दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘संवादी गोरखपुर’ को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री जी ने हिन्दी भाषा की महत्ता, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प, श्रमिकों के उत्थान और स्थानीय उत्पादों के महत्व के बारे मे बताते हुये कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ माना गया है, जो जनचेतना के माध्यम से समाज के मुद्दों को सरकार के सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में लोगों ने मीडिया को चौथा स्तम्भ माना है। देश की आजादी के आन्दोलन के दौरान पत्र-पत्रिकाओं ने जनचेतना की ज्वाला को बढ़ाया था। आन्दोलन के दौरान अलग-अलग क्रान्तिकारी समूह तथा लीडरशिप किसी न किसी पत्र-पत्रिका से जुड़े रहे। कोई स्वराज, कोई राष्ट्रधर्म, तो कोई धर्मयुग के नाम से जनचेतना को जागरूक करने का प्रयास करता रहा। उसी प्रकार की कविताएं और लेखन भी आए, जो लोगों के अन्तःकरण को झकझोरते रहे।

    मुख्यमंत्री जी ने काकोरी ट्रेन एक्शन के नायक पं0 राम प्रसाद बिस्मिल की अन्तिम इच्छा का उल्लेख करते हुये कहा कि उनके वाक्यों ने देश के युवाओं को आजादी के आन्दोलन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

    मुख्यमंत्री जी ने हिन्दी भाषा को पूरे देश को जोड़ने का माध्यम बताते हुयेे कहा कि हिन्दी ने भारत की आजादी के आन्दोलन में महापुरुषों को जनता से जोड़ने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि अन्तःकरण से कही गई भाषा ही लोगों को सम्मोहित कर पाती है। हिन्दी ने उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक संवाद का सशक्त माध्यम बनकर देश को एकजुट किया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रनायकों के बारे में जो लेखन हुआ है, उसका अवलोकन करें, तो पाएंगे कि कहीं श्याम नारायण पाण्डेय महाराणा प्रताप की वीरगाथा को देश के सामने रख रहे हैं, तो कहीं सुभद्रा कुमारी चौहान झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को केन्द्र में रखकर भारत की मातृशक्ति के शौर्य और सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहीं थी। भारत की आजादी के लिए अपना सबकुछ समर्पित करने वाले क्रान्तिकारियों के प्रति रामधारी सिंह दिनकर की वह पंक्तियां हम सभी को नई प्रेरणा देती हैं, जिसमें वह कहते हैं कि ‘कलम आज उनकी जय बोल’, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया, उनकी नहीं, जिन्होंने सत्ता के लिए स्वाभिमान के साथ समझौता किया हो। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने भी यही प्रेरणा हमें दी थी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हिन्दी के बारे में तमाम तरह की भ्रान्तियां फैलाने का कार्य होता है। हिन्दी आज भी देश को जोड़ने का सबसे सशक्त माध्यम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सबसे ज्यादा इसका प्रयोग करते हैं। देश ही नहीं, अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर भी हिन्दी में अपनी बात रखकर लोगों से संवाद करते हैं। मुख्यमंत्री ने जी-20 समिट का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया में भारत की छवि को चमकाने का कार्य किया। जी-20 में भी हिन्दी ही संवाद का माध्यम बनी। भारत सरकार ने हिन्दी को जी-20 समिट में अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया।

    मुख्यमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ के विचार को प्रोत्साहित किया। उत्तर प्रदेश में ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना के तहत 75 जिलों के स्थानीय उत्पादों का विकास और प्रोत्साहन किया जा रहा है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना ने प्रदेश में कारीगरों और हस्तशिल्पियों को आर्थिक सम्बल प्रदान किया है। हर साल राज्य के हुनरमंद कारीगरों ने 02 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया है। राज्य में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से ग्रामीण कारीगरों को प्रशिक्षण और उपकरण भी दिए जा रहे हैं, ताकि वे अपने पारम्परिक कार्यों में आत्मनिर्भर बन सकें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत युवाओं को ब्याजमुक्त लोन प्रदान कर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने लेखन और संवाद की परम्परा को पुनर्जीवित करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी सिनेमा और पत्र-पत्रिकाओं ने हिन्दी भाषा को पूरी दुनिया में पहचान दिलायी है। डिजिटल मीडिया के युग में हिन्दी भाषा को और सशक्त करने की आवश्यकता है। भाषा, हस्तशिल्प और कारीगरी को सम्मान देकर ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत का सपना साकार किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति गौरव और सम्मान से ही देश को एक सशक्त भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकता है।

    इस अवसर पर मीडिया समूह से जुड़े अनेक पत्रकारगण और गणमान्यजन उपस्थित थे।

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  • CM Yogi: नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार

    CM Yogi: नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार

    CM Yogi: मिशन रोजगार के अन्तर्गत नवचयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारियों, 360 ग्राम विकास अधिकारियों (समाज कल्याण) एवं 64 पर्यवेक्षकों (समाज कल्याण) को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम

    • मुख्यमंत्री ने नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये
    • अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया
    • आज बड़ी संख्या में बेटियों ने भी नियुक्त पत्र प्राप्त किया, यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
    • विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के समग्र विकास के लिए तैयार की गई रूपरेखा के क्रम में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण हिस्सा, अब तक लगभग 07 लाख युवाओं को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की जा चुकीं
    • यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के मिशन रोजगार के विजन को आगे बढ़ाने, युवाओं को उनकी आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप तथा उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार रोजगार प्रदान करने का अभियान
    • प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा, राज्य को प्रतिभा के बेहतर उपयोग का लाभ प्राप्त हो रहा
    • प्रदेश में सुरक्षा के बेहतर वातावरण के कारण निजी क्षेत्र में भी लाखों युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया
    • प्रदेश में लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके
    • युवाओं को अपने ही प्रदेश, जनपद व क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो रहा, युवा प्रदेश में रहकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे
    • अब उ0प्र0 देश की एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जा रहा, यहां विकास का वातावरण तैयार हुआ
    • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायत सर्वाधिक आधारभूत इकाई, इस आधारभूत इकाई को और अधिक सुदृढ़ करने में अपना योगदान देना होगा
    • प्रदेश की 57000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके, इनमें ऑप्टिकल फाइबर या इण्टरनेट का कनेक्शन अथवा वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी
    • गांव के लोगों की समस्या का समाधान गांव में ही होना चाहिए, आय, निवास तथा जाति प्रमाण पत्र आदि सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत को तैयार करना होगा
    • ग्राम पंचायतों में आय के स्रोत विकसित कर, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए, हर ग्राम पंचायत में आत्मनिर्भर बनने की सम्भावना छिपी
    • गांव का ड्रेनेज या सीवर किसी तालाब, नदी अथवा नाले में न गिरे बल्कि उसका निपटान देशी व परम्परागत पद्धति से किया जाए
    • स्मार्ट सिटी मिशन के विजन के अनुसार प्रदेश में 17 स्मार्ट सिटी बनायी जा रही, ग्राम पंचायतों को भी स्मार्ट बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए
    • ग्राम पंचायतों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे तथा स्ट्रीट लाइटें लगायी जाएं, इससे सुरक्षा के वातावरण के साथ-साथ प्रकाश की सुविधा मिलेगी
    • केंद्र अथवा प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिता होने पर प्रदेश की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका में दिखनी चाहिए
    • ग्राम पंचायतें ऐसी होनी चाहिए जिन्हें हम अन्य लोगों के सामने रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकें
    • समाज के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति बिना भेदभाव नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़कर प्रधानमंत्री जी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपनी ऊर्जा का भरपूर उपयोग करने को तैयार

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के समग्र विकास के लिए तैयार की गई रूपरेखा के क्रम में निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अत्यन्त महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग्य व सक्षम युवाओं के चयन के अभाव में सरकार की योजनाओं को जमीनी धरातल पर उतारना सम्भव नहीं होता है, क्योंकि अयोग्य अभ्यर्थियों के चयन से कार्य करने वाला तंत्र ही पैरालाइज हो जाता है। यह स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए वर्ष 2017 में ही प्रदेश सरकार ने तय किया था कि राज्य के सभी भर्ती बोर्ड आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए निष्पक्ष एवं पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करें, ताकि युवाओं की योग्यता और क्षमता का उपयोग प्रदेश के विकास व राज्य के 25 करोड़ लोगों के भाग्य को बदलने के लिए किया जा सके। प्रदेश की जनता के सामर्थ्य से राज्य को भारत की अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। आज प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में तेजी के साथ आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रदेश को प्रतिभा के बेहतर उपयोग का लाभ प्राप्त हो रहा है। पहले प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठवें तथा सातवें नम्बर पर थी। आज राज्य की अर्थव्यवस्था नम्बर दो पर है।

    मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मिशन रोजगार के अन्तर्गत नवचयनित 1,526 ग्राम पंचायत अधिकारियों, 360 ग्राम विकास अधिकारियों (समाज कल्याण) एवं 64 पर्यवेक्षकों (समाज कल्याण) के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों एवं उनके अभिभावकों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र नवचयनित अभ्यर्थियों के लिए आगामी दीपावली पर्व का उपहार है। नियुक्ति पत्र वितरण का यह कार्यक्रम लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जनपदों में भी आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मिशन रोजगार के विजन को आगे बढ़ाने तथा युवाओं को उनकी आकांक्षाओं एवं आशाओं के अनुरूप तथा उनकी योग्यता व क्षमता के अनुसार रोजगार प्रदान करने का अभियान है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विगत साढ़े 07 वर्षों में अब तक लगभग 07 लाख युवाओं को सरकारी नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी हैं। प्रदेश में सुरक्षा के बेहतर वातावरण के कारण निजी क्षेत्र में भी लाखों युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया गया है। पहले प्रदेश में निवेशक निवेश करने से कतराते थे। अब यहां बड़े-बड़े निवेश किये जा रहे हैं। लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव जमीनी धरातल पर उतारे जा चुके हैं। वर्तमान में लाखों-करोड़ों रुपए के निवेश प्रदेश सरकार द्वारा विचाराधीन हैं। इस प्रक्रिया को बहुत शीघ्र सम्पन्न किया जाएगा। यह निवेश केवल निवेश नहीं है, बल्कि इसमें रोजगार तथा विकास भी सम्मिलित है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश का युवा नौकरी व रोजगार के लिए देश व दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में भटकता था। युवाओं के सामने पहचान का संकट था। आज युवाओं को अपने ही प्रदेश, जनपद व क्षेत्र में रोजगार प्राप्त हो रहा है। युवा प्रदेश में रहकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता प्रदान करने में अपना योगदान दे रहे हैं। युवा अपने परिवार की अच्छे ढंग से देखभाल व घर के कार्यों के साथ-साथ अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। शासन तथा निजी क्षेत्र हेतु योग्य तथा स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत ट्रेड तथा कोर्सेज संचालित किए गए हैं। इसके लिए बेहतर समन्वय बनाने का प्रयास किया गया है। इसी का परिणाम है कि अब उत्तर प्रदेश देश की एक अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जा रहा है। यहां विकास का वातावरण तैयार हुआ है। निवेश के माध्यम से रोजगार की अनेक संभावनाएं आगे बढ़ी हैं। वर्ष 2017 से पूर्व युवाओं के योग्य व सक्षम होने के बावजूद उन्हें भ्रष्टाचार तथा भेदभाव के कारण चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था।

    मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्राम पंचायत सर्वाधिक आधारभूत इकाई है। आप सभी को इस आधारभूत इकाई को और अधिक सुदृढ़ करने में अपना योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए देशवासियों को लक्ष्य प्रदान किया है कि जब वर्ष 2047 में भारत अपनी आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा, तब भारत आत्मनिर्भर और विकसित होना चाहिए। जो नींव आज आप रखेंगे वही आत्मनिर्भर और विकसित भारत की आधारशिला बनने वाली है। इसमें ग्राम पंचायतें अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करेंगी। इसके लिए पंचायतीराज विभाग ने अनेक कार्य पहले से सम्पन्न कर लिए हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से ग्राम पंचायतों को 29 विषयों पर कार्य करने का अधिकार दिया गया है। इन कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रदेश स्तर पर सचिवालय, जनपद स्तर पर जिलाधिकारी के कार्यालय और विकास भवन अब प्रदेश की 57,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय लगभग बन चुके हैं। इनमें ऑप्टिकल फाइबर या इण्टरनेट का कनेक्शन अथवा वाईफाई की सुविधा उपलब्ध करायी जा चुकी है। ग्राम पंचायत सहायक के रूप में कम्प्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति भी की जा चुकी है। अब आपको वहां पर स्वयं को साबित करना होगा। गांव के लोगों की समस्या का समाधान गांव में ही होना चाहिए। आय, निवास तथा जाति प्रमाण पत्र आदि सुविधाएं प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत को तैयार करना होगा। ग्राम पंचायत की कार्य योजना को ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत से जुड़े हुए अन्य लोगों के साथ बैठकर तैयार करना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केवल केन्द्र तथा राज्य की धनराशि पर आश्रित न रहकर ग्राम पंचायतों में आय के स्रोत विकसित कर, आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए। हर ग्राम पंचायत में आत्मनिर्भर बनने की सम्भावना छिपी है। ग्राम पंचायत की सरप्लस भूमि पर या वर्तमान बाजार को ग्रामीण हाट के रूप में विकसित किया जा सकता है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि गांव का ड्रेनेज या सीवर किसी तालाब, नदी अथवा नाले में न गिरे बल्कि उसका निपटान देशी व परम्परागत पद्धति से किया जाए। इससे गांव के जल स्रोत शुद्ध रहेंगे। यदि गांव के तालाब देवस्थान से नहीं जुड़े हैं, तो इनका उपयोग मत्स्य पालन या दूसरे उपयोग के लिए किया जा सकता है। इसके माध्यम से ग्राम पंचायत के लिए अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पंचायतीराज विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया है कि जिन ग्राम पंचायतों को केन्द्र अथवा राज्य की वित्तीय सहायता मिलती है तथा ज्यादातर धनराशि वेतन भत्तों पर खर्च होती है। पहले चरण में उन ग्राम पंचायतों में जितना धन वह अपने वित्तीय स्रोतों से अर्जित करेंगी उतना ही अतिरिक्त धन राज्य सरकार द्वारा विकास कार्य हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राम पंचायत के लिए आय के अन्य स्रोत भी विकसित किये जा सकते हैं। जैसे गांव के सार्वजनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए कम्युनिटी सेंटर बनाया जा सकता है। इसके माध्यम से गांव के पास एक भवन होगा तथा यूजर चार्ज के माध्यम से लोगों को सुविधा भी प्राप्त होगी।

    प्रधानमंत्री जी के स्मार्ट सिटी मिशन के विजन के अनुसार प्रदेश में 17 स्मार्ट सिटी बनायी जा रही हैं। ग्राम पंचायतों को भी स्मार्ट बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। इसके लिए ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था, कार्यों में जनसहभागिता की व्यवस्था की जाए। गांव की नालियां साफ सुथरी होनी चाहिए। पहले गांव में एक गड्ढे में कूड़े का निस्तारण किया जाता था। इससे गन्दगी दूर होने के साथ ही खाद भी तैयार होती थी। अब फिर से खाद के गड्ढे बनाने की आवश्यकता है। पंचायत की रिजर्व भूमि पर खाद के गड्ढे, गौचर, निराश्रित गोआश्रय स्थल बनाये जाने चाहिए।

    ग्राम पंचायतों में महत्वपूर्ण स्थानों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे तथा स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएं। इससे सुरक्षा के वातावरण के साथ-साथ प्रकाश की सुविधा भी मिलेगी। लाइट को समय पर ऑन तथा ऑफ किया जाना चाहिए। सेंसर या कर्मचारी की सहायता से यह कार्य किया जाना चाहिए। गांवों में अच्छे कार्यक्रमों या भजनों के प्रसारण के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया जा सकता है। गांव के सार्वजनिक शौचालयों के साफ सफाई की निरन्तर व्यवस्था की जानी चाहिए। आमजन की सहभागिता बढ़ाते हुए सामुदायिक व्यवस्था को विकसित करना चाहिए। यदि यह सभी कार्य किए जाएंगे तो गांव स्वयं ही स्मार्ट बन जाएंगे। केन्द्र अथवा प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिता होने पर प्रदेश की ग्राम पंचायतें अग्रणी भूमिका में दिखनी चाहिए, जिससे हमारी ग्राम पंचायत को भी अच्छे पुरस्कार प्राप्त हो सकें। हमारी ग्राम पंचायतें ऐसी होनी चाहिए जिन्हें हम अन्य लोगों के सामने रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर सकें।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीबों तथा जरूरतमंदों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। जरूरतमन्दों को जमीन का पट्टा, आवास व शौचालय की सुविधा, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड आदि कार्यों में यदि आपका सहयोग रहेगा तो लोगों का विश्वास व्यवस्था तथा आपके साथ रहेगा। गरीब का आशीर्वाद किसी भी व्यक्ति के लिए अत्यन्त कल्याणकारी होता है। यह जीवन यशस्वी बनने तथा लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्यों से यश प्राप्त कर रहा है, तो यह उसके लिए वरदान है। यही उसके लिए सौभाग्य का क्षण होता है। सरकार आपको हर प्रकार का संरक्षण प्रदान करेगी, लेकिन आम जनता के प्रति जवाबदेही को जमीनी धरातल पर उतार कर दिखाना होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम पंचायतों में फेयर प्राइस शॉप या कोटे की दुकान ग्राम सचिवालयों के पास मॉडल शॉप के रूप में बन रही हैं। इनके माध्यम से सरकारी राशन के साथ साथ अन्य आवश्यक सामान लोगों को उपलब्ध कराये जा सकते हैं। इन दुकानों से प्राप्त किराया ग्राम पंचायत में जमा करने से अतिरिक्त आय का सृजन होगा। इन सब कार्यों के लिए पहल किया जाना आवश्यक है। एक-एक पैसे का हिसाब किया जाना चाहिए। सरकार का पैसा सरकार के खाते में जाना चाहिए, जिससे इस धनराशि का उपयोग विकास के लिए किया जा सके। इससे आपका गांव चमकता हुआ दिखाई देगा। आपका गांव आत्मनिर्भर, विकसित तथा आदर्श ग्राम के रूप में सबके सामने होगा। इस दिशा में बेहतर प्रयास आपको नई पहचान दिलाएगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज के कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग से जुड़े हुए ग्राम विकास अधिकारी तथा पर्यवेक्षक भी नियुक्ति पत्र प्राप्त कर रहे हैं। समाज कल्याण विभाग बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है। विभाग 21 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जाति की बेटियों का विवाह, सामूहिक विवाह के कार्यक्रम, पेंशन की योजना सहित अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों से जुड़ी अनेक कल्याणकारी योजनाएं आदि कार्य मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैैं।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज यहां जनपद लखीमपुर खीरी के थारू जनजाति समुदाय के युवा ने भी नियुक्ति पत्र प्राप्त किया है। पहले लोग मानते थे कि इस समुदाय से जुड़े युवा नौकरी नहीं कर पाएंगे। आज बड़ी संख्या में बेटियों ने भी नियुक्त पत्र प्राप्त किया है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समाज के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति बिना भेदभाव नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़कर प्रधानमंत्री जी की विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए अपनी ऊर्जा का भरपूर उपयोग करने को तैयार है।

    मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि जितनी निष्पक्षता व पारदर्शिता के साथ विज्ञापन के प्रकाशन से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण की कार्यवाही सम्पन्न की गई है। यदि आपका पूरा जीवन इसी पारदर्शिता तथा निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ेगा तो प्रदेश देश की नम्बर एक अर्थव्यवस्था अवश्य बनेगा। वर्ष 2047 में भारत एक विकसित तथा आत्मनिर्भर भारत के रूप में हम सभी के सामने होगा। इसके लिए हम सभी को प्राणपण से जुड़ना होगा।

    इस अवसर पर मिशन रोजगार पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम को पंचायतीराज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर तथा समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने भी सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव गोंड सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मोनिका एस0 गर्ग, प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री नरेन्द्र भूषण, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ0 हरिओम, प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक श्री एम0 देवराज, सूचना निदेशक श्री शिशिर, नव चयनित अभ्यर्थी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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  • CM Yogi ने युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi ने युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम को सम्बोधित किया

    CM Yogi: युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी का पूरा जीवन प्रभु श्रीराम के उन मूल्यों, आदर्शों तथा मर्यादाओं के लिए समर्पित था, जिन पर सनातन धर्म टिका हुआ

    • अपनी विशिष्ट व्याख्या और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने एक विशिष्ट शैली का सूत्रपात किया, उन्होंने लगभग 06 दशकों तक मानस के माध्यम से सनातन धर्म और देश की बहुमूल्य सेवा की
    • पूज्य रामकिंकर जी का पूरा जीवन तुलसी साहित्य और मानस के प्रति समर्पित था, उनकी कथा और रचनाएं आज भी हमें नई प्रेरणा और नई दिशा देती
    • जो लकीर का फकीर होता है, वह साधारण व्यक्ति होता है, जो लीक से हटकर विशिष्ट कार्य करता है, वही महापुरुष और विशिष्ट होता है
    • देश व धर्म के लिए पं0 रामकिंकर की निःस्वार्थ सेवाओं के लिए वर्ष 1999 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया
    • श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान उनकी कथाओं ने बहुत बड़ी जागरूकता का कार्य किया
    • पं0 रामकिंकर जी के विशिष्ट सम्बोधन, उनके विभिन्न उद्धरणों को स्मृति ग्रन्थ के रूप में आम जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए

    CM Yogi ने कहा कि युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी का पूरा जीवन प्रभु श्रीराम के उन मूल्यों, आदर्शों तथा मर्यादाओं के लिए समर्पित था, जिन पर सनातन धर्म टिका हुआ है। यह अत्यन्त गौरव का क्षण है कि हम आज पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी महाराज के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह से जुड़ रहे हैं।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां लखनऊ में मानसवेत्ता, पद्मभूषण, युगतुलसी पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी के जन्म शताब्दी वर्ष पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने पं0 रामकिंकर जी की स्मृतियों को नमन कर अपनी विनम्र भावांजलि दी। इस अवसर पर भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया गया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि युगतुलसी के रूप में विख्यात पूज्य रामकिंकर जी महाराज का पूरा जीवन तुलसी साहित्य और मानस के प्रति समर्पित था। अपनी विशिष्ट व्याख्या और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने एक विशिष्ट शैली का सूत्रपात किया। महापुरुषों के लक्षणों के सम्बन्ध में यजुर्वेद के मंत्र ‘वेदाहमेतं पुरुषं महान्तमादित्यवर्णं तमसः परस्तात्’ का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शास्त्रों में दो प्रकार के पुरुषों की चर्चा होती है। एक साधारण पुरुष, जिन्हें शास्त्रीय भाषा में प्राकृत पुरुष कहते हैं और दूसरे विशिष्ट पुरुष होते हैं। दोनों में भौतिक दृष्टि से ज्यादा अंतर नहीं होता है, लेकिन उनके कार्यों की विशिष्टता बता देती है कि वह अलग-अलग हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि जो लकीर का फकीरहोता है, वह साधारण व्यक्ति होता है। लेकिन जो लीक से हटकर विशिष्ट कार्य करता है, वही महापुरुष और विशिष्ट होता है। अपनी कथा और चिंतन के माध्यम से पं0 रामकिंकर जी ने जिस विशिष्ट शैली को जन्म दिया, उसने भारत के राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद जी से लेकर एक साधारण इंसान तक सभी को लाभान्वित किया। उनमें कोई भेद नहीं था। राम के प्रति जिसका भी अनुराग है, वह पं0 रामकिंकर जी महाराज की कथा का आनन्द ले सकता था और उससे लाभान्वित हो सकता था।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पं0 रामकिंकर जी ने लगभग 06 दशकों तक मानस के माध्यम से सनातन धर्म और देश की बहुमूल्य सेवा की। देश व धर्म के लिए उनकी निःस्वार्थ सेवाओं के लिए वर्ष 1999 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया। यह हमारा दायित्व है कि हम भी ऐसे महापुरुष के प्रति सम्मान का भाव रखें। 01 नवम्बर, 2024 को उनके जन्म के 100 वर्ष पूरे होंगे। यह बहुत अच्छा संयोग है कि पं0 रामकिंकर जी के जन्म शताब्दी वर्ष में ही प्रभु श्रीरामलला 500 वर्षों के बाद अयोध्या में विराजमान हो चुके हैं। एक सच्ची श्रद्धा का इससे अद्भुत उदाहरण दूसरा नहीं मिलेगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूज्य रामकिंकर जी हमारे बीच भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हैं। सन् 2002 में वह भौतिक रूप से हमसे अलग हो गए, लेकिन उनकी कथा और रचनाएं आज भी हमें नई प्रेरणा और नई दिशा देती हैं। श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान उनकी कथाओं ने बहुत बड़ी जागरूकता का कार्य किया। यह जन जागरण उसी प्रकार का था, जैसा कि मध्यकाल में संत तुलसीदास जी ने किया था। जब यह देश विदेशी आक्रांताओं से आहत हो रहा था, उस कालखण्ड में संत तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस के माध्यम से गांव-गांव में जन चेतना को जाग्रत करने का काम किया। संत तुलसीदास ने रामलीलाओं के मंचन के माध्यम से गांव-गांव को जोड़ने का काम किया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस समय तुलसीदास जी को बादशाह के दरबार में आने के लिए अनेक प्रलोभन दिए गए। लेकिन संत तुलसीदास जी ने कहा कि भारत का एक ही राजा है और वह है राम। यह एक संत की निर्भीकता है। भारत की रामलीलाओं में आज भी यह मंत्र और नारा गूंजता है कि ‘राजा रामचन्द्र की जय’। यह नारा तुलसीदास जी ने ही उस कालखण्ड में दिया था। जब भी हम लीक से हटकर काम करेंगे, वह लोगों को आकर्षित करेगा तथा उनके लिए प्रेरणादायी बनेगा। प्रभु श्रीराम की कथा इसके बारे में हमारे सामने अनेक उदाहरण प्रस्तुत करती है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भी आम जनमानस श्रद्धाभाव से गांव-गांव में रामलीलाओं का आयोजन बिना सरकार पर आश्रित हुए करता है। इसमें पात्र गांव के ही नौजवान बनते हैं। उनमें कला एक नये रूप में देखने को मिलती है। अलग-अलग जगहों पर संवाद की एक नई शैली देखने को मिलती है। इसके माध्यम से गांव में सामाजिक सद्भाव स्थापित होता है और सनातन धर्म के मूल्य मजबूत होते हैं। श्री किशोर टण्डन जी का परिवार श्रद्धाभाव के साथ निरन्तर अपनी परम्परा का निर्वहन कर रहा है। ऐसे कार्यक्रम निरन्तर चलते रहने चाहिए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी ने अपने विख्यात महाकाव्य वाल्मीकि रामायण को एक विशिष्ट शैली व्यावहारिक संस्कृत में रचा। संत तुलसीदास जी ने अवधी शैली में रामचरितमानस की रचना की। यह हम सभी के लिए प्रेरणा और जन चेतना का माध्यम बन गयी। लोगों के यहां कोई भी शुभ एवं मांगलिक कार्य बिना अखण्ड रामायण के नहीं होते। बरेली में जन्मे पं0 राधेश्याम जी ने राधेश्याम शैली के माध्यम से नये संवाद का सूत्रपात्र किया, वह भी विख्यात हो गया। इसी प्रकार युगतुलसी ने भी कथा की जिस विशिष्ट शैली को जन्म दिया, उसके माध्यम से वह विख्यात हो गए।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि यह पं0 रामकिंकर जी का जन्म शताब्दी वर्ष है। इसके आयोजन पूरी भव्यता के साथ होने चाहिए। पं0 रामकिंकर जी के विशिष्ट सम्बोधन, उनके विभिन्न उद्धरणों को स्मृति ग्रन्थ के रूप में आम जनमानस तक पहुंचाने का कार्य किया जाना चाहिए।

    इस अवसर पर राज्य सभा सांसद तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, पं0 रामकिंकर उपाध्याय जी की मानस पुत्री एवं आध्यात्मिक उत्तराधिकारी पं0 पूज्य दीदी मंदाकिनी श्री रामकिंकर, मानस मर्मज्ञ पूज्य व्यास पं0 उमा शंकर शर्मा एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in


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