Tag: Government of Madhya Pradesh

  • CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav: 1.29 करोड़ बहनों को मिलेगी 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त

    CM Dr. Mohan Yadav 9 नवम्बर को इंदौर से करेंगे 1574 करोड़ रूपये अंतरित

    प्रदेश की लाड़ली बहनों को 1250 रूपये की नवम्बर माह की किश्त जल्द मिलने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 9 नवम्बर को इंदौर से 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खाते में 1574 करोड़ रूपये अंतरित करेंगे। उल्लेखनीय है कि लाड़ली बहना योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को जून 2023 से अक्टूबर 2024 तक मासिक आर्थिक सहायता राशि की कुल 17 किश्तों का अंतरण किया गया है। इसके अतिरिक्त माह अगस्त 2023 एवं 2024 में (कुल 2 बार) लाभार्थी महिलाओं को 250 रूपये की राशि की विशेष आर्थिक सहायता का भी अंतरण किया गया। योजना के प्रारंभ में पात्र हितग्राहियों को 1000 रूपये प्रतिमाह की राशि का भुगतान किया गया। अक्टूबर 2023 से मासिक आर्थिक सहायता की राशि में 250 रूपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई।

    प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना 2023 का संचालन किया जा रहा है। यह योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णयों में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योजना के तहत लगभग 18 हजार 984 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

    योजना का प्रभाव

    लाड़ली बहना योजना प्रदेश की सबसे बड़ी डीबीटी योजना में शामिल है। योजना के वृहद स्वरूप ने प्रदेश की महिलाओं के समग्र सशक्तिकरण में महती भूमिका निभाई है। इस योजना से न केवल महिलाओं ने अपनी छोटी-छोटी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है बल्कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये महिलाएं बैंकिंग प्रणाली से सीधे परिचित हुई हैं। इससे परिवार के निर्णयों में भी उनकी भूमिका बड़ी है और सामाजिक रूप से महिलाओं के सम्मान में वृद्धि हुई है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: गांधीसागर समूह जलप्रदाय योजना बनेगी 920 ग्रामों के लिये वरदान

    CM Dr. Mohan Yadav: मंदसौर जिले के लगभग ढाई लाख ग्रामीण परिवारों को मिलेगा शुद्ध पेयजल

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि मंदसौर जिले में 1211.56 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही गांधी सागर समूह जल प्रदाय योजना से 920 ग्रामों के लिए वरदान बनेगी। योजना से 2 लाख 40 हजार परिवारों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी। आगामी दिसम्बर 2024 तक योजना पूर्ण की जाकर घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में योजना का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि योजना से न सिर्फ पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे एवं सामुदायिक सहभागिता से ग्रामीणों को आत्म-निर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती सम्पतिया उइके ने बताया कि पहले जहां हर साल गर्मी में पानी की गंभीर कमी होती थी और लोग जलस्त्रोतों के सूखने के कारण पानी की समस्या से जूझते थे, वहीं अब गांधीसागर बांध से जल आपूर्ति का एक स्थिर रास्ता तैयार किया जा रहा है। इस योजना से जल जीवन मिशन के उद्देश्यों को साकार किया जा रहा है।

    समुदाय की सहभागिता और रोजगार सृजन

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना का उद्देश्य न सिर्फ पानी की आपूर्ति करना है, बल्कि स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना भी है। इस योजना के तहत 1200 से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल चुका है और योजना के पूरा होने पर भी अन्य कई लोगों को रोजगार मिलेगा।

    इस योजना के समुचित संचालन के लिये ग्राम जल एवं स्वच्छता तदर्थ समितियों का गठन किया जाएगा, जिसमें 50 प्रतिशत महिलाएं और 25 प्रतिशत एससी/एसटी/ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधि होंगे। ये समितियां जल आपूर्ति और इसके प्रबंधन में सक्रिय भागीदारी निभाएंगी, जिससे जल संकट का स्थायी समाधान और ग्रामीणों की सशक्त भागीदारी सुनिश्चित होगी।

    जल जीवन मिशन में स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार

    यह योजना न सिर्फ जल की आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी, बल्कि जल जनित रोगों में कमी लाने और ग्रामीण समुदायों को स्वस्थ बनाने का भी काम करेगी। ग्रामीणों को दूर-दूर से पानी लाने से निजात मिलेगी और वह अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर सकेंगे।

    आने वाले समय में बदलाव की बयार

    गांधीसागर जलप्रदाय योजना मंदसौर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक नई उम्मीद और स्थायी समाधान लेकर आई है। इस योजना से न सिर्फ जल संकट का समाधान होगा, बल्कि इससे ग्रामीण जीवन के स्तर में भी सुधार होगा।

    जल आपूर्ति के इस महत्वाकांक्षी प्रयास के साथ, मंदसौर जिले में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है, जो आने वाले समय में विकास और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: क्षिप्रा शुद्धीकरण के साथ सम्पूर्ण उज्जैन का विकास सर्वोच्य प्राथमिकता में

    CM Dr. Mohan Yadav: सिंहस्थ-2028 की तैयारियों ने पकड़ी गति, टास्कफोर्स का गठन

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि सिंहस्थ-2028 में आने वाले श्रद्धालुओं के लिये विशेष व्यवस्थाऍ करने राज्य सरकार की टीम ने एकजुट होकर निरंतर कार्य कर रही है। राज्य स्तर पर टास्क फोर्स का गठन भी किया जा चुका है। सिंहस्थ- 2028 की व्यवस्थाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। मांक्षिप्रा के शुद्धीकरण के लिए 599 करोड़ रूपये लागत की कान्ह-क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य प्रगतिरत है। साथ ही उज्जैन में आवागमन के लिये चौतरफा सड़क, ब्रिज बनाकर फोर-लेन मार्ग भी बनाये जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिंहस्थ आवागमन और सौन्दर्यीकरण से संबंधित अनेक अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य प्रगतिरत हैं। उज्जैन पहुँचने वाले श्रद्धालु, विशेष रूप से बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिये ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे वे कम समय में सहजता से क्षिप्रा के घाटों और श्रद्धा स्थलों तक पहुँच सकें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों के लिये इस बार विशेष पहल कर हरिद्वार की तरह स्थायी धार्मिक नगरी और आश्रम बनाये जायेंगे। इसके लिये सभी 13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत-महंतों के लिये आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। इन प्रयासों से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के माध्यम से उज्जैन को विश्व पटल पर प्रमुखधार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में पहचान दिलाने के समग्र प्रयास किये जा रहे है। आगामी सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मन्दिर की पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिये सदावल में हेलीपेड का निर्माण भी किया जायेगा। साथ ही उज्जैन की हवाई पट्टी को एयरपोर्ट बनाने की पहल भी की जा रही है। उज्जैन को जोड़ने वाले चारों ओर के मार्गों को फोरलेन किया जायेगा, जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्र मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही उज्जैन शहर और उज्जैन ग्रामीण के बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये स्थाई प्रकृति के 62 करोड़ के कार्यों को मंजूरी दी गई है। इसमें आधुनिक बिजली ग्रिड, नवीन विद्युत लाइन, इंटर कनेक्शन और नवीन उपकेन्द्र बनाये जायेंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक निर्माण से लोक कल्याण के उद्देश्य से उज्जैन में 658 करोड़ से अधिक के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन हो चुका है। इनमें प्रमुख रूप से हरिफाटक-लालपुल-मुल्लापुरा फोरलेन मार्ग शंकराचार्य चौराहा से चंदूखेड़ी, 2 नग 2 लेन आरओबी और क्षिप्रा पर 2-लेन ब्रिज सहित फोरलेन मार्ग, उज्जैन बड़नगर बाईपास टू-लेन मार्ग निर्माण कार्य, बडावदा-कलसी-नागदा से दोत्रु मार्ग का निर्माण, नागदा गिद्धगढ़ विदखेड़ा मोकड़ी मार्ग, तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग, रालामंडल-कांकरिया-चिराखान-लेकोडा़-झिरोलिया-बारोदा-हमीरखेड़ी-उमरिया मार्ग, लालपुर से चिंतामन गणेश मंदिर, बड़ापुल-रणजीत-हनुमान-मोजमखेड़ी मार्ग, वाकंणकर पुल से दाऊद खेड़ी, करोहन-नाईखेड़ी-पंचक्रोशी मार्ग, खाचरोद-बड़नगर-बायपास, सेदरी से बड़ावदा, मुरानाबाद से बेड़ावन्या, रतलाम खाचरोद का शेष भाग का मजबूतीकरण, सदावल हेलीपैड निर्माण, जहांगीरपुर से चामुंडा माता मार्ग, रूदाहेड़ा से गुनई-महिदपुर से काचरिया एवं महिदपुर से नागेश्वर तीर्थ, सुतारखेड़ा एप्रोच रोड-मीन रोड से सुतारखेड़ा एवं रूदाहेड़ा एप्रोच रोड और मक्सी-तराना-रूपाखेड़ी एवं कानीपुरा-तराना मार्ग, मास्टर माईंड स्कूल तराना से लिम्बादित मेन रोड का काम प्रारंभ किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक विकसित होने के बाद उज्जैन वैश्विक स्तर पर पहचान बना चुका है। यहाँ आने वाले श्रृद्धालुओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। इसके दृष्टिगत वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिये अभी से कार्य प्रारंभ कर दिये है, जिससे यहाँ आने वाले श्रृद्धालु और नागरिकों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता, में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन

    राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुCM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स का पुनर्गठन किया गया है।

    गठित टास्क फोर्स की शीर्ष समिति में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री रामनिवास रावत को उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पदेन सचिव और प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य को पदेन सह सचिव नियुक्त किया गया है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अध्यक्षता में कार्यकारी समिति भी गठित की गई है। इसमें मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वन और अपर आयुक्त जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्थान को पदेन सदस्य नियुक्त किया गया है। डॉ. मिलिंद दांडेकर (विधि विशेषज्ञ), डॉ. शरद लेले (विषय विशेषज्ञ), श्री मिलिंद थत्ते (विषय विशेषज्ञ), श्री भगत सिंह नेताम पूर्व विधायक, श्री राम डांगोरे पूर्व विधायक, डॉ. रूपनारायण मांडवे और श्री कालू सिंह मुजाल्दा जनजातीय मंत्रणा परिषद मध्यप्रदेश को सदस्य नियुक्त किया गया है। प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग समिति के पदेन सदस्य सचिव होंगे।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशानुसार वर्ष में 2 बार शीर्ष समिति की बैठक होगी और कार्यकारी समिति की बैठक मुख्यमंत्री के निर्देश पर बुलाई जा सकेगी।

    समिति के प्रमुख दायित्व

    टास्क फोर्स समिति राज्य में वर्तमान में चिन्हांकित वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों की संभावित क्षेत्रों के मेपिंग की जिलेवार सूची तैयार करना एवं अन्य संभावित क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये संस्तुति प्रदान करना। वन अधिकार अधिनियम में सीएफआरआर प्रावधानों के संभावित क्षेत्रों के लंबित प्रकरणों का जिलेवार आकलन करना। राज्य में पेसा और वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिये राज्य शासन के संबंधित विभागों एवं एफआरए संबंधित विषयों के लिये डीएलसी और पेसा संबंधी विषयों के लिये जिला पंचायतों को संभावित रणनीतियों और कार्ययोजना के लिये अनुसंशाएं प्रदान करना। प्रस्तावित अनुशंसाओं के प्रशासकीय अनुमोदन के बाद कार्य-योजना एवं समय-सीमा के अनुसार बिन्दुवार क्रियान्वयनित कार्यों का मूल्यांकन और पर्यवेक्षण करना। राज्य में वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये अन्य उपाय या अनुसंशाएं प्रस्तुत करना। टास्क फोर्स का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा, जो अपनी प्रथम अनुसंशाओं का प्रतिवेदन 3 माह की अवधि या इसके पूर्व प्रस्तुत करेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: पीपीपी मोड पर बनाए जाएं आईटी पार्क

    CM Dr. Mohan Yadav: समान कार्य स्वरूप की संस्थाएं‍मिलकर करें कार्य

    • सायबर सुरक्षा का जिम्मा इलेक्ट्रानिक विकास निगम को देंगे
    • मुख्यमंत्री ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यों की समीक्षा की

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि शासकीय विभाग जन-कल्याण के लिए ड्रोन तकनीक के अधिक उपयोग के लिए प्रयास बढ़ाएं। अवैध वृक्ष कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, सघन बस्तियों में पुलिस पेट्रोलिंग में ड्रोन टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाया जाए। वन क्षेत्रों में शिकार की घटनाएं भी ड्रोन तकनीक से ज्ञात कर अपराधियों को दंडित करने में उपयोग किया जाए। मैपकास्ट के साथ‍क्रिस्प और इस तरह की अन्य संस्थाएं समान स्वरूप की गतिविधियों का संयुक्त रूप से समन्वय पूर्वक संचालन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को मंत्रालय कक्ष में हुई बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के महत्वपूर्ण कार्यों और संचालित प्रकल्पों से संबंधित निर्देश दिए।

    पीपीपी मोड पर बनें आईटी पार्क

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में पीपीपी मोड से आईटी पार्क बनाए जाएं। इंदौर, उज्जैन और रीवा में इन संभावनाओं को साकार किया जाए। सभी आईटी प्रोजेक्ट्स के कार्यों की समय- सीमा तय कर कार्य करें। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रों, फसलों की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए नवीन टेक्नोलॉजी का प्रभावी उपयोग करने पर जोर दिया।

    आईआईटी इंदौर से जुड़े डोंगला वेधशाला

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन जिले की डोंगला वेधशाला को आईआईटी इंदौर के साथ कनेक्ट कर रिसर्च एवं डेवलपमेंट पाठ्यक्रम विकसित करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उज्जैन प्लेनेटोरियम में टॉपर विद्यार्थियों का प्राथमिकता के आधार पर भ्रमण प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। शोधकर्ताओं के लिए वेधशाला की रिमोटली ऑपरेटेड सुविधा नई शिक्षा नीति के अनुरूप भी है।

    विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान का अध्ययन करवाने पर करें फोकस

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान के लिए प्रेरित किया जाए। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी वेधशालाओं का भ्रमण कर ज्ञान स्तर बढ़ाएं। प्रदेश में अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर युवाओं को जोड़ा जाए। इन क्षेत्र में पीएच.डी. के लिए भी छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया जाए। विद्यार्थियों को वर्तमान दौर से जोड़ने के लिए उनके बौद्धिक स्तर को बढ़ाना आवश्यक है। नव -वैज्ञानिक संवाद सत्र आयोजित किए जाएं। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष उज्जैन तारामंडल में 8 करोड़ की लागत से अपग्रेडेशन के कार्य हुए हैं। यहाँ थ्रीडी 4K प्रोजेक्शन सिस्टम लोकार्पित होने के बाद 400 से अधिक शो सम्पन्न हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में स्कूल- कॉलेज के विद्यार्थी रूचि लेकर पहुंच रहे हैं।

    उज्जैन विश्व समय मानक का केंद्र बने

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्रीनविच टाइम्स को जिस तरह की मान्यता प्राप्त है, उस तरह उज्जैन के भौगोलिक महत्व और श्री जनार्दन नेगी जैसे वैज्ञानिकों के अनुसंधान के प्रकाश में विश्व स्तर पर उज्जैन को विशेष केंद्र के रूप में पहचान मिलना चाहिए। यहां दुनिया में अपनी तरह की प्रथम वैदिक घड़ी भी स्थापित की गई है। प्राचीन आचार्यों ने भी भौगोलिक गणना के अनुसार उज्जैन को शून्य रेखांश पर स्थित माना है। विश्व समय मानक ग्रीनविच से परिवर्तित होकर उज्जैन हो जाए, इस दिशा में बहुआयामी प्रयास होना चाहिए।

    शासकीय विभागों और सिंहस्थ-2028 के लिए एमपीएसईडीसी को देंगे जिम्मेदारी

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विभागों में मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के माध्यम से साइबर सुरक्षा के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 के लिए भी नगरीय प्रशासन विभाग के आईटी प्रोजेक्ट्स की जिम्मेदारी एमपीएसईडीसी को दी जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) द्वारा अभी से प्लान बनाकर कार्य किया जाए।

    इंजीनियरिंग कॉलेजों का उच्च शिक्षा से हो समन्वय

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग सक्षम बने एवं विभिन्न प्रोजेक्ट की साइबर सुरक्षा के लिए भी कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 6 पुराने शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों को आईआईटी की तर्ज पर विकसित किया जाए। आवश्यकता अनुसार इंडस्ट्री की मदद कॉलेज को विकसित करने में ली जाए। प्रदेश में आ रहे नए उद्योगों में कौशल प्राप्त श्रमिक कार्य के लिए उपलब्ध हों, इस दिशा में भी प्रयास बढ़ाए जाएं। उन्होंने स्टेट डाटा सेंटर के लिए आवश्यकता के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि उद्योगों के लिए सभी विभागों का इंटीग्रेटेड सिंगल विंडो सिस्टम डेवलप किया जाए। सभी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को आईटी डिपार्टमेंट से समन्वय स्थापित कर विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्च शिक्षा विभाग और क्रिस्प एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को आपस में समन्वय कर ग्रामीण प्रौद्योगिकी के लिए कार्य करने के लिए निर्देशित किया।

    बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने पीपीपी मोड पर प्रदेश में आईटी पार्क विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी के व्यापक उपयोग की जरूरत बताते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स जैसी नवीन तकनीक का समावेश किया जाए। पुलिस विभाग में विभिन्न स्थानों का डाटा को इंटीग्रेटेड कर हीट मैप डेवलप करें, जिससे अपराध का विशलेषण किया जाए अपराधों में कमी लाई जा सके। मुख्य सचिव ने पीएम गति शक्ति पोर्टल का प्रभावी उपयोग करने पर भी जोर दिया। अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्री संजय दुबे ने विभागीय कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ड्रोन टेक्नोलॉजी का विभिन्न विभागों में उपयोग हो रहा है। प्रदेश में राजस्व, वन, नगरीय प्रशासन, रेरा, कृषि और उद्योग विभागों में ड्रोन टेक्नोलॉजी तकनीक विकसित करने के प्रोजेक्ट्स प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट्स की भी जानकारी दी।

    प्रदेश में आने वाले वर्ष की महत्वपूर्ण गतिविधियां

    मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक श्री अनिल कोठारी ने परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यों, भविष्य की योजनाओं, प्रस्तावित गतिविधियों पर विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। दिसम्बर माह में वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला डोंगला के ऑटोमेशन के सम्पन्न कार्यों का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का भोपाल में 3 से 6 जनवरी 2025 तक आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश के 1200 विद्यार्थी, विषय विशेषज्ञ और वैज्ञानिक आदि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश कारीगर विज्ञान सम्मेलन फरवरी 2025 में प्रस्तावित है। इसी तरह 19 से 21 मार्च तक विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव और 40 वाँ युवा वैज्ञानिक सम्मेलन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं की भागीदारी रहेगी। बैठक में बताया गया कि डॉ. वी. एस. वाकणकर लुमनेसन्स डेटिंग लेबोरेटरी में गैलरी विकसित की जा रही है, जो डॉ. वाकणकर के योगदान को दर्शाएगी। भू-पुरातत्वीय काल गणनाओं के लिए आधुनिक प्रयोग शाला के रूप में यह लेबोरेटरी पहचान बनाएगी। इस क्षेत्र में 10 लाख वर्ष तक की भू-पुरातत्वीय घटनाओं के काल निर्धारण में मदद मिलेगी। वर्तमान में पूर्व में प्रचलित पद्धतियों से दो लाख वर्ष तक पुरानी घटनाओं और नमूनों का काल निर्धारण होता है।

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  • CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav की अध्यक्षता में वंदे-मातरम के गान के साथ आरंभ हुई मंत्रि-परिषद की बैठक

    CM Dr. Mohan Yadav: उज्जैन में 12 नवम्बर को उप राष्ट्रपति करेंगे अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ

    • नर्मदापुरम में सात दिसंबर को होगी अगली रीजनल इंडस्ट्री समिट
    • हाथियों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा
    • उमरिया-बांधवगढ़ क्षेत्र में स्थाई रूप से बसे हाथियों पर केंद्रित पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा कि सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के प्रयास के रूप में राज्य शासन द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। अपनी संस्कृति के प्रति संवेदनशीलता को प्रकट करते इस नवाचार की सभी ओर सराहना हुई। गौ-वंश के प्रति प्रेम को प्रदर्शित करने वाले इस पर्व से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव उत्साहवर्धक रही है। उद्योगपतियों और निवेशको नें प्रदेश में गतिविधियों के संचालन में रुचि प्रदर्शित की है। रीवा में 31 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए और लगभग 28 हजार रोजगार के अवसर सृजित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव आगामी 7 दिसंबर 2024 को नर्मदापुरम में होगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले हुए संबोधन में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे-मातरम के गान के साथ मंत्रालय में आरंभ हुई।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नीमच, मंदसौर और सिवनी मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया गया। धन्वंतरि जयंती पर हुए कार्यक्रम में 512 आयुर्वेदिक चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। चिकित्सा क्षेत्र में प्रदेश को मिली इन सौगातों ने धन्वंतरि जयंती को अविस्मरणीय बना दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 12 नवम्बर को अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करने के लिए पधार रहे हैं। उन्होंने मंत्रीगण को अपने विभाग के नवीन पदों संबंधी जानकारी अगले तीन दिन में लोक सेवा आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि जंगली जानवरों द्वारा जनहानि पर सहायता राशि को 8 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए किया गया है। हाथियों के दलों के आवागमन संबंधी पूर्व सूचना के आदान-प्रदान, आवश्यक सतर्कता और सावधानियां बरतने तथा उनके प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत की गई है। प्रयास है कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि उमरिया और बांधवगढ़ के वन क्षेत्र में लगभग एक सौ से अधिक हाथी स्थाई रूप से बस गए हैं। उनके प्रबंधन के लिए हाथी मित्र योजना लागू करने, टास्क फोर्स बनाने सहित मानक परिचालन निर्देश लागू किए जाएंगे। राज्य शासन का प्रयास होगा कि जंगल आबाद रहे, उनमें हाथी विद्यमान रहें और कोई जनहानि ना हो। वन और वन्य जीव के क्षेत्र में प्रदेश की साख बेहतर हुई है, टाइगर और चीतों के संरक्षण में मध्यप्रदेश, देश में प्रथम है। प्रदेश में हाथियों पर केंद्रित पर्यटन संभावनाओं को तलाशते हुए गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट को उनके जन्मदिन पर बधाई दी।

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  • Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका के माध्यम से नागरिकों को मिलेगी त्वरित सेवा

    Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका के माध्यम से नागरिकों को मिलेगी त्वरित सेवा

    Madhya Pradseh News: ई-नगर पालिका 2.0 के विकास की प्रक्रिया

    Madhya Pradseh News: प्रदेश में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 413 नगरीय निकायों को कम्प्यूटरीकृत करने के उद्देश्य से वेब आधारित ई-नगर पालिका योजना प्रारंभ की गई है। यह परियोजना डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को बढ़ावा देने तथा पारदर्शी एवं त्वरित नागरिक सेवा देने के लिये ई-गवनेंर्स का अनूठा उदाहरण है। ई-नगर पालिका द्वारा नगरीय निकायों द्वारा समस्त नागरिक सेवाओं, जन शिकायत सुविधा, निकायों की आंतरिक कार्य प्रणाली, समस्त भुगतान एवं बजट प्रक्रिया को एकीक्रत कर ऑनालइन सुविधा प्रदाय की जा रही है। मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों को एक सिंगल पोर्टल पर लाया गया है।

    22 नागरिक सेवाएं

    ई-नगर पालिका 1.0 को डेटाबेस के साथ प्लेटफार्म पर विकसित किया गया। वर्तमान में ई-नगर पालिका के माध्यम से 22 नागरिक सेवाएं प्रदाय की जा रही हैं, इसमें 15 मॉड्यूल शामिल हैं। ई-नगर पालिका का विभिन्न विभागों जैसे उद्योग, राजस्व, पंजीयन विभाग और भारत सरकार के महत्वपूर्ण मोबाइल एप उमंग से भी एकीकृत किया गया है। ई-नगर पालिका 1.0 पोर्टल के माध्यम से दी जा रही सभी नागरिक सेवाओं और विभागीय कार्यों को और बेहतर, सरल तथा सुगम बनाये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में विभाग द्वारा ई-नगर पालिका परियोजना के द्वितीय चरण का विकास, क्रियान्वयन और संचालन नई टेक्नोलॉजी एवं उपकरणों के अनुसार कराये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत 16 मॉड्यूल और 24 नागरिक सेवाएं शामिल होंगी। भौतिक संरचना को क्लाउड सेवाओं द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा। ई-नगर पालिका 2.0 में जीआईएस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जायेगा।

    -नगर पालिका 2.0

    कॉमन सर्विस सेंटर, एम ऑनलाइन, कियोस्क सेंटर और भुगतान गेटवे के साथ ई-नगर पालिका 2.0 का एकीकरण किया जायेगा। इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं। ई-नगर पालिका 2.0 पोर्टल के विकास के लिये 2 वर्ष तथा 5 वर्ष का O&M चयनित वेंडर द्वारा किया जायेगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर राज्योत्सव समारोह को किया संबोधित

    CM Dr. Mohan Yadav: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर राज्योत्सव समारोह को किया संबोधित

    CM Dr. Mohan Yadav: प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सांझी संस्कृति को सहेजते हुए विकास के पथ पर अग्रसर

    CM Dr. Mohan Yadav ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सांझी संस्कृति को सहेजते हुए विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्य सगे भाई है। दोनो राज्यों की साझा संस्कृति है, साथ ही साझा विचार और साझा राष्ट्रवादी भाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रायपुर में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस समारोह राज्योत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री और भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में ही छत्तीसगढ़ राज्य का उदय हुआ। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के विकास की असीम संभावनाओं का आंकलन कर निर्णय लिया। आज वनांचल और माइनिंग के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य है। पूरे प्रदेश में विकास के नए आयाम रचे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अब डबल इंजन की सरकार तेजगति से विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन भूमि का संबंध भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण से रहा है। मां कौशल्या और माँ शबरी ने भी इस भूमि का उद्धार किया है। माता शबरी के झूठे बेर भगवान श्रीराम के द्वारा खाने का गौरवशाली प्रसंग जनजातीय संस्कृति को गौरवान्वित करता है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान और गुजरात ये सभी राज्य भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के आध्यात्मिक प्रसंगों को अपने में समेटे हुए है। इस गौरवशाली अतीत को भावी पीढ़ी के सामने लाने के लिए हमारी सरकार मिलकर काम करेगी। भगवान श्रीराम के पदचिन्हों पर बनने वाले श्रीराम वन-गमन पथ के साथ साथ भगवान श्रीकृष्ण के प्रसंग स्थलों को चिन्हित करते हुए धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।

    मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का दीप प्रज्ज्वलित और देव नगाड़ा बजाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और श्री अरूण साव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह एवं सांसद श्री ब्रजमोहन अग्रवाल सहित अन्य जन-प्रतिनिधि, समाजसेवी, कलाकार और बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

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  • CM Dr. Yadav ने छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव के लिए दी बधाई और शुभकामनाएं

    CM Dr. Yadav ने छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव के लिए दी बधाई और शुभकामनाएं

    CM Dr. Yadav ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा प्रदेशवासियों को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दीं हैं

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय तथा प्रदेशवासियों को राज्योत्सव की बधाई और शुभकामनाएं दीं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया को दिए संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़, विकास के नए सोपानों की ओर बढ़ रहा है।

    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ द्वारा अपने स्थापना दिवस पर राज्य उत्सव का आयोजन हर्ष और प्रसन्नता का विषय है। मध्यप्रदेश से अलग होकर ही छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

    मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का बहुत पुराना संबंध है, दोनों राज्य, विकास और जन कल्याण की दिशा में समन्वित रूप से प्रगति पथ पर अग्रसर होने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि छत्तीसगढ़ से बड़े समूह में आने वाले हाथियों की सूचना के आदान-प्रदान और उनके प्रबंधन के संबंध में कार्य योजना बनाने पर भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।

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  • CM Dr. Mohan Yadav ने मीडिया के साथियों के साथ मनाया दीपोत्सव

    CM Dr. Mohan Yadav ने मीडिया के साथियों के साथ मनाया दीपोत्सव

    CM Dr. Mohan Yadav: मुख्यमंत्री निवास पर दीपावली मिलन समारोह

    CM Dr. Mohan Yadav ने पत्रकार बंधुओं से निवास परिसर में भेंट कर उन्हें दीपावली पर्व की मंगलकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के संपादक, संवाददाता, रिपोर्टर आदि को दीपावली मिलन के लिए निवास पर आमंत्रित कर मंगलकामनाओं का आदान-प्रदान किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीपावली मिलन कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।

    इस अवसर पर पुलिस बैंड द्वारा सुमधुर धुनों की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पुलिस बैण्ड के सभी सदस्यों को 11-11 हजार रुपये देने की घोषणा की। साथ ही प्रदेश में विकास, जन-कल्याणकारी योजनाओं, पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्र में हो रही प्रगति पर केन्द्रित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।

    पारम्परिक रूप से सुसज्जित कार्यक्रम स्थल पर, राज्य शासन द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आमंत्रितों को बधाई देते हुए कहा कि सबके जीवन में शुभता, समृद्धि और सौभाग्य के दिव्य दीप सदैव प्रज्ज्वलित रहें, यही कामना है। पत्रकार बंधुओं ने भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मिलकर दीपोत्सव की शुभकामनाएँ दीं।

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