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  • CM Bhagwant Mann द्वारा कनाडा में हिंसा और नफरत की घटनाओं की कड़ी निंदा

    CM Bhagwant Mann द्वारा कनाडा में हिंसा और नफरत की घटनाओं की कड़ी निंदा

    CM Bhagwant Mann: दोषियों के खिलाफ मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार के सामने मामला उठाने हेतु भारत सरकार के हस्तक्षेप की मांग की

    बठिंडा, 5 नवंबर – कनाडा में हुई हिंसक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए पंजाब के CM Bhagwant Mann ने आज भारत सरकार से इस मामले को कनाडा सरकार के सामने उठाने की अपील की। यहाँ पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, “कनाडा लाखों पंजाबियों का दूसरा घर है, जिन्होंने वहाँ जाकर कठिन मेहनत से अपना मुकाम हासिल किया है। कनाडा के साथ भारत के संबंध हमेशा सुखद बने रहने चाहिए क्योंकि पंजाबी वहाँ मेहनत करके अपने परिवारों के लिए रोजी-रोटी कमा रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विभाजन और नफरत की राजनीति ने कनाडा में तेजी से पैर पसारा है।”

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कनाडा जैसी भूमि पर धर्म और नफरत की राजनीति का फैलना विश्वास से परे की बात है। उन्होंने कहा कि नफरत और हिंसा की यह कार्रवाई अत्यंत निंदनीय है और उचित कार्रवाई के लिए भारत सरकार को यह मामला कनाडा की राष्ट्रीय सरकार के सामने उठाना चाहिए।

    भगवंत सिंह मान ने कहा, “पंजाबी हमेशा सबके भले की प्रार्थना करते हैं और शांति के समर्थक हैं, जिसके कारण उन्हें दुनिया भर में प्यार और सम्मान की नज़र से देखा जाता है।”

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों ने अपनी मेहनत और काबिलियत के गुणों से पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी घटनाओं से पंजाब और पंजाबियों को अपमान सहनी पड़ती है, इसलिए इससे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कनाडाई सरकार को इस घृणित अपराध के दोषियों के खिलाफ मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि भविष्य में दूसरों को सबक मिल सके।

  • President Droupadi Murmu ने भारतीय विमानन क्षेत्र की सफल महिला अधिकारियों से मुलाकात की

    President Droupadi Murmu ने भारतीय विमानन क्षेत्र की सफल महिला अधिकारियों से मुलाकात की

    President Droupadi Murmu ने आज (4 नवंबर, 2024) राष्ट्रपति भवन में भारतीय विमानन क्षेत्र में सफल महिला अधिकारियों (वुमेन अचीवर्स) के एक दल से मुलाकात की

    President Droupadi Murmu ने आज (4 नवंबर, 2024) राष्ट्रपति भवन में भारतीय विमानन क्षेत्र में सफल महिला अधिकारियों (वुमेन अचीवर्स) के एक दल से मुलाकात की। यह मुलाकात “द प्रेसिडेंट विद द पीपल” पहल के तहत हुई, जिसका उद्देश्य लोगों के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना और उनके योगदान की सराहना करना है।

    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस अवसर पर कहा कि भारत के नागरिक विमानन क्षेत्र में विभिन्न परिचालन और तकनीकी क्षेत्रों में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि 15 प्रतिशत एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, 11 प्रतिशत फ्लाइट डिस्पैचर और 9 प्रतिशत एयरोस्पेस इंजीनियर महिलाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त करने वाली 18 प्रतिशत पायलट महिलाएं थीं। उन्होंने उन सभी सफल महिलाओं की सराहना की जो नवीन एवं प्रगतिवादी सोच रखती हैं तथा नए रास्तों पर चलने का साहस रखती हैं।

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    राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत सरकार के समावेशी प्रयासों से नागर विमानन क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति को बढ़ावा मिला है और अब अधिक से अधिक महिलाएं विमानन क्षेत्र को अपने करियर के रूप में चुन रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विमानन उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ इस क्षेत्र में प्रगति के लिए समान अवसर भी आवश्यक हैं।

    श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि शिक्षा और उचित प्रशिक्षण के अलावा परिवार का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। प्रायः देखा जाता है कि कई महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी परिवार से सहयोग न मिलने के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती हैं। उन्होंने इन सफल महिलाओं से आग्रह किया कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर उन्हें अपना करियर चुनने और उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करें।

    source: http://pib.gov.in

  • PM Narendra Modi ने रोजगार मेले को संबोधित किया

    PM Narendra Modi: रोजगार मेले में 51 हजार युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपना बेहद खुशी की बात है, राष्ट्र निर्माण की दिशा में कदम रखने वाले सभी युवाओं को शुभकामनाएं

    • यह हमारी प्रतिबद्धता है कि देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले: प्रधानमंत्री
    • आज भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री
    • हमने हर नई तकनीक में मेक इन इंडिया को आगे बढ़ाया, हमने आत्मनिर्भर भारत पर काम किया: प्रधानमंत्री
    • प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में पेड इंटर्नशिप का प्रावधान किया गया है: प्रधानमंत्री

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोजगार मेले को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों एवं संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र सौंपे। यह रोजगार मेला रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के सार्थक अवसर प्रदान करके युवाओं को सशक्त बनाएगा।

    इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने धनतेरस के शुभ अवसर का उल्लेख किया और इस अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि इस वर्ष की दिवाली विशेष होगी, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहली दिवाली है जब भगवान श्री राम 500 वर्षों के बाद अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों ने इस दिवाली का इंतजार किया है, जबकि कई लोगों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है या कष्टों का सामना किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान पीढ़ी ऐसे समारोहों को देखने और उनका हिस्सा बनने की दृष्टि से बेहद भाग्यशाली है। प्रधानमंत्री ने कहा, उत्सव के माहौल में 51,000 युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

    प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लाखों युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरियां प्रदान करना एक परंपरा रही है, जो निरंतर जारी है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों में भी लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि नवगठित सरकार द्वारा 26,000 युवाओं को नौकरी प्रदान किए जाने से हरियाणा में उत्सव का माहौल है। श्री मोदी ने कहा कि बिना किसी खर्च या सिफारिश के नौकरियां देने के मामले में हरियाणा की उनकी सरकार की एक विशेष पहचान है। उन्होंने हरियाणा के उन 26,000 युवाओं को शुभकामनाएं दीं, जिन्हें आज के रोजगार मेले में 51,000 नौकरियों के अतिरिक्त नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे।

    प्रधानमंत्री ने सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि देश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। इस तथ्य का उल्लेख करते हुए कि सरकार की नीतियों एवं निर्णयों का रोजगार सृजन पर सीधा प्रभाव पड़ता है, प्रधानमंत्री ने एक्सप्रेसवे, राजमार्गों, सड़कों, रेल, बंदरगाहों, हवाई अड्डों के विकास, फाइबर केबल बिछाने, मोबाइल टावरों की स्थापना और देश के सभी भागों में नए उद्योगों के विस्तार पर प्रकाश डाला। पानी एवं गैस के पाइपलाइन बिछाने, नए स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना और बुनियादी ढांचे पर खर्च करके लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि इससे न केवल नागरिकों को लाभ हो रहा है बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।

    गुजरात के वडोदरा की अपनी कल की यात्रा को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र के लिए एक विमान निर्माण केन्द्र के उद्घाटन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हजारों नागरिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि एमएसएमई उद्योगों को कल पुर्जों एवं अन्य उपकरणों के निर्माण से भारी लाभ होगा और इससे आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार होगा। इस बात का उल्लेख करते हुए कि एक विमान में 15,000 से 25,000 पुर्जे होते हैं, श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि हजारों छोटे कारखाने एक बड़े कारखाने की मांगों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे, जिससे भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को लाभ होगा।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी कोई योजना शुरू की जाती है, तो केवल नागरिकों को मिलने वाले लाभों पर ध्यान केन्द्रित नहीं किया जाता है, बल्कि व्यापक दायरे में सोच कर इसे एक माध्यम के रूप में उपयोग करके रोजगार सृजन का एक संपूर्ण इकोसिस्टम विकसित किया जाता है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का उदाहरण देते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान लगभग दो करोड़ ग्राहकों ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराया है, 9,000 से अधिक विक्रेता इस योजना से जुड़े हैं, पांच लाख से अधिक घरों में सौर पैनल पहले ही लगाए जा चुके हैं। निकट भविष्य में इस योजना के अंतर्गत मॉडल के रूप में 800 सौर गांव बनाने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करने के लिए 30,000 लोगों ने प्रशिक्षण भी लिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली की इस एक योजना ने देश भर में निर्माताओं, विक्रेताओं, असेंबलरों और मरम्मत करने वालों के लिए रोजगार के कई अवसर सृजित किए हैं।

    इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि भारत के खादी उद्योग का पिछले 10 वर्षों के दौरान सरकार की नीतियों के माध्यम से कायाकल्प हो गया है और इसका असर गांवों के लोगों पर पड़ा है, प्रधानमंत्री ने बताया कि खादी ग्रामोद्योग का कारोबार आज 1.5 लाख करोड़ से अधिक का हो गया है। दस साल पहले की स्थिति से तुलना करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी की बिक्री 400 प्रतिशत तक बढ़ गई है, जिससे कलाकारों, बुनकरों और व्यवसायों को लाभ हुआ है और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए हैं। श्री मोदी ने लखपति दीदी योजना का भी उल्लेख किया जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को नए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा, “पिछले दशक में 10 करोड़ से अधिक महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में शामिल हुई हैं।” उन्होंने कहा कि 10 करोड़ महिलाएं अब आर्थिक गतिविधियों में लगी हुई हैं। उन्होंने हर कदम पर सरकार द्वारा प्रदान किए गए समर्थन को श्रेय दिया और तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “अब तक 1.25 करोड़ से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिससे उनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो गई है।”

    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश में हुई प्रगति की चर्चा करते हुए, उन्होंने देश के युवाओं की उस जिज्ञासा का उल्लेख किया जो अक्सर पूछते हैं कि देश ने पहले यह गति क्यों नहीं हासिल की। इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि इसका उत्तर पिछली सरकारों में स्पष्ट नीतियों और इरादों की कमी में निहित है, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर प्रौद्योगिकी के मामले में पिछड़ रहा था। उन्होंने याद दिलाया कि भारत दुनिया भर से नई प्रौद्योगिकियों की प्रतीक्षा करता था और जो प्रौद्योगिकी पश्चिम में पुरानी मानी जाती था वही अंत में देश में पहुंचती थी। उन्होंने लंबे समय से चली आ रही इस धारणा की ओर इशारा किया कि भारत में आधुनिक तकनीक विकसित नहीं की जा सकती, जिससे न केवल भारत विकास के मामले में पिछड़ गया, बल्कि देश महत्वपूर्ण रोजगार के अवसरों से भी वंचित हो गया।

    देश को इस पुरानी सोच से मुक्त करने के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया को बढ़ावा देकर अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे क्षेत्रों में इस पुरानी मानसिकता से मुक्त होने के प्रयास शुरू किए गए। प्रधानमंत्री ने तकनीकी उन्नति और निवेश के महत्व को रेखांकित किया, उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना भारत में नई तकनीक और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के लिए शुरू की गई थी, जिसने मेक इन इंडिया पहल के साथ मिलकर रोजगार सृजन की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। उन्होंने कहा कि अब हर क्षेत्र को विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े युवाओं को अवसर प्रदान करने के लिए बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने कहा, “आज, भारत में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है और रिकॉर्ड संख्या में अवसर सृजित किए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों के दौरान 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप लॉन्च किए गए हैं, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि ये क्षेत्र हमारे युवाओं को आगे बढ़ने और रोजगार हासिल करने का मौका दे रहे हैं।

    प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराया कि सरकार आज देश के युवाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कौशल विकास पर काफी ध्यान केन्द्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार ने स्किल इंडिया जैसे मिशन शुरू किए और कई कौशल विकास केन्द्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। श्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने हेतु व्यवस्था की गई कि देश के युवाओं को अनुभव और अवसर के लिए भटकना न पड़े। प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने कहा कि भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में पेड इंटर्नशिप के लिए प्रावधान किए गए हैं, जहां प्रत्येक इंटर्न को एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिले। उन्होंने कहा, इससे युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में वास्तविक जीवन के कारोबारी माहौल से जुड़ने का मौका मिलेगा और उनके करियर में लाभकारी अनुभव जुड़ेगा।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार देश के युवाओं के लिए विदेशों में नौकरी पाना आसान बनाने के उद्देश्य से नए अवसर सृजित कर रही है। भारत के लिए हाल ही में जारी जर्मनी की कुशल श्रमिक संबंधी रणनीति का हवाला देते हुए, श्री मोदी ने बताया कि जर्मनी ने हर साल कुशल भारतीय युवाओं को दिए जाने वाले वीजा की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दी है। उन्होंने कहा कि इससे भारत के युवाओं को काफी लाभ होगा। श्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत ने हाल के वर्षों में 21 देशों के साथ प्रवास और रोजगार से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें खाड़ी देशों के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, मॉरीशस, इजराइल, ब्रिटेन और इटली जैसे देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष तीन हजार भारतीयों को यूनाइटेड किंगडम में काम और पढ़ाई करने हेतु दो वर्ष का वीजा मिल सकता है, जबकि तीन हजार भारतीय विद्यार्थियों को ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। श्री मोदी ने कहा, “भारत की प्रतिभा न केवल भारत की प्रगति, बल्कि विश्व की प्रगति को भी दिशा देगी।” उन्होंने कहा कि भारत उस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

    श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आज सरकार की भूमिका एक ऐसी आधुनिक प्रणाली बनाने की है जहां हर युवा को अवसर मिले और वह अपनी आकांक्षाओं को पूरा कर सके। इसलिए, उन्होंने विभिन्न पदों पर नवनियुक्त युवाओं से आग्रह किया कि उनका लक्ष्य देश के युवाओं और नागरिकों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करना होना चाहिए।

    प्रधानमंत्री ने सरकारी नौकरियों को सुरक्षित करने में करदाताओं और नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि सरकार का अस्तित्व नागरिकों के कारण है तथा उनकी सेवा के लिए ही वह नियुक्त की गई है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि प्राथमिक कर्तव्य देश की सेवा करना है, चाहे वह डाकिया के पद पर हो या प्रोफेसर के पद पर। श्री मोदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि नवनियुक्त कर्मी ऐसे समय में सरकार में शामिल हुए हैं जब देश ने विकसित बनने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसलिए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें हर क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करनी होगी और पूरा योगदान देना होगा। उन्होंने नवनियुक्त कर्मियों से न केवल अच्छा प्रदर्शन करने बल्कि उत्कृष्टता की दिशा में भी प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे देश के सरकारी कर्मचारियों को दुनिया भर में एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।” प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र को उनसे काफी उम्मीदें हैं और कहा कि प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरने हेतु इन अपेक्षाओं को पूरा किया जाना चाहिए।

    नवनियुक्त लोगों द्वारा अपने पदों पर शुरू की जा रही नई यात्रा के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने उनसे हमेशा विनम्र बने रहने और अपनी पूरी यात्रा के दौरान सीखने की आदत  बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म पर सरकारी कर्मचारियों के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों की उपलब्धता पर प्रकाश डाला और उन्हें अपनी सुविधानुसार इस डिजिटल प्रशिक्षण मॉड्यूल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “एक बार फिर, मैं आज नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी उम्मीदवारों को बधाई देता हूं।”

    पृष्ठभूमि

    राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय जैसे केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में नई भर्तियों के साथ देश भर में 40 स्थानों पर रोजगार मेला आयोजित किए जा रहे हैं।

    नवनियुक्त कर्मियों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध एक ऑनलाइन मॉड्यूल ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से बुनियादी प्रशिक्षण लेने का अवसर मिलेगा। कुल 1400 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जो नवनियुक्त लोगों को उनकी भूमिकाओं को प्रभावी ढंग से निभाने और एक विकसित भारत के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करेंगे।

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  • केंद्रीय कोयला Satish Chandra Dubey ने ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया

    केंद्रीय कोयला Satish Chandra Dubey ने ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया

    Satish Chandra Dubey

    केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने रांची स्थित सीएमपीडीआई के दौरे के समय ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर आयोजित हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया। सीएमपीडीआई ने देश की ऊर्जा तथा रासायनिक आवश्यकताओं को पूरा करने और आर्थिक स्वतंत्रता तथा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने हेतु महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए 6 समस्या कथनों पर ‘‘कोयला गैसीकरण’’ पर हैकाथॉन का आयोजन किया।

    इस हैकाथॉन के माध्यम से, सीएमपीडीआई और कोयला मंत्रालय ऐसे समाधान की तलाश कर रहे हैं जो कोयला कंपनियों के जटिल ताने-बाने के भीतर मापनीय, प्रदर्शन या व्यावसायिक प्रतिकृति के लिए तैयार हों। इस हैकाथॉन ने स्टार्ट-अप, शोध संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों को कोयला गैसीकरण के क्षेत्र में नवाचार करने का अवसर भी प्रदान किया। हैकाथॉन के तहत 34 प्रस्ताव प्राप्त हुए और उन्हें आईआईएससी बेंगलुरु, आईआईटी हैदराबाद, सीआईएमएफआर धनबाद, सीआईएल कोलकाता और सीएमपीडीआई रांची के प्रतिष्ठित निर्णायकों के सामने प्रस्तुत किया गया। केंद्रीय मंत्री ने प्रत्येक समस्या कथन के शीर्ष 3 प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

    इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने सीएमपीडीआई की गतिविधियों की प्रशंसा की और कहा कि सीएमपीडीआई प्रौद्योगिकी के बल पर देश को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने हैकाथॉन के विजेताओं को भी बधाई दी। इस अवसर पर सीएमपीडीआई के सीएमडी श्री मनोज कुमार; बीसीसीएल के सीएमडी श्री समीरन दत्ता; सीसीएल के सीएमडी श्री निलेन्दु कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

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    सीएमपीडीआई के अपने दौरे के दौरान मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे ने इसके परिसर में कई सुविधाओं का उद्घाटन किया। विशेष अभियान 4.0 के तहत, उन्होंने सीएमपीडीआई में स्थापित 5 किलोवाट क्षमता वाले तीन ‘‘सोलर ट्री’’ का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रयास से आसपास के लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जागरूक किया जा सकेगा।

    विशेष अभियान 4.0 के तहत श्री दुबे ने वैस्ट टू वेल्थ थीम के तहत स्कूटर से बने ‘‘हिरण की संरचना’’ का भी उद्घाटन किया। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत ‘‘सफाई कर्मचारियों’’ को सम्मानित किया और उन्होंने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ पहल के तहत सीएमपीडीआई इकाई परिसर में एक पौधा लगाया।

    इसके अलावा, श्री दुबे ने सीएमपीडीआई के खेल मैदान में नवनिर्मित बैडमिंटन कोर्ट, जिम्नेजियम और चार हाई मास्ट लाइट का उद्घाटन किया। ये गतिविधियां भारत सरकार के ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के अनुरूप हैं और इनका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और फिटनेस तथा स्वास्थ्य में सुधार करना है।

    source:http://pib.gov.in

  • राष्ट्रीय पोषण माह 2024— उपमुख्यमंत्री Diya Kumari के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ शक्ति उत्सव ‘फील्ड की चॅम्पियन्स

    राष्ट्रीय पोषण माह 2024— उपमुख्यमंत्री Diya Kumari के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ शक्ति उत्सव ‘फील्ड की चॅम्पियन्स

    चयनित सफल-सक्षम महिलाओं और युवतियों को किया सम्मानित, —महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन, राष्ट्रनिर्माण का आधार है -Diya Kumari

    उपमुख्यमंत्री Diya Kumari ने राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के अंतर्गत मंगलवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) में आयोजित शक्ति उत्सव को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन, राष्ट्रनिर्माण का आधार है। केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण लिए बेहतर कार्य किये जा रहे हैं।

    उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,गैस सिलेंडर जैसे कई उपायों और योजनाओं से राज्य में महिलओं का सशक्तिकरण हो रहा।

    उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन अनुसार विकसित भारत के निर्माण में राज्य की महिलाएं भी अपना योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में अच्छी सड़कों के निर्माण, आवास, पुरूषों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से भी महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर कार्य किया जा रहा है।

    दिया कुमारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में मीडिया का योगदान भी अपेक्षित है। मीडिया को महिलाओं की उपलब्धियों के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं के साथ ही पुरूषों की मानसिकता में भी बदलाव की आवश्यकता है। ऐसा करके की महिला सशक्तिकरण किया जाना संभव होगा।

    उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण लिए पूर्ण प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि महिला के सशक्तिकरण में पूरे परिवार का सहयोग और योगदान की आवश्यता होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को किसी भी हाल में हार नहीं माननी चाहिए, महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है। उन्होंने​कहा कि महिला उत्थान के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा, इसी से बदलाव आएगा।

    भव्य सामुदायिक सम्मेलन शक्ति उत्सव में महिला एवं बाल विकास की उपलब्धियों को साझा करने वाली ‘फील्ड की चॅम्पियन्स’ “चयनित सफल/सक्षम महिलाओं और युवतियों” को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पोषण और स्वास्थ्य संबंधित जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से “सुरक्षित मां , स्वस्थ बच्चा” जागरूकता अभियान का शुभारंभ भी किया गया।

    उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर आदिवासी महिलाओं की लगाई गई एक फोटो प्रदर्शनी का भी फीता काट कर उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी ग्रामीण महिलाओं की पोषण और शिशु देखभाल से जुड़ी समस्याओं पर केंद्रित थी, जिसमें किए गए हस्तक्षेपों के परिणामस्वरूप विविध आहार और बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार हुआ।

    महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजु बाघमार ने इस अवसर पर कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए उनके बेहतर स्वास्थ्य और अच्छे पोषण के साथ ही उनके मानसिक सशक्तिकरण होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसी से बेहतर समाज का निर्माण संभव होगा। उन्होंने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण के लिए  आईपीई ग्लोबल और सीआईएफएफ की ओर से किये जा रहें योगदान की प्रशंसा की।

    उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, ‘सुपोषित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में पोषण माह का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में इस वर्ष भी राजस्थान राज्य में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया गया है।

    महिला एवं बाल विकास शासन सचिव श्री महेन्द्र सोनी ने स्वागत उद्बोधन करते हुए कहा कि हमारी उपमुख्यमंत्री महिला उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि एक भी पात्र को योजनाओं के लाभ लेने से वंचित नहीं रहने देंगे। शक्ति की इस मशाल को जलाकर रखें और इस विकास यात्रा को निरंतर गति प्रदान करें।

    इस अवसर पर CIFF के फाउण्डर सर क्रिस होन ने कहा कि आज हम सिर्फ़ इस साझेदारी का ही उत्सव नहीं मना रहे हैं, बल्कि यहां की महिलाओं के जीवन में जो बदलाव आया है आज हम उसकी खुशियां भी बांट रहे हैं। 2015 से हमने महिलाओं और लड़कियों को अधिक अवसर देने के लिए शुरू की गई कुछ पहलों पर लगभग 570 करोड़ रुपये का निवेश किया है। हमारे इन निवेश में कैश ट्रांसफर के लिए तकनीकी सहायता और कौशल विकास जैसी पहल शामिल हैं। अकेले राजपुष्ट कार्यक्रम ने पांच लाख महिलाओं को शामिल किया है। ये सिर्फ़ कार्यक्रम नहीं हैं, ये बदलाव के ब्लूप्रिंट हैं जिन्हें पूरे भारत और दुनिया भर में अपनाया जाना चाहिए।

    सीआईएफएफ की कार्यकारी निदेशक मंजुला सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार के साथ मिलकर हमने जो काम किए हैं और लोगों की जिंदगी में हम जो बेहतर बदलाव लेकर आए हैं, उस पर हमें बहुत गर्व है। लड़कियों और महिलाओं पर CIFF का यह फोकस वैश्विक स्तर पर हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारा मानना है कि जब लड़कियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य और रोजगार मिलता है, तो समाज पर इसका एक बड़ा असर पड़ता है। यह समाज में बदलाव लाता है और देश के विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता है।

    source: http://dipr.rajasthan.gov.in

  • केंद्रीय मंत्री श्री Rajiv Ranjan Singh प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन एवं प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे

    केंद्रीय मंत्री श्री Rajiv Ranjan Singh प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन एवं प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे

    केंद्रीय मंत्री Rajiv Ranjan Singh स्वदेशी प्रजातियों के संवर्धन और राज्य मछलियों के संरक्षण पर पुस्तिकाओं का विमोचन करेंगे

    प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ

    केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज मंत्री श्री Rajiv Ranjan Singh उर्फ ​​ललन सिंह कल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर ऩई दिल्ली में चाणक्यपुरी स्थित सुषमा स्वराज भवन में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना का शुभारंभ करेंगे और मत्स्य पालन क्षेत्र में उत्पादन और प्रसंस्करण समूह केंद्रों पर मानक संचालन प्रक्रिया जारी करेंगे। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी और अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मत्स्य पालन विभाग के प्रतिनिधि, मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी, राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड, आईसीएआर संस्थान और अन्य संबंधित विभाग/मंत्रालय, पीएमएमएसवाई के लाभार्थी, मछुआरे, मछली पालक किसान, उद्यमी और देश भर से मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े प्रमुख हितधारकों के शामिल होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। इसमें देश भर से प्रतिभागियों के सशरीर और वर्चुअल दोनों रूप से भाग लेने की उम्मीद है।

    केंद्रीय मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उत्पादन और उत्पादकता वृद्धि, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे और अन्य मूल्य श्रृंखला वृद्धि कार्यक्रमों से संबंधित पीएमएमएसवाई के तहत स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं की घोषणा करेंगे। पीएमएमएसवाई की चौथी वर्षगांठ के जश्न के दौरान प्रमुख गतिविधियों में वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पीएमएमएसवाई के तहत शुरू की गई राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली परियोजनाएं, पुस्तिकाओं का विमोचन, उत्कृष्टता केंद्र और नाभिक (न्यूक्लियस) प्रजनन केंद्रों की अधिसूचना, जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों और मत्स्य पालन समूहों के रूप में विकास के लिए तटीय मछुआरा गांवों की अधिसूचना और डिजिटल पोर्टल का शुभारंभ आदि शामिल होंगे।

    भारत सरकार ने 2014 से 38,572 करोड़ रुपये के निवेश के लिए योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन के साथ नीली क्रांति के माध्यम से मत्स्य पालन क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व किया है। प्रमुख पहलों में शामिल हैं नीली क्रांति: इसमें 5000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2015-16 से 2019-20 तक कार्यान्वित की गई मत्स्य पालन का एकीकृत विकास और प्रबंधन, 2018-19 से कार्यान्वित की गई 7,522.48 करोड़ रुपये के फंड से मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ पांच साल (2020-21 से 2024-25) की अवधि के लिए कार्यान्वित की गई प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और पीएमएमएसवाई के तहत एक उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) जो 6,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के साथ चालू वर्ष (2024-25) से लागू है। इन कार्यक्रमों के केंद्र में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने, गुणवत्ता में सुधार, निर्यात को बढ़ावा देने, मत्स्य उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और नवाचार एवं नवीन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने, उद्यमिता विकास, मछुआरों, मछली पालक किसानों और अन्य हितधारकों के लिए आजीविका और रोजगार के अवसर पैदा करने और मछुआरों, मछली पालक किसानों, मछली श्रमिकों, मछली विक्रेताओं और मत्स्य पालन मूल्य श्रृंखला से अन्य सीधे जुड़े लोगों का कल्याण है।

    केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय में मत्स्य पालन विभाग ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन के चौथे सफल वर्ष को चिह्नित किया है। तदनुसार, मत्स्य पालन विभाग प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के चार सफल वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।

    प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) एक गेम-चेंजर के रूप में उभरी है, जो भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को अभूतपूर्व विकास और स्थिरता की ओर ले जा रही है। मई 2020 में शुरू की गई इस दूरदर्शी योजना का उद्देश्य केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तत्वावधान में मछली उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, मत्स्य उत्पादन के बाद के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन, मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण, मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढांचे की स्थापना और मछुआरों के कल्याण में बड़ी खामियों को दूर करना था। पिछले कुछ वर्षों में, पीएमएमएसवाई देश में मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक व्यापक खाका के रूप में विकसित हुआ है। पीएमएमएसवाई मत्स्य पालन क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक निवेश है और एक रणनीतिक विकास यात्रा की शुरुआत करते हुए, यह पहल अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि के क्षेत्र में गहराई से जुड़ी है, उत्पादन को बढ़ावा देने और मजबूत खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

    पीएमएमएसवाई के तहत किए गए सुधारों और पहलों को मुख्य और बुनियादी ढांचे के विकास, भारतीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण, विशेष रूप से मछली पकड़ने के नए बंदरगाहों/लैंडिंग केंद्रों के विकास, पारंपरिक मछुआरों के गहरे समुद्र में जाने वाले जहाजों के आधुनिकीकरण और मशीनीकरण, देश में जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ (फ़ीड) और बीज की आपूर्ति की सुविधा, मत्स्य उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उत्पादन के बाद की सुविधाओं का प्रावधान, कोल्ड चेन सुविधाएं, मूल्य संवर्धन, स्वच्छ और स्वास्थ्यकर मछली बाजार और कई अन्य क्षेत्रों में शामिल किया गया है। मछुआरों को मछली पकड़ने पर प्रतिबंध/कम अवधि तक ही मछली पकड़ने के दौरान आजीविका सहायता, बीमा कवरेज, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है। पीएमएमएसवाई ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके इसके उपयोग को बढ़ाने का एक रास्ता तय किया है।

    यह एक शुभ अवसर है जो मछुआरों, मछली पालक किसानों, उद्यमियों, अन्य हितधारकों, सरकारी अधिकारियों और जीवंत मत्स्य पालन तथा जलीय कृषि क्षेत्र से उत्साही प्रतिभागियों को साथ लाने के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बनेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा कार्यान्वित पीएमएमएसवाई और अन्य योजनाओं की उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है।

    source: http://pib.gov.in

  • सोलहवां वित्त आयोग (XVIFC) अनुबंध के आधार पर युवा पेशेवरों (YPs)/सलाहकारों से आवेदन आमंत्रित  किया

    सोलहवां वित्त आयोग (XVIFC) अनुबंध के आधार पर युवा पेशेवरों (YPs)/सलाहकारों से आवेदन आमंत्रित किया

    सोलहवां वित्त आयोग

    सोलहवे वित्त आयोग (XVIएफसी) अनुबंध के आधार पर युवा पेशेवरों (वाईपी)/सलाहकारों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। XVIएफसी ने अपनी वेबसाइट पर पात्रता, संदर्भ की शर्तों, पारिश्रमिक से जुड़ी सूचना और आवेदन पत्र को अपलोड कर दिया है। (https://fincomindia.nic.in)

    आयोग में अनुबंध के आधार पर वाईपी और सलाहकार के रूप में नियुक्त होने के इच्छुक आवेदक अपना आवेदन विधिवत भरे हुए प्रपत्र में निदेशक, 16वें वित्त आयोग को केवल ई-मेल के माध्यम से manish.kr1975[at]nic[dot]in पर भेज सकते हैं। आवेदक को अपनी रुचि व्यक्त करते हुए अपने आवेदन की एक प्रति rahul.sharma89[at]nic[dot]in पर भी भेजनी होगी। इस प्रयोजन के लिए आवेदन की कोई वास्तविक प्रति नहीं भेजी जानी है।

    विस्तृत जानकारी के लिए, 16वें वित्त आयोग में वाईपी और सलाहकारों की नियुक्ति हेतु दिशानिर्देश देखें:

    source: https://pib.gov.in


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