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  • हरियाणा के CM Nayab Saini ने प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं

    हरियाणा के CM Nayab Saini ने प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं

    हरियाणा के CM Nayab Saini ने प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हरियाणा विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है

    हरियाणा के CM Nayab Saini ने प्रदेशवासियों को हरियाणा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हरियाणा विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। हरियाणा आज कहीं आगे पहुंच चुका है, चाहे प्रदेश की आर्थिक स्थिति हो, औद्योगिक प्रगति हो या फिर समाज को सेवाएं देने की बात हो, हरियाणा ने अपना परचम लहराया है। हरियाणा विकास और उन्नति के पथ पर नॉन स्टॉप आगे बढ़ता रहेगा।

    आज जारी एक संदेश में श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा वीर जवानों, मेहनतकश किसानों और खिलाड़ियों की धरा है। हमारे जवान, किसान और खिलाड़ी राज्य की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हरियाणा में हमारी डबल इंजन की सरकार ने सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास के साथ हरियाणा एक–हरियाणवी एक की भावना से काम किया है और राज्य के विकास को चरम पर पहुंचाया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में हम प्रधानमंत्री जी के साथ मिलकर हर संभव प्रयास करेंगे और इस यात्रा में हरियाणा अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने हरियाणावासियों से अपील की कि वे हरियाणा को भविष्य में भी नवीन तकनीक व प्रौद्योगिकी से लैस दुनिया का सर्वाधिक विकसित प्रदेश बनाने की दिशा में अपना योगदान दें ताकि प्रदेश और अधिक खुशहाल और समृद्ध बने।

    उन्होंने कहा कि 1 नवंबर, 1966 को पंजाब से अलग होकर जब हरियाणा अलग राज्य बना था तो उस समय संसाधन सीमित थे जबकि आज हरियाणा विकास व उन्नति के मामले में कहीं आगे निकल चुका है। हरियाणा ने कृषि के अलावा औद्योगिक क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति की है। इतना ही नहीं, खेलों के क्षेत्र में पूरी दुनिया में हरियाणा का डंका बज रहा है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में हरियाणा के खिलाड़ी अधिक से अधिक पदक लाते हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य सरकार हरियाणा में विकास की गति में और तीव्रता लाएगी ताकि लोगों के जीवन को सरल व सुगम बनाया जा सके। हम हरियाणा को विकास की दृष्टि से नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगें। इन्फ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से नई-नई परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिससे लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

     

  • CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रु0 छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की

    CM Yogi ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ किया

    • यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का, संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा: मुख्यमंत्री
    • संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व, प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही
    • संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत, हमारी सनातन संस्कृति दुनिया का मार्गदर्शन कर रही
    • प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे
    • यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर
    • भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया
    • संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही
    • जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए
    • जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए
    • महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया
    • कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें स्वीकार करती कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती
    • प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए
    • प्रदेश सरकार द्वारा उ0प्र0 संस्कृत परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई, अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही
    • मुख्यमंत्री ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया
    • मुख्यमंत्री ने बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की

    उत्तर प्रदेश के CM Yogi ने कहा है कि यह समय भारतीय संस्कृति, सभ्यता तथा सनातन धर्म का है। संस्कृत को भारतीय संस्कृति का वाहक बनाने के लिए तैयार करना होगा। संस्कृत का संरक्षण करना शासन का दायित्व होना चाहिये। प्रदेश सरकार इस दायित्व का सतत् निर्वहन कर रही है। संस्कृत भाषा तथा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए गुरुकुल परम्परा हमारी वास्तविक ताकत है। इस परम्परा के कारण ही विपरीत परिस्थितियों में अनेक झंझावातों का मुकाबला करते हुए हमारी सनातन संस्कृति सुरक्षित है तथा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दुनिया का मार्गदर्शन कर रही है। प्रदेश भर में युद्ध स्तर पर इस प्रकार के विद्यालय खोले जाने चाहिए जो गुरुकुल की परम्परा को पुनर्जीवित कर सकें।

    मुख्यमंत्री जी आज सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल माध्यम से 69,195 विद्यार्थियों के खाते में 586 लाख रुपये छात्रवृत्ति की धनराशि हस्तान्तरित की। उन्होंने 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की धनराशि के प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए।

    मुख्यमंत्री जी ने सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा को विश्वविद्यालय में समारोह के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह समारोह संस्कृत तथा भारतीय संस्कृति के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। जब यहां पर सामूहिकता की भावना के साथ वैदिक मंगलाचरण आदि कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे थे, तो भारतीय सनातन धर्म की ऊर्जा के आध्यात्मिक स्वर गुंजायमान हो रहे थे। संस्कृत को समझने के लिए इन स्वरों को अंतःकरण में समाहित करना पड़ता है। श्रद्धाभाव के साथ इन स्वरों के साथ तारतम्य बनाते हुए संस्कृत की ऊर्जा तथा महत्ता की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस ऊर्जा से सम्पूर्ण प्रदेश को ओतप्रोत करने, युवाओं को इससे युक्त करने तथा प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी को इससे आप्लावित करने के लिए दीपावली पर्व से ठीक पूर्व देश के सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय में इस समारोह का आयोजन किया गया है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गरीब तथा वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने का अभिनन्दनीय प्रयास तो किया गया, लेकिन संस्कृत शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को उपेक्षित रखा गया। अभी तक संस्कृत के केवल 300 बच्चों के लिए ही स्कॉलरशिप की व्यवस्था थी। इसमें आय सीमा की बाध्यता भी सम्मिलित कर दी गई थी। इस छात्रवृत्ति के विषय में विद्यार्थियों में जानकारी का अभाव था। प्रदेश सरकार ने संस्कृत के साथ जुड़ने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए इस स्कॉलरशिप की व्यवस्था की है। आज इस व्यवस्था का शुभारंभ सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय से किया जा रहा है। कल तक 69,195 विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की धनराशि पहुंच जाएगी। जिन बच्चों का किसी बैंक में खाता नहीं है, वह भी अपना खाता तत्काल खुलवायें

    प्रदेश सरकार के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग इस सम्बन्ध में प्रत्येक विद्यार्थी का खाता खुलवाना सुनिश्चित करें। उनके खाते में वर्ष में दो बार स्कॉलरशिप भेजी जानी चाहिए ताकि उन्हें इस कार्य के लिए कहीं और न भटकना पड़े।  प्रदेश में प्रथमा से लेकर आचार्य तक के सभी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराने तथा इसके सम्बन्ध में आवेदन कराने के लिए संस्कृत शिक्षा से जुड़े प्रत्येक संस्थान को प्रयास करना पड़ेगा। अभी तक प्रथमा के विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिलती थी। प्रदेश सरकार द्वारा इन विद्यार्थियों को भी स्कॉलरशिप प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

    मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार द्वारा संस्कृत के सम्बन्ध में आपके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। संस्कृत के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए आप सभी के स्तर पर प्रयास किया गया है। आज की इस चकाचौंध से भरी दुनिया में हर व्यक्ति भौतिकता के पीछे भाग रहा है। ऐसे वातावरण में भी प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख बच्चे संस्कृत के प्रति अपना जीवन समर्पित करते हुए भारतीय संस्कृति के लिए अपना योगदान कर रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत केवल देववाणी तथा इहलोक व परलोक में संवाद का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह भौतिक जगत की अनेक समस्याओं का वैज्ञानिक पद्धति से समाधान का माध्यम भी बने, इस सम्बन्ध में विशिष्ट शोध कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारत की प्राचीन संस्कृति पर विशिष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए ही प्रदेश सरकार ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान का एक केंद्र बनाया है। इसे स्वयं को संस्कृत के शोध का केंद्र बनाना पड़ेगा। संस्कृत में अच्छा शोध कार्य करने तथा थीसिस लिखने वाले शोधकर्ताओं के लिए प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की घोषणा करने जा रही है। जिससे वह अपनी वृत्ति की चिंता किए बिना शोध कार्य कर सकें तथा भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों को दुनिया के सामने रख सकें। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों विश्वविद्यालय में संरक्षित पांडुलिपियों का अवलोकन किया। यहां लगभग 75 हजार से अधिक प्राचीन पांडुलिपियां संरक्षित हैं। यहां अलग-अलग विषयों पर विशिष्ट शोधकार्य किए गए हैं। इसके सम्बन्ध में हमें और भी अच्छे ढंग से कार्यों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। भारतीय संस्कृति के संरक्षण का दायित्व संस्कृत और इसके प्रति अनुराग रखने वाले व्यक्ति ही उठा सकते हैं। इस कार्य में प्रदेश सरकार भरपूर सहयोग प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से विश्वविद्यालय की पूरी कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा है। हमें विश्वविद्यालय के पुरातन गौरव को पुनर्स्थापित करना है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया का वह प्रत्येक व्यक्ति जो मानवता तथा सर्वांगीण विकास का पक्षधर है वह संस्कृत का भी हिमायती है। कम्प्यूटर विज्ञान तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें भी इस बात को स्वीकार करती हैं कि संस्कृत सर्वाधिक सहज व सरल वैज्ञानिक भाषा बन सकती है। इसके लिए आप सभी को स्वयं को तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विरासत को विकास के साथ जोड़ने के लिए देश में किए गए अभिनव प्रयासों का केंद्र बिन्दु हमारी अध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी काशी बननी चाहिए। इस कार्यक्रम को हमें मजबूती के साथ आगे बढ़ाना चाहिए। यह आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।

    जब सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा प्रथमा, पूर्व मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा की मान्यता प्रदान की जाती थी, तब नेपाल तथा देश की अलग-अलग जगहों के विद्यार्थी काशी तथा गोरखपुर में अध्ययन करने आते थे। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश संस्कृत परिषद बनी। परिषद को मान्यता नहीं प्राप्त हुई लेकिन विद्यार्थियों का प्रवेश होता रहा। परिषद को मान्यता दिलाने का प्रयास कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विद्यार्थियों की संस्कृत के प्रति उदासीनता के बारे में पता किया तो ज्ञात हुआ कि मान्यता न होने के कारण विद्यार्थी यहां आने से कतराते हैं। प्रदेश सरकार द्वारा परिषद को मान्यता प्रदान कराई गई। अब यहां छात्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय को पहले से मान्यता प्राप्त थी, यह देश का सबसे प्राचीन संस्कृत विश्वविद्यालय है। यह विश्वविद्यालय अपनी गौरवशाली परम्परा के साथ आगे बढ़ा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था करने जा रही है कि संस्कृत विश्वविद्यालय से सम्बन्धित उन्हीं संस्थानों को सहायता दी जाएगी, जो विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था करेंगे। किसी व्यक्ति, आश्रम या न्यास द्वारा निःशुल्क छात्रावास तथा खान-पान की व्यवस्था के साथ विद्यालय प्रस्तुत करने पर प्रदेश सरकार ऐसे विद्यालयों को अनुदान प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें संस्कृत की मान्यता तथा अच्छे आचार्यों की नियुक्ति के लिए स्वतंत्रता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने विभाग से कहा है कि जिन संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की पूरी भर्ती नहीं हो पाई है, वहां तत्काल भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए अच्छे तथा योग्य आचार्यों की नियुक्ति की जाए। जब तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाती है तब तक मानदेय देकर अच्छे व अनुभवी शिक्षकों की तैनाती की जानी चाहिए। यदि नियुक्ति में इनको वेटेज दिया जाएगा तो वह शिक्षण के कार्य को अच्छे ढंग से आगे बढ़ाएंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने महर्षि अरविंद का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें बचपन में ही अध्ययन के लिए इंग्लैंड भेज दिया गया था। भारत आकर जब उन्होंने भारत के बारे में जानकारी ली तथा यहां के मूल तत्वों को जाना तो ब्रिटिश सरकार की गुलामी करने से इनकार कर दिया। इसके पश्चात वह भारत के क्रांतिकारी अभियान में सम्मिलित हुए। उन्होंने पांडिचेरी में आश्रम बनाकर भारत की आध्यात्मिक परम्परा को आगे बढ़ाया।

    एक बार जब महर्षि अरविंद से पूछा गया कि भारत के पास सबसे बड़ा खजाना कौन सा है, तो उन्होंने जवाब दिया कि संस्कृत भाषा तथा उसका साहित्य हमारा सबसे बड़ा खजाना है। यह एक शानदार विरासत है। जब तक यह लोगों के जीवन को प्रभावित करती रहेगी, तब तक भारत की मूल प्रतिभा बनी रहेगी। महर्षि अरविंद ने संस्कृत के विषय में इस प्रकार के उदात्त विचारों को हम सभी के सामने प्रस्तुत किया। इन्होंने भारत की स्वतंत्रता के पहले ही कह दिया था कि जिस तिथि को उनका जन्मदिन होता है, आगामी समय में उसी तिथि पर देश को आजादी मिलेगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस देश की विरासत जितनी प्राचीन होती है, वहां उतने ही अधिक पर्व और त्योहार होते हैं। देश में धनतेरस से लेकर छठ पर्व तक अनेक समारोहों का आयोजन किया जाएगा। सर्वत्र खुशी तथा उल्लास का वातावरण होगा। यह खुशी हम सभी में दिखनी चाहिए।

    उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया की सांस्कृतिक एवं शिक्षा की राजधानी काशी में 235 वर्ष प्राचीन सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय देव भाषा संस्कृत का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है। संस्कृत भाषा हमारीसंस्कृति को जीवन्त बनाने में अपना योगदान दे रही है। मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में हमारी संस्कृति निरन्तर बलवती हो रही है। भारत संस्कृति तथा आध्यात्मिक चेतना की धरा है। मुख्यमंत्री जी का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा की 17 संस्कृत विश्वविद्यालयों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन है। मुख्यमंत्री जी ने अपने सुशासन के माध्यम से देश के हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा प्रदान की है। इसके पूर्व, उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 बिहारी लाल शर्मा तथा श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो0 नागेन्द्र पाण्डेय ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया।

    इस अवसर पर स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल, आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्राचार्यगण, विद्यार्थी तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

    कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री जी ने श्री काशी विश्वनाथ एवं श्री कालभैरव मन्दिर में दर्शन-पूजन किया तथा बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण कर पूजा-अर्चना की।

    source: http://up.gov.in

  • CM Yogi Adityanath ने जनपद बाराबंकी में पं0 दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया

    CM Yogi Adityanath ने जनपद बाराबंकी में पं0 दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया

    CM Yogi Adityanath: अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि पं0 दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय के प्रणेता थे। उनका कहना था कि आर्थिक उन्नति और प्रगति का मापन समाज के ऊंचे पायदान पर खड़े व्यक्ति से नहीं, बल्कि अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति से किया जाना चाहिए। पं0 दीन दयाल उपाध्याय ने हर हाथ को काम, हर खेत को पानी का उद्घोष किया था। आज गरीब, गांव, किसान, महिलाएं एवं शासन की योजनाओं का लाभ समाज के हर एक तबके तक पहुंचाना सभी राजनीतिक दलों के एजेण्डे का हिस्सा बना है। स्वतंत्र भारत में इनके सबसे बड़े प्रवक्ता पं0 दीन दयाल उपाध्याय थे।

    मुख्यमंत्री जी आज जनपद बाराबंकी के विजय उद्यान में पं0 दीन दयाल उपाध्याय की जयन्ती की पूर्व संध्या पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के उपरान्त राजकीय इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, उन्होंने पं0 दीन दयाल उपाध्याय के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन कर उसका अवलोकन भी किया।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वतंत्र भारत में भारतीय राजनीति के एक नये सितारे के रूप में पं0 दीन दयाल उपाध्याय ने पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा उसके बाद जनसंघ के माध्यम से भारतीय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में जो विचार व्यक्त किये थे, उनकी प्रासंगिकता आज भी भारत और वैश्विक समुदाय को देखने को मिल रही है। आज जनपद बाराबंकी के विजय उद्यान में पण्डित जी की जयन्ती के एक दिन पूर्व उनकी भव्य प्रतिमा के लोकार्पण का कार्य सम्पन्न हुआ है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पण्डित जी ने सात दशक पहले जो सपने देखे थे, उन्हें साकार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। देश में कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक 80 करोड़ गरीबों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है। देश में 12 करोड़ घरों में शौचालयों का निर्माण हुआ है। 10 करोड़ लोगों को उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन दिये गये हैं। 04 करोड़ गरीबों को उनके पक्के आवास उपलब्ध कराए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में करोड़ों लोगों को प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है। यह कार्य पण्डित जी के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में शासन की योजनाओं का लाभ समाज के अन्तिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने के अभियान का हिस्सा है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यह यात्रा बिना रुके, बिना झुके तथा बिना डिगे निरन्तर आगे बढ़ रही है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद बाराबंकी स्टेट कैपिटल रीजन का एक महत्वपूर्ण जनपद है। अब विकास केवल प्रदेश की राजधानी तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बाराबंकी भी इस विकास में बराबर का भागीदार बनने जा रहा है। यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती प्रदान करने तथा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा प्रदान करने आदि कार्यों का लाभ यहां के निवासियों को प्राप्त होने जा रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद बाराबंकी इस मामले में सौभाग्यशाली है कि इसके एक ओर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तो दूसरी ओर श्री अयोध्या धाम स्थित है। विकास चाहे अयोध्या जी का हो या लखनऊ का, इनके लाभ से बाराबंकी को कोई वंचित नहीं कर सकता है। बाराबंकी की पहचान श्री लोधेश्वरनाथ मन्दिर ‘महादेवा’ से है। प्रदेश का धर्मार्थ कार्य एवं पर्यटन तथा संस्कृति विभाग इसे नयी पहचान दिलाने के लिए कार्य करने जा रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम तथा अयोध्या धाम की तर्ज पर महादेवा में भी बेहतरीन कॉरिडोर बनाने की दिशा में हम अग्रसर हुए हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक ओर जनपद बाराबंकी में महादेवा धाम को उसकी पुरातन पहचान दिलाने के कार्य किए जा रहे हैं, दूसरी ओर हॉकी इण्डिया को दुनिया में पहचान दिलाने वाले इसी माटी के लाल श्री के0डी0 सिंह बाबू जी की स्मृतियों कोबनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार ने उनकी हवेली पर श्री के0डी0 सिंह बाबू तथा हॉकी इण्डिया का भव्य स्मारक बनाने की तैयारी शुरू की है। इसके माध्यम से हॉकी से जुड़े हुए खेलों के प्रदर्शन और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। प्रदेश सरकार राम सनेही घाट के पास एक इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने जा रही है। इसके माध्यम से बाराबंकी में ही हजारों नौजवानों के लिए नौकरी की सुविधा उत्पन्न की जाएगी।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद बाराबंकी औद्योगिक, शैक्षणिक एवं प्रगतिशील किसानों की दृष्टि से अच्छा कार्य कर रहा है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित श्री रामशरण वर्मा इसी जनपद से हैं। श्री वर्मा इस बात के उदाहरण हैं कि पढ़ाई से ज्यादा व्यक्ति के व्यावहारिक जीवन का महत्व होता है। एक प्रगतिशील किसान के रूप में उन्होंने देश में अपनी पहचान बनाई है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाराबंकी जनपद की सम्भावनाओं के दृष्टिगत सरकार ने यहां की सड़कों के बेहतरीन रख-रखाव और उनके सुदृढ़ीकरण के कार्य प्रारम्भ किए हैं। अब यहां अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा स्टेट कैपिटल रीजन के लाभ मिलेंगे। के0डी0 सिंह बाबू जी के नाम पर जनपद बाराबंकी नयी खेल राजधानी के रूप में विकसित होगा। साथ ही, बाबा लोधेश्वर महादेव का एक बेहतरीन कॉरिडोर भी जनपद को प्राप्त होगा।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी को दिया जाएगा। हर वंचित परिवार को आवास, शौचालय, पेंशन एवं राशन कार्ड की सुविधा का लाभ मिलेगा। हर पात्र बेटी मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित होगी। हर नौजवान को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने तथा उसके सपनों की उड़ान को पंख लगाने के लिए प्रदेश सरकार उन्हें स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना से जोड़ने का कार्य करेगी। आने वाले समय में प्रदेश के 10 लाख युवाओं को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से जोड़ने जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत अपना उद्यम लगाने वाले युवाओं के 05 लाख रुपये तक के ऋण पर ब्याज की राशि का भुगतान सरकार करेगी। केवल उसे अपने मूलधन का ही भुगतान बैंक को करना होगा। यह 10 लाख युवा प्रदेश के लाखों युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार का सृजन करने में सफल होंगे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार की डबल स्पीड विकास और सुरक्षा के नये मॉडल के रूप में उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ा रही है। विकास और विरासत की यह यात्रा आज यहां अन्त्योदय के प्रणेता, महान चिन्तक एवं विचारक पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के माध्यम से हम देख रहे हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हम पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के सपनों का भारत और उनके सपनों का उत्तर प्रदेश बनाने तथा उनके द्वारा बताए गए रास्ते का अनुसरण करते हुए बिना भेदभाव के समाज के हर तबके तक शासन की योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने में सफल होंगे।

    इस अवसर पर विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, कारागार राज्य मंत्री श्री सुरेश राही, खाद्य रसद एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://information.up.gov.in

  • महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रीय ‘PM Vishwakarma’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

    महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रीय ‘PM Vishwakarma’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

    PM Vishwakarma

    भारत माता की जय!

    भारत माता की जय!

    PM Vishwakarma: दो दिन पहले ही हम सबने विश्वकर्मा पूजा का उत्सव मनाया है। और आज, वर्धा की पवित्र धरती पर हम पीएम विश्वकर्मा योजना की सफलता का उत्सव मना रहे हैं। आज ये दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि 1932 में आज ही के दिन महात्मा गांधी जी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान शुरू किया था। ऐसे में विश्वकर्मा योजना के एक साल पूर्ण होने का ये उत्सव,विनोबा भावे जी की ये साधना स्थली, महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि, वर्धा की ये धरती, ये उपलब्धि और प्रेरणा का ऐसा संगम है, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों को नई ऊर्जा देगा। विश्वकर्मा योजना के जरिए हमने श्रम से समृद्धि, इसका कौशल से बेहतर कल का जो संकल्प लिया है, वर्धा में बापू की प्रेरणाएँ हमारे उन संकल्पों को सिद्धि तक ले जाने का माध्यम बनेंगी। मैं इस योजना से जुड़े सभी लोगों, देश भर के सभी लाभार्थियों को इस अवसर पर बधाई देता हूं।

    आज अमरावती में पीएम मित्र पार्क की आधारशिला भी रखी गई है। आज का भारत अपनी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को वैश्विक बाज़ार में टॉप पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। देश का लक्ष्य है- भारत की टेक्सटाइल सेक्टर के हजारों वर्ष पुराने गौरव को पुनर्स्थापित करना। अमरावती का पीएम मित्र पार्क इसी दिशा में एक और बड़ा कदम है। मैं इस उपलब्धि के लिए भी आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ।

    हमने विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के लिए महाराष्ट्र को चुना, हमने वर्धा की इस पवित्र धरती को चुना, क्योंकि विश्वकर्मा योजना केवल सरकारी प्रोग्राम भर नहीं है। ये योजना भारत के हजारों वर्ष पुराने कौशल को विकसित भारत के लिए इस्तेमाल करने का एक रोडमैप है। आप याद करिए, हमें इतिहास में भारत की समृद्धि के कितने ही गौरवशाली अध्याय देखने को मिलते हैं। इस समृद्धि का बड़ा आधार क्या था? उसका आधार था, हमारा पारंपरिक कौशल! उस समय का हमारा शिल्प, हमारी इंजीनियरिंग, हमारा विज्ञान! हम दुनिया के सबसे बड़े वस्त्र निर्माता थे। हमारा धातु-विज्ञान, हमारी मेटलर्जी भी विश्व में बेजोड़ थी। उस समय के बने मिट्टी के बर्तनों से लेकर भवनों की डिजाइन का कोई मुकाबला नहीं था। इस ज्ञान-विज्ञान को कौन घर-घर पहुंचाता था? सुतार, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, बढ़ई-मिस्त्री ऐसे अनेक पेशे, ये भारत की समृद्धि की बुनियाद हुआ करते थे। इसीलिए, गुलामी के समय में अंग्रेजों ने इस स्वदेशी हुनर को समाप्त करने के लिए भी अनेकों साजिशें की। इसलिए ही वर्धा की इसी धरती से गांधी जी ने ग्रामीण उद्योग को बढ़ावा दिया था।

    ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद की सरकारों ने इस हुनर को वो सम्मान नहीं दिया, जो दिया जाना चाहिए था। उन सरकारों ने विश्वकर्मा समाज की लगातार उपेक्षा की। जैसे-जैसे हम शिल्प और कौशल का सम्मान करना भूलते गए, भारत प्रगति और आधुनिकता की दौड़ में भी पिछड़ता चला गया।

    अब आज़ादी के 70 साल बाद हमारी सरकार ने इस परंपरागत कौशल को नई ऊर्जा देने का संकल्प लिया। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हमने ‘पीएम विश्वकर्मा’ जैसी योजना शुरू की। विश्वकर्मा योजना की मूल भावना है- सम्मान, सामर्थ्य और समृद्धि! यानी, पारंपरिक हुनर का सम्मान! कारीगरों का सशक्तिकरण! और विश्वकर्मा बंधुओं के जीवन में समृद्धि, ये हमारा लक्ष्य है।

    विश्वकर्मा योजना की एक और विशेषता है। जिस स्केल पर, जिस बड़े पैमाने पर इस योजना के लिए अलग-अलग विभाग एकजुट हुए हैं, ये भी अभूतपूर्व है। देश के 700 से ज्यादा जिले, देश की ढाई लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतें, देश के 5 हजार शहरी स्थानीय निकाय, ये सब मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं। इस एक वर्ष में ही 18 अलग-अलग पेशों के 20 लाख से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा गया। सिर्फ साल भर में ही 8 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को स्किल ट्रेनिंग, Skill upgradation  मिल चुकी है। अकेले महाराष्ट्र में ही 60 हजार से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग मिली है। इसमें, कारीगरों को modern machinery और digital tools जैसी नई टेक्नॉलजी भी सिखाई जा रही है। अब तक साढ़े 6 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे उनके उत्पादों की क्वालिटी बेहतर हुई है, उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए का ई-वाउचर दिया जा रहा है। अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपए तक लोन भी मिल रहा है। मुझे खुशी है कि एक साल के भीतर-भीतर विश्वकर्मा भाइयों-बहनों को 1400 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। यानि विश्वकर्मा योजना, हर पहलू का ध्यान रख रही है। तभी तो ये इतनी सफल है, तभी तो ये लोकप्रिय हो रही है।

    अभी मैं हमारे जीतन राम मांझी जी प्रदर्शनी का वर्णन कर रहे थे। मैं प्रदर्शनी देखने गया था। मैं देख रहा था कितना अद्भुत काम परंपरागत रूप से हमारे यहां लोग करते हैं। और जब उनको नए आधुनिक technology tool मिलते हैं, training मिलते हैं, उनको अपना कारोबार बढ़ाने के लिए seed money मिलता है, तो कितना बड़ा कमाल करते हैं वो अभी मैं देखकर आया हूं। और यहां जो भी आप आए हैं ना, मेरा आपसे भी आग्रह है, आप ये प्रदर्शनी जरूर देखें। आपको इतना गर्व होगा कि कितनी बड़ी क्रांति आई है।

    हमारे पारंपरिक कौशल में सबसे ज्यादा भागीदारी SC, ST और OBC समाज के लोगों की रही है। अगर पिछली सरकारों ने विश्वकर्मा बंधुओं की चिंता की होती, तो इस समाज की कितनी बड़ी सेवा होती। लेकिन, काँग्रेस और उसके दोस्तों ने SC, ST, OBC को जानबूझकर के आगे नहीं बढ़ने दिया। हमने सरकारी सिस्टम से काँग्रेस की इस दलित, पिछड़ा विरोधी सोच को खत्म किया है। पिछले एक साल के आंकड़े बताते हैं कि आज विश्वकर्मा योजना का सबसे ज्यादा लाभ SC, ST और OBC समाज उठा रहा है। मैं चाहता हूं- विश्वकर्मा समाज, इन पारंपरिक कार्यों में लगे लोग केवल कारीगर बनकर न रह जाएँ! बल्कि मैं चाहता हूं, वे कारीगर से ज्यादा वो उद्यमी बनें, व्यवसायी बनें, इसके लिए हमने विश्वकर्मा भाई-बहनों के काम को MSME का दर्जा दिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और एकता मॉल जैसे प्रयासों के जरिए पारंपरिक उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि ये लोग अपने बिज़नस को आगे बढ़ाएँ! ये लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन का हिस्सा बनें।

    ONDC और GeM जैसे माध्यमों से शिल्पकारों, कारीगरों और छोटे कारोबारियों को अपना बिज़नेस बढ़ाने में मदद का रास्ता बन रहा है। ये शुरुआत बता रही है, जो वर्ग आर्थिक प्रगति में पीछे छूट रहा था, वो विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अहम रोल निभाएगा। सरकार का जो स्किल इंडिया मिशन है, वो भी इसे सशक्त कर रहा है। कौशल विकास अभियान के तहत भी देश के करोड़ों नौजवानों की आज की जरूरतों के हिसाब से स्किल ट्रेनिंग हुई है। स्किल इंडिया जैसे अभियानों ने भारत की स्किल को पूरी दुनिया में पहचान दिलानी शुरू कर दी थी। और हमारे स्किल मंत्रालय, हमारी सरकार बनने के बाद हमने अलग स्किल मंत्रालय बनाया और हमारे जैन चौधरी जी आज स्किल मंत्रालय का कारोबार देखते हैं। उनके नेतृत्व में इसी साल, फ्रांस में World Skills पर बहुत बड़ा आयोजन हुआ था। हम ओलम्पिक की तो चर्चा बहुत करते हैं। लेकिन उस फ्रांस में अभी एक बहुत बड़ा आयोजन हुआ। इसमें स्किल को लेकर के हमारे छोटे-छोटे काम करने वाले कारीगरों को और उन लोगों को भेजा गया था। और इसमें भारत ने बहुत सारे अवार्ड अपने नाम किए हैं। ये हम सबके लिए गर्व का विषय है।

    महाराष्ट्र में जो अपार औद्योगिक संभावनाएं हैं, उनमें टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी एक है। विदर्भ का ये इलाका, ये हाई क्वालिटी कपास के उत्पादन का इतना बड़ा केंद्र रहा है। लेकिन, दशकों तक काँग्रेस और बाद में महा-अघाड़ी सरकार ने क्या किया? उन्होंने कपास को महाराष्ट्र के किसानों की ताकत बनाने की जगह उन किसानों को बदहाली में धकेल दिया। ये लोग केवल किसानों के नाम पर राजनीति और भ्रष्टाचार करते रहे। समस्या का समाधान देने के लिए काम तब तेजी से आगे बढ़ा, जब 2014 में देवेन्द्र फडणवीस जी की सरकार बनी थी। तब अमरावती के नांदगाव खंडेश्वर में टेक्सटाईल पार्क का निर्माण हुआ था। आप याद करिए, तब उस जगह के क्या हाल थे? कोई उद्योग वहाँ आने को तैयार नहीं होता था। लेकिन, अब वही इलाका महाराष्ट्र के लिए बड़ा औद्योगिक केंद्र बनता जा रहा है।

    आज पीएम-मित्र पार्क पर जिस तेजी से काम हो रहा है, उससे डबल इंजन सरकार की इच्छाशक्ति का पता चलता है। हम देश भर में ऐसे ही 7 पीएम मित्र पार्क स्थापित कर रहे हैं। हमारा विज़न है- Farm to Fibre, Fibre to Fabric, Fabric to Fashion, Fashion to Foreign यानी, विदर्भ के कपास से यहीं हाई-क्वालिटी फ़ैब्रिक बनेगा। और यहीं पर फ़ैब्रिक से फ़ैशन के मुताबिक कपड़े तैयार किए जाएंगे। ये फ़ैशन विदेशों तक एक्सपोर्ट होगा। इससे किसानों को खेती में होने वाला नुकसान बंद होगा। उन्हें उनकी फसल की अच्छी कीमत मिलेगी, उसमें value addition होगा। अकेले पीएम मित्र पार्क से ही यहाँ 8-10 हजार करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है। इससे विदर्भ और महाराष्ट्र में युवाओं के लिए रोजगार के एक लाख से ज्यादा नए अवसर बनेंगे। यहाँ दूसरे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। नई supply chains बनेंगी। देश का निर्यात बढ़ेगा, आमदनी बढ़ेगी

    इस औद्योगिक प्रगति के लिए जो आधुनिक इनफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी चाहिए, महाराष्ट्र उसके लिए भी तैयार हो रहा है। नए हाइवेज, एक्सप्रेसवेज़, समृद्धि महामार्ग, वॉटर और एयर कनेक्टिविटी का विस्तार, महाराष्ट्र नई औद्योगिक क्रांति के लिए कमर कस चुका है।

    मैं मानता हूँ, महाराष्ट्र की बहु-आयामी प्रगति का अगर कोई पहला नायक है, तो वो है- यहाँ का किसान! जब महाराष्ट्र का, विदर्भ का किसान खुशहाल होगा, तभी देश भी खुशहाल होगा। इसीलिए, हमारी डबल इंजन सरकार मिलकर किसानों की समृद्धि के लिए काम कर रही हैं। आप देखिए पीएम-किसान सम्मान निधि के रूप में केंद्र सरकार 6 हजार रुपए किसानों के लिए भेजती है, महाराष्ट्र सरकार उसमें 6 हजार रुपए और मिलाती है। महाराष्ट्र के किसानों को अब 12 हजार रुपया सालाना मिल रहा है। फसलों के नुकसान की कीमत किसान को न चुकानी पड़े, इसके लिए हमने 1 रुपए में फसल बीमा देना शुरू किया है। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे जी की सरकार ने किसानों का बिजली बिल भी ज़ीरो कर दिया है। इस क्षेत्र में सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए हमारी सरकार के समय से ही कई प्रयास शुरू हुये थे। लेकिन, बीच में ऐसी सरकार आ गई जिसने सारे कामों पर ब्रेक लगा दिया। इस सरकार ने फिर से सिंचाई से जुड़े प्रोजेक्ट्स को गति दी है। इस क्षेत्र में करीब 85 हजार करोड़ रुपए की लागत से वैनगंगा-नलगंगा नदियों को जोड़ने की परियोजना को हाल ही में मंजूरी दी गई है। इससे नागपुर, वर्धा, अमरावती, यवतमाल, अकोला, बुलढाणा इन 6 जिलों में 10 लाख एकड़ जमीन पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

    हमारे महाराष्ट्र के किसानों की जो मांगें थीं, उन्हें भी हमारी सरकार पूरा कर रही है। प्याज पर एक्सपोर्ट टैक्स 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। खाद्य तेलों का जो आयात होता है, उस पर हमने 20 प्रतिशत टैक्स लगा दिया है। Refined सोयाबीन, सूर्यमुखी और पाम ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को साढ़े 12 प्रतिशत से बढ़ाकर साढ़े 32 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका बहुत फायदा हमारे सोयाबीन उगाने वाले किसानों को होगा। जल्द ही इन सब प्रयासों के परिणाम भी हमें देखने को मिलेंगे। लेकिन, इसके लिए हमें एक सावधानी भी बरतनी होगी। जिस काँग्रेस पार्टी और उसके दोस्तों ने किसानों को इस हालत में पहुंचाया, बर्बाद किया, हमें उन्हें फिर मौका नहीं देना है। क्योंकि, काँग्रेस का एक ही मतलब है- झूठ, धोखा और बेईमानी! इन्होंने तेलंगाना में चुनाव के समय किसानों से लोन माफी जैसे बड़े-बड़े वादे किए। लेकिन, जब इनकी सरकार बनी, तो किसान लोन माफी के लिए भटक रहे हैं। कोई उनकी सुनने वाला नहीं है। महाराष्ट्र में हमें इनकी धोखेबाज़ी से बचकर रहना है।

    आज जो काँग्रेस हम देख रहे हैं, ये वो काँग्रेस नहीं है जिससे कभी महात्मा गांधी जी जैसे महापुरूष जुड़े थे। आज की काँग्रेस में देशभक्ति की आत्मा दम तोड़ चुकी है। आज की काँग्रेस में नफरत का भूत दाखिल हो गया है। आप देखिए, आज काँग्रेस के लोगों की भाषा, उनकी बोली, विदेशी धरती पर जाकर उनके देशविरोधी एजेंडे, समाज को तोड़ना, देश को तोड़ने की बात करना, भारतीय संस्कृति और आस्था का अपमान करना, ये वो काँग्रेस है, जिसे टुकड़े-टुकड़े गैंग और अर्बन नक्सल के लोग चला रहे हैं। आज देश की सबसे बेईमान और सबसे भ्रष्ट कोई पार्टी है, तो वो पार्टी कांग्रेस पार्टी है। देश का सबसे भ्रष्ट परिवार कोई है, तो वो कांग्रेस का शाही परिवार है।

    जिस पार्टी में हमारी आस्था और संस्कृति का जरा सा भी सम्मान होगा, वो पार्टी कभी गणपति पूजा का विरोध नहीं कर सकती। लेकिन आज की कांग्रेस को गणपति पूजा से भी नफरत है। महाराष्ट्र की धरती गवाह है, आज़ादी की लड़ाई में लोकमान्य तिलक के नेतृत्व में गणपति उत्सव भारत की एकता का उत्सव बन गया था। गणेश उत्सव में हर समाज, हर वर्ग के लोग एक साथ जुड़ते थे। इसीलिए, काँग्रेस पार्टी को गणपति पूजा से भी चिढ़ है। मैं गणेश पूजन कार्यक्रम में चला गया, तो काँग्रेस का तुष्टिकरण का भूत जाग उठा, कांग्रेस गणपति पूजा का विरोध करने लगी। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस कुछ भी कर रही है। आपने देखा है, कर्नाटक में तो काँग्रेस सरकार ने गणपति बप्पा को ही सलाखों के पीछे डाल दिया। गणपति की जिस मूर्ति की लोग पूजा कर रहे थे, उसे पुलिस वैन में कैद करवा दिया। महाराष्ट्र  गणपतीची आराधना करीत होता  आणि कर्नाटकात गणपतीची मूर्ती पोलिस वैन मद्धे होती?

    पूरा देश गणपति के इस अपमान को देखकर आक्रोशित है। मैं हैरान हूँ, इस पर कांग्रेस के सहयोगियों के मुंह पर भी ताला लग गया है। उन पर भी काँग्रेस की संगत का ऐसा रंग चढ़ा है कि गणपति के अपमान का भी विरोध करने की उनमें हिम्मत नहीं बची है।

    हमें एकजुट होकर काँग्रेस के इन पापों का जवाब देना है। हमें परंपरा और प्रगति के साथ खड़ा होना है। हमें सम्मान और विकास के एजेंडे के साथ खड़ा होना है। हम साथ मिलकर महाराष्ट्र की अस्मिता को बचाएंगे। हम सब साथ मिलकर महाराष्ट्र का गौरव और बढ़ाएंगे। हम महाराष्ट्र के सपनों को पूरा करेंगे। इसी भाव के साथ, इतनी बड़ी तादाद में आकर के, इस महत्वपूर्ण योजनाओं को आपने जो, उसकी ताकत को समझा है। इन योजनाओं का विदर्भ के जीवन पर, हिन्दुस्तान के सामान्य व्यक्ति के जीवन पर कैसा प्रभाव होना है, ये आपकी विराट सभा के कारण मैं इसे महसूस कर रहा हूं। मैं एक बार फिर सभी विश्वकर्मा साथियों को विदर्भ के और महाराष्ट्र के सभी मेरे भाई-बहनों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

    मेरे साथ बोलिये-

    भारत माता की जय,

    दोनों हाथ ऊपर कर करके पूरी ताकत से-

    भारत माता की जय,

    भारत माता की जय,

    बहुत-बहुत धन्यवाद।

  • CM Yogi Adityanath: जनपद अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम

    CM Yogi Adityanath: जनपद अयोध्या में विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम

    CM Yogi Adityanath

    • मुख्यमंत्री ने लगभग 10 अरब 04 करोड़ 75 लाख रु0 लागत की कुल 83 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया
    • मुख्यमंत्री ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, प्रतीकात्मक चेक, अनुदान पत्र, सिलाई मशीन, प्रमाण पत्र एवं आवास की चाभी प्रदान की
    • प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश व प्रदेश में  विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया: मुख्यमंत्री
    • नए भारत में विकास और सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण प्राप्त हो रहा
    • नए भारत का नया उ0प्र0 देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा, प्रदेश विकास का मॉडल बन रहा
    • डबल इंजन सरकार विकास, सुरक्षा, निवेश, रोजगार को आगे बढ़ाने का काम कर रही
    • प्रदेश में साढ़े 06 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई, 02 करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए
    • 60 लाख से अधिक उद्यमियों को प्रदेश में उद्यम लगाने के लिए प्रेरित कर स्वतः रोजगार से जोड़ने का काम किया गया
    • प्रदेश में 2-लेन व 4-लेन की सड़कें, बेहतर ग्रामीण कनेक्टिविटी, प्रत्येक गांव व मजरे में बिजली व पानी आदि की अच्छी व्यवस्था की गई
    • विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य के 02 करोड़ 62 लाख परिवारों को एक-एक शौचालय देने का कार्य किया
    • 56 लाख गरीबों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई, 01 लाख 20 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई
    • 01 करोड़ 56 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन, उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 83 लाख परिवारों को निःशुल्क सिलेण्डर प्रदान किए गए
    • प्रदेश सरकार द्वारा एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया
    • प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या ऋषियों तथा संतों की परम्परा से जुड़ी
    • अयोध्या में किसानों को जमीन का 1700 करोड़ रु0 मुआवजा प्रदान किया गया, 6,461 दुकानों का पुनर्वास किया गया
    • अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, एयरपोर्ट पथ तथा अयोध्या को अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर से जोड़ने वाले मार्ग फोरलेन हो चुके
    • 821 एकड़ भूमि पर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका, कुछ ही दिनों के बाद अयोध्या इण्टरनेशनल कनेक्टिविटी से जुड़ने वाला
    • अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन रही, भगवान सूर्य की ऊर्जा से यहां प्रकाश जगमगायेगा अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मिनी स्टेडियम बनने जा रहा
    • अयोध्या में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत अब तक 43,664 तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 19,964 आवास स्वीकृत किए गए
    • अयोध्या में ‘हर घर जल योजना’ के माध्यम से 1,184 राजस्व ग्रामों में प्रत्येक घर तक पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य हो रहा

      CM Yogi Adityanath ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में देश व प्रदेश में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। नए भारत में विकास और सुरक्षा का बेहतरीन वातावरण प्राप्त हो रहा है। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश, देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। प्रदेश विकास का मॉडल बन रहा है। डबल इंजन सरकार विकास, सुरक्षा, निवेश, रोजगार को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।

    मुख्यमंत्री जी आज जनपद अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 10 अरब 04 करोड़ 75 लाख रुपये लागत की कुल 83 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के उपरान्त अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इनमें 82 करोड़ 83 लाख रुपये से अधिक लागत की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 09 अरब 21 करोड़ 91 लाख रुपये से अधिक लागत की 46 परियोजनाओं का शिलान्यास सम्मिलित है। यह परियोजनाएं नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, लोक निर्माण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन, समाज कल्याण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग से सम्बन्धित हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड, प्रतीकात्मक चेक, अनुदान पत्र,सिलाई मशीन, प्रमाण पत्र एवं आवास की चाभी प्रदान की।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि सरकार अच्छी होती है, तो विकास की प्रक्रिया स्वयं ही गति प्राप्त करने लगती है। अच्छी सरकार सुरक्षा शांति और सौहार्द का माहौल बनाती है। युवाओं के लिए रोजगार की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाती है। बिना भेदभाव विकास कार्यों तथा कल्याणकारी योजनाओं को गरीबों, महिलाओं तथा युवाओं आदि तक पहुंचाकर उनके चेहरे पर खुशहाली लाने का कार्य करती है। प्रदेश में साढ़े 06 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई है। 02 करोड़ से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान किए गए। 60 लाख से अधिक उद्यमियों को प्रदेश में उद्यम लगाने के लिए प्रेरित कर स्वतः रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है। वर्ष 2017 से पूर्व, यही प्रदेश देश के विकास का बैरियर माना जाता था। आज डबल इंजन सरकार प्रदेश में सबका साथ-सबका विकास के भाव के साथ कार्य कर रही है। अन्नदाता किसानों की खुशहाली, बेटियों और बहनों की सुरक्षा व स्वावलम्बन तथा व्यापारियों के सम्मान के लिए कार्य कर रही है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साढ़े 07 वर्ष पूर्व प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था। प्रदेश में अराजकता चरम पर थी। विकास की योजनाओं में भेदभाव किया जाता था। महापुरुषों का अपमान किया जाता था। माफियाओं की समानान्तर सरकारें चलती थीं। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने विकास कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाया। आज प्रदेश में 2-लेन व 4-लेन की सड़कें, बेहतर ग्रामीण कनेक्टिविटी, प्रत्येक गांव व मजरे में बिजली व पानी आदि की अच्छी व्यवस्था की गई है। प्रत्येक गरीब को बिना भेदभाव के आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

    विगत साढ़े 07 वर्षों में प्रदेश सरकार ने राज्य के 02 करोड़ 62 लाख परिवारों को एक-एक शौचालय देने का कार्य किया है। 56 लाख गरीबों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 01 लाख 20 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई है। 01 करोड़ 56 लाख से अधिक परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए। उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत 01 करोड़ 83 लाख परिवारों को निःशुल्क सिलेंडर प्रदान किए गए हैं। इस योजना के अन्तर्गत होली तथा दीपावली के पर्व पर भरा हुआ निःशुल्क गैस सिलेण्डर देने का कार्य गत वर्ष से प्रारम्भ हो चुका है। आगामी दीपावली पर्व परपुनः भरा हुआ निःशुल्क गैस सिलेंडर प्राप्त होगा। प्रदेश में 15 करोड़ लोग निःशुल्क राशन का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन कर 64 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया। यह कार्य वर्ष 2017 से पूर्व सम्भव नहीं थे।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रभु श्रीराम की पावन जन्मभूमि अयोध्या ऋषियों तथा संतों की परम्परा से जुड़ी हुई है। अयोध्या में किसानों को जमीन का 1700 करोड़ रुपये मुआवजा प्रदान किया गया है। अयोध्या धाम में अब तक 03 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं। जब यहां दीपोत्सव पर मंदिरों व घाटों पर दीप जलते हैं, तो अपराधियों तथा देश के दुश्मनों को परेशानी होती है, क्योंकि उन्हें पता है कि अयोध्या में जलने वाला दीप प्रदेश व देश को रोशन करेगा। इससे निकलने वाला प्रकाश बुराइयों तथा देश के दुश्मनों को भी समाप्त करने का सामर्थ्य रखता है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस अयोध्या को बिजली तथा विकास से वंचित किया गया, उस अयोध्या में डबल इंजन सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी है। पहले अयोध्या में इतना विकास कभी नहीं हुआ। हम सभी आज 1,004 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात लेकर फिर से आए हैं। यहां 6,461 दुकानों का पुनर्वास किया गया। इसके अन्तर्गत किसी व्यक्ति को दुकान तथा किसी को कम्पनसेशन प्रदान किया गया। एफ0ए0आर0 में छूट देकर जमीन के पिछले भाग पर दुकान बनाने की अनुमति दी गई। नक्शा पास करवाया गया। आज अयोध्या दुनिया की सुन्दरतम नगरी बन रही है। देश और दुनिया के सनातन धर्मावलम्बी आज यहां आने को उत्सुक हैं।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ, एयरपोर्ट पथ तथा अयोध्या को अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर से जोड़ने वाले मार्ग 4-लेन हो चुके हैं। हजारों वर्ष पहले प्रभु श्रीराम अयोध्या धाम में पुष्पक विमान से आए थे। पहले अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट एक कल्पना थी। आज यहां 821 एकड़ भूमि पर इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है। अयोध्या की देश के अन्य राज्यों से कनेक्टिविटी है। कुछ ही दिनों के बाद अयोध्या इण्टरनेशनल कनेक्टिविटी से जुड़ने वाला है। अयोध्या देश की पहली सोलर सिटी बन रही है। भगवान सूर्य की ऊर्जा से यहां प्रकाश जगमगाएगा।

    अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में एक मिनी स्टेडियम बनने जा रहा है। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 30 मार्गांे के शिलान्यास का कार्य हो रहा है। इसके साथ ही, यहां पर रेवना में ग्रामीण स्टेडियम के निर्माण के लिए भी 09 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। इससे यहां के युवा भी ओलम्पिक, कॉमनवेल्थ, एशियाई खेलों तथा विश्व चैम्पियनशिप के लिए स्वयं को तैयार कर भारत के गौरव को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे सकंेगे। विकास परियोजनाओं तथा कार्यों से अयोध्या धाम में व्यापक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

    अयोध्या में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत अब तक 43,664 तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत 19,964 आवास स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत मिल्कीपुर में 8,195 आवासों हेतु धनराशि लाभार्थियों के खातों में अन्तरित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत 2,369 लाभार्थियों को आवास की सुविधा प्रदान की गई है। अयोध्या में ‘हर घर जल योजना’ के माध्यम से 1,184 राजस्व ग्रामों में प्रत्येक घर तक पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य हो रहा है।

    मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व अन्नदाता किसान आत्महत्या करता था। आज अयोध्या में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 04 लाख 21 हजार किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इनके खातों में अब तक 1,430 करोड़ रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है। इस योजना के अन्तर्गत मिल्कीपुर के 94,549 किसानों को लाभ प्राप्त हो रहा है। जनपद में युवाओं को 67,014 स्मार्टफोन तथा 26,974 टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं।

    आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 09 लाख 726 व्यक्तियों को गोल्डन कार्ड प्रदान किए जा चुके हैं। इसके अन्तर्गत प्रतिवर्ष 05 लाख रुपये की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 30,245 बालिकाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। 01 लाख 08 हजार 228 वृद्धजनों, 54,529 निराश्रित महिलाओं तथा 11,603 दिव्यांगजन को मासिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अयोध्या में 59 गो-आश्रय स्थलों में 12,611 से अधिक गोवंश संरक्षित किए जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत भी 04 लाख 32 हजार राशन कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने भी सम्बोधित किया।

    इस अवसर पर खेल और युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र  यादव, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री श्री सतीश चन्द्र शर्मा, विधायक श्री वेद प्रकाश गुप्ता, श्री रामचन्द्र यादव, डॉ0 अमित सिंह चौहान, डॉ0 हरिओम पाण्डेय, श्री अवनीश पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://up.gov.in

  • ऊर्जा मंत्री Shri Pradyuman Singh Tomar: जलभराव से निपटने में प्रशासन मुस्तैद रहे

    ऊर्जा मंत्री Shri Pradyuman Singh Tomar: जलभराव से निपटने में प्रशासन मुस्तैद रहे

    ऊर्जा मंत्री Shri Pradyuman Singh Tomar ने प्रशासन के अधिकारियों से ली जलभराव नियंत्रण की जानकारी

    ग्वालियर जिले और आसपास के इलाकों में अति वर्षा से उत्पन्न हुई जलभराव की स्थिति पर ऊर्जा मंत्री Shri Pradyuman Singh Tomar पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव अति वर्षा से उत्पन्न हुए हालातों पर स्वयं नजर रख रहे हैं। मंत्री श्री तोमर ने बुधवार की रात्रि जिला कलेक्टर, आयुक्त नगर निगम और पुलिस अधीक्षक से चर्चा की थी। मंत्री श्री तोमर के निर्देशन में जलभराव वाले इलाकों में पानी निकासी के तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। जलभराव वाले इलाकों से बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था जारी है।

    ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर स्वयं निरंतर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों के एक दल की तैनाती की है और जलभराव वाले इलाकों की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने फोन पर संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त एवं पुलिस अधीक्षक से चर्चा कर आज की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो पुराने और जीर्ण-शीर्ण भवन निर्मित हैं, उन्हें पहले खाली कराएं तथा इन भवनों में रहने वाले परिवारों के रहने खाने के पर्याप्त बन्दोवस्त करें। ऊर्जा मंत्री ने ग्वालियर में निरंतर हो रही वर्षा को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्वालियर के आनंद नगर, शील नगर, सदाशिव नगर की स्थिति पर नजर बनाए रखें तथा बचाव दल लगातार काम करते रहें। नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी इस पर नज़र रखें।

    ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि वे राहत व बचाव कार्यों में सरकार से हर संभव मदद दिलाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने ग्वालियर जिले की डबरा तहसील के ग्राम सेंकरा व खेड़ारायमल में जलभराव में घिरे लोगों को एनडीआरएफ की टीम और जिला प्रशासन एवं जनपद पंचायत की संयुक्त टीमों द्वारा सूझबूझ के साथ सुरक्षित रूप से निकालने की सराहना की। साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि प्रशासन की टीमें इसी तरह लोगों की मदद करती रहेंगीं।

    ऊर्जा मंत्री श्री तोमर ने कहा कि हर क्षेत्रवासियों को मैं आश्वासन देता हूँ कि इस मुश्किल हालात में डबल इंजन सरकार आपके साथ है। प्रशासन द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। हमारी सरकार आपकी सुरक्षा व सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

    source:http://www.mpinfo.org


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