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  • Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 शुरू किया है

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने 1 से 30 नवंबर, 2024 तक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 शुरू किया है

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare: राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 800 शहरों/जिलों में 1900 स्थानों पर चलाया जा रहा है

    • डीएलसी अभियान 3.0 के शुभारंभ के पहले सप्ताह के भीतर देश भर में 37 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए गए
    • डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा पेंशनभोगियों के लिए जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को आसान और निर्बाध बनाएगी

    Department of Pension and Pensioners’ Welfare ने पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 शुरू किया है। जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है। डीएलसी अभियान 3.0 1 से 30 नवंबर, 2024 तक भारत के 800 शहरों/कस्बों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्र/राज्य सरकारों/ईपीएफओ/स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से ही जमा कर सकते हैं और घर पर ही सेवाएंभी प्राप्त कर सकते है। सभी पेंशन वितरण बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई देशभर में डीएलसी अभियान को लागू करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

    राष्ट्रव्यापी अभियान 2.0 1 से 30 नवंबर, 2023 तक देश भर के 100 शहरों में 600 स्थानों पर 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघों, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई आदि के सहयोग से चलाया गया। इस अभियान के तहत 1.47 करोड़ से अधिक डीएलसी बनाए गए, जो कि एक बड़ी सफलता थी।

    अभियान 3.0 में, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग कार्यालयों और सभी बैंक शाखाओं/एटीएम में लगाए गए बैनर/पोस्टर के माध्यम से डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में सभी पेंशनभोगियों को बीच जागरूकता पैदा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। सभी बैंकों ने अपनी शाखाओं में समर्पित कर्मचारियों की एक टीम बनाई है, जिन्होंने अपने स्मार्टफोन में आवश्यक ऐप डाउनलोड किए हैं, जो पेंशनभोगियों द्वारा जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं। यदि पेंशनभोगी वृद्धावस्था/बीमारी/कमजोरी के कारण शाखाओं में जा पाने में सक्षम नहीं है, तो बैंक अधिकारी उपरोक्त उद्देश्य के लिए उनके घर/अस्पताल भी जा रहे हैं।

    पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन इस अभियान को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं। उनके प्रतिनिधि पेंशनभोगियों को आस-पास के शिविर स्थलों पर जाकर डीएलसी जमा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी भी देश भर में प्रमुख स्थानों का दौरा कर पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों के इस्तेमाल में मदद कर रहे हैं और इस संबंध में हुई प्रगति की बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।

    सभी हितधारकों, विशेष रूप से सभी स्थानों पर बीमार/बुजुर्ग पेंशनभोगियों में बहुत उत्साह देखने को मिला है। इसके परिणामस्वरूप, 3.0 अभियान के शुभारंभ के पहले सप्ताह के अंत तक 37 लाख से अधिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाए गए, जिनमें से 90 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 14,329 पेंशनभोगी और 80-90 वर्ष की आयु के बीच के 1,95,771 पेंशनभोगी अपने घर/स्थान/कार्यालय/शाखाओं से अपने डीएलसी जमा कर सके।

    एसबीआई और पीएनबी महीने भर चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह के दौरान 5 लाख से अधिक डीएलसी बनाकर अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। महाराष्ट्र और तमिलनाडु राज्य महीने भर चलने वाले अभियान के पहले सप्ताह के दौरान 8.5 लाख से अधिक डीएलसी बनाकर सूची में शीर्ष पर हैं।

    पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग इस अभियान को पूरे देश में सफल बनाने के लिए अपने सभी प्रयास जारी रखेगा।

    source: http://pib.gov.in

  • Dr. Jitendra Singh ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया

    Dr. Jitendra Singh ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया

    Dr. Jitendra Singh: डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विजन है जिसे 2014 में लॉन्च किया गया था और फेस ऑथेंटिकेशन को 2021 में लॉन्च किया गया था

    • डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1900 शिविरों और 1100 नोडल अधिकारियों के साथ 1-30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी पेंशनभोगी अपने घरों से या पेंशन संवितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं 
    • 19 पेंशन संवितरण बैंक और 57 पेंशन कल्याण संघ, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई पूरे सरकार और संतृप्ति दृष्टिकोण पर डीएलसी अभियान 3.0 को लागू करने के लिए सहयोग करते हैं

    Dr. Jitendra Singh ने पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र, जीवन प्रमाण, पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विजन है। डीएलसी अभियान 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा  जिसमें केंद्र/राज्य सरकारों/ईपीएफओ/स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। सुपर सीनियर पेंशनभोगी इसे अपने घर से कर सकते हैं और उन्हें सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी प्रदान की जाती है भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई सहित सभी पेंशन वितरण बैंक देशव्यापी आधार पर डीएलसी अभियान को लागू करने के लिए एक साथ आएंगे।

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    डॉजितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री  मोदी का विजन राष्ट्र प्रथमनागरिक प्रथम” दृष्टिकोण पर डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से पेंशनभोगियों के कल्याण में सुधार” करना है। इसके अंतर्गत  2014 में जीवन प्रमाण की शुरुआत की गई और 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत की गई। वर्ष 2022 में डीएलसी अभियान 1.0 को 37 शहरों में लागू किया गया। वर्ष 2023 में डीएलसी अभियान 2.0 नवंबर2023 में 100 शहरों में 597 स्थानों पर आयोजित किया गया जिसके अन्तर्गत कुल 1.47 करोड़ डीएलसी तैयार किए गए जिनमें से 45.46 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के थे। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके 25.41 लाख डीएलसी तैयार किए गए और 90 वर्ष से अधिक आयु के 30,500 से अधिक पेंशनभोगियों ने डीएलसी का लाभ उठाया।

    डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2023 में डीएलसी अभियान 3.0, डीपीपीडब्ल्यू द्वारा समन्वित किया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अभियान है और जागरूकता पैदा करने के लिए विभाग ने सभी हितधारकों के लिए सोशल मीडिया तक व्यापक पहुंच , टेलीविजन और रेडियो जिंगल्स तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये अभियान 1100 से अधिक नोडल अधिकारियों के साथ 800 शहरों/कस्बों में 1900 डीएलसी शिविर आयोजित करेगा। 1.8 लाख ग्रामीण डाक सेवक 785 शहरों/कस्बों में आयोजित होने वाले आईपीपीबी शिविरों में सेवाएं प्रदान करेंगे। पेंशन वितरण करने वाले बैंक 157 शहरों/कस्बों में डीएलसी शिविर आयोजित करेंगे।

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    डॉजितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएलसी अभियान 3.0 के बारे में फीडबैक उनके साथ या पीडब्लूएया सोशल मीडिया या हेल्पलाइन नंबर 1-800-111-960 के माध्यम से साझा किया जा सकता है। इस फीडबैक का उपयोग समस्याओं की पहचान करनेवितरण प्रणाली में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि प्रणाली उपयोगकर्ता के अनुकूल बनी रहे और सभी पेंशनभोगियों के लिए सुलभ हो। डीएलसी पोर्टल पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और हितधारकों/पेंशनभोगियों की प्रतिक्रिया पर वास्तविक समय के आंकड़ों के माध्यम से प्रगति की निगरानी की जाएगी।

    डॉजितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जो लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में असमर्थ हैंउनके लिए वैकल्पिक गैरडिजिटल तरीके उपलब्ध रहेंगे। पेंशनभोगी अभी भी पारंपरिक तरीकों जैसे पेंशन कार्यालयों में जाकर या डाकघरों का उपयोग करके अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। इसका लक्ष्य कई विकल्प प्रदान करना है ताकि कोई भी पेंशनभोगी इस प्रक्रिया से वंचित न रहे। उन्होंने डीएलसी अभियान 3.0 को राष्ट्रव्यापी सफल बनाने के लिए सभी हितधारकों से सहयोग की आशा व्यक्त की।

    डीएलसी अभियान 3.0 के शुभारंभ समारोह में डीपीपीडब्ल्यू के सचिव श्री वीश्रीनिवासडीपीपीडब्ल्यू के संयुक्त सचिव श्री ध्रुबज्योति सेनगुप्तासीजीडीए श्रीमती देविका रघुवंशीभारतीय डाक महानिदेशक श्री संजय शरणएसबीआई की सीजीएम श्रीमती शालिनी कक्कड़ और पेंशन वितरण बैंकोंआईपीपीबी और यूआईडीएआई के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

    source: http://pib.gov.in


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