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  • आप धन की कमी से परेशान हैं? Diwali की रात इन उपायों से तिजोरी भर जाएगी!

    आप धन की कमी से परेशान हैं? Diwali की रात इन उपायों से तिजोरी भर जाएगी!

    पुरातन धर्मों में Diwali का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है

    पुरातन धर्मों में दीपावली का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह पर्व वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दिवाली की शाम को माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।दीपावली बिना प्रकाश की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हिंदू धर्म मानता है कि भगवान राम लंका को जीतने के बाद दीपावली के दिन अयोध्या वापस आए।

    दीपावली का त्योहार भगवान राम के वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं, सुख, समृद्धि और शांति के लिए घरों को फूलों, रंगोली, दीपों और लाइटों से सजाते हैं। ज्योतिषी भी दीपावली में कुछ खास दीपक जलाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से धन भी मिलता है, इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि दीपावली पर दीपक जलाने के सही तरीके और नियम क्या हैं।

    दिवाली कब है?

    वास्तव में, कार्तिक अमावस्या की रात को दीपावली मनाई जाती है, जैसा कि अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम ने बताया है। हालाँकि, इस बार दिवाली को लेकर लोग अनिश्चित हैं। कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मानते हैं। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि दिवाली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। 31 अक्टूबर को पंचांगानुसार कार्तिक अमावस्या की शुरुआत दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगी। वहीं, 1 नवंबर को शाम 6 बजे 16 मिनट पर इस दिन का समापन होगा। पंडित कल्कि राम कहते हैं कि माता लक्ष्मी के आगमन पर दीपक जलाना घर में सौभाग्य और सुख लाता है।

    • धर्म और वास्तुशास्त्र के अनुसार दीपावली के दिन माता लक्ष्मी के सामने एक दीपक जलाना चाहिए। इसके अलावा, चौमुखी दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होगी।
    • दिवाली के दिन घर के मंदिर या पूजा स्थल में एक दीपक जलाना अनिवार्य है। इससे भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
    • दीपावली की रात दक्षिण दिशा में भी दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से घर से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है, जो आपके धन और संपत्ति को बढ़ाता है।
    • यदि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है, तो दीपावली के दिन घी का दीपक जलाना चाहिए।
    • यदि आप सफलता पाने में समस्या का सामना कर रहे हैं, तो दीपावली के दिन अपने मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से रुका हुआ काम पूरा होने लगता है।
  • Diwali 2024: दिवाली कब है? देवघर के आचार्य ने कहा..। 31 अक्टूबर ही सही तिथि है, पूरी गणना

    Diwali 2024: दिवाली कब है? देवघर के आचार्य ने कहा..। 31 अक्टूबर ही सही तिथि है, पूरी गणना

    Diwali 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी

    पूरे देश में इस बार Diwali की तारीख को लेकर बहुत मतभेद है। ज्योतिषार्चों ने इस मामले में देश भर के धार्मिक शहरों से अलग-अलग विचार व्यक्त किए हैं। झारखंड के एक देवघर के ज्योतिषाचार्य ने भी अपनी राय दी और इसका पूरा गणित बताया। उनका दावा था कि इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

    पागल बाबा आश्रम में स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है। इस साल अमावस्या दो दिन पड़ने के कारण स्थिति अनिश्चित है। लेकिन ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, दीपावली इस साल 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन कुबेर, गणेश और लक्ष्मी की पूजा होगी।

    आखिर 31 अक्टूबर को ही क्यों चुना गया?

    ज्योतिषाचार्य ने कहा कि एक मास में दो भाग हैं। एक कृष्ण पक्ष है, जबकि दूसरा शुक्ल पक्ष है। सूर्योदय तिथि शुक्ल पक्ष में अधिक महत्वपूर्ण है, जबकि सूर्योदय तिथि कृष्ण पक्ष में कम महत्वपूर्ण है। दीपावली का त्योहार चतुर्दशी अमावस्या के दिन मनाया जाता है। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, इस वर्ष की अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 1 अक्टूबर को संध्या 5 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। 31 अक्टूबर को सूर्य 05 बजकर 32 मिनट पर सूर्यास्त होगा। सूर्योदय के बाद प्रदोष कहलाता है। प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 31 अक्टूबर को है, और दीपावली इसी दिन मनाई जानी चाहिए।

    अमावस्या का महत्व:

    ज्योतिषाचार्य ने कहा कि दीपावली के दिन अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। रात में मां काली की भी पूजा की जाती है। इस दिन चंद्रमास का अंत होता है और दीपावली अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर विचरण करती है।

    पूजा का शुभ समय

    31 अक्टूबर प्रदोष व्यापिनी अमावस्या है, इसलिए दीपावली इसी दिन मनाई जाएगी। प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। 31 अक्टूबर को दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू होगा और 7 बजकर 45 मिनट तक चलेगा।


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