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  • Shri Bhajan Lal Sharma: राजस्थान से स्टोन्स का निर्यात बढ़ाने के लिए कोरियन स्टोन एसोसिएशन के साथ हुई चर्चा

    Shri Bhajan Lal Sharma: राजस्थान से स्टोन्स का निर्यात बढ़ाने के लिए कोरियन स्टोन एसोसिएशन के साथ हुई चर्चा

    Shri Bhajan Lal Sharma: दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, स्टोन्स, माइनिंग, एनर्जी स्टोरेज, कार्बन फाइबर उत्पादन जैसे क्षेत्रों में शामिल होने में रुचि दिखाई —

    दक्षिण कोरिया यात्रा के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने सियोल टेक्निकल हाई स्कूल का दौरा किया, राजस्थान में ऐसे संस्थानों की स्थापना के लिए आमंत्रित किया —

    सैमसंग हेल्थकेयर ने AI-आधारित नए स्वास्थ्य सेवा उपकरण उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करने में रुचि दिखायी —

    एलएक्स इंटरनेशनल ने राज्य के माइनिंग सेक्टर में आने की इच्छा जतायी —

    ओरियन कॉर्पोरेशन ने भिवाड़ी में अपने कारखाने और राज्य के लिए अपनी योजनाओं पर चर्चा की —

    ह्योसंग कॉर्पोरेशन भारत में स्थानीय स्तर पर कार्बन फाइबर उत्पादन करने पर विचार कर रही है

    मुख्यमंत्री Shri Bhajan Lal Sharma के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दूसरे दिन मंगलवार को कई दक्षिण कोरियाई कंपनियों ने प्रदेश में अवसरों की तलाश करने और राज्य में अपने व्यवसाय का विस्तार करने में अपनी रुचि दिखायी है। इसमें सैमसंग हेल्थकेयर, एलएक्स इंटरनेशनल, ओरियन कॉरपोरेशन, ह्योसंग कॉरपोरेशन के साथ-साथ कोरियन स्टोन एसोसिएशन सहित कई अन्य दक्षिण कोरियाई कंपनियां शामिल हैं।
    प्रतिनिधिमंडल के संग चर्चा के दौरान, सैमसंग हेल्थकेयर ने राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर AI-आधारित नए हेल्थकेयर डिवाइसेज उपलब्ध कराने में अपनी रुचि दिखायी। वहीं, ओरियन कॉरपोरेशन ने अपने भिवाड़ी मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट की चर्चा करते हुए राजस्थान के लिए अपनी विस्तार योजनाओं पर चर्चा की। एक अन्य दक्षिण कोरियाई फर्म एलएक्स इंटरनेशनल ने राज्य के माइनिंग सेक्टर में काम करने की इच्छा जताई, खास कर लाइमस्टोन (स्टील ग्रेड), सिलिका, जिप्सम, लिग्नाइट, रेयर अर्थ मिनरल्स और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में। एक अन्य प्रमुख दक्षिण कोरियाई फर्म ह्योसंग कॉरपोरेशन भारत में स्थानीय स्तर पर कार्बन फाइबर उत्पादन करने पर विचार कर रही है।
    इसके अलावा, राजस्थान सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने कोरियन स्टोन एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक राइंडटेबल डिस्कशन में भी आज भाग लिया, जिसमें तकनीकी सहयोग, राजस्थान में उत्पादित स्टोन्स की खरीद/वितरण और प्रदेश से निर्यात बढ़ाने पर चर्चा की गई। कोरियन स्टोन एसोसिएशन और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन्स, जो राजस्थान सरकार का उपक्रम है, के बीच सहयोग बढ़ाने की भी संभावनाओं पर भी चर्चा की गयी। कोरिया स्टोन एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल अक्टूबर में राजस्थान का दौरा करेगा। इस चर्चा के दौरान राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें फरवरी 2026 में जयपुर में आयोजित होने वाले इंडिया स्टोन मार्ट 2026 में भी आमंत्रित किया।
    मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने सियोल तकनीकी हाई स्कूल का भी आज दौरा किया और राजस्थान के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए दक्षिण कोरिया और राजस्थान स्किल एंड लाइवलीहुड्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के बीच आपसी सहयोग पर चर्चा की। इस दौरान माननीय मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने छात्रों के बीच नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाली उल्लेखनीय पहलों, स्कूल के एडवांस्ड टेक्निकल सेंटर को भी देखा, छात्रों के साथ बातचीत की और कक्षाओं में सिखाई जा रही अत्यधिक उन्नत AI तकनीक का अनुभव किया।
    इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने कहा, _“युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है। कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण के व्यावहारिक कार्यान्वयन से प्राप्त ज्ञान युवाओं को सैद्धांतिक समझ के अलावा गतिशील और व्यावहारिक बनाता है। मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान को राजस्थान आने और राज्य में एक संस्थान स्थापित करने के लिए आमंत्रित करता हूं।”_
    एक दिन पहले ही सियोल इन्वेस्टर्स मीट में निवेशकों को संबोधित करते हुए श्री शर्मा ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य में शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में गुणात्मक सुधार पर बहुत जोर दे रही है।
    इन बैठकों के साथ, राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने अपना दक्षिण कोरिया दौरा पूरा कर लिया है और अब ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 की तैयारियों के मद्देनजर यह प्रतिनिधिमंडल अब जापान की यात्रा करेगा। मुख्यमंत्री के साथ दक्षिण कोरिया की यात्रा पर गए इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री शिखर अग्रवाल,  उद्योग और वाणिज्य के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा, और राजस्थान सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हैं।

    ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के बारे में—

    ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन इस साल 9, 10 और 11 दिसंबर को राजधानी जयपुर में होगा। इसका आयोजन राजस्थान सरकार के तत्वाधान में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन (बीआईपी) और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसका नोडल विभाग बीआईपी है। इस इन्वेस्टमेंट समिट के पहले इन्वेस्टर मीट, जो मुंबई में 30 अगस्त को आयोजित हुआ था, के दौरान राजस्थान सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 4.5 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू (MoUs) साइन किया था।
    इस त्रि-दिवसीय मेगा समिट का उद्देश्य देश-विदेश की बड़ी-छोटी कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को राज्य में आ कर काम करने के लिए आमंत्रित करना, प्रदेश में विभिन्न तरह के उद्योग-धंधे लगाने में मदद करना और अनय सुविधाएँ मुहैय्या कराना है। इस ग्लोबल समिट के दौरान कृषि, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और कौशल, ऑटो और ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स), इंफ्रास्ट्रक्चर, केमिकल और पेट्रो-केमिकल, पर्यटन, स्टार्टअप, खनन और ईएसडीएम/आईटी और आईटीईएस (ESDM/IT and ITeS) सहित विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष सत्र का आयोजन होगा।
  • राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: की मानवीय पहल ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

    राजस्थान सरकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: की मानवीय पहल ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा: राजस्थान सरकार की मानवीय पहल बुजुर्गों को सम्मान के साथ मिल रही स्वास्थ्य सेवाएं ‘रामाश्रय’ से 6 लाख वृद्धजन लाभान्वित

     मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल पर प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक विशेष स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थापित किए गए रामाश्रय वार्ड (जेरियाट्रिक वार्ड एवं जेरियाट्रिक क्लीनिक) जनसेवा का एक सार्थक माध्यम बनकर उभरे हैं। यहां बुजुर्गों को सम्मान के साथ बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवायी जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में गत 14 मार्च से प्रारम्भ हुई इस संवेदनशील पहल से अब तक करीब 6 लाख बुजुर्ग लाभान्वित हो चुके हैं।
    चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हमारे बुजुर्गों को उपचार के लिए चक्कर नहीं काटना पड़े, कतारों में खड़ा नहीं होना पड़े और एक ही स्थान पर जांच एवं उपचार सेवाओं का लाभ मिल सके, इस मानवीय सोच के साथ रामाश्रय वार्डों की स्थापना की गई है। अब तक 5 लाख 14 हजार से अधिक बुजुर्गों ने रामाश्रय वार्ड की ओपीडी में विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के लिए परामर्श लिया है। इसी प्रकार रामाश्रय आईपीडी में 32 हजार से अधिक वृद्धजनों को भर्ती कर उपचार उपलब्ध करवाया गया है। अब तक 3 लाख 14 हजार से अधिक लैब टैस्ट किए गए हैं एवं 8 हजार 320 बुजुर्गों को फिजियोथैरेपी सेवाएं प्रदान की गयी हैं। गंभीर स्थिति में उच्च स्तरीय उपचार के लिए 1 हजार 706 रोगियों को यहां रैफर किया गया है।
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस मानवीय पहल को 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल कर अल्प समय में निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया गया। प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से रामाश्रय वार्ड बनाए गए, जहां वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

    इन सुविधाओं से लैस हैं रामाश्रय वार्ड

    रामाश्रय वार्डों में 10 फाउलर बैड आरक्षित किए गए हैं। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर पर्दे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रेक्शन, पैल्विक ट्रेक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल कर वार्ड में व्हील चेयर, ट्रोली, मेडिसिन कैबिनेट एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है।

    हर वार्ड का नोडल अधिकारी, बैड पर ही जांच

    वार्ड का एक नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन करता है। रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय पर विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध हो रही हैं। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र कर रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है।

    ओपीडी सेवाओं के लिए जेरियाट्रिक क्लिनिक

    राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जेरियाट्रिक क्लिनिक की व्यस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे़ और आसानी से उपचार मिल सके।

    व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए भारत सरकार को भेजा प्रस्ताव

    प्रदेश के अस्पतालों में वृद्धजनों को सुविधाजनक रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए चिकित्सा विभाग ने 22 करोड़ रूपए का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव के तहत वृद्धजनों के उपचार के लिए आवश्यक उपकरण, चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण सहित अन्य कार्य सम्पादित किए जाएंगे।

    साल में चार बार नि:शुल्क जांच एवं पार्किंग सुविधा

    प्रदेश में बुजुर्ग अब साल में चार बार नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच करवा सकेंगे। यह सुविधा बुजुर्गों के लिए सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों से लेकर सीएचसी स्तर तक उपलब्ध होगी। साथ ही एक एडवाइजरी जारी कर सभी जिला अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में बुजुर्गों को पार्किंग सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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