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  • CM Nitish Kumar ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन

    CM Nitish Kumar ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन

    CM Nitish Kumar ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।

    इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए CM Nitish Kumar ने कहा कि सबसे पहले मैं मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के उपयोग एवं प्रत्यक्षण कार्यक्रम का जो आज शुभारंभ किया गया है उसके लिए केंद्र सरकार और यहां उपस्थित केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को बधाई देता हूं। वर्ष 2005 से पहले बिहार में विकास कार्यों की क्या स्थिति थी सभी को पता है। वर्ष 2005 से पहले मछली उत्पादन बहुत कम था। दूसरे राज्यों से यहां मछलियां मंगाई जाती थी। 24 नवंबर, 2005 को जब हमलोग सरकार में आए तो राज्य के विकास के लिए नीति और कार्यक्रम बनाए गए। कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन सहित सभी क्षेत्रों का विकास किया गया। लोगों की सुविधाओं के लिए कई कदम उठाए गए। साथ ही महिलाओं की तरक्की के लिए कई कार्य किए गए।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2008 से वर्ष 2012 के लिए प्रथम कृषि रोड मैप बनाया गया। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के लिए दूसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्रद्धेय प्रणव मुखर्जी ने किया था। वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के लिए तीसरा कृषि रोड मैप बनाया गया जिसका शुभारंभ तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने किया था। वर्ष 2024 से चौथा कृषि रोड मैप लागू किया गया है जिसका शुभारंभ राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने किया। कृषि रोड मैप के लागू होने से सब्जी, दूध, अंडा, मीट, फल सहित अन्य फसलों का उत्पादन बढ़ा है। चौथे कृषि रोड मैप के लिए एक लाख 62 हजार करोड़ रुपये की राशि की स्वीकृति दी गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मछली का उत्पादन 2 लाख 88 हजार मीट्रिक टन था जो अब बढ़कर 8 लाख 73 हजार मीट्रिक टन हो गया है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है। पहले दूसरे राज्य की मछलियां बिहार में मंगाई जाती थीं और अब बिहार की मछलियां दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं इसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई देता हूं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन के विकास के लिए सहायता दी गई है। राज्य सरकार मत्स्य पालन के विकास के लिए भी कई कदम उठा रही है। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में विकास के लिए उठाए गए कदमों से मत्स्य पालकों को काफी लाभ हो रहा है। मत्स्य पालन के क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व्यक्त करता हूं कि वे अपने कार्य से अपनी तरक्की के साथ-साथ राज्य की तरक्की में भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही एन0डी0ए0 में थे और एन0डी0ए0 में ही रहेंगे। बीच में हम दो बार उनलोगों के साथ चले गए थे, ये हमारी गलती थी अब कभी इधर-उधर नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ हमारी पार्टी का शुरू से ही संबंध रहा है। हमलोग मिलकर राज्य और देश का विकास करते रहेंगे। इस कार्यक्रम में मुझे शामिल होने का मौका मिला है इसके लिए मैं आपलोगों का आभार व्यक्त करता हूं और आप सभी को बधाई देता हूं। कार्यक्रम को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ श्री ललन सिंह ने भी संबोधित किया।

    कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की लाभार्थी श्रीमती अंजू देवी, श्रीमती ऊषा देवी, श्रीमती मीरा देवी, श्रीमती रीता रानी एवं श्री निशांत कुमार को अनुदान राशि का डमी चेक प्रदान किया। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 15 मत्स्य पालकों को 0.50 लाख मत्स्य बीज वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से श्री संजीव कुमार, श्री सुरेंद्र प्रसाद एवं श्रीमती ललिता देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य बीज प्रदान किया तथा 19 मत्स्य पालकों के बीच 7 टन मत्स्य आहार वितरित किया गया जिसमें सांकेतिक रूप से श्री धर्मराज सहनी और श्रीमती रेखा देवी को मुख्यमंत्री ने मत्स्य आहार प्रदान किया।

    कार्यक्रम की शुरुआत में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ0 एन0 विजयालक्ष्मी ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व लगाई गई ड्रोन की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मत्स्य पालन के क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा कल्याण मंत्री श्री हरी सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डॉ0 एन0 विजयालक्ष्मी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, भारत सरकार में संयुक्त सचिव, (समुद्री मात्स्यिकी) सुश्री नीतू कुमारी प्रसाद, पशु विज्ञान विष्वविद्यालय के उपकुलपति डॉ0 दुनियाराम सिंह, राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड, हैदराबाद के मुख्य कार्यपालक डॉ0 विजय कुमार बेहरा, निदेशक, मत्स्य पालन, बिहार सरकार श्री नवदीप शुक्ला, पशु एवं मत्स्य पालन से जुड़े हुए केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारीगण, मत्स्यपालक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

    source: http://bihar.gov.in

  • कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है

    कृषि मंत्री Edal Kanshana श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

    किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना ने कहा है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार ने खरीफ में किसानों को आवश्‍यक मात्रा में उर्वरक उपलब्‍ध कराया है और रबी में भी इसी प्रकार से किसानों की आवश्‍यकतानुसार उर्वरक उपलब्‍ध करायेगें। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर मीडिया से चर्चा में यह बातें कही।

  • कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana: किसानों को व्यवस्थित तरीके से हो खाद का वितरण

    कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana: किसानों को व्यवस्थित तरीके से हो खाद का वितरण

    कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कालाबाजारी नहीं हो।

    किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री Edal Kanshana ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की समस्या उत्पन्न न हो। किसानों को व्यवस्थित तरीके से खाद का वितरण सुनिश्चित किया जाये। मंत्री श्री कंषाना श्यामला हिल्स स्थित निवास पर प्रबंध संचालक मार्कफेड श्री आलोक कुमार सिंह, संचालक कृषि श्री अजय गुप्ता एवं अन्य अधिकारियों के साथ प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था पर चर्चा कर रहे थे।
  • केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज किसान और किसान संगठनों से चर्चा की

    Shivraj Singh Chouhan: किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई,  उन्होंने कई रचनात्मक सुझाव दिये

    • किसानों ने एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसानों को लाभकारी खेती के लिए मॉडल कृषि फार्मिंग के प्रशिक्षण पर ज़ोर दिया : श्री चौहान
    • किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे, राज्यों को संबंधित विषय भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे : श्री चौहान
    • किसानों से संवाद बहुत उपयोगी, संवाद से हमें मिल रही मूल समस्याओं की जानकारी, साथ ही शासकीय योजनायें भी किसानों तक पहुंच रहीं : केंद्रीय मंत्री श्री चौहान
    • हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को किसान हितैषी निर्णय के लिए अभिनंदन और शुभकामनायें श्री चौहान

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और उनके सदस्यों व अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों व किसानों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसानों से खेती से संबंधित कई विषयों पर गंभीरता से चर्चा हुई है। श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किये गये सभी प्रयासों सहित पिछले कल रबी की एमएसपी बढ़ाने की जानकारी किसानों को दी गई। किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व कई रचनात्मक सुझाव दिये। किसानों ने कहा कि मॉडल कृषि फार्म (मॉडल कृषि फार्मिंग) बनना चाहिए जिसमें यह जानकारी दी जाये कि एक-दो या ढ़ाई एकड़ ज़मीन वाले किसान कैसे खेती करें और किस तरह से उसी में लाभकारी खेती करें? किसानों ने एक एकड़ वाले फार्म में ही लाभकारी खेती कर रहे किसानों के उदाहरण भी दिये। उन्होंने पानी पहॅुंचाने, उर्वरकों के प्रयोग, मिट्टी को स्वस्थ बनाना, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान के कारण परेशानियां, चीनी मिलों के बंद होने और आवारा पशुओं की समस्याओं आदि को लेकर चर्चा की। किसानों ने श्रीअन्न को बढ़ावा देने को लेकर भी सुझाव दिये हैं।

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    केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर उनके समाधान का प्रयास करेंगे। राज्य सरकार से संबंधित विषय राज्यों को भेजेंगे और केंद्र सरकार के विषयों पर विभाग कार्रवाई करेंगे। किसानों से संवाद बहुत उपयोगी है। इस संवाद से हमें मूल समस्याओं की जानकारी सीधे किसानों से मिल रही है। साथ ही, शासकीय योजनाओं को भी किसानों तक पहुंचा रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को सभी 23 फसलों को घोषित एमएसपी पर खरीदने का फैसला लेने पर धन्यवाद देता हूं व अभिनंदन करता हूँ। इस किसान हितैषी निर्णय के लिए उनका अभिनंदन और उन्हें शुभकामनायें।

    source: http://pib.gov.in

  • Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

    Mr. Beghal: कृषि एवं पशुपालन में किसान नवीन तकनीक अपनाएं

    केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर टोंक में मंगलवार को एक दिवसीय भेड़-बकरी और खरगोश उद्यमियों के लिए राष्ट्रीय पशुधन योजना मिशन पर केंद्रित कार्यशाला आरंभ 2.0 का आयोजन हुआ। कार्यशाला में मुख्य अतिथि केंद्र सरकार के पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि वर्तमान समय में किसानों एवं पशुपालकों को परंपरागत खेती और पशुपालन के स्थान पर नवीन तकनीक को अपनाना चाहिए। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का प्रयास है कि किसानों की आमदनी दुगनी हो, ताकि व आर्थिक रूप से संपन्न हो सके। यह तभी संभव है जब हम उन्नत वैज्ञानिक तकनीक एवं नस्लों का चयन करके खेती एवं पशुपालन का कार्य करेंगे। उन्होंने गाय एवं भैंसों में कृत्रिम गर्भाधान के उपयोग पर जोर दिया। जिससे देश को दुग्ध उत्पादन मे बढ़ोतरी के साथ बेसहारा गौवंश से मुक्ति मिले।
    श्री बेघल ने विकसित राष्ट्र निर्माण मे समान शिक्षा एवं चिकित्सा को आवश्यक बताया। उन्होंने शिक्षा की महत्ता जोर देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मनुष्य को प्रगति के पथ पर ले जाने में सहायक है। उन्होंने भारतीय क़ृषि अनुसंधान परिषद् के वैज्ञानिको की कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में किए गए नवाचारों की सराहना की।
    कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि राज्य के पशुपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने भारत सरकार द्वारा राज्य को कृषि एवं पशुपालन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग पर आभार व्यक्त किया। श्री कुमावत ने कहा कि हमारा विभाग केंद्र सरकार के सहयोग से 536 मोबाइल वेटरनरी वैन राज्य के पशुपालकों के सहयोग के लिए उपलब्ध करा रहा है। जिससे किसानों द्वारा 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर पशु चिकित्सा टीम रोगी पशुओं का इलाज समय पर कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत गोपालक किसान परिवार को एक लाख रुपये तक का अल्पकालीन ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह ऋण एक वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है। किसान द्वारा ऋण का समय पर चुकारा करने पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं देना होगा।
    राज्य के जलदाय मंत्री श्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि सरकार द्वारा इस संस्थान में क़ृषि और गौवंश से संबंधित और भी प्रशिक्षण व शोध संस्थान खुलने चाहिए। जिससे यहाँ के किसान एवं पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर और लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा स्थानीय किसानों को समय-समय पर बेहतर प्रशिक्षण मिलने से वे नवीन तकनीकों को अपना रहे है। इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है।
    आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. राघवेंद्र भट्ट ने कार्यशाला में उपस्थित लोगों को केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर एवं भारत में स्थित अन्य संस्थानों द्वारा किसानों एवं पशुपालकों के हित में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने अविकानगर संस्थान एवं उनके क्षेत्रीय केंद्र द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के किसानों के लिए भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन में अपनाई गई नवीन तकनीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान द्वारा उन्नत नस्ल के पशुओ, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने सभी अतिथियों को संस्थान का भ्रमण करवाकर किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी।
  • Universal Postal Union की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए

    Universal Postal Union की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक टिकट जारी किए गए

    Universal Postal Union

    विश्व डाक दिवस के मौके पर, केन्द्र सरकार के डाक विभाग ने Universal Postal Union (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया। डाक विभाग की सचिव सुश्री वंदिता कौल ने मेघदूत भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह के दौरान, ये टिकट जारी किए। डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के प्रति अपना सम्मान जताने के लिए इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने UPU की स्थायी विरासत और वैश्विक डाक सेवाओं को आकार देने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

    9 अक्टूबर, 1874 को बर्न, स्विटजरलैंड में स्थापित UPU आधुनिक डाक सहयोग की आधारशिला है तथा भारत इसके सबसे पुराने और सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक है। UPU ने अंतर्राष्ट्रीय डाक विनियमनों को मानकीकृत करने, अपने 192 सदस्य देशों के बीच निर्बाध मेल एक्सचेंज सुनिश्चित करने और डाक सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    केंद्रीय संचार एवं उत्तरपूर्व क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस मौके पर अपना संदेश भेजा, ‘यह बहुत गर्व की बात है कि विश्व डाक दिवस पर, भारत सरकार के डाक विभाग ने यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में स्मारक डाक टिकटों का एक विशेष सेट जारी किया है। UPU ने एक ऐसे विश्व को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाँ संचार की कोई सीमा नहीं है। इन टिकटों के साथ, हम नवाचार और समावेशिता के लिए भारत की साझा कटिबद्धता का आदर करते हैं और वैश्विक डाक नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भारतीय डाक विभाग की भूमिका की पुनः पुष्टि करते हैं। आइए, हम सब मिलकर दूरियाँ कम करते रहें, समुदायों को एकजुट करते रहें और राष्ट्रों के बीच संचार को बढ़ावा देते रहें।”

    इस कार्यक्रम में बोलते हुए, सुश्री कौल ने यूपीयू के योगदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “डाक सेवाओं में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में यूपीयू की विरासत अमूल्य है। यूपीयू की पहलों में भारत की सक्रिय भागीदारी और डिजिटल प्रगति तथा ई-कॉमर्स के जरिए डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के हमारे प्रयासों ने वैश्विक डाक परिदृश्य में भारत की स्थिति को बेहतर बनाया है।”

    इस वर्ष, विश्व डाक दिवस का आयोजन विशेष रूप से सार्थक है, क्योंकि भारतीय डाक ने राष्ट्र को अपनी 170वीं वर्ष की सेवा प्रदान की है। शहरी केंद्रों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, भारतीय डाक देश भर में आवश्यक सेवाएं प्रदान करने और लोगों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

    आज जारी किए गए तीन स्मारक टिकटों का सेट भारत के यूपीयू के साथ मजबूत संबंधों को दर्शाता है तथा सहयोग, नवाचार और समावेशिता के साझा मूल्यों का प्रतीक हैं। ये डाक टिकट दूरियों को पाटने, संचार को सुगम बनाने और दुनिया भर के लोगों को जोड़ने में डाक सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करते हैं।

    विश्व के सबसे बड़े डाक नेटवर्क के साथ-साथ, भारतीय डाक विभाग यूपीयू के मिशन के साथ तालमेल बनाए हुए है और अपनी सेवाओं का आधुनिकीकरण कर रहा है तथा विश्व भर में डाक अवसंरचना के विकास में सहयोग दे रहा है।

    source: http://pib.gov.in

  • CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav: मध्यप्रदेश सहित नक्सल प्रभावित राज्य संयुक्त अभियान चलाकर करेंगे नक्सलियों का खात्मा

    CM Dr. Yadav

    CM Dr. Yadav ने कहा है कि नक्सलवाद के खिलाफ मध्यप्रदेश सरकार ने विगत दो वर्ष में जो कदम उठाए हैं वह पिछले तीन दशक में नहीं उठाए गए। मध्यप्रदेश सहित छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना आदि राज्य संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलवादियों का खात्मा करने के लिए संकल्प बद्ध हैं। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में सोमवार को नई दिल्ली में सम्पन्न नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में प्राप्त मार्गदर्शन अनुसार राज्यों द्वारा पूर्ण तालमेल के साथ कार्य किया जाएगा। विकास के मुद्दों दूरसंचार, सड़क संपर्क में वृद्धि, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को बढ़ाकर समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह ने संयुक्त टास्क फोर्स में वृद्धि पर भी बल देते हुए कहा कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन्स बढ़ाए जाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी।

  • CM Mann के हस्तक्षेप पर आरती ने जताया आंदोलन

    CM Mann के हस्तक्षेप पर आरती ने जताया आंदोलन

    CM Mann: अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, हम इस मामले को मजबूती से उठाएंगे

    • कहा राज्य सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
    • सरकार आढ़तियों के हितों की रक्षा के लिए सभी उपाय करेगी: सीएम मान

    धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करने की अपनी वचनबद्धता के अनुरूप पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को आरतियों के साथ विचार-विमर्श किया जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन वापस लेने का फैसला किया।

    मुख्यमंत्री ने फेडरेशन ऑफ आरथिया एसोसिएशन ऑफ पंजाब विजय कालरा के अध्यक्ष के नेतृत्व में आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार आरतियों की जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आढ़तियों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जो इसके प्रति ठंडे बस्ते में पड़ रही है.

    हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आढ़तियों की आवाज बनकर उभरेगी और केंद्र के साथ उनके मुद्दों को मजबूती से उठाएगी। उन्होंने कहा कि आढ़तियों के शुल्क में वृद्धि का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा क्योंकि इससे आढ़तियों को 192 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हो रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जनवरी 2025 तक आढ़तियों के इस नुकसान की भरपाई करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि केन्द्र सरकार कोई शरारत करेगी तो राज्य सरकार आरती के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को अदालतों में ले जाने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आढ़तियों के साथ उनके मुद्दों को हल करने के लिए हर 50 दिनों के बाद बैठकें आयोजित की जाएंगी। भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा कि वह केंद्र सरकार के पास लंबित आढ़तियों के ईपीएफ के 50 करोड़ रुपये जारी करने के मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ भी उठाएंगे।

    मुख्यमंत्री ने पूरी खरीद प्रक्रिया में आढ़तियों की भूमिका की प्रशंसा की और कहा कि वे पूरी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण धुरी थे।

    उन्होंने कहा कि आढ़तियां किसानों की अवैतनिक सीए हैं, जिनके पास उनकी उपज और वित्तीय लेनदेन सहित किसानों के सभी रिकॉर्ड हैं। भगवंत सिंह मान ने अपने जिले संगरूर के आढ़तियों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव को भी याद किया

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह राज्य में खरीद कार्यों की देखरेख के लिए व्यक्तिगत रूप से मंडियों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान की खरीद और उठान को सुचारू और परेशानी मुक्त तरीके से सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के किसानों को लाभ पहुंचाने के इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीद सीजन के दौरान किसानों द्वारा मंडियों में लाए जाने के लिए 185 एलएमटी धान खरीदने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जा रही है और पंजाब 185 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रख रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आरबीआई द्वारा केएमएस 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की सीसीएल पहले ही जारी की जा चुकी है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इस सीजन में ग्रेड ‘ए’ धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के साथ-साथ राज्य खरीद एजेंसियां जैसे पुंग्रेन, मार्कफेड, पनसप, पीएसडब्ल्यूसी भारत सरकार द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद करेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद के लिए पूरी तैयारी की गई है, यह कहते हुए कि राज्य सरकार धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद और उठान के लिए प्रतिबद्ध है।

    मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार ने मंडियों में आते ही किसानों की फसल खरीदने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक व्यवहार्य तंत्र विकसित किया गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाजार में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

    source: http://ipr.punjab.gov.in

  • CM Sharma: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य सरकार ने किसान कल्याण के लिए उठाए कई महत्वपूर्ण कदम

    CM Sharma: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राज्य सरकार ने किसान कल्याण के लिए उठाए कई महत्वपूर्ण कदम

    CM Sharma: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत 9.40 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में हस्तान्तरित की 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि

    • देश के किसान विकसित भारत का बड़ा आधार
    • 18वीं किस्त के तहत राजस्थान के 70 लाख 36 हजार 501 किसानों को कुल 1546.6 करोड़ रुपये हस्तांतरित
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार की हर नीति और निर्णय विकसित भारत को समर्पित हैं। विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार हमारे किसान हैं, इसलिए केन्द्र सरकार देश के किसानों के हित में नित नई योजनाएं संचालित कर रही है और महत्वपूर्ण फैसले ले रही है।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी शनिवार को महाराष्ट्र के वाशिम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करने तथा कृषि एवं पशुपालन से संबंधित विभिन्न नवीन पहलों के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, भी जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास से राज्यसभा सांसद श्री मदन राठौड़ के साथ वीसी के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
    कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कृषि विकास से जुड़ी कई परियोजनाएं एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। इनसे कृषि उत्पादों के स्टोरेज, प्रोसेसिंग और प्रबंधन की क्षमता बढ़ेगी।
    प्रधानमंत्री ने इस दौरान किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के रूप में देश के 9 करोड़ 40 लाख से अधिक किसानों के खातों में करीब 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि हस्तांतरित की। इस योजना के तहत किसानों के खातों में प्रतिवर्ष 2-2 हजार रुपये की तीन समान किस्तों के रूप में 6 हजार रुपये जमा किए जाते हैं। योजना के तहत अब तक 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।
    श्री मोदी ने इस अवसर पर पशुपालन विभाग की दो योजनाएं स्वदेशी बोवाइन सीमेन सेक्स्ड सोर्टिंग टेक्नोलोजी एवं जीनोटाइपिंग चिप भी राष्ट्र को समर्पित की। उन्होंने कृषि विकास हेतु कृषि अवसंरचना कोष की 1929 करोड़ की लागत से बनी 7519 परियोजनाओं तथा 1300 करोड़ रुपये से अधिक के कुल व्यवसाय के साथ पंजीकृत 9200 एफपीओ राष्ट्र को समर्पित किए। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र को भी कई सौगातें दीं।

    किसान की समृद्धि से ही होगा विकसित एवं खुशहाल राजस्थान—

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार किसानों के हित में निरन्तर कल्याणकारी फैसले कर रही है। केन्द्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से राज्य के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार द्वारा भी किसान कल्याण की दिशा में कई कदम उठाए गए क्योंकि किसान की समृद्धि से ही विकसित एवं खुशहाल राजस्थान का सपना साकार होगा। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य के किसानों को पीएम किसान योजना के 6 हजार रुपये के अतिरिक्त मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत 2 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में गेहूं के 2275 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के ऊपर 125 रुपये का बोनस प्रदान कर 2400 रुपये प्रति क्विंटल पर गेहूं खरीद की गई है। प्रदेश में 10 हजार सौर ऊर्जा संयंत्रों, 41 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर तथा 44 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में स्प्रिंकलर संयंत्रों की स्थापना की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में नए कृषि कनेक्शन, किसानों को बिजली के बिलों में अनुदान, अल्पकालीन फसली ऋण का वितरण तथा कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना जैसे निर्णय भी किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण निर्णय हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने तथा प्रदेश को बिजली सरप्लस राज्य बनाने के लिए 2.24 लाख करोड़ के एमओयू किए गए हैं।
    उल्लेखनीय है कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत शनिवार को जारी की गई 18वीं किस्त के माध्यम से राजस्थान के 70 लाख 36 हजार 501 किसानों को कुल 1546.6 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
    वाशिम में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री अजीत पवार एवं श्री देवेन्द्र फड़नवीस सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
  • CM Mann ने भारत सरकार से मिल मालिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया

    CM Mann ने भारत सरकार से मिल मालिकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया

    CM Mann

    • केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री को पत्र लिखा
    • उन्होंने कहा कि मिल मालिकों की मांगों को राज्य के व्यापक हित में पूरा किया जाना चाहिए

    पंजाब के CM Mann ने मंगलवार को मिल मालिकों की वास्तविक मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री के हस्तक्षेप की मांग की।

    केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम तौर पर एफसीआई को 31 मार्च तक मिल्ड चावल मिलता है, लेकिन केएमएस 2023-24 के दौरान एफसीआई मिल्ड चावल के लिए जगह नहीं दे सका और इसलिए डिलीवरी की अवधि 30 सितंबर, 2024 तक बढ़ाई गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में पंजाब के मिल मालिक धान उठाने और भंडारण करने के लिए अनिच्छुक हैं जो केएमएस 2024-25 के दौरान मंडियों में आ रहा है। उन्होंने कहा कि मिल मालिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह आवश्यक है कि हर महीने कम से कम 20 लाख मीट्रिक टन चावल/गेहूं को कवर किए गए भंडार से पंजाब से बाहर स्थानांतरित किया जाए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में खाद्य गोदाम भरे हुए हैं और इसलिए भारत सरकार को कुछ रणनीतिक समाधान निकालना होगा। उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि केंद्र सरकार ने चावल के निर्यात की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को उपभोक्ता राज्यों को 3-6 महीनों के लिए चावल की अग्रिम लिफ्टिंग पर विचार करने के लिए भी कहना चाहिए ताकि एफसीआई को पंजाब से चावल निकालने में मदद मिल सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि आगामी सीजन में केंद्रीय पूल में 120 एलएमटी चावल की आपूर्ति होने की उम्मीद है, इसलिए 31 मार्च, 2025 तक केवल 90 एलएमटी स्थान का सृजन पर्याप्त नहीं होगा।

    इस प्रकार, मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि बायो-इथेनॉल विनिर्माण इकाइयों को रियायती/उचित मूल्य पर चावल की बिक्री, ओएमएसएस के तहत उदार लिफ्टिंग और अन्य जैसे कुछ अन्य उपाय भी तत्काल किए जाने की आवश्यकता है ताकि राज्य में केएमएस 2024-25 के चावल की समय पर डिलीवरी पूरी करने के लिए 120 एलएमटी स्थान की आवश्यकता हो।

    उन्होंने कहा कि मिल मालिकों ने यह भी बताया था कि पहले उन्हें एक ही मिलिंग केंद्र के भीतर चावल की डिलीवरी के लिए जगह आवंटित की जाती थी और ऐसे केंद्र आमतौर पर मिलों के 10-20 किलोमीटर के भीतर होते थे। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले साल जगह की कमी के कारण एफसीआई ने उन्हें चावल की डिलीवरी के लिए जगह आवंटित की थी, जो कई मामलों में 100 किलोमीटर से अधिक थी, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई परिवहन शुल्क नहीं दिया गया था।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल मालिक चाहते हैं कि उनके मिलिंग केंद्र के बाहर जगह आवंटित होने की स्थिति में उन्हें पर्याप्त मुआवजा दिया जाए और अतिरिक्त परिवहन शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाए। एक अन्य मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पिछले मिलिंग सीजन के 31 मार्च से आगे बढ़ने के कारण, मिल मालिकों को गर्मी के मौसम की स्थिति के कारण सूखे/वजन घटाने/धान के रंग बदलने के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा और उन्हें अतिरिक्त श्रम और अन्य इनपुट लागत भी वहन करनी पड़ी। भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार से कहा कि एफसीआई के पास जगह की कमी के कारण अगर मिलिंग 31 मार्च से आगे चली जाती है तो मिल मालिकों को मुआवजा दिया जाए।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मिल मालिकों ने हाइब्रिड किस्मों के आउट टर्न रेशियो (ओटीआर) के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने अनुरोध किया है कि वास्तविक ओटीआर का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन किए जाएं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि मिल मालिकों की लगभग सभी मांगें वास्तविक हैं, इसलिए भारत सरकार को इन मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए और इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को याद दिलाया कि राज्य के किसान लगभग योगदान दे रहे हैं

    पिछले तीन वर्षों से केंद्रीय पूल के तहत खरीदे गए गेहूं का 45-50% और इस प्रकार राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गेहूं के बफर स्टॉक को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

    मुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त की कि यदि मिल मालिकों के मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल नहीं किया गया तो राज्य के किसानों को आगामी धान खरीद सीजन में अनुचित कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे अनुचित कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, जिससे हमें इस संवेदनशील सीमावर्ती राज्य में बचना चाहिए।


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