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  • Bihar Politics : बिहार की सियासत में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक दूसरे को बोल रहे हैं झूठा

    Bihar Politics : बिहार की सियासत में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक दूसरे को बोल रहे हैं झूठा

    Bihar Politics

    Bihar Politics: अगले वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होना है। सभी राजनीतिक दल समयपूर्व चुनाव की संभावना को देखते हुए विभिन्न प्रकार के तिकड़म कर रहे हैं। CM नीतीश कुमार ने बार-बार कहा कि आरजेडी के साथ जाना उनकी गलती थी। भाजपा के साथ ही रहेंगे। तेजस्वी का दावा है कि उन्होंने नीतीश को दो बार राजनीतिक जीवन दिया है। भाजपा से निराश होकर गिड़गिड़ा रहे थे। जेडीयू और आरजेडी ने फिर से वीडियो फुटेज दिखाकर एक दूसरे को झूठा साबित करने की कोशिश की।

    पिछले चार वर्षों में नीतीश कुमार के स्वभाव में स्पष्ट परिवर्तन देखा गया है। 2005 से बिहार का सीएम नीतीश रहा है। उनमें परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की क्षमता रही है। 2015 से अब तक, आरजेडी और भाजपा में उनकी आवाजाही होती रही है। वे जिसे छोड़ते हैं, उसके प्रति कटुता स्वाभाविक है.। लेकिन उन्होंने वाणी में कभी शालीनता नहीं छोड़ी। यहां तक कि 2015 में पहली बार भाजपा से अलग होने पर भी, उन्होंने नरेंद्र मोदी या भाजपा के बारे में कोई गलत शब्द नहीं सुना। लालू प्रसाद यादव ने मोदी और भाजपा दोनों पर हमला किया है। नीतीश की यही विशेषता ने उन्हें अन्य राजनीतिज्ञों से अलग रखा है। 2020 के बाद से नीतीश में बदलाव आया है। अब वे गुस्सा होने लगे हैं। वे अपने विरोधियों को कठोर शब्दों से संबोधित करने लगे हैं। उनके स्वभाव में घबराहट और क्रोध शामिल है। राजनीतिक विश्लेषकों ने इस बदलाव के दो कारण बताए हैं। पहला, 2020 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी जेडीयू की कमजोरी और दूसरा, बढ़ती उम्र। आरजेडी के साथ जेडीयू भी बिहार की सियासत में भाग ले रहे हैं। नीतीश कुमार ने ऐसी राजनीति कभी नहीं की है।

    बिहार की राजनीति  में वीडियो गेम

    बच्चों को वीडियो गेम अभी भी आकर्षित करते हैं। अब यह राजनीति में भी है। बिहार में पिछले कई दिनों से फुटेज और वीडियो की आवाज आ रही है। आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पहले वीडियो की बतकही शुरू की। उन्होंने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार को दो बार राजनीतिक जीवन दिया है। लालू यादव और उनके सामने नीतीश कुमार जब ‘गिड़गिड़ा’ रहे थे तो आरजेडी ने उनका साथ दिया। इस पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। तेजस्वी ने कहा कि अगर कोई साक्ष्य है तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए। शुक्रवार को आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने एक वीडियो फुटेज जारी किया। उसकी आवाज स्पष्ट नहीं है, लेकिन बोलते समय नीतीश कुमार पूर्व प्रधानमंत्री राबड़ी देवी को अभिवादन करते हुए दिख रहे हैं।

    अब चौधरी ने तीन फुटेज  दिखाए

    आरजेडी ने अशोक चौधरी की चुनौती पर नीतीश कुमार के कथित रूप से “गिड़गिड़ाने” का फुटेज जारी किया, जिसे जेडीयू ने खारिज कर दिया। शनिवार को अशोक चौधरी ने तीन वीडियो फुटेज जारी करते हुए कहा कि तेजस्वी को गिड़गिड़ाने और आग्रह का शाब्दिक अर्थ नहीं मालूम है। लालू यादव ने पहले वीडियो में बताया कि नीतीश ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में क्या भूमिका निभाई है। दूसरे में तेजस्वी नौकरी पर बोलते दिख रहे हैं। तीसरे वीडियो में लालू यादव बताते हैं कि हमने पहले नीतीश को फोन किया था। दोनों पक्षों के तीनों फुटेज से बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा है। नीतीश कुमार पर भी आरोप लगाए जाते हैं। अशोक चौधरी को इसकी अनुमति देना उनके स्वभाव में आए परिवर्तन का संकेत है।

    CM इस तरह की राजनीति से दूर रहे हैं।

    CM नीतीश कुमार के राजनीतिक जीवन में ऐसी राजनीति कभी नहीं हुई है। अब वे बात-बात पर रोते हैं। विधानसभा हो या सार्वजनिक मंच, उनके तेवर से स्पष्ट है कि वे क्रोधित हैं। जब भी उनकी कड़ी आलोचना हुई है, वे चुपचाप अपना काम करते रहे हैं। नीतीश ने विपक्ष की आलोचनाओं को अनदेखा किया, जब कई बच्चों ने सारण जिले में मिड डे मील खाकर मर गए। नीतीश ने शराबबंदी के तुरंत बाद गोपालगंज में जहरीली शराब से मौतों की आलोचना झेली, लेकिन खामोश रहे। बाद में सारण में ऐसी ही मौतें हुईं तो नीतीश विपक्ष की आलोचना से घबरा गए। तब उन्होंने सब कुछ भूलकर स्पष्ट रूप से कहा कि जो पिएगा, वह मरेगा। ऐसी मौतों पर सरकार कोई मुआवजा भी नहीं देगी। अब वे लालू यादव के पारिवारिक जीवन पर भी टिप्पणी करते हैं। लालू के कई  बच्चे होने पर भी उन्होंने तंज कसते हैं। 2020 में यह परिस्थिति शुरू हुई है।

    43 सीटें मिलने पर तेवर बदले गए

    केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने नीतीश की निराशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा नेता चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे जाने के बाद से उनका असंतोष दिखने लगा। चिराग ने जेडीयू को तीन दर्जन सीटें खो दीं। जेडीयू को सिर्फ चार दर्जन सीटें मिलीं। इसके बाद से ही उनका क्रोध बढ़ा। वे सदन में ही विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से उलझ गए। उन्होंने सदन में तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। विधानसभा में उन्होंने जीतन राम मांझी को कुछ नहीं बताया। उन्होंने गुस्से से एनडीए छोड़कर 2022 में आरजेडी में शामिल हो गया।

    नीतीश को एक बार फिर चिराग ने बिदका दिया।

    चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को एक बार फिर बदनाम करने की कोशिश की है। वे अपनी पार्टी लोजपा (आर) के लिए चालिस सीटें चाहते हैं। चिराग ने मटिहानी और शेखपुरा में अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। चिराग की पार्टी, जो बाद में जेडीयू में शामिल हो गई, पिछली बार मटिहानी सीट से जीता था। शेखपुरा में जेडीयू उम्मीदवार जीत नहीं पाया। चिराग के उम्मीदवार को 14 हजार वोट मिले, जबकि जेडीयू के उम्मीदवार को 6100 वोट मिले। नीतीश को इस बार भी चिराग के पैंतरे से कठिनाई होती दिखती है। पिछली बार की तरह इस बार भी चिराग ने एनडीए में विद्रोह करने का फैसला किया तो इससे अधिक नुकसान नीतीश को होगा। जन सुराज के शांत किशोर चिराग पासवान भी मुसीबत में हैं। तेजस्वी और नीतीश कुमार भी उनके निशाने पर हैं। इसी से नीतीश कुमार का क्रोध बढ़ा है। उन्हें अतीत की गलती भी वर्षों से भुगतनी पड़ी है। यदि वे पाल नहीं बदलते तो भाजपा नेताओं को बार-बार बताने की जरूरत नहीं होती।

  • Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh

    बिहार में विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक बहस चल रही है। बिहार में अब सीमांचल क्षेत्र में बढ़ती मुस्लिम आबादी की वजहों की जगह हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या की चर्चा हो रही है।केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh के एनआरसी (NRC) वाले बयान पर अभी बवाल शांत भी नहीं हुआ था कि उन्होंने एक बार फिर से हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी बड़ी बात कही है.  गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट में PFI की साजिश को हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या का कारण बताया है।

    अपने पोस्ट में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुस्लिम आबादी बढ़ी है और यह एक तरह से  PFI की बड़ी साजिश के तहत हुआ है। गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि हरिद्वार की जनसंख्या पिछले कुछ समय से PFI जैसे संगठनों ने बढ़ाई है, न कि भारत के सभी सनातनियों (तथाकथित सेक्युलरों) ने बढ़ाई है। क्या हरिद्वार इस नकारात्मक विचार से बच सकेगा?

    आंकड़े रखते हुए रखी अपनी बात

    अपने लेख में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों के माध्यम से हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या को समझाने का प्रयास किया है। गिरिराज सिंह की पोस्ट में बताया गया है कि हरिद्वार में हिंदू जनसंख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि दर है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरिद्वार में 18900422 लोगों की आबादी थी, जिसमें हिंदुओं की आबादी 64.27 प्रतिशत थी और मुस्लिमों की आबादी 34.28 प्रतिशत थी। सिखो की जनसंख्या 0.92% थी, जबकि ईसाई धर्मावलम्बियों की जनसंख्या 0.26% थी। गिरिराज सिंह ने अपने लेख में स्पष्ट रूप से PFI की साजिश को मुस्लिमों की बढ़ती आबादी का कारण बताया है।

    इससे पहले, गिरिराज सिंह ने एक न्यूज़ चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि देश में एनआरसी की बहुत जरूरत है। NRC को लागू नहीं करने पर भारत के राज्यों में 200 से अधिक जिले हैं, जहां बांग्लादेशी और रोहंगिया अवैध रूप से बस जाएंगे और भारतवंशियों की संख्या कम हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के मस्जिद वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि आपके मंत्री विधानसभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अवैध घुसपैठ की जांच और सर्टिफिकेट (NRC) की मांग कर रहे हैं। लेकिन आप इसके खिलाफ हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बिहार के चार जिलों में नहीं बल्कि पूरे बिहार में NRC की जरूरत है। NRC लागू नहीं हुआ तो भारतवंशी देश से खत्म हो जाएंगे।

  • CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish

    एनडीए में CM Nitish शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान, नीतीश ने खुद कई बार कहा कि वे दो बार अलग-अलग जगह गए थे। यह गलत था। अब कहीं नहीं जाना चाहेंगे। भाजपा के साथ एनडीए में रहना ही उनका लक्ष्य है। हाल ही में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी यह बात कही। हालाँकि, उनके अतीत को देखते हुए बार-बार चर्चा होती है कि वे मौके के इंतजार में हैं। भाजपा  से उनका जी भर गया है। फिर पाला बदलने की तैयारी में हैं।

    नीतीश को संदिग्ध दिखाने के लिए कभी पुराने वीडियो वायरल किए जाते हैं, तो कभी संवैधानिक प्रक्रिया में नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव की नीतीश से मुलाकात होते ही अटकलों का बाजार गर्म हो जाता है। RJD ऐसी अटकलों से खुश होगा। यही कारण है कि RJD ऐसे आरोपों पर चुप है। लेकिन, क्या नीतीश कुमार वास्तव में पुरानी गलती दोहराएंगे, इस पर विचार करते हैं।

    लोग अटकलों के लिए कड़ियां जोड़ते हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी अटकलों को पुख्ता बनाने का प्रयास करते हैं। वे प्रत्येक कड़ी गिनाते हैं। साथ ही, वे कहते हैं कि नीतीश कुमार को केंद्र सरकार के कई निर्णयों से असहजता है। वे वक्फ संशोधन बिल से असहमत हैं। हालाँकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने इस विश्लेषण पर सिर्फ एक बयान दिया है। रहमानी ने दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों को यकीन दिलाया है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे। नीतीश कुमार ने हालांकि कभी ऐसा बयान नहीं दिया है। वास्तव में, जेडीयू से केंद्रीय मंत्री बनने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सदन में वक्फ संशोधन बिल की प्रशंसा की।

    कास्ट सेंसस भी बताई जा रही है वजह

    विश्लेषक जाति जनगणना और आरक्षण के उदाहरण को नीतीश की नरेंद्र मोदी सरकार से असंतोष की दूसरी वजह बताते हैं। केंद्र सरकार ने नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में जाति जनगणना नहीं करने की बात कही थी। इसमें केंद्र ने तकनीकी कारणों का उल्लेख किया था। केंद्रीय सरकार ने हालांकि राज्यों को यह अधिकार दे दिया था कि वे चाहें तो अपने स्थान पर ऐसा कर सकते हैं। राज्य सरकारों को ही इसका खर्च उठाना होगा।

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण शुरू किया। आज लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जाति जनगणना के लिए केंद्र पर दबाव डाल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वे इसी सदन (लोकसभा) में सरकार से जाति जनगणना की मांग करेंगे। लालू यादव का दावा है कि कान पकड़कर जाति जनगणना कराने को मजबूर करेंगे। विपक्षी नेता अपने शासन वाले राज्यों में यह नहीं कर पाए। नीतीश की केंद्र सरकार से असंतोष का कारण माना जाता है।

    रिजर्वेशन  पर भी बता रहे हैं नाराजगी

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण के अनुसार आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत कर दी थी। उस समय, वे आरजेडी की साथी सरकार चलाते थे। नीतीश सरकार ने संविधान की नौंवीं अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र भेजा, ताकि कानूनी प्रक्रिया से बच सकें। विश्लेषकों का कहना है कि यह न्यायिक समीक्षा के दायरे में आया क्योंकि यह नौवीं अनुसूची में नहीं था। इसके लागू होने पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट भेजा है। RJD ने भी इसे लेकर अलग से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। विश्लेषक इसे मोदी सरकार से नीतीश कुमार की नाराजगी के रूप में देख रहे हैं और मानते हैं कि नीतीश नाराज हैं। नीतीश ने अनेक अतिरिक्त मुद्दों पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके पूर्व प्रवक्ता केसी त्यागी ने उनके खिलाफ आवाज उठाई थी।

    नीतीश एनडीए नहीं छोड़ेंगे , जानिए क्यों

    अब प्रश्न उठता है कि क्या जो लोग नीतीश कुमार को नाराज बता रहे हैं और उनके पाला बदल की आशंका जता रहे हैं, वे सही हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने पिछले तीन दिनों में नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पहले की गलती नहीं दोहराएंगे, इसलिए यह आशंका लगभग सच नहीं लगती। वे आज भी वहीं रहेंगे। इतना ही नहीं, दूसरे पक्षों पर विचार करने से पता चलेगा कि नीतीश कुमार की बातें सही हैं। इसका तार्किक आधार है, भले ही वे पहले इस तरह की बात कहने के बावजूद पलटते रहे हैं।

    जेडीयू की हार से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं

    पहला आधार यह है कि जेडीयू, नीतीश कुमार की पार्टी, लोकसभा में 12 सदस्यों का हिस्सा है। भाजपा के 240 सांसद हैं। 272 का आंकड़ा बहुमत के लिए आवश्यक है। नरेंद्र मोदी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर नीतीश कुमार अपना रुख बदलते हैं। इसलिए मोदी सरकार को तब भी 278 सांसदों का समर्थन मिलेगा। नीतीश के पाला बदल से विपक्ष की सरकार भी नहीं बनेगी। विपक्षी गठबंधन भारत में 232 सांसद हैं। नीतीश की पार्टी जेडीयू के 12 सांसदों का समर्थन यानी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। नीतीश कुमार ऐसी स्थिति में भाजपा से दूरी बनाकर इंडिया ब्लाक में शामिल क्यों होंगे? नीतीश, बिहार के विकास पर हमेशा चिंतित रहने वाले, अभी एनडीए में रहते हुए बिहार के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा बजट प्रावधान किया है, जिसे वे गंवाना नहीं चाहेंगे।

    नीतीश भाजपा से लाभ कैसे भूल जाएंगे?

    दूसरा आधार यह है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को 12 सीटें दीं, जो भाजपा के बराबर थीं। नीतीश भी इसे जानते हैं। उन्हें भी पता है कि अगर वे इंडिया ब्लाक में रहते तो क्या होता। बिहार में अपनी मजबूत स्थिति का दावा करने वाले RJD को 23 सीटों पर सिर्फ 5 सीटें मिलीं, जबकि JDU को भाजपा के साथ 16 पर ही लड़ कर 12 सीटें मिल गईं। इतना ही नहीं, बिहार में 243 विधानसभा सीटों में एनडीए ने 160 से अधिक सीटें जीतीं। विधानसभा चुनाव अगले वर्ष बिहार में होना है। नीतीश ने निश्चित को छोड़कर अनिश्चित की ओर क्यों रुख किया?

    India Block को भूलना मुश्किल है

    तीसरा आधार यह है कि नीतीश ने 2022 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई। इसके बाद, उन्होंने विरोधी पक्ष को एकजुट किया। एक दूसरे को नापसंद करने वालों को एक मंच पर एकत्रित किया गया। तब आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच टकराव स्पष्ट था। ममता ने कांग्रेस से इतना घबरा गया था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी तीसरी जीत के बाद गैर-कांग्रेस विपक्ष की कल्पना पर काम करना शुरू कर दिया था। नीतीश कुमार को एक मंच पर एकत्र करने के बावजूद उनके साथ जो व्यवहार हुआ, सबको पता है। नीतीश ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से इनकार कर दिया, फिर भी उन्हें संयोजक पद के लिए तरस जाना पड़ा। उन्हें लालू यादव से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन वे कांग्रेस के साथ खड़े हो गए। नीतीश शायद फिर से ऐसी गलती करे।

    जेडीयू टूटने का खतरा

    नीतीश कुमार को शायद यह भी पता होगा कि जिन सांसदों की बदौलत उनकी पूछ बढ़ी है, अगर उन्होंने एनडीए छोड़ दिया तो उनके टूटने की आशंका अस्वीकार्य होगी। नीतीश कुमार इसके पहले भी भुक्तभोगी रह चुके हैं। नीतीश ने अपने निकटतम और स्वजातीय आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया। आरसीपी ने भाजपा से जेडीयू के विलय के बाद पार्टी छोड़ दी। वे भाजपा का सदस्य बन गए। आरजेडी के साथ जेडीयू जाना भी उपेंद्र कुशवाहा को पसंद नहीं आया। उन्हें JDU भी छोड़ दिया गया। जेडीयू के दो मंत्री फिलहाल केंद्र में हैं। नीतीश को लगता है कि ललन सिंह सरकार के फैसलों के साथ खड़े दिखते हैं, इसलिए अगर रिश्ते खराब होते हैं तो उनसे भी हाथ धोने का खतरा होगा। नीतीश यह स्थिति कभी नहीं होने देंगे। नीतीश की सरकार में परिवर्तन की उम्मीद करने वालों की बहस बेकार है।

  • Vijay Kumar Chaudhary: बीमा भारती की CM नीतीश से मुलाकात पर बोले-‘इसमें कोई बड़ी बात नहीं है’

    Vijay Kumar Chaudhary: बीमा भारती की CM नीतीश से मुलाकात पर बोले-‘इसमें कोई बड़ी बात नहीं है’

    Vijay Kumar Chaudhary (विजय कुमार चौधरी) News:

    Vijay Kumar Chaudhary News: बिहार के जल संसाधन मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता Vijay Kumar Chaudhary ने लालू प्रसाद यादव के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी।  उन्होंने कहा, रेल हादसे दुखद हैं। भारत सरकार और केंद्रीय रेल मंत्री ने इसे देखा है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जो कार्य होंगे वह किये जाएंगे।

    ‘नीतीश कुमार के काम से नीतीश कुमार को लोग पसंद करते हैं’

    CM Nitish Kumar और बीमा भारती की मुलाकात पर Vijay Kumar Chaudhary ने कहा कि यह कोई महत्वपूर्ण या महत्वपूर्ण नहीं है। हमारे दल में किसी की उपस्थिति कम या अधिक नहीं होती। लोकसभा चुनाव 2024 में CM Nitish Kumar ने बताया कि कितने प्रभावशाली नेता हैं। देश भर में लगता था कि जदयू को लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक नुकसान होने वाला है। हालाँकि, लोकसभा में सभी ने नीतीश कुमार की उपस्थिति की सराहना की है। नीतीश कुमार के कार्यों से लोग खुश हैं। पूरे लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की सफलताओं को नकारा नहीं गया है।

    ‘नीतीश कुमार का कहीं भी विरोध का नहीं होता’

    Vijay Kumar Chaudhary ने कहा कि नीतीश सरकार को दो दशक पूरा होने वाले हैं, लेकिन कहीं भी विरोध नहीं है। जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी सभी लोगों के बयान को नहीं मानती है, जैसा कि झारखंड कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने बिहार को लेकर दिया था। शिल्पी तिर्की की प्रतिक्रिया व्यक्तिगत है। पार्टी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मीडिया से भी अपील की कि ऐसे व्यक्ति के विवादित बयान को प्रसारित न करें। विभाजित करने वाले गंदे बयानों को मीडिया में भी जगह नहीं मिलनी चाहिए |

  • Shambhavi Chaudhary: “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”, CM के पक्ष में बोलीं LJP सांसद

    Shambhavi Chaudhary: “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”, CM के पक्ष में बोलीं LJP सांसद

    Shambhavi Chaudhary (शांभवी चौधरी) ने कहा “CM नीतीश ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को रखा आगे”

    Shambhavi Chaudhary News: बिहार के CM Nitish Kumar ने राज्य विधानसभा में राजद विधायक रेखा देवी पर अपनी टिप्पणी के बाद हंगामा मचा दिया। विपक्षी दल जहां CM Nitish Kumar पर हमलावर रहते हैं, वहीं सत्ता पक्ष उनका बचाव कर रहा है. इस बीच, LJP (रामविलास) सांसद Shambhavi Chaudhary ने नीतीश कुमार के समर्थन में एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।

    “CM Nitish महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं”

    कांग्रेस सांसद Shambhavi Chaudhary ने कहा, “उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं को सदन में बोलने का अधिकार दिया है। जब उन्होंने शिकायत की तो उन्होंने कहा कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? हमने आपको अधिकार दिया है।उनका कहने का मतलब था कि महिलाओं की जो आवाज आज सदन में गूंज रही है वो Nitish Kumar और NDA की वजह से मिली है। CM Nitish Kumar ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं को आगे रखा है और उन्हें सशक्त करने का काम किया है।”

    आपको बता दें कि बुधवार को सदन की कार्यवाही के दौरान CM ने राजद विधायक मसौढ़ी रेखा देवी की निंदा करते हुए कहा था…आप महिला हैं, कुछ नहीं जानतीं…आज आप महिला की तरह बोलती हैं. राजद काल में किसी भी महिला को बोलने की इजाजत नहीं थी. कभी-कभी ये लोग (आरजेडी) किसी महिला को बढ़ावा देते हैं. 2005 के बाद हमने महिलाओं की संख्या बढ़ाई। तुमने तो आज बस बकवास की। इसीलिए हम कहते हैं सुनो…अरे क्या चल रहा है, सुनो हम क्या कह रहे हैं, क्या चल रहा है, क्या हुआ सुनोगे नहीं? हम तो सुनाएंगे।

  • Samrat Chaudhary ने कहा- पहले 15 सालों का हिसाब दें लालू यादव, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश मार्च

    Samrat Chaudhary ने कहा- पहले 15 सालों का हिसाब दें लालू यादव, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ विपक्ष का आक्रोश मार्च

    Samrat Chaudhary (सम्राट चौधरी) ने कहा- लालू यादव पहले 15 सालों का हिसाब दें

    Samrat Chaudhary News: बिहार बीजेपी अध्यक्ष और Deputy CM Samrat Chaudhary ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर जोरदार हमला बोला है. दरअसल, बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ आज महागठबंधन विरोध मार्च निकाल रहा है. इस बीच Samrat Chaudhary ने इस मामले में लालू यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व में बिहार में कानून व्यवस्था चरमरा गई थी|

    बिहार में कानून का राज खत्म किया गया था: सम्राट चौधरी

    सम्राट चौधरी ने कहा कि लोगों को देखना चाहिए कि लालू प्रसाद जी ने 15 साल तक कैसा शासन चलाया. बिहार में कानून का राज खत्म कर दिया गया है. लालू जी को 15 वर्षों तक बिहार की जनता के साथ किये गये अन्याय का स्पष्टीकरण देना चाहिए. इससे पहले भी सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर हमला बोलते हुए कहा था कि ऐसे लोग हैं जो कहते हैं कि कानून का राज खत्म हो रहा है. लालू यादव और उनके परिवार को कुछ कहने का अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री रहने के दौरान लालू यादव अपने घर से ही पूरे बिहार में अपराध की योजना बनाते थे, लेकिन आज उन्होंने 24 से 48 घंटे के अंदर अपराधियों को पकड़ लिया.

     पहले अपने गिरेबान में झांके राजद: रविशंकर प्रसाद

    इस बीच, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत संघ के लोगों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन उससे पहले राजद को अपने मामले में देखना चाहिए. पहले (उनके शासन में) पटना में दिनदहाड़े अपहरण होते थे… अब हालात सुधरे हैं… नीतीश कुमार सरकार इस मामले (बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति) को देख रही है।

    बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य: मांझी

    इधर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य है. सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. वे (भारतीय संघ) विरोध प्रदर्शन के माध्यम से अपने काले कामों को छिपाना चाहते हैं।

  • Samrat Chaudhary के बयान पर राजद का पलटवार, कहा- अपराधियों से मिले हुए इनकी सरकार में बैठे मंत्री

    Samrat Chaudhary के बयान पर राजद का पलटवार, कहा- अपराधियों से मिले हुए इनकी सरकार में बैठे मंत्री

    Samrat Chaudhary के बयान पर राजद का पलटवार, कहा- इनकी सरकार में बैठे मंत्री अपराधियों से मिले हुए:

    Samrat Chaudhary News: गुरुवार को बीजेपी कार्यसमिति की बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री Samrat Chaudhary ने लालू परिवार पर तीखा हमला बोला. Samrat Chaudhary ने कहा कि लालू के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बिहार में संगठित अपराध मुख्यमंत्री के सरकारी आवास से संचालित होता था. अब एनडीए सरकार में अपराधी 24 घंटे के अंदर पकड़े जाते हैं. वहीं, Samrat Chaudhary के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पलटवार किया है।

    “सबसे पहले आपको अपने अंदर झाँकना चाहिए”

    राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि समस्या यह है कि सरकार आपकी सरकार है और आपकी सरकार में अपराध बढ़ा है. सबसे पहले हमें अपने अंदर देखना चाहिए, हमारे राज्य में अपराध बढ़ा है और हमें इस पर बयान देना चाहिए. कल जो हुआ उस पर बयान देने से कोई फायदा नहीं है. जनता इस बयान से खुश नहीं थी. जनता चाहती है कि जिनके पास राज्य में शासन करने का मौका है वे राज्य में अपराध बढ़ने पर बयान दें.

    ‘कोई 24 घंटे में क्राइम के मामले का निष्पादन नहीं होता’

    भाई वीरेंद्र ने कहा कि किसी भी अपराध का उद्भेदन 24 घंटे के अंदर नहीं हो पाता है. अगर 24 घंटे के अंदर विधायकों के फोन का जवाब नहीं दिया गया तो क्या ये लोग अपराधी को पकड़ेंगे? उनकी सरकार के मंत्री अपराधियों से मिलकर अपराध कर रहे हैं.

  • CM Nitish Kumar ने किया पटना मेट्रो का निरीक्षण, बिहार-पटना संग्रहालय को जोड़नेवाले निर्माणाधीन टनल का भी लिया जायजा

    CM Nitish Kumar ने किया पटना मेट्रो का निरीक्षण, बिहार-पटना संग्रहालय को जोड़नेवाले निर्माणाधीन टनल का भी लिया जायजा

    CM Nitish Kumar ने पटना मेट्रो का किया निरीक्षण, सुरंग निर्माण की प्रगति की ली जानकारी:

    CM Nitish Kumar ने बिहार म्यूजियम और पटना म्यूजियम को जोड़ने वाली निर्माणाधीन सुरंग का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया. CM ने बिहार म्यूजियम के पास सुरंग निर्माण की प्रगति की जानकारी ली. बिहार संग्रहालय के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने CM को सुरंग से बिहार संग्रहालय में प्रवेश की व्यवस्था, पार्किंग स्थल, पर्यटकों के लिए उपलब्ध अन्य सुविधाओं आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

    “जल्द से जल्द पूरा करें सुरंग निर्माण कार्य”

    इस बीच, निरीक्षण के दौरान CM Nitish Kumar ने अधिकारियों को सुरंग निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया ताकि जिससे बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय के दर्शक आसानी से एक-दूसरी जगह जाकर प्रदेशों का अवलोकन कर सकें। बिहार संग्रहालय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है। पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय में लगातार बड़ी संख्या में पर्यटक आते रहते हैं। पटना संग्रहालय के विस्तार और उन्नयन का काम तेजी से चल रहा है। पटना म्यूजियम और बिहार म्यूजियम के बीच सुरंग निर्माण कार्य पूरा होने से पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी. पर्यटकों की संख्या पर विचार करें और पार्किंग स्थल और अन्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था करें। क्षेत्र को हरा-भरा और आकर्षक बनाने के लिए आसपास के क्षेत्र में पेड़ लगाएं।

    CM ने जारी किये अधिकारियों को ये निर्देश

    बाद में CM Nitish Kumar ने पटना संग्रहालय और उसके विस्तार कार्य का भी जायजा लिया. इस दौरान CM Nitish Kumar ने नवनिर्मित रसोईघर, दुकान, अस्थायी गैलरी, सभागार, संग्रह दुकान, संरक्षण प्रयोगशाला समेत पूरे परिसर का निरीक्षण किया. इस दौरान सभागार में CM को पटना संग्रहालय के उन्नयन एवं विस्तार कार्य पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गयी. निरीक्षण के दौरान CM ने संबंधित कर्मियों को पटना संग्रहालय के उन्नयन एवं विस्तार कार्य को बेहतर एवं तेजी से करने का निर्देश दिया. यह एक पुराना संग्रहालय है. यहां कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक और ऐतिहासिक प्रदर्शनियां संरक्षित की गईं ताकि उनका बेहतर रखरखाव किया जा सके, इसलिए इमारत का विस्तार किया गया। CM ने पटना संग्रहालय के उस हिस्से का भी निरीक्षण किया जहां उत्खनन कार्य चल रहा है और आवश्यक निर्देश दिये.

    CM ने पटना मेट्रो रेल की चल रही निर्माण परियोजनाओं की प्रगति का भी जायजा लिया.

    बाद में CM Nitish Kumar ने पटना मेट्रो रेल परियोजना के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री को राजेंद्र नगर मोइनुलहक स्टेडियम, मलाही पकड़ी, खेमनीचक, पहाड़ी पार, जीरो माइल मेट्रो स्टेशन और आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन के निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी दी गई. निरीक्षण के दौरान CM ने संबंधित अधिकारियों को कार्य योजना के अनुरूप पटना मेट्रो रेल परियोजना का निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया, ताकि लोगों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके. मेट्रो का निर्माण कार्य पूरा होने से पटना में लोगों को यात्रा में काफी सहूलियत होगी.

  • Bihar को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर विजय सिन्हा ने कहा; बिहार को कोई समस्या नहीं होगी।

    Bihar को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर विजय सिन्हा ने कहा; बिहार को कोई समस्या नहीं होगी।

    Bihar को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर बोले विजय सिन्हा- बिहार को कोई परेशानी नहीं होगी:

    Bihar के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और अन्य नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री सत्यम नारायण सिन्हा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस बीच, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि Bihar सरकार उन लोगों को श्रद्धांजलि देती है जिन्होंने बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाला।

    “तेजस्वी यादव ट्विटर बॉय”

    बजट सत्र से ठीक पहले Bihar को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर उठने लगी है. इस संबंध में सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि हमें विकसित भारत बनाना है और विकसित बिहार बनाना है. Bihar में कोई समस्या नहीं होगी. इसके लिए जो भी पहल जरूरी होगी, की जायेगी. जिस तरह से मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अपील की, उस पर तेजस्वी हमला बोल रहे हैं. इस संबंध में विजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ट्वीट करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते. वह एक ट्विटर बॉय की तरह ट्वीट करते हैं।

    “हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं”

    सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री Bihar में विकास की गति से हमेशा परिचित रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि समय सीमा के अंदर काम पूरा कर लिया जायेगा. हमने दो-तीन दिन पहले विभाग के अंदर गहन समीक्षा भी की थी. हमसे पहले जो मंत्री आए, कृपया हमें बताएं कि उन्होंने क्या किया? कितनी बैठकें हुईं? सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह कोर्ट का फैसला है और हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. जमानत और सजा दोनों न्यायालय देती है, इसमें NDA गठबंधन की कोई भूमिका नहीं होती, लेकिन ये लोग जनता को बरगलाने का खेल खेलते हैं।

  • Giriraj Singh ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग की और कहा; छीन लें वोटिंग का अधिकार पालन न करने पर

    Giriraj Singh ने जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने की मांग की और कहा; छीन लें वोटिंग का अधिकार पालन न करने पर

    Giriraj Singh (गिरिराज सिंह) ने की जनसंख्या नियंत्रण पर कानून लाने की मांग:

    Giriraj Singh News: बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh ने सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की. उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर एक कानून की जरूरत है और जो लोग इसका पालन नहीं करेंगे, उनसे मतदान का अधिकार छीन लिया जाना चाहिए। इसके अलावा, इन लोगों को किसी भी सरकारी कार्यक्रम का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

    “जनसंख्या वृद्धि आज देश के सामने एक चुनौती है”

    Giriraj Singh ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि आज देश के सामने एक चुनौती बन गयी है. इस संदर्भ में भारत की बढ़ती जनसंख्या हमारे लिए एक चेतावनी है। अगर चीन ने एक बच्चे की नीति लागू नहीं की होती तो दुनिया की आबादी 60 करोड़ बढ़ जाती. भारत में हमारे पास सीमित संसाधन हैं, इसलिए अब इस मुद्दे पर चर्चा करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि देश में 148 जिले हैं और जनसंख्या बदल रही है.

    “आज इस देश में ज़मीन कम होती जा रही है”

    संघीय मंत्री ने कहा, देश को जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरूरत है। हम जनसंख्या में नंबर वन हैं. आज देश में जमीन की कमी है. लोगों को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है।


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