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  • मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने पटना और वैषाली जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बनी बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण कर लिया जायजा, अधिकारियों को दिये आवष्यक दिषा-निर्देष

    मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने पटना और वैषाली जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बनी बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण कर लिया जायजा, अधिकारियों को दिये आवष्यक दिषा-निर्देष

    Shri Nitish Kumar

    मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने आज पटना और वैषाली जिले में गंगा नदी के बढते जलस्तर के कारण बनी बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लिया और अधिकारियों को आवष्यक दिषा-निर्देष दिये।

    मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देष देते हुये कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी तरह मुस्तैद रहे और लगातार मॉनिटरिंग करते रहे। निचले इलाकों में जहॉ पानी बढ़ रहा है, संभावित परिस्थितियों पर पूरी नजर रखें। जिलाधिकारी सतत् निगरानी करते रहें। उन्होंने कहा कि अभियंतागण पूरी तरह अलर्ट रहें और वरीय पदाधिकारी स्थल पर कप करते रहें। आपदा प्रबंधन विभाग सतत् अनुश्रवण करते रहें कि और क्या-क्या करने की जरूरत है ताकि लोगों को कोई दिक्कत नहीं हो। बाढ़ की स्थिति में प्रभावितों को एस0ओ0पी0 के अनुसार पूरी सहायता उपलब्ध करायी जाय।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) के अनुसार सभी जिलों एवं संबद्ध विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये है जिसका अक्षरषः अनुपालन सुनिष्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राई राशन पैकेट्स/फूड पैकेट्स, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में पूरी व्यवस्था रखें ताकि लोगों को तुरंत राहत पहुॅचाया जा सके।

    निरीक्षण के दौरान उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, सांसद श्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार उपस्थित थे।

    source: http://state.bihar.gov.in

  • CM Nitish Kumar: आज कड़ी सुरक्षा के बीच आएंगे सहरसा  ,करेंगे मां भगवती की पूजा।

    CM Nitish Kumar: आज कड़ी सुरक्षा के बीच आएंगे सहरसा  ,करेंगे मां भगवती की पूजा।

    CM Nitish Kumar

    शुक्रवार, 20 सितंबर को CM Nitish Kumar सहरसा पहुंचेंगे। जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के आगमन को तैयार कर लिया है। CM के दौरे को देखते हुए जिले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सुरक्षा के कड़े प्रबंधों के साथ, कहरा प्रखंड के दिवारी स्थान और अमरपुर पंचायत में अपने सहरसा दौरे पर पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर व्यापक तैयारियां हो रही हैं। जिले के डीएम, एसपी और अन्य अधिकारी लगातार कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं।

    सीएम दिवारी स्थान पर मां भगवती की पूजा करेंगे

    शुकवार को  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई मार्ग से अमरपुर पंचायत पहुंचेंगे। वह पहले दिवारी स्थान में मां भगवती की पूजा करेंगे, फिर अमरपुर पंचायत में कई बातों का जायजा लेंगे। साथ ही वे कई योजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी करेंगे।

  • मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने हजरत मखदूम सैयद शाह पीर मुहम्मद मुजीबुल्लाह कादरी रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर चादरपोशी की और राज्य मे अमन, चैन एवं तरक्की की दुआ मांगी

    मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने हजरत मखदूम सैयद शाह पीर मुहम्मद मुजीबुल्लाह कादरी रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर चादरपोशी की और राज्य मे अमन, चैन एवं तरक्की की दुआ मांगी

    Shri Nitish Kumar

    – मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने आज फुलवारीशरीफ खानकाह मुजीबिया में उर्स के मुबारक मौके पर हजरत मखदूम सैयद शाह पीर मुहम्मद मुजीबुल्लाह कादरी रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर चादरपोशी की तथा राज्य में अमन, चैन एवं तरक्की की दुआ मांगी।

    इस अवसर पर खानकाह-ए-मुजीबिया के हाफिज मो0 नइमुद्दीन मुजीबी ने मुख्यमंत्री को राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिये दुआ करायी।

    चादरपोशी से पहले मुख्यमंत्री ने खानकाह मुजीबिया के पीर सज्जादानशीं हजरत मौलाना सैयद शाह मोहम्मद अयातुल्लाह कादरी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया।

    खानकाह-ए-मुजीबिया के प्रबंधन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर अभिनंदन किया।

    इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो0 जमा खान, पूर्व मंत्री श्री श्याम रजक, फुलवारीषरीफ नगर परिषद के अध्यक्ष मो0 आफताब आलम, खानकाह-ए-मुजीबिया के सचिव मो0 मिनहाजुद्दीन कादरी मुजीबी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) श्री विनय कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक (सुरक्षा) श्री दीपक कुमार वर्णवाल, जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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  • मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की

    Shri Nitish Kumar

    – मुख्यमंत्री Shri Nitish Kumar ने आज विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर मुख्य सचिवालय प्रांगण में स्थापित भगवान विष्वकर्मा की प्रतिमा, नवीन पुलिस केन्द्र स्थित राज्य पुलिस परिवहन मुख्यालय मे ं स्थापित भगवान विष्वकर्मा की प्रतिमा, पटना हवाई अड्डा स्थित स्टेट हैंगर में स्थापित भगवान विष्वकर्मा की प्रतिमा तथा विषेष सुरक्षा बल के कार्यालय परिसर में स्थापित भगवान विष्वकर्मा की प्रतिमा के समक्ष पूजा-अर्चना की एवंप्रसाद ग्रहण किया। इसके पूर्व पूर्वाह्न में मुख्यमंत्री आवास 1 अणे मार्ग में स्थापित भगवान विष्वकर्मा की प्रतिमा के समक्ष पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने भगवान विष्वकर्मा से राज्यवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर समस्त राज्यवासियों एवं देषवासियों को मुख्यमंत्री ने बधाई एवं शुभकामनायें दीं।

    इस अवसर पर जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेषक श्री आलोक राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ0 एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, सचिव वित्त (व्यय) श्री दीपक आनंद, सचिव वित्त (संसाधन) श्री जय सिंह, अपर पुलिस महानिदेषक, मुख्यालय श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार, पुलिस महानिरीक्षक, सुरक्षा श्री विनय कुमार, आई0जी0 पटना प्रक्षेत्र श्रीमती गरिमा मलिक, पुलिस उप महानिरीक्षक, विषेष सुरक्षा बल श्री
    दीपक कुमार वर्णवाल, जिलाधिकारी श्री चन्द्रषेखर सिंह, मंत्रिमंडल सचिवालय के विषेष सचिव श्री नीलेष देवड़े, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री राजीव मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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  • Mukesh Sahni ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की, इस रणनीति पर काम करेंगे VIP

    Mukesh Sahni ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की, इस रणनीति पर काम करेंगे VIP

    Mukesh Sahni

     

    वीआईपी प्रमुख Mukesh Sahni ने भी बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। VIP ने चुनाव में भाग लेने से पहले विशिष्ट रणनीति का पालन करना शुरू कर दिया है। वीआईपी आईटी सेल की बैठक मोतिहारी में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हुई है। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी भाग लिया। मुकेश साहनी की डिजिटल सेवा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से बैठक में तकनीकी ज्ञान और नई योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

    पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं ने इस बैठक में इस बात पर खास जोर दिया कि वे डिजिटल तकनीक का बेहतर उपयोग करके अपने कौशल को अधिक से अधिक विकसित करें। इस महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा हुई कि पार्टी को डिजिटल रूप से सख्त और सशक्त बनाना चाहिए। इस दौरान, वीआईपी नेताओं ने सोशल मीडिया को विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण हथियार बनाने का निर्णय लिया। इसी स्थान पर अभिषेक की तैयारी शुरू हो गई है। अब तक, बैठक ने फैसला किया कि इस तरह की बैठकें राज्य के सभी जिलों में आयोजित की जाएंगी। सभा में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और निर्णय लिया गया कि वीआईपी सदस्यों को अगर वे अभी कोई सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाया है तो इसे तुरंत बनाना चाहिए ताकि वे पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचा सकें।

    पार्टी नेताओं ने अभी तय किया कि पार्टी प्रमुख मुकेश साहनी भी इन बैठकों में भाग लेंगे और विधानसभा चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका पर अपनी राय देंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ने कहा कि वीआईपी पार्टी की सोशल मीडिया टीम अब तक के चुनावों में काफी सक्रिय रही है और विधानसभा चुनाव में हम अपने वोटों को अधिक से अधिक भुनाने में कामयाब होंगे।

  • Jitan Ram Manjhi का बड़ा हमला, RJD के शासनकाल में अपहरण की डीलिंग, आरक्षण की समीक्षा को भी बताया गया जरूरी

    Jitan Ram Manjhi का बड़ा हमला, RJD के शासनकाल में अपहरण की डीलिंग, आरक्षण की समीक्षा को भी बताया गया जरूरी

    Jitan Ram Manjhi

    केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री Jitan Ram Manjhi ने बिहार में कानून व्यवस्था पर विपक्ष के हमले पर बोलते हुए कहा कि राजद की सरकार में अपहरण का कानून अणे मार्ग से लागू होता था। किडनैपर एक अणे मार्ग पर रहते थे और अपराधी को भूखा रहने की बात कह फिरौती की रकम दिलवा दी जाती थी। जीतन राम मांझी वह खुद इसके गवाह हैं। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक डॉक्टर के अपहरण को भी उदाहरण दिया।

    Jitan Ram Manjhi ने कहा कि वर्तमान सरकार में अपराध करने वालों को गिरफ्तार किया जाता है। बिहार में शराबबंदी पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कई बार सरकार को इस बारे में सुझाव दिया है, जिस पर मुख्यमंत्री ने ने अमल भी किया। शराबबंदी के मामले में तंत्र में सुधार आवश्यक है, बड़े शराब तस्कर गिरफ्तार किए जाएँ, आज भी रसूखदार लोग शराब पी रहे हैं और गरीब गिरफ्तार किए जा रहे हैं।

    “अब तक कोई समीक्षा नहीं हुई”

    जमुई में आरक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि संविधान लागू हुए इतने वर्ष गुजर जाने के बाद भी आरक्षण की कोई समीक्षा नहीं की गई है। यद्यपि बाबा साहब के संविधान में इसका उल्लेख है, उन लोगों के अनुसार, बाबा साहब अंबेडकर आरक्षण की समीक्षा पर कुछ भी नहीं कहते। जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें आरक्षण की समीक्षा की जरूरत है ताकि वंचित लोगों को भी लाभ मिल सके।

    चिराग को भी नसीहत दी

    LJPR के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को पढ़ा लिखा बताते हुए जीतन राम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट की सलाह को अनुसूचित जाति के वर्गीकरण के मामले में सही बताते हुए कहा कि उन्हें भी समझना चाहिए कि जो जाति बहुत पीछे है, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में 22 जातियां अनुसूचित जाति की लिस्ट में हैं, जिसमें 18 जातियों की साक्षरता दर 20% से भी कम है। वे लोग इस समाज की सरकारी नौकरियों में एक फीसदी से भी कम हैं, और फोर्थ ग्रेड में कोई कलक्टर, एसपी या चीफ इंजीनियर नहीं है। 78 साल की आजादी और 75 साल गणतंत्र के हो गए, लेकिन ये समाज आज भी पीछे हैं। आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए क्योंकि किसी समाज में एक हजार में एक वृद्धि होती है और तो किसी मे एक हजार में पांच सौ।

    जमुई में, केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री जीतन राम मांझी ने अभिनंदन सह सम्मान समारोह में भाग लिया। उस दौरान मंच पर उपस्थित लोगों से जाति कार्ड भी खेले। केंद्रीय मंत्री ने मंच से अपने समाज के लोगों को बताया कि कार्यक्रम में बहुत कम लोग आए थे। यहां सिर्फ हमारे समाज के लोग जुटे हुए हैं, इसलिए दूसरे समाजों के नेताओं के कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए। जीतन राम मांझी ने लोगों से अपील की है कि वे मार्च में अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए गांधी मैदान में आएं। समारोह शहर के एक निजी विवाह भवन में हुआ था सिकंदरा विधायक प्रफुल्ल मांझी ने सैकड़ों मुसहर भुइँया समाज के लोगों और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ अभिनंदन समारोह में भाग लिया

  • Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh ने जनसंख्या बढ़ने के पीछे PFI की साजिश बताई, बिहार में सीमांचल के बदले  हरिद्वार की चिंता

    Giriraj Singh

    बिहार में विभिन्न मुद्दों को लेकर राजनीतिक बहस चल रही है। बिहार में अब सीमांचल क्षेत्र में बढ़ती मुस्लिम आबादी की वजहों की जगह हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या की चर्चा हो रही है।केंद्रीय मंत्री Giriraj Singh के एनआरसी (NRC) वाले बयान पर अभी बवाल शांत भी नहीं हुआ था कि उन्होंने एक बार फिर से हरिद्वार में बढ़ती जनसंख्या से जुड़ी बड़ी बात कही है.  गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर एक पोस्ट में PFI की साजिश को हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या का कारण बताया है।

    अपने पोस्ट में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों का उल्लेख करते हुए बताया कि मुस्लिम आबादी बढ़ी है और यह एक तरह से  PFI की बड़ी साजिश के तहत हुआ है। गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा कि हरिद्वार की जनसंख्या पिछले कुछ समय से PFI जैसे संगठनों ने बढ़ाई है, न कि भारत के सभी सनातनियों (तथाकथित सेक्युलरों) ने बढ़ाई है। क्या हरिद्वार इस नकारात्मक विचार से बच सकेगा?

    आंकड़े रखते हुए रखी अपनी बात

    अपने लेख में गिरिराज सिंह ने आंकड़ों के माध्यम से हरिद्वार की बढ़ती जनसंख्या को समझाने का प्रयास किया है। गिरिराज सिंह की पोस्ट में बताया गया है कि हरिद्वार में हिंदू जनसंख्या में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या में 39 प्रतिशत की वृद्धि दर है। 2011 की जनगणना के अनुसार हरिद्वार में 18900422 लोगों की आबादी थी, जिसमें हिंदुओं की आबादी 64.27 प्रतिशत थी और मुस्लिमों की आबादी 34.28 प्रतिशत थी। सिखो की जनसंख्या 0.92% थी, जबकि ईसाई धर्मावलम्बियों की जनसंख्या 0.26% थी। गिरिराज सिंह ने अपने लेख में स्पष्ट रूप से PFI की साजिश को मुस्लिमों की बढ़ती आबादी का कारण बताया है।

    इससे पहले, गिरिराज सिंह ने एक न्यूज़ चैनल को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि देश में एनआरसी की बहुत जरूरत है। NRC को लागू नहीं करने पर भारत के राज्यों में 200 से अधिक जिले हैं, जहां बांग्लादेशी और रोहंगिया अवैध रूप से बस जाएंगे और भारतवंशियों की संख्या कम हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के मस्जिद वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि आपके मंत्री विधानसभा में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अवैध घुसपैठ की जांच और सर्टिफिकेट (NRC) की मांग कर रहे हैं। लेकिन आप इसके खिलाफ हैं। गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बिहार के चार जिलों में नहीं बल्कि पूरे बिहार में NRC की जरूरत है। NRC लागू नहीं हुआ तो भारतवंशी देश से खत्म हो जाएंगे।

  • CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish झूठ नहीं बोल रहे हैं, NDA नहीं छोड़ेंगे; समझिए असलियत

    CM Nitish

    एनडीए में CM Nitish शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान, नीतीश ने खुद कई बार कहा कि वे दो बार अलग-अलग जगह गए थे। यह गलत था। अब कहीं नहीं जाना चाहेंगे। भाजपा के साथ एनडीए में रहना ही उनका लक्ष्य है। हाल ही में उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने भी यह बात कही। हालाँकि, उनके अतीत को देखते हुए बार-बार चर्चा होती है कि वे मौके के इंतजार में हैं। भाजपा  से उनका जी भर गया है। फिर पाला बदलने की तैयारी में हैं।

    नीतीश को संदिग्ध दिखाने के लिए कभी पुराने वीडियो वायरल किए जाते हैं, तो कभी संवैधानिक प्रक्रिया में नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव की नीतीश से मुलाकात होते ही अटकलों का बाजार गर्म हो जाता है। RJD ऐसी अटकलों से खुश होगा। यही कारण है कि RJD ऐसे आरोपों पर चुप है। लेकिन, क्या नीतीश कुमार वास्तव में पुरानी गलती दोहराएंगे, इस पर विचार करते हैं।

    लोग अटकलों के लिए कड़ियां जोड़ते हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक भी अटकलों को पुख्ता बनाने का प्रयास करते हैं। वे प्रत्येक कड़ी गिनाते हैं। साथ ही, वे कहते हैं कि नीतीश कुमार को केंद्र सरकार के कई निर्णयों से असहजता है। वे वक्फ संशोधन बिल से असहमत हैं। हालाँकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने अपने इस विश्लेषण पर सिर्फ एक बयान दिया है। रहमानी ने दिल्ली में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों को यकीन दिलाया है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेंगे। नीतीश कुमार ने हालांकि कभी ऐसा बयान नहीं दिया है। वास्तव में, जेडीयू से केंद्रीय मंत्री बनने वाले राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सदन में वक्फ संशोधन बिल की प्रशंसा की।

    कास्ट सेंसस भी बताई जा रही है वजह

    विश्लेषक जाति जनगणना और आरक्षण के उदाहरण को नीतीश की नरेंद्र मोदी सरकार से असंतोष की दूसरी वजह बताते हैं। केंद्र सरकार ने नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में जाति जनगणना नहीं करने की बात कही थी। इसमें केंद्र ने तकनीकी कारणों का उल्लेख किया था। केंद्रीय सरकार ने हालांकि राज्यों को यह अधिकार दे दिया था कि वे चाहें तो अपने स्थान पर ऐसा कर सकते हैं। राज्य सरकारों को ही इसका खर्च उठाना होगा।

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण शुरू किया। आज लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी जाति जनगणना के लिए केंद्र पर दबाव डाल रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वे इसी सदन (लोकसभा) में सरकार से जाति जनगणना की मांग करेंगे। लालू यादव का दावा है कि कान पकड़कर जाति जनगणना कराने को मजबूर करेंगे। विपक्षी नेता अपने शासन वाले राज्यों में यह नहीं कर पाए। नीतीश की केंद्र सरकार से असंतोष का कारण माना जाता है।

    रिजर्वेशन  पर भी बता रहे हैं नाराजगी

    नीतीश कुमार ने जाति सर्वेक्षण के अनुसार आरक्षण सीमा 50 प्रतिशत से 65 प्रतिशत कर दी थी। उस समय, वे आरजेडी की साथी सरकार चलाते थे। नीतीश सरकार ने संविधान की नौंवीं अनुसूची में इसे शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र भेजा, ताकि कानूनी प्रक्रिया से बच सकें। विश्लेषकों का कहना है कि यह न्यायिक समीक्षा के दायरे में आया क्योंकि यह नौवीं अनुसूची में नहीं था। इसके लागू होने पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी। राज्य सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट भेजा है। RJD ने भी इसे लेकर अलग से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया है। विश्लेषक इसे मोदी सरकार से नीतीश कुमार की नाराजगी के रूप में देख रहे हैं और मानते हैं कि नीतीश नाराज हैं। नीतीश ने अनेक अतिरिक्त मुद्दों पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उनके पूर्व प्रवक्ता केसी त्यागी ने उनके खिलाफ आवाज उठाई थी।

    नीतीश एनडीए नहीं छोड़ेंगे , जानिए क्यों

    अब प्रश्न उठता है कि क्या जो लोग नीतीश कुमार को नाराज बता रहे हैं और उनके पाला बदल की आशंका जता रहे हैं, वे सही हैं? केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने पिछले तीन दिनों में नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे पहले की गलती नहीं दोहराएंगे, इसलिए यह आशंका लगभग सच नहीं लगती। वे आज भी वहीं रहेंगे। इतना ही नहीं, दूसरे पक्षों पर विचार करने से पता चलेगा कि नीतीश कुमार की बातें सही हैं। इसका तार्किक आधार है, भले ही वे पहले इस तरह की बात कहने के बावजूद पलटते रहे हैं।

    जेडीयू की हार से सरकार पर कोई प्रभाव नहीं

    पहला आधार यह है कि जेडीयू, नीतीश कुमार की पार्टी, लोकसभा में 12 सदस्यों का हिस्सा है। भाजपा के 240 सांसद हैं। 272 का आंकड़ा बहुमत के लिए आवश्यक है। नरेंद्र मोदी सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर नीतीश कुमार अपना रुख बदलते हैं। इसलिए मोदी सरकार को तब भी 278 सांसदों का समर्थन मिलेगा। नीतीश के पाला बदल से विपक्ष की सरकार भी नहीं बनेगी। विपक्षी गठबंधन भारत में 232 सांसद हैं। नीतीश की पार्टी जेडीयू के 12 सांसदों का समर्थन यानी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। नीतीश कुमार ऐसी स्थिति में भाजपा से दूरी बनाकर इंडिया ब्लाक में शामिल क्यों होंगे? नीतीश, बिहार के विकास पर हमेशा चिंतित रहने वाले, अभी एनडीए में रहते हुए बिहार के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा बजट प्रावधान किया है, जिसे वे गंवाना नहीं चाहेंगे।

    नीतीश भाजपा से लाभ कैसे भूल जाएंगे?

    दूसरा आधार यह है कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को 12 सीटें दीं, जो भाजपा के बराबर थीं। नीतीश भी इसे जानते हैं। उन्हें भी पता है कि अगर वे इंडिया ब्लाक में रहते तो क्या होता। बिहार में अपनी मजबूत स्थिति का दावा करने वाले RJD को 23 सीटों पर सिर्फ 5 सीटें मिलीं, जबकि JDU को भाजपा के साथ 16 पर ही लड़ कर 12 सीटें मिल गईं। इतना ही नहीं, बिहार में 243 विधानसभा सीटों में एनडीए ने 160 से अधिक सीटें जीतीं। विधानसभा चुनाव अगले वर्ष बिहार में होना है। नीतीश ने निश्चित को छोड़कर अनिश्चित की ओर क्यों रुख किया?

    India Block को भूलना मुश्किल है

    तीसरा आधार यह है कि नीतीश ने 2022 में एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई। इसके बाद, उन्होंने विरोधी पक्ष को एकजुट किया। एक दूसरे को नापसंद करने वालों को एक मंच पर एकत्रित किया गया। तब आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के बीच टकराव स्पष्ट था। ममता ने कांग्रेस से इतना घबरा गया था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी तीसरी जीत के बाद गैर-कांग्रेस विपक्ष की कल्पना पर काम करना शुरू कर दिया था। नीतीश कुमार को एक मंच पर एकत्र करने के बावजूद उनके साथ जो व्यवहार हुआ, सबको पता है। नीतीश ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से इनकार कर दिया, फिर भी उन्हें संयोजक पद के लिए तरस जाना पड़ा। उन्हें लालू यादव से समर्थन की उम्मीद थी, लेकिन वे कांग्रेस के साथ खड़े हो गए। नीतीश शायद फिर से ऐसी गलती करे।

    जेडीयू टूटने का खतरा

    नीतीश कुमार को शायद यह भी पता होगा कि जिन सांसदों की बदौलत उनकी पूछ बढ़ी है, अगर उन्होंने एनडीए छोड़ दिया तो उनके टूटने की आशंका अस्वीकार्य होगी। नीतीश कुमार इसके पहले भी भुक्तभोगी रह चुके हैं। नीतीश ने अपने निकटतम और स्वजातीय आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्री बनाया। आरसीपी ने भाजपा से जेडीयू के विलय के बाद पार्टी छोड़ दी। वे भाजपा का सदस्य बन गए। आरजेडी के साथ जेडीयू जाना भी उपेंद्र कुशवाहा को पसंद नहीं आया। उन्हें JDU भी छोड़ दिया गया। जेडीयू के दो मंत्री फिलहाल केंद्र में हैं। नीतीश को लगता है कि ललन सिंह सरकार के फैसलों के साथ खड़े दिखते हैं, इसलिए अगर रिश्ते खराब होते हैं तो उनसे भी हाथ धोने का खतरा होगा। नीतीश यह स्थिति कभी नहीं होने देंगे। नीतीश की सरकार में परिवर्तन की उम्मीद करने वालों की बहस बेकार है।

  • Bihar के किसानों के लिए खुशखबरी, Nitish सरकार के इस कदम से फल और सब्जी उत्पादकों की होगी कमाई

    Bihar के किसानों के लिए खुशखबरी, Nitish सरकार के इस कदम से फल और सब्जी उत्पादकों की होगी कमाई

    Bihar (बिहार) के किसानों के लिए खुशखबरी:

    Bihar राज्य भारत में फल उत्पादन में आठवां स्थान है, औसतन 5059 हजार मेट्रिक टन प्रति वर्ष। इसी तरह, Bihar में औसत सालाना सब्जी उत्पादन 18021 हजार मेट्रिक टन है, जो भारत में चौथा स्थान है, और आलू का उत्पादन लगभग 9075 हजार मेट्रिक टन है, जो भारत में तीसरा स्थान है। Bihar जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए ये जानकारी निश्चित रूप से फायदेमंद हैं; हालांकि, इसके बाद की जानकारी आश्चर्यजनक है। फल, सब्जी और आलू के इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद इन्हें संरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर शीतगृहों और कोल्ड चेनों की आवश्यकता होती है, लेकिन Bihar में अब तक कुल 204 शीतगृहों (कोल्ड स्टोरेज) की कार्यक्षमता लगभग 12,30,176 मेट्रिक टन है। खास बात यह है कि बिहार राज्य में 12 जिले ऐसे हैं जहां किसानों को ठंडा भंडारण की सुविधा नहीं है। इससे फल और सब्जी को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है।

    बुधवार को कृषि विभाग द्वारा कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था. इसमें बताया गया था कि बिहार में कृषि मंत्री को बताया गया था कि जिन जिलों में ये समस्याएं हैं, वे चिन्हित किए गए हैं। इनमें बारह जिले शामिल हैं: मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा और जमुई। मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल और शिवहर हैं। कृषि मंत्री को अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने इन जिलों में तीन वर्षों की एक योजना मंजूर की है। टाईप 1 और टाईप 2 कोल्ड स्टोरेज इकाइयों की स्थापना पर इस योजना का 50 प्रतिशत सहायतानुदान प्रावधान है।

    साथ ही, Bihar राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा की स्थापना की एक योजना भी स्वीकृत हुई है. इस योजना का उद्देश्य किसानों को सस्ते दर पर भंडारण की सुविधा देना होगा और राज्य की विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम करना होगा. इस योजना के माध्यम से राज्य के वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेजों में से 50 इकाइयों को सौर ऊर्जा से संचालित जिस पर प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायतानुदान का 50 प्रतिशत (अधिकतम 17.50 लाख रूपये) दिया जाएगा।

    इसके अलावा, Bihar राज्य के दूरस्थ इलाकों में फल और सब्जियों के भंडारण की सुविधाओं की कमी के कारण बहुत से फल और सब्जियां खराब हो जाती हैं। 10 मेट्रिक टन की भंडारण क्षमता वाले सौर ऊर्जा आधारित सोलर पैनल माइक्रो कूल चैम्बर के लिए एक संबंधित योजना स्वीकृत की गई है, जिससे फल-सब्जियों की बर्बादी को कम किया जा सके। इकाई लागत का पच्चीस लाख रुपये का पच्चीस प्रतिशत, यानी कम से कम बारह लाख पचास हजार रुपये, इस घटक द्वारा दिया जाएगा।

    ध्यान दें कि केन्द्र ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पुराने कोल्ड स्टोरेजों को आधुनिक बनाने, भंडारण क्षमता को बढ़ाने, कोल्ड चेन के माध्यम से फलों और सब्जियों को परिवहन करने के लिए रीफर भान की स्थापना और फलों को पकाने के लिए राईपेनिंग चैम्बर की स्थापना पर 35 प्रतिशत का अनुदान देने की योजना बनाई है। ताजे फलों और सब्जियों के पैकिंग के लिए कृषि पैक हाउस की स्थापना पर भी 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है, जो अधिकतम दो लाख रूपये हो सकता है।

  • Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा- ‘‘नाइंसाफी’ के बावजूद NDA के साथ बने रहे हम

    Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा- ‘‘नाइंसाफी’ के बावजूद NDA के साथ बने रहे हम

    Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा- ‘नाइंसाफी’ के बावजूद NDA के साथ:

    Bihar के पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हालांकि उनकी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) से ‘‘नाइंसाफी” की, फिर भी उन्होंने राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ बने रहने का निर्णय लिया।

    पारस ने बिहार में राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने से नाराज होकर केंद्रीय मंत्री पद छोड़ दिया था। पार्टी की एक बैठक के बाद पारस संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। रालोजपा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से अलग हुई थी। पारस ने कहा कि हालांकि लोकसभा चुनाव में हमें बुरा लगा, लेकिन हमने अपनी वफादारी नहीं बदली। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से उम्मीद है कि वे इस बात को समझेंगे और अगले वर्ष Bihar विधानसभा चुनाव में हमें उचित प्रतिनिधित्व देंगे।

    पारस ने यह भी कहा कि रालोजपा विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर स्वयं चुनाव लड़ेगी अगर उनकी पार्टी को उचित सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि राजग के चार विधानसभा सीटों में से एक पर रालोजपा उपचुनाव लड़ना चाहेगी। संबंधित विधायकों के लोकसभा में चुनाव जीतने के बाद ये सीटें खाली हो गई हैं।


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