PM Modi ने करगिल विजय दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि:
- सामरिक शिंकुन ला सुरंग परियोजना के पहले विस्फोट के गवाह बने
- “करगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है”
- “कारगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि सत्य, संयम और शक्ति का अविश्वसनीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया”
- “आज जम्मू-कश्मीर नए भविष्य, बड़े सपनों की बात कर रहा है”
- “शिंकुन ला सुरंग लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी”
- “पिछले 5 वर्षों में लद्दाख का बजट 1100 करोड़ से बढ़कर 6000 करोड़ हो गया है”
- “अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेनाओं को युवा और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रखना है”
- “सच तो यह है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश को योग्य युवा भी मिलेंगे”
- “करगिल की जीत किसी सरकार या किसी पार्टी की जीत नहीं थी, यह जीत देश की है”
PM Modi ने आज 25वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर लद्दाख में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह श्रद्धांजली समारोह में भी शामिल हुए। PM Modi ने गौरव गाथा: एनसीओ द्वारा करगिल युद्ध पर ब्रीफिंग सुनी और अमर संस्मरण: हट ऑफ रिमेंबरेंस का दौरा किया। उन्होंने वीरभूमि का भी दौरा किया।
PM Modi ने आज वर्चुअल तरीके से लद्दाख में शिंकुन ला टनल प्रोजेक्ट का पहला विस्फोट भी देखा।लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए शिंकुन ला सुरंग परियोजना में निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर 4.1 किमी लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जाना है।
श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख की गौरवशाली भूमि करगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ की साक्षी है। पीएम मोदी ने कहा, “करगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है कि देश के लिए दिया गया बलिदान अमर होता है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही महीने, साल, दशक और सदियां बीत जाएं, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। पीएम मोदी ने कहा, “देश हमारे सशस्त्र बलों के शक्तिशाली महानायकों का सदैव ऋणी और अत्यंत आभारी है।”
PM Modi ने करगिल युद्ध के दिनों को याद करते हुए कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उस समय सैनिकों के बीच थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अब भी याद है कि कैसे हमारे सैनिकों ने इतनी ऊंचाई पर एक कठिन ऑपरेशन को अंजाम दिया था। श्री मोदी ने कहा, “मैं देश के उन वीर सपूतों को सलाम करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।”
PM Modi ने कहा, “करगिल में हमने न केवल युद्ध जीता, बल्कि हमने ‘सच्चाई, संयम और ताकत’ का एक अविश्वसनीय उदाहरण भी पेश किया।” प्रधानमंत्री ने उस समय पाकिस्तान के धोखे पर प्रकाश डाला जब भारत शांति बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रहा था। उन्होंने कहा कि सच्चाई से झूठ और आतंक को घुटनों पर ला दिया गया।
आतंकवाद की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अतीत में हमेशा हार का सामना करना पड़ा है। PM Modi ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने अपने अतीत से कुछ नहीं सीखा है और प्रासंगिक बने रहने के लिए आतंकवाद और छद्म युद्ध की आड़ में युद्ध जारी रखा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों के नापाक इरादे कभी पूरे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बहादुर जवान सभी आतंकी प्रयासों को रौंद देंगे।
PM Modi ने दोहराया कि भारत विकास के रास्ते में आने वाली सभी चुनौतियों पर काबू पा लेगा, चाहे वह लद्दाख हो या जम्मू-कश्मीर। उन्होंने याद दिलाया कि अब से कुछ ही दिनों में 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के 5 साल पूरे हो जाएंगे और आज का जम्मू कश्मीर सपनों से भरे एक नए भविष्य की बात कर रहा है। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में प्रगति का उदाहरण दिया और वहां जी20 बैठकें आयोजित करने, बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटन पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने, सिनेमा हॉल खोलने और साढ़े तीन दशकों के बाद ताजिया जुलूस शुरू करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पृथ्वी का यह स्वर्ग तेजी से शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
PM Modi ने लद्दाख में हो रहे विकास को रेखांकित करते हुए कहा कि शिंकुन ला टनल के माध्यम से जम्मू-कश्मीर पूरे साल, हर मौसम में पूरे देश से जुड़ा रहेगा। उन्होंने कहा, “यह सुरंग लद्दाख के विकास और बेहतर भविष्य के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी।”
PM Modi ने लद्दाख के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि यह सुरंग उनके जीवन को और आसान बनाएगी क्योंकि क्षेत्र में खराब मौसम के कारण उनके सामने आने वाली कई कठिनाइयां कम हो जाएंगी।
PM Modi ने लद्दाख के लोगों के प्रति सरकार की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला और कोविड-19 महामारी के दौरान ईरान से करगिल क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए व्यक्तिगत रूप से किए गए प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने उन दिनों जैसलमेर में स्थापित किए गए क्वारंटाइन क्षेत्र को याद किया जहां लद्दाख भेजे जाने से पहले ईरान से लाए गए करगिल के लोगों की जांच की जाती थी। लद्दाख के लोगों के जीवन में आसानी को बढ़ावा देने और अधिक सेवाएं प्रदान करने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए,
PM Modi ने पिछले 5 वर्षों में बजट को 1100 करोड़ रुपये से लगभग छह गुना बढ़ाकर 6000 करोड़ रुपये करने का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने पहली बार समग्र योजना को लागू करने पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चाहे सड़क हो, बिजली हो, पानी हो, शिक्षा हो, बिजली आपूर्ति हो, या रोजगार हो, लद्दाख की हर दिशा बदल रही है।” उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत लद्दाख के 90 प्रतिशत से अधिक घरों में पीने के पानी की आपूर्ति, लद्दाख के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए आगामी सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय, पूरे लद्दाख क्षेत्र में 4जी नेटवर्क स्थापित करने के लिए काम और एनएच 1 पर हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए 13 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग पर चल रहे काम का उदाहरण दिया।
PM Modi ने सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने न्यू इंडिया की क्षमताओं और दिशा को प्रदर्शित करते हुए सेला सुरंग सहित 330 से अधिक परियोजनाएं पूरी की हैं।
PM Modi ने सैन्य प्रौद्योगिकियों को उन्नत करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि बदलते वैश्विक माहौल में, हमारे रक्षा बल को आधुनिक कार्यशैली और व्यवस्थाओं के साथ-साथ नवीनतम हथियारों और उपकरणों की भी आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि रक्षा क्षेत्र को पहले भी अपग्रेड करने की जरूरत महसूस हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य से इस मुद्दे को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया।
PM Modi ने कहा, “हालांकि, पिछले 10 वर्षों में रक्षा सुधारों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे हमारी सेनाएं अधिक सक्षम औरआत्मनिर्भर बनी हैं।” श्री मदी ने आगे कहा कि आज रक्षा खरीद में एक बड़ी हिस्सेदारी भारतीय रक्षा उद्योग को दी जा रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा और अनुसंधान विकास बजट में निजी क्षेत्र के लिए 25 प्रतिशत आरक्षित किया गया है। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत का रक्षा उत्पादन 1.5 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। PM Modi ने आगे बताया कि आज भारत अपनी पिछली छवि के विपरीत एक हथियार निर्यातक के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है, जबकि पहले भारत को एक हथियार आयातक देश के रूप में गिना जाता था। श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सेना ने अब 5000 से अधिक हथियारों और सैन्य उपकरणों का आयात बंद करने का फैसला लिया है।
PM Modi ने रक्षा क्षेत्र में सुधारों के लिए रक्षा बलों की सराहना करते हुए महत्वपूर्ण सुधारों में से एक के रूप में अग्निपथ योजना पर विस्तार से चर्चा की। भारतीय सेना की औसत आयु वैश्विक औसत से ऊपर होने की लंबे समय से लंबित चिंता का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत में इस गंभीर चिंता से निपटने के लिए कोई इच्छाशक्ति नहीं थी जिसे अब अग्निपथ योजना के माध्यम से दूर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री ने इस संवेदनशील विषय के घोर राजनीतिकरण पर अफसोस जताते हुए कहा, “अग्निपथ का उद्देश्य सेनाओं को युवा और युद्ध के लिए हमेशा तैयार रखना है।” उन्होंने वायु सेना बेड़े के आधुनिकीकरण के लिए पिछले घोटालों और अतीत की अनिच्छा की आलोचना की। सच तो यह है कि अग्निपथ योजना से देश की ताकत बढ़ेगी और देश को योग्य युवा भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र और अर्धसैनिक बलों में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा की गई है।”
अग्निपथ योजना के पीछे पेंशन का बोझ बचाने की मंशा को मुख्य कारण बताए जाने वाले दुष्प्रचार को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भर्ती होने वाले सैनिकों की पेंशन का बोझ 30 साल बाद आएगा, इसलिए इस योजना के पीछे का कारण यह नहीं हो सकता। PM Modi कहा, “हमने सशस्त्र बलों के लिए गए इस फैसले का सम्मान किया है क्योंकि हमारे लिए देश की सुरक्षा राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
PM Modi ने कहा कि आज देश के युवाओं को गुमराह करने वालों को अतीत में सशस्त्र बलों के प्रति कोई सम्मान नहीं था। वन रैंक वन पेंशन पर पिछली सरकारों के झूठे वादों को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने इस योजना को लागू किया जहां पूर्व सैनिकों को 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए गए। उन्होंने पिछली सरकारों की उपेक्षा की ओर इशारा करते हुए कहा, ”ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के 7 दशक बाद भी शहीदों के लिए युद्ध स्मारक नहीं बनाया, सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों को पर्याप्त बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध नहीं कराई और कारगिल विजय दिवस की अनदेखी की।”
करगिल विजय दिवस पर अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ”करगिल की जीत किसी सरकार या किसी पार्टी की जीत नहीं थी। ये जीत देश की है, ये जीत हमारी विरासत है। यह देश के गौरव और स्वाभिमान का त्योहार है।” उन्होंने पूरे देश की ओर से वीर जवानों को सलाम किया और करगिल विजय के 25 साल पूरे होने पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी डी शर्मा, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सशस्त्र बलों के सेना प्रमुख उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किमी लंबी ट्विन ट्यूब सुरंग शामिल है, जिसका निर्माण लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू – पदुम – दारचा रोड पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर किया जाएगा। काम पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल हमारे सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
On 25th Kargil Vijay Diwas, the nation honours the gallant efforts and sacrifices of our Armed Forces. We stand eternally grateful for their unwavering service.https://t.co/xwYtWB5rCV
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2024
कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिये गए बलिदान अमर होते हैं: PM @narendramodi pic.twitter.com/hInf5Fa7t2
— PMO India (@PMOIndia) July 26, 2024
कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था, हमने ‘सत्य, संयम और सामर्थ्य’ का अद्भुत परिचय दिया था: PM @narendramodi pic.twitter.com/vcC6mVIyyz
— PMO India (@PMOIndia) July 26, 2024
जम्मू-कश्मीर आज नए भविष्य की बात कर रहा है, बड़े सपनों की बात कर रहा है: PM @narendramodi pic.twitter.com/FWX0G0EXgI
— PMO India (@PMOIndia) July 26, 2024
बीते 10 वर्षों में हमने defence reforms को रक्षा क्षेत्र की पहली प्राथमिकता बनाया है: PM @narendramodi pic.twitter.com/H0vP4ayAW7
— PMO India (@PMOIndia) July 26, 2024
source: https://pib.gov.in